सोमवार, 14 नवंबर 2022

हलफनामा दायर करने हेतु 12 दिसंबर तक का समय 

हलफनामा दायर करने हेतु 12 दिसंबर तक का समय 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र सरकार को वर्ष 1991 के उस कानून के कुछ प्रावधानों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक व्यापक हलफनामा दायर करने के लिए 12 दिसंबर तक का समय दिया, जो पूजा स्थल पर फिर से दावा करने या 15 अगस्त 1947 तक मौजूद उसके स्वरूप में बदलाव की मांग करने के लिए मुकदमा दायर करने पर रोक लगाता है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इन दलीलों को स्वीकार कर लिया कि जवाब दाखिल नहीं किया जा सका है और मामले में बाद में सुनवाई की जा सकती है। मेहता ने कहा, “एक विस्तृत जवाब दाखिल करने के लिए मुझे सरकार के साथ विचार-विमर्श करने की जरूरत है। क्या कुछ समय दिया जा सकता है।”

पीठ ने सॉलिसिटर जनरल की इन दलीलों को स्वीकार करते हुए याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित कर दी कि सरकारी अधिकारियों के साथ उचित विचार-विमर्श किए जाने की जरूरत है। पीठ ने केंद्र को 12 दिसंबर या उससे पहले एक ‘व्यापक’ हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

उसने केंद्र से संबंधित पक्षों के साथ अपनी प्रतिक्रिया साझा करने को कहा और याचिकाओं पर जनवरी 2023 के पहले सप्ताह में सुनवाई करने का निर्णय लिया। राज्यसभा सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उन्होंने अपनी याचिका में अधिनियम को रद्द करने की मांग नहीं की है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या के राम मंदिर विवाद की तरह ही काशी और मथुरा में कथित विवादित स्थलों से संबंधित मामलों को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम-1991 के दायरे से बाहर रखा जाना चाहिए। स्वामी ने कहा, “मैं अधिनियम को रद्द करने की मांग नहीं कर रहा हूं। लेकिन दो मंदिरों को शामिल किया जाए और अधिनियम अपने स्वरूप में रह सकता है।” पीठ ने कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई पर स्वामी की याचिका पर विचार करेगी। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दिया था।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। उपाध्याय ने दलील दी है कि पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम-1991 की धारा 2, 3, 4 को इस आधार पर रद्द कर दिया जाना चाहिए कि ये प्रावधान पूजा स्थल पर फिर से दावा करने के किसी व्यक्ति या धार्मिक समूह के न्यायिक अधिकार को छीन लेते हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-400, (वर्ष-05)

2. मंगलवार, नवंबर 15, 2022

3. शक-1944, मार्गशीर्ष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 05:28। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 21 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

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रविवार, 13 नवंबर 2022

भारत में आज मनाया जाएगा बाल दिवस, जानिए 

भारत में आज मनाया जाएगा बाल दिवस, जानिए 

सरस्वती उपाध्याय 

नई दिल्ली। भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के (जयंती) जन्म के दिन को “बाल दिवस” ​​​​के रूप में मनाया जाता है। “बाल दिवस” हर साल भारत में 14 नवंबर को मनाया जाता है। “चाचा नेहरू” बच्चों से बेहद प्यार करते थे, उनके साथ बहुत बातचीत करते थे। बाल दिवस को पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि देने के रूप में मनाया जाता है। जानिए हम पंडित नेहरू को श्रद्धांजलि के रूप में बाल दिवस क्यों मनाते हैं, इस दिन का महत्व और बच्चों के अधिकार ?

बाल दिवस 2022: इतिहास, महत्व

भारत में, बाल दिवस 20 नवंबर को 1964 तक मनाया गया क्योंकि विश्व बाल दिवस उसी तारीख को मनाया जाता है। जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के के रूप में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का फैसला हुआ।

पंडित नेहरू हमेशा बच्चों और उनके अधिकारों के लिए आगे बढ़े। बच्चों के लिए उनके प्रसिद्ध कोट्स में से एक है, “आज के बच्चे कल का भारत बनाएंगे। जिस तरह से हम उन्हें लाएंगे, वही देश का भविष्य तय करेगा।” बच्चों की शिक्षा के लिए उनके पास बहुत विकसित दृष्टि थी। एम्स, आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान उनके ही नजरिए के अनुसार स्थापित किए गए हैं।

बाल दिवस 2022: बच्चों के अधिकार

-6-14 साल के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा का अधिकार-किसी भी खतरनाक रोजगार से सुरक्षित होने का अधिकार-बचपन की देखभाल और शिक्षा का अधिकार-दुरुपयोग से सुरक्षित रहने का अधिकार-स्वस्थ तरीके से विकास करने के लिए समान अवसरों और सुविधाओं का अधिकार।

स्कूलों में बाल दिवस की छुट्टी?

बाल दिवस कोई अवकाश नहीं है। स्कूल और अन्य शैक्षणिक संस्थान बाल दिवस मनाते हैं और छात्रों के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

पूर्व विधायक मदन भैया को प्रत्याशी बनाने का ऐलान 

पूर्व विधायक मदन भैया को प्रत्याशी बनाने का ऐलान 

भानु प्रताप उपाध्याय

मुजफ्फरनगर। जनपद के खतौली विधानसभा क्षेत्र में आज तीन जनसभाओं को संबोधित करने के बाद राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पार्टी प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। देर शाम रालोद की ओर से लोनी के पूर्व विधायक मदन भैया को प्रत्याशी बनाने का ऐलान कर दिया गया। टिकट का ऐलान होते ही मदन भैया देर शाम आर्शीवाद लेने सिसौली पहुंचे।

जयंत चौधरी ने रविवार को जनपद के खतौली विधानसभा क्षेत्र में पीपलहेडा, तिसंग तथा मंसूरपुर में आयोजित जनसभाओं को संबोधित किया। इन जनसभाओं के आयोजन की जिम्मेदारी पूर्व सांसद राजपाल सैनी, संजय राठी तथा अभिषेक चौधरी को सोंपी गई थी। इन तीनों नेताओं का नाम खतौली से रालोद के संभावित उम्मीदवारों में भी माना जा रहा था। तीनों जनसभाओं में भीड भी जुटी।

धूमधाम के साथ निकाली जाएगी 'भैरव' की शोभायात्रा

धूमधाम के साथ निकाली जाएगी 'भैरव' की शोभायात्रा

भानु प्रताप उपाध्याय

मुजफ्फरनगर। सोमवार को नई मंडी स्थित श्री बाला जी धाम से श्री महाकाल बटुब भैरव बाबा की शोभायात्रा बड़े धूमधाम के साथ निकाली जाएगी। यात्रा नई मंडी और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव कल्लरपुर में स्थित श्री महाकाल बटुक भैरव बाबा एवं शनिदेव सिद्धपीठ मंदिर पर पहुंचेगी।

गांव कल्लरपुर कछौली में श्री महाकाल बटुक भैरव बाबा जी का सिद्ध पीठ मंदिर है। यहां पर श्री महाकाल भैरवाष्टमी महोत्सव मनाया जा रहा है। कार्यक्रम की शुरूआत 14 नवम्बर सोमवार को श्री बालाजी धाम से श्री महाकाल भैरव बाबा की शोभायात्रा से शुरू की जाएगी। यात्रा बालाजी धाम से शुरू होकर पटेल नगर, वकील रोड, गौशाला रोड आदि से होते हुए भोपा पुल पर पहुंचेगी। यहां से यात्रा बचन सिंह चौक, मालवीय चौक, टाउन हाल रोड से शिव चौक से रूडकी रोड होते हुए शहाबुद्दीनपुर रोड से गांव कल्लरपुर स्थित सिद्धपीठ मंदिर में पहुंचेगी।

तिवारीपुर का ऐतिहासिक मेला और दंगल संपन्न

तिवारीपुर का ऐतिहासिक मेला और दंगल संपन्न

संदीप मिश्र

प्रतापगढ़। तिवारीपुर का ऐतिहासिक मेला और दंगल रविवार 13 नवंबर को संपन्न हुए। इसके मुख्य अतिथि पुलिस उपाधीक्षक रानीगंज विनय प्रभाकर साहनी थे। बता दें कि ग्राम पंचायत बनवारपुर के मजरा तिवारीपुर में उक्त दंगल और मेले का आयोजन 50 वर्षों से भी अधिक समय से होता आ रहा है। इस बार यह 52वां आयोजन हुआ। इसकी शुरुआत गांव के ही स्व. शारदा प्रसाद तिवारी ने युवाओं में कुश्ती कला के प्रति रुचि जगाने के लिए की थी। उनके निधन के बाद गांव के लोगों ने उनके अभियान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया।

आज इस दंगल में प्रयागराज, रायबरेली, बांदा, चित्रकूट, सुल्तानपुर, मिर्जापुर आदि जिलों के पहलवान अपनी कुश्ती कला का प्रदर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। इस बार प्रथम पुरस्कार के रूप में रेसिंग साइकिल प्रदान की जाएगी। शगुन ग्रुप चौक प्रयागराज की तरफ से पहलवानों को प्रथम द्वितीय तृतीय के रूप में प्रयाग शगुन गौरव सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। मुख्य अतिथि अतिथियों को अंग वस्त्र व मोमेंटो देकर प्रयाग शगुन गौरव से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि क्षेत्रीय अधिकारी श्री प्रभाकर साहनी और थाना प्रभारी श्री सर्वेश सिंह को स्मृति चिन्ह शगुन गौरव सम्मान से सम्मानित करते हुए आदरणीय श्री कृष्णानंद तिवारी वा स्थानी सम्मानित लोग उपस्थित थे, साकिर पहलवान विजय हुए उन्हें रेसलिंग साइकिल प्रयाग। गौरव सम्मान व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...