रविवार, 23 अक्तूबर 2022

रॉकेट एलवीएम3-एम2 को केंद्र से प्रक्षेपित किया

रॉकेट एलवीएम3-एम2 को केंद्र से प्रक्षेपित किया

अकांशु उपाध्याय/विमलेश यादव 

नई दिल्ली/श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम2 रविवार को यहां स्थित अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया और ब्रिटेन स्थित ग्राहक के लिए 36 ब्रॉडबैंड संचार उपग्रहों को निचली कक्षा (एलईओ) में स्थापित किया गया। इसरो ने इसे ऐतिहासिक मिशन करार दिया है। अंतरिक्ष विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने पूर्व में इसरो के एलवीएम3 बोर्ड पर वनवेब लियो उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए लंदन-मुख्यालय वाली नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (वनवेब) के साथ दो लॉन्च सेवा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे।

वनवेब एक निजी उपग्रह संचार कंपनी है, जिसमें भारत की भारती एंटरप्राइजेज एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक है। रविवार को, 43.5 मीटर लंबा रॉकेट 24 घंटे की उलटी गिनती के अंत में यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से रात 12 बजकर 7 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया। इस रॉकेट की क्षमता 8,000 किलोग्राम तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने की है। यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह एलवीएम3 का पहला वाणिज्यिक मिशन है और प्रक्षेपण यान के साथ एनएसआईएल का भी पहला अभियान है। इसरो के अनुसार, मिशन में वनवेब के 5,796 किलोग्राम वजन के 36 उपग्रहों के साथ अंतरिक्ष में जाने वाला यह पहला भारतीय रॉकेट बन गया है। रविवार तड़के, इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने घोषणा की कि अंतरिक्ष एजेंसी में कार्यरत वैज्ञानिकों के लिए दीपावली का त्योहार जल्दी शुरू हो गया है।

इसरो ने ट्वीट किया, एलवीएम3 एम2/वनवेब इंडिया-1 मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। सभी 36 उपग्रहों को निर्धारित कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है। इससे कुछ ही मिनट पहले सोमनाथ ने घोषणा की थी कि 16 उपग्रहों को वांछित कक्षाओं में स्थापित कर दिया गया है जबकि शेष को स्थापित करने में कुछ और समय लगेगा। यहां अंतरिक्ष केंद्र से रॉकेट के प्रक्षेपण के लगभग 75 मिनट बाद सभी 36 उपग्रह कक्षा में स्थापित हो गए। सोमनाथ ने मिशन नियंत्रण केंद्र में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एलवीएम3 और इसके पहले वाणिज्यिक मिशन के पूरी सटीकता के साथ कक्षा में स्थापित होने के साथ ही सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दिवाली का जश्न शुरू हो गया है।

इससे पहले उन्होंने कहा था, अब रॉकेट कक्षा में प्रवेश कर चुका है, 36 उपग्रहों में से 16 उपग्रह पहले ही कक्षा में दाखिल हो चुके हैं। मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह उपग्रहों को अलग करने की एक धीमी प्रक्रिया है। इसरो के पूर्व प्रमुखों के. सिवन तथा ए. एस. किरण कुमार और भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक-अध्यक्ष सुनील मित्तल समेत अन्य लोगों ने मिशन नियंत्रण केंद्र से प्रक्षेपण देखा। मिशन को ऐतिहासिक’ बताते हुए, अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने इसकी सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन को श्रेय दिया।

उन्होंने कहा, इस ऐतिहासिक मिशन पर काम करने और आज इसे अंजाम तक पहुंचाने वाली पूरी टीम को बधाई। मैं एलवीएम3 का प्रक्षेपण कराने के लिए हम पर विश्वास करने को लेकर वनवेब टीम को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। एनएसआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डी. राधाकृष्णन ने एलवीएम3 के मिशन के लिए इसरो टीम को बधाई देते हुए कहा, इस विशेष मिशन के तीन प्रमुख हितधारकों, एनएसआईएल, इसरो और वनवेब इंडिया ने पूरी दुनिया को दिखाया है कि किस तरह 3-4 महीने से कम समय में मिशन को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है।

राजीव गांधी फाउंडेशन का 'एफसीआरए' लाइसेंस रद्द 

राजीव गांधी फाउंडेशन का 'एफसीआरए' लाइसेंस रद्द 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए (विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम) लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से यह फैसला किया गया है। गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के तहत राजीव गांधी फाउंडेशन और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द किया है। विदेशी फंडिंग में गड़बड़ी का आरोप लगा है।

राजीव गांधी फाउंडेशन गांधी परिवार से जुड़ा हुआ गैर सरकारी संगठन है। 21 जून 1991 को स्थापित राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं। इसमें अन्य ट्रस्टी डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पी चिदंबरम, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे और अशोक गांगुली हैं।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबकि जुलाई 2020 में एक कमेटी का गठन किया गया और उसकी रिपोर्ट के आधार पर फाउंडेशन के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला हुआ है। बीजेपी इस फाउंडेशन पर लगातार विदेशी चंदे को लेकर आरोप लगाती रही है।

भगवान 'श्रीराम' का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक: पीएम 

भगवान 'श्रीराम' का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक: पीएम 

संदीप मिश्र 

लखनऊ/अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दीपावली की पूर्व संध्या पर आज उत्तर प्रदेश में श्रीराम नगरी अयोध्या में आयोजित छठे दीपोत्सव का शुभारम्भ कर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भारत के जन-मन की आस्था के प्रतीक भगवान श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी अपने उत्तर प्रदेश प्रवास के क्रम में रविवार को दिन में लखनऊ आयेंगे। हवाईअड्डे पर कुछ समय रुकने के बाद वह हेलीकॉप्टर द्वारा अयोध्या के लिये रवाना होंगे। जहां वह योगी सरकार द्वारा शुरु किये गये दीपोत्सव के छठे संस्करण में सम्मिलित होंगे।

प्रधानमंत्री के यात्रा कार्यक्रम के मुताबिक वह सायं पौने चार बजे अयाेध्या स्थित साकेत महाविद्यालय पहुंचेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी सायं साढ़े चार बजे श्रीरामजन्मभूमि पहुंचेंगे। इस स्थान पर बन रहे भव्य राम मंदिर के निर्माण का स्थलीय निरीक्षण करने से पहले वह रामलला विराजमान के दर्शन पूजन करेंगे। इसके उपरान्त प्रधानमंत्री मोदी सायं सवा पांच बजे श्रीराम कथा पार्क जायेंगे, जहां वह भगवान श्रीराम का प्रतीकात्मक राज्याभिषेक करेंगे। इसके बाद वह सायं पौने छह बजे सरयू गैस्ट हाउस आयेंगे और सायं छह बजे नया सरयू घाट पहुंच कर सरयू नदी जी की आरती में शामिल होंगे।

आरती करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी राम जी की पैड़ी पहुंच कर सायं छह बजे भव्य दीपोत्सव समारोह का शुभारम्भ करेंगे। तदुपरान्त वह सायं सात बजे से सवा सात बजे तक नया घाट पर अत्याधुनिक तकनीकि से आयोजित हरित आतिशबाजी ‘ग्रीन एण्ड डिजिटल फायरवर्क्स का अवलोकन करेंगे। इसके बाद सायं साढ़े सात बजे वह अयोध्या हवाईपट्टी से दिल्ली के लिये रवाना हो जायेंगे।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या आगमन से पहले मुख्यमंत्री योगी दोपहर 12:15 बजे लखनऊ से अयोध्या के लिये प्रस्थान करेंगे। अयोध्या पहुंचने पर योगी सभी आयोजन स्थलों का निरीक्षण करते हुए तीन बजे राम कथा पार्क पहुंच कर शोभा यात्रा का अवलोकन करेंगे। रामकथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी प्रभु श्रीराम, माता सीता व लक्ष्मण जी के स्वरूपों के अवतरण एवं भरत मिलाप कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। वे श्रीराम दरबार के साथ श्री राम कथा पार्क आएंगे और श्रीराम व माता जानकी का पूजन-वन्दन करेंगे।

जिनपिंग को तीसरी बार 'सीपीसी' का महासचिव चुना

जिनपिंग को तीसरी बार 'सीपीसी' का महासचिव चुना 

अखिलेश पांडेय 

बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पांच साल के कार्यकाल के लिए रविवार को रिकार्ड तीसरी बार ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ (सीपीसी) का महासचिव चुना गया और इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह जीवनपर्यंत चीन में सत्ता पर काबिज करेंगे। वह पार्टी संस्थापक माओ जेदोंग के बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के ऐसे पहले नेता हैं, जो अभूतपूर्व रूप से तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आए हैं।

शी जिनपिंग को रविवार को आयोजित समिति के पहले पूर्ण सत्र में सीपीसी की 20वीं केंद्रीय समिति का महासचिव चुना गया। शी जिनपिंग की अध्यक्षता वाले सत्र में सीपीसी केंद्रीय समिति के 203 सदस्यों और 168 वैकल्पिक सदस्यों ने भाग लिया। शी जिनपिंग को सत्र में सीपीसी केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) का अध्यक्ष भी नामित किया गया। शी जिनपिंग यहां ‘शी युग’ के नाम से जाने जाने वाले नए दौर की शुरुआत के लिए स्थानीय एवं विदेशी मीडिया के समक्ष आए। माओ को छोड़कर चिनफिंग से पहले देश से सभी राष्ट्रपतियों ने लगभग तीन दशक तक 10 साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने के नियम का पालन किया। शी जिनपिंग की तीसरी बार सत्ता में वापसी से यह नियम औपचारिक रूप से समाप्त हो गया।

शी जिनपिंग को पहले 2012 में चुना गया था और उनका 10 साल का कार्यकाल इस साल पूरा हो जाएगा। पार्टी में नंबर दो समझे जाने वाले प्रधानमंत्री ली क्विंग समेत कई उदारवादी नेता 300 सदस्यीय केंद्रीय समिति में शनिवार को जगह बनाने में नाकाम रहे। सीपीसी के पांच साल में एक बार होने वाले महासम्मेलन (कांग्रेस) में वे समिति में चुने नहीं गए। समिति की रविवार को हुई बैठक में 25 सदस्यीय राजनीतिक ब्यूरो का चयन किया गया। राजनीतिक ब्यूरो ने सात सदस्यीय स्थायी समिति का चयन किया, जिसने शी चिनफिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए महासचिव चुना।

शी जिनपिंग को अपेक्षा के अनुसार शनिवार को केंद्रीय समिति में चुना गया। इसके बाद उन्हें राजनीतिक ब्यूरो और फिर स्थायी समिति में चुना गया और वह आसानी से महासचिव चुन लिए गए। महासम्मेलन में पार्टी के संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन पारित कर उसकी ‘‘मूल’’ स्थिति को फिर से लागू कर निर्देश दिया गया कि उनके (चिनफिंग के) निर्देशों और सिद्धांतों का पालन करना पार्टी के सभी सदस्यों का ‘‘दायित्व’’ है। पर्यवेक्षकों ने कहा कि राष्ट्रपति, पार्टी नेता एवं सैन्य प्रमुख के रूप में सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में शी जिनपिंग के उभरने और माओ के नक्शेकदम पर उनके इस पद पर आजीवन बने रहने की संभावना को चिंता एवं घबराहट के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि एक पार्टी वाला देश अब एक नेता वाला देश बन गया है।

सीपीसी का सप्ताह भर चला 20वां महासम्मेलन शनिवार को नाटकीय अंदाज में सपंन्न हुआ था और मीडिया के सामने ही पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ को ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल (संसद भवन) से बाहर ले जाया गया। यह घटना एक विडम्बना के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि 79 वर्षीय हु ने 2012 में 10 साल पहले चिनफिंग को शांति से सत्ता सौंप दी थी। बहरहाल, आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनका स्वास्थ्य खराब है। इस बीच, नए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक अलग केंद्रीय प्रशासन औपचारिक रूप से मार्च में कार्यभार संभालेगा। पार्टी के महासम्मेलन में शनिवार को इसके संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दी गई, जिससे चीन के नेता के रूप में चिनफिंग का कद और बढ़ सकता है।

शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि संविधान में संशोधन पार्टी के समग्र नेतृत्व को बनाए रखने और मजबूत करने की स्पष्ट आवश्यकताओं को निर्धारित करता है। उन्होंने महासम्मेलन के समापन सत्र में कहा, संघर्ष करने की हिम्मत करो, जीतने की हिम्मत करो और कड़ी मेहनत करो। आगे बढ़ते रहने के लिए दृढ़ संकल्पित रहो। शी जिनपिंग ने अमेरिका और पश्चिम में चीन के खिलाफ बढ़ती नकारात्मकता का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, हमें तेज हवाओं, भीषण लहरों और खतरनाक तूफान का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में नाटकीय बदलाव के बीच, विशेष रूप से ब्लैकमेल करने, रोकने (और) बाधित किए जाने के बाहरी प्रयासों के बीच चीन ने, हमने अपने राष्ट्रीय हितों को पहले रखा है।

महासम्मेलन में पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) का नया दल भी नियुक्त किया गया, जो सीधे चिनफिंग के अधीन कार्य करता है। संशोधन संबंधी प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘नए युग के लिए चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद पर चिनफिंग का विचार समकालीन चीन और 21वीं सदी का मार्क्सवाद है तथा इस युग की सर्वश्रेष्ठ चीनी संस्कृति एवं लोकाचार का प्रतीक है।

दीपावली पर मोदी का स्वागत-अभिनंदन करेंगे सीएम 

दीपावली पर मोदी का स्वागत-अभिनंदन करेंगे सीएम 

संदीप मिश्र 

लखनऊ/अयोध्या। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में दीपावली समारोह के अंतर्गत रविवार को यहां भव्य दीपोत्सव मनाया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ इस मौके पर मोदी का स्वागत और अभिनंदन करेंगे। योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार की सुबह ट्वीट किया, ”भारत की अस्मिता एवं सनातन आस्था के मान-बिंदुओं के पुरातन गौरव को सतत पुनर्स्थापित कर रहे यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी का प्रभु श्री राम एवं माता जानकी के पावन धाम श्री अयोध्या जी में आयोजित ‘भव्य-दिव्य दीपोत्सव-2022’ में हृदय से स्वागत-अभिनंदन।”

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिवाली की पूर्व संध्या पर अयोध्या जाएंगे और राम मंदिर में “दर्शन” एवं “पूजन” करेंगे। बयान के अनुसार वह रामलला विराजमान की पूजा-अर्चना करेंगे और रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की भी समीक्षा करेंगे। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री रविवार शाम को भगवान श्री रामलला विराजमान की पूजा-अर्चना करेंगे और इसके बाद वह तीर्थ क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों का मुआयना करेंगे।

इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री करीब पौने छह बजे भगवान राम का ‘‘राज्याभिषेक’’ करेंगे और इसके बाद वह सरयू नदी के किनारे नए घाट पर आरती भी करेंगे तथा दीपोत्सव समारोह में शिरकत करेंगे। बयान के मुताबिक दीपोत्सव के दौरान विभिन्न राज्यों के विभिन्न नृत्य रूपों के साथ पांच एनिमेटेड झांकियां और 11 रामलीला झांकियां भी प्रदर्शित की जायेंगी। प्रधानमंत्री भव्य म्यूजिकल लेजर शो के साथ-साथ सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 3-डी होलोग्राफिक प्रोजेक्शन मैपिंग शो भी देखेंगे।

अयोध्या में यह छठा मौका है जब दीपोत्सव समारोह का आयोजन किया जा रहा है। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लेंगे। अयोध्या संभाग के मंडलायुक्त नवदीप रिनवा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘राम की पैड़ी’ में 22,000 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा 15 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे । रिनवा ने कहा कि बाकी दियों को महत्वपूर्ण चौराहों और स्थानों पर जलाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा लेजर शो, 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग, आतिशबाजी होगी और अन्य देशों और राज्यों के सांस्कृतिक दल रामलीला का मंचन भी करेंगे। उन्होंने कहा, “राम कथा पार्क में ‘पुष्पक विमान’ से ‘अवतार स्वरूप’ भगवान (भगवान राम, देवी सीता, भगवान लक्ष्मण और भगवान हनुमान के अवतार) उतरेंगे और इस अवसर पर सरयू नदी की आरती भी होगी।” उन्‍होंने बताया कि त्योहार के दिन जिले में कुल 18 लाख दीये जलाए जाने की संभावना है।

8 कंपनियों का पूंजीकरण ₹2,03,335.28 करोड़ बढ़ा

8 कंपनियों का पूंजीकरण ₹2,03,335.28 करोड़ बढ़ा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। बीते सप्ताह इक्विटी बाजारों में रहे सकारात्मक रुझान के बीच देश की शीर्ष 10 मूल्यवान कंपनियों में से आठ का बाजार पूंजीकरण कुल मिलाकर 2,03,335.28 करोड़ रुपये बढ़ गया। इनमें सर्वाधिक फायदा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) को हुआ। पिछले सप्ताह बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स में कुल 1,378.18 अंकों यानी 2.39 प्रतिशत की तगड़ी बढ़त दर्ज की गई थी। देश की 10 सर्वाधिक मूल्यवान कंपनियों में से एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस को छोड़कर बाकी आठों कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इस दौरान बढ़ गया। देश की सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी के रूप में शुमार रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीते हफ्ते अपने मूल्यांकन में 68,296.41 करोड़ रुपये जोड़ा। इसके साथ ही उसका कुल पूंजीकरण बढ़कर 16,72,365.60 करोड़ रुपये हो गया। 

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का पूंजीकरण इस दौरान 30,120.57 करोड़ रुपये बढ़कर 5,00,492.23 करोड़ रुपये हो गया। आईसीआईसीआई बैंक का पूंजीकरण भी इस अवधि में 25,946.89 करोड़ रुपये बढ़कर 6,32,264.39 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल) का मूल्यांकन 18,608.76 करोड़ रुपये बढ़कर 6,23,828.23 करोड़ रुपये हो गया। भारती एयरटेल का मूल्यांकन 17,385.1 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 4,43,612.09 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। आईटीसी के मूल्यांकन में इस दौरान 16,739.62 करोड़ रुपये की बढ़त के साथ 4,28,453.62 करोड़ रुपये हो गया।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार पूंजीकरण 15,276.54 करोड़ रुपये बढ़कर 11,48,722.59 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं इंफोसिस का पूंजीकरण 10,961.39 करोड़ रुपये बढ़कर 6,31,216.21 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि पिछले हफ्ते शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल एचडीएफसी बैंक और बजाज फाइनेंस के पूंजीकरण में गिरावट दर्ज की गई। एचडीएफसी बैंक की पूंजी इस दौरान 4,878.68 करोड़ रुपये घटकर 4,35,416.70 करोड़ रुपये रह गया।

इसी तरह एचडीएफसी बैंक के पूंजीकरण में भी 1,503.89 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 8,01,182.91 करोड़ रुपये पर आ गया। इस उतार-चढ़ाव के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी के शीर्ष पर कायम है। टीसीएस को दूसरा और एचडीएफसी बैंक को तीसरा स्थान हासिल है। इनके साथ आईसीआईसीआी बैंक, इंफोसिस, एचयूएल, एसबीआई, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस और आईटीसी का स्थान आता है।

भारत छोड़कर भागने की कोशिश, सबूत नष्ट किए 

भारत छोड़कर भागने की कोशिश, सबूत नष्ट किए 

कविता गर्ग 

मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को दिल्ली के कोर्ट से कहा कि जैकलीन फर्नांडिस ने सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े ₹200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामलें की जांच के दौरान भारत छोड़कर भागने की कोशिश की। जैकलीन की नियमित ज़मानत की याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने कहा कि अभिनेत्री ने अपने मोबाइल से डेटा डिलीट कर सबूत नष्ट किए।

सुकेश चंद्रशेखर ठग मामले की सह आरोपी बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज को मनी लॉड्रिंग मामले में भले ही राहत मिल गई हो लेकिन मुसीबते कम होती नहीं दिख रही है। पटियाला हाउस कोर्ट ने उनकी अंतरिम जमानत का समय 10 नवंबर तक बढ़ाने का फैसला सुनाया है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया साथ ही जैकलीन पर कई आरोप भी लगाया है।

देश छोड़ने कोशिश में थीं जैकलीन
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि जैकलीन ने जांच में सहयोग नहीं किया और सबूतों से छेड़छाड़ की। ईडी ने कहा कि जांच में जब सबूत सामने आ गए तब उन्होंने खुलासा किया। ईडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जैकलीन ने सबूतों के साथ छेड़कानी की और अपने मोबाइल का डेटा डिलीट कर दिया था। यही नहीं जांच के दौरान देश छोड़ने की फिराक में थीं। एलओसी (Look-Out Circular) जारी होने की वजह से वह सफल नहीं हो पाईं।

मुंबई: 59307.15 अंक पर रहा सूचकांक सेंसेक्स 

मुंबई: 59307.15 अंक पर रहा सूचकांक सेंसेक्स 

कविता गर्ग 

मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मजबूती से उत्साहित निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह लगभग ढाई प्रतिशत की उछाल पर रहे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह डॉलर एवं कच्चे तेल के रुख तथा कंपनियों के तिमाही परिणाम से तय होगी। बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1387.18 अंक की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 59 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के पार 59307.15 अंक पर रहा। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 390.6 अंक की तेजी लेकर 17576.30 अंक पर पहुंच गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में बीएसई की दिग्गज कंपनियों की तुलना में मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली की रफ्तार धीमी रही। इससे मिडकैप 95.29 अंक चढ़कर सप्ताहांत पर 24805.15 अंक और स्मॉलकैप 43.97 अंक मजबूत होकर 28566.82 अंक पर पहुच गया। निवेश सलाह देने वाली कंपनी स्वास्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा के अनुसार, तीन सप्ताह की मजबूती के बाद पिछले सप्ताह घरेलू शेयर बाजार में तेजी देखने को मिली।

डॉलर के मुकाबले रुपये के 83 रुपये प्रति डॉलर तक लुढ़कने वहीं अमेरिकी बॉन्ड रिटर्न रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने जैसी विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बाजार लचीला बना रहा। अगले सप्ताह त्योहारी सीजन के मद्देनजर बाजार में लिवाली बने रहने की उम्मीद है। अगले सप्ताह वैश्विक बाजारों की दिशा, डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर बनी रहेगी। इसके साथ ही घरेलू मोर्चे पर अगले सप्ताह अक्टूबर का मासिक वायदा सौदा निपटान से कुछ अस्थिरता हो सकती है लेकिन कंपनियों के चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के परिणाम से बाजार को समर्थन मिलेगा।

इलेक्ट्रिक स्कूटर 'ओला एस1 एयर' लॉन्च: कंपनी

इलेक्ट्रिक स्कूटर 'ओला एस1 एयर' लॉन्च: कंपनी 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। ओला इलेक्ट्रिक ने अपना बेहतरीन इलेक्ट्रिक स्कूटर 'ओला एस1 एयर' मार्केट में लॉन्च कर दिया है। यह इलेक्ट्रिक स्कूटर पार्टी मोड जैसे कई एडवांस फीचर्स से लैस है और इसकी कीमत बहुत ही कम है। Ola S1 Air की बुकिंग काफी आसान है। आप इसे 999 रुपए में ओला ऐप या इसकी ऑफिशियल वेबसाइट olaelectric.com पर बुक कर सकते हैं।Ola S1 Air में दिया पार्टी मोड इसे बेहद खास बनाता है। जी हां, इसमें साउंड सिस्टम लगा है, जिसे आप अपने फोन से कनेक्ट कर ऑपरेट कर सकते हैं। पार्टी मोड के जरिए आप कहीं भी कभी भी साउंड सिस्टम का लुत्फ उठा सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से साउंड सिस्टम कैरी करने की जरूरत नहीं है।

Ola S1 Air की कीमत कंपनी ने 84,999 रुपये (एक्स-शोरूम) रखी है। हालांकि, दिवाली तक ग्राहक इसे 999 रुपये में बुक कर 79,999 रुपये की कीमत पर खरीद सकते हैं। Ola S1 Air का मोटर और बैटरी पैक बहुत ही बेहतरीन है। इसमें आपको 2.5kWh बैटरी पैक मिलता है। इसके साथ 4.5kW का हब मोटर मिलेगा। S1 Air की स्पीड की बात करें तो यह 4.3 सेकंड में 0 से 40kmph की स्पीड पकड़ने में सक्षम है। इसके टॉप स्पीड की बात करें तो इस ईवी में 90kmph की टॉप स्पीड देखने को मिलती है। Ola S1 Air की रेंज इस सेगमेंट में सबसे अलग है। फुल चार्ज करने के बाद यह इलेक्ट्रिक स्कूटर इको मोड पर 101km की रेंज देगा।

Ola S1 Air की चार्जिंग टाइमिंग भी बहुत कम है। इसे हाइपर चार्जर से 15 मिनट 50 फीसद तक चार्ज किया जा सकता है। वहीं, इसे नॉर्मल तरीके से घर पर चार्ज करने में 4.5 घंटे का समय लगेगा। Ola S1 Air की रनिंग कॉस्ट बेहद कम है। कंपनी का दावा है कि इस स्कूटर को चलाने में 25 पैसे पर किलोमीटर की रनिंग कॉस्ट आएगी। Ola S1 Air का स्पेस काफी ज्यादा है। इसके सीट के नीचे आपको 34 लीटर का बूट स्पेस देखने को मिलता है, जिसमें आप काफी सामान रख पाएंगे। Ola S1 Air के फीचर्स में सबसे खास है इसका रिवर्स और कॉलिंग मोड्स। इसके अलावा इसमें आपको 3 राइडिंग मोड्स भी मिलेंगे।

अमिताभ की फिल्म उंचाई का गाना ‘केटी को’ रिलीज 

अमिताभ की फिल्म उंचाई का गाना ‘केटी को’ रिलीज 

कविता गर्ग 

मुंबई। बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की आने वाली फिल्म उंचाई का गाना ‘केटी को’ रिलीज हो गया है। सूरज बड़जात्या के निर्देशन में बन रही फिल्म उंचाई में अमिताभ बच्चन ने मुख्य भूमिका निभाई है। ऊंचाई का पहला गाना ‘केटी को’ रिलीज कर दिया गया है। इस गाने की खास बात यह है कि अमिताभ बच्चन, अनुपम खेर, बोमन ईरानी और डैनी डेन्जोंगपा एक ही फ्लोर पर एक्टिंग और डांसिंग करते नजर आएंगे। केटी को गाने को नकाश अजीज ने गाया है।

इस गाने के बोल इरशाद कामिल ने लिखे है, वहीं म्यूजिक अमित त्रिवेदी ने दिया है। गाने में चारो दोस्त अमिताभ, बोमन, डैनी और अनुपम की एनर्जी कमाल की दिख रही है। सिर पर नेपाली टोपी लगाए चार दोस्त एक दूसरे के साथ जिंदगी का आनंद लेते नजर आ रहे है। केटी को चार दोस्तों की उस मस्ती को दिखाता है, जहां वह उम्र के इस पड़ाव में भी अपनी जिंदगी और दोस्ती का हर लम्हे का आनंद ले रहे हैं

अमिताभ बच्चन ने इसे इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। गौरतलब है कि ऊंचाई में अमिताभ बच्चन के साथ अनुपम खेर, बमन ईरानी, डैनी डेंग्जोंग्पा, नफीसा अली, सारिका, नीना गुप्ता और परिणीति चोपड़ा की भी अहम भूमिका है। यह फिल्म 11 नवम्बर को रिलीज हो रही है।

'पिछड़े' समाज को अपने पाले में लाने की कोशिशें

'पिछड़े' समाज को अपने पाले में लाने की कोशिशें

संदीप मिश्र 

लखनऊ। यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आगामी नगरीय निकाय चुनावों से पहले मुसलमानों के सबसे बड़े तबके यानी पसमांदा (पिछड़े) समाज को अपने पाले में लाने की कोशिशों में जुटी है। प्रदेश के हर नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन कराने की योजना बना रही भाजपा का दावा है कि वह इस पिछड़े वर्ग का सामाजिक और आर्थिक उत्थान करने के बाद अब उनका राजनीतिक उत्थान भी करना चाहती है। हालांकि विपक्षी दलों ने भाजपा के इन प्रयासों को छलावा करार दिया है।

भाजपा इन दिनों प्रदेश में पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन आयोजित करके उनके लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का जिक्र करने के साथ-साथ इन मुसलमानों का ‘वोट बैंक’ की तरह इस्तेमाल करने और उसे उसका वाजिब हक नहीं देने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस को घेर रही है। उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के एकमात्र मुस्लिम मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश अंसारी खुद भी पसमांदा समाज से आते हैं।

उन्होंने बातचीत में कहा, ‘‘मुसलमानों का राजनीतिक सशक्तीकरण होना भी बहुत जरूरी है। केंद्र और राज्य सरकार ने मुसलमानों का अभी तक आर्थिक और सामाजिक सशक्तीकरण किया है। भाजपा अब मुसलमानों को भागीदारी देकर उनका राजनीतिक सशक्तीकरण करना चाहती है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आम मुसलमान यह मानता है कि उसे सरकारी योजनाओं का बिना भेदभाव के लाभ मिल रहा है और जो पार्टी उसे लाभ दे रही है, उसके साथ खड़े होना उसकी नैतिक जिम्मेदारी है। भाजपा सरकार पहली बार मुसलमानों को केंद्र में रखकर सक्रियता दिखा रही है।

पार्टी निकट भविष्य में होने जा रहे प्रदेश के नगरीय निकायों के चुनाव में मुसलमानों को टिकट देने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा, ‘‘जहां हम कभी चुनाव नहीं जीते हैं और जहां भाजपा कभी चुनाव नहीं लड़ी है वहां इस बार जिताऊ मुसलमान भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी का टिकट दिया जाएगा और उन्हें जितना सहयोग हो सकेगा वह किया जाएगा।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हां, ऐसा लगभग पहली बार हो रहा है। इससे पहले गिने-चुने मुस्लिम उम्मीदवारों को ही भाजपा से टिकट मिलता था। इस बार ज्यादा संख्या में टिकट दिए जाएंगे।’’

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि लखनऊ में पिछले दिनों पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन आयोजित कराए गए, जिनमें दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे ही और कार्यक्रम नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने योजना बनाई है कि पसमांदा मुसलमानों की अलग-अलग बिरादरियों के लोग अपने-अपने समाज के बीच जाकर सम्मेलन करेंगे और उनमें भाजपा के नेता भी हिस्सा लेंगे और वे पार्टी की विचारधारा और सरकार की योजनाओं को उन तक पहुंचाएंगे।’’

अली ने दावा करते हुए कहा, ‘‘भाजपा सरकार ने पसमांदा मुसलमानों के लिए काफी प्रयास किये हैं। सरकार ने साढ़े चार करोड़ मुसलमानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया है, अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, उर्दू अकादमी का अध्यक्ष बनाया गया है और सरकार के विभिन्न आयोगों और मोर्चा में पसमांदा मुसलमानों को 80 फीसदी हिस्सेदारी दी है।’’ इस बार मुसलमानों को लेकर भाजपा के रवैये में हुए इस बदलाव का कारण पूछे जाने पर अली ने बताया, ‘‘सरकार की योजनाओं का सबसे ज्यादा लाभ भी मुसलमानों को ही मिला है। मुसलमानों का सबसे बड़ा वर्ग माने जाने वाला पसमांदा समाज दरअसल लाभार्थी वर्ग है और इसकी सबसे ज्यादा तादाद नगर पालिका और नगर पंचायतों में है। उसे अगर लगेगा कि भाजपा ने हमारा भला किया है तो पार्टी को कहीं न कहीं इसका लाभ चुनाव में मिलेगा।’’

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की कुल आबादी का 85 प्रतिशत हिस्सा पसमांदा बिरादरियों का है। इसमें अंसारी, कुरैशी, मंसूरी, सलमानी और सिद्दीकी समेत 41 जातियां शामिल हैं। यह वर्ग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक लिहाज से सबसे पिछड़ा है। उत्तर प्रदेश के 72 विधानसभा और लगभग 14 लोकसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता अपना प्रभाव रखते हैं। पसमांदा मुसलमानों की संख्या को देखते हुए अगर किसी पार्टी को इस तबके का समर्थन मिलता है तो यह नतीजों पर फर्क डाल सकता है। सीएसडीएस-लोकनीति के एक सर्वे के मुताबिक इस साल के शुरू में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करीब आठ प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया था, जो 2017 के आंकड़े के मुकाबले एक फीसदी ज्यादा रहा।

इस बीच, पसमांदा मुसलमानों को अपने पाले में लाने की भाजपा की कोशिश को विपक्ष ने छलावा करार दिया है। संभल से सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने सवाल किया कि भाजपा को मुसलमान अचानक क्यों अच्छे लगने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सारा मामला 2024 के लोकसभा चुनाव का है। उन्होंने दावा किया, ‘‘भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कोई भी सच्चा मुसलमान उसे वोट नहीं देगा।’’ उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने पसमांदा मुसलमानों को अपने साथ जोड़ने की भाजपा की कोशिशों पर तंज करते हुए कहा, ‘‘हिजाब और मुसलमानों से जुड़ी अन्य परंपराओं पर भाजपा सरकारों के रुख के बाद उन्हें वोट नहीं मिलने वाला है।’’

उन्होंने कहा कि भाजपा दावा कर रही है कि उसने पसमांदा मुसलमानों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया है लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पसमांदा तबके से आने वाले कुरैशी समाज की रोजी-रोटी छीन ली। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बुनकर समाज की दुर्दशा तो किसी से छिपी नहीं है। हालांकि ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज के प्रदेश अध्यक्ष वसीम राइन ने खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी कहने वाली सपा, बसपा और कांग्रेस पर पसमांदा मुसलमानों के साथ हमेशा धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह वर्ग हर तरफ से परेशान है। उन्होंने पूछा, ‘‘अगर उसे कहीं से (भाजपा) कुछ राहत मिल रही है तो क्या उसे वहां नहीं जाना चाहिए।’’

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