शनिवार, 1 अक्तूबर 2022
राजनीति: सीएम गहलोत ने 'पीएम' पर कटाक्ष किया
शख्स को देखने के बाद झाड़ियों में छिपा शेर, वायरल
शख्स को देखने के बाद झाड़ियों में छिपा शेर, वायरल
शेर के बार में लोगों की ये धारणा है कि ये देखते ही बस उन पर हमला कर देते हैं। लेकिन सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो कई बार इस धारणा को गलत साबित करते हैं। उन वीडियो में जानवरों को इंसानों की मौजूदगी में उन्हें अनदेखा करते हुए भी देखा जा सकता है और इसी तरह प्रकृति काम करती है। इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें शेर एक शख्स को देखने के बाद झाड़ियों में छिप जाता है।
बता दें IFS अधिकारी सुशांत नंदा द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई क्लिप में एक पहाड़ी शेर को दिन के उजाले में एक घर के पास छिपा हुआ दिखाया गया है। एक डोरबेल कैमरे में कैद हुए फुटेज में दिखाया गया है कि जानवर रास्ते में टहलते हुए एक शख्स को देखने के बाद जल्दी से झाड़ियों के पीछे छिप जाता है। वह धैर्यपूर्वक इंतजार करता है जब तक कि शख्स वहां से चला नहीं जाता। उन्होंने कैप्शन में लिखा है, जंगली जानवर अधिकांश स्थितियों में मनुष्यों के साथ संघर्ष से बचेंगे। धमकी देने पर ही वे प्रतिक्रिया करते हैं।
एक पहाड़ी शेर का दिलचस्प वीडियो जो संघर्ष से बचने के लिए पूरी तरह से छिपने के बाद धावक को देख रहा है। बता दें वीडियो को 50 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका है और वीडियो पर ढेरों कमेंट्स भी आ रहे हैं। शेर का सब्र देख लोग हैरान रह गए हैं। कई लोगों ने लिखा कि कैसे क्लिप में मानव-पशु सामंजस्य दिखाई दे रहा था।
मोबाइल कांग्रेस में 5जी सेवाओं का उद्घाटन किया
मोबाइल कांग्रेस में 5जी सेवाओं का उद्घाटन किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रगति मैदान में हो रहे भारत में एशिया के सबसे बड़े टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी इंडिया मोबाइल कांग्रेस में 5जी सेवाओं का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी मौजूद रहे। इंडिया मोबाइल कांग्रेस अक्टूबर1-4 तक चलेगा। लॉन्च के बाद लोगों का 5G सेवाओं का इंतजार खत्म हो गया। दो बड़ी मोबाइल कंपनियों ने देश में 5G सर्विसेस की शुरुआत की है। एयरटेल ने वाराणसी और जियो ने अहमदाबाद के एक गांव से 5G की शुरुआत की। इस दौरान उत्तर प्रदेश और गुजरात के मुख्यमंत्री मौजूद रहे। गौरतलब है, अगस्त में भारत की पहली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए कुल ₹1.50 लाख करोड़ की बोलियां मिली थीं। इवेंट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, उनके बेटे आकाश अंबानी, भारती-एयरटेल के MD सुनील मित्तल और VI मोबाइल सर्विसेस के प्रमुख कुमार मंगलम बिरला भी शामिल थे।
BSNL के 5G पर क्या बोले मंत्री अश्विनी वैष्णव ?
केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 5G सेवाओं से कई क्षेत्रों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, लॉजिस्टिक्स, बैंकिंग में मूलभूत परिवर्तन आएगा और नई संभावना पैदा होंगी। डिजिटल क्षमताएं को बीच में रखकर उसके चारों तरफ नई सेवाएं बनेंगी। देश के कोने-कोने में अगले कुछ महीनों में 5G सेवा उपलब्ध होनी शुरू होगी। अगले 6 महीने में कम से कम 200 से अधिक शहरों में इसके साथ-साथ कई कस्बों और गांवों में भी 5G सेवा शुरू होगी। कोशिश रहेगी कि अगले 2 वर्षों में देश के 80-90% इलाकों में 5G सेवा उपलब्ध हो। BSNL भी अगले वर्ष 15 अगस्त के आसपास भारत में निर्मित 5G सेवा शुरू करेगा। 5G से स्वास्थ्य, कृषि, शिक्षा क्षेत्र को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
अब बात रिलायंस जियो के बारे में...
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी ने शनिवार को घोषणा की कि उनकी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो अगले साल दिसंबर तक पूरे देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत कर देगी। जियो इस महीने के अंत तक 5जी सेवाएं शुरू करने की तैयारी करने की कवायद में जुटी है। इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2022 के कार्यक्रम में अंबानी ने कहा कि जियो 5जी की वहनीय सेवाएं शुरू करेगी और दिसंबर 2023 तक देश के हर कोने में ये सेवाएं उपलब्ध करा दी जाएंगी।
5G है क्या ?
आसान शब्दों में समझें तो 5G सबसे आधुनिक स्तर का नेटवर्क है, जिसके अंतर्गत इंटरनेट स्पीड सबसे तेज होगी। इसकी विश्वसनीयता ज्यादा होगी और इसमें पहले से ज्यादा नेटवर्क को संभालने की क्षमता होगी। इसके अलावा इसकी मौजूदगी का क्षेत्र ज्यादा होगा और एक्सपीरियंस भी यूजर फ्रेंडली होगा। 5G की सबसे खास बात यह है कि यह निचली फ्रीक्वेंसी के बैंड से लेकर हाई बैंड तक की वेव्स में काम करेगा। यानी इसका नेटवर्क ज्यादा व्यापक और हाई-स्पीड होगा।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
1. अंक-357, (वर्ष-05)
2. रविवार, अक्टूबर 2, 2022
3. शक-1944, आश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-सप्तमी, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 06:20, सूर्यास्त: 06:25।
5. न्यूनतम तापमान- 22 डी.सै., अधिकतम-35+ डी.सै., उत्तर भारत में भारी बरसात की संभावना है।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु,(विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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शुक्रवार, 30 सितंबर 2022
रिटायर्ड टीचर्स को फिर से नियुक्त करने का फैसला
रिटायर्ड टीचर्स को फिर से नियुक्त करने का फैसला
संदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने रिटायर्ड सरकारी टीचर्स को तोहफा दिया है। योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों समेत सरकारी स्कूलों में रिटायर्ड टीचर्स को फिर से नियुक्त करने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा प्रमुख सचिव दीपक कुमार की तरफ से जारी किए एक आदेश के मुताबिक, सरकार की योजना उन रिटायर्ड टीचर्स को शामिल करने की है, जो स्कूलों में फिर से नियुक्त होने के इच्छुक हैं।
रिटायर्ड टीचर्स के लिए योगी सरकार की इस योजना पर बेसिक शिक्षा सचिव विजय कुमार आनंद ने कहा कि संरक्षक के रूप में उन्हें सहकर्मी की शिक्षा सुनिश्चित करने, आंतरिक प्रेरणा देने और कक्षा को छात्र-केंद्रित बनाने की जरूरत होगी। इससे छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार होगा. इस कदम से कई लाभ होंगे, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षकों समेत टीचर्स की कमी का सामना कर रहे स्कूलों में उनका इस्तेमाल शामिल है। अधिकारी ने दावा किया कि ये बहुत कम खर्च वाले स्कूलों में मेंटरिंग की अवधारणा को भी बढ़ावा देंगे। आदेश के अनुसार, 70 साल से कम उम्र के शिक्षक परामर्श के लिए पात्र होंगे और उनका कार्यकाल 1 साल का होगा। हर चयनित शिक्षक का कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू होने से पहले एक साल के बाद उसके प्रदर्शन का मूल्यांकन होगा।
बता दें कि चयन में उन शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी जो राज्य या राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार विजेता हैं। साथ ही, उनके पास असिस्टेंट टीचर या हेड टीचर के रूप में कम से कम 5 साल का अनुभव होना चाहिए। चयनित शिक्षकों को 2,500 रुपये प्रति महीने भत्ते के रूप में दिए जाएंगे। प्रत्येक चयनित शिक्षक को प्रेरणा ऐप के जरिए कम से कम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सर्पोटिव सुपरविजन करना होगा। माता-पिता और छात्रों को दीक्षा और रीड अलॉन्ग ऐप का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। ये शिक्षक स्कूल की एक्टीविटीज जैसे असेंबली, खेलकूद का भी निरीक्षण करेंगे और स्कूलों में मॉडल शिक्षण का प्रदर्शन करेंगे।
प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी
प्राकृतिक गैस की कीमतों में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर ऊर्जा की कीमतों में उछाल के साथ प्राकृतिक गैस की कीमतों में शुक्रवार को 40 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी कर दी गई। इससे देश में बिजली उत्पादन, उर्वरक बनाने और वाहन चलाने में इस्तेमाल होने वाली गैस महंगी हो जाने की आशंका है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, पुराने गैस क्षेत्रों से उत्पादित गैस के लिए भुगतान की जाने वाली दर को मौजूदा 6.1 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) से बढ़ाकर 8.57 डॉलर प्रति एमबीटीयू कर दिया गया है।
इसी दर पर देश में उत्पादित गैस के लगभग दो तिहाई हिस्से की बिक्री होगी। इस आदेश के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके भागीदार बीपी पीएलसी द्वारा केजी बेसिन में संचालित डी-6 ब्लॉक जैसे मुश्किल एवं नए क्षेत्रों से निकाली जाने वाली गैस की कीमत 9.92 डॉलर से बढ़ाकर 12.6 डॉलर प्रति इकाई कर दी गई है। अप्रैल 2019 के बाद से गैस की दरों में यह तीसरी वृद्धि होगी। बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय कीमतों में मजबूती के कारण इनमें तेजी आई है। प्राकृतिक गैस उर्वरक बनाने के साथ बिजली पैदा करने के लिए एक प्रमुख कच्चा माल है। इसे सीएनजी में भी परिवर्तित किया जाता है और पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) यानी रसोई गैस के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। दरों में भारी वृद्धि से सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में बढोत्तरी होने की आशंका है, जो पहले से ही पिछले एक साल में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़ चुकी हैं।
सरकार हर छह महीने यानी एक अप्रैल और एक अक्टूबर को गैस की कीमतें तय करती है। यह कीमतें अमेरिका, कनाडा और रूस जैसे गैस-अधिशेष देशों में एक साल में एक चौथाई के अंतराल के साथ प्रचलित दरों के आधार पर तय की जाती हैं। एक अक्टूबर से 31 मार्च की कीमत जुलाई 2021 से जून 2022 तक की औसत कीमत पर आधारित है। इस अवधि में वैश्विक स्तर पर दरें तेजी से बढ़ी हैं। गैस की उच्च कीमतें मुद्रास्फीति को और भी बढ़ा सकती हैं जो पिछले आठ महीनों से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर चल रही है। सरकार ने मूल्य निर्धारण फार्मूले की समीक्षा के लिए एक समिति का भी गठन किया है।
सूत्रों ने कहा कि प्राकर्तिक गैस की कीमतों में वृद्धि से दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में सीएनजी और रसोई गैस की दरों में वृद्धि होने की संभावना है। इससे बिजली पैदा करने की लागत में भी वृद्धि होगी लेकिन उपभोक्ताओं को कोई बड़ी परेशानी नहीं होगी क्योंकि गैस से पैदा होने वाली बिजली का हिस्सा बहुत कम है। इसी तरह, उर्वरक उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी लेकिन सरकार की तरफ से ऊर्वरक सब्सिडी देने से दरों में वृद्धि की संभावना नहीं है। हालांकि इस फैसले से उत्पादकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है।
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया
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