शुक्रवार, 1 जुलाई 2022

मन में गुस्सा या शत्रुता का कोई भाव नहीं: राहुल

मन में गुस्सा या शत्रुता का कोई भाव नहीं: राहुल
इकबाल अंसारी 
वायनाड। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड में शुक्रवार को अपने कार्यालय का दौरा किया। इस कार्यालय में माकपा की छात्र इकाई एसएफआई के कार्यकर्ताओं द्वारा हाल में बफर जोन के मुद्दे पर तोड़फोड़ की गई थी। राहुल ने उनके (एसएफआई कार्यकर्ताओं के) इस कृत्य को ‘‘गैर जिम्मेदाराना’’ करार दिया। यहां अपने निर्वाचन क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर आए गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कार्यालय पहुंचे तथा नुकसान का जायजा लिया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह वायनाड के लोगों का कार्यालय है तथा वामपंथी छात्र कार्यकर्ताओं द्वारा जो कुछ किया गया, वह “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’’ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा कभी भी समस्याओं का समाधान नहीं करती है और उनके मन में उनके (तोड़फोड़ करने वालों के) प्रति कोई क्रोध या शत्रुता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ देश में आप सर्वत्र जो विचार देखते हैं वह यह है कि हिंसा से समस्याएं हल हो जाएंगी। लेकिन हिंसा कभी समस्याओं का हल नहीं करती है… ऐसा करना अच्छी बात नहीं है…उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम किया।
लेकिन मेरे मन में उनके प्रति कोई गुस्सा या शत्रुता का भाव नहीं है।’’ गांधी ने हिंसा करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं को ‘बच्चा’ करार दिया। करीब एक हफ्ते पहले राहुल गांधी के विरूद्ध एसएफआई का प्रदर्शन तब हिंसक हो गया जब वामपंथी कार्यकर्ताओं का एक समूह यहां उनके कार्यालय में घुस गया एवं वहां तोड़फोड़ की थी।
घटना के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस घटना की निंदा की और अपराधियों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। गांधी के वायनाड लोकसभा क्षेत्र के कालपेट्टा स्थित दफ्तर में एसएफआई कार्यकर्ताओं के ‘हिंसक कृत्य’ की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया था जो कुछ क्षेत्रों में हिंसक हो गया।

हिंदू मुस्लिम सदभाव मंच द्वारा शोभा यात्रा का स्वागत

हिंदू मुस्लिम सदभाव मंच द्वारा शोभा यात्रा का स्वागत 

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। शुक्रवार को बहादुरगंज में हिंदू मुस्लिम सदभाव मंच द्वारा जगरनाथ शोभा यात्रा का स्वागत किया गया। जिसमें मुस्लिम भाइयों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। जगरनाथ यात्रा में चल रहे भक्तों को प्रसाद के रूप में देसी घी का हलवा, नींबू का शरबत, पानी, पिलाया गया।
हिन्दू मुस्लिम सदभाव मंच के अध्यक्ष इरशाद उल्ला ने कहा, मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना...हिंदी है, हम वतन है, हिंदुस्तान हमारा...
यही मेरी सभ्यता है, यही मेरी संस्कृत है, यही मेरी पहचान है, गंगा जमुनी तहजीब।
रामचंद्र साहू, मोहम्मद असद जिया, कैलाश गुप्ता, संदीप केसरवानी, मोहम्मद जिया,मुस्ताक अहमद, विकास साहू, हर्ष साहू, आदि लोगों ने सहयोग किया।

प्रयागराज: सपा प्रमुख यादव का 49वां जन्मदिन मनाया

प्रयागराज: सपा प्रमुख यादव का 49वां जन्मदिन मनाया

बृजेश केसरवानी 
प्रयागराज। सपाईयों ने विविध तरीक़े से सपा प्रमुख अखिलेश यादव का 49वां जन्मदिन मनाया। चौक कार्यालय पर महानगर अध्यक्ष सैय्यद इफ्तेखार हुसैन व नगर महासचिव रवीन्द्र यादव रवि के नेत्रित्व मे केक काट कर जहाँ एक दूसरे को बधाई देते हुए हर्षोल्लास के साथ अपने नेता के दीर्घायु होने की कामना की। वहीं, शहर की तीनो विधान सभा मे भी विविध आयोजन किए गए। शहर पश्चिमी मे मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य व युवा नेता यथांश केसरवानी की ओर से बम्हरौली बेगम बाज़ार स्थित डीएलवीके स्कूल मे छात्र-छात्राओं के बीच केक काटा गया। 
वहीं, बच्चों ने शिक्षा की ओर अग्रसर रखने की खातिर शिक्षा सामाग्री स्कूल बैग, पेन, कॉपी, पानी की बॉटल और लंच बाक्स आदि वितरित किया गया। शहर पश्चिमी के युवा नेता मयंक यादव जॉन्टी की ओर से ट्रान्सपोर्ट चौकी गरीबदास चौराहे के पास अखिलेश यादव के दीर्घायु को सुंदरकाण्ड ,भजन कीर्तन एवं भण्डारे मे ग़रीब असहाय रिक्शा ट्राली चालक व मज़दूरों को भोजन कराकर अखिलेश यादव की लम्बी उम्र की प्रार्थना की गई। शहर उत्तरी के विधान सभा अध्यक्ष ओ पी यादव व उत्तरी विधान सभा के सपा प्रत्याशी रहे सन्दीप यादव द्वारा वृक्षारोपण किया गया। सपा के मेजा विधान सभा के वरिष्ठ समाजवादी नेता व प्रदेशसचिव नरेन्द्र सिंह के नेतृत्व मे साधू संतों को वस्त्र और छाता भेंट करने के साथ बंधवा स्थित मंदिर मे हवन पूजन के साथ अखिलेश यादव के दिर्घायु की कामना की गई।कहीं रक्तदान, तो कहीं फल और मिष्ठान का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में सैय्यद इफ्तेखार हुसैन, रवीन्द्र यादव, इसरार अन्जुम, महेन्द्र निषाद, बब्बन द्वबे, वज़ीर खाँ, महबूब उसमानी, सबीहा मोहानी, सैय्यद मोहम्मद अस्करी, ओ पी यादव, मुशीर अहमद, प्रमोद यादव बच्चा, अब्दुल समद, नेम यादव, रमीज़ अहसन, रीता मौर्या, इन्दू यादव ,मंजू यादव, सवीता कैथवास, सुषमा यादव, रेनू बाल्मीकि, सुनीता यादव, मालती यादव, संतोष निषाद, शिवशंकर विश्वकर्मा, पंकज साहु ,विजय यादव, हरीशचंद्र श्रीवास्तव, जय भारत यादव ,सैय्यद मो. हामिद ,मो. हसीब, मो. सऊद ,ताहिर उमर, मो. ज़ाहिद ,रवि यादव ,चन्द्रशेखर सिंह ,सुधीर निषाद, विजय महतो ,सोनू हेला, मंजीत कुमार हेला, छोटू पासी ,सर्वज्ञ शुक्ला, नन्हे मंसूरी, अमर सिंह, विशाल सिंह आदि शामिल रहे।



कॉमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में ₹198 की गिरावट

कॉमर्शियल सिलेंडरों की कीमतों में ₹198 की गिरावट

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कॉमर्शियल (वाणिज्यिक) सिलेंडरों की कीमतों में 198 रुपये की भारी गिरावट की गई है। यह आदेश एक जुलाई से प्रभावी हो गया है। इससे उपभोक्ताओं को भारी राहत मिलेगी। कंपनियों ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, यानी वे यथावत रहेंगी। नई दरें आज एक जुलाई 2022 से प्रभावी हो गई हैं।
उपभोक्ताओं को कॉमर्शियल सिलेंडरों के लिए पहले जहां 2,219 रुपये चुकाने पड़ते थे, वहीं अब इसके लिए उन्हें 198 रुपये कम देने होंगे। 19 किग्रा के सिलेंडर के लिए अब उपभोक्ताओं को 2,021 रुपये देने होंगे। हर महीने के पहले दिन कुछ बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं, जो कि सीधे आम जनता की जेब पर असर डालते हैं। इन बदलावों से या तो बोझ बढ़ जाता है या फिर कुछ राहत मिलती है।
इससे पहले एक जून को भी गैस कंपनियों ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कटौती की थी। तब कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 135 रुपये प्रति सिलेंडर घटाई थी। जिसके बाद दिल्ली में 19 किलोग्राम के गैस सिलेंडर की कीमत 2219 रुपये हो गई थी।

हीपरिवार कार्ड जारी करने वाली है, योगी सरकार

हीपरिवार कार्ड जारी करने वाली है, योगी सरकार 

संदीप मिश्र
लखनऊ। उत्तर-प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जल्द हीपरिवार कार्ड जारी करने वाली है। सीएम योगी ने कहा कि इस फैमिली कार्ड के जरिए सरकारी नौकरी, रोजगार या स्वरोजगार से वंचित परिवारों को चिह्नित किया जाएगा, स्वरोजगार के साथ जोड़ा जाए।
सरकारी योजनाओं के वास्तविक अलग-अलग सरकारी स्कीम का लाभ देने की भी सहूलियत होगी। इस कार्ड की मदद से बाकी कई अलग-अलग कार्डों की जरूरत भी खत्म हो जाएगी। फैमिली कार्ड या परिवार कार्ड की मदद से परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की तैयारी की जा रही है। जारी किया जाने वाला यह फैमिली कार्ड वास्तव में परिवार का पहचान पत्र होगा। इससे परिवार की पहचान आसानी से हो सकेगी। इसी के साथ कार्ड की मदद से पता लगाया जा सकेगा कि किस परिवार को कौन-कौन सी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल रहा है। फिर कार्ड के आधार पर ही उनके लिए उपयोगी योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जाएगा।

रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने में भी होगी सहायता...
दरअसल सरकार का मानना है कि फैमिली कार्ड की मदद से एक ही परिवार के सदस्यों को बार-बार एक ही योजना का लाभ मिलने से रोका जा सकेगा। असल लाभार्थी की पहचान भी सरकार को इसके माध्यम से हो सकेगी। चुनाव से पहले सरकार ने रोजगार देने का बड़ा लक्ष्य जनता के सामने रखा था। अब फैमिली कार्ड की मदद से ही सरकार इसे और आसान बनाने की तैयारी में है। जिससे पता लग सके की वास्तव में रोजगार के संसाधन की जरूरत किसे है और किसे नहीं। इसी के साथ यदि परिवार के सदस्यों ने फैमिली कार्ड बनवा लिया है और उन्होंने अपना जाति प्रमाण पत्र इससे लिंक करवा लिया तो उन्हें अलग-अलग सदस्यों के लिए इसे बनवाने की जरूरत नहीं होगी।
यदि किसी भी व्यक्ति के पास में फैमिली कार्ड है तो उसे मैरिज सर्टिफिकेट, इनकम औऱ डोमिसाइल सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र लेना काफी आसान हो जाएगा। इसी के माना जा रहा है कि आगे चलकर यह भी अनिवार्यता हो सकती है कि इन तमाम प्रमाण पत्र के लिए फैमिली कार्ड आवश्यक हो जाए। फिलहाल इसको लेकर लगातार तैयारी जारी हैं और इसका जिक्र सीएम योगी ने एक बार फिर से अपने भाषण के दौरान किया है। जिसके बाद माना जा सकता है कि जल्द ही यह प्रदेश की जनता के सामने होगा।

उत्तराखंड: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी किए

उत्तराखंड: पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी किए 

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड में पेट्रोल-डीजल के दामों  में हर दिन उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।उत्तराखंड में पेट्रोल और डीजल के नए रेट जारी कर दिए गए हैं। शुक्रवार को देहरादून में पेट्रोल और डीजल के दाम में 1-1 पैसे की गिरावट दर्ज की गई है। ऐसे में देहरादून में शुक्रवार को पेट्रोल ₹95.29 प्रति लीटर और डीजल ₹90.33 प्रति लीटर बिक रहा है।
गौरतलब हो, कि पेट्रोल-डीजल के नए रेट जारी हो गए हैं। हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है। पिछले कई दिनों से प्रदेश में तेल की कीमतें में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य चीजें जोड़ने के बाद दामों में इजाफा होता है। यही कारण है कि पेट्रोल-डीजल के दाम ज्यादा नजर आते हैं।
वहीं, हरिद्वार में आज पेट्रोल और डीजल के दाम में 6-6 पैसे की कमी आई है। ऐसे में हरिद्वार में पेट्रोल के दाम ₹94.39 प्रति लीटर और डीजल के दाम ₹ 89.50 रुपए प्रति लीटर हैं।
कुमाऊं की बात करें तो हल्द्वानी में पेट्रोल-डीजल के दाम यथावत बने हुए हैं। हल्द्वानी ₹94.44 और डीजल ₹89.58 में बिक रहा है। उधर, रुद्रपुर की बात करें तो पेट्रोल ₹94.62 डीजल ₹89.75 प्रति लीटर बिक रहा है। रुद्रपुर में आज पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं।

शिवलिंग: 6,440 श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था रवाना

शिवलिंग: 6,440 श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था रवाना

इकबाल अंसारी
श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर में पवित्र शिवलिंग का दर्शन करने के लिए यहां स्थित आधार शिविर से 6,440 श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार को रवाना हुआ। ‘‘बम बम भोले’’ का नारा लगाते हुए श्रद्धालु भगवती नगर आधार शिविर से 265 वाहनों के काफिले में तड़के रवाना हुए। अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 43 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा 11 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन संपन्न होगी।
अधिकारियों ने बताया कि आज के इस जत्थे के साथ जम्मू से अमरनाथ गुफा के लिए रवाना हुए कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 17,100 हो गई है। तीर्थस्थल की यात्रा के लिए देशभर के विभिन्न स्थानों से 7,000 से अधिक और तीर्थयात्री जम्मू पहुंचे हैं। मौके पर पंजीकरण के लिए तीन ‘काउंटर’ और टोकन लेने के लिए दो ‘काउंटर’ उपलब्ध हैं। इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद उन्हें 32 ठहरने के स्थल तथा आधार शिविरों में ठहराया गया है।
यात्रा दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में पारंपरिक नुनवान मार्ग और मध्य कश्मीर के गांदरबल में बालटाल मार्ग से 30 जून को शुरू हुई थी। इस साल तीर्थयात्रियों की संख्या सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है, क्योंकि यह यात्रा करीब तीन साल के अंतराल के बाद आयोजित की जा रही है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प़्रावधान को रद्द करने के बाद यात्रा बीच में ही स्थगित कर दी गई थी, जबकि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था।

हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मी को आरोप से बरी किया

हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मी को आरोप से बरी किया  

कविता गर्ग 
मुंबई। भ्रष्टाचार के मामलें में 24 साल पहले दोषी ठहराए जाने और एक साल की सजा पाने वाले एक पुलिसकर्मी को बंबई उच्च न्यायालय ने आरोप से बरी कर दिया है। अदालत ने पाया कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा कि पुलिसकर्मी ने 350 रुपये की रिश्वत स्वीकार की थी। महाराष्ट्र भ्रष्टाचार-निरोधक ब्यूरो ने 1988 में तत्कालीन पुलिस उप निरीक्षक दामू अव्हाड के खिलाफ 350 रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में मामला दर्ज किया था।अगस्त 1998 में नासिक की एक विशेष अदालत ने दामू को दोषी ठहराते हुए एक साल कैद की सजा सुनायी थी। दामू ने इसी साल उच्च न्यायालय में एक अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति वी जी वशिष्ठ की एकल पीठ ने बृहस्पतिवार को पारित अपने आदेश में कहा कि केवल आरोपी से पैसे की बरामदगी के आधार पर उसे दोषी नहीं ठहराया जा सकता और अभियोजन दामू के खिलाफ मामले को साबित करने में विफल रहा है।आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई। अदालत ने नासिक में येओला तालुका पुलिस थाने में तैनात तत्कालीन उप निरीक्षक को बरी कर दिया। अभियोजन के अनुसार, दामू ने मार्च 1988 में एक व्यक्ति से उसके भाई को जमानत दिलाने में मदद के एवज में कथित तौर पर 350 रुपये की रिश्वत मांगी थी।

सरपंच मामला, दोबारा चुनाव कराने के आदेश दिए

सरपंच मामला, दोबारा चुनाव कराने के आदेश दिए

हमीरपुर। उत्तर-प्रदेश के हमीरपुर में एक गांव में 21 साल से कम उम्र में एक महिला के सरपंच बनने के मामलें में एसडीएम कोर्ट ने दोबारा चुनाव कराने के आदेश दिए है। यह आदेश एक रिट की सुनवाई के बाद दिया गया है। एसडीएम कोर्ट ने एक और गांव की महिला सरपंच पर धोखाधड़ी के मामले में याचिका खारिज कर दिया है।
पिछले साल 26 अप्रैल को जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव  संपन्न कराए गए थे। 2 मई को मतगणना में मौदहा क्षेत्र के परछछ गांव की अंशिका गौतम सरपंच के लिए विजयी घोषित की गई थी। गांव के ही महारजवा ने इस महिला के सरपंच बनने पर गंभीर आरोप लगाते हुए निर्वाचन आयोग पंचायत से शिकायत की थी। आरोप लगाया गया था कि सरपंच के चुनाव के लिए 21 साल की उम्र नियत है, लेकिन अंशिका गौतम की उम्र नामांकन करते समय 20 साल 3 माह थी।
चुनाव कराने का आदेश जारी
इसके बाद भी निर्वाचन अधिकारियों ने उसकी दावेदारी को जायज ठहरा दिया था। इस मामले की रिट एसडीएम मौदहा की अदालत में दायर की गई थी। इस पर एसडीएम सुरेन्द्र कुमार सिंह की कोर्ट ने प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर निर्वाचित सरपंच के चुनाव रद्द कर दोबारा चुनाव कराने के आदेश जारी कर दिए है। इस सरपंच के पिता के गांव के पंचायत मित्र है।
हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र के भैंसमरी गांव के पंचायत चुनाव के परिणाम में पूनम सिंह सरपंच बनी थी। इसकी प्रतिद्वंद्वी सहोद्रा बाजपेई ने पंचायत निर्वाचन अधिकारियों के ऊपर जालसाजी और धोखेबाजी के आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी अदालत में याचिका दाखिल करते हुए आरोप लगाये थे। उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारियों और विजयी घोषित हुए प्रत्याशी की मिलीभगत से वह एक मत से हरा दिए गए। इसके बाद उन्होंने दोबारा मत गिने जाने की मांग की थी। इसकी सुनवाई करते हुए उपजिलाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिंह ने कुछ साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने की बात कही तो उक्त रनर प्रत्याशी साक्ष्य उपलब्ध कराए जाने में असमर्थ रही। इसके बाद उपजिलाधिकारी की अदालत ने रनर प्रत्याशी के जरिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया।

25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का संस्कार

25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का संस्कार 
संदीप मिश्र 
अयोध्या। हम सभी को आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा काम जरूर करना चाहिए, इससे ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। आज हम आपको मिलवाएंगे समाज को बेहतरीन संदेश देने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ हालांकि उन्‍हें अयोध्या के लोगों ने शरीफ चाचा का नाम दिया हुआ है। इसके अलावा मोहम्मद शरीफ चाचा को लाशों का मसीहा भी कहा जाता है। वह लगभग 28 वर्षों में सरयू तट पर 25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसके लिए मोहम्मद शरीफ को देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद  ने पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया था।
वहीं, देशवासियों से अपील करते हुए 85 वर्षीय शरीफ चाचा ने कहा कि सबको अपने मां-बाप की इज्जत और समाज की सेवा करनी चाहिए। वहीं अब शरीफ चाचा का बीड़ा उठाते हुए उनके बेटे मोहम्मद सगीर ने कहा कि हम भी अपने पिता की राह पर चलते हुए इस नेक काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो भी लावारिस लाश आती हैं उनके धर्म के अनुसार हम अंतिम संस्कार करवाते हैं।
मोहम्मद शरीफ अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले के रहने वाले हैं। शरीफ चाचा 28 वर्ष पहले एक साइकिल मिस्त्री की दुकान चलाते थे, लेकिन हालात और परिस्थिति कुछ ऐसी बदली की एक साइकिल मकैनिक को लावारिस लाशों का मसीहा बना दिया। उन्‍होंने कभी जाति और धर्म के बंधन को नहीं माना, वहीं सभी लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
जानिए शरीफ चाचा कैसे बने लावारिस लाशों के मसीहा
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए शरीफ चाचा ने बताया कि 28 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी और वहां पर किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया और लावारिस समझ कर उसको नदी में प्रवाह कर दिया था। तभी से मैंने कसम खाई थी कि अयोध्या और फैजाबाद में कोई भी लावारिस लाश चाहें हिंदू हो या मुसलमान सबका अंतिम संस्कार विधि विधान से करेंगे और तब से अब तक लगभग 25000 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके हैं।
मोहम्मद शरीफ के चार पुत्र थे।एक पुत्र मोहम्मद रईस को सुलतानपुर में खो चुके हैं। जबकि दूसरे पुत्र नियाज की हृदयगति रूकने से मौत हो गई थी। अब शरीफ चाचा के 2 बेटे ही सहारा बचे हैं। मोहम्मद शगीर स्कूल की गाड़ी चला कर अपना परिवार चला रहे हैं, तो मोहम्मद जमील अपने पिता के साथ रहते हैं। शरीफ चाचा के खराब स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से उनके बेटे लोगों की आर्थिक मदद से इस नेक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
शरीफ चाचा पद्मश्री से हो चुके हैं सम्मानित
शरीफ चाचा बताते हैं कि हमारे इस सामाजिक कार्य के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2021 पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वहां पर कई लोगों ने हमारी तारीफ की और कहा कि ऐसा काम अभी तक किसी ने नहीं किया। इस नाते आपको पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है‌।वहीं, अगर आप भी शरीफ चाचा की मदद करना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9956321923 कर सकते हैं।अयोध्या हम सभी को आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ अच्छा काम जरूर करना चाहिए, इससे ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। आज हम आपको मिलवाएंगे समाज को बेहतरीन संदेश देने वाले अयोध्या के मोहम्मद शरीफ से हालांकि उन्‍हें अयोध्या के लोगों ने शरीफ चाचा का नाम दिया हुआ है। इसके अलावा मोहम्मद शरीफ चाचा को लाशों का मसीहा भी कहा जाता है। वह लगभग 28 वर्षों में सरयू तट पर 25000 से ज्यादा लावारिस लाशों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसके लिए मोहम्मद शरीफ को देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किया था।
वहीं, देशवासियों से अपील करते हुए 85 वर्षीय शरीफ चाचा ने कहा कि सबको अपने मां-बाप की इज्जत और समाज की सेवा करनी चाहिए। वहीं अब शरीफ चाचा का बीड़ा उठाते हुए उनके बेटे मोहम्मद सगीर ने कहा कि हम भी अपने पिता की राह पर चलते हुए इस नेक काम को आगे बढ़ा रहे हैं, जो भी लावारिस लाश आती हैं उनके धर्म के अनुसार हम अंतिम संस्कार करवाते हैं।
धर्म के अनुसार करवाया अंतिम संस्कार
मोहम्मद शरीफ अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले के रहने वाले हैं। शरीफ चाचा 28 वर्ष पहले एक साइकिल मिस्त्री की दुकान चलाते थे, लेकिन हालात और परिस्थिति कुछ ऐसी बदली की एक साइकिल मकैनिक को लावारिस लाशों का मसीहा बना दिया। उन्‍होंने कभी जाति और धर्म के बंधन को नहीं माना, वहीं सभी लावारिस लाशों का उनके धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार किया।
जानिए शरीफ चाचा कैसे बने लावारिस लाशों के मसीहा
न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए शरीफ चाचा ने बताया कि 28 साल पहले सुल्तानपुर में मेरे बेटे की हत्या हो गई थी और वहां पर किसी ने उसका अंतिम संस्कार नहीं किया और लावारिस समझ कर उसको नदी में प्रवाह कर दिया था। तभी से मैंने कसम खाई थी कि अयोध्या और फैजाबाद में कोई भी लावारिस लाश चाहें हिंदू हो या मुसलमान सबका अंतिम संस्कार विधि विधान से करेंगे और तब से अब तक लगभग 25000 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करा चुके है।
मोहम्मद शरीफ के चार पुत्र थे।एक पुत्र मोहम्मद रईस को सुलतानपुर में खो चुके हैं। जबकि दूसरे पुत्र नियाज की हृदयगति रूकने से मौत हो गई थी। अब शरीफ चाचा के 2 बेटे ही सहारा बचे हैं। मोहम्मद शगीर स्कूल की गाड़ी चला कर अपना परिवार चला रहे हैं, तो मोहम्मद जमील अपने पिता के साथ रहते हैं।शरीफ चाचा के खराब स्‍वास्‍थ्‍य की वजह से उनके बेटे लोगों की आर्थिक मदद से इस नेक कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
शरीफ चाचा बताते हैं कि हमारे इस सामाजिक कार्य के चलते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2021 पद्मश्री अवार्ड से नवाजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत वहां पर कई लोगों ने हमारी तारीफ की और कहा कि ऐसा काम अभी तक किसी ने नहीं किया। इस नाते आपको पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है। वहीं, अगर आप भी शरीफ चाचा की मदद करना चाहते हैं तो इस नंबर पर 9956321923 कर सकते हैं।

बहुत ज्यादा खुश होना, हाइपोमेनिया के लक्षण

बहुत ज्यादा खुश होना, हाइपोमेनिया के लक्षण 

सरस्वती उपाध्याय 
अपने मन का दुख या सुख महसूस करना और किसी दूसरे को बताने का सबका अपना तरीका होता है। कई बार कुछ लोग किसी भी सामान्य बात पर बहुत ज्यादा खुश होने लगते हैं, जो देखने वालों को भी कई बार असामान्य लग सकता है। अगर किसी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि ये लक्षण हाइपोमेनिया की तरफ इशारा करते हैं।
किसी साधारण-सी बात पर भी अगर कोई बेतहाशा खुशी जाहिर कर रहा है, तो इस खुशी को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। एक्सपर्ट्स की माने, तो हाइपोमेनिया को डिप्रेशन का भी नेक्स्ट लेवल माना जाता है। सामान्य तौर पर इसके बारे में काफी कम लोगों को जानकारी होती है। आइए जानते हैं, हाइपोमेनिया से जुड़ी ज़रूरी बातें...

वेरीवेलमाइंड के एक आर्टिकल के अनुसार हाइपोमेनिया एक ऐसी मानसिक बीमारी है, जिसमें व्यक्ति बहुत ज्यादा खुश और उत्साह से भरा हुआ दिखता है, जबकि अंदर ही अंदर वह कई मानसिक स्थितियों से लड़ रहा होता है। ऐसे लोग दूसरों से अपने बारे में खूब बढ़ा-चढ़ाकर बातें कहते हुए दिखावा करने की कोशिश करते हैं। ऐसे व्यक्ति अजनबी से भी ऐसे मिलते हैं, जैसे उनको बरसों से जानते हो और उनसे खूब सारी बातें करते हैं। हाइपोमेनिया की हालत कभी-कभी इंसान को बेहद खर्चीला बना देती है, इसमें कई बार व्यक्ति खुद को बहुत बड़ा समझने लगता है और उसका व्यवहार सामान्य व्यक्ति जैसा नहीं रहता।

हाइपोमेनिया के लक्षण...
हर वक्त खाना खाने की इच्छा होना।
हर काम में ज्यादा उत्सुकता दिखाना।
नींद ना आने पर भी थकान या नींद की ज़रूरत महसूस न होना।
हाइपोमेनिया में व्यक्ति अचानक बहुत अलग तरीके के कपड़े पहनने लगते है।
अनजान लोगों से खूब बातें करना।
छोटी-छोटी बातों पर बेतहाशा खुश होना।
मोनिया से ग्रस्त व्यक्ति भ्रम और काल्पनिक बातों को सच मानने लगते हैं।
हाइपोमेनिया से जूझ रहा व्यक्ति कभी भी यह मानने को तैयार नहीं होता कि वह मानसिक रूप से बीमार है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति मेंआपको अचानक ऐसे असामान्य लक्षण बढ़ते दिखने लगे, तो उन्हें डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। अच्छे डॉक्टर से कंसल्टेशन और दवाओं से व्यक्ति पूरी तरह स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकता है।

स्वास्थ्य: पौष्टिक गुणों का खजाना है 'ब्लैकबेरी'

स्वास्थ्य: पौष्टिक गुणों का खजाना है 'ब्लैकबेरी' 

सरस्वती उपाध्याय 
ब्लैकबेरी यानी कि जामुन पौष्टिक गुणों का खजाना है। इसे ब्लैक प्लम या जावा के नाम से भी जाना जाता है। जामुन एक मौसमी फल है, इसलिए जून से अगस्त तक के महीने में यह भारत में काफी मात्रा में मिल सकता है। जामुन में बहुत से पौष्टिक तत्व जैसे कि कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, सोडियम, विटामिन सी और सभी तरह के विटामिन-बी -थायमिन, राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड नियासिन और बी 6 मौजूद होते हैं। वैसे तो इस दरमियान बहुत से फल आते हैं, लेकिन अगर सेहत के लिहाज से देखा जाए तो जामुन को सेहत का खजाना भी माना जाता है। इन दिनों में जामुन का सेवन बहुत सी बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है।आइए जानते हैं जामुन से मिलने वाले फायदे...

रिपोर्ट के अनुसार, जामुन का सेवन शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाता है। जिससे एनीमिया की समस्या कम हो सकती है।
इसमें मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस व आयरन बोन्स की हेल्थ ठीक रखते हैं। इन तीनों तत्वों की मौजूदगी से दांत मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और ओस्टियोपोरोसिस की रोकथाम भी हो सकती हैं।
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर जामुन इम्यूनिटी स्ट्रांग करता है और डाइजेशन व पेट संबंधी परेशानियों को दूर करने में सहायक है।
जामुन फाइबर से भरपूर होने के कारण, इसके सेवन से पेट काफी देर तक भरा रहता है और वजन कम हो सकता है।
जामुन को वायुनाशक, एंटीस्कोरब्यूटिक और मूत्रवर्धक भी माना जाता है।
इसकी एंटी-एजिंग प्रॉपर्टी की वजह से यह क्लियर पिंपल्स को कम करने में भी सहायक है।
हम उनका सेवन डायबिटीज में बेहतरीन औषधि का काम करता है। क्योंकि इसकी हाइपोग्लाइसेमिक प्रॉपर्टीज ब्लड ग्लूकोस लेवल को कम करती हैं।
जामुन के सेवन से हृदय लोगों का रेस्क्यू भी कम हो सकता है। इसकी एंटीकार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टीज कार्सिनोजेनेसिस को रोकती हैं।
दिखने में छोटा सा यह फल एक बेहतरीन औषधि है।

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