8वीं रैंक हासिल, ऑनलाइन कंटेंट पर भरोसा किया
गोपीचंद
बागपत। यूपीएसससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 8वीं रैंक हासिल करने वाली इशिता राठी का कहना है कि एग्जाम की तैयारी के दौरान उन्होंने ऑनलाइन कंटेंट पर भरोसा किया। इंटरनेट से जुटाई गई अध्ययन सामग्री ने उनकी मदद की। इशिता की मां दिल्ली पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर हैं और पिता हेड कांस्टेबल। 26 साल की इशिता ने बताया कि उन्होंने परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं ली। उन्होंने कहा, “मैंने पिछले टॉपर्स की स्ट्रेटजी को फोलो किया। मेरी जानकारी का मुख्य स्रोत ऑनलाइन कंटेंट समेत यूट्यूब वीडियो थे।” उसने कहा, यह उसका तीसरा प्रयास था।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक और चेन्नई में मद्रास स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातकोत्तर किया।
इशिता ने कहा, ‘मेरे माता-पिता ने मुझे बहुत प्रेरित किया। उन्हें पुलिस की वर्दी में देखकर मैंने सिविल सेवा में जाने के बारे में सोचा। मैंने सिविल सेवाओं को सबसे उपयुक्त जगह पाया जहां से मैं समाज कल्याण के लिए और अधिक काम कर सकती हूं। आईएएस फील्ड की विविधता ने मुझे बहुत आकर्षित किया।
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपना यूपीएससी सिविल सेवा का पहला प्रयास 2019 में पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा करने के ठीक बाद किया था। 2020 में मैंने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की और साक्षात्कार तक पहुंची। यह मेरा तीसरा प्रयास था और मैंने आठवीं रैंक हासिल की। अपना परिणाम चेक करने के बाद मैंने तुरंत अपने माता-पिता को फोन किया।’ इशिता अपने परिवार में पहली आईएएस अधिकारी होंगी।
इशिता ने डीएवी पब्लिक स्कूल, वसंत कुंज से साइंस साइड से 12वीं पास की थी। 12वीं में इकोनॉमिक्स उनका एक अतिरिक्त विषय था। वह अपने परिवार के साथ दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर में रहती है। उनकी मां एएसआई मीनाक्षी राठी डीसीपी (दक्षिणपूर्व) कार्यालय में तैनात हैं और उनके पिता हेड कांस्टेबल आईएस राठी ट्रैफिक पुलिस में तैनात हैं। उनके भाई ने ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है।
इशिता ने कहा प्लान बी के रूप में उन्होंने पढ़ाना भी शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा, ‘मेरी पहली प्राथमिकता सिविल सेवा थी और दूसरी अध्यापन। अगर मैं सिविल सेवा परीक्षा पास नहीं कर पाती, तो मैं अर्थशास्त्र विषय में एकेडमिक में जाती।’
पश्चिमी यूपी के बागपत जिले की रहने वाली इशिता ने कहा, “मैं उत्साहित हूं कि मुझे एक बड़ा अवसर मिल रहा है। सिविल सेवाओं के माध्यम से मैं समाज को काफी कुछ दे सकती हूं और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकती हूं।
इशिता की मां मीनाक्षी ने पीटीआई को बताया कि यह सुनकर वह भावुक हो गईं कि उनकी बेटी ने यूपीएससी परीक्षा में आठवां स्थान हासिल किया है। उन्होंने कहा, ‘जब इशिता ने मुझे फोन किया तब मैं अपने ऑफिस में थी। उसने मुझे बताया कि उसने परीक्षा पास कर ली है। जब मैंने सुना कि उसने आठवीं रैंक हासिल की है, तो मेरी आंखों में आंसू आ गए। मुझे उस पर गर्व है। वह एक आईएएस ऑफिसर बनने जा रही है। हमें पुलिस मुख्यालय से फोन आया और मेरी बेटी ने आज पुलिस कमिश्नर सर से मुलाकात की।
मीनाक्षी ने कहा, ‘मैं अपनी बेटी को अधिकारियों के साथ अपनी मुलाकात के अच्छे अनुभवों के बारे में बताती थी। एक बार हम किरण बेदी मैम से मिले। मैंने अपनी बेटी से कहा कि जो आईपीएस अधिकारी बनते हैं वे अच्छा काम करते हैं। इशिता कहती थी कि वह भी ऐसा ऑफिसर बनना चाहती है।’ दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने गुरुवार को इशिता राठी को सम्मानित भी किया था।