बुधवार, 11 मई 2022

नड्डा ने राज्य में 'सत्ता परिवर्तन' का आह्वान किया

नड्डा ने राज्य में 'सत्ता परिवर्तन' का आह्वान किया  

नरेश राघानी  

जयपुर। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य में सत्ता परिवर्तन का आह्वान करते हुए बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें राज्य में डबल इंजन वाली सरकार चाहिए। नड्डा ने राज्य की मौजूदा कांग्रेस सरकार को जनविरोधी करार देते हुए कहा कि इसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। नड्डा सीमावर्ती हनुमानगढ़ शहर में पार्टी के जिला कार्यालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्य में अगले साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। नड्डा ने कहा,‘‘मैं कार्यालय के उद्घाटन के लिए आया हूं, लेकिन मैं आपसे निवेदन करने भी आया हूं कि मुझे राजस्थान में डबल इंजन की सरकार चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसी जनविरोधी सरकार बैठी है जिसका जनता से कोई लेना देना नहीं, जो जनता के मर्म, जनता के विषयों को नहीं समझती है। नड्डा ने कहा कि जब भी चुनाव हो तो प्रजातांत्रिक तरीके से ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना है।

राज्य की महिलाओं, दलितों और जनजातियों पर अत्याचार की घटनाओं का जिक्र करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि राजस्थान संस्कार, संतोष, विकास और शांति के लिए जाना जाता था, लेकिन मौजूदा अशोक गहलोत सरकार ने राजस्थान की आबरू और मान सम्मान को गहरी चोट पहुंचाई है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा दुष्कर्म के मामले राजस्थान में हो रहे हैं और गहलोत जी को कोई पीड़ा नहीं होती, उन्हें इसकी कोई चिंता नहीं है। नड्डा के अनुसार हाल ही में जोधपुर में जिस दिन उपद्रव की घटना हो रही थी उस दिन मुख्यमंत्री गहलोत जयपुर में अपना जन्मदिन मना रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वे मिशन से काम करें और यहां अशोक गहलोत सरकार कमीशन में लगी रहे। वे लोगों की सेवा के लिए काम करें और यहां गहलोत सरकार मेवा खाने में लगी रहे। वे लोगों की तस्वीर बदलने के लिए काम करें और यहां पर घोटाले हों। ऐसी सरकार को चलने का कोई अधिकार नहीं है। ’’नड्डा ने हनुमानगढ़ सहित 10 जगहों पर पार्टी के कार्यालयों का वर्चुअल (आभासी) माध्यम से उद्धाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने चार जगहों पर पार्टी कार्यालयों का शिलान्यास भी किया। उन्होंने कहा कि कार्यालय संस्कार और ऊर्जा का केंद्र होता है।

साहित्य अकादमी के सदस्य अनादिरंजन का इस्तीफा

साहित्य अकादमी के सदस्य अनादिरंजन का इस्तीफा  

मिनाक्षी लोढी  

कोलकाता। पश्चिम बंगाल से साहित्य अकादमी के सदस्य अनादिरंजन विश्वास ने इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक विशेष पुरस्कार दिए जाने के विरोध में इसके एक दिन बाद मंगलवार को बंगाली लेखिका और शोधकर्ता रत्ना राशिद बनर्जी ने राज्य अकादमी को अपना पश्चिमबंगा बांगला अकादमी पुरस्कार लौटाने की घोषणा की। यह पुरस्कार इस वर्ष साक्षरता में ममता बनर्जी के योगदान के लिए दिया गया। मुख्यमंत्री बनर्जी को प्रदेश के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने सोमवार को इस नए पुरस्कार के लिए चुना गया। वह पश्चिमबंगा बांग्ला अकादमी के अध्यक्ष भी हैं। राज्य सरकार रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती मना रही है। ममता बनर्जी को इस विशेष पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के एक दिन बाद लेखक अनादिरंजन विश्वास ने कल साहित्य अकादमी के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया।

अनादिरंजन विश्वास 1982 से अंडमान में रहते हैं और साहित्य अकादमी कोलकाता बंगाली सलाहकार बोर्ड की सदस्य थे। उन्होंने कहा, “मैं हमेशा गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर की कविताओं सम्मान करता हूँ। गुरुदेव की 161वीं जयंती के अवसर पर नौ मई को कोलकाता में बंगाली कविता का बहुत अपमान हुआ है। इससे पहले लेखिक और शोधकर्ता रत्ना राशिद बनर्जी ने कल अपने अन्नदा शंकर पुरस्कार वापस करने की घोषणा की, जो उन्हें 2019 में मिला था। रत्ना राज्य सरकार में पूर्व अधिकारी रह चुकी हैं। उन्होंने पश्चिमबंगा बांगला अकादमी को लिखे अपने पत्र में कहा कि उन्हें 2019 में प्राप्त अन्नदा शंकर रे मेमोरियल पुरस्कार को अकादमी को वापस कर देगी।

उन्होंने कहा, “मुझे मीडिया के माध्यम से पता चला कि पश्चिमबंगा बांगला अकादमी ने एक नए पुरस्कार की घोषणा की है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह सत्य को तोड़ मरोड़ा गया है। मुख्यमंत्री का सम्मान कर अकादमी ने न केवल एक निंदनीय उदाहरण पेश किया है, बल्कि उन सभी लोगों का अपमान भी किया है जो बंगाली साहित्य के प्रति समर्पित हैं। शिक्षा मंत्री बसु ने घोषणा की कि यह पुरस्कार तीन साल में एक बार गैर-साहित्यिक लोगों को प्रदान किया जाएगा, जिन्होंने साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ लेखकों की एक टीम ने मुख्यमंत्री को उनकी कविताओं के संग्रह कोबीता बितान के लिए इस पहले पुरस्कार के लिए चुना था।

'भाजपा' शासित राज्यों में दलित सुरक्षित नहीं

'भाजपा' शासित राज्यों में दलित सुरक्षित नहीं

कविता गर्ग

मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में दलित ‘‘सुरक्षित नहीं’’ हैं। उसने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में दलित समुदाय की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करनी चाहिए। राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख प्रवक्ता महेश तापसे ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव के पूर्व प्रधान की गिरफ्तारी के संदर्भ में यह बयान दिया, जिसने एक व्यक्ति से कथित रूप से घोषणा कराई थी कि यदि दलित समुदाय का कोई व्यक्ति उसके खेत में घुसा, तो उसे 50 जूते मारे जाएंगे और उससे पांच हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा।

पुलिस ने मंगलवार को बताया था कि एक वीडियो में कुंवरपाल चरथावल क्षेत्र के पावती खुर्द गांव में दलितों के मकानों के सामने ढोल पीटते हुए यह घोषणा करता नजर आ रहा है। इस पूरे प्रकरण पर प्रतिक्रिया देते हुए तापसे ने कहा, भाजपा शासित राज्यों में दलित सुरक्षित नहीं हैं और इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश में दलितों की सुरक्षा स्वयं सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के शासन में देश में दलितों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं।

    पार्ट्स बनाने की फैक्टरी में लगीं आग, काबू

    पार्ट्स बनाने की फैक्टरी में लगीं आग, काबू  

    अश्वनी उपाध्याय  
    गाजियाबाद। गाजियाबाद के लोनी में ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र की कूलर गीजर के पार्ट्स बनाने की फैक्टरी में आग लग गई। जिसकी सूचना दमकल विभाग को दी गई। दमकल कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया।
    गाजियाबाद के लोनी में उस वक्त अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला, जब ट्रॉनिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्टरी में आग लग गई। फैक्टरी के अंदर से निकलता धुंआ देख आसपास के लोगों ने दमकल विभाग को इसकी जानकारी दी। दमकल कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
    जानकारी के मुताबिक कूलर गीजर के पार्ट्स बनाने की फैक्टरी के बाहरी हिस्से में पड़े कूड़े में आग लग गई। इसकी सूचना लोगों ने फैक्टरी के मालिक को दी। जिसके बाद दमकल कर्मियों को बुलाया गया। मौके पर पहुंचकर दमकल विभाग की टीम ने आग पर काबू पाया। जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। 

    एससी का आदेश, राजद्रोह कानून पर रोक

    एससी का आदेश, राजद्रोह कानून पर रोक 

    अकांशु उपाध्याय     
    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को राजद्रोह कानून के मामलें पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया कि विवादास्पद राजद्रोह कानून पर रोक रहेगी। क्योंकि सरकार इसकी समीक्षा करेगी और जेल में बंद लोग जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। वहीं आदेश के तुरंत बाद, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वह “अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं”, लेकिन एक “लक्ष्मण रेखा” है जिसे पार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “हमने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है और अपने पीएम (प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी) के इरादे के बारे में अदालत को सूचित किया है हम अदालत और इसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं। लेकिन एक ‘लक्ष्मण रेखा’ है। जिसका सम्मान सभी अंगों द्वारा किया जाना चाहिए।
    इसके अलावा केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भारतीय संविधान के प्रावधानों के साथ-साथ मौजूदा कानूनों का भी सम्मान करें। बता दें कि अपनी सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा है कि जो लोग इस कानून की धारा 124 A के तहत जेल में बंद हैं वे जमानत के लिए कोर्ट में जाएं। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार पुलिस को देशद्रोह के प्रावधान के तहत संज्ञेय अपराध दर्ज करने से नहीं रोक सकती, लेकिन एक सक्षम अधिकारी (SP रैंक) की संस्तुति के बाद ही 124A के मामले दर्ज किए जाएं। ऐसा किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लंबित राजद्रोह के मामलों की समीक्षा की जा सकती है।124 A के तहत दर्ज मामलों में जल्द से जल्द जमानत देने पर विचार किया जा सकता है।
    सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को लेकर तीन अहम बातें कही। पहला फिलहाल कोई मुकदमा इस मामले में दर्ज नहीं होगा। दूसरा पेंडिंग मामलों में जो मुकदमे इस धारा के तहत दर्ज है उन्हे ठंडे बस्ते में रखा जाएगा। ये सारे आदेश तब तक लागू रहेंगे जब तक कोर्ट कोई अगला आदेश न दे या फिर सरकार इस पर कोई फैसला न ले ले। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला देते हुए राजद्रोह कानून के तहत कोई नया केस दर्ज करने पर रोक लगा दी। चीफ जस्टिस एनवी रमण की बेंच ने केंद्र सरकार को देशद्रोह कानून धारा 124A पर पुनर्विचार करने की इजाज़त देते हुए कहा कि इस प्रावधान का उपयोग तब तक करना उचित नहीं होगा। जब तक कि इस पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती।


    प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

    प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

    1. अंक-215, (वर्ष-05)
    2. बृहस्पतिवार, मई 12, 2022
    3. शक-1944, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी, विक्रमी सवंत-2079। 
    4. सूर्योदय प्रातः 05:33, सूर्यास्त: 07:01।
    5. न्‍यूनतम तापमान- 29 डी.सै., अधिकतम-41+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
    6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
    7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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    मंगलवार, 10 मई 2022

    श्रीलंका में लागू कर्फ्यू को 12 मई तक बढ़ाया

    श्रीलंका में लागू कर्फ्यू को 12 मई तक बढ़ाया  

    अखिलेश पांडेय         
    कोलंबो। श्रीलंका में लागू कर्फ्यू को 12 मई की सुबह, सात बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं, सड़कों पर जारी हिंसक प्रदर्शन को दबाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को शूट ऑन साइट (देखते ही गोली मार देना) का आदेश जारी कर दिया है। सोमवार हो हुई हिंसा में सांसद समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। मालूम हो कि श्रीलंका में महिंदा राजपक्षे ने सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों पर हमला करने और हिंसा फैलाने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने हिंसा फैलानी शुरू कर दी है।
    राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने ट्विटर पर प्रदर्शनकारियों से अपील कि वे चाहे जिस भी पार्टी हों लेकिन वे शांत रहें और हिंसा रोक दे। नागरिकों के खिलाफ बदले की कार्रवाई न करें।उन्होंने कहा कि संवैधानिक जनादेश और आम सहमति के जरिए राजनीतिक स्थिरता बहाल करने और आर्थिक संकट को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऐसी कई अफवाहें हैं कि उनके पिता महिंदा राजपक्षे देश छोड़कर नहीं भागने वाले हैं। उन्होंने हम ऐसा नहीं करेंगे। खेल मंत्री रहे नमल ने कहा, "मेरे पिता सुरक्षित हैं, वह सुरक्षित स्थान पर हैं और परिवार से बात कर रहे हैं।" मालूम हो कि महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को बढ़ते दबाव के बीच पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं प्रदर्नशकारियों ने हंबनटोटा में उनके घर को भी जलाकर राख कर दिया है। मालूम हो कि पूरे श्रीलंका में चार दिन पहले ही इमरजेंसी लगा दी गई है।
    श्रीलंका में कर्फ्यू लागू होने के बाद भी हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। भीड़ ने मंगलवार को कोलंबो में प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के पास एक शीर्ष श्रीलंकाई पुलिस अधिकारी के साथ मारपीट की और उनके वाहन में आग लगा दी। वरिष्ठ उप महानिरीक्षक देशबंधु तेनाकून कोलंबो में सर्वोच्च पद के अधिकारी हैं। उन्हें तुरंत इलाज की जरूरत है, उन्हें घर भेज दिया गया है।उन्होंने बताया कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए अधिकारी ने हवाई फायरिंग की थी।

    गुजरात: बब्बर शेर की आंखों का ऑपरेशन किया

    गुजरात: बब्बर शेर की आंखों का ऑपरेशन किया

    इकबाल अंसारी        
    जूनागढ़। गुजरात के जूनागढ़ में एक बब्बर शेर की आंखों का ऑपरेशन किया गया। उसे लंबे समय से मोतियाबिंद की शिकायत थी। गिर के जामवाली रेंज में वन विभाग द्वारा एक बब्बर शेर की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। इस दौरान पता चला कि शेर को देखने में दिक्कत आ रही है। वो सिर्फ आवाज सुनकर ही अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। इसके बाद उसे जूनागढ़ के सक्करबाग चिड़ियाघर लाया गया। 
    जहां आंखों की जांच की गई तो पता चला कि उसकी दोनों आखों में मोतियाबिंद है। शेर की आंख का ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर संजय जाविया ने बताया कि जांच में पता चला कि शेर को दोनों आखों से साफ नहीं दिखाई दे रहा था‌।इस वजह से वह शिकार भी नहीं कर पा रहा था। डॉक्टर के मुताबिक जुनागढ़ में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है। डॉक्टर संजय जाविया ने बताया शेर की आंखों के आकार का लेंस उपलब्ध कराना बेहद मुश्किल था। इसके लिए शेर की आंख का मेजरमेंट लिया गया और उसके बाद लेंस तैयार कराया गया।
    फिर एक-एक कर दोनों आखों में ऑपरेशन के जरिए लेंस को फिट किया गया। इसके कुछ दिन बाद फिर से शेर की आंखों का परीक्षण किया गया। इस बार जांच में पाया गया कि उसे साफ दिखाई दे रहा है। वो अलग तरह से प्रतिक्रिया देने लगा। फिलहाल, शेर की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। समय-समय पर उसकी आंख की जांच कराई जाएगी।

    वेब सीरीज 'आश्रम 3' का मोशन पोस्टर वीडियो रिलीज

    वेब सीरीज 'आश्रम 3' का मोशन पोस्टर वीडियो रिलीज  

    कविता गर्ग         

    मुंबई। एक्टर बॉबी देओल अपने वेब सीरीज आश्रम के लिए काफी ज्यादा चर्चा में थे। इस सीरीज को लेकर कई तरह के विवाद भी हुए हैं। वहीं, अब हाल ही में मचअवेटेड वेब सीरीज 'आश्रम 3' का मोशन पोस्टर वीडियो रिलीज हो गया है। इस मोशन पोस्टर में सीजन 3 के लोगो के पीछे के बैकग्राउंड में आग की लपटे नजर आ रही हैं। इस मोशन वीडियो के रिलीज होते ही फैंस इस वेब सीरीज के तीसरे पार्ट को लेकर काफी एक्साइटेड है। बता दें कि मचअवेटेड वेब सीरीज आश्रम 3 के इस मोशन वीडियो को ईशा गुप्ता और बॉबी देओल ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। जिसके बाद लगातार फैंस इस मोशन वीडियो पर कमेंट कर रहे हैं। ‘आश्रम’ वेब सीरीज के तीसरे सीजन में बॉलीवुड की सुपरबोल्ड एक्ट्रेस ईशा गुप्ता भी नजर आएंगी। ऐसे में दर्शकों का एक्साइटमेंट इस वेब सीरीज को लेकर और भी बढ़ गया है।

    आश्रम 3 वेब सीरीज कब रिलीज होगी, इसकी डेट का ऐलान अभी नहीं किया लगा है। लेकिन इस मोशन वीडियो के रिलीज होते ही इतना तो तय है कि आश्रम वेब सीरीज का तीसरा पार्ट जल्द ही फैंस देख पाएंगे। कुछ दिन पहले एक इंटरव्यू के दौरान इस वेब सीरीज में अहम रोल निभाने वाले एक्टर संदीप ने बताया था कि शूटिंग और डबिंग का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही नया सीजन दर्शकों को देखने को मिलेगा। इस वेब सीरीज में बॉबी देओल ने बाबा निराला का ऐसा किरदार निभाया कि वो लोगों के दिमाग में ही बस गए। इस वेब सीरीज की कहानी काल्पनिक शहर काशीपुर पर आधारित है। वेब सीरीज में दिखाया गया है कि कैसे बाबा लोगों को आश्रम से जुड़े रहने के लिए उकसाता है। इस वेब सीरीज की कहानी में ड्रग्स, दुष्कर्म और राजनीति के इर्द गिर्द घूमती है। इस वेब सीरीज का निर्देशन प्रकाश झा ने किया है।

    ‘आश्रम’ वेब सीरीज के पहले सीजन में दर्शकों ने देखा कि पम्पी और उसके परिवार का बाबा ने भरोसा जीता। दूसरे सीजन में बाबा की करतूतें पम्मी और उसके परिवार के सामने आ गईं। लेकिन बाबा पर अभी तक किसी भी तरह की कोई आंच नहीं आई। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आश्रम वेब सीरीज का तीसरा पार्ट किस कहानी को ओर मोड़ लेता है।

    सीनियर रेजिडेंट व डेमोंस्ट्रेटर के पदों पर भर्ती

    सीनियर रेजिडेंट व डेमोंस्ट्रेटर के पदों पर भर्ती  

    अकांशु उपाध्याय  
    नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सीनियर रेजिडेंट और डेमोंस्ट्रेटर के पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। उम्मीदवार 16 मई 2022 तक आवेदन जमा कर सकते हैं। इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से कुल 410 खाली पदों पर भर्ती की जाएगी। उम्मीदवार 16 मई 2022 तक या उससे पहले ऑनलाइन आवेदन जमा करें। आगे की जरूरत के लिए आवेदन पत्र का प्रिंटआउट लेकर रखें।

    पदों की संख्या : 410...

    योग्यता...
    एनेस्थिसियोलॉजी पेन मेडिसिन एंड क्रिटिकल केयर : एनेस्थिसियोलॉजी में एमडी/डीएनबी।
    ओन्को. एनेस्थिसियोलॉजी : एनेस्थिसियोलॉजी में एमडी / डीएनबी या डीएम / डीएनबी (ओन्को. एनेस्थिसियोलॉजी)
    उम्मीदवारों की उम्र 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। हालांकि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को 5 वर्ष, ओबीसी उम्मीदवारों को 3 वर्ष, बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति [पीडब्ल्यूबीडी] सामान्य कैटेगरी 10 वर्ष, बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति [पीडब्ल्यूबीडी] ओबीसी कैटेगरी 13 वर्ष और बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति [पीडब्ल्यूबीडी] अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग 15 वर्ष की छूट दी जाएगी।
    सैलरी
    मेडिकल उम्मीदवारों के लिए वेतन मैट्रिक्स के स्तर 11 का वेतन (पूर्व-संशोधित वेतन बैंड-3, प्रवेश वेतन 67700/- के साथ)
    एमएससी पीएच.डी के साथ नॉन-मेडिकल उम्मीदवारों के लिए 7वें सीपीसी के तहत 56100/- स्तर 10 में और अन्य सामान्य भत्ते।
    मेडिकल फिजिक्स में सीनियर डेमोंस्ट्रेटर पद के लिए, (एमएससी के साथ) रु.12090 + 4200 (ग्रेड पे) और अन्य सामान्य भत्ता।

    सामान्य/ओबीसी कैटेगरी : रु.1500/- + लेन-देन शुल्क जो लागू हो।
    एससी/एसटी/ईडब्ल्यूएस कैटेगरी: रु.1200/- + लेन-देन शुल्क जो लागू हो।
    बेंचमार्क विकलांग व्यक्ति [पीडब्ल्यूबीडी] उम्मीदवारों को किसी भी शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है।

    'राष्ट्रपति निशान' पाने वाला 10वां राज्य, असम

    'राष्ट्रपति निशान' पाने वाला 10वां राज्य, असम

    इकबाल अंसारी
    गुवाहाटी। दो दिवसीय दौरे पर असम पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दूसरे दिन मंगलवार को असम पुलिस के राजधानी के नेहरू स्टेडियम में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लिया। शाह ने असम पुलिस की विशेष परेड का निरीक्षण करने के पश्चात परेड की सलामी ली। उन्होंने दो पत्रिकाओं का लोकार्पण किया। दोनों पत्रिकाओं में असम पुलिस के वीर जवानों के कार्यों को समाहित किया गया है। राष्ट्रपति की ओर से अमित शाह ने 'राष्ट्रपति निशान' प्रार्थ प्रतिम दुअरा को प्रदान किया। यह सम्मान पुलिस की विशेष सेवा के लिए राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। असम देश में यह सम्मान पाने वाला 10वां राज्य बन गया है।
    देश की आजादी के बाद पहली बार यह सम्मान उत्तर प्रदेश पुलिस को दिया गया था। यह सम्मान राज्य के तीन सत्राधिकारों (मठाधीश) की मौजूदगी में प्रदान किया गया। इस सम्मान के मद्देनजर असम पुलिस द्वारा पिछले कुछ दिनों से राज्य के सभी जिलों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम, जिसमें दौड़, बाइक रैली, चित्रांकन प्रतियोगिता आदि आयोजित किये जा रहे थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में पूरे राज्य में बाइक रैली भी निकाली गई थी। इसका समापन आज नेहरू स्टेडियम में हुआ।
    उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति निशान की डिजाइन आईआईटी गुवाहाटी ने बनाई है। निशान में 36 स्टार जड़ित हैं। ये सभी स्टार राज्य के सभी जिलों को दर्शाते हैं। निशान में असम पुलिस का प्रतीक चिह्न और राज्य का प्रतीक एक सींग वाले गैंडे की आकृति भी है।
    इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा, राज्य सरकार के कई मंत्री, असम पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत के साथ ही कई शीर्ष अधिकारी एवं अतिथि मौजूद रहे।
    कार्यक्रम में असम पुलिस द्वारा आकर्षक परेड प्रदर्शित किया गया। वहीं पुलिस बैंड ने भी कई मनमोहनक धुन बजाकर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राष्ट्रपति निशान दिए जाने के मौके पर आसमान में गुब्बारा भी छोड़ा गया।

    'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

    'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...