मंगलवार, 22 फ़रवरी 2022

25 वर्षीय युवक ने 6 साल की मासूम से रेप किया

25 वर्षीय युवक ने 6 साल की मासूम से रेप किया     

इकबाल अंसारी     

नर्मदापुरम। मध्यप्रदेश में चलती ट्रेन में एक और मासूम से रेप का मामला सामने आया है। घटना इटारसी और हरदा के बीच की काशी एक्सप्रेस के जनरल कोच की है। 25 साल के युवक ने 6 साल की मासूम से गलत हरकत की। शोर मचाने पर आरोपी दूसरी बोगी के बाथरूम में छिप गया। यात्रियों ने उसे निकालकर पीटा। कल्याण पहुंचने पर इसकी शिक़ायत हुई। जीआरपी में बच्ची से रेप के मामले को गुपचुप केस दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया है।

रेप का मामला 15 फरवरी को काशी एक्सप्रेस के जनरल कोच डी-2 का है। 6 साल की बच्ची अपनी मां और दादा के साथ यूपी के देवरिया से कल्याण (मुंबई) की यात्रा कर रही थी। कोच में बर्थ के बाजू में बैठे आरोपी यात्री सोनू पुत्र अशोक प्रजापति (27) निवासी देवरिया भी बैठा था। रात करीब 4 से 5 बजे के बीच में जब ट्रेन इटारसी खंडवा के लिए रवाना हुई। उस समय बच्ची और उसकी मां सो रही थी। रात के अंधेरे में आरोपी ने बच्ची के कपड़े उतार दिए और गंदी हरकत की। बच्ची नींद से जाग गई और मम्मी से युवक की हरकत के बारे में बताया। शोर मचाने पर अन्य यात्री भी जाग गए। 

आरोपी सोनू ने भागकर खुद को कोच की बथरूम में बंद कर लिया। यात्री उसे बाहर निकालने की कोशिश करते रहे। करीब 5 घंटे बाद आरोपी बाहर निकल पाया। यात्रियों ने उसकी धुनाई कर दी। तब तक ट्रेन नासिक आगे निकल चुकी थी। टीटीई ने कंट्रोल को सूचना दी। कसारा स्टेशन के पास आरपीएफ और जीआरपी पहुंची। आरोपी को पकड़ लिया। कल्याण पहुेचने पर महिला यात्री ने इसकी शिकायत की। कल्याण से जीरो पर डायरी 17 फरवरी को इटारसी आई। जीआरपी थाने में 376, पाक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

बढ़ोतरी: डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि करेगी सरकार

बढ़ोतरी: डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि करेगी सरकार    

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। केंद्र सरकार होली से पहले महंगाई भत्ते (डीए) में बढ़ोतरी कर सकती है। सरकार कथित तौर पर डीए में 3 प्रतिशत की वृद्धि करेगी और जो 1 जनवरी, 2022 से प्रभावी होगी। इस संबंध में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, बढ़ा हुआ वेतन, जनवरी और फरवरी के बकाया के साथ कर्मचारियों को मार्च में दिया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर सरकार वेतन वृद्धि का ऐलान करती है, तो इससे पूरे भारत में लगभग 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा। पिछले साल सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 28 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी कर दिया था। कोविड-19 महामारी के बावजूद इन कर्मचारियों को डीए इंक्रीमेंट दिया गया। हालांकि इस संबंध में अभी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अभी 31 प्रतिशत है जो एलान के बाद बढ़कर 34 प्रतिशत हो सकता है। यदि मंहगाई भत्ता बढ़कर 34 फीसदी होता है तो वेतन में 20 हजार रुपये का इजाफा हो सकता है। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत सरकारी कर्मचारियों के डीए का निर्धारण बेसिक वेतन के आधार पर किया जाता है। अक्टूबर में 3 प्रतिशत और जुलाई में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद मौजूदा डीए की दर 31 प्रतिशत तक पहुंची है। महंगाई भत्ता कर्मचारी के वेतन और पेंशनभोगियों की पेंशन का एक बड़ा हिस्सा है। यह भत्ता केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उनके वेतन पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को ऑफसेट करने के लिए दिया जाता है। 7वें वेतन आयोग (7वें सीपीसी) के तहत सरकार साल में दो बार जनवरी और जुलाई में डीए में इंक्रीमेंट देती है।


गैस-सिलेंडर की कीमतें हो सकतीं हैं दोगुनी, उत्पादन

गैस-सिलेंडर की कीमतें हो सकतीं हैं दोगुनी, उत्पादन   

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। आम लोगों को महगाई का एक और तगड़ा झटका लग सकता है। दरअसल, दुनियाभर में गैस की भारी किल्लत हो गई है। अप्रैल में इसका असर भारत पर भी देखने को मिल सकता है। इससे देश में गैस-सिलेंडर की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं।
वैश्विक स्तर पर गैस की किल्लत होने से न सिर्फ खाना बनाना महंगा हो जाएगा। बल्कि सीएनजी, पीएनजी और बिजली की कीमतें बढ़ जाएंगी। वाहन चलाने के साथ फैक्टरियों में उत्पादन की लागत भी बढ़ जाएगी। सरकार के फर्टिलाइजर सब्सिडी बिल में भी इजाफा होगा। कुल मिलाकर इन सबका असर आम उपभोक्ता पर ही पड़ने वाला है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के प्रकोप से बाहर निकल रही है। इसके साथ ही दुनियाभर में ऊर्जा की मांग बढ़ रही है। लेकिन, मांग बढ़ने के साथ इसकी आपूर्ति के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। इससे गैस की कीमतों में काफी तेजी आई है।
उद्योग के जानकारों का कहना है कि लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स की वजह से घरेलू उद्योग पहले से ही आयातित एलएनजी के लिए ज्यादा कीमत चुका रहा है। लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट्स में कीमत कच्चे तेल से जुड़ी हुई हैं। उद्योग ने स्पॉट मार्केट से खरीदारी कम कर दी है, जहां कई महीनों से कीमतों में आग लगी हुई है।

20 हजार की इनामी महिला को गिरफ्तार किया: रैकेट

20 हजार की इनामी महिला को गिरफ्तार किया: रैकेट  

अश्वनी उपाध्याय     
गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच टीम ने आगरा में सेक्स रैकेट चलाने वाली 20 हजार की इनामी महिला को शास्त्रीनगर चौराहे के पास से गिरफ्तार किया है। महिला समेत आठ लोगों पर 2020 में आगरा में मुकदमा दर्ज किया गया था। गैंगस्टर और देह व्यापार करने की कार्रवाई होने के बाद से गिरफ्तार आरोपी महिला पुलिस से बचने के लिए अपने नाम और ठिकाने बदल रही थी। गाजियाबाद पुलिस ने इसी गैंग की एक इनामी आरोपी रश्मि को 22 जनवरी को भोपुरा चौराहे से गिरफ्तार किया था।
स्वाट टीम प्रभारी अब्दुल रहमान सिद्दीकी ने बताया कि गिरफ्तार इनामी आरोपी दिव्यांशी उर्फ अमनप्रीत कौर उर्फ तबस्सुम फातिमा नई दिल्ली की रहने वाली है। आगरा पुलिस ने 2020 में एक सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया था, जिसमें आठ लोग लिप्त थे। इस गैंग की सरगना रोशनी नामक महिला थी। आगरा में यह गैंग विदेश से आने वाले लोगों को ड्रग्स के साथ युवतियों की व्यवस्था करता था। गैंग में युवतियों को जोड़ने का काम रश्मि और दिव्यांशी करती थी। इस मामले में फरार चल रही आरोपी रश्मि और दिव्यांशी पर आगरा पुलिस ने 20-20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।

सरकार ने राम रहीम को जेड़ प्लस सिक्योरिटी दीं

सरकार ने राम रहीम को जेड़ प्लस सिक्योरिटी दीं    

राणा ओबरॉय          
चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को हरियाणा सरकार ने जेड़ प्लस सिक्योरिटी दी है। पुलिस ने खालिस्तानी आतंकवादियों से जान का खतरा बताते हुए उनकी सुरक्षा बढ़ाई है। हरियाणा की सरकार ने सुरक्षा का आधार एडीजीपी की रिपोर्ट को बनाया है। सरकार ने कहा कि खालिस्तान समर्थक डेरा प्रमुख को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए उन्हें कड़ी सिक्योरिटी दी जा रही है।
राम रहीम फिलहाल 21 दिन की फरलो पर बाहर हैं। पंजाब में वोटिंग से पहले मिली फरलो पर विपक्ष ने सवाल खड़े करते हुए हरियाणा सरकार को घेरा था। इस फैसले की वजह डेरे के अनुयाइयों को बताया जा रहा था हालांकि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि राम रहीम को मिली राहत का पंजाब चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह हत्या के मामलों में सीधे तौर पर शामिल नहीं है। उन्हें सह-अभियुक्तों के साथ आपराधिक साजिश रचने के लिए ही दोषी ठहराया गया था। वो हार्ड कोर अपराधी नहीं हैं और पांच साल जेल में बिताने के कारण भी वह फरलो का अधिकारी है। 
54 साल के राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम में दो महिला अनुयायियों से बलात्कार के मामले में 20 साल की कैद की सजा काट रहे हैं। राम रहीम को पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने अगस्त 2017 में मामले में दोषी करार दिया था। हाई कोर्ट में पेश रिकॉर्ड से यह बात भी सामने आई है कि डेरा प्रमुख को खालिस्तान समर्थक तत्वों से खतरा है। इसके चलते प्रदेश सरकार ने जेल से फरलो पर रिहाई के बाद उन्हें जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी है। रिकॉर्ड की जांच से पता चला है कि डेरा प्रमुख को रिहा करने की प्रक्रिया महाधिवक्ता (एजी) की कानूनी राय लेने के बाद शुरू की गई थी। 
पिछले साल भी, डेरा प्रमुख को अपनी बीमार मां से मिलने के लिए सुबह से शाम तक का आपातकालीन पैरोल दी गई थी। वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए भी कुछ मौकों पर जेल से बाहर आए थे। राम रहीम अबतक हरियाणा के रोहतक जिला स्थित सुनरिया जेल में बंद थे।

कॉन्फ्रेंस: पूर्व सीएम रमन ने सरकार को जमकर घेरा

कॉन्फ्रेंस: पूर्व सीएम रमन ने सरकार को जमकर घेरा   

दुष्यंत टीकम         
रायपुर। पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार को जमकर घेरा है। उन्होंने उत्तरप्रदेश चुनाव और छत्तीसगढ़ बजट सत्र को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। यूपी चुनाव को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की सिर्फ 3 सीट आएगी। 
यहीं, छत्तीसगढ़ मॉडल उत्तरप्रदेश चुनाव में और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दिखाने वाला है। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि पिछले तीन साल में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने एक भी उपलब्धि हासिल नहीं की। चाहे वह रोड का निर्माण हो पानी की सुविधा, नरवा गरवा, घुरवा बाड़ी योजना जमीन पर असफल रही हैं। सरपंचों ने इसका निर्माण तो कर दिया लेकिन उनको निर्माण का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है।
इसी प्रकार छत्तीसगढ़ सरकार 11 लाख लोगों को आवास नहीं दे सकी। साथ ही आदिवासी क्षेत्रों में 25 हजार बच्चों की मौत स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी नकामी है। 
इन असफलताओं के कारण सरकार ने विधानसभा का सत्र छोटा रखा है। जिससे सरकार अपनी और विभागों की असफलताओं को छुपा सकें। उत्तर-प्रदेश चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह की भूमिका को लेकर पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि अमित शाह जिस भी क्षेत्र में जाते है, कार्यकर्ताओं में जोश भर देते है। उनके नेतृत्व का असर पांचों राज्यों के चुनाव में उभर कर आएगा। यूपी समेत सभी राज्यों में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करेगी। पूर्व सीएम रमन सिंह ने स्थानीय कुलपति को लेकर कहा कि सरकार राजभवन को जबरदस्ती राजनीति में घसीट रही है। राजभवन को बदनाम करने का प्रयास कर रही हैं।

घरेलू बिजली के बिल, प्रतिदिन के आधार पर आएंगे

घरेलू बिजली के बिल, प्रतिदिन के आधार पर आएंगे    

पंकज कपूर       

देहरादून। उत्तराखंड में बिजली के उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिली है। विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर यूपीसीएल ने तय किया है कि घरेलू बिजली के बिल अब प्रतिदिन के आधार पर आएंगे। वहीं, मासिक बिलिंग 25 से 35 दिन में और द्विमासिक बिलिंग 55 से 65 दिन में होगी। घरेलू बिलिंग के नए फार्मूले से कई उपभोक्ताओं के एनर्जी और फिक्स चार्जेस में आठ फीसदी तक की कमी आएगी। नए फार्मूले से घरेलू बिलिंग में एकरूपता आने के साथ ही उपभोक्ताओं को बिलिंग में अनियमितता से छुटकारा मिलेगा। इसका लाभ प्रदेश के करीब 20 लाख उपभोक्ताओं को मिलने वाला है। यूपीसीएल के मुख्य अभियंता (वाणिज्य) जीएस कुंवर ने फरवरी से प्रतिदिन के आधार पर बिलिंग  करने के आदेश जारी कर दिए हैं। 

अविभाजित उत्तर प्रदेश के समय से ही घरेलू बिलिंग का त्रुटिपूर्ण फार्मूला होने से कई बार कम यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं को अधिक यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं से अधिक मूल्य चुकाना पड़ रहा था। कई मौकों पर 44 दिन में 325 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ता को और 46 दिन में 351 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं से 160 रुपये तक अधिक मूल्य चुकाना पड़ता था। वहीं 16 से 45 दिन में बिलिंग होने पर पूरे माह और 46 दिन में बिलिंग होने पर दो माह का पूरा फिक्स चार्ज देना पड़ता था, जिससे ऐसे उपभोक्ताओं को सालभर में 12 माह से अधिक का फिक्स चार्ज भी देना पड़ रहा था। अभी तक एक माह का बिजली का बिल 45 दिन पर तय होता है। बिल दो माह में आता है। कई बार 50 दिन और कभी 65 दिन पर दो माह का बिल आता है। इससे 50 से 65 दिन के भीतर बिजली उपभोक्ताओं की बिजली खपत 400 यूनिट से ऊपर चली जाती है। इतनी यूनिट होने की वजह से प्रति माह उपभोक्ताओं को 135 रुपये फिक्स चार्ज देना पड़ता है। बिजली यूनिट की दर भी यूपीसीएल के टैरिफ के हिसाब से 5.40 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से लगती है।

अब यह बिल 25 से 35 दिन के भीतर आएगा। इससे उपभोक्ता को 200 यूनिट के हिसाब से पैसा देना होगा। यूनिट कम होने की वजह से यहां फिक्स चार्ज भी 80 रुपये ही लगेगा। प्रति यूनिट के हिसाब से भी 5.40 के बजाए 3.45 रुपये भुगतान करना होगा। 351 यूनिट पर उसका बिल 1456.65 रुपये आता है। अगर एक उपभोक्ता को 38 दिन पर बिल जारी किया गया तो 325 यूनिट पर 1616.25 रुपये बिल आता है। दरअसल, 351 यूनिट वाले से 200 यूनिट के 2.80 रुपये और 151 यूनिट का चार रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूला गया। इसी हिसाब से फिक्स चार्ज लिया जाता है। 325 वाले उपभोक्ता से 100 यूनिट का 2.80 रुपये, 101 से 200 यूनिट का चार रुपये प्रति यूनिट और 125 बची हुई यूनिट का 5.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान लिया जाता है। यानी कम यूनिट खर्च वाले से ज्यादा बिल और ज्यादा खर्च वाले से कम बिल। यह विषमता इस आदेश के बाद खत्म हो जाएगी। मोटे तौर पर देखें तो 400 यूनिट वाले उपभोक्ता को 300 रुपये से अधिक का फायदा होगा।

बिलिंग को लेकर उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी काे खत्म करने के लिए चार साल पहले लड़ाई शुरू हुई थी। सतपुली के सामाजिक कार्यकर्ता चैन सिंह रावत पिछले चार वर्षों से समाधान पोर्टल, सीएम पोर्टल और पीएमओ समेत कई मंचों पर यह समस्या उठा चुके थी। उन्होंने नवंबर 2021 में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर विद्युत नियामक आयोग के आदेश के बाद यूपीसीएल ने नया फार्मूला लागू किया है। नए फार्मूले से उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज और एनर्जी चार्ज से हो रहे नुकसान और अनियमितता से छुटकारा मिल जाएगा। अब घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली खपत और दिनों के अनुसार ही मूल्य देना होगा।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...