गुरुवार, 10 फ़रवरी 2022

एसयूवी: भारतीय वाहन निर्माता ने 4,646 यूनिट बेचीं

एसयूवी: भारतीय वाहन निर्माता ने 4,646 यूनिट बेचीं

अकांंशु उपाध्याय     

नई दिल्ली। भारतीय बाजार में ऐसी कारें जिनकी दिवानगी ग्राहकों में जोर-शोर से है। वही खास बात यह कई घरेलू कार मेकर कंपनियों देश में अच्छा कर रहीं है। इन कंपनियों की एक के बाद एक कार पॉपूलर हो रही है। जिसमें से महिंद्रा थार की देश में की दिवानगी किसी से छुपी नहीं है। वही, भारतीय वाहन निर्माता ने पिछले महीने थार एसयूवी की 4,646 यूनिट बेची हैं। इस ऑकड़े के सामने आने के बाद में महिंद्रा थार जनवरी 2022 में कंपनी के लिए सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडल के रूप में उभरा है। ऐसे में आप भी महिंद्रा थार खरिदने का प्लान कर रहें है। 

महिंद्रा थार कार का वेटिंग पीरियड भी करीब एक साल का चल रहा है। यानी अगर आप आज ही कार बुक करते हैं तो करीब एक साल बाद आपको महिंद्रा थार कार मिल जाएगी। महिंद्रा थारकी थार पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन ऑप्शन के साथ उपलब्ध है। इस कार में नया 2.0 लीटर टर्बोचार्ज्ड इंजन दिया गया है जिसका पावर आउटपुट 150 पीएस और 300 एनएम (एमटी) है। वहीं, इसका ऑटोमैटिक वर्जन 320 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। इसके अलावा इसमें 2.2 लीटर डीजल इंजन भी दिया गया है जो 130 पीएस की पावर और 300 एनएम का टॉर्क देता है। पावर ट्रांसमिशन के लिहाज से इसमें दोनों इंजन के साथ 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स स्टैंडर्ड दिया गया है। इसके अलावा इसमें 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स ऑप्शनल भी मिलता है।

कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक, एएक्स वैकल्पिक की कीमत के आधार पर ईएमआई 20,482 रुपये प्रति महाना से शुरू होती है। अगर आप हर महीने में 31 दिन प्रतिदिन के हिसाब से मानेंगे तो यह लगभग 691 रुपये होगा यानि एक तरह से आप पर केवल 691 रुपये प्रतिदिन का भार होगा और यह कार आपकी हो सकती है। महिंद्रा थार दो वेरिएंट में आता है। एलएक्स और एएक्स वैकल्पिक के रूप में। इसके एलएक्स वेरिएंट में आपको पेट्रोल और डीजल दोनों ट्रिम मिलते हैं। वही महिंद्रा थार एलएक्स वेरिएंट की शुरुआती कीमत 13,79,309 रुपये (एक्स-शोरूम पुणे) है मिलता है। जबकिमहिंद्रा थार एएक्स ऑप्शनल की शुरुआती कीमत 13,17,779 रुपये (एक्स-शोरूम पुणे) है।


कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर किया

कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर किया    

अकांंशु उपाध्याय    

नई दिल्ली। भारत में किसानों के साल भर के विरोध ने अंततः सरकार को कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर कर दिया। जिसे उसने 2020 में प्रस्तुत किया था। प्रदर्शनकारियों की जीत, साथ ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए कुछ निराशाजनक हार ने दिखाया कि राष्ट्रीय चुनावों के बीच मतदाताओं को सरकार की जवाबदेही की अनुमति देने के लिए तंत्र और संस्थान मौजूद हैं। वैश्विक सूचकांक में भारत 6.91 के समग्र स्कोर के साथ 46वें स्थान पर है। राजनीतिक संस्कृति पर इसका न्यूनतम स्कोर 5 और चुनावी प्रक्रिया और बहुलवाद पर 8.67 का उच्चतम स्कोर है। इसे नागरिक स्वतंत्रता पर 6.18, राजनीतिक भागीदारी पर 7.22, सरकार के कामकाज पर 7.50 अंक मिले हैं। 2021 में म्यांमार और अफगानिस्तान में बड़े उलटफेर के बाद एशिया का औसत सूचकांक स्कोर तेजी से गिर गया, जो रैंकिंग में सबसे नीचे उत्तर कोरिया में शामिल हो गए।

“पश्चिमी लोकतांत्रिक पूंजीवादी मॉडल को चीन से बढ़ती चुनौती का सामना करने के साथ, पश्चिम के लिए वास्तविक चुनौती यह पता लगाने की नहीं हो सकती है कि चीन को एक दिन प्रमुख वैश्विक शक्ति बनने से कैसे रोका जाए, बल्कि उस प्रक्रिया को इस तरह से प्रबंधित करने के लिए युद्ध से बचें और लोकतंत्र और पाश्चात्य ज्ञानोदय की सर्वोत्तम विरासत को बनाए रखें।” ताइवान ने लोकतंत्र सूचकांक रैंकिंग में अपनी वृद्धि जारी रखी, जो 2020 में 11वें स्थान से वैश्विक स्तर पर 8वें स्थान पर पहुंच गई, जिसने “पूर्ण लोकतंत्र” के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया। इंडोनेशिया ने अपने कुल सूचकांक स्कोर में वैश्विक स्तर पर (ज़ाम्बिया के बाद) दूसरा सबसे बड़ा सुधार दर्ज किया, कई वर्षों के लोकतांत्रिक गिरावट के बाद, 2020 में 64 वें स्थान से 12 स्थान की छलांग लगाकर 52 वें स्थान पर पहुंच गया। ईआईयू ने कहा कि चीन के शासन व्यवस्था की जांच करने वाले एक विशेष खंड में, रिपोर्ट में पाया गया है कि हाल के दशकों में देश की उल्लेखनीय आर्थिक सफलता के बावजूद चीन अधिक लोकतांत्रिक नहीं बन पाया है।लोकतंत्र सूचकांक में चीन को “सत्तावादी शासन” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसका कुल स्कोर 2.21 (0 से 10 के पैमाने पर) है, 2006 में 2.97 से नीचे जब सूचकांक शुरू हुआ, और 148 वें स्थान (167 में से) पर बैठता है, जो वैश्विक रैंकिंग के निचले भाग के करीब है।

चुनावी प्रक्रिया और बहुलवाद के लिए देश का स्कोर 0.00 है, जो पांच श्रेणियों में से एक है, जिसमें हमारा मॉडल हर देश में लोकतंत्र की गुणवत्ता को मापता है। चीन चुनावी लोकतंत्र से परहेज करता है। उसके पास स्वतंत्र चुनाव, सार्वभौमिक मताधिकार या बहुदलीय प्रणाली नहीं है। नागरिक स्वतंत्रता के लिए इसका स्कोर 0.88 है। कोई मुफ्त प्रिंट, प्रसारण या सोशल मीडिया नहीं है, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है और इंटरनेट पर प्रतिबंध हैं। कोई स्वतंत्र ट्रेड यूनियन नहीं हैं, कोई स्वतंत्र न्यायपालिका नहीं है और कानून के समक्ष कोई वास्तविक समानता नहीं है। राज्य धार्मिक सहिष्णुता का अभ्यास नहीं करता है और नियमित रूप से यातना का उपयोग करता है।

ईआईयू की डेमोक्रेसी इंडेक्स रिपोर्ट वैश्विक लोकतंत्र की स्थिति का एक स्नैपशॉट प्रदान करती है, जिसमें एशिया की स्थिति का विस्तृत विश्लेषण शामिल है, जो उत्तरी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और लैटिन अमेरिका के बाद सूचकांक में चौथे स्थान पर है। एशिया और आस्ट्रेलिया क्षेत्र में शीर्ष स्कोरिंग न्यूजीलैंड (9.37) शामिल है, जो वैश्विक रैंकिंग (167 देशों में से) में दूसरे स्थान पर है, चार अन्य “पूर्ण लोकतंत्र” के साथ। ताइवान (8 वां), ऑस्ट्रेलिया (9 वां), दक्षिण कोरिया (16वां) और जापान (17वां)। हालाँकि, इस क्षेत्र में दुनिया के कुछ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले भी शामिल हैं, जिसमें अफगानिस्तान और म्यांमार 2021 में रैंकिंग में नीचे के तीन स्थानों पर कब्जा करने के लिए उत्तर कोरिया में लगातार शामिल हो गए हैं।

 

आगमन: कोविड-19 संबंंधी दिशा-निर्देश जारी कियें

आगमन: कोविड-19 संबंंधी दिशा-निर्देश जारी कियें   

अकांंशु उपाध्याय        

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय आगमन के लिए संशोधित कोविड-19 संबंंधी दिशा-निर्देश जारी कियें। जो 14 फरवरी से लागू होने वाले है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नकारात्मक आरटी-पीसीआर रिपोर्ट (यात्रा से 72 घंटे पहले ली गई) को अपलोड करने के अलावा यात्रियों के पास अब पारस्परिक आधार पर देशों से प्रदान किए गए पूर्ण प्राथमिक टीकाकरण कार्यक्रम के पूरा होने का प्रमाण-पत्र अपलोड करने का विकल्प है। आठवें दिन आरटी-पीसीआर परीक्षण कराने और उसे एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करने की आवश्यकता भी समाप्त कर दी गई है। 7 दिनों के होम क्वारंटाइन का जनादेश हटा लिया गया है। इसके बजाय, यात्री भारत आने के 14 दिन बाद सेल्फ मॉनिटरिंग करेंगे।

लैंडिंग पर सभी देशों से अंतरराष्ट्रीय आगमन के 2% का रैंडम सैंपलिंग किया जायेगा। संशोधित दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि यात्री नमूना दे सकते हैं और उन्हें हवाईअड्डे से बाहर निकलने की अनुमति दी जाती है।सरकार के संशोधित अंतर्राष्ट्रीय यात्रा दिशानिर्देश ओमाइक्रोन प्रकार-ईंधन वाले कोविड -19 तरंग पठार और यहां तक ​​कि दुनिया भर के कई देशों में कम होने के मद्देनजर आते हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण     

1. अंक-124, (वर्ष-05)
2. शुक्रवार, फरवरी 11, 2022
3. शक-1984, मार्गशीर्ष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दसमीं, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 07:10, सूर्यास्त 05:24।
5. न्‍यूनतम तापमान- 9 डी.सै., अधिकतम-20+ डी सै.।  बर्फबारी व शीतलहर की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, (प्रधान संपादक) राधेश्याम व शिवांशु, (सहायक संपादक) श्रीराम व सरस्वती के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8. संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
10.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालयः डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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बुधवार, 9 फ़रवरी 2022

शांतिपूर्ण 'मतदान' संपन्न कराने की तैयारियां पूरी

शांतिपूर्ण 'मतदान' संपन्न कराने की तैयारियां पूरी   

संदीप मिश्र        

लखनऊ। चुनाव आयोग ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के पहले चरण के लिये गुरुवार को 11 जिलों की 58 सीटों पर स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने के लिये तैयारियां पूरी कर ली हैं।राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बुधवार को मतदान की तैयारियों की जानकारी देते हुये बताया कि पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर चुनाव आयोग की पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी गयी हैं। इस चरण में 2.28 करोड़ मतदाता 73 महिला उम्मीदवारों सहित कुल 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसके अलावा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये हैं। चुनाव में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के निगरानी तंत्र को सुचारु कर दिया है। इसके लिये लखनऊ में लोक भवन स्थित गृह विभाग में 'नियंत्रण कक्ष' की स्थापना की गयी है। सभी सात चरण की निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक नियंत्रण कक्ष 24 घंटे सक्रिय रह कर निगरानी प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी नजर रखेगा। नियंत्रण कक्ष में कोई भी व्यक्ति टेलीफोन, ई-मेल और फैक्स के माध्यम से कभी भी शिकायत कर सकेगा। इस पर तत्काल समुचित कार्यवाही भी सुनिश्चित की जायेगी।

इस दौरान संवेदनशील विधान सभा क्षेत्रों के रूप में खैरागढ़, फतेहाबाद, आगरा दक्षिण, बाह, छाता, मथुरा, सरधना, मेरठ शहर, छपरौली, बड़ौत, बागपत व कैराना को चिन्हित किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से इन विधानसभा क्षेत्रों के 5535 मतदान स्थलों काे अति संवेदनशील की श्रेणी में रखते हुये सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किये गये हैं। उन्होंने बताया कि पहले चरण वाली सीटों पर महिला चुनावकर्मियों द्वारा संचालित 138 पिंक बूथ पर 261 महिला पुलिसकर्मी और 59 महिला पुलिस निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक तैनात की गयी हैं। शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिये केन्द्रीय सुरक्षा बल की 800 कंपनियां दी गयी हैं। इनमें से 724 कंपनियां मतदान केन्द्रों की सुरक्षा में लगायी गयी हैं।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिये उ प्र पुलिस के 9464 निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक तथा 59,030 आरक्षी तैनात किये गये हैं। इसके अलावा पीएसी की 27 कंपनी और 48,136 होमगार्ड के जवान भी चुनाव ड्यूटी में लगाये गये हैं। उन्होंने बताया कि सभी सुरक्षा बलों की मतदान केन्द्रों पर बुधवार शाम तक तैनाती हो गयी है। साथ ही मतदान वाले 11 जिलों की सीमायें शाम पांच बजे से सील कर दी गयी हैं। गौरतलब है कि पहले चरण में 10 फरवरी को होने वाले मतदान के लिये आठ फरवरी को सायं छह बजे चुनाव प्रचार थम गया था। इस चरण में सुबह 07:00 बजे से शाम 18:00 बजे तक मतदान होगा। पहले चरण के मतदान में कुल 623 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जायेगा। पहले चरण के चुनाव मैदान में योगी सरकार के नौ मंत्री भी शामिल हैं। इनमें श्रीकांत शर्मा (मथुरा), अतुल गर्ग (गाजियाबाद), सुरेश राणा (थाना भवन), कपिल देव अग्रवाल (मुजफ्फरनगर), संदीप सिंह (अतरौली), चौधरी लक्ष्मी नारायण (छाता), अनिल शर्मा (शिकारपुर), जीएस धर्मेश (आगरा कैण्ट) और दिनेश खटीक (हस्तिनापुर) शामिल हैं। पहले चरण के चुनाव का प्रचार थमने के पहले ही मंगलवार को भाजपा और सपा ने अपने-अपने लोकलुभावन घोषणापत्र जारी किये जबकि कांग्रेस ने बुधवार को अपना घोषणा पत्र जारी कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है।

शुक्ला ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत मतदाताओं को मास्क पहन कर ही मतदान केन्द्र में अंदर जाने की इजाजत होगी। इसके अलावा सेनेटाइजर और थर्मल स्केनिंग सहित अन्य इंतजाम किये गये हैं। चुनाव विश्लेषण से जुड़ी संस्था एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण के चुनाव मैदान में डटे 623 उम्मीदवारों में लगभग 40 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं और एक चौथाई उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। पहले चरण के मतदान वाली 58 सीटों में से 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 53 सीटें जीती थीं। जबकि सपा बसपा ने 2-2 सीटों पर और रालोद ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी। इस बार सपा और रालोद के बीच गठबंधन होने के कारण लगभग तीन दर्जन सीटों पर भाजपा और गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। वहीं, दर्जन भर से अधिक सीटों पर भाजपा, सपा और बसपा के उम्मीदवार मजबूत होने के कारण त्रिकोणीय मुकाबला है।

सहारनपुर: 10 को नहीं उड़ेगी पतंग, लगाया प्रतिबंध

सहारनपुर: 10 को नहीं उड़ेगी पतंग, लगाया प्रतिबंध   

भानु प्रताप उपाध्याय    

सहारनपुर। महानगर में बृहस्पतिवार को आसमान में पतंगबाजी का नजारा देखने को नहीं मिलेगा। क्योंकि प्रशासन की ओर से महानगर में बृहस्पतिवार को पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिसके चलते अब पतंगबाज 10 फरवरी को आसमान में अपनी पतंग की डोर नहीं पहुंचा सकेंगे। दरअसल, जिला मजिस्ट्रेट अखिलेश सिंह की ओर से महानगर में यह प्रतिबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के मद्देनजर लगाया गया है। 

जिलाधिकारी ने बताया है कि बृहस्पतिवार को भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जनपद में भ्रमण प्रस्तावित है। जिसके चलते देहरादून रोड स्थित भर्ती ग्राउंड रीमाउंट डिपो एसपीजी की सुरक्षा से आच्छादित किया गया है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा के दृष्टिगत जिलाधिकारी की ओर से 10 फरवरी की सवेरे 7 बजे से लेकर रात्रि 10 बजे तक महानगर में पतंगबाजी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। प्रशासन की ओर से जारी किए गए आदेशों के बाद अब बृहस्पतिवार को महानगर के आसमान में रंग बिरंगी पतंगों के उड़ने का नजारा दिखाई नहीं देगा।

यूके: 24 घंटे में 5 संक्रमितों की मौंत, वायरस बढ़ा

यूके: 24 घंटे में 5 संक्रमितों की मौंत, वायरस बढ़ा    

पंकज कपूर       

देहरादून। उत्तराखंड में वैश्विक महामारी कोविड-19 का प्रकोप बना हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के सभी 13 जनपदों में कोरोना वायरस के कुल 713 नये मामले सामने आए है। वही, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की उपचार के दौरान मौत हुई है। बुधवार को उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम देहरादून द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य में पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के कुल 713 नए मामले सामने आए है। जबकि, राज्य में 2155 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए वहीं विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 5 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत भी हुई। वही, दैनिक पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो 03.01 फ़ीसदी पर पहुंच गई है।

जनपदवार आंकड़ों पर नजर डालें तो देहरादून जिले से 227 ,हरिद्वार से 107 , नैनीताल जिले से 62, उधमसिंह नगर से 43, पौडी से 39, टिहरी से 19, चंपावत से 13, पिथौरागढ़ से 18, अल्मोड़ा 35, बागेश्वर से 14, चमोली से 29, रुद्रप्रयाग से 48, उत्तरकाशी से 14 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 1 जनवरी 2022 से अब तक कोरोना से संक्रमित कुल 86561 मरीजों में से 75391 मरीज ठीक होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं , 3022 संक्रमित राज्य से बाहर जा चुके हैं। 215 संक्रमित की मौत हो चुकी है। राज्य में वर्तमान में कोविड-19 के एक्टिव केस 8235 है। इधर रिकवरी रेट 87.10 प्रतिशत पहुंच गया है।

मतदाता जागरूकता अभियान के तहत बैठक: डीएम

मतदाता जागरूकता अभियान के तहत बैठक: डीएम 

संतलाल मौर्य        

कुशीनगर। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी एस. राज लिंगम ने ब्रहस्पतिवार को विकासखंड सेवरही व तमकुहीराज में ग्राम प्रधानों व कोटेदारों की आवश्यक बैठक मतदाता जागरूकता अभियान के तहत की। जिलाधिकारी ने कहा कि गत चुनाव में मत की प्रतिशतता कम थी। अतः मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जाए उसमे आप लोगो की भूमिका महत्वपूर्ण है। लोगो को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करें व मतदान हेतु प्रेरित करे। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों ग्राम प्रधानों तथा कोटेदारों से अपील की, कि जनपद कुशीनगर में विधानसभा निर्वाचन में मत की प्रतिशतता को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जाए।

उन्होंने वृद्धजन व दिव्यांग मतदाता को भी प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि लोग अधिक से अधिक अपने अपने बूथों पर पहुंचकर अधिक से अधिक भाग ले। इस अवसर पर जिला पूर्ति अधिकारी दिलीप कुमार खंड विकास अधिकारी सेवरही व संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।

एडवोकेट अरुण को प्रदेश सचिव नामित किया: सपा

एडवोकेट अरुण को प्रदेश सचिव नामित किया: सपा   
बृजेश केसरवानी       
प्रयागराज़। समाजवादी अधिवक्ता सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार यादव ने जार्ज टाउन निवासी अरुण यादव एडवोकेट को प्रदेश सचिव नामित किया है। वह दूसरी बार प्रदेश सचिव बने हैं और उच्च न्यायालय इलाहाबाद में अपर शासकीय अधिवक्ता भी रहे हैं। सपा के पुराने कार्यकर्त्ता जाने जाते हैं। हंडिया विधानसभा क्षेत्र के बीरापुर गांव के मूल निवासी हैं।
अरुण यादव के प्रदेश सचिव बनाये जाने पर आज सपा के डिजिटल कार्यालय में फूल माला सेस्वागत किया गया। स्वागत करने वालों में सर्व श्री रिपु सूदन यादव एडवोकेट, संत लाल वर्मा, दान बहादुर मधुर, दिनेश यादव, सै.मो. अस्करी,दिलीप यादव, शौर्य दीप सचिन श्रीवास्तव, नरेन्द्र पाल, विक्रम यादव, अरविन्द वर्मा,आर. डी. विश्वकर्मा आशीष पाल, नन्द लाल यादव, आर. एन. यादव, राजेंद्र यादव, जय सिंह, युवराज सिंह आदि रहे।

श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं खेलेंगे इशांत

श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नहीं खेलेंगे इशांत  

मो. रियाज       

नई दिल्ली/ कोलंबो। भारतीय टेस्ट टीम के सीनियर तेज गेंदबाज इशांत शर्मा इंग्लैंड दौरे के बाद लय से भटके हुए दिखे हैं। लेकिन, वह सिलेक्टर्स को अपनी लय फिर से दिखाने के लिए उत्साहित नहीं दिख रहे हैं और वह रणजी ट्रॉफी में खेलने के इच्छुक नहीं दिख रहे हैं। दिल्ली के चयनकर्ताओं का इशांत से संपर्क करने की कोशिश की थी। लेकिन, बुधवार तक ऐसा हो नहीं पाया, इससे लगभग यह साफ है कि खिलाड़ी इशांत श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होंगे। दिल्ली के 33 वर्षीय इशांत मौजूदा भारतीय टेस्ट टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। उन्होंने 105 टेस्ट मैच में 311 विकेट लिए हैं।

घरेलू क्रिकेट में दिल्ली के लिए खेलने वाले इस खिलाड़ी ने अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है।बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि संभव है कि इशांत को यह लग रहा है कि साहा की तरह उनके करियर का भी अंत आ गया है। पश्चिम बंगाल के लिए खेलने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा इस सीजन रणजी ट्रॉफी से पहले ही अपना नाम वापस ले चुके हैं। अब लग रहा है कि इशांत भी इस सीजन इस घरेलू सीजन से दूर ही दिखेंगे। इससे माना जा रहा है कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट में बदलाव का दौर शुरु हो गया है।सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे अपनी-अपनी घरेलू टीमों के लिए खेलेंगे। लेकिन अगर दोनों ही खिलाड़ी जल्दी ही बड़ी पारियां नहीं खेल पाए तो फिर वे दोनों भी श्रीलंका के खिलाफ आगामी घरेलू टेस्ट सीरीज से बाहर दिख सकते हैं।

शांत लहर 'संपादकीय'

शांत लहर    'संपादकीय' 
राजनीति के भेद ना समझेंं, और जो कुछ रहा अभेद। 
धन-मान गया, चली गई प्रतिष्ठा, स्वास में हो गये छेद।। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर आज भी बरकरार है, वर्तमान में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है। आज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण का मतदान किया जा रहा है। लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को सबसे अहम माना जाता है। विधान सभा चुनाव 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के कारण कई ऐसे चेहरे विधानसभा पहुंच गए। जो अपनी छवि, समाज के प्रति की गई सेवा और स्वयं की विशेषता से कभी भी इस प्रकार लोकप्रियता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। 
भाजपा के लिए बौखलाहट में लिया गया निर्णय दुष्परिणाम का करण बना। अकर्मण्य, कर्तव्य विमुख और झगड़ा करने वाला व्यक्ति लोकप्रियता कैसे प्राप्त कर सकता है ? वह स्वयं समस्याएं उत्पन्न करता रहता है और उन विपत्तियों के भय से भयभीत रहता है। दलगत विचारों के विरुद्ध अन्य विषय में संलिप्त रहता है। और अंत में अपने भविष्य को स्वयं गर्त में रख देता है। ऐसी स्थिति में तो यही कहा जाएगा लहर शांत हो गई है। प्रथम चरण के मतदान में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर 2.27 करोड़ मतदाता, मतदान कर प्रत्याशियों के भाग्य बदलेगें। 
पश्चिम में मतदाताओं की प्रतिक्रिया भाजपा के प्रति अनुकूल नहीं है। भाजपा के कई प्रत्याशियों की हार सुनिश्चित हो चुकी है। इसमें आप लोग ध्रुवीकरण, एकीकरण या इसके अलावा भाजपा अथवा प्रत्याशी के प्रति जनता में रोष समझे। किंतु यह बात सत्य है, सहयोग से लहर में बने विधायक को क्षेत्र में छवि सुधारने और स्वयं को स्थापित करने का बढ़िया मौका तो मिला। लेकिन उसका सही उपयोग नहीं किया गया। परिणाम स्वरूप बागपत स्थित छपरौली विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के साथ भीड़ के द्वारा अशोभनीय व्यवहार किया गया। लोनी से भाजपा प्रत्याशी के पुत्रों पर नारी शक्ति से अभद्र व्यवहार का आरोप निर्दलीय प्रत्याशी व पुत्रियों के द्वारा लगाया जाना। यह सब भाजपा से इतना ताल्लुक नहीं रखता है। जितना स्वयं की छवि और व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। यह सब तो ऐसा लग रहा है जैसे अध्ययन पूर्व ही परीक्षा पत्र हल करना। इसमें पार्टी का क्या दोष है ? यह तो स्वयं पर ही निर्भर करता है। जितनी अधिक निराई-गुड़ाई होती है। फसल उतनी ही सुंदर लहराती है। 
राधेश्याम  'निर्भयपुत्र'

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...