शनिवार, 4 सितंबर 2021

यूपी: बाढ़ के पानी में डूबने से मां-बेटी की मौंत हुईं

हरिओम उपाध्याय           
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बांसगांव क्षेत्र में बाढ़ के पानी में डूबने से मां-बेटी की मौत हो गयी। इसके अलावा अलग अलग थाना क्षेत्रों में दो अन्य के शव पाये गये।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि बांसगांव थाना क्षेत्र के परसौना गांव में शुक्रवार देर शाम कंचन (26) अपनी छह माह की बेटी को शौचालय की टंकी पर बैठाकर शौच साफ कर रही थी कि बच्ची उसके हाथ से फिसल कर टंकी के पास बाढ के पानी में डूब गयी। कंचन शोर मचाये बगैर बच्ची की जान बचाने के लिये पानी में कूद गयी। इस हादसे में मां बेटी की मौत हो गयी।
जिले के खजनी थाना क्षेत्र के भीटी खोरिया गांव निवासी सतीश पान्डेय (50) की आमी नदी में स्नान करने के दौरान गहरे पानी में फिसल जाने के कारण डूबकर मृत्यु हो गयी वहीं सहजनवा क्षेत्र के डुमरिया बाबू बांध के सिसयी रेगुलेटर के पास पानी में उतराता एक व्यक्ति का शव मिला है जिसकी शिनाख्त के प्रयास किये जा रहे हैं।


एससी में जजों की कमी के बीच बड़ा फैसला लिया

अकांशु उपाध्याय       
नई दिल्ली। देश के उच्च न्यायालयों में जजों की कमी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने 12 उच्च न्यायालयों में पदोन्नति के लिए 68 नामों की सिफारिश की है। जजों के नामों को लेकर कॉलेजियम की 25 अगस्त और 1 सितंबर को बैठक हुई थी। खास बात यह है कि जज बनाए जाने के लिए सिफारिश किए गए नामों में 10 महिलाएं भी शामिल हैं।
चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस एम खानविलकर की तीन सदस्यीय कॉलेजियम की तरफ से 12 हाईकोर्ट के लिए जजों के नामों की सिफारिश की गई है। इनमें इलाहाबाद, राजस्थान, कलकत्ता, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, मद्रास, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब और हरियाणा, केरल, छत्तीसगढ़ और असम का नाम शामिल है। अगस्त और सितंबर की शुरुआत में हुई दो बैठकों में कॉलेजियम ने 112 उम्मीदवारों के नाम पर विचार किया था।
इनमें 88 बार से थे और 31 न्यायिक सेवा के थे। 12 उच्च न्यायालयों के लिए सिफारिश नामों में से 44 बार से हैं, जबकि 24 न्यायिक सेवाओं में से हैं। अनुसूचित जनजाति से आने वाली महिला न्यायिक अधिकारी मार्ली वांकुंग के नाम की सिफारिश गुवाहाटी हाई कोर्ट के जज के लिए की गई है। मिजोरम से हाईकोर्ट की पहली महिला जज होंगी। साथ ही कॉलेजियम ने विचार किए गए नामों में शामिल 16 उम्मीदवारों के बारे में और जानकारी मांगी है।

सिद्धार्थ की अचानक मौत ने सभी को सन्न किया

कविता गर्ग           
मुबंई। मनोरंजन जगत के चमकते सितारे सिद्धार्थ शुक्ला की अचानक मौत ने सभी को सन्न कर दिया है। 40 साल की उम्र में हार्ट अटैक से सिद्धार्थ के निधन पर किसी का भी यकीन कर पाना मुश्क‍िल है। टीवी इंडस्ट्री से लेकर बॉलीवुड के बड़े बड़े सितारों तक ने उन्हें श्रद्धांजल‍ि दी है। किसी ने दो शब्द जाह‍िर किए तो किसी ने मौन रहकर अपने दुख को जाह‍िर किया।
एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा भी सिद्धार्थ शुक्ला के निधन से आहत हुई हैं, पर सिद्धार्थ की मौत के बाद उनपर चली खबरों पर उन्होंने अपना गुस्सा भी दिखाया है। अनुष्का ने स्टैंड अप कॉमेड‍ियन और यूट्यूबर जाक‍िर खान के पोस्ट को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर कर नाराजगी जताई है।
जाक‍िर खान ने अपने पोस्ट में लिखा 'वो तुम्हें इंसान नहीं समझते इसल‍िए नहीं है कोई लाइन....ना कोई बाउंड्रीज हैं, तुम्हारी लाश उनके लिए कोई रूह निकला हुआ जिस्म नहीं, बस तस्वीर लेने का एक और मौका है, जितनी हो सके...ये वैसा है जैसे, दंगों में किसी जलते घर में से बर्तन चुराने की कोश‍िश करना। क्योंकि उनके इसके बाद, तुम क्या ही काम आओगे, ज्यादा से ज्यादा 10 तस्वीरें, 5 खबरें, 3 वीड‍ियोज, 2 स्टोरीज। 1 पोस्ट और बस खत्म। इसल‍िए तुम्हारी मौत तमाशा ही रहेगी। रोती मां भी तमाशा, गम से टूटा हुआ बाप तमाशा, बेसुध बहन, हिम्मत हारे हुए भाई, तुमसे मोहब्बत करता हर इंसान उनके लिए बस तमाशा है।

एसबीआई ने अपने खाताधारकों को अलर्ट किया

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक आफॅ इंडिया ने अपने खाताधारकों को अलर्ट किया है। एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि आज से बैंकिंग समेत 7 तरह की सेवाएं आज से बंद हो गई है। वहीं बताया है कि ये सर्विसेज कब से शुरू हो जाएगी।
एसबीआई ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए कहा कि ‘4 सितंबर की रात 11:35 बजे से 5 सितंबर को 01:35 बजे तक मेंटेन‍ेंस गतिविधियां चलेंगी. इस दौरान इंटरनेट बैंकिंग, योनो , योनो लाइट , योनो बिजनेस और आईएमपीएस और यूपीआई सेवाएं उपलब्‍ध नहीं रहेंगी।
ऐसे में अगर आप बैंकिंग से जुड़े कुछ काम निपटाने के बादे में सोच रहे हैं। तो बिना देरी कर आज ही काम को पूरा ले वरना आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि इससे पहले भी 16 और 17 जुलाई के लिए भी एसबीआई ने ऐसा ही अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद रात 10 बजकर 45 मिनट से देर रात 1 बजकर 15 मिनट तक (150 मिनट) के लिए ये सेवाएं उपलब्ध नहीं थीं।

नए सिरे से डीपीसी कराए जाने के आदेश पर रोक

दुष्यंत टीकम          
रायपुर। छत्तीसगढ़ बिलासपुर हाईकोर्ट ने राज्य शासन के 7 प्रमुख अफसरों के नए सिरे से डीपीसी कराए जाने के आदेश पर रोक लगा दिया है। आगामी आदेश तक उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जा सकता है। इन अधिकारियों के प्रमोशन को केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। दरअसल साल 2003 में आयोजित पीएससी परीक्षा के बाद तूलिका प्रजापति, फरिहा आलम सिद्दीकी, चन्दन त्रिपाठी, जयश्री जैन, प्रियंका थवाईत, दीपक अग्रवाल समेत 7 लोगों का चयन उप जिला कलेक्टर पद पर हुआ था। इनको पिछले साल प्रमोशन दिया गया था. एक अभ्यर्थी हिना नेताम ने प्रमोशन प्रक्रिया को केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में चुनौती दी थी। केट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य लोकसेवा आयोग को दोबारा इन पदों के लिए डीपीसी कराने का आदेश दिया था।

सीएम के विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ हुआ

मिनाक्षी लोढी         
कोलकाता। प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विधानसभा पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की खाली पड़ी विधान सभा सीटों में से तीन और ओडिशा की एक सीट पर 30 सितंबर को उपचुनाव कराने का ऐलान किया है। बंगाल में भवानीपुर, शमशेरगंज और जंगीपुर सीटों पर उपचुनाव होंगे। वहीं, ओडिशा की पीपली सीट पर भी उपचुनाव कराया जा रहा है। इन सीटों पर आज से ही चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।


प्रदेश प्रभारी के बयान को नफ़रत का प्रमाण बताया

दुष्यंत टीकम                    
रायपुर। बस्तर में आयोजित भाजपा के चिंतन शिविर के अंतिम दिन जबकि चिंतन शिविर बस्तर के संभागीय सम्मेलन में परिवर्तित हो गया था और प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने विवादित बयान दे दिया था। उस बयान पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तीखा पलटवार करते हुए उस बयान को छत्तीसगढ़ी अस्मिता से जोड़ते हुए बयान को छत्तीसगढ़ से नफ़रत का प्रमाण बताया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव भवन में पत्रकारों से कहा "पुरंदरेश्वरी ने कहा था कि थूक देंगे तो मंत्रिमंडल बह जाएगा,छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की ज़मीन है। यहाँ महिलाएं पूजी जाती हैं। इसलिए मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाह रहा लेकिन मैं ये जरुर कहना चाहता हूँ मैं मुख्यमंत्री बाद में हूँ पहले किसान हूँ। इसलिए उन्होने हम पर नहीं किसानों पर थूकने की बात कही है। ये किसानों से कैसी घृणा करते हैं ये उजागर करता है।अनुसूचित जाति जनजाति से कैसी घृणा करते हैं यह बयान इसे उजागर करता है" मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा "यह बयान छत्तीसगढ़ से नफ़रत को ज़ाहिर करता है,हम इसे बर्दाश्त न
हीं कर सकते, इस बयान का तीन दिन बाद भी भाजपा की ओर से कोई खंडन नहीं आया है, इससे साफ़ है कि पूरी भाजपा किसानों से नफ़रत करती है,समूचे छत्तीसगढ से घृणा करती है, मैं इस बयान का विरोध करता हूँ" इसके पहले मुख्यमंत्री बघेल ने भाजपा के बस्तर में आयोजित चिंतन शिविर को लेकर यह कहते हुए सवाल उठाया "बस्तर में चिंतन शिविर आयोजित हुआ लेकिन उनके ऐजेंडे में नक्सल समस्या शिक्षा रोजगार जैसे मुद्दे नहीं थे,उनके शिविर में ऐजेंडा था कि ओबीसी वर्ग को कैसे साधना है सत्ता में कैसे आना है।

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया

कांग्रेस ने सिर्फ 'भारत' को डराने का काम किया  इकबाल अंसारी  कंधमाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस ...