सोमवार, 19 जुलाई 2021

पीएम के पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया: एससी

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक याचिकाकर्ता से कहा कि वह कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कथित तौर पर निंदात्मक पोस्टर लगाने के कारण गिरफ्तार लोगों और ऐसे मामलों के बारे में शीर्ष न्यायालय को जानकारी दे।
न्यायालय ने कहा कि वह पुलिस को केंद्र की टीकाकरण नीति की आलोचना करने वाले पोस्टर लगाने पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के संबंध में व्यापक आदेश नहीं दे सकता है। 
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने याचिकाकर्ता प्रदीप कुमार यादव को ऐसे मामलों की जानकारी जुटाने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया और कहा कि अखबारों की खबरों पर निर्भर रहने के बजाए। उन्हें इस संबंध में जानकारी स्वयं एकत्रित करनी चाहिए थी।
यादव ने कहा कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और लक्षद्वीप में ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं और पुलिस को ऐसे मामलों में प्राथमिकी की प्रति याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया जाए। इस पर पीठ ने कहा, ”अखबार हम भी पढ़ते हैं। लक्षद्वीप का विवाद कुछ अलग था। उसमें महिला को केरल उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत दे दी है। इस मामले में उस विवाद को लाने की जरूरत नहीं है। दिल्ली और अन्य स्थानों पर कौन से मामले दर्ज हुए हैं, आप उनके बारे में बताएं। न्यायालय ने पुलिस के लिए निर्देश जारी करने से इनकार करते हुए कहा कि यह उन्हें नोटिस जारी करने के समान होगा। इसके साथ ही न्यायालय ने मामले को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोविड रोधी टीकाकरण के सिलसिले में कथित तौर पर मोदी की आलोचना करने वाले पोस्टर लगाने के कारण दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकियों को रद्द किया जाए। याचिका में कहा गया कि 19 वर्षीय युवक, 30 वर्षीय ई-रिक्शा चालक और 61 वर्षीय कारीगर समेत 25 लोगों को दिल्ली पुलिस ने टीकाकरण अभियान के सिलसिले में कथित तौर पर प्रधानमंत्री के निंदात्मक पोस्टर लगाने के लिए गिरफ्तार किया है।

नेता सिद्धू को पीपीसीसी का प्रमुख नियुक्त किया

राणा ओबराय                  
चंडीगढ़। चंडीगढ़ कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की पंजाब इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर शीर्ष नेतृत्व का आभार जताते हुए सोमवार को कहा कि वह राज्य में पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए और अधिक काम करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू को रविवार रात पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) का प्रमुख नियुक्त किया। 
सिद्धू ने सुनील जाखड़ की जगह ली है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के विरोध के बावजूद सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
सिद्धू ने ट्वीट किया, ”आज से हम सभी को एक ही सपने के लिए आगे बढ़कर काम करना और पंजाब में कांग्रेस के अजेय किले को मजबूत करना है। मैं माननीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का विशेष रूप से आभारी हूं कि उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी।पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष सिद्धू ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘जीतेगा पंजाब’ के मिशन को पूरा करने के लिए मैं पंजाब में कांग्रेस परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ मिलकर काम करूंगा। हमारा उद्देश्य कांग्रेस आलाकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे और पंजाब मॉडल के जरिए लोगों की शक्ति को उन्हें वापस लौटाना है। मेरा सफर अभी शुरू हुआ है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अगले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सिद्धू के साथ चार कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति की है। ये नियुक्तियां पार्टी में आंतरिक कलह के बाद हुईं है जिससे पार्टी की प्रदेश इकाई सिंह और सिद्धू के प्रति निष्ठा रखने वाले गुटों में विभाजित हो गई।पंजाब इकाई के नये कार्यकारी अध्यक्ष हैं। संगत सिंह गिलजियां, सुखविंदर सिंह डैनी, पवन गोयल, कुलजीत सिंह नागरा। ये सभी विभिन्न क्षेत्रों एवं जातियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सिद्धू ने टि्वटर पर अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ”केवल कुछ लोगों के बीच नहीं बल्कि सभी के साथ समृद्धि, विशेषाधिकार और स्वतंत्रता साझा करने के लिए मेरे पिता जोकि कांग्रेस के एक कार्यकर्ता थे, उन्होंने एक शाही जिंदगी छोड़कर देश के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। उन्हें उनके देशभक्ति कार्यों के लिए मौत की सजा दी गई थी, किंग्स एमनेस्टी से राहत मिली और वह डीसीसी अध्यक्ष, विधायक, एमएलसी और महाधिवक्ता बने।

नकवी को राज्यसभा का उप नेता नियुक्त किया गया

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा का उप नेता नियुक्त किया गया है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। माना जाता है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता नकवी संसदीय मामलों पर अच्छी पकड़ रखते हैं। वह विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ अच्छे संबंध एवं समन्वय के लिए भी जाने जाते हैं।
इससे पहले उच्च सदन में उप नेता की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के पास थी जिन्हें पिछले दिनों राज्यसभा का नया नेता नियुक्त किया गया है। गोयल से पहले थावर चंद गहलोत नेता सदन थे। हालांकि मंत्रिपरिषद विस्तार से ठीक पहले उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल नियुक्त किया गया।

इस्लामिक सेन्टर ऑफ इंडिया ने एडवाइजरी जारी की

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। कोविड-19 को और अधिक फैलने से रोकने के लिए ईद उल अज़हा के अवसर पर इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल एडवाइजरी जारी की। अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षा के उपायों और सरकार के बन्दोबस्त के तहत ये एडवाइजरी बनाई गई है। 
इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली बताया की ईद के दिन गुस्ल करना, अच्छे कपड़े पहनना, खुशबू तेल, और सुर्मा लगाना सुन्नत है। इस लिए इन चीज़ों का एहतिमाम किया जाए। ईदगाहों और मस्जिदों में ईद उल अज़हा की जमात में प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ 50 लोग ही नमाज़ अदा करें। नमाज़ में भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ख्याल रखें। 
उन्होंने बताया कि ईद की नमाज़ के बाद खुतबा पढऩा सुन्नत है। अगर किसी को खुतबा याद न हो और खुतबे की कोई किताब भी न हो तो वह पहले खुतबे में सूरह फातिहा और सूरह अखलास़ पढ़े और दूसरे खुतबे में दुरूद शरीफ के साथ कोई दुआ अरबी में पढ़े।

पश्चिम बंगाल के एक सांसद को 'बांग्लादेशी' बताया

अकांशु उपाध्याय       
 नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस ने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए पश्चिम बंगाल के एक सांसद को सोमवार को कथित तौर पर ”बांग्लादेशी” बताया और इस बारे में सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। इस मुद्दे पर हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के जिन सहयोगियों की सूची आज सदन के पटल पर रखी है ”उनमें एक राज्यमंत्री कथित तौर पर बांग्लादेशी” हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में एक नोटिस दिया है। खड़गे ने कहा, ”वह बांग्लादेशी हैं या नहीं, यह जानने को मुझे पूरा अधिकार है।” 
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध किया। सदन के नेता पीयूष गोयल ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को ”बेबुनियाद” करार दिया और इसमें सच्चाई नहीं होने का दावा करते हुए उपसभापति हरिवंश से इसे सदन की कार्यवाही से बाहर निकालने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ”जिस प्रकार की बेबुनियाद बातें सदन में रखने की कोशिश की जा रही है, उसकी हम घोर निंदा करते हैं। इसमें सत्यता नहीं है।” उन्होंने विपक्षी सदस्यों पर समाज के एक वर्ग विशेष को अपमानित करने का आरोप लगाया और उपसभापति से विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए विषय को कार्यवाही में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया। इसके जवाब में हरिवंश ने कहा, ”इसका परीक्षण किया जाएगा।

'किसानों' का एक जत्था प्रतिदिन संसद मार्च करेगा

अश्वनी उपाध्याय               
गाजियाबाद। मानसून सत्र के दौरान रोजाना किसानों का एक जत्था संसद मार्च करेगा। हर जत्थे में दो सौ किसान शामिल होंगे। संयुक्त मोर्चा में शामिल सभी 40 किसान संगठनों की संसद में मार्च में बराबर की हिस्सेदारी होगी। हर संगठन से रोजाना पांच सदस्य संसद मार्च में शामिल होंगे। इन पांच सदस्यों में एक टीम लीडर होगा जो अपनी टीम के प्रति पूरी तरह जबाबदेह और उत्तरदायी होगा।
संसद मार्च के लिए जाने वाले सत्याग्रहियों का चुनाव पूरी तरह जांच परख के बाद किया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा आधार कार्ड के आधार पर विशेष पहचान पत्र जारी किए जा रहे हैं। इस संबंध में पूरी जानकारी दिल्ली पुलिस के साथ बैठक में उपलब्ध करा दी गई है। मानसून सत्र के दौरान रोजाना दो सौ किसानों का जत्था संसद पर पहुंचेगा और शाम को वापस लौट जाएगा। अगले दिन दूसरा जत्था संसद पहुंचेगा।

बकरीद के मौके पर लॉकडाउन में ढील देने का ऐलान

तिरूवंतपुरम। कोरोना संक्रमण का खतरा न टलने के बावजूद केरल सरकार ने बकरीद के मौके पर लॉकडाउन में ढील देने का ऐलान किया है। केरल सरकार के इस फैसले से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आपत्ति दर्ज की है और उसने साफ कहा है कि अगर केरल सरकार ने बकरीद पर लॉकडाउन में रियायत देने का आदेश वापस नहीं लिया तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होगा। बता दें कि केरल अभी भी उन राज्यों में से एक है जहां हर दिन कोरोना के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हो रहे हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने अपने बयान में कहाकोरोना मामलों में इजाफे के बीच केरल सरकार का इस तरह का फैसला दुखी करने वाला है। जब जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे कई उत्तरी राज्यों ने सार्वजनिक सुरक्षा के मद्देनजर परंपरिक और लोकप्रिय तीर्थ यात्राओं को रोक दिया है, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केरल के विद्वान राज्य ने ऐसा निर्णय लिया है। गौरतलब है कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने शनिवार को ऐलान किया था कि बकरीद के मौके पर राज्य में लगे लॉकडाउन के प्रतिबंधों में छूट दी जाएगी। 
इस बुधवार को होने वाली ईद के लिए रविवार से यह छूट तीन दिन के लिए दी गई है। इस दौरान कपड़े, जूते-चप्पल की दुकान, ज्वैलरी की दुकान, गिफ्ट आइटम की दुकान, घर के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोर और रिपेयरिंग सेंटर को खोलने की मंजूरी दी गई है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने फिल्मों की शूटिंग और पूजा स्थलों को भी लॉकडाउन संबंधित छूट देने की घोषणा की है। इसको लेकर विजयन ने तर्क दिया कि प्रतिबंध चाहे कितना भी सीमित क्यों न हो, बड़ी आर्थिक और सामाजिक समस्याएं पैदा कर रहे हैं और इसलिए कोरोना के रोजाना सामने आ रहे मामलों को ध्यान में रखते हुए कुछ रियायतें दी जा रही है।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...