शुक्रवार, 25 जून 2021

जन्म स्थान की यात्रा के लिए सफर करेंगे, 'राष्ट्रपति'

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज (25 जून) उत्तर प्रदेश में अपने जन्म स्थान कानपुर की यात्रा के लिए ट्रेन में सफर करेंगे। इस दौरान वह अपने स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों के साथ मुलाकात करेंगे। 15 साल बाद कोई राष्ट्रपति ट्रेन में सफर करेगा। इससे पहले साल 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने ट्रेन में सफर किया था। 
वह भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के कैडेट की पासिंग आउट परेड में शरीक होने के लिए स्पेशल ट्रेन से दिल्ली से देहरादून गए थे। उनसे पहले भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने ट्रेन से यात्रा करने का रिकॉर्ड बनाया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ट्रेन यात्रा का शेड्यूराष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी।
हालांकि वह पहले भी यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका। कोविंद 25 जून को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन पर विशेष ट्रेन से कानपुर के लिए रवाना होंगे। बयान में कहा गया है कि ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रुरा दो जगह रुकेगी, जहां राष्ट्रपति स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों से मुलाकात करेंगे। बयान के मुताबिक ये दोनों जगह कानपुर देहात में राष्ट्रपति के जन्मस्थान परौंख गांव के निकट हैं। 
यहां 27 जून को उनके सम्मान में दो समारोहों का आयोजन किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि उसके बाद कोविंद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की दो दिवसीय यात्रा के लिए 28 जून को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से ट्रेन में रवाना होंगे। 29 जून को वह स्पेशन उड़ान से नई दिल्ली लौटेंगे।प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बनाया था रिकॉर्ती भारतीय ट्रेन से सबसे अधिक यात्रा करने का रिकॉर्ड भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम दर्ज है। उन्होंने तीन दिन की यात्रा राष्ट्रपति की स्पेशल ट्रेन की थी। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी अपने पैतृक गांव की यात्रा दिल्ली से छपरा के लिए की थी। डॉ. प्रसाद का जन्म बिहार के सिवान जिले के जीरादेई में हुआ था।

नीम करौली बाबा मन्दिर को लोगों के दर्शनार्थ खोला

पंकज कपूर                
नैनीताल। कोविड कर्फ्यू के दौरान दर्शनार्थियों के लिए लम्बे समय से बन्द आस्था के प्रतीक नीम करौली बाबा मन्दिर को लोगों के दर्शनार्थ खोल दिया गया है। जानकारी देते हुये जिलाधिकारी धीराज सिह गर्व्याल ने बताया कि कोरोना की दूूसरी लहर के चलते संक्रमण को रोकने के लिए एतिहातिक तौर पर मन्दिर मे दर्शनार्थियों के प्रवेश को रोकने के उददेश्य से मन्दिर को बन्द किया गया था। उन्होने बताया कि कोरोना का संक्रमण मे काफी गिरावट आयी है।
जिसको दृष्टिगत रखते हुये नीम करौली बाबा मन्दिर एवं आश्रम मे दर्शनार्थियांं के प्रवेश पर लगी रोक हटा दी गई है तथा विगत मंगलवार से मन्दिर मे प्रवेश की अनुमति दे दी गई है। जिसके चलते दर्शनार्थी मन्दिर मे जा रहे है। उन्होने बताया कि कैची धाम मन्दिर भवाली मे कोविड 19 महामारी के दृष्टिगत सामाजिक दूरी के अनुपालन के लिए निर्धारित दूरी पर गोले बनवाये गये हैं। दर्शन को आने वाले लोग इन गोलों मे खडे किये जा रहे है जिससे सामाजिक दूरी के मानक का अनुपालन किया जा रहा है। 
इसके साथ मन्दिर परिसर में आने वालों को सेनेटाइज किया जा रहा है तथा मास्क लगाने की अनिवार्यता का भी अनुपालन किया जा रहा है। बिना मास्क के कैची धाम परिसर मे अनुमति नही है।
जिलाधिकारी ने कैची धाम आने वाले श्रद्वालुओं से अपील की है कि वह अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर धाम मे प्रवेश करें तथा सामाजिक दूरी का अनुपालन भी सुनिश्चित करें।

धन शोधन के केस की जांच के सिलसिले में तालाशी ली

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में नागपुर तथा मुंबई में स्थित उनके परिसरों पर शुक्रवार को तलाशी ली। अधिकारियों ने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापे मारे गए और देशमुख के नागपुर में स्थित आवास पर भी छापे मारे गए। अभी यह पता नहीं चला है कि क्या देशमुख (71) आवास में मौजूद थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने सीबीआई की एक प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद पिछले महीने देशमुख (71) और अन्य के खिलाफ धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक मामला दायर करने के बाद प्रारंभिक जांच की थी जिसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए कहा था। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी लेने वाले दल अतिरिक्त सबूत की तलाश कर रहे हैं। जो उनकी जांच में अहम हो सकते हैं। एजेंसी की जांच उस आरोप पर केंद्रित है कि महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों के तबादलों, नियुक्तियों में अवैध निधि अर्जित की गई और क्या पुलिसकर्मियों से अवैध वसूली ईडी के पास जांच के स्तर के दौरान आरोपियों की संपत्तियां कुर्क करने और मुकदमे के लिए पीएमएलए अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की शक्तियां हैं। 
मुंबई में कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के पास एक एसयूवी मिलने की जांच के दौरान पुलिसकर्मी सचिन वाजे की भूमिका सामने आने के बाद सिंह को पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था। इस एसयूवी में विस्फोटक सामग्री रखी मिली थी।
पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि देखमुख ने वाजे से मुंबई के बार और रेस्त्रां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने के लिए कहा था। राकांपा नेता देशमुख उस वक्त ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में गृह मंत्री थे। उन्होंने इन आरोपों के बाद अप्रैल में इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने भी 21 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पूर्व मंत्री के मुंबई तथा नागपुर में स्थित आवासों पर छापे मारे थे। उच्च न्यायालय ने इस मामले में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। गई जैसा सिंह ने अपनी शिकायत में दावा किया है।

यूपी-दिल्ली और राजस्थान के लिए रफ्तार भरेंगी बस

पंकज कपूर                   
देहरादून। कोरोना के मामले कम होने के बाद सभी गतिविधियां पटरी पर आ चुकी है। ऐसे में जल्द ही प्रदेश की रोडवेज बसें यूपी, दिल्ली और राजस्थान के लिए रफ्तार भरने लगेंगी। प्रदेश सरकार की यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से वार्ता के बाद इस पर मुहर लग गई है। बस दो से तीन दिन में आदेश जारी होते ही अंतरराज्यीय बसों को हरी झंडी दिखा दी जाएगी।कोरोना के मामले बढऩे पर उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराज्यीय बस संचालन पर अप्रैल में रोक लगा दी थी। 
इसके कारण उत्तराखंड का उत्तर प्रदेश और दिल्ली समेत बाकी राज्यों से बस संचालन बंद हो गया था। बस संचालन दोबारा से शुरू करने के लिए परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने गुरुवार शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर वार्ता की, जिस पर मंजूरी हो गई है। परिवहन मंत्री ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में उत्तर प्रदेश सरकार आदेश जारी कर देगी। 
वहीं, पिछले साल से ही पहले लॉकडाउन और अब कोविड कफ्र्यू की वजह से रोडवेज बसों का संचालन बार-बार रुकने से परिवहन निगम करीब 520 करोड़ रुपये के घाटे में चला गया है। इससे निगम पर चार माह का वेतन भी लंबित है। वर्तमान में अंतरराज्यीय बस संचालन पूरी तरह बंद है और सूबे के अंदरूनी मार्गों पर रोजाना महज 150 बसों का संचालन हो रहा है। इनमें भी यात्रियों की संख्या 50 फीसद से कम है। निगम को डीजल का खर्च भी नहीं मिल रहा। रोडवेज की आर्थिक स्थिति को सुधारने को लेकर परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने गुरूवार शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की। परिवहन मंत्री ने उन्हें बताया कि उत्तर प्रदेश रोडवेज की बसें उत्तराखंड की सीमा तक आ रहीं, मगर उत्तराखंड की बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं दिया जा रहा। चूंकि, उत्तराखंड रोडवेज की ज्यादातर बसें उत्तर प्रदेश की सीमा से होकर गुजरती हैं, इस वजह से दिल्ली, राजस्थान, पंजाब व हरियाणा के लिए भी बस संचालन नहीं हो पा रहा। 
इसके अलावा उत्तर प्रदेश द्वारा रोडवेज की परिसंपत्तियों के बंटवारे पर भी ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में तत्काल योगी आदित्यनाथ से दूरभाष पर वार्ता की। जिसमें बस संचालन अगले दो-तीन दिन में शुरू करने पर मंजूरी मिल गई। परिवहन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने परिसंपत्तियों के बंटवारे पर भी शीघ्र उचित हल निकालने का भरोसा दिया।

भारत: एक दिन में कोरोना के 51,667 नए मामलें मिलें

अकांशु उपाध्याय                  
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 51,667 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,01,34,445 हो गई। वहीं, नमूनों के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर कम होकर तीन प्रतिशत हो गई है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में 1,329 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,93,310 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 6,12,868 हो गई है। जो कुल मामलों का 2.03 प्रतिशत है। 
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मामलों में कुल 14,189 की कमी आई है। संक्रमण मुक्त हुए लोगों की संख्या लगातार 43वें दिन संक्रमण के नए मामलों से अधिक रही।देश में अभी तक कुल 2,91,28,267 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। मंत्रालय के अनुसार, कोविड-19 से मत्यु दर 1.31 प्रतिशत है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 96.66 प्रतिशत हो गई, जबकि नमूनों के संक्रमित आने की साप्ताहिक दर भी कम होकर तीन प्रतिशत हो गई है। नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 2.98 प्रतिशत है। यह पिछले 18 दिनों से पांच प्रतिशत से कम है। मंत्रालय की ओर से सुबह सात बजे जारी किए गए आंकडों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में 60.73 लाख लोगों को कोविड-19 रोधी टीके लगाए गए। 
अभी तक टीके की कुल 30.79 करोड़ खुराक लोगों को दी जा चुकी है। आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 39,95,68,448 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 17,35,781 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-314 (साल-02)
2. शनिवार, जून 26, 2021
3. शक-1984,अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:42, सूर्यास्त 07:16।
5. न्‍यूनतम तापमान -20 डी.सै., अधिकतम-39+ डी.सै.।
बरसात की संभावना
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गुरुवार, 24 जून 2021

अमेरिका के फैसले के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित

वाशिंगटन डीसी। क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के अमेरिका के फैसले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव का कुल 193 सदस्य देशों में से 184 ने समर्थन किया है। वहीं अमेरिका, इजरायल ने इसका विरोध किया है। इसके अलावा ब्राजील, कोलंबिया और यूक्रेन प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। वहीं चार देशों ने वोट ही नहीं किया। इन देशों में सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, म्यांमार, मोलडोवा और सोमालिया शामिल हैं। प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले अमेरिकी राजनयिक रोडनी हंटर ने बाइडेन प्रशासन का पक्ष रखते हुए कहा कि हमारा मतदान इसके खिलाफ है। इसकी वजह यह है कि अमेरिका मानता है कि लोकतंत्र और ह्यूमन राइट्स की रक्षा के लिए यह अहम है। क्यूबा को लेकर यह हमारी नीति का प्रमुख आधार रहा है।

अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि क्यूबा पर हमारी ओर से लगाए गए प्रतिबंध जारी रहेंगे। अमेरिका ने क्यूबा पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध हटाने को लेकर पूर्ववर्ती डोनाल्ड प्रशासन के विरोध को बरकरार रखते हुए और 2016 में बराक ओबामा प्रशासन के प्रतिबंध हटाने के सुझाव को मानने से इनकार करते हुए 29वें साल भी क्यूबा पर आर्थिक प्रतिबंध जारी रखा है। जिसकी इस प्रस्ताव में घोर निंदा की गई है। क्यूबा के विदेश मंत्री ब्रूनो रोड्रिगेज ने बाइडेन प्रशासन पर पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन की नीतियों के अनुसरण का आरोप लगाया।

कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबंध

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य देने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबंध है। समय आने पर राज्य को पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा।बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों की सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह बात कही। गृहमंत्री अमित शाह ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा हैं कि, "जम्मू कश्मीर पर आज की बैठक बहुत खुशनुमा माहौल में हुई हैं। 
बैठक में मौजूद सभी राजनेताओं ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की हैं। जम्मू कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाने की बात भी जोर देकर कही गयी हैं। हम जम्मू कश्मीर के चहुमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा , बैठक में जम्मू कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गयी और यह कहा गया कि परिसीमन प्रक्रिया तथा शांतिपूर्ण चुनाव पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किये जाने के महत्वपूर्ण पड़ाव हैं जिसका संसद में आश्वासन दिया गया था। 

8 वर्षीय बच्ची को मल्टीसिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस के एक संदिग्ध मामले में आठ साल की बच्ची को मल्टीसिस्टम इन्फ्लैमेटरी सिंड्रोम (एमआईएससी) होने का पता चला है। यह बीमारी कोविड-19 के संक्रमण के बाद होती है। अस्पताल प्राधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आम तौर पर यह बीमारी संक्रमण होने के तीन से छह हफ्तों बाद पैदा हो सकती है। 
डॉक्टरों ने बताया कि मौत होने से रोकने के लिए एमआईएस-सी का शुरुआती स्तर पर पता लगना महत्वपूर्ण है। यह शरीर में सूजन की प्रतिक्रिया के तौर पर प्रतिरक्षा तंत्र संबंधी बीमारी है जो आम तौर पर बच्चों में पायी जाती है। इसका अनियंत्रित होना घातक हो सकता है। अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘बच्ची को जून की शुरुआत में यहां अपोलो अस्पताल लाया गया। रक्तचाप, ऑक्सीजन के कम स्तर और नब्ज धीमी होने के कारण बच्ची की हालत गंभीर थी। वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं पायी गई लेकिन उसमें कोविड एंटीबॉडीज का उच्च स्तर पाया गया जिससे यह एमआईएस-सी का मामला बन गया।’’ 
अस्पताल के एक प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा संदेह है कि वह बिना लक्षण वाली, कोरोना वायरस की मरीज रही हो। बाल चिकित्सा गहन कक्ष में वरिष्ठ परामर्शक डॉ. नमीत जेराथ ने कहा, ‘‘बच्ची को वेंटीलेटर की बहुत ज्यादा आवश्यकता थी और ऑक्सीजन स्तर भी कम हो रहा था तो हमने फौरन उसे ईसीएमओ पर रखने का फैसला किया। उसकी हालत में धीरे-धीरे सुधार आया और एक हफ्ते बाद ही उसे ईसीएमओ से हटा दिया गया।’’ उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के बाद होने वाली बीमारी एमआईएस-सी बिना लक्षण या लक्षण के साथ होने वाले संक्रमण के तीन से छह हफ्तों बाद पैदा हो सकती है तथा मौत होने से रोकने के लिए शुरुआती स्तर पर इसका पता लगाना महत्वपूर्ण है। बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी में वरिष्ठ परामर्शक डॉ. मुथु ज्योति ने कहा कि यह बीमारी उन बच्चों में हो सकती हैं। 
जिनमें कोविड-19 के गंभीर लक्षण न रहे हों। बयान में कहा गया है कि एक हफ्ते तक अत्यधिक बुखार, पेट में दर्द, उल्टी और लगातार सिर में दर्द की शिकायत के बाद लड़की को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी हालत बिगड़ गयी। इसके बाद उसे यहां इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के बाल चिकित्सकों के पास भेजा गया।

कारवार नेवल बेस के 2 दिवसीय दौरे पर पहुंचे राजनाथ

अकांशु उपाध्याय                  
​नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह केरल के कोच्चि और कर्नाटक के कारवार नेवल बेस के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को पहुंचे हैं। उन्होंने कारवार में नौसेना के महत्वाकांक्षी 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत किये जा रहे विकास कार्यों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने कारवार में चल रहे बुनियादी ढांचे के विकास और कोच्चि में स्वदेशी विमान वाहक (आईएसी) के निर्माण की प्रगति के बारे में भी समीक्षा की। इसके बाद रक्षा मंत्री ने नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ कारवार में 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' का हवाई सर्वेक्षण किया। 
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज सुबह कारवार नेवल बेस पहुंचे। वेस्टर्न नेवल कमांड के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल आर. हरि कुमार और रियर एडमिरल महेश सिंह ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सीएनएस के साथ प्रोजेक्ट सीबर्ड के तहत चल रहे बुनियादी विकास कार्यों की समीक्षा की। इसके बाद उनके साथ 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' का हवाई सर्वेक्षण किया। रक्षा मंत्री नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ एक विशेष विमान से आज शाम 7.30 बजे कोच्चि के नौसेना वायु स्टेशन आईएनएस गरुड़ में पहुंचेंगे। रक्षा मंत्री अपने दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को सुबह 9.45 बजे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) जाकर आईएनएस विक्रांत के निर्माण की समीक्षा करेंगे। देश के पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का निर्माण इस समय तीसरे चरण में है। 
रक्षा मंत्री का यह दो दिवसीय दौरा विमानवाहक पोत के समुद्री ट्रायल में देरी होने के कारण किया जा रहा है। पोत को इस साल के पहले छह महीनों में समुद्र में उतारकर उसका परीक्षण किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण इस परीक्षण को टाल दिया गया था। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में सीएसएल की तरफ से किए बेसिन ट्रायल में विमानवाहक पोत पूरी तरह खरा उतरा था। नौसेना अध्यक्ष एडमिरल करमबीर सिंह ने तीन दिसम्बर 2019 को कहा था कि विक्रांत 2022 तक ही पूरी तरह कार्यशील हो पाएगा और इस पर मिग-29 के विमानों का बेड़ा तैनात होगा। इस दौरान राजनाथ सिंह दक्षिणी नौसेना कमान की विभिन्न प्रशिक्षण इकाइयों का दौरा करेंगे। अपनी दौरे के बाद केंद्रीय मंत्री शुक्रवार दोपहर तीन बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
भारतीय नौसेना के लिए यह सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है जिसके तहत भारत के पश्चिमी तट पर कारवार में एक नौसेना बेस का निर्माण किया जाना है। 3 बिलियन डॉलर का यह प्रोजेक्ट भारतीय नौसेना को पश्चिमी तट पर अपने सबसे बड़े नौसैनिक अड्डे और स्वेज नहर के पूर्व में सबसे बड़ा नौसैनिक आधार प्रदान करेगा। भारत के लिए सबसे बड़ी नौसैनिक बुनियादी ढांचा परियोजना में भारत के पश्चिमी तट पर कारवार में एक नौसैनिक अड्डे का निर्माण शामिल है। एक दशक तक चलने वाली परियोजना के दौरान अमेरिकी बहुराष्ट्रीय इंजीनियरिंग फर्म नए नेवल एयर स्टेशन के निर्माण सहित संपूर्ण कार्यों की योजना, डिजाइन, अनुबंध, निर्माण और स्वीकृति का प्रबंधन और देखरेख करेगी। 
नए और विस्तारित नौसैनिक परिसर में कई प्रमुख युद्धपोतों और पनडुब्बियों का विशेष डॉकयार्ड बनना है। यहां मरम्मत और रखरखाव सुविधाओं के साथ जहाजों और पनडुब्बियों के लिए नई तकनीकी रूप से उन्नत सुरक्षा और संचार प्रणाली होगी। नौसेना वायु स्टेशन में एक से अधिक रनवे, हैंगर, आवास सहित आयुध प्रबंधन क्षेत्र, सेवाएं, कार्मिक सहायता अवसंरचना आदि होंगी। समुद्री तट के साथ आंशिक रूप से पहाड़ी इलाके में स्थित इस परियोजना में कई तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण पहाड़ी इलाके में करना होगा। अमेरिकन कंपनी पर्यावरण में कम से कम व्यवधान सुनिश्चित करते हुए इस कार्य को करने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग करेगी।

राज्य द्वारा सुझाएं एहतियाती कदमों से आश्वस्त नहीं

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को आंध्र प्रदेश से कहा कि वह 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं कराने के लिए राज्य द्वारा सुझाए एहतियाती कदमों से आश्वस्त नहीं है और जब तक वह इस बात से संतुष्ट नहीं होता कि कोविड-19 के कारण किसी की मौत नहीं होगी। तब तक परीक्षाएं कराने की अनुमति नहीं दी जाएंगी। न्यायालय पीठ ने कहा, ‘‘परीक्षा के दौरान किसी की मौत होने के मामले में मुआवजे के पहलू को हमें देखना होगा। कुछ राज्यों ने कोविड के कारण होने वाली मौत के लिए एक करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है। हम उस पहलू के जरिए भी चीजों को देख सकते हैं।’’

शीर्ष अदालत कोविड-19 महामारी के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं न कराने के राज्य सरकारों को निर्देश देने का अनुरोध करने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायलाय ने परीक्षाओं के लिए कक्षाओं में 5,19,510 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था पर खास चिंता जतायी और कहा कि राज्य सरकार का कहना है कि एक कक्षा में अधिकतम 15 से 18 छात्र होंगे। पीठ ने कहा, ‘‘अगर आपके आंकड़ों पर चले तो हर कक्षा में 15 छात्रों के लिए आपको 34,644 कमरों की आवश्यकता होगी और अगर हम हर कक्षा में 18 छात्रों को बैठाने की बात करे तो आपको 28,862 कमरों की जरूरत होगी। हमें बताइए आप कहां से ये सभी कमरे लाएंगे।’’ न्यायालय ने नज्की से कहा, ‘‘केवल परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षाएं मत कराइए। यह सिर्फ पांच लाख छात्रों के परीक्षाएं देने की बात नहीं है बल्कि इस प्रक्रिया में प्रत्येक कक्षा के लिए 34,000 पर्यवेक्षकों समेत एक लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। आपको उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में भी सोचना होगा।’’

न्यायालय ने कहा कि राज्य को कोरोना वायरस की दूसरी लहर के असर को ध्यान में रखना चाहिए कि यह कितनी जल्दी फैली और अगर तीसरी लहर आती है तो वह इससे कैसे उबरेगा। पीठ ने कहा, ‘‘क्या आपके पास किसी आकस्मिक स्थिति से निपटने की योजनाएं हैं? अगर आप तीसरी लहर की चपेट में आ जाते हैं या कोई अवांछित स्थिति पैदा हो जाती है तो आप इससे कैसे निपटेंगे। हमने आपके हलफनामे में ऐसी कोई चीज नहीं देखी। यहां कोई भी कुछ साबित करने के लिए नहीं है। आपको छात्रों तथा शिक्षकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए।’’

नज्की ने कहा कि बड़ी दिक्कत यह है कि 10वीं कक्षा के छात्रों को केवल ग्रेड दिए गए और छात्रों के मूल्यांकन का कोई तंत्र नहीं है। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम आपकी परेशानी समझते हैं कि ग्रेड्स को अंकों में बदलने या छात्रों का मूल्यांकन करने में दिक्कत होगी। लेकिन हर समस्या के दस समाधान होते हैं। आपको विशेषज्ञों से बात करनी चाहिए। आप यूजीसी, सीबीएसई, सीआईएससीई या अन्य राज्यों और विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं तथा एक फॉर्मूला निकाल सकते हैं। कई राज्यों को दिक्कतें थीं लेकिन उन्होंने परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया।’’

शीर्ष अदालत ने इस पर भी चिंता जताई कि आंध्र प्रदेश ने परीक्षाओं या नतीजों के लिए कोई समयसीमा नहीं बतायी है और उसने राज्य को यह स्पष्ट करने के लिए कहा ताकि छात्रों के मन में कोई अनिश्चितता की स्थिति न हो। न्यायालय ने कहा, ‘‘आप चीजों को अनिश्चितता में नहीं रख सकते। अगर आप परीक्षा कराना चाहते हैं तो हमें कल तक एक ठोस योजना चाहिए। हम जानना चाहते हैं कि आपका कोविड प्रोटोकॉल प्रबंधन क्या है और आप कैसे इसे लागू करेंगे। आपको यह पता होना चाहिए कि कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर अलग है और विशेषज्ञों के अनुसार तीसरी लहर भी अलग होगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल में डेल्टा स्वरूप को लेकर सतर्क किया गया है।’’ उच्चतम न्यायालय ने नज्की को पूरी योजना बताते हुए शुक्रवार तक एक हलफनामा दायर करने को कहा और अदालत को यह आश्वस्त करने के लिए कहा कि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए उसके पास सभी आवश्यक संसाधन हैं। पीठ ने केरल के हलफनामे पर भी गौर किया जिसमें कहा गया कि उसने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं करा ली है और वह सितंबर में 11वीं कक्षा की परीक्षाएं भी कराएगा।

सोमवार को असम, त्रिपुरा और कर्नाटक सरकारों ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि उन्होंने महामारी के कारण 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। शीर्ष अदालत को 17 जून को बताया गया था कि 28 में से छह राज्यों ने बोर्ड परीक्षाएं करा ली है, 18 राज्यों ने परीक्षाएं रद्द कर दी है लेकिन चार राज्यों (असम, पंजाब, त्रिपुरा और आंध्र प्रदेश) ने अभी तक इन्हें रद्द नहीं किया है।

सरकार पर लोकतंत्र के खिलाफ कार्य करने का आरोप

कविता गर्ग              
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे की सरकार पर लोकतंत्र के खिलाफ कार्य करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि यह सरकार सभी मोर्चे पर विफल भी साबित हो रही है। फडणवीस ने कहा कि उद्धव सरकार की नाकामियों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अब आम जनता के बीच ले जाएगी।  फडणवीस गुरुवार को मुंबई में आयोजित भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सीटी रवि, सह प्रभारी ओमप्रकाश धुर्वे, जयभानसिंह पव्वैया आदि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। फडणवीस ने कहा कि राज्य में सरकार चल रही है या सर्कस; समझ में ही नहीं आ रहा है। 
सभी विभागों के मंत्री खुद को मुख्यमंत्री समझकर काम कर रहे हैं। इस तरह की स्थिति पिछले 60 साल में देखने को नहीं मिली। राज्य के हर विभाग में सिर्फ वसूली का काम जोरदार तरीके से चल रहा है। मुख्यमंत्री सहित राज्य के किसी भी मंत्री में मराठा आरक्षण और ओबीसी आरक्षण के लिए काम करने की इच्छाशक्ति नहीं है। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार आरक्षण के लिए केंद्र सरकार पर अनायास आरोप लगाकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। ओबीसी आरक्षण जब तक उनकी सरकार थी, तब तक लागू था। सर्वोच्च न्यायालय ने जो कागजात उद्धव ठाकरे की सरकार से मांगे थे, उसे समय पर नहीं दिया गया। इसी वजह से स्थानीय निकाय में मिलने वाला ओबीसी आरक्षण रद्द हो गया है। फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार की गलती की वजह से आज ओबीसी समाज स्थानीय निकाय में आरक्षण से वंचित हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल है। किसानों की समस्या, कोरोना काल में हुए भ्रष्टाचार, बिजली ग्राहकों की समस्या, महिलाओं पर होने वाले अत्याचार आदि मामले विधानमंडल के दोनों सदनों में उठाने की तैयारी भाजपा ने की थी लेकिन सरकार ने सिर्फ दो दिन का अधिवेशन आयोजित कर लोकशाही का दरवाजा ही बंद कर दिया है। 
भाजपा अब इन समस्याओं को लेकर आम जनता के बीच आवाज बुलंद करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि तीन दलों की महाविकास आघाड़ी सरकार को खुद पता नहीं है कि यह कितने दिन चलेगी। इसी वजह से इस सरकार में शामिल समर्थक दलों ने कमाई अभियान जारी रखा है। सरकार को आम जनता की कोई फिक्र नहीं है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री आशीष शेलार, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे, प्रदेश महासचिव श्रीकांत भारतीय, पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई भाजपा अध्यक्ष मंगलप्रभात लोढ़ा आदि उपस्थित थे। 

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