शनिवार, 22 मई 2021

हापुड़: पुलिस ने तपस्यारत बाबा को हिरासत में लिया

अतुल त्यागी               
हापुड़। हरियाणा पुलिस ने जनपद में तपस्या कर रहे बाबा को हिरासत में लिया। जनपद थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव फरीदपुर गोसाई में हरियाणा पुलिस ने दबिश दी। मामला दो 2 माह पूर्व थाना मधुबन जिला करनाल हरियाणा से नाबालिक लड़की अपने प्रेमी व प्रेमी के दोस्त के साथ थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव फरीदपुर गोसाई में तांत्रिक बाबा के पास आई तंत्र-मंत्र विद्या से अपनी शादी कराने के लिए परंतु प्रेमी व उसके दोस्त और महाराज अजय गिरी ने 3 दिन तक बंधक बनाकर नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया। जिसका मुकदमा मधुबन थाना जिला करनाल हरियाणा में दर्ज हुआ। हरियाणा पुलिस और हापुड़ पुलिस ने 3 घंटे तक तपस्या कर रहे महाराज की कुटिया घेर कर रखी तपस्या के उठने के बाद महाराज को गिरफ्तार किया गया।मधुबन थाने के एसआई मनजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया 11/ 2 / 2021 को नाबालिक लड़की अपने घर से अपने प्रेमी अमन पुत्र राजकुमार दोस्त अंकित पुत्र रामनिवास निवासी ऊंचा समाना थाना मधुबन जिला करनाल हरियाणा थाना सिंभावली क्षेत्र के गांव फरीदपुर में एक महाराज के कुटिया में 3 दिन तक बंधक रही।जिसके खिलाफ 363 366 365 120 बी का मुकदमा दर्ज है। नाबालिक लड़की की तहरीर के आधार पर किया गया महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया। जिसने नाबालिक लड़की के साथ तीन दिन तक हैवानियत की गई।

संक्रमण की रफ्तार हुई धीमी, 100 से भी कम मौत

रमेश कुमार   
रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज 4 हजार 943 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार बीते 24 घंटे में 9 हजार 867 मरीज डिस्चार्ज, स्वस्थ हुए हैं। वहीं दूसरी ओर 24 घंटे में 96 मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो गई। प्रदेश में अब तक 12391 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो चुकी है।
आज 4 हजार 943 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि होने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9 लाख 41 हजार 366 संक्रमित हो गई है। छत्तीसगढ़ में अब तक 8 लाख 52 हजार 529 मरीज स्वस्थ हुए हैं। नए मरीज मिलने और डिस्चार्ज होने के बाद अब सक्रिय मरीजों की संख्या 76446 हो गई है।

24 मई से 1 हफ्ते तक पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा

इकबाल अंसारी  
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राज्य में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए 24 मई से एक हफ्ते की अवधि तक पूर्ण लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है। स्टालिन ने चिकित्सा, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सभी पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श करने के बाद घोषणा की कि राज्य में एक हफ्ते की अवधि तक पूर्ण लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा। वर्तमान लॉकडाउन की अवधि 24 मई को समाप्त हो रही है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सोमवार से लागू होने वाले पूर्ण लॉकडाउन के मद्देनजर आज राज्य में सभी दुकानें शाम नौ बजे तक खुलेंगी और कल से इनका समय सुबह छह बजे से शाम नौ बजे तक होगा। शनिवार और सोमवार को सभी सार्वजनिक और निजी ट्रांसपोर्ट सेवाएं जारी रहेंगी।
लॉकडाउन की अवधि में फार्मेसी, मेडिकल स्टोर, वेटरनरी क्लीनिक, दूध, पानी और अन्य सामान की दुकानें तथा समाचार वितरण कार्यालय खुलेंगे। इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन में सब्जियों और अन्य सामान की दुकानें बंद रहेंगी लेकिन लोगों की जरूरतों को देखते हुए फलों तथा सब्जियों को चेन्नई शहर और अन्य जिलों में बागवानी विभाग और स्थानीय निकाय की मदद से बेचा जाएगा। सभी आवश्यक विभागों में राज्य सचिवालय से काम होगा लेकिन प्राइवेट फर्मा, बैंकों, बीमा कंपनियों, आईटी और आईटीईएस स्टाफ को घर से काम करने की अनुमति होगी।

इस अवधि में पेट्रोल पंप, एटीएम, कृषि सामानों को ले जाने वाले वाहनों तथा आवश्यक सामग्री को ढोने वाले वाहनों को छूट रहेगी। लोगों को एक जिले से दूसरे जिले में आवश्यक चिकित्सा कारणों और अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने के लिए ई-रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होगी लेकिन एक ही जिले में आने जाने के लिए यह आवश्यक नहीं होगा।

मिट्टी खाना आदत नहीं, बल्कि एक डिसऑर्डर है

बचपन में कई बच्चों को मिट्टी खाने की आदत होती है, लाख कोशिशों के बाद भी बच्चे जमीन से मिट्टी खोदकर या दिवारों से खुरचकर मिट्टी खाते है। लेकिन कुछ लोग बचपन की आदत समझकर इसे टाल देते हैं। लेकिन ऐसे परिजनों को ये समझना बहुत जरुर है कि बच्चे मिट्टी आदत की वजह से नहीं बल्कि एक डिसऑर्डर है। जिसे PICA के नाम से जाना जाता है। मिट्टी के अलावा अगर आपका बच्चा पेंट, प्‍लास्‍टर, चॉक, कॉर्नस्‍टार्च, साबुन या फिर ऐसी चीजें खाता तो तुरंत डॉक्‍टर से सलाह लेने की जरूरत है।
क्योंकि पीका डिसऑर्डर बच्‍चों में काफी आम समस्‍या है। लेकिन लोग इसपर ध्यान नहीं देता। एक स्‍टडी के मुताबिक 10 से 20 फीसदी बच्‍चे पीका डिसऑर्डर से कभी न कभी ग्रसित होते हैं। अमेरिकी वेबसाइट पिडियाट्रिकऑनकॉल.कॉम के मुताबिक बच्चों को डाटने की बजाय डॉक्‍टर से सलाह लेनी चाहिए।पीका डिसऑर्डर को लेकर डॉक्‍टरों का मानना है कि बच्‍चे में खून की कमी होने के कारण वो मिट्टी खाते है। इसलिए बच्चों को सिर्फ दूध ना दें। बच्चों की खुराक में अनाज, दाल या सब्जियों की कमी होने से भी यह दिक्कत देखी जाती है। वक्त रहते मिट्टी खाने की आदत है नहीं छुड़वाई गई तो इसकी वजह से वो ऑटिज्‍म नामक बीमारी से भी ग्रसित हो सकते हैं। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्‍नोलॉजी इनफॉर्मेशन की मानें तो पीका की वजह से बच्‍चों की रोजाना की गतिविधियों पर असर पड़ने लगता है।
  • ये बीमारी इसलिए पर नुकसानदायक है क्योंकि पीका का कोई इलाज नहीं है।
  • विशेषज्ञों की माने तो इस डिसऑर्डर के लिए आपको अपने न्‍यूट्रीशिनल से सलाह लीजिए।
  • बच्चों की खाने-पीने की आदतों में बदलाव करना चाहिए।
  • न्‍यूट्रीशिनल के साथ किसी मनोवैज्ञानिक से सलाह जरुर लें।

हद: अस्पताल में मृत महिला के आभूषण गायब

श्रीराम मौर्य   
कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जहां पर एक महिला की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधक पर मृत महिला के गहने चुराने की आरोप लगाए हुए है। परिजनों का आरोप है कि लगभग डेढ़ लाख रुपये के वे गहने नहीं मिल पाए जो उन्होंने अस्पताल में भर्ती होते समय पहने थे। पालमपुर की पाहड़ा पंचायत के एक शख्स ने कांगड़ा के डीसी से आॅनलाइन शिकायत दी है और शिकायत को डीसी आॅफिस ने सीएमओ को भेजकर जवाब मांगा गया है। 
मिली जानकारी के मुताबिक पालमपुर के पाहड़ा पंचायत के तप्पा में रहने वाले बलवंत की शिकायत है कि उनकी 60 साल की माता चम्पा देवी 14 मई को पालमपुर अस्पताल में भर्ती थीं।कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर उन्हें 15 मई को कोविड केयर सेंटर पपरोला में भर्ती करवाया गया, मगर वहां उसी रात उन्होंने दम तोड़ दिया। बलवंत ने शिकायत में लिखा है कि 16 मई को सूचना मिलने पर वे पपरोला पहुंचे और फिर पंचायत प्रधान की मौजूदगी में उनकी मां का अंतिम संस्कार किया गया। बलवंत का कहना है कि जब उनकी मां को अस्पताल में एडमिट किया था, तब उनके हाथ में तीन सोने की अंगूठियां, कानों में बालियां और मंगलसूत्र था। उनका कहना है कि इन गहनों की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये है।
वहीं बेटा बलवंत ने आशंका जताई है कि इन गहनों को उनकी मां के शरीर से गायब कर दिया गया था। उन्होंने लिखा है कि उन्हें इसका अंदेशा तब हुआ जब अंतिम संस्कार के बाद चिता की राख को धोया जा रहा था। उन्होंने कहा कि उनकी मां के पार्थिव शरीर को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पूरी तरह बॉडी बैग में रखा गया था, इसलिए उन्हें पता नहीं चल पाया कि गहने थे या नहीं।
बलवंत का कहना है कि चिता की राख में सिर्फ पांव के फुलगुट्ठू (बिछुए) ही मिले। उनका आरोप है कि राख में न तो अंगूठियां मिलीं, न मंगलसूत्र और ना ही बालियां। ये चीजें अस्पताल प्रशासन की ओर से भी उन्हें नहीं लौटाई गईं। वहीं, पपरोला कोविड केयर सेंटर का जिम्मा सम्भाल रहे एमएस डॉक्टर कुलदीप बन्याल ने इस घटना पर हैरानी जताई है।

बोर्ड परीक्षाओं को लेकर रक्षामंत्री की आज बैठक

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रविवार को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक होगी जिसमें 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर चर्चा होगी। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को यह जानकारी दी। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के मद्देनजर 12वीं बोर्ड की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। निशंक ने ट्वीट किया कि 23 मई 2021 को पूर्वाहन 11 बजे यह बैठक डिजिटल माध्यम से होगी जिसमें उनके (निशंक के) अलावा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल होंगे। इस बैठक में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री, सचिव हिस्सा लेंगे। 
शिक्षा मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस बैठक में 12वीं बोर्ड की लंबित परीक्षाओं एवं पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं को लेकर चर्चा होगी।वहीं, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश को लिखे पत्र में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं सक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय तथा सीबीएसई छात्रों एवं शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परीक्षा आयोजित करने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।

इसमें कहा गया है कि उच्च शिक्षा विभाग भी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये परीक्षा की तिथियों को अंतिम रूप देने के लिये विचार विमर्श कर रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण शिक्षा क्षेत्र पर काफी प्रभाव पड़ा है खास तौर पर परीक्षा और प्रवेश परीक्षाओं पर इसका असर पड़ा है।

गौरतलब है कि 14 अप्रैल को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं स्थगित और 10वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई बैठक में किया गया था। ये परीक्षाएं 4 मई से 14 जून के बीच होनी थीं। इसके अलावा राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिये नीट प्रवेश परीक्षा एवं कुछ अन्य परीक्षा स्थगित की।

सोशल मीडिया कंपनियों को सरकार के नए निर्देश

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने मंचों से उस सामग्री को हटाएं जिसमें कोरोना वायरस के कथित भारतीय स्वरूप का उल्लेख किया गया है या संदर्भ दिया गया है। सरकार ने यह निर्देश कोविड-19 महमारी से जुड़ी गलत जानकारी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से दिया है।
डिजिटल मंचों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें नवीनतम परामर्श मिला है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी सोशल मीडिया मंचों को लिखे पत्र में जोर देकर कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के बी.1.617 स्वरूप के साथ अपनी किसी रिपोर्ट में भारतीय स्वरूप का उल्लेख नहीं किया है।मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया कि फर्जी बयान ऑनलाइन प्रसारित हो रहा है जिसमें कहा गया है कि विभिन्न देशों में कोरोना वायरस का भारतीय स्वरूप फैल रहा है। आईटी मंत्रालय ने कहा कि 12 मई 2021 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्रेस विज्ञप्ति के जरिये स्थिति स्पष्ट कर चुका है।

मंत्रालय ने सोशल मीडिया से कहा कि वे उस सभी सामग्री को अपने मंच से तुरंत हटाए जिसमें कोरोना वायरस के भारतीय स्वरूप का संदर्भ दिया गया है। इससे पहले इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों पर कोरोना वायरस से जुड़ी फर्जी खबर, भ्रामक सूचना को रोकने के लिए परामर्श जारी किया था।

गौरतलब है कि भारत गूगल, फेसबुक और ट्विटर जैसे डिजिटल मंचों के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 53 करोड़ व्हाट्सऐप उपयोगकर्ता, 44.8 करोड़ यूट्यूब उपयोगकर्ता, 41 करोड़ फेसबुक उपयोगकर्ता, 21 करोड़ इंस्टाग्राम उपयोगकर्ता और 1.75 करोड़ ट्विटर उपयोगकर्ता हैं।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...