गुरुवार, 13 मई 2021

माधुरी को मुख्य अभिनेत्री काम करने का मौला मिला

कविता गर्ग                 
मुंबई। अपनी मनमोहक मुस्कान से लाखों लोगों को दीवाना बनाने वाली खूबसूरत अदाकारा माधुरी दीक्षित का जन्म 15 मई, 1967 को महाराष्ट्र में हुआ था। 80 और 90 के दशक में रुपहले पर्दे पर अपनी ख़ूबसूरत और लाजवाब अदायगी का जलवा बिखेरने वाली माधुरी को बचपन से ही नृत्य में रुचि थी। महज तीन साल की उम्र में उन्होंने नृत्य सीखना प्रारम्भ कर दिया और आठ साल की उम्र में वह कत्थक नृत्य में पारंगत हो गईं। उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि वो एक्टिंग को अपना करियर बनाएंगी। उनका रुझान माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई में ज्यादा था और यही कारण है कि उन्होंने मुंबई के विले पार्ले के कॉलेज से इसकी पढ़ाई भी की।
माधुरी को राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म 'अबोध' में बतौर मुख्य अभिनेत्री काम करने का मौला मिला। साल 1984 में रिलीज हुई इस फिल्म में माधुरी के साथ बंगाली फिल्मों के मशहूर अभिनेता तपस पॉल भी मुख्य भूमिका में थे। हालांकि यह फिल्म फ्लॉप हो गई, लेकिन आलोचकों ने फिल्म में माधुरी के अभिनय को काफी पसंद किया। इसके बाद माधुरी को कई फिल्मों के ऑफर मिलने लगे, लेकिन उन्हें असली पहचान साल 1988 में आई फिल्म 'तेजाब' से मिली। इस फिल्म में मोहिनी के किरदार में उन्होंने दर्शकों का मन मोह लिया। इस फिल्म में उनके साथ अनिल कपूर मुख्य भूमिका में थे। फिल्म में इस जोड़ी को काफी पसंद किया गया और फिल्म के गाने भी काफी मशहुर हुए। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और माधुरी फिल्मी दुनिया की सुपरहिट अभिनेत्री बन गई।इसके बाद माधुरी ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
साल 1992 में आई फिल्म 'बेटा' में पुनः उनकी जोड़ी अनिल कपूर के साथ नजर आई और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही। इस फिल्म का उदित नारायण और अनुराधा पौडवाल की आवाज़ में गाया गाना 'धक-धक करने लगा' काफी मशहूर हुआ। यह गाना माधुरी दीक्षित के ऊपर फिल्माया गया था और जिसे दिवंगत कोरियोग्राफ़र सरोज खान ने कोरियोग्राफ किया था,से माधुरी दीक्षित बॉलीवुड में 'धक-धक गर्ल ' के रूप में पहचान मिली और वह लाखों लोगों की धड़कन बन गई। इस फिल्म में  माधुरी को उनके शानदार अभिनय के लिए एक बार फिर से फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया।
माधुरी ने अपने फिल्मी करियर में हर तरह के किरदार को बखूबी निभाया । माधुरी दीक्षित की प्रमुख फिल्मों में परिंदा, मृत्युदंड,खलनायक,राम लखन,दिल, कोयला, दिल तो पागल है,देवदास, आजा नचले, डेढ़ इश्कियां, गुलाब गैंग, कलंक आदि शामिल हैं। इसके अलावा माधुरी ने फिल्म 'गुलाब गैंग' के गाने 'रंगी साड़ी गुलाबी' में अपनी आवाज दी और फिल्म '15 अगस्त' को प्रोड्यूस भी किया। माधुरी बड़े पर्दे के साथ-साथ छोटे पर्दे शो में भी नजर आई। वह रियलिटी शो 'झलक दिखला जा' और 'डांस दीवाने' की जज भी रही। माधुरी सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। उन्होंने पिछले साल ही अपना यूट्यूब चैनल भी लांच किया है। माधुरी दीक्षित को फिल्मों में उनके सराहनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने साल 2008 में 'पद्मश्री' से सम्मानित किया। माधुरी दीक्षित ने साल 1999 में यूएसए बेस्ड डॉक्टर श्रीराम नेने से शादी की और उनके दो बेटे रियान और एरिन नेने हैं।

एम्स में भी आरटीपीसीआर की जांच होगी, तैयारी

हरिओम उपाध्याय                    
गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज और आरएमआरसी के बाद अब एम्स में भी आरटीपीसीआर की जांच होगी, तैयारी पूरी है। उम्मीद है कि अगले सप्ताह से जांच शुरू हो जाय। इसके साथ ही 30 बेड का एल-टू कोविड वार्ड भी शुरू होगा। 10 बेड पर आज से ही भर्ती शुरू हो गई है, जबकि 20 बेड पर एक सप्ताह के अंदर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। 
 गोरखपुर स्थित एम्स के लैब में रोजाना लगभग 3000 नमूनों की जांच हो सकेगी। इससे न केवल मरीजों की सहूलियतें बढ़ेंगी बल्कि आरएमआरसी और बीआरडी के लैब से जांच का बोझ भी कम होगा। संदिग्ध संक्रमितों की रिपोर्ट भी जल्दी मिल जाएगी। 
  बता दें कि एंटीजन किट से जांच रिपोर्ट तुरंत आती है, लेकिन आरटीपीसीआर जांच में तीन दिन का समय लगता है। एम्स में आरटीपीसीआर जांच शुरू होने से 36 घंटे में रिपोर्ट मिलने की संभावनाएं बलवती हो गईं हैं। गोरखपुर स्थित आरएमआरसी और बीआरडी लैब में आरटीपीसीआर की जांच की क्षमता रोजाना 10 हजार की है। 
 

सेनाओं ने तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तेज की

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। देश में कोविड संकट के समय भारतीय ​​सशस्त्र बल न केवल ऑक्सीजन और ​​चिकित्सा सामग्री की जरूरतों को पूरा करने में लगे हैं। बल्कि ​​उन ग्रामीण क्षेत्रों की भी पहचान की है। जिन्हें मौजूदा हालातों में ज्यादा सहायता की आवश्यकता है। इसी के साथ देश की तीनों सेनाओं ने कोविड की संभावित ​​तीसरी लहर से निपटने की तैयारी भी अभी से तेज कर दी है​​।​ ​​नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने​ अपनी इकाइयों से ग्रामीण क्षेत्रों को गोद लेने का आह्वान किया है​।​ ​​​​
​​भारतीय वायुसेना और नौसेना विदेशों से बड़ी संख्या में ऑक्सीजन सांद्रता, जनरेटर, सिलेंडर और चिकित्सा सामग्री की खरीद करके भारत ला रही हैं। इसके बाद इन सामग्रियों को देश के प्रमुख शहरों तक पहुंचाने में वायुसेना के विमानों को लगाया गया है। महामारी की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए यह चिकित्सा सामग्री उन ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाईं जा रही है, जहां कोविड-19 से मुकाबला करने के लिए पर्याप्त नागरिक स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की कमी है। इसी के मद्देनजर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​संगरोध सुविधा, अस्पताल स्थापित करने और संचालित करने के लिए सेना के स्थानीय कमांडरों की आपातकालीन वित्तीय शक्तियों को बढ़ा दिया है जिसका उपयोग ​सेनाएं ​अपनी जरूरतों के हिसाब से कर ​रही हैं।​​ ​
 सेना के सूत्रों का कहना है कि नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए अब तक ​​सशस्त्र ​बलों का फोकस प्रमुख शहरों पर रहा है लेकिन अब अगली लहर की तैयारी करने के लिए कमजोर क्षेत्रों यानी भारत के दूरस्थ इलाकों पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसी के मद्देनजर सशस्त्र बलों ने कुछ राज्यों और क्षेत्रों की पहचान की है जहां बढ़ते कोविड केसों के आधार पर मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाने और दूसरों की तुलना में अधिक मदद की आवश्यकता है। यहां सेना, नौसेना और वायु सेना के सभी कमांड सक्रिय कर दिए गए हैं जो सिविल प्रशासन को बुनियादी सुविधाओं के साथ सहायता दे रहे हैं। क्षेत्र के सिविल अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से सेनाएं युद्ध स्तर  की आकस्मिकताओं का उपयोग कर रही हैं। इसीलिए एक महानिदेशक रैंक के अधिकारी के तहत विशेष कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है जो सीधे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को रिपोर्ट करेंगे।
 सेना की उत्तरी कमान ने राज्य सरकार के साथ मिलकर कोविड अस्पतालों को सक्रिय किया है, जहां महामारी फैलने की लगातार आशंका बनी है। इसमें श्रीनगर में 250 बेड, जम्मू के पास दमाना में 200 बेड, उड़ी और बारामूला में 20 बेड के अस्पताल शामिल हैं।सेना ने दिल्ली, अहमदाबाद और लखनऊ के बाद वाराणसी में पूरी तरह से ऑक्सीजन युक्त 750 बेड का कोविड अस्पताल का संचालन किया है, जिसमें 250 आईसीयू बेड भी हैं। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी के सहयोग से खोले गए इस कोविड अस्पताल में भारतीय सेना के चयनित विशेषज्ञ, डॉक्टर, नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ को देश भर से भेजा गया है। देश भर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सेना युद्ध के समय की आकस्मिकताओं का उपयोग कर रही है जिसमें अस्पतालों की स्थापना भी शामिल है।
 बिहार में बढ़ते कोविड केसों को देखते हुए भारतीय सेना ने नॉर्थ ईस्ट के 2 फील्ड अस्पतालों को हवाई जहाज से पटना पहुंचाएं हैं। इनमें चिकित्सा विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग और सहायक कर्मचारी हैं जो 100 आईसीयू बेड सहित ईएसआई, पटना में 500 बेड वाले अस्पताल की स्थापना में सहयोग दे रहे हैं। अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की ताकत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ प्रशिक्षित इन्फैंट्री बैटलफील्ड नर्सिंग असिस्टेंट को भी हवाई मार्ग से भेजा गया है।दिल्ली में भी परीक्षण, सैन्य अस्पतालों में प्रवेश और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन आदि के रूप में नागरिक प्रशासन को सहायता पहले से ही प्रदान की जा रही है। बल उन आवश्यक वस्तुओं की खरीद कर रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों या कठिन इलाकों में जल्दी से तैनात की जा सकती है।
 भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना​ भी नागरिक प्रशासन को ऑक्सीजन और अन्य ​​चिकित्सा आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए चौबीसों घंटे काम में जुटी हुई हैं। 12 मई​ तक भारतीय वायुसेना के ​विमानों ने 163 मीट्रिक टन क्षमता के उपकरणों के साथ 6,856 मीट्रिक टन क्षमता के 403 ऑक्सीजन कंटेनर्स एयरलिफ्ट ​किये हैं। वायु सेना ​ने अब तक जामनगर, भोपाल, चंडीगढ़, पानागढ, इंदौर, रांची, आगरा, जोधपुर, बेगमपेट, भुबनेश्वर, पुणे, सूरत, रायपुर, उदयपुर, मुंबई, लखनऊ, नागपुर, ग्वालियर, विजयवाड़ा, बड़ौदा, दीमापुर और हिंडन ​तक चिकित्सा सामग्री पहुंचाई है।​ ​भारतीय वायुसेना के विमान ​अब तक ​98​ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें ​भरकर 793 मीट्रिक टन क्षमता के 95 कंटेनर और 204 मीट्रिक टन क्षमता के अन्य उपकरण ​विदेशों से भारत ​लाए हैं। यह उपकरण सिंगापुर, दुबई, थाईलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, इंडोनेशिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन, इजरायल और फ्रांस से लाए गए हैं।
भारतीय नौसेना के सात जहाज समुद्र सेतु-II’ अभियान के हिस्से के रूप में सिंगापुर, दोहा, क़तर. कुवैत, बहरीन से विभिन्न राज्यों को सीधे आपूर्ति के लिए 13 कंटेनरों से 260 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) लेकर आए हैं। आईएनएस जलाश्व इस समय ब्रुनेई में और आईएनएस शार्दुल कुवैत में है। यह दोनों जहाज तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन क्रायोजेनिक कंटेनर, ऑक्सीजन सिलिंडर और अन्य महत्वपूर्ण चिकित्सा सामग्री लेकर भारत लौटेंगे। ​नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने ​नौसेना कर्मियों और पूर्व सैनिकों को दिए अपने संदेश में कहा कि हमारे राष्ट्र को अपने सशस्त्र बलों में बहुत विश्वास है।

2 से 18 साल के बच्चों के लिए ट्रायल की मंजूरी दी

अकांशु उपाध्याय           
नई दिल्ली। भारत बायोटेक और आईसीएमआर के सहयोग से तैयार कोरोना से बचाव की वैक्सीन कोवैक्सीन का अब बच्चों में भी ट्रायल शुरू होने जा रहा है। विशेषज्ञों की कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद बुधवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने 2 साल से 18 साल के बच्चों के लिए ट्रायल की मंजूरी दे दी है। इससे पहले सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने इसके दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की अनुशंसा की थी।  
यह परीक्षण दिल्ली, पटना के एम्स और नागपुर स्थित मेडिट्रिना चिकित्सा विज्ञान संस्थान समेत विभिन्न स्थानों पर 525 वॉलंटियर पर किया जाएगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत बायोटेक ने फेज दो और तीन के ट्रायल की अनुमति मांगी थी, जिसके लिए  525 वॉलंटियर तैयार किए गए थे। वैक्सीन का ट्रायल दो डोज में किया जाएगा। 

तमिलनाडु के संयंत्र में बॉयलर फटा, चार की मौत

कुडलूर। तमिलनाडु के कुडलूर में रसायन के एक संयंत्र में बृहस्पतिवार को ब्वायलर फटने और उसके बाद अमोनिया गैस का रिसाव होने के कारण एक महिला समेत चार कर्मचारियों की मौत हो गई तथा दस लोग घायल हो गए। राज्य सरकार ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिजन को तीन-तीन लाख रूपये का मुआवजा तथा घायलों को एक-एक लाख रूपये का मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि ब्वायलर में विस्फोट के बाद अमोनिया गैस का रिसाव हुआ जिसके चलते चार लोगों की मौत हो गई तथा दस लोग घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि संयंत्र में फसलों की सुरक्षा में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का उत्पादन किया जाता है। आज सुबह जब घटना घटी तब सभी कर्मचारी काम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि विस्फोट के बाद गैस रिसाव होने पर एक महिला और तीन पुरूषों की दम घुटने से मौत हो गई तथा दस लोग घायल हो गए।
कुडलूर जिले के पुलिस अधीक्षक अभिनव ने संवाददाताओं को बताया कि उन लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई। वे झुलसे नहीं थे। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। श्रम मंत्री सीवी गणेशन ने कहा कि हादसे की जांच करवाई जाएगी। घायलों को कुडलूर के जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

सरकार ने देश में बैटरी स्टोरेज बढ़ाने का फैसला लिया

अकांशु उपाध्याय                   
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश में बैटरी स्टोरेज बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके लिए सरकार प्रोडक्शन लिंक्स इंसेटिव के रूप में 18 हजार करोड़ देने की घोषणा की है। सरकार का मानना है कि इस उद्योग में करीब 45 हजार करोड़ का निवेश आएगा, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी और देश में डीजल और पेट्रोल की खपत कम होगी।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में बैटरी स्टोरेज को लेकर अहम फैसला किया गया। फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि इस समय में सरकार प्रतिवर्ष करीब 20 हजार करोड़ के बैटरी स्टोरेज का आयात करती है। आयात को कम करने के लिए और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बैटरी स्टोरेज बढ़ाने का फैसला लिया है।
उन्होंने बताया कि बैटरी स्टोरेज बढ़ाने से इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग समेत रेलवे और सोलर के क्षेत्र में बड़ी कामयाबी हासिल होगी। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ेगी, फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगेंगे और साथ ही सोलर सिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। सोलर सिस्टम अभी केवल दिन के लिए ही उपयोगी है, लेकिन स्टोरेज बढ़ने से वह रात में भी काफी उपयोगी साबित होगा। बैटरी स्टोरेज के बढ़ने से सीधा फायदा पर्यावरण को होगा। जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 18 हज़ार करोड़ के इन्सेंटिव की योजना को मंजूरी दी है। जिससे 50 हज़ार मेगावाट की सुविधा बढ़ेगी, जबकि देश और विदेश से करीब 45 हज़ार करोड़ का निवेश होगा।
इस पहल का मकसद 50,000 मेगावाट प्रति घंटा एसीसी (उन्नत रसायन सेल बैटरी) विनिर्माण क्षमता हासिल करना है। यह प्रोत्साहन उन कंपनियों के लिये उपलब्ध होगा जिनकी उत्पादन और बिक्री क्षमता अधिक है। नीति का मकसद विनिर्माताओं को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को बढ़ावा देना, व्यापक स्तर पर उत्पाद के जरिये पैमाने की मितव्ययिता हासिल करना और अत्याधुनिक उत्पाद का विनिर्माण करना है।

मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान का खतरा बताया

अहमदाबाद। मौसम विभाग ने गुजरात में चक्रवाती तूफान का खतरा बताया है। बताया जा रहा है कि यह तूफान भारी तबाही मचा सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक 17 और 18 मई को पश्चिमी तट की ओर से चक्रवाती तूफान आएगा। हालांकि इस चक्रवात के पाकिस्तान में कराची के तट से टकराने की संभावना है।लेकिन गुजरात के समुद्री किनारे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस चक्रवात का नाम तौकाते रखा गया है। यह साल 2021 का पहला चक्रवाती तूफान होगा और इसका नाम 'तौकाते' रखा गया है। इस बार चक्रवाती तूफान का नाम म्यांमार की तरफ से दिया गया है।जिसका अर्थ होता है, अत्यधिक आवाज करने वाली छिपकली।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...