बुधवार, 17 फ़रवरी 2021

जैकलीन ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हॉट तस्वीर

जैकलीन ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की हॉट तस्वीर
 मनोज सिंह ठाकुर
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नाडीज ने मंगलवार को पोस्ट की गई तस्वीरों के साथ अपने हॉटनेस कोटिएंट को एक बैलेरीना के रूप में तैयार किया। एक बैलेरी अवतार में पोस्ट की गई दो तस्वीरें, हमेशा की तरह फिट दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने अपने कैप्शन में एक शेर, एक बाघ एक इंद्रधनुष और एक दिल का इमोजी पोस्ट किया।
फोटो शेयरिंग वेबसाइट पर उनकी इस पोस्ट को 12 लाख से अधिक लाइक मिले हैं। फैंस कमेंट सेक्शन में इस बात पर जोर दे रहे हैं। कि वे अपने ग्रेसफुल और सेंसिबल लुक को कैसे मेंटेन कर रही हैं।
अभिनेत्री ने हाल ही में प्रशंसकों को स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अपनी फिटनेस सीरीज शुरू की। उनका 20 मिनट का वर्कआउट वीडियो प्रशंसकों को प्रेरित करने का एक तरीका है। ताकि उनके फैंस जहां भी हो असानी से वर्कआउट कर सकें।

ड्रोन और कैमरों का उपयोग कर रही भारतीय सेना

पैंगोंग झील पर चीनी सैनिकों की वापसी की निगरानी के लिए ड्रोन और कैमरों का उपयोग कर रही भारतीय सेना
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारतीय सेना की टीमें ड्रोन और कैमरों से लैस होकर पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील से चीनी सैनिकों के पीछे हटने और उसके द्वारा स्थापित सैन्य बुनियादी ढांचे को हटाने की प्रक्रिया पर लगातार नजर बनाए हुए है। इसके अलावा, पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी दोनों तटों पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया 20 फरवरी तक पूरी होने की उम्मीद है।
इसके अलावा भारतीय सेना की टीम चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) टीम के साथ पैंगोंग झील पर सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया का भौतिक रूप से (फिजिकली) सत्यापन और पुन: सत्यापन करेगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा यह भारतीय सेना और चीनी पीएलए दोनों की ओर से एक संयुक्त निरीक्षण दल होगा।
अधिकारी ने आगे कहा कि भारतीय सेना की टीमें सैन्य टुकड़ियों की जांच और सैन्य ठिकानों को हटाने की प्रक्रिया की निगरानी एवं इसका रिकॉर्ड रखने के लिए ड्रोन के साथ ही हाई-रिजॉल्यूशन कैमरों का उपयोग करेंगी। यह टीमें विशेष रूप से चीनी सैनिकों द्वारा पैंगोंग झील के पास स्थापित किए गए सैन्य ठिकानों को हटाने की प्रक्रिया की निगरानी करेंगी।
चीन की ओर से फिंगर 7 क्षेत्र में एक सैन्य चौकी बनाने के अलावा लंबी दूरी की मारक क्षमता वाली बंदूकें भी तैनात की गई थीं। इस इलाके में बंकरों का निर्माण किया गया था। और हजारों पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों के ठहरने के लिए स्थायी संरचनाओं का निर्माण भी किया गया था।
अधिकारी ने बताया हम भौतिक रूप से यह सत्यापित करेंगे कि क्या इलाके से प्रत्येक चीजें हटा दी गई हैं। या नहीं। हम यह जांचने के लिए फिंगर 8 तक जाएंगे कि क्या सहमति शर्तों के अनुसार पीछे हटने की प्रक्रिया हो रही है। या नहीं।
समझौते में कहा गया है। कि चीनी सैनिक वापस फिंगर 8 में चले जाएंगे और भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 2 और 3 के बीच धन सिंह थापा की चौकी पर वापस आ जाएगी। इसके अलावा, पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त सहित सैन्य गतिविधियों पर एक अस्थायी रोक होगी।
पैंगोंग झील के किनारे पहाड़ की आकृति कुछ इस तरह से है। कि यह अंगुलियों की तरह दिखती है। इसीलिए इन्हें फिंगर कहा जाता है। इनकी संख्या आठ है। भारत जहां फिंगर 8 तक अपना क्षेत्र होने का दावा करता है। वहीं चीन ने फिंगर 4 तक दावा करते हुए विवाद पैदा कर दिया। पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच आठ किलोमीटर के फासले में दोनों सेनाओं के बीच कई बार आमने-सामने की भिड़ंत हो चुकी है।
चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बदलने के लिए फिंगर 4 और पैंगोंग झील के दक्षिण में अपने बहुत से जवान और अन्य साजो-सामान तैनात किया था। पिछले साल तनाव के कारण चीन ने झील में फिंगर 8 से आगे नावों को तैनात किया था। एक बार सेनाएं पीछे जाने के बाद राजनयिक और सैन्य वार्ताओं में सहमति बनने के बाद ही गश्त फिर से शुरू होगी।
पैंगोंग झील के दक्षिण में जहां दोनों देशों की सेनाएं बिल्कुल आमने-सामने थीं। वहां से भी सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। यहां कुछ स्थानों पर तो दोनों देशों के टैंक मात्र 100 मीटर के फासले पर थे।
उल्लेखनीय है। एलएसी पर दोनों देशों के बीच करीब दस महीने से सैन्य गतिरोध बना हुआ है। पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर टकराव तब शुरू हुआ जब चीनी सैनिकों ने पिछले साल मई में झील के अंदर और तट पर घुसपैठ करते हुए यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था। धीरे-धीरे यह टकराव और क्षेत्रों में फैल गया। झील के दक्षिणी तट पर भारत ने चीन के मुकाबले पहाड़ियों पर अपनी सामरिक स्थिति काफी मजबूत कर ली थी।
हालांकि अब दोनों देशों की ओर से गतिरोध वाले स्थानों से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया शुरू हुई है। जिससे गतिरोध खत्म होता नजर आ रहा है।

भविष्य में भारत को हर क्षेत्र में मजबूती मिलेगी: गुप्ता

बजट से भविष्य में भारत को हर क्षेत्र में मजबूती मिलेगी: आदेश गुप्ता
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। भारतीय पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि बजट 2021-22 का मूल आधार उत्पादन और आधारभूत ढ़ाचे को बढ़ावा देना है। ताकि देश को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा सके। प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित बुद्धिजीवियों के साथ बजट चर्चा में प्रो. अग्रवाल ने कहा कि बजट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं। जिसका समाज में सभी वर्गों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद देश का चौतरफा विकास हो रहा है। और इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी सरकार की दूरदृष्टि की सराहना करनी चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के बजट 2021-22 में जन कल्याणकारी योजनाओं को सर्वाधिक प्रमुखता दी गई है। कोरोना के कारण लॉकडाउन में भी कोई दिहाड़ी मजदूर भूखा न रहे, इसके लिए मुफ्त राशन उपलब्ध कराने के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं को लंगर लगाने को भी कहा गया। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण पूरा विश्व प्रभावित हुआ और अमेरिका जैसा संपन्न राष्ट्र भी गड़बड़ा गया लेकिन माननीय नरेन्द्र मोदी ने जो कदम उठाए उसके कारण भारत पहला ऐसा देश बना जिसने अपने दम पर सभी का जीवन बचाने का कार्य सफलतापूर्वक किया। देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के साथ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने कोरोना वैक्सीन बनाकर देश को बचाया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारिणी के नवनिर्वाचित सदस्य वी.एस. नेगी सहित कई बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहल मौजूद थे। कार्यक्रम के संयोजक बीजेपी अनूसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री राजकुमार फलवरिया थे और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष प्रो ए के भगी ने समारोह की अध्यक्षता की। आदेश गुप्ता ने कहा कि बजट में बहुयायामी ढंग से काम हो रहा है। रेलवे, कृषि, परिवहन, राजमार्गों के निर्माण एवं विस्तार से देश के आधारभूत ढ़ाचे को बढ़ाने में जो मदद मिलेगी उससे भविष्य में भारत के हर क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। गुप्ता ने कहा कि बजट में दिल्ली के ढ़ाचागत विकास और प्रदूषण को कम करने के लिए जो कदम उठाए गए हैं। उनमें बदरपुर में विश्व का सबसे बड़ा ईको पार्क बनाना, मेट्रो को विस्तार देना, राजमार्ग का विस्तार और दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों के अन्य शहरों से तेज गति से जोड़ने का काम शामिल है।
 

शरारती तत्वों पर राजद्रोह की धाराएं नहीं लगेगी

शरारती तत्वों पर राजद्रोह की धाराएं नहीं चलाई जा सकतीं : कोर्ट
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर फेसबुक पर फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि देशद्रोह का कानून शरारती तत्वों को सबक सिखाने के लिए लागू नहीं किया जा सकता। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने कहा कि सार्वजनिक शांति भंग करने या हिंसा का सहारा लेने के लिए उकसाने के आरोपी पर राजद्रोह का कानून लागू नहीं किया जा सकता।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 21 वर्षीय एक मजदूर ने अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया, जिसमें टैगलाइन 'दिल्ली पुलिस में बगावत, 200 पुलिसकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा सौंपा' लिखा था।
पुलिस ने दावा किया कि आरोपी ने प्रदेश के खिलाफ असंतोष फैलाने के इरादे से न सिर्फ सनसनीखेज फेसबुक पोस्ट की, बल्कि जालसाजी भी की है।
अदालत ने आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी।

मुंबई में पेट्रोल 96 रुपये लीटर, डीजल के भी बढ़ें दाम

मुंबई में पेट्रोल 96 रुपये लीटर, लगातार नौवें दिन बढ़े डीजल के भी दाम
कविता गर्ग
मुंबई। पेट्रोल और डीजल के दाम में बुधवार को लगातार नौवें दिन बढ़ोतरी जारी रही। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल 96 रुपये प्रति लीटर हो गया है। जबकि दिल्ली में 89.54 रुपये लीटर। तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल का भाव फिर दिल्ली और मुंबई में 25 पैसे, मुंबई में 24 पैसे और चेन्नई में 23 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया है। वहीं डीजल के दाम में दिल्ली और कोलकाता में 25 पैसे जबकि मुंबई में 26 पैसे और चेन्नई में 24 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया गया है।
दिल्ली में लगातार नौ दिनों में पेट्रोल 2.59 रुपये लीटर महंगा हो गया है। जबकि डीजल के दाम में 2.82 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव बढ़कर क्रमश: 89.54 रुपये, 90.78 रुपये, 96 रुपये और 91.68 रुपये प्रति लीटर हो गया है। डीजल की कीमतें भी दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में बढ़कर क्रमश: 79.95 रुपये, 83.54 रुपये, 86.98 रुपये और 85.01 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं।
अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के अप्रैल डिलीवरी अनुबंध में बुधवार को बीते सत्र से 0.21 फीसदी की तेजी के साथ 63.48 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज (नायमैक्स) पर वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) के मार्च अनुबंध में बीते सत्र से 0.07 फीसदी की तेजी के साथ 60.09 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।

यूपी ने मनरेगा में रोजगार सृजन का बनाया रिकॉर्ड

यूपी ने मनरेगा में रोजगार सृजन का बनाया रिकॉर्ड
हरिओम उपाध्याय 
लखनऊ। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में रोजगार मुहैया कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल से यूपी मनरेगा में रोजगार सृजन का रिकॉर्ड कायम कर रहा है। मनरेगा के तहत अब ना सिर्फ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार मिल रहा है। बल्कि गांव-गांव में हजारों की संख्या में तालाब और शौचालयों का निर्माण हो रहा है। कई और निर्माण कार्य भी हुए हैं। जिनके चलते अब गांवों की बदरंग तस्वीर बदलने लगी है। राज्य के गांवों में सुविधाओं का इजाफा हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गांवों के विकास पर ध्यान देना है। इसके चलते ही प्रदेश में 26 करोड़ मानव रोजगार दिवस सृजित करने के लक्ष्य के सापेक्ष में 35 करोड़ से अधिक मानव दिवस रोजगार सृजन इस साल हुआ है। मनरेगा के तहत हुए यह निर्माण कार्य एक रिकार्ड हैं।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में मनरेगा में प्रदेश को 26 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य दिया गया। कोरोना संकट के दौरान लॉकडाउन के समय जब देशभर से करीब चालीस लाख प्रवासी श्रमिक यूपी लौटे तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर मनरेगा में उन्हें रोजगार दिया गया। जिसके चलते लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए मनरेगा के तहत राज्य में 26 करोड़ मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य देखते ही देखते ही पूरा हो गया। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी के आग्रह पर केंद्र सरकार ने यूपी में मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार मुहैया कराने के तय किए गए लक्ष्य को नौ करोड़ बढ़ाकर 35 करोड़ कर दिया है।
राज्य में इस 35 करोड़ के लक्ष्य को भी पार कर लिया गया है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, बीती 12 फरवरी तक राज्य में 35 करोड़ 47 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन हुआ है। जो कि यूपी में नहीं बल्कि देश में रिकार्ड है। मनरेगा के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में कभी भी कहीं भी रोजगार सृजन नहीं हुआ।
मनरेगा आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि मनरेगा में 37 लाख महिलाओं और 73.50 लाख पुरुष श्रमिकों को रोजगार दिया गया है। 7,303.85 करोड़ रुपये मजदूरी का भुगतान किया गया है। जबकि कुल खर्च 9,707.15 करोड़ रुपये हुआ है। इसके अलावा गांव-गांव में जलसंचयन के लिए इस वर्ष प्रदेश में 19,951 तालाब बनाए गए हैं। इसी प्रकार 18,206 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है। और 99,454 पशु आशय स्थल निमार्णाधीन है। 24,798 पंचायत भवन और 56,906 सामुदायिक शौचालय भी मनरेगा कन्वर्जेन्स के अतंर्गत बनाए गए हैं। 6,020 शेड बन गए हैं। और 24,655 शेड निमार्णाधीन हैं। यहीं नहीं मनरेगा योजना के तहत 8.80 करोड़ पौधों का रोपण राज्य में कराया गया है। बीते चार वर्षों में मनरेगा के तहत राज्य में 15,541 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण भी कराया गया है। राज्य की 25 नदियों का पुनरुद्धार भी इस समयावधि में किया गया है।
सरकार के इस फैसले से राज्य में मानव रोजगार दिवस के सृजन का लक्ष्य 40 करोड़ से भी अधिक करने में सहायता होगी। मनरेगा से जुड़े अफसरों के अनुसार अगले मार्च तक 40 करोड़ मानव दिवस का रोजगार का सृजन करने संबंधी लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। इतनी संख्या में पहले कभी रोजगार नहीं दिया गया। अब चर्चा है, कि मनरेगा के तहत राज्य में हुए कार्यों को लेकर इस साल प्रदेश को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने की उम्मीद है।

जम्मू: 2 दिवसीय दौरे पर 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल

विदेशी राजनयिकों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के 2 दिवसीय दौरे पर

श्रीनगर। विदेशी राजनयिकों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार से जम्मू-कश्मीर की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू कर रहा है। 5 अगस्त, 2019 को आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के बाद से विदेशी राजनयिकों की जम्मू-कश्मीर की यह चौथी यात्रा है।
आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के बाद, विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल ने अक्टूबर 2019, जनवरी 2020 और फरवरी 2020 में जम्मू-कश्मीर का दौरा किया।
राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूरोपीय संघ के राजदूत, उगो एस्टुटो द्वारा किया जा रहा है और इसमें यूरोपीय संघ, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों के सदस्य शामिल होंगे। प्रतिनिधिमंडल में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के सदस्य भी शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर के लिए राजनयिकों की यात्रा गृह मंत्रालय (एमएचए) के निमंत्रण पर हो रही है।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य जिला विकास परिषदों (डीडीसी) के नवनिर्वाचित सदस्यों, सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं, कुछ समाचार पत्रों के संपादकों, सिविल प्रशासन के अधिकारियों और सेना के जवानों सहित विभिन्न हितधारकों से मुलाकात करेंगे।
सिविल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी प्रतिनिधिमंडल को जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के उन्मूलन के बाद की गई विकासात्मक पहलों के बारे में बताएंगे, जबकि सेना और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी देंग।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्य गुलमर्ग का दौरा करेंगे और श्रीनगर में डल झील पर शिकारा की सवारी का आनंद भी लेंगे। प्रतिनिधिमंडल के सदस्य 18 फरवरी को शीतकालीन राजधानी जम्मू का दौरा करेंगे, जहां वे अपनी यात्रा के समापन से पहले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात करेंगे।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...