बुधवार, 3 फ़रवरी 2021
कौशांबी: जवाबदेही के लिए यातायात पुलिस
युवक के शरीर का आधा हिस्सा मिला, जांच जारी
पुलिस एवं प्रेस लिखी गाड़ियाँ परेशानी का सबब
संयुक्त टीम ने 1 अपराधी को मुठभेड़ में किया ढेर
किसानों के समर्थन में हजारों लोगों ने भरी हुंकार
गाजियाबादः ऐपल रेजीडेंसी परियोजना लॉन्च की
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। राज नगर एक्सटेंशन में आइडिया बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2012-13 में रेड ऐपल रेजीडेंसी परियोजना लॉन्च की गई थी। इस प्रोजेक्ट के प्रमोटर्स में मंजू जे शामिल है। सैंकड़ों परिवारों ने बिल्डर पर भरोसा कर इस प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदे। परियोजना को भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इलाहाबाद बैंक जैसे सरकारी बैंकों के द्वारा संयुक्त रूप से अनुमोदित किया गया था। लेकिन, कुछ दिन बाद ही सभी का खुद के घर का सपना रेत के महल की तरह ढेर हो गया। इतने बड़े और विश्वसनीय बैंकों की बैकिंग के बावजूद बिल्डर प्रोजेक्ट बीच में छोड़ कर भाग गया और अब निवेशक दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। निवेशकों के अनुसार ज्यादातर खरीदार इस प्रोजेक्ट के प्रमोटरों और सरकारी बैंकों द्वारा डिजाइन किए गए धोखेबाजी के इस जाल में फंस चुके हैं। परियोजना के प्रोमोटर एसबीआई, पीएनबी, इलाहाबाद आदि बैंकों के साथ मिलकर घर खरीददारों के साथ लगातार धोखाधड़ी कर रहे थे और इसी सांठगांठ के तहत बैंकों ने परियोजना की वास्तविक प्रगति का भौतिक सत्यापन किए बिना प्रमोटरों को सीधे एक बार में 80 से 90% ऋण राशि जारी कर चुके हैं। प्रमोटरों ने परियोजना का पूरा पैसा केवल 30% से 40% निर्माण कार्य पूरा करके निकाल लिया है। प्रोजेक्ट में घर के लिए निवेश करने वालों का आरोप है कि जीडीए, बैंक आदि बिल्डर की इस लूट में पूरी तरह से सहायता कर रहे थे। इसी सांठगांठ के तहत बिल्डर द्वारा उन तलों मे भी फ्लैट बेच दिया गया। जिन्हें जीडीए द्वारा कभी भी मंजूरी नहीं दी गई थी और गंभीर बात ये है की इन अवैध फ्लोर वाले फ्लैटों मे भी सरकारी बैंकों ने बिल्डर से सांठगांठ करके लोन जारी कर दिया।
गद्दी वापसी की बात करेंगे तो क्या होगा: टिकैत
राणा ओबराय
चंडीगढ़। हरियाणा के जींद जिले में किसानों की महापंचायत में फैसला लिया गया कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले और गिरफ्तार लोगों को जल्द से जल्द रिहा करे। जींद की महापंचायत से राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि ‘हमने अभी सरकार से बिल वापस की बात कही है। अगर हमने गद्दी वापसी की बात कर दी तो सरकार का क्या होगा? अभी समय है सरकार संभल जाए।’ राकेश टिकैत ने सरकार को बेबाक अंदाज में चुनौती दी है। इस महापंचायत में राकेश टिकैत मौजूद हैं। इस महापंचायत में किसानों ने स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग की है। इसके अलावा लापता किसानों का पता लगाने और किसानों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग भी की है।टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इस महापंचायत में शामिल हुए हैं। टेक राम कंडेला ने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा है। करीब दो दशक पहले हरियाणा में किसानों का आंदोलन चलाने वाली कंडेला खाप ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को अपना समर्थन दिया है। दूसरी खाप ने भी आंदोलन का समर्थन किया है। टेकराम कंडेला ने कहा कि आज के कार्यक्रम में कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी की मांग की जाएगी।
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