बुधवार, 13 जनवरी 2021
विकास का ढिंढोरा पीटती है भाजपा, सच अलग
सीएम का एक्शन, जिला कलेक्टर-एसपी को हटाया
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुरैना के कलेक्टर अनुराग वर्मा और पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजातिया को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। इसके साथ ही एसडीओपी पर भी निलंबन की गाज गिरी है। दरअसल, यह पूरी कार्रवाई जहरीली शराब से हुई मौतों के चलते कई गई है।मुरैना जिले में जहरीली शराब से अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है। जानकारी के मुताबकि प्रदेश में पिछले 9 माह में जहरीली शराब से 38 लोगों की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद सरकारी तंत्र शराब के अवैध करोबार को रोकने में अब तक नाकाम रहा।
सपा ने विधान परिषद उम्मीदवारों की घोषणा की
आपको बता दें कि 11 जनवरी से नामांकन पत्र दाखिल करने की शुरू हुई प्रक्रिया 18 जनवरी तक चलेगी और 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 21 जनवरी को नाम वापसी और 28 जनवरी को मतदान होगा। 28 जनवरी की शाम से ही मतगणना की भी प्रक्रिया शुरू होगी।
संपूर्ण देश में सूर्य पूजा का पर्व 'मकर सक्रांति'
ठंड: आग के पास बैठने से हो जाए सावधान
नई दिल्ली। कड़ाके की ठंड के बीच लोग हर वो चीज करते हैं। जिससे ठंड से बचा जा सके। गर्म कपड़ों के साथ गर्म तासीर वाली चीजें भी खाते हैं। साथ ही आग लगाकर भी ठंड से बचने की कोशिश करते हैं लेकिन ऐसा करना भारी पड़ सकता है। आग तापने के दौरान एक छोटी से लापरवाही कई लोगों के लिए खतरा बनती है। आग तापने के दौरान इन बातों का ध्यान जरूर है। सांस की बीमारी का खतरा: आग के तापने के दौरान लोग टायर, प्लास्टिक आदी को जलाते हैं। जिससे निकलने वाला धुआं सांस के जरिए आपके शरीर में पहुंचता है। जिससे खतरनाक बीमारियां आप को अपनी चपेट में ले लेती हैं।अस्थमा के मरीजों के लिए ये धुंआ जानलेवा तक साबित हो सकता है। हाथों की ऊंगलियों में सूजन: अधिक ठंड होने के चलते शरीर की तासीर भी ठंडी होने लगती है ऐसे में लोग आग के पास घंटों बैठकर आराम महसूस करते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा करने से आप की हाथों की ऊंगलियां तक सूज जाती है। क्योंकि आग के पास बैठने से एक ओर आप के हाथ गर्म हो जाते हैं तो वहीं आप ठंड में होते हैं। जिससे ऊंगलियां सूजती हैं। ऐसे में आप को हाथ सेकने के बाद कुछ देर बाद हाथों के सामान्य तापमान होने तक वहीं बैठा रहना चाहिए।
खूबसूरती के लिए महिला पीती है कुत्ते का पेशाब
वाशिंगटन डीसी। दुनिया में लोग अपने आप को खूबसूरत और सेहतमंद रखने के लिए एक से बढ़ कर एक नुस्खे अपनाते रहते हैं। ज्यादातर देखा गया है कि लड़कियों अपने आप को खूबसूरत दिखाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहती हैं। इसी बीच एक महिला द्वारा अपनाया गया नुस्खा जान कर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल एक बेहद खूबसूरत महिला अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए हर रोज कुत्ते का पेशाब पीती है। मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका की लीना नाम की यह महिला कुत्ते की यूरिन पीकर अपनी खूबसूरती और स्किन के ग्लो को मेंटेन रखती है। अमेरिका की लीना नामक इस महिला का कहना है कि लोग हमेशा ही उससे उसकी चमकती-दमकती त्वचा का राज पूछते रहते है। तो उसने जब अपनी खूबसूरती का राज लोगों को बताया तो लोग सुन कर हैरान रह गए। महिला ने बताया कि वह अपने आप को खूबसूरत रहने के लिए हर रोज कुत्ते की यूरिन पीती है, जिससे उसके चेहरे पर दाग-धब्बे नहीं होते हैं और साथ ही चेहरे पर हमेशा निखार बना रहता है।
फिल्म 'धमाका' के लिए 20 करोड़ की फीस ली
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता कार्तिक आर्यन ने अपनी आने वाली फिल्म ‘धमाका’ के लिए 20 करोड़ की फीस ली है। कार्तिक आर्यन हाल ही में राम माधवानी की फिल्म ‘धमाका’ की शूटिंग पूरी की है। इस फिल्म में कार्तिक अलग लुक में नजर आने वाले हैं। जो फिल्मों में उनकी लवर बॉय की छवि को तोड़ा। बताया जा रहा है कि कार्तिक आर्यन ने इस फिल्म की शूटिंग को 10 दिनों में पूरा कर लिया, जिसके लिए उन्होंने 20 करोड़ रुपए लिए हैं। बताया जा रहा है कि शूटिंग के दौरान इस बात को ध्यान में रखा गया था कि फिल्म की शूटिंग जल्द से जल्द खत्म हो जाए। इसके लिए ज्यादातर सीन्स को इनडोर ही शूट किया गया है, लेकिन कुछ सीन ऐसे हैं जो आउटडोर शूट हुए हैं और इस फिल्म की शूटिंग को खत्म करने के लिए कार्तिक आर्यन को 14 दिन का वक्त दिया गया था। लेकिन उन्होंने इस फिल्म की शूटिंग को 10 ही दिनों में खत्म कर दिया। कार्तिक ने अपने बर्थडे पर फिल्म का मोशन पोस्टर शेयर करते हुए बताया कि फिल्म में वो एक पत्रकार का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म में दिखाया जाएंगा कि एक टीवी चैनल के अंदर कैसे काम होता है और खास कर लाइव कवरेज के दौरान अंदर का कैसा माहौल होता है।
प्रियंका ने सीएम योगी पर फिर साधा निशाना
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुये आरोप लगाया है कि मिशन शक्ति के प्रचार के नाम पर करोड़ों रूपये बहाने वाली सरकार के मुखिया के गृह जिले में ही महिलायें उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है। प्रियंका गांधी ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट के जरिये मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुये कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र से आई खबर पढ़कर आपको अंदाजा लगेगा कि जिस सिस्टम ने अभी कुछ दिनों ही पहले महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए ‘मिशन शक्ति’ के नाम पर झूठे प्रचार में करोड़ों रुपए बहा दिए, वो सिस्टम जमीनी स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस कदर उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है। इस खबर के अनुसार गोरखपुर में पिछले दिनों 12 से अधिक लड़कियों की मौत के मामले आए। इन अपराधों में सजा दिलाना तो दूर कुछ मामलों में पुलिस मृत लड़कियों की पहचान तक नहीं कर पाई। उन्होने लिखा कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हर दिन औसतन 165 अपराध होने के मामले होते हैं। पिछले दिनों ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आए जिनमें या तो प्रशासन ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी या फरियादी महिला से ही बदतमीजी कर दी। क्या आप सोच सकते हैं कि जो सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर अपनी पीठ थपथपाने के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन देती हो उस सरकार के थानों में जब महिला शिकायत लेकर पहुंचती है तो थाने में उस पर भद्दी टिप्पणियां की जाती हों और उसके प्रति संवेदना करने के बजाए उसका निरादर किया जाता है। कांग्रेसी नेता ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर हाथरस, उन्नाव एवं बदायूं जैसी घटनाओं में यूपी सरकार के व्यवहार को पूरे देश ने देखा। महिला सुरक्षा की बेसिक समझ है कि महिला की आवाज सर्वप्रथम है मगर यूपी सरकार ने बार-बार ठीक इसके उलट काम किया। इससे यह स्पष्ट है कि उनके लिए “बेटी बचाओ” और “मिशन शक्ति” सिर्फ खोखले नारे हैं। महिलाओं की आवाज और उनकी आपबीती को लेकर महिलाओं के प्रति सरकार को अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा और महिलाओं के साथ संवेदनशीलता दिखानी पड़ेगी। जब कोई पीड़ित महिला या उसका परिवार आवाज उठाए और सत्ताधारी दल के लोग उस महिला व उसके परिवार पर ही भद्दी टिप्पणियां करने लगें तो इससे घृणित कोई और कार्य नहीं है। उन्होने कहा कि महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की प्राथमिक शर्त है कि महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को सामने लाना। और इसके लिए महिलाओं की आवाज को आदर से सुनना होगा।
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सरकार का यू-टर्न, दागियों को मलाईदार पद
बिहार सरकार के उस आदेश का सबसे बड़ा असर 1994 बैच के पुलिस अधिकारी जो इंस्पेक्टर बन गए थे, उन पर हुआ था। 80 परसेंट अफसरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित है या फिर उनके खिलाफ ब्लैक मार्क लगा था। तब बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के सख्त आदेश के बाद जुलाई से ही दागदार छवि वाले इंस्पेक्टरों और थानाध्यक्षों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दिए थे।
उस समय आरा, बक्सर, सासाराम में दागदार छवि वाले थानाध्यक्षों को हटा दिया गया था। सासाराम जिले में 1994 बैच वाले अफसर जो इंस्पेक्टर के रूप में तैनात थे, वैसे 12 अफसरों को हटा दिया गया था। ये वैसे अफसर थे, जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई लंबित है या फिर ब्लैक मार्क लगा था। भोजपुर से भी 1994 बैच वालों का पत्ता साफ हो गया था। बता दें कि बिहार में 1075 थाने और 225 ओपी हैं। अन्य जिलों में इसी तरह की कार्रवाई की गई थी।
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