रविवार, 27 दिसंबर 2020
चालक की लापरवाही से विकलांग का सिर फटा
सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की चाल महत्वपूर्ण बनेगी
भविष्य में और भी दस्तक दे सकती है महामारी
राणा ओबराय
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक तेद्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने कहा है, कि भविष्य में और भी महामारी दस्तक दे सकती है। ऐसे में दुनिया को इसके लिए तैयार रहना चाहिए। घेब्रेयसस ने कहा कि पिछले 12 महीनों में दुनिया ने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से पहले पिछले वसंत ऋतु में कई समीक्षाएं और रिपोर्टें आईं। जिसमें कहा गया था कि दुनिया इस तरह के संकट के लिए तैयार नहीं है। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने दी चेतावनी, कोरोना वायरस अंतिम महामारी नहीं, मानव नहीं संभला तो… टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस संकट अंतिम महामारी नहीं होगा और मानव स्वास्थ्य में सुधार के प्रयास, जलवायु परिवर्तन और पशु कल्याण की चुनौतियों से निपटेेे बगैर सारे प्रयास ‘बेकार’ हैं। उन्होंने कहा, “सभी देशों को अपनी क्षमता के अनुसार इसकी तैयारी में लग जाना चाहिए। तैयारी का मतलब सिर्फ स्वास्थ्य विभाग में नौकरी नहीं है, बल्कि सभी जरुरी सरकारी और सामाजिक दृश्टिकोण को बढ़ावा देना है। इतिहास ने हमें बताया है कि यह आखिरी महामारी नहीं है और यह जीवन की सच्चाई है।”उन्होंने कहा कि बहुत लंबे समय के लिए, दुनिया ने आतंक और उपेक्षा के एक चक्र पर काम किया है। हम एक प्रकोप पर पैसा फेंकते हैं और जब यह खत्म हो जाता है, तो हम इसके बारे में भूल जाते हैं और अगले को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करते हैं। यह खतरनाक रूप से अदूरदर्शी और समझने में मुश्किल है। कोरोना पॉजिटिव शख्स के संपर्क में आए थे। डब्लल्यूएचओ प्रमुख, ट्वीट कर दी सेहत की जानकारी – स्वास्थ्य तैयारियों के लिए विश्व तत्परता पर वैश्विक तैयारी निगरानी बोर्ड की सितंबर 2019 की पहली वार्षिक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। इसके कुछ महीने बाद दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप फैला, जबकि इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दुनिया संभावित विनाशकारी महामारी के लिए तैयार नहीं है। टेड्रोस ने कहा, ‘इतिहास हमें बताता है कि यह अंतिम महामारी नहीं होगी, और महामारी जीवन का एक तथ्य है।’जॉन होपकिंस यूनीवर्सिटी के अनुसार दुनिया भर में कोरोना से आठ करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 17 लाख 50 हजार से ज्यादा मरीजों की इससे मौत हुई है।
हापुड़: नगर के लोगों ने एकता की मिसाल कायम की
पहल: महिला अस्पताल में आधुनिक पैथोलॉजी लैब
आरसीपी सिंह बने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष
नये संक्रमित 18,732, रिकवरी दर 95.82 प्रतिशत
भारत में निर्मित उत्पादों के यूज का संकल्प लें
गृह मंत्री ने कामाख्या मंदिर में की पूजा-अर्चना
लगातार 20वें दिन पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर
संक्रमित सांता क्लॉस से संपर्क, 157 संक्रमित
भीषण सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत, 6 घायल
सच की आवाज दबाना चाहती है भाजपा सरकार
किसानों को समझाने के लिए अधिकारी तैनात
जाति अंकित गाड़ियों के विरुद्ध होगी कार्रवाई
फ्रांस में वायरस के नए स्ट्रेन का पहला मामला
आईआईटी ने बनाया प्रोटीन युक्त 'शाकाहारी' अंडा
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) ने ऐसे अंडे तैयार किया है, जो पूरी तरह से शाकाहारी होंगे। बताया जा रहा है कि इनका उत्पादन शुद्ध रूप से वनस्पतियों के माध्यम से किया गया है। इन्हें वो लोग बड़े चाव से खा सकते हैं जो मुर्गी के अंडे को नहीं खाते।
अपने इस आविष्कार के लिए आईआईटी दिल्ली ने इनो वेट्स फॉर एसडीजी फॉर एसडीजी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया है। दरअसल, एक्सेलेरेटर लैब इंडिया ने यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत इस प्रतियोगिता का आयोजन किया था। आईआईटी दिल्ली के सेंटर फॉर रूरल डेवलपमेंट एंड टेक्नोलॉजी की प्रोफेसर काव्या दशोरा ने इस प्रतियोगिता को जीता है।काव्या दशोरा का कहना है कि ये नकली अंडा (Mock Egg) है। लेकिन ये प्रोटीन की सभी जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने बताया कि हमारा अंड़ा स्वास्थ्य जागरूक के मानकों पर भी खरा उतरा है। इसके अलावा ये खाने में भी स्वादिष्ट है।दशोरा ने बताया कि इस खेज के लिए आईआईटी दिल्ली को इनो वेट्स फॉर एसडीजी फॉर एसडीजी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार भी मिला है। जिसमें ईनाम के तौर पर 5000 अमेरिकी डॉलर मिले हैं। प्रो. काव्या दशोरा के मुताबिक आईआईटी दिल्ली के वैज्ञानिकों ने इस अंडे के अलावा चिकन के लिए मांस के एनालॉग भी विकसित किए हैं।
वहीं इस प्रतियोगिता का आयोजन कराने वाले यूएनडीपी ने बताया कि ये मॉक एग इनोवेशन का एक परफेक्ट इनोवेशन है। ये शाकाहारी होने के साथ प्रोटीन की सभी जरूरतों को पूरा करता है।
गाय की हत्या पर जश्न, यूपी की गायो की चिंता
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लेटर के बाद उत्तर प्रदेश में गायों की दुर्दशा को लेकर राजनीति हो रही है। रविवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में कहा कि जिन लोगों ने केरल में अपने पदाधिकारियों के माध्यम से गो-माता की हत्या करवाकर उसका इश्तिहार छपवा दिया, यूपी की जनता इतनी भ्रमित नहीं है कि उन लोगों का पाप माफ कर देगी। यहां की जनता भली-भांति जानती है कि गो-माता के संरक्षण में भाजपा ने कितना काम किया है।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। रविवार को दौरे के आखिरी दिन स्मृति ईरानी ने सलोन विधानसभा के हाजीपुर गांव में PM नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि किस प्रकार से केरल में गो-माता की हत्या करने का उत्सव कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों ने मनाया था? कांग्रेस पार्टी के आलाकमान ने ऐसे लोगों का प्रोत्साहन किया। मेरा मानना है कि जो दोगलापन कांग्रेस पार्टी दिखा रही है, उसकी सच्चाई जनता भली भांति जानती है।
प्रियंका गांधी ने ललितपुर में गायों की दुर्दशा पर चिंता जाहिर की थी
दरअसल, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ललितपुर की एक गौशाला में गायों की मौत पर चिंता जाहिर किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा था कि गौशाला में चारा-पानी का समुचित इंतजाम न होने से गायें भूख से मर रही हैं। ऐसा सिर्फ ललितपुर की एक गौशाला में नहीं बल्कि समूचे उत्तर प्रदेश में हो रहा है। इसके बाद कांग्रेसियों ने ललितपुर में जिला प्रशासन और शासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। शनिवार को ललितपुर जिले के ग्राम दैलवारा में गाय बचाओ यात्रा निकालते समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू को पुलिस ने दर्जनों कार्यकर्ताओं सहित गिरफ्तार कर लिया था।
दर्ज हुआ था 9 अफसरों पर केस
बता दें कि ललितपुर में ग्राम पंचायत सौजना में संचालित अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल में हुई दस गायों की मौत के बाद उनके शवों का समय पर निस्तारण नहीं किए जाने के मामले में जिला पंचायतराज अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी महरौनी सहित 9 लोगों पर गम्भीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
किसानों को तबाह करने पर तुली है भाजपा: सपा
सांसदों, पूर्व सांसदों, पूर्व मंत्रियों, पूर्व विधायकों, एवं जनपदों के पदाधिकारियों ने चैपाल लगाकर किसानों के बीच समाजवादी सरकार की उपलब्धियों की चर्चा की। चर्चा के दौरान किसानों ने भाजपा राज में होने वाली तमाम परेशानियों के बारे में बताया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में किसानों के साथ घोर अन्याय हुआ है। भाजपा किसानों को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। भाजपा की आर्थिक नीतियां कारपोरेट कारोबारियों के पक्ष में रहती है। उसकी नीतियों में किसानों के लिए कोई स्थान नहीं है। समाजवादी पार्टी द्वारा समाजवादी किसान घेरा कार्यक्रम के तहत इन्हीं बातों को गांव-गांव किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि किसान आज देश भर में आंदोलित हैं। भाजपा सरकार किसानों को फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी देने को तैयार नहीं है। किसानों का खेती पर स्वामित्व भी खतरे में पड़ने वाला है।
भाजपा सरकार कॉन्ट्रैक्ट खेती के नाम पर किसानों का खेत छीनने की साजिश कर रही है। किसान की फसल बड़े सेठो के मनमर्जी के दामों पर लूटने का प्रबन्ध किया जा रहा है। भाजपा ने किसानों से जो वादे किए थे वे पूरे नहीं हुए। न तो किसानों को लागत का ड्योढ़ा दाम मिला, नहीं उनकी आय दुगनी होने के आसार हैं। गन्ना किसानों का बकाया अभी तक अदा नहीं हुआ। मंडिया समाप्त की जा रही है। किसानों को समाजवादी सरकार में कर्जमाफी, मुफ्त सिंचाई, खाद, बीज की समय से उपलब्धता, पेंशन और फसल बीमा की सुविधाएं दी गई थी। किसानों को रियायती दर पर बिजली मिलती थी। भाजपा सरकार ने तो किसानों पर बिजली का भार भी बढ़ा दिया है।
भाजपा सरकार ने जो नए तीन कृषि कानून बनाए हैं उनसे किसान बर्बाद हो जाएंगे। यह किसान के पक्ष में तो कतई नहीं है। इससे आक्रोशित किसानों को सरकार बदनाम करने पर तुल गई है। वह उन्हें आतंकवादी या विपक्ष के इशारे पर आंदोलनकारी बता रही है। यह अन्नदाता को अपमानित करना है।
किसान घेरा कार्यक्रम के साथ चैपाल में शामिल किसानों ने स्वीकार किया कि उन्हें अखिलेश यादव के नेतृत्व पर भरोसा है। वे मानते है कि उन्हें समाजवादी सरकार आने पर ही उनको राहत मिलेगी।
किसान घेरा कार्यक्रम में आज भी समाजवादी पार्टी के नेताओं की सक्रिय भूमिका रही। बदायूं में पूर्व सांसद धर्मेन्द्र यादव, आगरा में रामजीलाल सुमन पूर्व सांसद तथा रामगोपाल बघेल, अलीगढ़ में पूर्व सांसद विजेन्द्र सिंह, ठाकुर राकेश सिंह पूर्व विधायक तथा हाजी जमीरउल्लाह खान, पूर्व विधायक सगीर अहमद, इटावा में प्रेमदास कठेरिया पूर्व सांसद, गोपाल यादव जिलाध्यक्ष तथा डाॅ0 भूपेन्द्र दिवाकर, अम्बेडकरनगर में पूर्व सांसद त्रिभुवनदास, कन्नौज में पूर्व विधायक अरविन्द यादव, प्रयागराज में पूर्व विधायक प्रशांत सिंह, जिलाध्यक्ष योगेश चन्द्र यादव, रामसेवक सिंह पटेल, सीतापुर में पूर्व विधायक अनूप गुप्ता ने चैपाल लगाकर किसानों से वार्ता की।
जौनपुर में पूर्व सांसद तूफानी सरोज, पूर्व विधायक श्रद्धा यादव एवं गुलाब सरोज, चंदौली में राम किशुन पूर्व सांसद एवं सत्य नारायण राजभर, भदोही में ही पूर्व विधायक जाहिद बेग एवं मधुबाला पासी तथा जिलाध्यक्ष विघ्न विनायक यादव, गोरखपुर में पूर्व मंत्री राम भुआल निषाद, पूर्व विधायक विजय बहादुर, महावीर एवं यशपाल रावत, कुशीनगर कसया में पूर्व मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी तथा रामकोला में राघेश्याम सिंह ने समाजवादी किसान घेरा कार्यक्रम आयोजि किया।
आजमगढ़ में पूर्व सांसद बलिहारी बाबू, आलमबदी विधायक, बेचई सरोज पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष हवलदार यादव, जयराम पटेल, अखिलेश यादव, सिद्धार्थनगर में आलोक तिवारी पूर्व सांसद, नन्दू चैधरी पूर्व विधायक, राजेन्द्र प्रसाद चौधरी पूर्व विधायक, बरेली में भगवतशरण गंगवार, सुल्तान बेग, अताउर्रहमान, मेरठ में राजपाल सिंह जिलाध्यक्ष तथा अतुल प्रधान, बदायूं में पूर्व विधायक प्रेमपाल सिंह ने भी किसान घेरा कार्यक्रम में ग्रामीणों से वार्ता की। पीलीभीत में पूर्व मंत्री रियाज अहमद ग्राम परेवा वैश्य में तथा एटा में पूर्व विधायक अमित गौरव तथा रामेश्वर सिंह के अलावा युवा प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष भी आज विभिन्न क्षेत्रों में किसान घेरा कार्यक्रम के तहत किसानों के बीच पहुंचे। अरविन्द गिरि प्रदेश अध्यक्ष युवजन सभा काकोरी ब्लाक लखनऊ के सिमरामऊ, रामकरन निर्मल प्रदेश अध्यक्ष लोहिया वाहिनी ने बख्शी का तालाब रैथा गांव में, दिग्विजय सिंह देव प्रदेश अध्यक्ष छात्र सभा ने सीतापुर में सरैया राजा साहब में किसान घेरा कार्यक्रम में किसानों को समाजवादी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया।
अन्ना हजारे ने आंदोलन के समर्थन का फैसला लिया
मुंबई। वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन करने का फैसला किया है। अन्ना हजारे ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में दिल्ली के जंतर मंतर मैदान में आंदोलन करने की अनुमति मांगी है। यह जानकारी अन्ना हजारे ने पत्रकारो को दी है। अन्ना का आंदोलन दिल्ली में चल रहे किसानों के समर्थन में होगा। अन्ना हजारे ने कहा था कि उनका आखिरी आंदोलन किसानों के सवाल के लिए होगा। सभी की निगाहें कृषि अधिनियम के खिलाफ चल रहे आंदोलन में अन्ना हजारे की भूमिका पर थीं।
बीजेपी नेता महाराष्ट्र के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे और पूर्व केबिनेट मंत्री गिरीश महाजन ने अन्ना हजारे से मुलाकात की थी ताकि उन्हें आंदोलन में शामिल होने से रोका जा सके।
वाजेद असलम
'मन की बात' देश में नया सामर्थ्य पैदा हुआ
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज 27 दिसम्बर है। चार दिन बाद ही 2021 की शुरुआत होने जा रही है। आज की ‘मन की बात’ एक प्रकार से 2020 की आख़िरी ‘मन की बात’ है। अगली ‘मन की बात’ 2021 में प्रारम्भ होगी। साथियो, मेरे सामने आपकी लिखी ढ़ेर सारी चिट्ठियाँ हैं। Mygov पर जो आप सुझाव भेजते हैं, वो भी मेरे सामने हैं। कितने ही लोगों ने फ़ोन करके अपनी बात बताई है। ज्यादातर संदेशों में, बीते हुए वर्ष के अनुभव, और, 2021 से जुड़े संकल्प हैं। कोल्हापुर से अंजलि जी ने लिखा है, किनए साल पर, हम, दूसरों को बधाई देते हैं, शुभकामनाएं देते हैं, तो इस बार हम एक नया काम करें। क्यों न हम, अपने देश को बधाई दें, देश को भी शुभकामनाएं दें। अंजलि जी, वाकई, बहुत ही अच्छा विचार है। हमारा देश, 2021 में, सफलताओं के नए शिखर छुएँ, दुनिया में भारत की पहचान और सशक्त हो, इसकी कामना से बड़ा और क्या हो सकता है।
साथियो, NamoApp पर मुम्बई के अभिषेक जी ने एक message पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि 2020 ने जो-जो दिखा दिया, जो-जो सिखा दिया, वो कभी सोचा ही नहीं था। कोरोना से जुड़ी तमाम बातें उन्होंने लिखी हैं। इन चिट्ठियों में, इन संदेशों में, मुझे, एक बात जो common नजर आ रही है, ख़ास नजर आ रही है, वो मैं आज आपसे share करना चाहूँगा। अधिकतर पत्रों में लोगों ने देश के सामर्थ्य, देशवासियों की सामूहिक शक्ति की भरपूर प्रशंसा की है। जब जनता कर्फ्यू जैसा अभिनव प्रयोग, पूरे विश्व के लिए प्रेरणा बना, जब, ताली-थाली बजाकर देश ने हमारे कोरोना वारियर्स का सम्मान किया था, एकजुटता दिखाई थी, उसे भी, कई लोगों ने याद किया है।
साथियो, देश के सामान्य से सामान्य मानवी ने इस बदलाव को महसूस किया है। मैंने, देश में आशा का एक अद्भुत प्रवाह भी देखा है। चुनौतियाँ खूब आईं। संकट भी अनेक आए। कोरोना के कारण दुनिया में supply chain को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन, हमने हर संकट से नए सबक लिए। देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ। अगर शब्दों में कहना है, तो इस सामर्थ्य का नाम है ‘आत्मनिर्भरता’।
साथियो, दिल्ली में रहने वाले अभिनव बैनर्जी ने अपना जो अनुभव मुझे लिखकर भेजा है वो भी बहुत दिलचस्प है। अभिनव जी को अपनी रिश्तेदारी में, बच्चों को gift देने के लिए कुछ खिलौने खरीदने थे इसलिए, वो, दिल्ली की झंडेवालान मार्किट गए थे। आप में से बहुत लोग जानते ही होंगे, ये मार्केट दिल्ली में साइकिल और खिलौनों के लिए जाना जाता है। पहले वहां महंगे खिलौनों का मतलब भी imported खिलौने होता था, और, सस्ते खिलौने भी बाहर से आते थे। लेकिन, अभिनव जी ने चिट्ठी में लिखा है,कि, अब वहां के कई दुकानदार,customers को, ये बोल-बोलकर toys बेच रहे हैं, कि अच्छे वाला toy है, क्योंकि ये भारत में बना है ‘Made in India’ है।Customers भी,India madetoys की ही माँग कर रहे हैं। यही तो है, ये एक सोच में कितना बड़ा परिवर्तन – यह तो जीता-जागता सबूत है। देशवासियों की सोच में कितना बड़ा परिवर्तन आ रहा है, और वो भी एक साल के भीतर-भीतर।इस परिवर्तन को आंकना आसान नहीं है। अर्थशास्त्री भी, इसे, अपने पैमानों पर तौल नहीं सकते।
साथियो, मुझे विशाखापत्तनम से वेंकट मुरलीप्रसाद जी ने जो लिखा है, उसमें भी एक अलग ही तरह का idea है। वेंकट जी ने लिखा है, मैं, आपको, twenty, twenty one के लिए, दो हजार इक्कीस के लिए, अपना ABCattach कर रहा हूँ। मुझे कुछ समझ में नहीं आया, कि आखिर ABC से उनका क्या मतलब है। तब मैंने देखा कि वेंकट जी ने चिट्ठी के साथ एक चार्ट भी attach कर रखा है। मैंने वो चार्ट देखा, और फिर समझा कि ABCका उनका मतलब है – आत्मनिर्भरभारत चार्ट ABC। यह बहुत ही दिलचस्प है। वेंकट जी ने उन सभी चीजों की पूरी list बनायी है, जिन्हें वो प्रतिदिन इस्तेमाल करते हैं। इसमें electronics, stationery, self care items उसके अलावा और भी बहुत कुछ शामिल हैं।वेंकट जी ने कहा है, कि, हम जाने-अनजाने में, उन विदेशी products का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनके विकल्प भारत में आसानी से उपलब्ध हैं। अब उन्होंने कसम खाई है कि मैं उसी product का इस्तेमाल करूंगा, जिनमें हमारे देशवासियों की मेहनत और पसीना लगा हो।
साथियो, लेकिन, इसके साथ ही उन्होंने कुछ और भी ऐसा कहा है, जो मुझे काफी रोचक लगा है। उन्होंने लिखा है कि हम आत्मनिर्भर भारत का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हमारे manufacturers,उनके लिए भी, साफ़ सन्देश होना चाहिए, कि, वे products की quality से कोई समझौता न करें।बात तो सही है।Zero effect, zero defect की सोच के साथ काम करने का ये उचित समय है। मैं देश के manufacturers और industry leaders से आग्रह करता हूँ: देश के लोगों ने मजबूत कदम उठाया है, मजबूत कदम आगे बढ़ाया है। Vocal for local ये आज घर-घर में गूँज रहा है।ऐसे में, अब, यह सुनिश्चित करने का समय है, कि, हमारे products विश्वस्तरीय हों। जो भी Global best है, वो हम भारत में बनाकर दिखायें। इसके लिए हमारे उद्यमी साथियों को आगे आना है।Start-ups कोभी आगे आना है। एक बार फिर मैं वेंकट जी को उनके बेहतरीन प्रयास के लिए बधाई देता हूँ।
साथियो, हमें इस भावना को बनाये रखना है, बचाए रखना है, और बढ़ाते ही रहना है। मैंने, पहले भी कहा है, और फिर मैं, देशवासियों से आग्रह करूंगा। आप भी एक सूची बनायें। दिन-भर हम जो चीजें काम में लेतेहै, उन सभी चीजों की विवेचना करें और ये देखें, कि अनजाने में कौन सी, विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है।एक प्रकार से, हमें, बन्दी बना दिया है।इनके, भारत में बने विकल्पों का पता करें, और, ये भी तय करें, कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों के मेहनत से पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें। आप हर साल new year resolutions लेते हैं, इस बार एक resolution अपने देश के लिए भी जरुर लेना है।
मेरे प्यारे देशवासियो, हमारे देश में आतताइयों से, अत्याचारियों से, देश की हजारों साल पुरानी संस्कृति, सभ्यता, हमारे रीति-रिवाज को बचाने के लिए, कितने बड़े बलिदान दिए गए हैं, आज उन्हें याद करने का भी दिन है। आज के ही दिन गुरु गोविंद जी के पुत्रों, साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार में जिंदा चुनवा दिया गया था। अत्याचारी चाहते थे कि साहिबजादे अपनी आस्था छोड़ दें, महान गुरु परंपरा की सीख छोड़ दें। लेकिन, हमारे साहिबजादों ने इतनी कम उम्र में भी गजब का साहस दिखाया, इच्छाशक्ति दिखाई। दीवार में चुने जाते समय, पत्थर लगते रहे, दीवार ऊँची होती रही, मौत सामने मंडरा रही थी, लेकिन, फिर भी वो टस-से-मस नहीं हुए। आज ही के दिन गुरु गोविंद सिंह जी की माता जी – माता गुजरी ने भी शहादत दी थी। करीब एक सप्ताह पहले, श्री गुरु तेग बहादुर जी की भी शहादत का दिन था। मुझे, यहाँ दिल्ली में, गुरुद्वारा रकाबगंज जाकर, गुरु तेग बहादुर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने का, मत्था टेकने का अवसर मिला। इसी महीने, श्री गुरु गोविंद सिंह जी से प्रेरित अनेक लोग जमीन पर सोते हैं। लोग, श्री गुरु गोविंद सिंह जी के परिवार के लोगों के द्वारा दी गयी शहादत को बड़ी भावपूर्ण अवस्था में याद करते हैं। इस शहादत ने संपूर्ण मानवता को, देश को, नई सीख दी। इस शहादत ने, हमारी सभ्यता को सुरक्षित रखने का महान कार्य किया। हम सब इस शहादत के कर्जदार हैं। एक बार फिर मैं, श्री गुरु तेग बहादुर जी, माता गुजरी जी, गुरु गोविंद सिंह जी, और, चारों साहिबजादों की शहादत को, नमन करता हूं। ऐसी ही, अनेकों शहादतों ने भारत के आज के स्वरूप को बचाए रखा है, बनाए रखा है।
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