गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

सीएम केजरीवाल ने सरकार पर साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा सत्र में नए कृषि कानूनों पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान केजरीवाल ने कृषि कानूनों की कॉपी फाड़ी दी। उन्होंने कहा कि सरकार और अभी कितने किसानों की जान लेगी, अब तक करीब 20 से ज्यादा किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके है। एक-एक किसान भगत सिंह बनकर आंदोलन में बैठा है, अंग्रेजों से बदतर न बने सरकार।

सीएम खट्टर ने संत की मौत को बडी क्षति बताया

राणा ओबरॉय 
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सिख संत राम सिंह की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए, इसे एक “अपूरणीय क्षति” करार दिया। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।केन्द्र के नए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे संत राम सिंह (65) ने बुधवार को सिंघु बॉर्डर के पास खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के मुताबिक उन्होंने पंजाबी में हस्तलिखित एक पत्र भी छोड़ा है, जिसमें लिखा है कि वह “किसानों का दर्द” सहन नहीं कर पा रहे हैं। पुलिस उस पत्र की जांच कर रही है।

खट्टर ने बताया कि संत राम सिंह की मौत देश और राज्य के संत समाज को एक अपूरणीय क्षति है। हरियाणा के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि उनका निधन उनके लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। यह बेहद दुखद क्षण है। खट्टर ने कहा कि संत राम सिंह को वास्तविक श्रद्धांजलि उनके द्वारा दिखाए गए मानव कल्याण के मार्ग पर चलना होगा। वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह संत के निधन से काफी दुखी हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “करनाल के नानकसर सिंघरा वाले के संत राम सिंह जी द्वारा केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आत्महत्या करने की खबर स्तब्ध करने वाली और बेहद दुखद है। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी दुआएं हैं।”

संत राम सिंह का शव बुधवार रात करनाल जिले सिंघरा गांव के नानकसर गुरुद्वारा ले जाया गया, जहां भारी संख्या में उनके समर्थक इकट्ठे हुए। हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख गुरनाम सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि संत राम सिंह एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने अपना जीवन मानव सेवा को समर्पित कर दिया।

उन्होंने कहा,  “एक पवित्र आत्मा होने के कारण, वह किसान विरोधी कानून के खिलाफ ठंड में पिछले कई दिनों से दिन-रात सड़कों पर रह रहे किसानों का दुख देख बेहद दुखी थे…. जिनमें (प्रदर्शन में) कई बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं।” कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी उनके निधन शोक जताया।

राहुल संवैधानिक संस्थाओं का आदर नहीं करते

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मन में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति कोई आदर नहीं है और यही वजह है कि उन्होंने बुधवार को रक्षा मामलों की संसदीय समिति की बैठक से बहिर्गमन किया।जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को इस बात का ज्ञान नहीं है कि समिति के सामने साल भर में कौन से विषय रखे जाएंगें, जबकि ये विषय बैठकों में चर्चा के बाद ही तय होते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में समिति की 14 बैठकें हुईं जिसमें सिर्फ दो बैठकों में वह उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ‘जब विषय सुझाने का अवसर था तब राहुल गांधी और उनके साथियों ने कुछ नहीं कहा और अब भाजपा पर यह कहकर दोष मढ़ रहे हैं कि बैठक में महत्वपूर्ण विषय नहीं उठाए जा रहे हैं। स्थायी समिति की बैठक विरोध जताने या जनता के लिए भाषण देने का स्थान नहीं है।’

जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी की सरकार के दौरान भी राहुल गांधी ने मंत्रिमंडल से मंजूर अध्यादेश की प्रति को सार्वजनिक तौर पर पत्रकार वार्ता में फाड़ दिया था। जिससे साबित होता है कि संविधान के प्रति उनकी कोई आस्था नहीं है। उन्होने स्थायी समिति की बैठक का बहिर्गमन करके एक बार फिर संवैधानिक व्यवस्थाओं का बहिष्कार किया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सासंद राहुल गांधी और कुछ अन्य सदस्यों ने बुधवार को रक्षा मामले की संसदीय समति की बैठक का बहिर्गमन करते हुए आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों की बजाए सशस्त्र बलों की वर्दी पर चर्चा करके समय बर्बाद किया जा रहा है। श्री गांधी बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और लद्दाख में तैनात सुरक्षा बलों को मज़बूत बनाने से संबंधित मसले उठाना चाहते थे।

किसानों को प्रदर्शन का अधिकार, बनेगी समिति

पालूराम  
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों को अहिंसक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि वह इन विवादास्पद कृषि कानूनों के संबंध में कृषि विशेषज्ञों, किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों की एक निष्पक्ष तथा स्वतंत्र समिति गठित करने पर विचार कर रहा है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि इस समिति में पी साइनाथ जैसे विशेषज्ञों और सरकार तथा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा जो इन कानूनों को लेकर व्याप्त गतिरोध का हल खोजेंगे। पीठ ने कहा, ”हम मानते हैं कि किसानों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन यह अहिंसक होना चाहिए।”

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का मकसद तभी हासिल किया जा सकेगा जब किसान और सरकार बातचीत करें और ”हम इसका अवसर प्रदान करना चाहते हैं।” इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने स्पष्ट किया, ”हम कानून की वैधता पर आज फैसला नहीं करेंगे। हम सिर्फ विरोध प्रदर्शन और निर्बाध आवागमन के मुद्दे पर ही फैसला करेंगे।”

न्यायालय दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से किसानों के आन्दोलन की वजह से आवागमन में हो रही दिक्कतों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने का अनुरोध किया गया है।

'पड़ोस प्रथम' के तहत सात समझौतों पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली/ढाका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश को ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का प्रमुख स्तम्भ बताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना उनकी विशेष प्राथमिकता रही है तथा कोविड-19 के कठिन समय में दोनों देशों के बीच अच्छा सहयोग रहा है। मोदी ने बांग्लोदश की समकक्ष शेख हसीना के साथ ऑनलाइन शिखर वार्ता में यह बात कही।दोनों देशों के बीच तेजी से बढ़ते सहयोग के अनुरूप भारत और बांग्लादेश ने हाइड्रोकार्बन, कृषि, कपड़ा और सामुदायिक विकास जैसे विविध क्षेत्रों में सात समझौतों पर हस्ताक्षर किये। इसके साथ ही सीमापार चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल सम्पर्क को बहाल किया गया जो 1965 तक परिचालन में था। चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल सम्पर्क को बहाल करने से असम और पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश के लिये सम्पर्क को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। यह कोलकाता से सिलीगुड़ी के बीच 1965 तक मुख्य ब्राडगेज सम्पर्क का एक हिस्सा था। मोदी और हसीना ने संयुक्त रूप से बांग्लादेश के संस्थापक मुजीबुर रहमान और महात्मा गांधी पर एक डिजिटल प्रदशर्नी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बांग्लादेश हमारी ‘पड़ोस प्रथम’ नीति का एक प्रमुख स्तम्भ है। बांग्लादेश के साथ संबंधों में मजबूती और गहराई लाना मेरे लिए पहले दिन से ही विशेष प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि यह बात सही है कि वैश्विक महामारी के कारण यह वर्ष चुनौतीपूर्ण रहा है। लेकिन संतोष की बात है कि इस कठिन समय में भारत और बांग्लादेश के बीच अच्छा सहयोग रहा। मोदी ने कहा कि चाहे वो दवाइयों या चिकित्सा उपकरण या फिर चिकित्सा पेशेवरों का एक साथ काम करने का विषय हो, हमारा सहयोग अच्छा रहा है। टीका के क्षेत्र में भी हमारे बीच अच्छा सहयोग चल रहा है। इस सिलसिले में हम आपकी आवश्यकताओं का भी विशेष ध्यान रखेंगे l

वहीं, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि भारत एक सच्चा दोस्त है। हसीना ने कहा कि मैं भारत के कोविड-19 से निपटने के तरीके की सराहना करना चाहती हूं, उम्मीद है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में भारत महत्वपूर्ण योगदान देगा। दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भूमि सीमा कारोबार में बाधाओं को हमने कम किया। दोनों देशों के बीच सम्पर्क का विस्तार किया गया तथा नए साधनों को जोड़ा गया । यह सब हमारे संबंधों को और मजबूत करने के हमारे इरादों को दर्शाता है।

मोदी ने कहा कि यह मेरे लिए गर्व की बात है कि आज आपके साथ बंगबंधु के सम्मान में एक डाक टिकट का विमोचन, और बापू और बंगबंधु के ऊपर एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करने का मौका मिल रहा है। मैं आशा करता हूँ कि बापू और बंगबंधु की प्रदर्शनी हमारे युवाओं को प्रेरणा देगी, इसमें विशेष खंड को कस्तुरबा गाँधी जी और पूजनीय बंगमाता जी को भी समर्पित किया गया है।

विरोध: पालिका अध्यक्ष आमरण अनशन पर बैठे

विरोध स्वरुप पालिकाध्यक्ष आमरण अनशन पर बैठे, पुलिस प्रशासन सतर्क
सितारगंज। नगर पालिका में चल रहे धरने के दौरान वार्ता करने पहुंची एसडीएम मुक्ता मिश्रा अन्य अधिकारियों को दोपहर डेढ़ बजे से सवा पांच बजे तक पालिका परिसर में ही बंद कर दिए जाने के आरोप मामले में नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे, 13 सभासदों, 19 नामजद समेत 70 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पालिका अध्यक्ष ने मुकदमे को बेबुनियाद बताते हुए दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने समर्थकों के साथ पालिका में आमरण अनशन शुरू कर दिया है।विदित है कि विकास कार्यों के निपटने के बाद भी अनियमितता की जांच के नाम पर कई ठेकेदारों का भुगतान न होने से परेशान पालिका बोर्ड के अधिकांश सभासदों व नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे का कई दिनों से चला आ रहा धरना जारी था। आरोप है कि इस दौरान बुधवार की दोपहर बाद एसडीएम मुक्ता मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीओ किरण सिंह माथुर व अन्य अधिकारी धरनारत सभासदों से बातचीत करने नगर पालिका परिसर पहुंची तो अधिकारियों के अंदर जाने के बाद आंदोलनकारियों ने नगर पालिका के मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। इससे तमाम अधिकारी डेढ़ बजे से पांच बजकर दस मिनट तक अंदर ही बंधक बन कर रह गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान आंदोलनकारी एसडीएम चोर है, प्रशासन मुर्दाबाद जैसे नारे भी लगा रहे थे। इससे सरकारी काम में बाधा आई।वरिष्ठ उप निरीक्षक सुधाकर जोशी ने नगर पालिका अध्यक्ष हरीश दूबे, वार्ड एक के सभासद अकरम बेग, वार्ड नंबर दो के सभासद पंकज रावत, वार्ड नंबर तीन के सभासद जहूर इस्लाम, वार्ड नंबर चार के सभासद जिलानी अंसारी, वार्ड पांच के मेंबर रवि रस्तोगी, वार्ड नंबर 6 के रहमत हुसैन, वार्ड सात के दीपक गुप्ता, वार्ड आठ के राधे श्याम, नौ नंबर वार्ड की सभासद उषा चौहान के पति नितिन चौहान, दस नंबर वार्ड की सभासद ऋतु गहतोड़ी के पति पंकज गहतोड़ी, वार्ड नंबर 11 के लक्षमण सिंह राणा, वार्ड नंबर 12 के सभासद मरगुब अंसारी, वार्ड 13 के सचिन गंगवार, यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष इश्तयाक अंसारी, राजू रस्तोगी, आशु, ताबिर मलिक समेत 70 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे अपने समर्थकों के साथ आमरण अनशन पर डटे हुए हैं। पालिका परिसर में जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच हुए गतिरोध के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट है। पालिका अध्यक्ष हरीश दुबे ने आरोप लगाया कि सुरक्षा की दृष्टि से पालिका का गेट बंद किया गया था। किसी भी अफसर को बंधक नहीं बनाया गया है अराजकत तत्वों से बचने के लिए पालिका प्रशासन ने एहतियात बरती है। उन्होंने मुकदमे के जरिए जानबूझकर प्रशासन पर दबाव डालने का आरोप लगाया है।

कृषि कानूनों के विरोध में सरकार का पुतला फूंका

पंकज कपूर   
रुद्रपुर । भाजपा द्वारा आयोजित किसान रैली ,कृषि कानूनों के विरोध में आज दर्जनों कांग्रेसी व किसान डट गए है। कांग्रेसी नेता हिमांशु गाबा, संदीप चीमा, सुशील गाबा व अभिषेक शुक्ला अंशु के नेतृत्व में जुटे दर्जनों कांग्रेसियों ने भारतीय जनता पार्टी की किसान रैली को छलावा रैली करार देते हुए उसका जबरदस्त विरोध किया और इसे भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा विधायकों की ऐतिहासिक भूल करार देकर डी डी चोंक पर केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। कांग्रेश प्रदेश महामंत्री हिमांशु गाबा ने कहा कि आज जो पूरे देश में किसान आंदोलनरत है हर क्षेत्र का किसान इन कृषि काले कानूनों का विरोध कर रहा है ।ऐसे में भाजपा के लोगों ने रुद्रपुर में रैली कर किसानों के घावों को कुरेद ने का कार्य किया है। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा नें कहा कि भाजपा द्वारा अपने कैडर व कार्यकर्ताओं को लाकर यह दिखाया जा रहा है यह किसान हैं, यह केवल एक धोखा मात्र है । भाजपा ने यह रैली कर कृषि प्रधान तराई की धरती को कलंकित कर दिया है। भाजपा नेताओं ने यह जता दिया कि उनके लिए जनता की भलाई नहीं बल्कि उनका संगठन सर्वोपरि है, इसलिए वह संगठन की गलत नीतियों को भी सही ठहराने की कुचेष्टा कर रहे हैं।युंका जिला अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला अंशु ने कहा कि इस रैली का आयोजन कर भाजपा के विधायकों ने ऐतिहासिक गलती कर दी है। जिस किसान का वोट लेकर वो जीते हैं, आज उन्होंने उन्हीं किसानों की पीठ पर छुरा घोंप दिया है । आने वाली पीढ़ियां उन्हें कतई माफ नहीं करेगी ।कॉन्ग्रेस जिला महासचिव सुशील गाबा ने कहा कि आज इस रैली पर मौजूद प्रत्येक भाजपा नेता हमेशा हमेशा के लिए किसान विरोधी कहलाए जाएंगे। तराई का एक एक किसान हमेशा इन नेताओं के चेहरे को अपने जेहन में रखेगा और किसान रैली आयोजित करने व उसके मंच पर अपने नेतागिरी चमकाने वाले प्रत्येक नेता को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा।सभा का संचालन युंका विधानसभा अध्यक्ष विजय मंडल ने किया ।इस दौरान प्रदेश सचिव नंदलाल प्रसाद , पार्षद सचिन मुंजाल, पवन वर्मा, मनीष गोस्वामी, गौरव गांधी, विजय मंडल, ओंकार सिंह ढिल्लों, प्रदीप यादव, समरवीर सिंह सीटू, विकास विश्वास, चंद्रशेखर ओझा, नंदसेखर गाँगुली, लवली भाई, भुवन चंद्र अवस्थी, विशु गगनेजा, श्रवण गुप्ता, राकेश कुमार, संजय, अमर पाल, नंदकिशोर, हरपाल सिंह , आशीष यादव , अरुण सम्राट, राकेश चौधरी आदि मौजूद थे।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...