सोमवार, 7 दिसंबर 2020

किसानों के मन की बात सुनें सरकारः कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आहूत ‘भारत बंद’ से एक दिन पहले सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को ‘अहंकार छोड़कर’ किसानों के मन की बात सुननी चाहिए और कृषि से संबंधित ‘काले कानूनों’ को वापस लेना चाहिए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार को कृषि कानूनों को रद्द करना होगा और इससे कम, कुछ भी मंज़ूर नहीं होगा। कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश का किसान राजनीतिक दायरे से ऊपर उठकर एकजुट है। हरित क्रांति में नेतृत्व की भूमिका निभाने वाले पंजाब ने खेती व्यापारीकरण के खिलाफ क्रांति की है। हमें गर्व है कि कांग्रेस किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।’’                               


छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन करें

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार से मान्यता प्राप्त गाज़ियाबाद जिले के सभी हाई स्कूल/इंटर कॉलेज/ डिग्री/ तकनीकी/ व्यावसायिक/ शैक्षणिक संस्थानों एवं उनमें पढ़ने वाले पिछड़ी जाति के कक्षा 9-10 व 11-12 के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत पुनः जारी समय सारिणी के अनुसार पूर्व दशम छात्रवृत्ति के अनुसार छात्रों द्वारा ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि 7 दिसंबर तथा संस्था द्वारा छात्रों द्वारा प्राप्त आवेदन पत्रों को फॉरवर्ड करने की अंतिम तारीख 14 दिसंबर 2020 है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग दशमोत्तर छात्रवृत्ति के लिए छात्रों द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तारीख 15 दिसंबर तथा संस्था द्वारा आवेदन फॉरवर्ड करने की अंतिम तिथि 29 दिसंबर है।                                 


एमपी में यूपी से सख्त होगा लव जिहाद कानून

लखनऊ/ भोपाल। लव जिहाद के बढ़ते मामलों को भाजपा शासित राज्यों ने काफी गंभीरता से लिया है और राज्य इसके खिलाफ कानून बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कानून बनाकर इस अमल करना भी शुरू कर दिया और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया है। अब मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद पर उत्तर प्रदेश से भी कड़ा कानून लाने जा रही है।                                     


सीएआइटी नहीं ले रही 'भारत बंद' में भाग

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। भारत के सबसे बड़े व्यापारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर के बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएन का कहना है कि की देश का व्यापारी और ट्रांसपोर्ट 8 दिसंबर को हो रहे भारत बंद में शामिल नहीं है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कल दिल्ली समेत देशभर के बाज़ार पूरी तरह से खुले रहेंगे। व्यापारी दुकानों पर अपना माल बेचेंगे और ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां भी चलेंगी। वहीं ऐटवा के राष्ट्रीय चैयरमैन प्रदीप सिंघल और अध्यक्ष महेंद्र आर्य ने भी यह ऐलान किया है।


समझेंं भिंडी की खेती, करें लाभ अर्जित

परिचय:- भिंडी एक लोकप्रिय सब्जी है। इसे लेडी फिंगर या ओकरा के नाम से भी जानते हैं। इसकी अगेती फसल से अधिक लाभ अर्जित कर सकते है। इसकी खेती भारत के हर राज्यों में की जाती है। भिंडी की खेती वर्ष में दो बार होती है, इसलिए लगभग वर्ष भर भिंडी उपलब्ध रहता है। भिंडी में भरपूर पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह अनेक बीमारियों में भी उपयोगी है।


खेत की तैयारी:- बीज के अंकुरण के लिए 27 से 30 डिग्री से.ग्रे. तापमान उपयुक्त माना जाता है। तापमान में अधिक कमी होने पर अंकुरण नहीं होता है। अच्छी जल निकासी वाली किसी भी भूमि में भिंडी की खेती की जा सकती हैं


लवणीय या छड़ीय भूमि इसके लिए उपयुक्त नहीं है। खेत तैयार करने के लिए खेत को दो–तीन जुताई के बाद पाटा चला कर समतल कर मिट्टी को भुरभुरी बना लें।


विकशित प्रजातियाँ


पूसा ए – 4 पैदावार ग्रीष्म में 10 टन व खरीफ में 15 टन प्रति हेक्टयर है। परभनी क्रांति पैदावार 9–12 टन प्रति हैक्टेयर है।


पंजाब – 7 पैदावार 8–12 टन प्रति हैक्टेयर है।


अर्का अभय, अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, हिसार उन्नत, वि.आर.ओ.- 6 कुछ अन्य प्रजातियाँ हैं जो दोनों ऋतुओं में पाई जाती है।


बुआई एवं बीज की मात्रा:- खेत को तैयार करने के बाद खेतों में भिंडी की बुआई की जाती है। वर्षा कालीन भिंडी के लिए कतार से कतार की दुरी 40 – 45 से.मी. तथा पौधों की बीच की दुरी 25 – 30 से.मी. का अंतराल उचित रहता है। ग्रीष्मकालीन भिंडी की बुआई भी कतारों में उचित दूरी के साथ करें।


बुआई का समय:- ग्रीष्मकालीन भिंडी की बुआई फ़रवरी–मार्च वर्षकालीन भिंडी की बुआई जून-जुलाई भिंडी की व्यापारिक रूप से लगातार फसल लेने के लिए तिन सप्ताह के अंतराल पर फ़रवरी से जुलाई के मध्य अलग – अलग खेतों में भिंडी की बुआई करनी चाहिए।


खाद व उर्वरक:- प्रति हेक्टयर 15 से 20 टन गोबर की खाद दे सकते हैं। रासायनिक खाद में 80 किलोग्राम नाईट्रोजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस, तथा 60 किलोग्राम पोटाश प्रति हेक्टयर देना उचित है। नाईट्रोजन की आधी मात्रा, फास्फोरस तथा पोटाश के साथ बुआई से पहले भूमि में दे। शेष नाइट्रोजन को दो भागों में 30 से 40 दिनों के अंतराल पर दे।


भिंडी की सिंचाई, खरपतवार नियंत्रण तथा रोग उपचार।


खरपतवार नियंत्रण:- भिंडी की फसल में खरपतवार नियंत्रण आवश्यक है। अतः बुआई के 15 से 20 दिन बाद प्रथम निराई-गुडाई करना आवश्यक है।


फ्लूक्लोरेलिन की 1.0 कि.ग्रा. प्रति हैक्टेयर की दर से खेत में बीज बोने के पूर्व मिलाने से खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है। लेकिन खरपतवार नियंत्रण के लिए इसका उपयोग जितना कम करें उचित होगा।


सिंचाई:- सिंचाई मौसम के आधार पर आव्यशकता अनुसार करना चाहिए। मार्च महीने में 10 से 12 दिन, अप्रैल माह में 7 से 8 दिन और मई – जून में 4 से 5 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जा सकती है। वर्ष ऋतू में सिंचाई करने की जरुरत नहीं हैं।


भिंडी की बीज खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए की बीज रोगरोधी हो।


पीत शिरा रोग – रोकथाम के लिए 20 प्रतिशत एस. पी. की 5 मिली./ग्राम मात्रा प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।


चूर्णिल आसिता – इस रोग की रोकथाम के लिए प्रतिशत ई.सी. की 1.5 मिली. मात्रा प्रति लीटर पानी में घोलकर 2 या 3 बार 12-15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव करना चाहिए।             


गुरु नानक का 551वां प्रकाश पर्व मनाया

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। सामाजिक समरसता मंच द्वारा राजेन्द्र नगर के राधेश्याम पार्क में गुरु नानक देव का 551 वे प्रकाश पर्व को मनाया गया। कार्यक्रम में गाजियाबाद सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह ने मुख्य अतिथि के रुप उपस्थित थे। सरदार मंजीत सिंह ने उपस्थित लोगों को गुरु नानक देव जी के जीवन और उनके दिखेगा गए मार्ग के बारे में विस्तार से बताया।                                           


ताबूत की आखिरी कील 'संपादकीय'

ताबूत की आखिरी कील    'संपादकीय'
8 दिसंबर का दिन इतिहास में भाजपा के कुशासन और कुनितियों के कारण सदैव स्मरण किया जाएगा। सरकार के विरुद्ध देश का किसान, छोटे-बड़े राजनीतिक दलो के साथ-साथ छोटी-बड़ी गैर सरकारी संस्थाएं भी अन्नदाताओं के साथ आंदोलन में खड़ी हो चुकी है। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे पिछले 11 दिनों से किसान शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच किसान और सरकार के बीच वार्तालाप का लंबा दौर भी चला। 5 बार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और आंदोलनकारी किसानों के नेताओं के बीच बातचीत भी हुई। लेकिन परिणाम स्वरूप किसान वहीं का वहीं खड़ा है, जहां से शुरुआत हुई थी। सरकार कि निष्ठुरता और हठधर्मिता यह स्पष्ट कर रहे हैं कि सरकार अहंकार और सत्ता के मद में किसान प्रदर्शनकारियों का मजाक बना रही है। यह मजाक सरकार को कितना भारी पड़ेगा ? इसका तो ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। परंतु सरकार की चूल हिलना निश्चित हो गया है।
सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण देश की जनता सरकार के पाले को छोड़कर किसानों की टोली में मिल गई है। जिसके परिणाम स्वरूप राष्ट्रव्यापी बंद और आंदोलन का रूप और अधिक विकराल हो जाएगा। यह सरकार की नींद हराम करने के लिए नहीं, वरन सरकार को और भाजपा को धूमिल करने का काम करेगा। किसान आंदोलन के कारण सरकार की नीतियों और किए गए कार्यों की हर तरफ भर्त्सना होगी। यह आम हो जाएगा, आखिर देश के करोड़ों किसानों की हितकर बातें क्यों नहीं सुनी गई, क्यों नहीं मानी गई ?
सरकार स्वार्थ में अंधी और बहरी हो गई है, जो किसानों के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार है। हालांकि यह आंदोलन भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के 'ताबूत की आखिरी कील' साबित होगा। यह मात्र आंदोलन नहीं है, बेलगाम सरकार पर अंकुश भी है। 
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                  


दिल्लीः एंट्री प्वाइंट्स पर कैसी आवाजाही ?

किसानों का आंदोलन जारी, सोमवार सुबह दिल्ली के एंट्री प्वाइंट्स पर कैसी है आवाजाही?


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। किसानों की ओर से केंद्र सरकार के किसी कानून का लगातार विरोध किया जा रहा है। किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में पिछले कई महीनों से सड़कों पर उतरे हुए हैं। हालांकि अब करीब 10 दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं। और केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। वहीं किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली के कई एंट्री प्वाइंट्स पर आवाजाही प्रभावित देखने को मिल रही है। दिल्ली बॉर्डर पर नाराज किसान डटे हुए हैं। और केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है। कि जब तक केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेते हैं। तब तक ये विरोध जारी रहेगा। इस बीच दिल्ली बॉर्डर पर आम यातायात भी काफी प्रभावित देखने को मिल रहा है। सोमवार की सुबह भी दिल्ली के अलग-अलग एंट्री प्वाइंट्स पर वाहनों की भारी भीड़ देखने को मिली है।
कई बॉर्डर पूरी तरह से बंद
किसान आंदोलन में सिंघु बॉर्डर उन बॉर्डर में शामिल है। जो पहले दिन से ही बंद पड़ा हुआ है। किसानों के प्रदर्शन के कारण सिंघु बॉर्डर पूरी तरह से सील है। इसके साथ ही यहां भारी सुरक्षाबल तैनात हैं। इसके अलावा दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों की ओर से लगातार प्रदर्शन चल रहा है। यहां भी आवाजाही काफी प्रभावित हैं। इसके अलावा नोएडा-दिल्ली को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर भी किसानों ने डेरा डाला हुआ है। चिल्ला बॉर्डर के रास्ते ट्रैफिक थप्प हो चुका है।
इन बॉर्डर पर आवाजाही
वहीं दिल्ली-यूपी को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों का विरोध जारी है। यहां भी यातायात प्रभावित है। दूसरी तरफ बदोसराय बॉर्डर से केवल दो पहिया और कार को आने-जाने की इजाजत है। झटीकरा बॉर्डर पर सिर्फ दो पहिया वाहन को आवाजाही की इजाजत है। हालांकि दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाला डीएनडी बॉर्डर, जीटी रोड पर अप्सरा बॉर्डर, वजीराबाद में भोपुरा बॉर्डर पर आवाजाही खुली है। वहीं कालिंदी कुंज बॉर्डर, सूरजकुंड बॉर्डर और बदरपुर बॉर्डर खुले हैं।                                   


कारोबारियों के लिए क्यूआरएमपी योजना

जीएसटी: छोटे कारोबारियों के लिए सरकार ने शुरू की क्यूआरएमपी योजना, जानिए किसको होगा फायदा


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली के तहत छोटे करदाताओं के लिए तिमाही रिटर्न दाखिल करने और करों के मासिक भुगतान (क्यूआरएमपी) की योजना शुरू की है। ऐसे करदाता जिनका पिछले वित्त वर्ष में वार्षिक कारोबार पांच करोड़ रुपये तक रहा है और जिन्होंने अपना अक्तूबर का जीएसटीआर-3बी (बिक्री) रिटर्न 30 नवंबर 2020 तक जमा कर दिया है, इस योजना के पात्र हैं। एक जनवरी 2021 से मिलेगी अनुमति...
जीएसटी परिषद ने बैठक में कहा था कि पांच करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले पंजीकृत लोगों को एक जनवरी 2021 से अपना रिटर्न तिमाही आधार पर दाखिल करने और करों का भुगतान मासिक आधार पर करने की अनुमति दी जा सकती है। क्यूआरएमपी योजना को पांच दिसंबर को पेश किया गया है। करदाताओं को मिलेगा ये विकल्प...
इससे पांच करोड़ रुपये के कारोबार वाले करदाताओं को जनवरी-मार्च से अपना जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी रिटर्न तिमाही आधार पर दाखिल करने का विकल्प मिलेगा। करदाता प्रत्येक माह चालान के जरिए मासिक देनदारी के स्व-आकलन या पिछले दाखिल तिमाही जीएसटीआर-3बी रिटर्न की शुद्ध नकद देनदारी के 35 फीसदी के बराबर जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं। तिमाही जीएसटीआर-1 और जीएसटीआर-3बी रिटर्न एसएमएस के जरिए भी जमा कराया जा सकता है।                                         


दिलीप कुमार की देखभाल कर रही है बानो

सायरा बानो ने दिया दिलीप कुमार का हेल्थ अपडेट, कहा- ‘उनकी सेहत ठीक नहीं है, उनके लिए दुआ करें’


मुंबई। बॉलीवुड की दिग्गज अदाकारा सायरा बानो और दिलीप कुमार बॉलीवुड के उन कपल्स में से हैं, जिनके प्यार की मिसाल दी जाती है। दोनों की शादी को 54 साल हो चुके हैं और आज भी दोनों एक-दूसरे का साथ निभा रहे हैं। दोनों के प्यार में आज भी कोई कमी नहीं दिखती है। दिलीप कुमार की सेहत पिछले कई सालों से ठीक नहीं है, ऐसे में सायरा बानो ही हैं, जो सालों से पति दिलीप कुमार की देखभाल कर रही हैं। सायरा बानो ने अब हाल ही में दिलीप कुमार का हेल्थ अपडेट दिया है। उन्होंने बताया कि दिलीप कुमार इन दिनों काफी कमजोर हो चुके हैं। उनकी इम्यूनिटी भी बेहद कम हो गई है। उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि वह इसलिए दिलीप कुमार का ख्याल नहीं रखतीं कि उन पर किसी तरह का दवाब है। वह तो उनका ख्याल इसलिए रखती हैं क्योंकि वह दिलीप कुमार से बेहद प्यार करती हैं और उन्हें उनकी देखभाल करना अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि, वह यह नहीं चाहतीं कि लोग उनकी तारीफ करें। सायरा बानो ने कहा, ‘मेरा यह मकसद बिल्कुल भी नहीं है कि कोई मेरी तारीफ करे और कहे कि मैं एक डेडिकेटेड वाइफ हूं। वह इन दिनों काफी कमजोर हैं, उनकी इम्यूनिटी भी कम है। कई बार वह हॉल तक आते भी हैं और फिर वापस कमरे में चले जाते हैं। उनकी अच्छी सेहत के लिए दुआ करें। वह आगे कहती हैं, ‘मैं यह सब दवाब में नहीं, बल्कि दिलीप साहब के प्यार में करती हूं. मुझे तारीफ नहीं चाहिए। उनका साथ होना और उनके साथ रहना ही मेरे लिए काफी है। मैं उनसे बहुत प्यार करती हूं। वह मेरी सांस हैं.’ बता दें, इसी साल दिलीप कुमार ने अपने 2 भाईयों को कोरोना की वजह से खो दिया। ऐसे में दोनों ने 11 अक्टूबर को अपनी शादी की सालगिरह भी नहीं मनाई थी।                                       


जाह्नवी का क्लासिकल डांस, हुआ वायरल

जाह्नवी कपूर ने किया क्लासिकल डांस


कविता गर्ग


मुंबई। फिल्म एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर अपनी दमदार अभिनय क्षमता के लिए जानी जाती है। इसके अलावा वह सोशल मीडिया के माध्यम से अपने प्रशंसकों को जीवन के कुछ अनमोल क्षणों से भी अवगत कराती रहती हैं। इसके चलते जाह्नवी कपूर की सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा फॉलोअर्स है और जाह्नवी कपूर लगातार अपडेट कर अपने प्रशंसकों के संपर्क में रहती है। जाह्नवी कपूर ने एक वीडियो शेयर किया हैस इसमें वह कत्थक का अभ्यास कर रही हैस वह फिल्म शुभ मंगल सावधान के गाने पर डांस कर रही हैस इस वीडियो को शेयर करते हुए जाह्नवी कपूर ने लिखा, आप सभी लोग मेरी इस पर परफॉरमेंस से मेरी बहन से भी ज्यादा खुश होंगे। जाह्नवी कपूर डांस परफॉर्मेंस के डांस से आप प्रभावित नजर आएंगे। जान्हवी की छोटी बहन खुशी भी इस वीडियो में नजर आ रही हैं।                               


बलरामपुरः छात्रा के साथ सामुहिक दुष्कर्म

9वीं की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म, एक घर में 15 दिन तक, 8 लोगों ने दिया अंजाम, दो गिरफ्तार, पढ़िए पूरी खबर


बलरामपुर। 15 दिन से लापता नाबालिग लड़की जब परिजनों को मिली तो उसकी हालत अस्त-व्यस्त थी। उसने अपने परिजनों को बताया कि उसके साथ 8 लड़कों में सामूहिक दुष्कर्म किया है। इसके बाद परिजन उसे लेकर थाने गए और एफआईआर दर्ज कराई। पोलिवे ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 6 अभी भी फरार हैं। मामला बलरामपुर जिले के का है जहां की निवासी एक 9वीं की छात्रा 20 नवंबर से लापता थी। परिजनों ने उसके गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। उसके बाद उन्हें पता चला कि नाबालिग लड़की अम्बिकापुर के गांधी नगर में अपने सहेली के घर है, जहां पहुंचकर परिजन उसे घर ले आये।नाबालिग पीड़िता ने अपने परिजनों को बताया कि उसके साथ 8 लड़कों ने बारी बारी से दुष्कर्म किया है इसीलिए वह डर के कारण घर नहीं आ रही थी। उसने बताया कि 22 वर्षीय आरोपी सिद्धांत उसे अपने घर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद 7 और लोगों ने बलात्कार किया जिस में वह मनीष सागर और आलम साय नामक आरोपी को जानती है बाकी के 5 आरोपियों को वह नहीं जानती। पुलिस ने पीड़िता के शिनाख्त पर सिद्धांत और आलम साय को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है। चूंकि पीड़िता 5 आरोपियों को नहीं जानती इसलिए पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों से उनके बारे में पूछताछ कर रही है।                                 


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...