गुरुवार, 3 दिसंबर 2020

हिस्सों में कर्फ्यू नहीं लगाया जाएंः सरकार

कोविड-19: अदालत ने दिल्ली सरकार से पूछा क्या लगाया जाए नाइट कर्फ्यू?, सरकार ने दिया ये जवाब


नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि कोविड-19 महामारी रोकथाम के लिए फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी या इसके हिस्सों में कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ को इस बारे में जानकारी दी।अदालत ने 26 नवंबर को पूछा था कि क्या कोविड-19 से निपटने के लिए शहर में रात में कर्फ्यू लगाया जा सकता है जैसा कि कई अन्य राज्यों ने किया है। दिल्ली सरकार ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में बताया कि सरकार ने 31 दिसंबर तक मंजूरी दी जाने वाली गतिविधियों और प्रतिबंधित गतिविधियों के संबंध में पहले से जारी आदेशों की ही यथास्थिति बनाए रखने संबंधी आदेश जारी किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इसलिए 31 दिसंबर तक किसी भी नई गतिविधि को मंजूरी नहीं दी जा सकती है। अदालत द्वारा जारी निर्देश और सलाह वकील राकेश मल्होत्रा की राष्ट्रीय राजधानी में जांच बढ़ाने और तेजी से परिणाम देने को लेकर दायर की गई एक याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात हुई।             


ताज नगरी को पीएम मोदी ने दिया तोहफा

ताज नगरी को मोदी का तोहफा, सात दिसम्बर को करेंगे आगरा मेट्रो का शिलान्यास


लखनऊ। ताज नगरी आगरा में मेट्रो रेल परियोजना का शिलन्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात दिसम्बर को करेंगे। प्रमुख सचिव आवास और नियोजन दीपक कुमार ने आज कहा कि अब जल्द काम शुरू होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सात दिसंबर को इस परियोजना का वर्चुअल शिलान्यास करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम से जुड़ेंगे। आवास विभाग एवं आगरा विकास प्राधिकरण की ओर से शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित डीपीआर के मुताबिक आगरा में मेट्रो का पहला कॉरिडोर ताज पूर्वी गेट से जामा मस्जिद तक तैयार होगा। इसमें छह स्टेशन होंगे। पीएसी ग्राउंड में प्रधानमंत्री के भाषण का लाइव प्रसारण किया जाएगा। ताजमहल पूर्वी गेट तक 14 किलोमीटर की पहली मेट्रो लाइन पर छह स्टेशनों का कॉरिडोर दिसंबर 2022 तक पूरा किया जाना है।             


चुनौतियों से निपटने को तैयार 'नौसेना'

किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने को नौसेना है पूरी तरह तैयार- एडमिरल करमबीर सिंह


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि नौसेना चीन समेत नौसैन्य क्षेत्र में कई तरह की चुनौतियों से अवगत है और उससे निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित हुए उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में किसी भी तरह के अतिक्रमण जैसी स्थिति में नौसेना के पास मानक संचालन प्रक्रिया है। नौसेना प्रमुख अप्रत्यक्ष तौर पर चीन से मिल रही चुनौतियों का हवाला दे रहे थे। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की स्थितियों का हवाला देते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना का निगरानी विमान पी-81 और हेरोन ड्रॉन इस इलाके में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि हम जो भी कर रहे हैं वह सेना और भारतीय वायु सेना के साथ करीबी समन्वय से कर रहे हैं। भारत और चीन के बीच पिछले करीब सात महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध चल रहा है और यह गतिरोध चीन के आक्रामक रवैये से पैदा हुआ है। एडमिरल सिंह ने देश के सामने मौजूद नौसैन्य क्षेत्र की चुनौतियों पर कहा कि भारतीय नौसना परीक्षा की घड़ियों में डटे रहने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने प्रस्तावित ‘मैरीटाइम थियेटर कमांड’ के बारे में बताते हुए कहा कि कार्य प्रगति पर है और इसका वास्तविक आकार कुछ समय के बाद सामने आएगा। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना का ध्यान पानी के भीतर क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है। तीसरे विमान वाहक पोत को शामिल करने पर उन्होंने कहा कि नौसेना अपनी जरूरतों के बारे में बेहद स्पष्ट है।             


निराकरण करने को सरकार प्रतिबद्धः योगी

छोटे और मझोले उद्योगो की समस्यायों का निराकरण करने को सरकार प्रतिबद्ध- योगी


लखनऊ। एमएसएमई इकाइयों को आर्थिक रूप से मजबूत करने की संकल्पबद्धता का इजहार करते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में हर प्रकार के उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये नियम और व्यवस्था को आसान बना रही है। योगी ने अपने सरकारी आवास पर गुरूवार को लघु, छोटी तथा मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की इकाइयों के संचालकों को ऋण प्रदान करते हुये कहा कि सरकार का प्रयास है कि विशेषकर छोटे और मझोले उद्योगो की समस्यायों का निराकरण किया जाये। केंद्र सरकार ने एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिया है जिसका भरपूर इस्तेमाल कर सरकार उद्यमियों की समस्या को दूर कर रही है। इस योजना का लाभ सभी तबकों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को सरकार से मिल रहे ऋण का इस्तेमाल अपने उद्योग धंधे को बढाने के साथ रोजगार के अवसर पैदा करने के लिये करना चाहिये। आप सभी लोग अपने काम को आगे बढ़ाकर समय से लोन अदा करें और आगे बड़े लोन का लाभ लें। अपने कारीगरों को ट्रेनिंग भी दिलाएं। एमएसएमई विभाग सभी को ट्रेनिंग की सुविधा भी दे रहा है। कार्य विस्तार के साथ रोगजार के अवसर प्रदान करें।


योगी ने कहा कि प्रदेश में हर प्रकार के उद्यमों की स्थापना के लिए व्यवस्था को काफी सुगम किया गया है। अब सारी प्रक्रिया को पारदर्शी तथा समयबद्ध ढंग से संपन्न कराने के लिए सिंगल-विंडो पोर्टल तथा निवेश मित्र की सुविधा प्रदेश में प्रदान की जा रही है। उन्होंने कुछ उद्यमियों को ऋण वितरण पत्र और एक जिला एक उत्पाद योजना के प्रशिक्षणार्थियों को टूल किट वितरित की। इसके तहत कुल 3,54,825 इकाइयों को 10,390 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराया गया। इसमें 3,24,911 नई एमएसएमई इकाइयों को 9,074 करोड़ रुपये और पहले से स्थापित 29,914 इकाइयों को आत्मनिर्भर भारत योजना में 1,316 करोड़ रुपये का लोन दिया गया।             


परिवारों को वित्तीय मदद देगी पंजाब सरकार

प्रदर्शनों के दौरान मारे गए दो किसानों के परिवारों को वित्तीय मदद देगी पंजाब सरकार


राणा ऑबराय


चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध के दौरान मारे गए। दो किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की वित्तीय सहायता मुहैया कराने की बृहस्पतिवार को घोषणा की। मानसा जिले के बछोआना गांव के निवासी गुरजंत सिंह (60) की विरोध के दौरान दिल्ली के टिकरी बार्डर पर मौत हो गई थी और मोगा जिले के भिंडर खुर्द गांव के निवासी गुरबचन सिंह (80) की बुधवार को मोगा में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दोनों किसानों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने दोनों किसानों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपए की सहायता मुहैया कराने की घोषणा की। पंजाब, हरियाणा और कई अन्य राज्यों के हजारों किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।             


बल्लेबाज को दूध से मक्खी की तरह निकाला

इस्लामाबाद। पाकिस्तान क्रिकेट की बात हो और चर्चा बिना किसी विवाद या बवाल के खत्म हो जाए, ऐसा मुमकिन होता नहीं है। एक बार फिर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड सवालों के घेरे में है। सवाल पाकिस्तान के ही स्टार बल्लेबाज ने उठाए हैं। वो बल्लेबाज जिसे पीसीबी (PCB) ने दूध से मक्खी की तरह निकालकर फेंक दिया। वही बल्लेबाज जो 21 साल से देश की बल्लेबाजी का झंडा बुलंद रख रहा है और अपने विशाल करियर में राष्ट्रीय टीम समेत दुनियाभर की 44 टीमों की ओर से मैदान पर कदम रख चुका है। बात हो रही है पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर गंभीर सवाल खड़े करने वाले शोएब मलि की।               


नाश्ते में बनाएं गर्मा-गर्म मूली के पराठें

सर्दियों में अक्सर लोग सर्दी- जुकाम से परेशान रहते हैं। अगर आपकी भी सर्दियों में यही समस्या है तो परेशान रहने की जगह अपनी डाइट में मूली के परांठे का यह टेस्टी हेल्दी ऑप्शन शामिल करना बिल्कुल न भूलें। मूली का सेवन सर्दी-जुकाम से राहत देने के साथ मोटापे को भी दूर रखने में मदद करता है। तो देर किस बात की आइए जानते हैं। पंजाबी रसोई में कैसे बनाए जाते हैं, मूली के टेस्टी परांठे।                   


चीन में अप्रूवल से पहले शुरू कालाबाजारी

चीन में कोरोना वैक्सीन की अप्रूवल से पहले ही कालाबाजारी हुई शुरू


शंघाई। कोरोना का कहर अभी भी दुनिया में बरकार है। पूरे विश्व में कोरोना वायरस महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन पर काम चल रहा है। विश्व के अलग-अलग देश अपने यहां बनी वैक्सीन की सफलता की घोषणा भी कर चुके हैं। लेकिन चीन में कोरोना वैक्सीन के अप्रूवल से पहले ही इसकी कालाबाजारी शुरू हो चुकी है।
अमेरिकी ट्रिप पर जाने से पहले चेंग कोरोना का टीका लगवाना चाहते हैं। ऐसा करने के लिए उन्होंने दक्षिणपूर्व चीन स्थित कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स में काम करने वाले दोस्त से कहा कि उन्हें कंपनी का कर्मचारी बताकर वैक्सीन दिलवा दे। बीजिंग के कारोबारी अब गुआंडोंग प्रांत जाना चाहते हैं और सिनोफार्म की एक ईकाई में उत्पादित किए जा रहे वैक्सीन के 2 डोज के लिए 91 डॉलर यानि करीब 6700 रुपए खर्च करने को तैयार हैं।                                         


पानी में नहीं, जमीन पर भी रहती है मछली

अक्सर आपने सुना होगा कि मछली जल की रानी होती है और जीवन उसका पानी होता है लेकिन आज इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं यहां मछलियां जमीन के ऊपर रहती हैं। वैज्ञानिकों ने मछली की एक ऐसी प्रजाति का पता लगाया है जो पानी नहीं बल्कि अब जमीन पर रहती है। यानी ये मछलियां जल की रानी नहीं रहीं।             


इजराइल में भंग हुई संसद, होंगे आम चुनाव

इजरायल में फिर भंग हुई संसद, होंगे आम चुनाव


जेरूसलम। इजरायल में भ्रष्टाचार के आरोपों को सामना कर रहे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इजरायल के सांसदों ने संसद भंग करने के प्रस्ताव को प्राथमिक वोट के जरिये पारित कर दिया। इसके साथ ही देश दो साल से भी कम समय में चौथी बार आम चुनाव के करीब पहुंच गया है। संसद भंग होने के साथ ही एक नेतन्याहू की सत्ताधारी लिकुड पार्टी और बेनी गेंतज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बीच असंतुलित गठबंधन भी लगभग खत्म हो गया है।


नैसेट (इजरायल की संसद) भंग करने का प्रस्ताव विपक्ष की तरफ से पेश किया गया, जो सरकार में शामिल ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के सांसदों का भी समर्थन मिलने के कारण 120 सदस्यों वाले सदन में 61-54 के वोट के साथ पारित हो गया। अब इस प्रस्ताव को विधान समिति के सामने रखा जाएगा, जहां अगले सप्ताह तक इस पर फैसला होने की संभावना है। इस बीच गेंतज और नेतन्याहू के बीच आपसी मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखने की संभावना है। इस प्रस्ताव पर वोटिंग रक्षा मंत्री का पद संभाल रहे बेनी गेंतज के बयान के एक दिन बाद कराई गई है, जिसमें गेंतज ने कहा था कि उनकी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट देगी।


समझौते के तहत जल्द प्रधानमंत्री पद संभालने के दावेदार गेंतज ने नेतन्याहू पर अपना राजनीतिक हित साधने के लिए लगातार बजट के मुद्दे पर जनता को मूर्ख बनाने का आरोप भी लगाया था। गेंतज ने आखिरी समय पर चुनाव से बचने का मौका भी नेतन्याहू को दिया है। उन्होंने दोनों पार्टियों के बीच हुए समझौते की शर्तों के मुताबिक दो वर्षीय बजट मंजूर करने की अपील नेतन्याहू से की है। उन्होंने कहा, यदि नेतन्याहू 23 दिसंबर तक बजट को मंजूरी दे देते हैं तो सबकुछ ठीक हो जाएगा।


बता दें कि इस्राइल को कोरोना वायरस महामारी रोकने के लिए मार्च से अब तक दो बार नेशनल लॉकडाउन घोषित करना पड़ा है, जिसके चलते देश में बेरोजगारों की संख्या 20 फीसदी हो गई है। हालांकि नेतन्याहू को अब भी देश में लोकप्रिय माना जा रहा है। एक चुनावी पोल में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी के अगले चुनाव में भी देश की सबसे बड़ी पार्टी बनने की संभावना जताई गई थी, लेकिन उसकी सीटों की संख्या मौजूदा से घटने का इशारा भी किया था।


नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और गेंतज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी ने सात महीने पहले कोरोना वायरस संकट के समय राष्ट्रीय एकता दिखाने के लिए आपस में गठबंधन कर सरकार बनाई थी। 36 मंत्रियों व 16 उपमंत्रियों की मौजूदगी के साथ यह इजरायल के इतिहास की सबसे बड़ी सरकार थी। इससे पहले दोनों नेता लगातार प्रधानमंत्री पद के लिए आमने-सामने लड़ रहे थे। लेकिन नेतन्याहू के नवंबर, 2021 में प्रधानमंत्री पद गेंतज को सौंप देने की शर्त पर दोनों में समझौता हुआ था। हालांकि समझौते के बाद भी दोनों दल किसी ने किसी मुद्दे पर आपस में टकराते रहे हैं।                                                                 


नष्ट हो गया दुनिया का सबसे बड़ा एंटीना

नष्ट हो गया दुनिया का सबसे बड़ा एंटीना, एलियन ग्रहों की देता था जानकारी


प्यूर्टो रिको। देर रात एक हादसे में दुनिया का सबसे ताकतवर एंटीना पूरी तरह से नष्ट हो गया यह पूरा एंटीना 450 फीट नीचे गिरकर टूट गया। इसके बाद दुनिया को एलियन ग्रहों और एस्टेरॉयड्स की खबरें देने वाली ऑब्जरवेटरी ने पूरी तरह काम करना बंद कर दिया है। एंटीना के ऊपर पूरा का पूरा एक टावर और बाकी केबल गिर पड़े इसकी वजह से डिश एंटीना जमीन पर गिर गया। पिछले महीने ही इसका एक केबल टूटने से एंटीना क्षतिग्रस्त हुआ था. बता दें कि इस एंटीना के ऊपर जेम्स बॉन्ड सीरीज की मूवी गोल्डन आई की शूटिंग भी हुई थी।


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्यूर्टो रिको आर्सीबो ऑब्जरवेटरी में ये एंटीना लगा हुआ था।यह एंटीना अंतरिक्ष की गहराइयों से आने वाले खतरों जैसे एस्टेरॉयड्स, मीटियॉर्स और एलियन दुनिया आदि की जानकारी दुनिया भर के वैज्ञानिकों को देता था. इस ऑब्जरवेटरी का संचालन एना जी मेंडेज यूनिवर्सिटी, नेशनल साइंस फाउंडेशनऔर यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा मिलकर करते हैं। इस ऑब्जरवेटरी को बनने में तीन साल लगे. इसका निर्माण कार्य 1960 में शुरू हुआ था. जो 1963 में पूरा हुआ. इस ऑब्जरवेटरी के जो केबल टूटे हैं उन पर 5.44 लाख किलोग्राम वजन था।


इस ऑब्जरवेटरी में एक 1007 फीट तीन इंच व्यास का बड़ा गोलाकार एंटीना है। जो सुदूर अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों को पकड़ता है। इसका मुख्य काम धरती की तरफ आ रही खगोलीय वस्तुओं के बारे में जानकारी देना है. 1007 फीट व्यास वाले एंटीना में 40 हजार एल्यूमिनियम के पैनल्स लगे हैं जो सिग्नल रिसीव करने में मदद करते हैं. इस एंटीना को आर्सीबो राडार कहते हैं। आर्सीबो ऑब्जरवेटरी को बनाने का आइडिया कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विलियम ई गॉर्डन को आया था।


एंटीना के बीचो-बीच एक रिफलेक्टर है जो ब्रिज के जरिए लटका हुआ है। यहां ऐसे दो रिफलेक्टर्स है। पहला 365 फीट की ऊंचाई पर और दूसरा 265 फीट की ऊंचाई पर सभी रिफलेक्टर्स को तीन ऊंचे और मजबूत कॉन्क्रीट से बने टावर से बांधा गया है। बांधने के लिए 3.25 इंच मोटे स्टील के तारों का उपयोग किया गया है। ऑर्सीबो राडार यानी एंटीना कुल 20 एकड़ क्षेत्रफल में फैला है. इसकी गहराई 167 फीट है। इनमें से कुछ केबल टूट गए. जो केबल टूटे हैं उनपर 2.83 लाख किलोग्राम का वजन था। इसकी वजह से एंटीना के 100 फीट के हिस्से में छेद हो गया है। एल्यूमिनियम से बने एंटीना का बड़ा हिस्सा टूटकर जमीन पर गिर चुका है। आपको बता दें कि इस एंटीना की मदद से दुनिया भर के करीब 250 साइंटिस्ट अंतरिक्ष पर नजर रखते हैं।


आपको बता दें कि इस ऑब्जरवेटरी में जेम्स बॉन्ड सीरीज की मशहूर फिल्म गोल्डन आई का क्लाइमैक्स सीन फिल्माया गया था। इस फिल्म में पियर्स ब्रॉसनन जेम्स बॉन्ड का किरदार निभा रहे थे। इसके अलावा इस ऑब्जरवेटरी में कई फिल्में, वेबसीरीज और डॉक्यूमेंट्रीज बन चुकी हैं. इसके अलावा जोडी फॉस्टर की फिल्म कॉन्टैक्ट की शूटिंग भी यहीं हुई थी। मंगलवार की रात इसके सारे केबल टूट गए और यह डिश एंटीना पर गिर पड़े, जिसकी वजह से पूरा का पूरा डिश एंटीना क्षतिग्रस्त हो गया। एंटीना के ऊपर लटका हुआ ढांचा भी गिर गया। जिससे काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। ऑर्सीबो ऑब्जरवेटरी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि विज्ञान की दुनिया के एक युग का अंत ऑर्सीबो टेलीस्कोप टूट गया लेकिन इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।


एंटीना को जब बनाया गया था तब इसका मकसद रक्षा प्रणाली को मजबूत करना था. इसके जरिए प्यूर्टो रिको एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम को मजबूत करना चाहता था। बाद में इसका उपयोग वैज्ञानिक कार्यों के लिए किया जाने लगा इस एंटीना ने सिर्फ अंतरिक्ष से आने वाले खतरों की ही जानकारी नहीं दी है। बल्कि आसपास के देशों को कई प्राकृतिक आपदाओं की सूचनाएं भी मुहैया कराई हैं। इस एंटीना ने पिछले 50 सालों में कई चक्रवातों, भूकंपों और हरिकेन्स की जानकारियां भी दी हैं। अब साइंटिस्ट हैरान है कि करीब 900 टन का यह ढांचा कुछ ही केबल्स पर टिका है। इसे तत्काल रिपेयरिंग की जरूरत है। अगर जल्द ही इसकी मरम्मत नहीं की गई तो पूरा का पूरा ढांचा गिर सकता है। अगर यह ढांचा गिर गया तो इसे वापस बनाने में काफी समय लग जाएगा। साइंटिस्ट ने टूट-फूट का आकलन किया था तो पता चला कि करीब 89.46 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है अगले महीने तक नए केबल आने की उम्मीद है। लेकिन ऐसा हुआ नहीं ऑब्जरवेटरी के प्रमुख ने नेशनल साइंस फाउंडेशन से मरम्मत के लिए नुकसान हुए रकम की मांग की थी।                                    


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...