रविवार, 20 सितंबर 2020

'पूर्व प्रधानमंत्री' देवगोड़ा ने ग्रहण की सदस्यता

पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा ने राज्यसभा सदस्य के रूप में ली शपथ।


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने रविवार को राज्यसभा के सदस्य के रूप में शपथ ली। देवगौड़ा ने राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू की उपस्थिति में कन्नड भाषा में शपथ ली। 87 साल के देवगौड़ा कांग्रेस के समर्थन से 12 जून को कर्नाटक से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए थे।तबीयत खराब होने की वजह से देवगौड़ा 22 जुलाई को शपथ नहीं ले पाए थे। उसी दिन 61 निर्वाचित सदस्यों में से 45 सदस्यों ने राज्यसभा की सदस्यता के लिए शपथ ली थी। देवगौड़ा दूसरी बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। इससे पहले 24 साल पहले वो राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं।
उस समय वो जून 1996 से अप्रैल 1997 तक देश के प्रधानमंत्री थे। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य। न्यायधीश रंजन गोगोई। कांग्रेस नेता अंबिका सोनी और समाजवादी पार्टी के रेवती रमण सिंह ने सभा से अनुपस्थित रहने की इजाजत मांगी है।इससे पहले स्वास्थ्य कारणों से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी सदन से अनुपस्थित रहने की अनुमति मांगी थी।               


देश में सबसे बड़ी फिल्म बनाने की घोषणा

बृजेश केसरवानी


लखनऊ। फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर ने मुख्यमंत्री योगी से की देश में सबसे बड़ी फिल्म सिटी बनाने की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शनिवार से ही बड़ी संख्या में बधाई मिल रही है। प्रख्यात फिल्म निर्माता।निर्देशक मधुर भंडारकर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रविवार को उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। कई बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले मधुर भंडारकर की योगी  आदित्यनाथ से फिल्म सिटी को लेकर भी चर्चा हुई।
प्रदेश में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर भंडारकर ने मुख्यमंत्री से भेंट के दौरान कई अहम चर्चा की। इसके बाद योगी ने मधुर भंडारकर को अयोध्या के राम मंदिर के प्रसाद के तौर पर सिक्का, रामचरित मानस तुलसी माला और भव्य दिव्य कुम्भ की कॉफी टेबल बुक भेंट की।               


राज्यसभाः कृषि विधेयक का विरोध, नारेबाजी

राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, कृषि विधेयक पर विरोध और नारेबाजी।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कृषि से जुड़े विधेयकों पर रविवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। नारेबाजी करते विपक्षी दलों के सांसद उपसभापति के आसन तक पहुंच गए। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उस वक्त विपक्ष के सवालों का जबाव दे रहे थे। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही कुछ देर के लिए बाधित रही।
इससे पहले उच्च सदन में केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा चर्चा के लिए लाए गए दो अहम विधेयक, कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) विधेयक 2020 और कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पर विपक्षी दलों के सांसदों ने पुरजोर विरोध करते हुए दोनों विधेयकों को किसानों के हितों के खिलाफ और कॉरपोरेट को फायदा दिलाने की दिशा में उठाया गया कदम करार दिया। दोनों विधेयकों को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है।                     


सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर लगी रोक

कॉविड-19: राजस्थान के इन 11 जिलों में धारा-144 लागू, सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर भी रोक।


जयपुर। सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्य में कॉविड-19 महामारी की स्थिति और उससे बचाव के उपायों पर अधिकारियों के साथ बैठक में पूरे प्रदेश में किसी भी सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर रोक को भी 31 अक्टूबर तक यथावत जारी रखने का निर्णय लिया है।                 


सोमवार से पर्यटक देख सकेंगे 'ताजमहल'

पर्यटकों के लिए सोमवार से खुलेंगा ताजमहल, आगरा का किला।


आगरा। देश का लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण व 17वीं शताब्दी का प्रेम का स्मारक, ताजमहल और आगरा का किला छह महीने बाद सोमवार से फिर से खुलने के लिए तैयार हैं। कोविड-19 महामारी के कारण इन स्थलों को बंद कर दिया गया था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने पर्यटन स्थलों को फिर से खोलने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए हैं।
ताजमहल के केयरटेकर अमरनाथ गुप्ता ने कहा, “पूर्वी और पश्चिमी गेट पर सैनिटाइजेशन, थर्मल स्क्रीनिंग, सामाजिक दूरी के लिए तैयार हो चुके हैं।
एक शिफ्ट में सिर्फ 2,500 आगंतुकों को ही अंदर जाने की अनुमति होगी और यह केवल ऑनलाइन बुकिंग के जरिए ही संभव होगा। विदेशियों को प्रवेश टिकट के लिए 1,100 रुपये भुगतान करना होगा और देश के आगंतुक 50 रुपये प्रति टिकट का भुगतान करेंगे।
वहीं स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 24 घंटों में 105 नए कोरोना वायरस मामलों की सूचना दी है। अब तक कुल 4,706 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें से 3,727 लोग रिकवर हो चुके हैं। सक्रिय मामलों की संख्या 862 है, वहीं अब तक, 117 मौतें हो चुकी हैं।
इसी बीच आगरा विश्वविद्यालय ने शनिवार देर शाम 25 मेडिकोज के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद सोमवार से होने वाली एमबीबीएस परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की।
संक्रमित मेडिकोज को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि नई तारीखों की घोषणा एस.एन. मेडिकल कॉलेज के अधिकारी के साथ परामर्श के बाद की जाएगी।             


गंगा नदी में मिला गायब भाजपा नेता का शव

वाराणसी बीएचयू से गायब भाजपा नेता का शव गंगा नदी में मिला।


वाराणसी। बीएचयू के सुपर स्पेशियलिटी कांप्लेक्स से कोरोना मरीजों के गायब होने के बाद अब सर सुंदरलाल अस्पताल से भी मरीज गायब होने लगे हैं। शुक्रवार को अस्पताल के छठे मंजिल से कैंसर के मरीज अजय मौर्या गायब हो गए।
बहुत खोजबीन के बाद जब उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली तो बेटे ने लंका थाने में तहरीर देकर बीएचयू अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। देर शाम उनका शव गायघाट स्थित गंगा नदी में मिल गया।
भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष सिंगरा निवासी अजय मौर्या कैंसर के मरीज थे और परिजनों ने उन्हें बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया था। बेटे चैतन्य मौर्या के अनुसार अस्पताल में उनके ऑपरेशन के बाद शुक्रवार सुबह सात बजे से ही वह आंकोलॉजी वार्ड से गायब हुए। गुरुवार को ही अस्पताल में उन्हें कोरोना संदिग्ध बताकर वार्ड में रखा गया था।               


डीएम ने परीक्षा केंद्रों का किया निरीक्षण

लखनऊ: जिलाधिकारी ने आरओ व एआरओ के परीक्षा केंद्रों का किया औचक निरीक्षण।


लखनऊ, अमृत विचार। राजधानी में आयोजित हुई आरओ व एआरओ की परीक्षा के दौरान जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने केंद्र व्यवस्थापकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखें।
अभिषेक प्रकाश जय नारायण इंटर कॉलेज (केकेसी) पहुंचे और वहां उक्त परीक्षा के सुचारू रूप से संचालन के संबंध में एग्जामिनेशन रूम, परीक्षा पर्यवेक्षकों की व्यवस्था, सीसीटीवी के माध्यम से हर क्लासरूम की मॉनिटरिंग को देखा। जहां सीसीटीवी के माध्यम से स्मार्ट मॉनिटरिंग होती पाई गई।
जिलाधिकारी ने विद्यालय के कंट्रोल रूम में जाकर सीसीटीवी से सभी परीक्षा कक्षों की व्यवस्था को भी देखा। बता दें कि जनपद के 121 परीक्षा केंद्रों पर यह परीक्षा सम्पन्न कराई जा रही है। जिसमें जनपद में कुल 57,758 परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं।                       


दूध के साथ ना करें इन चीजों का सेवन

आयुर्वेद के अनुसार भूलकर भी न करें इन 7 चीजों के साथ दूध का सेवन।


दूध एक ऐसी चीज है जिसे हर कोई पीना पसंद करता है। आखिर पौषक तत्वों से भरपूर दूध का सेवन करने से कैल्शियम, प्रोटीन सभी जरूरत तत्व मिलने के साथ शरीर का बेहतर तरीके से विकास होने में मदद मिलती है। मगर बहुत कम लोग इस बात से परिचित होंगे कि दूध का सेवन हर चीज के साथ नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, 7 ऐसी चीजें हैं जिनके साथ दूध का सेवन करने से शरीर का विकास होने की जगह नुकसान होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नमक और दूध का एक साथ सेवन करना खुदकुशी करने के बराबर माना जाता है। इससे लीवर गलने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। असल में, दूध में प्रोटीन और नमक में आयोडीन की मात्रा अधिक होने से इनका एक साथ सेवन लीवर को खराब करने का कोई करता है।
जिन लोगों को अपना वजन बढऩा हो उन्हें रोजाना दूध में केले मिक्स कर बनाना शेक बनाकर पीने से लाभ मिलता है। मगर कफ से परेशान लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
दूध पीने से पहले या तुरंत बाद कच्चा प्याज खाने से स्किन इंफैक्शन होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में दाद व खुजली की परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं।
मछली खाने के बाद भूल से भी दूध या इससे बनी किसी चीज को खाने से बचना चाहिए। नहीं तो स्किन पर सफेद दाग पड़ सकते हैं।
मसालेदार भोजन के साथ या तुरंत बाद दूध पीने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इससे खाना पचाने में दिक्कतों का सामना करने के साथ पेट दर्द, जलन, गैस आदि की समस्याएं होने लगती है।
अक्सर लोग रात को उड़द दाल का सेवन करने के बाद दूध पी लेते हैं। मगर ऐसा करने से इन्हें पचाने में दिक्कतें आती है। साथ ही पेट से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दूध पीने के तुरंत बाद दही, नींबू या कोई खट्टी चीजें खाने से बदहजमी होने का सामना करना पड़ सकता है। असल में, इससे पेट में जाकर दूध फट जाने से एसिडिटी, उल्टी या मतली आदि का खतरा बढ़ता है।             


अनलॉक-4 के बाद भी बढ़ती बेरोजगारी

देश मे अनलॉक -4 के बाद भी बढ़ती बेरोजगारी से युवा वर्ग निराश अधर मे लटका दिख रहा भविष्य।
रिपोर्ट-वीरेन्द्र सिंह नेगी


उत्तरकाशी। कोरोना काल मे बढ़ती बेरोजगारी से युवक व युवतियां अधर मे लटके दिख रहे है। उन्हे अपने परिवार का  किस तरह जीवन यापन करना है। आज ये एक सोचने का विषय बन  गय़ा है।जंहा भारत सरकार नए नए दावे करती दिख रही है।बेरोजगारी युवा को मुह चिढ़ा रही है।
जंहा पूरे देश अनलॉक 4 मे प्रवेश कर चुका है। वही रोजगार से बेरोजगार हुए युवाओ  को भारत सरकार आगे बढ़ने का मौका प्रदान नहीं कर पा रही है।जो युवा वर्ग स्वयं पर निर्भर थे,वो आज के समय दर दर भटकने को विवश हो चुके है।
कोरोना काल मे सबसे बड़ी मार प्राइवेट सेक्टर के युवा वर्ग को पड़ा,जिससे युवा वर्ग अपने परिवार  को चलाने मे सक्षम नही हो पा रहे है।बेरोजगारी कि मार इस तरह बढ़ रही है,जिसमे युवा वर्ग आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
युवाओ का यह आरोप भी है,जंहा केन्द्र सरकार जो कार्य पेश कर रही है,वही राज्य सरकार इसका गलत उपयोग कर रही है।जिससे बेरोजगार युवाओ तक कुछ भी नही पहुंच पा रहा है।
इसका दुरुपयोग। अस्पताल बेंक स्कूल व आदि जगह पर दिख रहा है।इसमे संलिप्त नेता अधिकारी व अन्य सेक्टरों के मालिको पर साफ दिख रहा है।             


शोषणः पायल ने कश्यप पर लगाया आरोप

पायल घोष ने अनुराग कश्यप पर लगाया यौन शोषण का आरोप।


मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री पायल घोष ने फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। पायल ने शनिवार की शाम कश्यप के खिलाफ अपने सत्यापित ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया और इस ट्वीट में भारत के प्रधानमंत्री के कार्यालय को भी टैग किया।
पायल ने ट्वीट किया।अनुराग कश्यप ने मेरे साथ जबरदस्ती की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आप कृपया इस पर कार्रवाई करें और देश को इस रचनात्मक आदमी के पीछे छुपे राक्षस को देखने दें। मैं जानती हूं कि इससे मुझे नुकसान हो सकता है। मेरी सुरक्षा खतरे में है। कृपया मेरी मदद करें।”
पायल के समर्थन में बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत सामने आईं और उन्होंने कश्यप की गिरफ्तारी की मांग करते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा।हर आवाज मायने रखती है। हैशटैग मीटू हैशटैग अरेस्टअनुरागकश्यप।साथ ही उन्होंने पायल की पोस्ट को भी रीट्वीट किया। अनुराग कश्यप ने अभी तक पायल घोष द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब नहीं दिया है।


भारत को बर्बाद करने पर तुला 'अमेरिका'

अफ्रीका को बर्बाद करने के बाद भारत बर्बाद करने पर तुला अमेरिकाःकिसानों पर कब्ज़े की साज़िश।


नई दिल्ली। अमेरिकी कारपोरेट आने वाले दिनो में भारत के किसानों को हर तरह से अपने कब्जे में रखने की प्लानिंग कर चुका है। इसके तहत मोदी सरकार से एक स्कीम बनाई गई है जिसे स्वामित्व योजना कहा जा रहा है।
इसके तहत ड्रोन की मदद से गावों का डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा और उन गांवों में डिजिटल मैप तैयार हो जाने के बाद रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के मालिकों को राज्य सरकारों की तरफ से एक संपत्ति कार्ड दिया जाएगा और उस संपत्ति कार्ड के आधार पर लोग बैंक से उस संपत्ति पर लोन ले पाएँगे लेकिन इससे यह प्रॉपर्टी संपत्ति टैक्स के दायरे में भी आएगी। जिसे हर साल भरना होगा।
अभी तक खेती की जमीन का रिकॉर्ड खसरा—खतौनी में होता है। लेकिन गांवों की आवासीय संपत्ति का कोई रिकॉर्ड नहीं होता है। ऐसे में ‘स्वामित्व स्कीम’ के जरिए हर आवासीय संपत्ति की पैमाइश कर मालिकाना हक सुनिश्चित किया जाएगा। अब इस स्कीम ड्रोन से सर्वेक्षण कर गांव की सीमा में आने वाली प्रत्येक संपत्ति का डिजिटल नक्शा बनाया जाएगाा। इससे प्रत्येक राजस्व खंड की सीमाएं भी तय की जाएंगी।
साफ है कि अमेरिकी कारपोरेट की नीतियों के तहत अब कांट्रेक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है,अब किसान भूमि का मालिक नही रह जाएगा अब वह अपने ही खेत मे एक गुलाम की भाँति कार्य करेगा।
कारपोरेट दबाव के फलस्वरूप ऐसी ही नीतियां अफ्रीका में लागू की गई है,अब भारत का नम्बर है।लेकिन अब सरकार कृषि क्षेत्र के लिए मूल्य वर्धन के लिए किसानो की आवासीय संपत्ति को दांव पर लगा उसे गिरवी रखवाने की योजना बना रही है अब कांट्रेक्ट फार्मिंग में कम्पनियाँ खुद खेती कर सकेंगी।
आमतौर पर अनुबंध खेती का मतलब है कि बुआई के समय ही बिक्री का सौदा हो जाता है ताकि किसान को भाव की चिंता न रहे। लेकिन मोदी सरकार द्वारा पारित वर्तमान कानून में अनुबन्ध की परिभाषा को बिक्री तक सीमित न करके, उसमें सभी किस्म के कृषि कार्यों को शामिल किया गया है।
सबसे खास बात यह है कि अध्यादेश के अनुसार कम्पनी किसान को, किसान द्वारा की गयी सेवाओं के लिए भुगतान करेगी यानी किसान अपनी उपज की बिक्री न करके अपनी ज़मीन (या अपने श्रम) का भुगतान पायेगा।
एक से एक खतरनाक कानून पिछले दिनों पास किये गए हैं।
फॉर्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) ऑर्डिनेंस लाया गया है जिसमे वन नेशन, वन मार्केट की बात कही जा रही है। लेकिन इसका असल मकसद मंडी का खात्मा है।इस कानून की सबसे बड़ी खामी यह बताई जा रही है कि इसमें व्यापारी या कंपनी और किसान के बीच विवाद होने पर पहले एसडीएम और बाद में जिलाधिकारी मामले को सुलझाएंगे। इसमें कोर्ट जाने की व्यवस्था नहीं है।
इन सब क़ानूनों ओर स्वामित्व योजना जैसे तथाकथित सुधारो को लागू करने के लिए बहुत होशियारी के साथ कोरोना काल का चुनाव किया गया है,ताकि देश मे किसी भी किस्म का प्रतिरोध खड़ा न होने पाए सही ढंग से चर्चा तक न होने पाए इसके तहत संसद से प्रश्नकाल को भी हटा दिया गया है ताकि कोई इन अध्यादेशों पर सवाल न खड़ा कर पाए कोई चर्चा न हो।            


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...