सोमवार, 17 अगस्त 2020

गणेश जी की मूर्ति तोड़ने पर मुकदमा दर्ज

बहरीन। मुस्लिम देश बहरीन में एक महिला ने बहरीन के साथ-साथ भारत व अन्य देशों में खलबली मचा दी बहरीन के एक राज्य मनामा से गणेश प्रतिमा तोड़ने जाने की खबर सामने आ रही है। यहां एक महिला ने सुपरमार्केट में गणेश प्रतिमाओं को फर्श पर पटककर तोड़ डाला, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है। लोगों ने धार्मिक भावना को आहत करने वाले इस कृत्‍य के लिए महिला की आलोचना की है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बहरीन पुलिस ने भी इस मामले में त्‍वरित कार्रवाई करते हुए महिला के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने का केस दर्ज कर लिया है, जबकि देश के गृह मंत्रालय ने भी इसे लेकर बयान जारी किया है। सोशल मीडिया के जरिए सामने आए इस वीडियो में दिख रही महिला के खिलाफ जानबूझ कर धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है। रविवार को पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि 54 वर्षीय एक महिला के खिलाफ समन जारी किया गया है। यह समन वायरल वीडियो को देखने के बाद किया गया है। वीडियो में महिला की हरकत की जमकर आलोचना हो रही है।
बता दें कि बहरीन की राजधानी मनामा के जफर इलाके में एक महिला बुर्का पहन कर दुकान में घुसती है और वहां मौजूद सभी गणेश प्रतिमाओं को तोड़ने लगती है। पब्लिक प्रॉशिक्यूशन ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि महिला ने स्वीकार किया है कि उसने जानबूझ किसी धर्म विशेष की मूर्तियों को तोड़ा है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
इस वीडियो पर बहरीन के राजा के सलाहकार और पूर्व मंत्री खालिद-अल-खलीफा ने कहा कि महिला द्वारा किया गया कृत्य स्वीकार नहीं है। बहरीन के लोगों की परंपरा में किसी भी धर्म से जुड़े प्रतीकों तो तोड़ना शामिल नहीं है। यह अपराध है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यहां सभी धर्मों को मानने वाले लोग एक भाव से रहते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक मुस्लिम देश हैं लेकिन य़हां कई एशियन देशों के विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग रहते हैं।           


कानूनः प्रेमी जोड़ों के राह का कांटा

मीना चौधरी


नई दिल्ली। नोटबंदी,जीएसटी,सीएए, धारा 370 के बाद मोदी सरकार की योजना के तहत विवाह कानून में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हमने लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम आयु पर पुनर्विचार करने के लिए एक समिति बनाई है। समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद केंद्र निर्णय लेगी। ’इसी साल दो जून को केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) को कम करने और पोषण स्तर में सुधार करने के उपाय के रूप में महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र को 18 से 21 वर्ष बढ़ाने की संभावनाओं की जांच करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया था। यह दावा करते हुए कि महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए सरकार ‘अथक परिश्रम’ कर रही है, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक रुपये तक के बेहद सस्ते सैनेटरी पैड बनाए गए और इसे देश में 5 करोड़ महिलाओं को दिया गया है। मालूम हो कि बाल विवाह को खत्म करने के लिए लड़कों और लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु सीमा तय की गई थी।


बता दे बाल विवाह प्रतिबंध अधिनियम, 1929 28 सितंबर 1929 को इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ऑफ इंडिया में पारित हुआ, लड़कियों की शादी की उम्र 14 साल और लड़कों की उम्र 18 साल तय की गई जिसे बाद में लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 कर दिया गया। इसके प्रायोजक हरबिलास सारडा के बाद इसे शारदा अधिनियम के नाम से जाना जाता है। यह 1 अप्रैल 1930 को छह महीने बाद लागू हुआ और यह केवल हिंदुओं के लिए नहीं बल्कि ब्रिटिश भारत के सभी लोगो पर लागू होता है। यह भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन का परिणाम था। ब्रिटिश अधिकारियों के कड़े विरोध के बावजूद, ब्रिटिश भारतीय सरकार द्वारा कानून पारित किया गया, जिसमें अधिकांश भारतीय थे।हालाँकि, इसका ब्रिटिश ब्रिटिश सरकार से कार्यान्वयन में कमी थी, इसका मुख्य कारण ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा उनके वफादार हिंदू और मुस्लिम सांप्रदायिक समूहों से समर्थन खोना था।


गौरतलब है कि उम्र 21 ही क्यों? इसका लॉजिक सामने आना चाहिए। हालांकि, उम्र बढ़ाने से कुछ फायदे सामने होंगे। पहला, लड़कियों को पढ़ने का मौका मिलेगा, वो ग्रैजुएट हो सकेंगी। दूसरा, 18-19 की उम्र में शादी कर उनका एक्सपोजर खत्म हो जाता है, वो उन्हें कुछ हद तक मिलेगा। तीसरा, इस उम्र तक वो शारीरिक और मानसिक रूप से भी मैच्योर होंगी। अपने खिलाफ हो रही हिंसा पर भी वो शायद दो लोगों से कह सकें। शादी या रिप्रोडक्टिव फैसले में भी उनका कुछ रोल होगा। इसके अलावा, मां मैच्योर होगी तो आने वाली पीढ़ी मैच्योर होगी।


मगर सवाल उठता है ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में इसे लेकर विवाद हो सकता है। हमारे समाज की सच्चाई के साथ इस फैसला का तालमेल कैसे बैठेगा, यह भी देखना होगा। इस तबके में 21 की उम्र में लड़कियों को शादी के लिए लड़के भी नहीं मिलते। साथ ही, इस फैसले से महिलाओं का हेल्थ स्टेटस नहीं सुधरने वाला। महिलाओं के खराब स्वास्थ्य के लिए गरीबी जिम्मेदार है। भारत में 10 सालों में शादी की उम्र खुद-ब-खुद बढ़ी है। गरीब जनसंख्या की शादी ही कम उम्र में हो रही है, मिडल क्लास या इससे ऊपर में ज्यादा उम्र में शादी हो रही है। गरीब वर्ग में लड़की 18 के बाद मां बनती है या फिर 21 के बाद, बात वही होगी क्योंकि कुपोषित वो हमेशा ही रहेगी। 18 साल की उम्र तक लड़की का शरीर पूरी तरह से विकसित हो जाते है इसलिए मां बनने में दिक्कत नहीं है। उसकी सेहत पर उम्र का रोल बहुत कम है।


बता दे सरकार के लिए यह कानून बनाना आसान होगा क्योंकि उसे तो सिर्फ उम्र को बदलना है। मगर अगर सही बदलाव लाना है तो स्वास्थ्य सुविधाओं पर काम करना पड़ेगा। आंगनवाड़ियों में मां और बच्चे को अच्छा खाना देना होगा, हेल्थ सर्विस देनी होंगी। वह कहती हैं, 1978 एक्ट ने लड़कियों के लिए शादी की मिनिमम उम्र 18 और लड़कों के लिए 21 रखी गई। इससे पहले लड़कियों के लिए यह उम्र 15 थी। ऐक्ट में यह भी कहा गया कि इससे बच्चों की संख्या भी कम होगी। उस वक्त जनसंख्या विस्फोट से जोड़कर इस आइडिया को खुलकर कहा गया। मुझे लगता है कि अभी भी इसे जनसंख्या से भी जोड़कर देखा जा रहा है। देखने वाली बात यह है कि जिस कागार पर युवा वर्ग अपनी मनचाही जिंदगी जीने की चाह में लिव इन रिलेशनशिप मे रिश्ता ढूंढता है और कुछ प्रेमी इस आस में समय गुजारते हैं वह कब बालिग हो और कब वह शादी करें लेकिन अब प्रेमी जोड़ों को बालिग होने का स्त्री की आयु वर्तमान में 18 वर्ष और यदि कानून पारित हो जाता है तो यही आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष होने से प्रेमी जोड़ों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।            


भारत-नेपाल के बीच बैठक, मिटेगी खटास

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। मानचित्र को लेकर कुछ महीनों से भारत एवं नेपाल के बीच जारी तल्खी के बीच आज दोनों देशों के बीच ऑफिशियल बातचीत होने जा रही है। इस बातचीत का मुद्दा भारत द्वारा नेपाल में चलाए जा रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा है लेकिन माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच आई खटास कुछ हद तक कम हो सकती है। इस बैठक में नेपाल की तरफ से विदेश मंत्रालय में सचिव शंकर दास बैरागी शामिल होंगे। भारतीय दल की अगुआई नेपाल में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा करेंगे। फिलहाल यह बातचीत पहले के प्रॉजेक्ट्स पर होगी लेकिन सूत्रों की मानें तो यह सीमा विवाद सुलझाने के लिए बातचीत शुरू होने का रास्ता भी खोलेगी। इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया था। ओली ने प्रधानमंत्री मोदी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य चुने जाने पर भी शुभकामनाएं दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों नेताओं ने एक दूसरे के यहां कोविड 19 महामारी के दुष्प्रभावों को न्यूनतम करने के प्रयासों का समर्थन किया एवं एकजुटता व्यक्त की थी। मोदी ने इस संबंध में नेपाल को भारत की ओर से हरसंभव सहायता जारी रखने की पेशकश की। पंधानमंत्री ने ओली को टेलीफोन करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया और भारत एवं नेपाल के बीच साझा सांस्कृतिक एवं सभ्यतागत संपर्क को याद किया था। गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आठ मई को उत्तराखंड के धारचुला को लिपुलेख दर्रे से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 80 किलोमीटर लंबी सड़क का उद्घाटन किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हो गया था।               


मलेशिया में कोरोना की नई किस्म मिलींं

मनोज सिंह ठाकुर


क्वालालंपुर। मलेशिया में जांचकर्ताओं को कोरोना की ऐसी किस्म का पता चला है जो सामान्य से 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। कोरोना के इस म्यूटेशन को दुनिया में डी 614 जी के नाम से जाना जाता है। बताया जा रहा है कि ऐसे मामलों की शुरुआत एक मलेशियाई रेस्टोरेंट मालिक के हाल में ही भारत से लौटने के बाद 14 दिन के आवश्यक क्वारंटीन अवधि को तोड़ने से शुरू हुआ है।


संक्रमण के तेजी से फैलने की संभावना
आरोपी व्यक्ति को क्वारंटीन के नियम तोड़ने के लिए 5 महीने की सजा और जुर्माना लगाया गया है। ऐसा ही मामला फिलीपींस से लौटने वाले एक समूह में भी देखने को मिला है। जहां 45 लोगों में से 3 के अंदर कोरोना का यह टाइप पाया गया है। अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार डॉ फौसी ने कहा है कि इस म्यूटेशन से कोरोना वायरस का प्रसार और तेजी से हो सकता है।


वैक्सीन के विकास की स्पीड होगी धीमी
मलेशियाई स्वास्थ्य विभाग के डॉयरेक्टर जनरल नूर हिशाम अब्दुल्ला ने कहा कि कोरोना वायरस के नए म्यूटेशन के गंभीर परिणाम देखने को मिल सकता है। इससे अभी तक वैक्सीन बनाने और म्यूटेशन को रोकने के लिए विकसित की गई तकनीकी भी फेल हो सकती है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह कहा
कोरोना वायरस में होने वाला यह म्यूटेशन अमेरिका और यूरोप के देशों में भी तेजी से फैल रहा है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना वायरस के म्यूटेशन से इंसानों को अधिक गंभीर बीमारियां हो रही हैं। सेल प्रेस में प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में कहा गया है कि वर्तमान में विकसित किए जा रहे वैक्सीन के प्रभाव पर म्यूटेशन का बड़ा असर होने की संभावना नहीं है।


मलेशिया ने लोगों से की सहयोग की अपील
मलेशियाई स्वास्थ्य विभाग के डॉयरेक्टर जनरल ने कहा कि लोगों को सावधान रहने और अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना का यह नया टाइप अब मलेशिया में पाया गया है। लोगों के सहयोग की बहुत आवश्यकता है ताकि हम किसी भी म्यूटेशन से संक्रमण की कड़ी को तोड़ सकें।             


सरकार जनता को बताएं, मंशा क्या है

लिमटी खरे


नई दिल्ली। कोरोना कोविड 19 का संक्रमण देश में तेज गति से बढ़ता दिख रहा है। देश में सक्रमित मरीजों की तादाद का आंकड़ा 26 लाखा को पार कर गया हैतो मरने वालों की तादाद 50 हजार से ज्यादा हो चुकी है। सबसे ज्यादा चिंताजनक पहलू यह मना जा सकता है कि नए मिलने वाले संक्रमित मरीजों की तादाद दिनों दिन बढ़ती ही जा रही है। एक दिन में अगर सत्तर हजार मरीज मिलें तो इसे क्या समझा जाए! वर्तमान हालातों को देखकर तो यही लग रहा है कि देश में कोरोना संक्रमितों की लगातार बढ़ती तादाद इस ओर इशारा करती दिख रही है कि इस महामारी के संकट से निपटने के बजाए हम इसमें घिरते जा रहे हैं। अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत तीसरा देश नजर आ रहा है जहां हालात बेकाबू ही लग रहे हैं।


सरकार भले ही ठीक होने वाले मरीजों की तादाद बढ़ने का दावा करते हुए अपनी पीठ थपथपा रही होपर नए संक्रमित मरीजों के मिलने का आंकड़ा कम होना बहुत जरूरी है। सरकार के द्वारा तीन चरणों में लाकडॉऊन लगाया गयाइसके बाद भी मरीजों की तादाद बेहताशा बढ़ी हैतो इससे साफ है कि सरकार के द्वारा अपनी मंशा को आम जनता को समझाया नहीं जा सका है। स्थानीय स्तर पर जिला प्रशासनों के पास भी कोई रोड मेप नहीं दिख रहा है। अब संक्रमित मरीजों की तादाद पर अंकुश लगाना जरूरी है। जमीनी स्तर पर किस तरह के हालात हैंइनकी समीक्षा भी जनता से फीडबैक लेकर किए जाने की जरूरत महसूस हो रही है। प्रशासनिक अधिकारी तो अपनी कालर साफ रखने के लिए मनगढंत आंकड़े और हकीकत पेश कर रहे हों तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।


देश में जिस तरह से मरीज मिल रहे हैंउसे देखकर यही प्रतीत हो रहा है कि कोरोना कोविड 19 का कम्युनिटी ट्रांसमिशन अर्थात सामुदायिक संक्रमण आरंभ हो चुका है। अनेक जिलों के जिलाधिकारियों के द्वारा इसकी संभावनाएं सार्वजनिक रूप से व्यक्त की जा चुकी है। अनेक जिलों में तो आंकड़ा कम करने के लिए स्वस्थ्य व्यक्तियों की जांच कराए जाने की बातें भी समने आ रही हैं। इस काल में अगर किसी जिलेनगर या कस्बे में मौतों को आंकड़ा बढ़ा हो तो प्रशासन को उस पर नजर रखने की जरूरत है। कई जिलों में तो मोक्षधाम या कब्रस्तान के मार्ग में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं।


वैसे इस इस बात पर अभी संशय ही बना हुआ है कि क्या भारत में संक्रमण सामुदायिक प्रसार का रूप अख्तियार कर चुका है। विशेषज्ञों में भी इस बात को लेकर सहमति नहीं बन पाई हैपर जिस तरह से नए संक्रमित मरीजों की तादाद मिल रही हैवइ इस ओर इशारा कर रही है कि देश में कुछ स्थानों पर इस तरह की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। देश में  कोरोना की मार दस राज्यों में ही ज्यादा हैजिनमें महाराष्ट्रगुजराततमिलनाडुपश्चिम बंगालआंध्र प्रदेशतेलंगाना और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं। कोरोना संक्रमण के सक्रिय मामलों में अस्सी फीसद के लगभग एवं महामारी से अब तक काल कलवित हुए बयासी फीसद लोग इन्हीं राज्यों के हैं।


देश के हृदय प्रदेश में ट्रू नाट टेस्ट की व्यव्स्था भी की गई है। मध्य प्रदेश के अस्पतालों में इस तरह के मामले प्रकाश में आ रहे हैंजिनमें ट्रू नाट मशीन के द्वारा जांच के दौरान जो मरीज निगेटिव आता है वही मरीज आरटी पीसीआर जांच में पाजिटिव आ रहे हैं। इसी तरह ट्रू नाट के अनेक पाजिटिव मरीज आरटी पीसीआर या अन्य जांच में निगेटिव आए हैं। सबसे पहले तो जांच के तौर तरीकों को विश्वसनीय बनाया जाने की जरूरत महसूस हो रही है।


कोरोना संक्रमण के लिए अभी तक वेक्सीन नहीं बन पाई है। बचाव ही इकलौता कारगर उपाय समझ में आ रहा है। इस लिहाज से लोगों को शारीरिक दूरी बनाकर रखने और मास्क लगाए जाने की महती जरूरत है। मास्क भी इन दिनों उसी तरह लोगों के द्वारा पहना जा रहा है जिस तरह यातायात पुलिस को देखकर दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगा लेता है और चार पहिया वाहन चालक सीट बेल्ट कस लेता है। आज जरूरत है जागरूकता फैलाने की। लोगों को समझाना होगा कि इसके संक्रमण से किस तरह बचा जा सकता है। वैसे सरकारें इस दिशा में प्रयास तो कर रहीं हैंपर जिस तरह से मरीजों के मिलने की तादाद बढ़ी है।


सियासतः बागी मंत्री आरजेडी में होंगे शामिल

मनोज सिंह ठाकुर


पटना । बिहार में आज सियासी सरगर्मी का सोमवार है। इस्‍तीफे की घोषणा के बाद जनता दल यूनाइटेड (JDU) से निष्‍कासित श्‍याम रजक  राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) में शामिल होेंगे। उधर, रविवार को ही आरजेडी से निष्‍कासित तीन विधायक जेडीयू का दामन थामेंगे। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर लगभग सभी दलों में ऐसे ही हालात हैं। विधायकों व नेताओं का पाला बदलना जारी है। सभी दल अपने-अपने विधायकों व अन्‍य नेताओ पर नजर रख रहे हैं।


विदित हो कि आरजेडी के विधायक महेश्वरयादव, प्रेमा चौधरी और फराज़ फातमी को पार्टी ने रविवार को निष्‍कासित कर दिया था। आरजेडी के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह ने बताया कि सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के निर्देश पर तीनों को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निकाला गया है। महेश्वर प्रसाद यादव गायघाट से विधायक हैं। प्रेमा चौधरी पातेपुर की विधायक हैं। इसके बाद के घटनाक्रम में अब जेडीयू के वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव तीनों को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सदस्यता दिलाएंगे।


श्‍याम रजक थामेंगे लालू की लालटेन


उधर, जेडीयू के वरिष्‍ठ नेता व मंत्री श्‍याम रजक ने रविवार को पार्टी व मंत्री पद छोड़ने की घोषणा कर हड़कम्‍प मचा दिया। बताया जाता है कि इससे जेडीयू अध्‍यक्ष व मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार नाराज हो गए। श्‍याम रजक सोमवार को मंत्री पद व पार्टी से इस्‍तीफा देने की घोषणा कर चुके थे, लेकिन उन्‍हें देर रात तक पार्टी के साथ-साथ मंत्रिमंडल से भी बाहर कर दिया गया। श्‍याम रजक को आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव आरजेडी में शामिल करेंगे। अब वे आरजेडी के साथ जा कर लालू की लालटेन की लौ तेज करेंगे।           


13 आईएएस, 14 आईपीएस का तबादला

बृजेश केसरवानी


लखनऊ। योगी सरकार ने 13 आईएएस और 14 आईपीएस अफसरों के तबादले कर दिए हैं। आईएएस अफसरों के तबादले में पांच जिलों रायबरेली, श्रावस्ती, हरदोई, पीलीभीत और कानपुर देहात में नए डीएम तैनात किए गए हैं। इसी तरह सात जिलों गोरखपुर, बागपत, बदायूं, प्रतापगढ़, आजमगढ़, बिजनौर व मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक समेत 14 आईपीएस बदले गए हैं।
प्रतापगढ़ के एसपी अभिषेके सिंह को प्रतापगढ़ जिले का नया एसपी बनाया गया है। उन्हें प्रतापगढ़ में लगातार हत्याएं व अन्य आपराधिक घटनाएं बढ़ने पर हटाया गया है। उनके व्यवहार से भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी भी असंतुष्ट थे। वह लगातार निर्देशों के बावजूद अपराध रोकने में नाकाम रहे थे। बिजनौर में तैनात संजीव त्यागी को प्रतापगढ़ में तैनाती दी गई है। इसी तरह एसटीएफ के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह को आजमगढ़ का एसएसपी नियुक्त किया गया है। प्रदेश सरकार हाल में वहां हुई घटनाओं को लेकर खासी गंभीर थी जबकि जोगिन्दर कुमार को मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में नया एसएसपी बनाया गया है।


आईएएस अफसर
नाम कहां से कहां
वैभव श्रीवास्तव डीएम पीलीभीत डीएम रायबरेली
यशु रस्तोगी डीएम श्रावस्ती उपाध्यक्ष मुरादाबाद विकास प्राधिकरण
टीके शिबु वीसी प्रयागराज विकास प्राधिकरण डीएम श्रावस्ती
शुभ्रा सक्सेना डीएम रायबरेली विशेष सचिव चिकित्सा शिक्षा
अविनाश कुमार विशेष सचिव मुख्यमंत्री डीएम हरदोई
अंकित कुमार अग्रवाल विशेष सचिव नियोजन उपाध्यक्ष प्रयागराज विकास प्राधिकरण
पुलकित खरे डीएम हरदोई डीएम पीलीभीत
राकेश कुमार सिंह डीएम कानपुर देहात उपाध्यक्ष कानपुर विकास प्राधिकरण
दिनेश चंद्रा नगर आयुक्त गाजियाबाद डीएम कानपुर देहात
महेंद्र सिंह तंवर सीडीओ शाहजहांपुर नगर आयुक्त गाजियाबाद
अजय कुमार द्विवेदी सीडीओ सोनभद्र नगर आयुक्त लखनऊ
अमित पाल विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा सीडीओ सोनभद्र
प्रेरणा शर्मा सचिव मुरादाबाद विकास प्राधिकरण सीडीओ शाहजहांपुर


आईपीएस के तबादले
नाम कहां थे कहां गए


जोगिन्दर कुमार एसपी जीआरपी आगरा एसएसपी गोरखपुर
अभिषेक सिंह एसपी प्रतापगढ़ एसपी बागपत
गनेश पी. साहा एसपी मानवाधिकार डीजीपी मुख्यालय पुलिस उपायुक्त नोएडा
अजय कुमार सिंह एसपी बागपत एसपी मिर्जापुर
संकल्प शर्मा पुलिस उपायुक्त नोएडा एसपी बदायूं
संजीव त्यागी एसपी बिजनौर एसपी प्रतापगढ़
सुधीर कुमार सिंह एसएसपी एसटीएफ लखनऊ एसएसपी आजमगढ़
डॉ. धर्मवीर सिंह एसपी मिर्जापुर एसपी बिजनौर
त्रिवेणी सिंह एसएसपी आजमगढ़ एसपी साइबर क्राइम लखनऊ
माणिक्य चंद्र सरोज एसपी प्रशिक्षण एवं सुरक्षा एसपी सतर्कता लखनऊ
डॉ. सुनील गुप्ता एसएसपी गोरखपुर एसपी प्रशिक्षण एवं सुरक्षा
अशोक कुमार त्रिपाठी एसपी बदायूं एसपी मानवाधिकार, डीजीपी मुख्यालय             


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...