सोमवार, 10 अगस्त 2020

स्कूल-कॉलेज खोलने पर होगी चर्चा

हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मामलों से संबंधित संसदीय समिति सोमवार को देशभर के स्कूल और कॉलेजों को खोले जाने की तैयारियों पर चर्चा करेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। इस संसदीय समिति के अध्यक्ष राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे हैं। सोमवार को आयोजित की जा रही इस संसदीय समिति की बैठक का एजेंडा कोविड-19 महामारी के दौरान स्कूलों और उच्च व तकनीकी शिक्षा क्षेत्र की तैयारी पर चर्चा करना है। शिक्षा मंत्रालय की यह संसदीय समिति की दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान इस विषय पर गौर करेगी कि स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर क्या स्थिति है।


दरअसल, सरकार को मिले फीडबैक के मुताबिक, फिलहाल अधिकांश अभिभावक नहीं चाहते कि अभी स्कूल खोले जाएं। अभिभावकों के सबसे बड़े राष्ट्रीय संगठन ‘ऑल इंडिया पेरेंट्स एसोसिएशन’ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, “हमने शिक्षा मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मुख्य रूप से तीन विषय रखे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि जब तक कोरोना पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक स्कूल नहीं खुलने चाहिए।” अभिभावक चाहते हैं कि इस वर्ष स्कूलों में पूरे शैक्षणिक सत्र को ही जीरो सत्र माना जाए। इस मांग को लेकर कई अभिभावकों ने सहमति जताई है। दरअसल, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों से कहा है कि वे स्कूल खोले जाने के विषय पर अभिभावकों की राय जानने की कोशिश करें।


अशोक अग्रवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अलावा देशभर के सभी मुख्यमंत्रियों को हमने ऐसे ही पत्र लिखे हैं। अभिभावकों के इस संघ ने सरकारों से मांग की है कि इस शैक्षणिक सत्र को जीरो एकेडमिक ईयर घोषित घोषित किया जाए। सभी छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। अगले वर्ष का पाठ्यक्रम इस तरह से मॉडिफाई किया जाए कि छात्र उसे समझ सके और अपनी पढ़ाई कर सके।”             


विश्व में तेजी से फैल रहा है 'कोरोना'

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। विश्व में महामारी बन चुके कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में दुनिया भर में चल रहे शोध में स्पष्ट हो चुका है कि कोरोना से लड़ाई में रेमडेसिवीर के नतीजे सबसे अधिक संतोषजनक हैं और वह लाखों लोगों की जान बचाने में कारगर साबित हुई है। ये ही कारण है कि इन दिनों इसकी मांग जबरदस्त है और यह आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रही है। जिसको लेकर मरीज और तीमारदार परेशान हैं।


लेकिन अब यह दवा अब नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल में उपलब्ध है और आसानी से आप यहां से यह दवा ले सकते हैं। कोवि़ड 19  से पीड़ित गंभीर मरीजो के इलाज के लिए रेमडेसिवीर दावा को चिकित्सीय परीक्षणों में बेहद प्रभावी माना जा चुका है। रेमडेसिवीर दवा सीधे वायरस पर हमला करती है। यह न्यूक्लियोटाइड एनालॉग की तरह आरएनए और डीएनए के चार बिल्डिंग ब्लॉक्स में से एक एडेनोसिन को हटाकर खुद को चुपके से वायरस के जीनोम में शामिल कर लेती है और फिर उसकी संचालन प्रक्रिया में शार्ट सर्किट से उसे नष्ट कर देती है। शहर में दवा की कमी के कारण मरीजों को हो रही दिक्कतों को मद्देनजर रखते हुए यशोदा हॉस्पिटल की फार्मेसी ने इस दवा को रियायती दरों पर आम जनमानस के लिए उपलब्ध करा दिया है।


कैसे प्राप्त की जा सकती है यह दावा


इस दवा को प्राप्त करने के लिए मरीजों को डॉक्टर का प्रेस्किप्शन, आधार कार्ड की कॉपी एवम कोविड-19 की रिपोर्ट की कॉपी प्रदान करनी पड़ेगी।                    


प्रियंका गांधी ने योगी पर बोला हमला

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमला बोल रही हैं। इसी कड़ी में सोमवार को प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर यूपी सरकार से सवाल पूछा है। प्रियंका ने कहा कि यूपी में हर साल साइन होते हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं उतरता है।


प्रियंका गांधी वाड्रा की ओर से ट्वीट किया गया कि हर साल इन्वेस्टर्स समिट में MoU साइन होते हैं। करोड़ों लगाकर इन समिट में ये काम कागजी शेर बनने के लिए किया जाता है। उप्र में भयंकर बेरोजगारी है और आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को ये बताना चाहिए कितने MoU धरातल पर उतरे? कितने युवाओं को रोजगार मिला?इससे पहले शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में कोरोना और क्रा इम दोनों ही आउट ऑफ कंट्रोल है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, “उत्तर प्रदेश में जंगलराज फैलता जा रहा है, क्राइम और कोरोना कंट्रोल से बाहर है। बुलंदशहर में धर्मेन्द्र चौधरी जी का 8 दिन पहले अपहरण हुआ था, कल उनकी लाश मिली। कानपुर, गोरखपुर, बुलंदशहर, हर घटना में कानून व्यवस्था की सुस्ती है और जंगलराज के लक्षण हैं। पता नहीं सरकार कब तक सोएगी? “हर साल इन्वेस्टर्स समिट में MoU साइन होते हैं। करोड़ों लगाकर इन समिट में ये काम कागजी शेर बनने के लिए किया जाता है। उप्र में भयंकर बेरोजगारी है और आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को ये बताना चाहिए कितने मो0 यू धरातल पर उतरे? कितने युवाओं को रोजगार मिला?


गाजियाबाद में स्वच्छता अभियान चलाया

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जिला प्रशासन के अनुसार रविवार को गाज़ियाबाद में एक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अभियान के अंतर्गत शहर में जलभराव, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था के साथ फॉगिंग कराने पर जोर दिया गया। विशेष स्वच्छता अभियान की निगरानी के लिए जिले में नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी एवं गन्ना विकास विभाग के विशेष सचिव शिव सहाय अवस्थी कर रहे थे। समस्त ग्राम पंचायतों में स्वच्छता कार्यक्रम को सफल बनाने के उद्देश्य जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के नेतृत्व में तथा मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल के निर्देशन में सभी ग्राम पंचायतों में स्वच्छता कार्यक्रम को प्रमुखता के साथ संचालित किया गया। जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडेय के नेतृत्व में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत गंदगी मुक्त भारत अभियान संचालित किया गया। पंचायत राज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं स्वच्छता टीम के द्वारा ग्रामीणों को स्वच्छ भारत बनाने की प्रेरणा देने के उद्देश्य से स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अंतर्गत 15 अगस्त तक साप्ताहिक गंदगी मुक्त भारत अभियान संचालित किया जा रहा है। इसी क्रम में रविवार को 161 ग्राम पंचायतों में सिंगल यूज प्लास्टिक का एकत्रीकरण एवं पृथक्कीकरण का अभियान चलाया जाएगा। जिला परामर्शदाता स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण पंचायती राज विभाग मोहम्मद फारूक के द्वारा भी क्षेत्रों में भ्रमण किया गया। उधर, नगर आयुक्त डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत मोहन नगर जोन एवं कविनगर जोन में साफ-सफाई व्यवस्था का औचक निरीक्षण किया गया।


क्या है असलियत


अब तक तो हमने आपको सुनाई जिला सूचना विभाग द्वारा सुनाई गई कहानी।  वास्तविकता यह है कि गाज़ियाबाद के ज़्यादातर इलाकों में गंदगी के अंबार लगे पड़े हैं।  राज नगर एक्सटेंशन, बुलंदशहर रोड इंडस्ट्रियल, इंदिरापुरम के खाली प्लाटों पर खुद नगर निगम के कर्मचारी गंदगी डाल कर भाग जाते हैं।  बहुत से इलाकों में सुनसान सड़कों के किनारे भी कूड़ा डाला जा रहा है। ऐसे में क्या आप जिला प्रशासन के इस अभियान को सफल मानेंगे?       


गाजियाबाद में टीकाकरण अभियान शुरू

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। जनपद में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को विटामिन ए और निमोनिया से बचाव के लिए न्यूमोकॉकल कंजूगेट वैक्सीन देने के लिए आज से अभियान शुरू हो गया है। बता दें कि न्यूमोकॉकल कंजूगेट वैक्सीन को जनपद में पहली बार नियमित टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा रहा है। न्यूमोकॉकल कंजेंवगेट वैक्सीन (पीसीवी) शिशुओं को न सिर्फ निमोनिया बल्कि सेप्सिस (खून का इंफेक्शन), बैक्टीरीयल मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार) से भी बचाएगा। इस वैक्सीन को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों को जिला स्तर से लेकर सीएचसी-पीएचसी स्तर तक ट्रेनिंग दी जा चुकी है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया पीसीवी हर बच्चे को डेढ़ माह, साढ़े तीन माह और नौ माह की आयु होने पर दिया जाएगा। नौ माह पर दी जाने वाली बूस्टर खुराक होगी। जनपद को वैक्सीन की आपूर्ति मिल चुकी है। इस टीके के बाद निमोनिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर में निश्चित तौर पर कमी आएगी। जनपद में करीब एक लाख बच्चों को यह वैक्सीन दी जाएगी। उन्होंने बताया अभी तक इस वैक्सीन को प्रदेश के 19 जिलों में नियमित टीकाकरण में दिया जा रहा था लेकिन अब इसे बाकी 56 जनपदों में भी शुरू किया जा रहा है। बाजार में यह वैक्सीन करीब तीन हजार रूपए की है, स्वास्थ्य विभाग इसे निशुल्क बच्चों को देगा। डीआईओ ने बताया निमोनिया बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने और छींकने से फैलती है। यह बैक्टीरिया पांच साल से छोटे बच्चों, खासकर दो साल से छोटे बच्चों, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों एवं वृद्धों को बीमार कर सकता है।


भुगतान करने पर सवालिया निशान लगाया

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। जनपद में राज नगर से निगम पार्षद एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र त्यागी ने पिछले दिनों शासन द्वारा एक एलईडी कंपनी को तय रकम से दो गुने से अधिक भुगतान करने पर सवालिया निशान लगाया है। इस मसले पर उन्होंने पत्रकारों से वार्ता में बताया कि जिस एलईडी कंपनी को शासन ने भुगतान किया है उसे 2018 में ही नगर निगम के सदन ने ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इस मामले में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के दबाव में संबंधित कंपनी को भुगतान करने के लिए जांच के बाद संस्तुति की थी। इसके बावजूद संस्तुति से अधिक रकम भुगतान करने के मामले की जांच कराने की मांग की गई है।दरअसल नगर निगम ने कुछ वर्ष पूर्व ऊर्जा की बचत के लिए एक कंपनी को पूरे शहर में एलईडी लाइट लगाने का ठेका दिया गया था। मैसर्स व्हाईट प्लाकार्ड लिमिटेड नाम की इस कंपनी को यह ठेका जनवरी 2016 में दिया गया था। इस कंपनी के बारे में शिकायत मिली थी कि जितनी एलईडी लाईटें लगाने का दावा किया गया था वह मौके पर नहीं लगी थी। कंपनी को 50,214 लाइटें लगानी थीं, जबकि कंपनी अपने द्वारा 48,113 नग लाइटें लगाना दर्शाया था। इस मामले में बवाल होने पर प्रकाश निरीक्षकों से सत्यापन कराने पर पता चला कि कंपनी ने केवल 42,966 एलईडी लाइटें लगाई हैं। इस मामले की और बारीकी से जांच करने पता चला कि कंपनी ने नई लाईटें लगाने के बदले में स्टोर में केवल 35,388 पुरानी लाइटें जमा कराई थीं। इस मामले में अनियमितता पाए जाने पर कंपनी को नगर निगम बोर्ड की बैठक में 27 अगस्त 2018 को काली सूची में डाल दिया था। भाजपा पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने बताया कि काली सूची में जाने के बाद भी कंपनी ने 2017 से 2019 के बीच कुल बिजली के बचत का 75 फीसदी हिस्सा भुगतान के लिए निगम के सामने रखा। निगम ने बारीकी से जांच के बाद शासन के दबाव में संबंधित कंपनी को 3 करोड़ 37 लाख रुपये भुगतान करने की संस्तुत की। बावजूद इसके शासन द्वारा संबंधित कंपनी को करीब 8 करोड़ 97 लाख का भुगतान कर दिया। यह निर्धारित रकम से दोगुनी से अधिक है।ऐसे में संबंधित फर्म को आर्थिक लाभ तो पहुंचाया गया लेकिन नगर निगम के हितों का ख्याल नहीं रखा गया। निगम पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा कि निगम के पैसे को शासन ने दबाव में संबंधित फर्म को भुगतान कर दिया लेकिन इसका आर्थिक नुकसान निगम को होगा। इस मामले की जांच निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग रखी है।         


यातायात पुलिस ने एडवाइजरी जारी की

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। स्वतंत्रता दिवस के मद्दे नजर गाज़ियाबाद यातायात पुलिस ने एड्वाइजरी जारी कर दी है।  इन दिशानिर्देशों के अनुसार ड्रेस रिहर्सल के दौरान 12/ 13 अगस्त की रात 12 बजे से सुबह 11 बजे तक गाज़ियाबाद-दिल्ली बार्डर बंद रहेंगे।  इसी प्रकार 14/15 अगस्त की रात 12 बजे से सुबह 11 बजे तक भी बार्डर बंद रहेगा। इस दौरान यातायात में निम्न प्रकार डायवर्जन किया गया है।


भारी वाहनों और व्यावसायिक वाहनों (ट्रक, कैंटर, बसें, मिनी बसें, टाटा 407 आदि) गाज़ियाबाद से दिल्ली की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यात्री बसें जो यूपी गेट से दिल्ली की तरफ जाती हैं, मोहन नगर की तरफ डायवर्ट कर दी जाएंगी। इन बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा। जो यात्री बसे सीमपुरी-अप्सरा बार्डर से दिल्ली में प्रवेश करती हैं, उन्हें मोहन नगर से वापस कर दिया जाएगा। ये बसें भी दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगी। तुलसी निकेतन बार्डर की ओर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी भारी/व्यावसायिक वाहनों और यात्री बसों को भौपुरा यू टर्न से वापस कर दिया जाएगा। लोनी बार्डर से दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी भारी वाहनों, व्यावसायिक वाहनों और यात्री बसों को लोनी तिराहे से बागपत की ओर डायवर्ट कर दिया जाएगा।


डीएलएफ़ पुश्ता की ओर से भी दिल्ली में समस्त भारी/व्यावसायिक वाहनों और यात्री बसों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी।


25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...