शनिवार, 18 जुलाई 2020

दिल्ली में बिना मास्क ₹500 का जुर्माना

प्रदीप उज्जैनी


उत्तरी बाहरी दिल्ली।अलीपुर थाना पुलिस ने बगैर मास्क लगाए लोगों के चालान काटे जिसमें दुपहिया वाहन कार चालक टेंपो चालक सवार थे।


कोरोना महामारी के चलते दिल्ली पुलिस भी लगातार सक्रिय है और लोगों के चालान काट रही है लेकिन उसके बावजूद भी लोग बगैर मास्क लगाए घर से बाहर निकल आते हैं। जिसके चलते दिल्ली पुलिस सब लोगों के चालान काट रही है चालान के दौरान लोगों से 500 रुपये का जुर्माना लिया जा रहा है। जिसके चलते अलीपुर थाना पुलिस ने कल शाम करीब 42 लोगों के चालान काटे हैं। इससे पहले भी इसी तरह की मुहिम अलीपुर थाना पुलिस ने चलाई थी और लोगों के चालान काटे थे।               


छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन पर विचार-विमर्श

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। आज रात से राज्य में संपूर्ण लॉकडाउन लग सकता है। आज शाम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रियों की बैठक बुलाय़ी है। बैठक में प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन लागू करने का फैसला किया जा सकता है। राज्य सरकार ने अपने स्तर से इसकी पूरी तैयारी कर ली है। आज मंत्रियों की बैठक के बाद संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया जा सकता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाम 4 बजे सीएम हाउस में ये बैठक बुलायी है। इस बैठक का पूरा एजेंडा ही कोरोना से जुड़ा है। लिहाजा कोरोना के मद्देनजर तैयारियों की समीक्षा के साथ-साथ लॉकडाउन पर चर्चा की जायेगी।


आपको बता दें कि प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं। खासकर राजधानी रायपुर में पिछले एक महीने से कोरोना की जो रफ्तार हुई है, वो धीमी पड़ती नहीं दिख रही है। कल तो प्रदेश ने कोरोना के सारे रिकार्ड तोड़ दिये, एक ही दिन में कोरोना से 242 मरीज मिले थे, जिसमें से 127 मरीज सिर्फ राजधानी रायपुर से थे। कोरोना के बढ़े खतरे और कोरोना के साइकिल को तोड़ने के लिए राज्य सरकार एक और लॉकडाउन प्रदेश में लागू करने जा रही है।


हालांकि लॉकडाउन का स्तर किस तरह का होगा ? किस तरह की सेवाओं को छूट दी जायेगी? बाजार में किन-किन दुकानों को खोलने की इजाजत दी जायेगी, इसे लेकर बैठक में चर्चा की जायेगी। हालांकि विश्वस्त सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रदेश में लाकडाउन 15 दिन का किया जा सकता है।               


मंदिर ट्रस्ट, पुजारीयों सहित 140 संक्रमित

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है। अभी तक मंदिर के 14 पुजारी समेत ट्रस्ट के 140 से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं।



तिरुपति। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब कुछ दिन के लिए मंदिर में दर्शन बंद करने की मांग की जा रही है। हालांकि, ट्रस्ट ने फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।


 बता दें कि अनलॉक-1 के तहत 8 जून को मंदिर फिर से खोला गया था। 11 जून से आम लोगों के लिए खोला गया। 13 जून से मंदिर के स्टाफ में कोरोना के मामले सामने आने लगे थे। शुरुआत में यहां श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ी लेकिन मंदिर में कोरोना का असर देखते हुए अब भीड़ कम होने लगी है। अभी हर दिन 8 से 9 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं।


मंदिर में कोरोना बढ़ने के बाद अब दर्शन बंद करने की मांग उठ रही है। कर्मचारी संगठनों ने भी ट्रस्ट से मांग की है, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए फिलहाल मंदिर को बंद किया जाए। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी आंध्र प्रदेश सरकार से मांग की है कि स्थिति बिगड़ने से पहले जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। वहीं तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा है कि, फिलहाल मंदिर में सार्वजनिक दर्शन को रोकने की कोई योजना नहीं। स्थिति अभी नियंत्रण में है, इसलिए मंदिर फिर से बंद करने का कोई मतलब नहीं। जो कर्मचारी संक्रमित पाए गए हैं, उन्हें क्वारंटाइन किया गया है।               




आईआईटी में प्रवेश लेना होगा आसान

प्रमोद मिश्रा


नई दिल्ली। दिन की शुरुआत अच्छी खबरों से होनी चाहिए। आज की अच्छी खबर यह है कि अब इस बार IIT में एडमिशन और भी आसानी से होगी इसकी जानकारी खुद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर दी है ।


मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को घोषणा की कि कोरोना के चलते विभिन्न बोर्डों द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द करने की वजह से इस साल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने प्रवेश मानदंडों में छूट देने का निर्णय किया है।
एचआरडी मंत्री निशंक ने इसको लेकर ट्वीट किया है। निशंक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस में पास होने होने के अलावा 12वीं बोर्ड की परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते थे या फिर पात्रता परीक्षा में शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में स्थान बनाना होता था। निशंक ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “बोर्डो द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द करने के मद्देनजर संयुक्त नामांकन बोर्ड (जेएबी) ने इस बार जेईई एडवांस 2020 पास छात्रों के लिए प्रवेश मानदंडों में छूट देने का फैसला किया है।
देश-दुनिया के किस हिस्से में कितना है कोरोना का कहर?
एक अन्य ट्वीट में निशंक ने लिखा, “ऐसे पात्र उम्मीदवार जिन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की है, वे दाखिला लेने के पात्र होंगे और उन्हें मिले अंकों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बता दें कि इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) जेईई एडवांस परीक्षा के सिलेबस को कम करने और प्रवेश परीक्षा फॉर्मेट को बदलने पर चर्चा करेगा। बता दें कि इस साल, आईआईटी दिल्ली जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन कर रहा है।             


11 संक्रमित, एसएसपी ने मेस बंद कराया

रायबरेली। महराजगंज में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को 11 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। इनमें चार पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। एक संक्रमित पुलिस कर्मी एसपी कार्यालय में डायल-112 के टेलीफोन ड्यूटी में तैनात था। वहीं दो संक्रमित सिपाही कोतवाली में तैनात थे। वे दोनों बाहर रहते थे। एसपी आवास में बने उसी गारद के मेस में भोजन करते थे, जहां का कुक कोरोना पॉजिटिव मिला था। एसपी ने एहतियात के तौर पर गारद के मेस को बंद करा दिया है। पुलिस कार्यालय और कोतवाली में तीन पुलिस कर्मियों के संक्रमित मिलने से महकमे में हड़कंप मच गया है। कोतवाली के पुलिस कर्मी संदेह में अपना कोरोना टेस्ट खुद ही कराए थे, लेकिन वह सूचना नहीं दिए थे। नियमित रूप से ड्यूटी कर रहे थे। यह भी बताया जा रहा है कि शुक्रवार को दोनों की वीआईपी ड्यूटी भी लगी थी। उसी दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद दोनों के अलावा पुलिस कार्यालय में डायल-112 के टेलीफोन ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को इलाज के लिए कोविड केयर हॉस्पिटल भेज दिया गया। चौथा संक्रमित पुलिस लाइन में तैनात था। उसे भी इलाज के लिए भेजा गया है। खांसी ना बुखार, पर जांच में मिल रहे संक्रमित बिना मास्क लगाए घर से बाहर निकलने वाले व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने वाले अब चेत जाएं। क्योंकि कोरोना संक्रमित ऐसे लोग भी मिल रहे हैं जिनको न तो सर्दी-जुखाम हुआ है और ना ही खांसी या बुखार से पीड़ित हैं। देखने में पूरी तरह स्वस्थ हैं। लेकिन जांच में संक्रमित मिल रहे हैं। शुक्रवार को आई जांच रिपोर्ट में चार पुलिस कर्मी संक्रमित मिले हैं। सभी को इलाज के लिए कोविड केयर हॉस्पिटल पुरैना भेज दिया गया है। पुलिस कर्मियों की नियमित जांच कराई जा रही है। एहतियात के तौर पर गारद के मेस को बंद करा दिया गया है।              


महिला पार्षद ने आयुक्त पर चप्पल उठाई

मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक पार्षद ने बीच बैठक में नगर आयुक्त को ही चप्पल मार दी। शुक्रवार को मथुरा नगर निगम की बैठक में किसी बात से खफा होकर भाजपा पार्षद दीपिका रानी सिंह ने नगर आयुक्त रविंद्र कुमार को चप्पल मारी। हालांकि चपप्ल नगर आयुक्त को ना लगकर उनके पीए को जाकर लगी। बैठक में मौजूद दूसरे नेताओं और कर्मचारियों ने किसी तरह बीच-बचाव किया।


मथुरा के मुकुंद पैलेस में शुक्रवार को मथुरा वृन्दावन नगर निगम की बजट बोर्ड बैठक बुलाई गई थी। पार्षद अपने अपने वार्डों में प्रस्तावित और हुए विकास कार्यों को लेकर हंगामा करने लगे। इसी बीच वार्ड 24 की पार्षद दीपिका रानी सिंह मंच पर बैठे नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड़ के पास पहुंचीं। दीपिका रानी का कहना है कि, उन्होंने वार्ड में हुए कार्यां की सूची और कुछ अन्य समस्याओं को लेकर नगर आयुक्त से बात की तो उन्होंने हाथ पकड़कर झटका और कहा कि चल बैठ जा।इस पर मुझे गुस्सा आ गया।


नगर आयुक्त ने पार्षद पर एफआईआर के लिए तहरीर दी है। नगर आयुक्त ने कहा कि बैठक शुरू होने से पहले ही पार्षद दीपिका रानी ने हंगामा शुरू कर दिया था। उन्होंने मुझसे और अन्य अधिकारियों से गाली गलौच भी की। जब पीए ने समझाया तो उसको चपल्लों से पीटा गया। इस मामले में एफआईआर दर्ज करा कर वैधानिक कार्रवाई कराई जाएगी।               


राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए


  • मायावती ने कहा- राजस्थान के राज्यपाल को मसले को खुद नोटिस में लेकर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए

  • मायावती इससे पहले भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर रहीं, बसपा विधायकाें को कांग्रेस में शामिल कराने पर विरोध जताया था


लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान की सियासी उठापटक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाने पर लिया है। मायावती ने राजस्थान की राजनीतिक अस्थिरता को लेकर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में राजनीतिक गतिरोध और सियासी उठापटक काे राज्यपाल खुद नोटिस में लाएं। उन्हें राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।


बसपा प्रमुख ने ट्वीट में कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दलबदल कानून का खुला उल्लंघन किया। बसपा के साथ लगातार दूसरी बार धोखेबाजी की और हमारी पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया। अब जगजाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी और असंवैधानिक काम किया है।


कोटा में 105 बच्चों की मौत पर गहलोत को हटाने की मांग की थी
इससे पहले मायावती ने दिसंबर में कोटा के अस्पताल में लगातार बच्चों की मौतों पर सवाल उठाया था। उन्होंने कांग्रेस से गहलोत को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की भी मांग की थी। मायावती ने ट्वीट कर लिखा था- 100 माताओं की कोख उजड़ने के मामले में कांग्रेस को केवल अपनी नाराजगी जताना ही काफी नहीं है। कांग्रेस को चाहिए कि वहां के मुख्यमंत्री को तुरंत हटाकर किसी सही व्यक्ति को सत्ता में बैठाया जाए।


2018 में भी गहलोत से नाराजगी जताई थी
बसपा प्रमुख मायावती मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर पहले भी नाराजगी जता चुकी हैं। 2018 में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 200 सीटों में 100 पर जीत मिली थी। उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक जीता था। इससे राज्य में सरकार गिरने का खतरा मंडरा रहा था। वहीं, बसपा के 6 विधायक चुनाव जीते थे। इन सभी विधायकों ने बसपा छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इससे मायावती ने कांग्रेस और गहलोत पर खासी नाराजगी जताई थी।


राजस्थान में इन विधायकों ने कांग्रेस जॉइन की थी
बसपा से चुनाव जीते राजेन्द्र गुढा (उदयपुरवाटी, झुंझुनूं), जोगेंद्र सिंह अवाना (नदबई, भरतपुर), वाजिब अली (भरतपुर), लाखन सिंह मीणा (करौली), संदीप यादव (तिजारा, अलवर) और दीपचंद खेरिया (किशनगढ़बास, अलवर) ने सितंबर 2018 में पार्टी छोड़ दी थी।             


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