बुधवार, 15 जुलाई 2020

चला सिंधिया की चाल अपनी भी गायब

नीलमणि पाल


जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे डिप्टी सीएम सचिन पायलट खुद राजस्थान सरकार गिराने की डील कर रहे थे। हमारे विधायकों को पैसे के लालच दिए जा रहे हैं. मेरे पास सबूत है। सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि पहले भी हमें अपने विधायकों को 10 दिन तक होटल में रखना पड़ा। अगर उस वक्त हम नहीं रखते तो आज जो मानेसर वाला खेल हुआ है, वो उस समय होने वाला था। रात के दो बजे लोगों को भेजा रहा था। खुद षड्यंत्र में शामिल नेता सफाई दे रहे थे।


सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे डिप्टी सीएम हो या पीसीसी चीफ, उनसे जब खरीद-फरोख्त की जानकारी मांगी गई तो सफाई दे रहे हैं. वह खुद षड्यंत्र में शामिल थे। दिल्ली में बैठे लोगों ने सरकार गिराने की साजिश रची। लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश हो रही है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह साजिश हो रही है।


सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। हम तो तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। 40 साल की राजनीति हो गई. हम तो नई पीढ़ी को तैयार करते हैं। आने वाला कल उनका है. हमारी बहुत रगड़ाई हुई थी। 40 सालों तक जिन्होंने संघर्ष किया, वो आज मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पार्टी के शीर्ष पर हैं।


सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि लोग कहते हैं हम नई पीढ़ी को पसंद नहीं करते हैं। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और खुद अशोक गहलोत उन्हें पसंद करता है। गवाह है कि जब भी मीटिंग होती है तो मैं युवाओं और एनएसयूआई के लिए लड़ाई लड़ता हूं। इनकी रगड़ाई नहीं हुई थी, इसलिए यह समझ नहीं पा रहे हैं।


सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि इनकी बिना रगड़ाई हुए केंद्रीय मंत्री और पीसीसी चीफ बन गए। अगर रगड़ाई हुई होती तो आज और अच्छा काम करते। आज हमसे अच्छा काम ये कर सकते हैं। अगर ये खुद ही हॉर्स ट्रेडिंग को पसंद करेंगे और उसका हिस्सा बनेंगे तो देश को बर्बाद करेंगे।


बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़ी

मनोज सिंह ठाकुर


टोक्यो। जापान में मूसलाधार बारिश के कारण आयी बाढ़ और भूस्खलन की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 76 हो गयी है जबकि 13 लोग अब भी लापता हैं। एनएचके प्रसारक ने बुधवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि एक व्यक्ति को गंभीर हालत में बचाया गया है। जापान में 21 प्रांतों में मूसलाधार बारिश के कारण आयी बाढ़ और भूस्खलन से 15,000 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने इस सप्ताह के दौरान भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है।


बिहार में प्रशासन व तंत्र ने मचाई लूट

बिहार में जन्म लेना अभिशाप है या है कोई चक्रव्यूह : गणेश कुमार


सुपौल। एक तरफ जहां पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से जूझ रही है वहीं भारत-चीन सीमा विवाद भी देश की परेशानियां बढ़ा रही है तो इधर बिहार सरकार ने प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार व लूट खसोट के दरवाजे खोल दिए हैं।भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति व कुशल नेतृत्व अब तक बेहद सराहनीय रहा है।


कोरोना संक्रमण को ले लागू लॉकडाउन की अवधि में जनता के सहायतार्थ प्रदेश सरकार द्वारा जारी राशि(अनाज,मास्क,साबुन आदि) घोर मनमानी और भ्रष्टाचारी का शिकार होकर संलिप्त प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों के तिजोरियों का वजन बढ़ा रही है।लूट खसोट में संलिप्त प्रतिनिधि व अधिकारियों का तंत्र इतना मजबूत है कि उनपर नकेल कसना सरकार के बस से बाहर की बात है या फिर सरकार नकेल कसना नहीं चाहती।भ्रष्टाचार का ये कारनामा पूरे प्रदेश में व्याप्त है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की तीव्र गति से बढ़ रही संख्या पर समता पार्टी प्रदेश मीडिया प्रभारी गणेश कुमार ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर प्रदेश किस ओर जा रहा है,क्या भ्रष्टतंत्र बिहार का वजूद मिटाने पर तुला हुआ है,लाचार जनता को और ज्यादा लाचार क्यों बनाया जा रहा है,क्या बिहार में जन्म लेना अभिशाप है ?


बिहार सरकार द्वारा 31 जुलाई तक प्रदेश में सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू करने के फैसले का स्वागत करते हुए गणेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी को ले सरकार यदि लॉकडाउन में छूट देने में जल्दबाजी नहीं करती तो शायद आज स्थिति विकराल नहीं होती साथ हीं प्रदेश की जनता से विनम्र अपील करते हुए कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के नियमों का पालन अवश्य करें।             


यूपी पुलिस एक बार फिर हुई बेनकाब

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के बर्रा से अगवा युवक के परिवार पर उस वक्त बड़ी आफत टूट पड़ी जब अपहरणकर्ताओं को फिरौती के 30 लाख रुपए दे दिए इसके बाद भी अपहृत युवक को पुलिस छुड़ा नहीं सकी। सोमवार देर रात बदमाशों के बताई जगह पर रुपयों भरा बैग फेंका गया, अपहरणकर्ता बैग लेकर निकल गए पर युवक को नहीं छोड़ा। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की निगरानी में पैसे दिए गए। पीड़ित परिवार ने एसएसपी कार्यालय पर मंगलवार को हंगामा किया। वहीं, रात को एसएसपी ने बर्रा थाने का जायजा लेकर पीड़ित के परिजनों से बातचीत की।


कानपुर के बर्रा-5 निवासी लैब टेक्नीशियन का 22 जून को अपहरण हो गया था। उनके परिवार वालों को फोन कर बदमाशों ने तीस लाख की फिरौती मांगी। इसकी जानकारी परिजन लगाकर एसपी साउथ व बर्रा इंस्पेक्टर को रिकॉर्डिंग के साथ दे रहे थे। आरोप है कि पुलिस के कहने पर उन्होंने सोमवार देर रात अपहरणकर्ताओं के बताए पते पर गुजैनी हाईवे से झांसी रेलवे लाइन के पास पुल से 30 लाख रुपए से भरा बैग नीचे फेंका। पुलिस 100 मीटर दूरी से अपहरणकर्ताओं पर नजर बनाए हुए थीं लेकिन वह उन्हें चकमा देकर रुपयों भरा बैग लेकर भाग निकले। बेटे के न मिलने पर परिजनों ने बर्रा पुलिस पर अपहरणकर्ताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है।


मकान और शादी के जेवर तक बेचे
बेटे को छुड़ाने के लिए माता-पिता ने अपने जेवर और मकान तक बेच दिया था। बहन ने एसएसपी ऑफिस में बिलखते हुए कहा कि घर और खेती बेचने के साथ ही रिश्तेदारों से किसी तरह उधार रुपए लेकर भाई को छुड़ाने की व्यवस्था की थी।


लगातार आए फोन, ट्रेस न कर पाई पुलिस
परिजनों का आरोप है कि अपहरणकर्ता के 29 जून से लगातार फोन कर रहे थे। उन्होंने पुलिस को न केवल जानकारी दी बल्कि हर कॉल की रिकॉर्डिंग तक मुहैया कराई। इतना सब कुछ होने के बावजूद पुलिस ट्रेस नहीं कर पाई।


विश्वास में कर्ज लेकर रकम भी गंवाई
अपहृत युवक की बहन का आरोप है कि जब अपहरणकर्ताओं ने फिरौती की रकम न देने पर भाई को भूल जाने की धमकी दी तो उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी। इस पर पुलिस ने परिवार पर विश्वास में लेते हुए अपहरणकर्ताओं को रकम देने को कहा था। पुलिस के कहने पर ही पिता पुलिस के दिए हुए बैग में रुपए लेकर अपहरणकर्ताओं को देने गए।


ट्रैक करने को बैग में डाला था मोबाइल
युवक के पिता ने बताया कि फिरौती की रकम देने के लिए पुलिस ने अपना एक बैग और उसमें एक मोबाइल भी रखा था। इससे अपहरणकर्ताओं को ट्रेस किया जा सके लेकिन अब पुलिस कह रही है कि बैग पुल से फेंकने की वजह से उसमें रखा मोबाइल ऊंचाई से गिरकर टूट गया जिसकी वजह से उन्हें ट्रैक नहीं किया जा सका।


चकरपुर से अपहरणकर्ताओं ने लिया था सिमकार्ड
चकरपुर मंडी में काम करने वाली नौबस्ता खाड़ेपुर निवासी महिला ने 26 जून को चकरपुर की एक शॉप से सिमकार्ड लिया था। दुकानदार ने धोखे से उसकी आईडी पर ही एक और सिम एक्टीवेट कर लिया और किसी को बेच दिया। इसी सिमकार्ड से अपहरणकर्ताओं ने युवक के परिजनों से फिरौती मांगी। हालांकि पुलिस ने महिला को पकड़ा तो उसने पूरा मामला बताया जिसके बाद पुलिस ने दुकानदार भी पकड़ा जिसे पांच-छह दिन बाद छोड़ दिया गया। अपहरणकर्ता ने युवक के पिता से लगातार फोन पर संपर्क करते हुए फिरौती की रकम मंगाने के लिए पहले बर्रा, तात्याटोपे नगर फिर पनकी लोहिया चौराहा और इसके बाद अचानक गुजैनी-झांसी रेलवे लाइन के पास बुला लिया।


इस प्रकरण में दो तरह से तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस कह रही है बैग में पैसा नहीं था। परिजन कह रहे हैं कि पैसा था। इस प्रकरण को मैं खुद मॉनीटर कर रहा हूं। यदि इस मामले में पुलिस कर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - दिनेश कुमार पी, एसएसपी


कहां गए, 3 मौतो पर ढींगे हांकने वाले

तीन मौतों के बाद नहीं पसीजा सांसद विधायकों का रत्ती भर दिल


सांसद विधायक के ऊंचे महल कोठी देखकर पीड़ित जनता की मुश्किलें नहीं होंगी दूर


फोटो छपास तक सीमित रहते हैं सांसद विधायक जनप्रतिनिधि


कौशाम्बी। जिले के भरवारी कस्बे में ढाई महीने पूर्व आतिशबाज के घर में विस्फोट होने के बाद तीन लोगों की मौत के मामले में लंबी लंबी डींग हांकने वाले किसी भी सांसद विधायक का दिल नहीं पसीजा है। आज तक मृतक परिवार को मदद में इन सांसद विधायकों द्वारा फूटी कौड़ी नहीं दी गई है। केंद्र और प्रदेश सरकार से भी गरीब परिवारों को आर्थिक मदद दिलाने का प्रयास सांसद विधायकों ने अभी तक ही नहीं किया है। मदद के नाम पर पूर्व सांसद विधायक भी आगे नही आ सके है, जिससे इनकी जनता के प्रति लगाव का अंदाजा लगाया जा सकता है। पीड़ित परिवार न्याय के लिए भटक रहा है, अभी तक उसे किसी प्रकार की आपदा पीड़ित की सहायता राशि भी नहीं मिल सकी है। इतना ही नहीं इस हादसे के जिम्मेदार लोगों की अभी तक पूरी तरह से गिरफ्तारी भी पुलिस नहीं कर सकी है। पुलिस भी हादसे के जिम्मेदारों के आगे घुटने टेक चुकी है, अब गुनहगारों की मदद कौन कर रहा है यह जनता के बीच चर्चा का विषय है। 


गौरतलब है कि जनता के वोट लेकर लोकसभा एवं विधानसभा का सफर तय करने वाले सांसद और विधायक के ऊंचे महल की कोठी देखकर पीड़ित जनता की मुश्किलें आसान नहीं हो पाएगी जब तक उनकी समस्याओं को धरातल पर उतरकर सुना और समझा ना जा सके। चुनावी समय में इन्हीं सांसद और विधायक के द्वारा बड़े - बड़े वादों का पुलिंदा खड़ा कर दिया जाता है,जबकि झूठे वादों में फंसकर जनता सांसद विधायक को उस मुकाम तक पहुंचा देती है जहां से पीड़ित जनता की मुश्किलें आसान हो जाए लेकिन जब उनकी मुश्किलें आसान होती नहीं दिखाई देती है बल्कि और बढ़ने लगती है तो यही जनता अपने आपको ठगा हुआ महसूस करती हैं।


इन्हीं सांसद विधायक जनप्रतिनिधियों जो अपने आपको पीड़ित जनता का मसीहा बताकर बड़े मंच पर खड़े होकर लंबे चौड़े भाषण देते हैं व अपने आपको सांसद विधायक का निष्ठावान प्रतिनिधि बताकर फोटो  छपास तक ही सीमित रहते हैं इनका भी क्षेत्रीय पीड़ित जनता से कोई वास्ता दूर - दूर तक नहीं होता है।


इसी तरह भरवारी नगर पंचायत में कई वर्षों से अवैध पटाखा कम्पनी घनी आबादी बस्ती में संचालित हो रही थी जिसमें आर्थिक स्थिति से जूझ रहे नाबालिक बच्चों से पटाखा बनवाने का कार्य कराया जाता था। ढाई माह पूर्व उस पटाखा कम्पनी में बारूद की चिंगारी से अचानक ब्लास्ट हो गया। पटाखा कम्पनी में काम कर रही एक महिला समेत दो नाबालिक बच्चियों के चीथड़े उड़ गए। धमाका इतना तेज था कि आस पास के मकान की ईंट भी उखड़ गई है थी।सूचना पाकर घटनास्टल पर प्रशासन पहुंचकर आर्थिक तंगी से जूझ रहे पीड़ित परिवार को सांत्वना दिलाते हुए आर्थिक सहायता व प्रधानमंत्री आवास सहित हर संभव मदद दिलाए जाने का आश्वासन दिए जो आज तक पीड़ित परिवार को नहीं मिल सका है।


अवैध पटाखा कम्पनी संचालित करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही कराए जाने का आश्वासन भी दिए।लेकिन ढाई माह बीत जाने के बावजूद भी अवैध पटाखा कम्पनी के संचालक खुलेआम घूम रहे हैं जो पीड़ित परिवार के ऊपर धमकियों भरा सुलह होने का दबाव बना रहे हैं। इस बात की शिकायत लेकर कई बार पीड़ित परिवार के सदस्य क्षेत्रीय संसद विधायक से मिलकर अपनी समस्या बताना चाहा, लेकिन उनके प्रतिनिधि कोरोना महामारी का हवाला देते हुए पीड़ित परिवार को वापस कर देते हैं। दिल दहला देने वाली इन तीन बातों में माननीयों का दिल नहीं पसीजा तो आम जनता की समस्या के समाधान में कितना गंभीर होते होंगे इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता है।


राजकुमार 


प्रशासन से बैरिकेटिंग खोलने की अपील

पूरामुफ्ती मनौरी मुख्य मार्ग में बैरिकेटिंग खुलवाने के लिये मनौरी बाजार व कई गाँव के लोगो की जिला प्रशासन से अपील


मनौरी कौशाम्बी। पूरामुफ्ती थानांतर्गत मनौरी बाजार में कोरोना संक्रमित की बढ़ती संख्या को देखते हुए कौशाम्बी जिलाधिकारी ने 14 दिन के लिए सीज़ कराने का आदेश दिया। बाजार की सभी दुकानों पूर्ण रूप से बन्द कराने और मनौरी बाजार को चारों तरफ से बैरिकेटिंग कराने का भी आदेश दिया गया। सभी मुख्य मार्ग बन्द होने से मनौरी बाजार के ग्रामीणों में दहशत , ग्रामीणों का कहना है कि अगर किसी की तबियत खराब हो जाय तो इलाज़ कराने किस मार्ग से जाएगा, बैरिकेटिंग इतनी तगड़ी है कि मोटर सायकिल भी नही निकल सकती। मुख्य मार्ग पर बैरिकेटिंग होने पर मनौरी बाजार में सब्जी वाले, दूध वाले, गैस सिलेंडर डिलेवरी वाले आदि लोगो का बाजार में प्रवेश नही मिल पा रहा है।


जबकि मनौरी बाजार के सभी व्यापारी जिला प्रशासन के निर्देशों का पूर्णतया पालन करते हुए अपनी दुकानें बन्द करके अपने घर के अंदर रह रहे है। अगर जल्द ही मुख्य मार्गों से बैरिकेटिंग नही हटाई गई तो बाजार में खाने पीने की काफी दिक्कत के साथ ही और परेशानी झेलनी पड़ेगी। मनौरी बाजार से लगे और भी गाँव मनौरी गाँव, मरदान पुर, जनका, मीरपर असरापुर, चिल्ला शाहबाज़ी, रतगहा, पुरैनी भी इन्ही परेशानियों से जूझ रहे है और जिला प्रशासन से अपील किये है कि मुख्य मार्ग की बैरिकेटिंग को खोला जाय।


रिपोर्ट : -राकेश कुमार केशरवानी


6 लाख ठीक हुए, 24309 की मौत

डी नंदनी


  नई दिल्ली। चीनी वायरस कोरोना यानी कोविड 19 के संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए देश में 24 मार्च से जारी लॉकडाउन का आज 111वां दिन है। वहीं देश में जारी अनलॉक-2.0 का आज 15वां दिन है। पहले अनलॉक-1.0 और अब अनलॉक-2.0 के तहत देश में शर्तों के साथ होटल, मॉल, धार्मिक स्थल समेत कई सार्वजनिक जगह भी खुल चुके हैं। जन जीवन और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटने लगी है। लेकिन इन सबके बीच देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रहा है।


कोरोना का कहर देश में लगातार जारी है। हर रोज मरीजों की बढ़ती संख्या परेशान करने वाली हैं। अब तक 9,36,181 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जबकि कोरोना की चपेट में आकर अब तक 24, 309 लोगों की मौत हो चुकी है। अच्छी बात ये है कि देश में अब तक 5 लाख 92 हजार से ज्यादा लोग ठीक होकर अपने-अपने घरों को पहुंच चुके हैं।


स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज सुबह जारी ताजा अपडेट के मुताबिक, देश में कुल कंफर्म केस की संख्या 9,92,032 है, जिसमें 24,309 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी देश में 3,19,840 एक्टिव केस हैं। वहीं, ठीक होने वालों का आंकड़ा बढ़कर 5,92,032 हो गया है। पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमितों के रिकॉर्ड 29,429 नए मामले सामने आए। जबकि 582 लोगों की मौतें हुई।             


एम्स के कई विभागों में निकली नौकरी

डी नंदनी


नई दिल्ली। सरकारी नौकरी की चाह रख रहे उम्मीदवारों के लिए अखिल भारतीय अनुसंधान परिषद ने विभिन्न विभागों में नौकरियां निकाली है। यह नौकरियां एम्स भोपाल द्वारा निकाली गई है। इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को एम्स भोपाल की आधिकारिक वेबसाइट aiimsbhopal.org


पर जाकर आवेदन करना होगा। इन पदो पर आवेदन की आखिरी तारीख 17 अगस्त 2020 है।


आवेदन से जुड़ी मुख्य तारीखे 


-इन पदों पर आवेदन की आखिरी तारीख – 17 अगस्त 2020
– आवेदन शुल्क भरने की आखिरी तारीख – 17 अगस्त 2020


योग्यता


– विभिन्न पदों के लिए योग्यता अलग अलग रखी गई है।
– योग्यता की जानकारी के लिए नीचे दिए आधिकारिक नोटिफिकेशन को पढ़े।


आवेदन शुल्क 


– सामान्य – 2000
-ओबीसी – 2000
-एससी / एसटी- 500


पदों की संख्या


– कुल पद – 115
-असिसटेंट प्रोफेसर – 64
– असोसिएट प्रोफेसर – 35
– प्रोफेसर – 33
– एडिशनल प्रोफेसर – 19


आयु सीमा


– इन पदों पर आवेदन के लिए उम्मीदवार की आयु 25 से 60 साल के बीच होनी चाहिये।
– विभन्न पदों के लिए अलग- अलग आयु सीमा रखी गई है आधिक जानकारी के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन पढ़े।


चयन प्रक्रिया


– इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन इंटरव्यू के आधार पर होगा।


कैसे करें आवेदन


इन पदों पर आवेदन के लिए यहां क्लिक करें


आवेदन से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए यहां क्लिक करें


पोर्न दिखाकर नाबालिक का दैहिक शोषण


  • पत्रकार के फ्लैट से मिले सेक्स टॉय, शक्तिवर्धक दवाएं और सांभर के सींग

  • अफकार टावर गिराया, अंसल अपार्टमेंट के फ्लैट का अवैध पोर्च तोड़ा, तीन अन्य गिरफ्तार


भोपाल। पैसे और नौकरी का लालच देकर नाबालिग लड़कियों से यौन शोषण करने के आरोपी पत्रकार प्यारे मियां की करतूतों की जांच अब एसआईटी करेगी। भोपाल पुलिस ने सबूतों की तलाश में विष्णु हाइटेक सिटी स्थित फ्लैट में मंगलवार को दोबारा सर्चिंग की। यहां से पोर्न मूवी की ढेरों सीडी, डीवीडी, पेनड्राइव, वीसीआर कैसेट्स, सेक्स टॉय और शक्तिवर्धक दवाएं मिली हैं।


नाबालिग लड़कियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि प्यारे चाइल्ड पोर्न दिखाकर उनका यौन शोषण करता था। इधर, नगर निगम अमले ने बुधवारा स्थित अफकार टावर भी गिरा दिया। अंसल अपार्टमेंट्स के फ्लैट में बने अवैध पोर्च को भी तोड़ा गया। एसपी साउथ साईं कृष्णा ने बताया कि पुलिस ने प्यारे के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें अनस, ओवैज और एक बुजुर्ग महिला शामिल है। अनस लड़कियों को लाने-ले जाने का काम करता था। उसका भाई ओवैज शराब और अन्य गलत करतूतों में साथ देता था, जबकि बुजुर्ग महिला लड़कियों की व्यवस्था करने में मदद करती थी। अब तक सामने आई नाबालिगों में दो किशोरियां एससी-एसटी तबके से हैं, इसलिए प्यारे के खिलाफ इस एक्ट के तहत भी धाराएं बढ़ाई जा रही हैं।


इधर, इंदौर में भी पुलिस के सामने एक महिला शिकायत लेकर आई थी। उसका आरोप था कि प्यारे मियां ने उसकी दो बहनों के साथ दुष्कृत्य किया है। जब अधिकारियों ने एफआईआर के लिए कहा तो वह पलट गई।


ढाई लाख रुपए की टैक्स फ्री विदेशी शराब मिली
मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे पुलिस की दूसरी टीम अंसल अपार्टमेंट्स स्थित प्यारे के फ्लैट पर पहुंची। ताला खुलवाकर टीम जैसे ही अंदर दाखिल हुई, वहां मिनी डांस बार सा नजारा मिला। बड़े साउंड सिस्टम, टीवी, रंगीन लाइट और एक बड़ा किचन। अलमारियों में टैक्स-ड्यूटी फ्री विदेशी शराब की बोतलें (40 लीटर) भी मिलीं। कुछ तो ऐसी थीं, जिन्हें पुलिस के एक्सपर्ट गवाह भी देखकर दंग रह गए। पुलिस ने पूरी शराब जब्त करते हुए उसकी कीमत करीब ढाई लाख रुपए आंकी है। इस आधार पर श्यामला हिल्स पुलिस ने प्यारे के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत तीसरा केस दर्ज किया है। यहां से सांभर के सींग भी मिले, जिसे वन विभाग की टीम ने जब्त करते हुए प्यारे के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम का भी केस दर्ज कर लिया।


विदेश न भाग जाए, इसलिए लुकआउट नोटिस जारी


पुलिस को प्यारे के भोपाल से फरार होने के ट्रैक का भी पता चला है। वह भोपाल से पहले इंदौर गया। वहां से आष्टा लौटा और अपनी गाड़ी बदल दी। दूसरी गाड़ी से संभवत: वह मप्र के बाहर निकल गया है। वह देश छोड़कर न जाए, इसलिए उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस की तैयारी की जा रही है। पुलिस की एक टीम उसके इंदौर स्थित ठिकाने पर भी गई थी, जहां ताला लगा मिला है।               


इंदौर में 520 लोगों से वसूला जुर्माना


  • मंगलवार देर रात 3158 सैंपलों की जांच रिपोर्ट आई, इनमें 3039 लोग निगेटिव पाए गए

  • जिले में अब तक 108480 लोगों के सैंपल जांचे गए, इस वायरस ने 278 लोगों की जान ली

  • अभी जिले में 1144 एक्टिव मरीज, होटल, गार्डन में क्वारैंटाइन 4825 लोगों को घर भेजा गया


इंदौर। शहर पूरी तरह खुलने के बाद कोरोना मरीजों के बढ़ने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। मेडिकल कॉलेज की रिपोर्ट में 93 नए मरीज मिले, जबकि 5 की मौत हो गई। एक दिन में मिले मरीजों के लिहाज से ये जून और जुलाई में अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। हालांकि 3158 सैंपल्स की जांच भी हुई, इनमें 3039 की रिपोर्ट निगेटिव आई। यानी पॉजिटिव रेट 2.94 के आसपास ही रहा। इधर, जून के मुकाबले जुलाई में ज्यादा ही मरीज मिल रहे हैं। जुलाई के शुरुआती 9 दिन में 353 मरीज मिले तो हाल के 5 दिन में ही 409 मरीज मिल चुके हैं। 14 दिन में 762 मरीज सामने आए हैं। अब तक 4074 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, 1144 (एक्टिव मरीज) का इलाज चल रहा है।


25 मरीजों की रिपोर्ट रिपीट पाॅजिटिव
मंगलवार देर रात आई रिपोर्ट में 25 मरीज रिपीट पाॅजिटिव आई है। वहीं, 1 मरीज के सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया। मंगलवार को एक बार फिर से 2298 सैंपल लिए गए। अब तक जिले में 108480 लोगों के सैंपल जांचे जा चुके हैं। अब तक 5496 संक्रमित पाए गए हैं। इनमें से 4074 लोग ठीक हो चुके हैं। इस वायरस ने 278 लोगों की जान भी ली है। अभी जिले में 1144 एक्टिव मरीज हैं, जबकि होटल, गार्डन में क्वारैंटाइन 4825 लोगों को घर भेजा जा चुका है।


अब तक 795 कॉलोनियों में फैला संक्रमण
अनलाॅक किए शहर में कई लोगों की लापरवाही के चलते कोरोना का संक्रमण 795 कॉलोनियों में फैल चुका है। यही नहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह फैल चुका है। अब नए इलाकों में भी लगातार मरीज मिल रहे हैं। मंगलवार को कंजर मोहल्ला, नई बस्ती तेजाजी नगर, राम बड़ोदिया बेटमा, फॉरेस्ट कॉलोनी, पालाखेड़ी, मंगल नगर, सांवेर, हेरियुमरिया का बगीचा, कैलाशपुरी तलावली आदि में मरीज मिले। ये वे इलाके हैं जहां जून तक कोई संक्रमित मरीज नहीं था। इधर, एरोड्रम रोड क्षेत्र का परमहंस नगर, लक्ष्मी नगर, राम नगर में भी 10 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं।


आईआईटी ने 100 से ज्यादा लोगों का करवाया कोरोना टेस्ट
भारतीय तकनीकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर ने संस्थान के सौ से ज्यादा लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया। आईआईटी के होस्टल में रह रहे एक छात्र के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ये जांच करवाई गईं। सूत्रों के अनुसार छात्र के कोरोना संक्रमित होने के बाद 56 छात्रों, होस्टल के कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों की जांच करवाई। करीब चार दिन पहले हुए टेस्ट की रिपोर्ट बुधवार तक आने की संभावना है। होस्टल में क्वारेंटाइन किए गए सभी छात्रों का क्वारेंटाइन अवधि भी रिपोर्ट आने तक बढ़ा दी गई है।


कोविड की रोकथाम में तेजी ताने अपर कलेक्टरों के कार्यक्षेत्र बांटे
कोरोना संक्रमण की रोकथाम में तेजी लाने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने जिले के अपर कलेक्टरोें के बीच कार्य विभाजित कर दिया है। इसमें अपर कलेक्टर अजयदेव शर्मा को कनाड़िया और भिचौली हप्सी क्षेत्र दिया है। इसी तरह अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर को राजस्व अनुभाग राऊ और महू, अपर कलेक्टर पवन जैन को राजस्व अनुभाग सांवेर, देपालपुर, जूनी इंदौर और मल्हारगंज तथा अपर कलेक्टर कीर्ति खुरासिया को राजस्व अनुभाग खुड़ैल और हातोद दिए गए हैं।


520 लोगों पर हुई स्पॉट फाइन की कार्रवाई
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने, मास्क नहीं लगाने पर पूरे शहर में अभियान चलाकर स्पाॅट फाइन की कार्रवाई की जा रही है। मंगलवार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने पर 84, मास्क नहीं लगाने पर 423 एवं दुकान या संस्थान पर सैनिटाइजर नहीं रखने पर तीन दुकान के विरुद्ध स्पाॅट फाइन की कार्रवाई की गई। इस प्रकार कुल 520 लोगों से 61 हजार की राशि वसूल की गई।             


हिमाचल में संक्रमितो का आंकड़ा -1309


  • सोलन जिले में पिछले 6 दिन में आए 133 मामले,अब तक आ चुके हैं कुल 261 मामले

  • बद्दी-नालागढ़ के दो उद्योगों में कोरोना के मामले सामने आने पर इकाइयों को बंद कर दिया गया है


शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। अब तक कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1309 हाे चुका है।चिंताजनक बात ये है कि इस वक्त सोलन जिला कोरोना हॉटस्पाॅट बना हुआ है। प्रदेश में अब तक आए मामलों के 20 प्रतिशत इसी जिले से हैं। अब तक कुल 261 केस इस जिले से आए हैं और उनमें से 50 प्रतिशत पिछले 6 दिनों में आए हैं। 9 से 14जुलाई के बीच जिला में133 पॉजिटिव केस आए हैं। इसका सबसे कारण अनलॉक के बाद प्रदेश में एंट्री के नियमों में दी जा रही ढील काे माना जा रहा है।जिला के बद्दी में दो अप्रैल को कोरोना का पहला पॉजिटिव मामला सामने आया था।  


इंडस्ट्रियल एरिया बीबीबएन में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसे देखते हुए अहम फैसला लिया गया है।अब जिस कंपनी के भारी संख्या में कोरोना संक्रमित पाए जाएंगे उनके रहने,खाने व सैनिटाइजेशन का खर्चा उक्त कंपनी को चुकाना होगा।बता दें कि बीते दिनों बद्दी की रिगले कंपनी में कोरोना पॉजिटिव पाए 59 कामगारों को निमंत्रण होटल में रखा जाएगा,जिसका खर्चा कंपनी को उठाना होगा। 


होटल को कोविड सेंटर में स्थापित किया गया है। अब यहां पर रिगले कंपनी के कोरोना संक्रमित रोगियों को कुछ शर्तों के साथ रख दिया है। जिला उपायुक्त  के आदेशों में प्रदत्त शर्तों के अनुसार कोविड पॉजिटिव 59 रोगियों को होटल के फर्स्ट फ्लोर पर तो निगेटिव को ग्राउंड फ्लोर पर रखा जाएगा। आवश्यक दवाएं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध करवाई जाएंगी। 


इंडस्ट्री इकाइयों को सात दिन के भीतर आइसोलेशन वाॅर्ड स्थापित करने के निर्देश


नालागढ़ की इंडस्ट्री को सात दिनों के भीतर अस्थाई आइसोलेशन वॉर्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला जिला सोलन उपायुक्त केसी. चमन ने जिला में विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। आवश्यकता अनुसार यहां कोरोनावायरस से संक्रमित कामगारों को रखा जा सकेगा।


इंडस्ट्रियल एरिया में दो उद्योग बंद 


हिमाचल प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ में अब कोरोना संक्रमण से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। बद्दी-नालागढ़ के दो उद्योगों में कोरोना के मामले सामने आने पर इकाइयों को बंद कर दिया गया है, जिसमें 100 के करीब मामले आ चुके है। सबसे अधिक मामले बद्दी के रिगले कंपनी व नालागढ़ की सारा कंपनी से जुड़े है। प्रशासन की ओर से एहतियात के तौर पर इन इकाइयों को बंद करते हुए पूरे स्टाफ को क्वारैंटाइन कर लिया गया है। 


चोरी छिप्पे आकर जा रहे उद्योगों में 


इंडस्ट्रियल एरिया में दूसरे राज्यों से प्रवासी कामगार रोजोना पहुंच रहे हैं जबकि कई कामगर चोरी-छिप्पे चोर रास्तों से आकर उद्योगों में पहुंच रहे है। बीते दिनों भी पंजैहरा के एक उद्योग के लिए आई 11 लेबर में से तीन लोग कोरोना से संक्रमित पाए थे। वहीं इसके अलावा बद्दी के एक होटल में बीते दिनों 17 प्रवासी कामगारों को गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ा गया था। जांच में पाया था कि ठेकेदार के बुलाने पर यूपी से आए थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से कोरोना का खतरा लगातार बना हुआ है। 


बिना अनुमति प्रवासी मजदूरों को ठहराने पर मामला दर्ज 


पुलिस थाना बद्दी के तहत मकान मालिक पर बिना अनुमति प्रवासी कामगारों को मकान में ठहराने पर मामला दर्ज  किया गया है। जानकारी के अनुसार बंत राम गांव बेली खोल मानपुरा नालागढ़ पर मामला दर्ज किया जिसने बिना अनुमति प्रवासी कामगारों को मकान में रखा हुआ था। पुलिस थाना बद्दी के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। जिला बद्दी पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी का कहना है कि बिना अनुमति आने वालों को नही बख्शा जाएगा। 


कामगरों का किया जा रहा डाटा एकत्रित


कालाअंब औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों में काम कर रहे लोगों का डाटा एकत्रित किया जा रहा है। इसके लिए पुलिस व जिला प्रशासन इस कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि उद्योगों में कामगारों को अब काम करने की इजाजत तथा कामगारों को वापिस लाने के बाद इन लोगों की कागजी कार्रवाई की जा रही है। इतना ही नहीं इन लोगों के कोरोना टेस्ट भी किए जा रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। जिसके चलते प्रदेश सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। इसलिए इस तरह की कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है।          


रोटियों के लिए परोसना पड़ता है जिस्म

अनिल अनूप की खास रिपोर्ट







लखनऊ। प्रदेश के हैवान एक-एक करके सामने आ रहे हैं। कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद अपराधी एक-एक करके मुठभेड़ों में मारे जा रहे हैं। हत्यारे जगह-जगह छिपने की कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन समाज में जगह-जगह हैवान हैं।


कहते हैं गरीबी और लाचारी एक ऐसा अभिशाप है जो इंसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर देता है। पेट की भूख मिटाने को पढ़ने-लिखने की उम्र में लड़कियां मजदूरी कर रही हैं लेकिन इन सबके बीच हैवान उन्हें काम देने के बदले में उनके जिस्म से भी खेल रहे हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में सामने आया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां पहाड़ों पर पत्थर तोड़ने के लिए लगाए गए क्रैशर में काम करने वाली कम उम्र की लड़कियों के जिस्म के साथ ​घिनौना खेल खेला जा रहा है। यहां काम पाने के बदले उन्हें रोजाना अपना जिस्म ठेकेेदारों और उनके गुर्गों को सौंपना होता है। जब लड़कियां खदान में जाकर काम मांगती हैं तो वहां के लोग कहते हैं कि शरीर दो तभी काम मिलेगा। ये लड़कियां परिवार को पालने का बोझ अपने कंधों पर उठा रही हैं। मेहनताने के लिए उन्हें अपने तन का सौदा करना पड़ता है। कुछ बोलती हैं तो फिर पहाड़ से फैंकने की धमकियां मिलती हैं। लड़कियों की दास्तान सुनकर किसी को भी रोना आ जाएगा। पहले मुजफ्फरपुर, फिर देवरिया, फिर कानपुर के बाल संरक्षण गृह और अब चित्रकूट की खदानों में महापाप की हकीकत सामने आ चुकी है। हैरानी की बात तो यह है कि पुलिस और प्रशासन खबरिया चैनल की रिपोर्ट के बाद ही क्यों जागा? पुलिस आैर प्रशासन को क्या क्षेत्र में चल रहा है, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी?


अब प्रशासन की नींद उड़ चुकी है। आधी रात को प्रशासनिक अमले ने गांव में डेेरा डाल दिया। जिस प्रशासन को कभी दिन के उजाले में इन बेटियों का दर्द नहीं दिखा वो प्रशासन रात के अंधेरे में ही उनके गांव पहुंच गया। मामले की मैजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मीडिया ने एक बार फिर अपनी भूमिका निभा दी है। लड़कियों के यौन शोषण की घटनाओं के विभिन्न आयाम हैं जिसके कारण पीड़िताओं को शारीरिक और मानसिक रूप से आघात सहने पड़ते हैं। यौन शोषण कोई नई समस्या नहीं। ये समस्या 1970 और 1980 के दशक के बाद एक सार्वजनिक मुद्दा बन गई है। उस दौर में तो ऐसे मामलों में एफआईआर तक नहीं लिखी जाती थी। पीडि़ताओं को समाज में बदनामी का डर दिखा कर खामोश रहने के लिए मजबूर कर दिया जाता था। समाज में खामोश रहने की मानसिकता बुरे लोगों को प्रोत्साहित करने का काम करती रही। फिर यही लोग समाज की कमजोरियों का लाभ उठाते रहे। हैवान तो अपनी दबी यौन कुंठा एवं विकार से ग्रस्त होने के कारण एेसा करते हैं।


यूं तो देश में कई माफिया हैं-भूमाफिया, खनन माफिया, बिल्डर माफिया, शराब माफिया लेकिन खनन माफिया काफी दुर्दांत है। हरेक माफिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होता है। माफिया पनपता ही तब है जब उसे राजनीतिज्ञों का बरदहस्त प्राप्त होता है और अफसरों की पूरी सांठगांठ होती है। देश के खनन माफिया के हाथ बहुत लम्बे हो चुके हैं। इनके लिए कोई भी कुकर्म करना आसान होता है क्योंकि इनकी दबंगई के आगे कोई कुछ नहीं बोलता। चित्रकूट की लड़कियों ने कितनी पीड़ा सही होगी कि उन्होंने कैमरे के सामने अपना सारा दर्द बयान कर दिया। कई ऐसी भी होंगी जो सिसक-सिसक कर झोपड़ियों में दुबक कर रहने को मजबूर होंगी। निर्भया कांड के बाद हुई सामाजिक क्रांति ने सत्ता की चूलें हिला दी थीं। सामाजिक क्रांति के अगुआ रायसिना हिल्स पर राष्ट्रपति भवन के प्रवेश द्वार तक पहुंच गए थे। ऐसा आंदोलन चला कि सत्ता को यौन अपराधियों के लिए कानून को सख्त बनाना पड़ा। अब सवाल यह है कि गरीबों की बेटियों के लिए क्या देश में कोई सामाजिक आंदोलन होगा। दोषियों को दंडित करने के लिए चित्रकूट की धरती पर लोग सामने आएंगे क्योंकि खनन माफिया बहुत प्रभावशाली और ताकतवर है। अब परीक्षा पुलिस प्रशासन की है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य को अपराध मुक्त बनाने के लिए कड़े कदम उठा रही है। अब उसे अपराधियों के साथ समाज में हैवानों से भी निपटना होगा। देश की बेटियों के साथ ऐसी क्रूरता स्वस्थ लोकतंत्र में असहनीय है। दोषियों को सजा देनी ही होगी क्योंकि समाज में उनका रहना खतरनाक होगा। उनकी जगह जेल की सलाखों के भीतर ही है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि समाज की मानसिकता बदले तो कैसे बदले।







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