मंगलवार, 7 जुलाई 2020

यूजीसीः परीक्षाओं की गाइड लाइन जारी

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सोमवार देर रात विश्वविद्यालयों और कालेजों की परीक्षाओं को लेकर संशोधित गाइड लाइन जारी की है। जिसमें जुलाई में परीक्षाओं को कराने जैसी अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। साथ ही अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को अनिवार्य बताते हुए इन्हें सितंबर के अंत तक कराने की अनुमति दी है। जो ऑनलाइन और ऑफलाइन किसी भी माध्यम से कराई जा सकेंगी। यूजीसी ने इसके साथ ही विश्वविद्यालयों और कालेजों को यह भी छूट दे दी है, वह इन परीक्षाओं की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए 30 सितंबर तक कभी भी करा सकते हैं। हालांकि यूजीसी को इसकी जानकारी देनी होगी।


स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की छूट


यूजीसी ने इससे पहले 29 अप्रैल को जारी गाइडलाइन में सभी विवि और कालेजों से एक से पंद्रह जुलाई के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराने को कहा था। जबकि पहले और दूसरे वर्ष की परीक्षाएं कराने के लिए 15 से 30 जुलाई तक का समय तय किया था। इस बीच कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई राज्यों और विश्वविद्यालयों ने मौजूदा परिस्थितियों में परीक्षाएं कराने से हाथ खड़े कर दिए थे। जिसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूजीसी से परीक्षाओं को लेकर जारी गाइडलाइन की नए सिरे से समीक्षा करने के निर्देश दिए थे।


यूजीसी ने इसके बाद हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट के बाद यूजीसी बोर्ड ने यह फैसला लिया है।यूजीसी ने इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को निर्देश दिया है, कि यदि इसके बाद भी कोई छात्र अंतिम वर्ष की परीक्षाएं नहीं दे पाता है तो उचित कारण पाए जाने पर उसे बाद में परीक्षा का मौका दिया जाए।


संशोधित गाइडलाइन में यूजीसी का सबसे ज्यादा जोर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर है। जबकि पहले और दूसरे वर्ष के लिए यूजीसी ने पहले ही विश्वविद्यालयों से आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी बोर्ड की बैठक में इस दौरान नए शैक्षणिक सत्र और प्रवेश परीक्षाओं को लेकर बाद में अलग से गाइडलाइन जारी करने को लेकर सहमति बनी है। बाद में गृह मंत्रालय से अनुमति के बाद गाइडलाइन जारी कर दी गई। बता दें कि यूजीसी की संशोधित गाइडलाइन आने से पहले देश के कई राज्य और विश्वविद्यालय जुलाई में परीक्षाएं कराने की योजना को रद कर चुके हैं।


कौनसी कार पर मिल रही है कितनी छूट

नई दिल्ली। कोरोना काल में हुई मंदी के बाद सेल्स बढ़ाने के लिए कंपनियां कारों पर कई तरह के डिस्कांउट ऑफर कर रही हैं। जून की तरह जुलाई में भी Maruti Suzuki की अरीना डीलरशिप से बेची जानी वाली कारों पर 53 हजार रुपये तक का डिस्काउंट मिल रहा है। आइए जानते हैं कंपनी किन कारों पर कितने का फायदा दे रही है।


मारुति सुजुकी अपनी सस्ती कार ऑल्टो पर 35 हजार रुपये तक का डिस्काउंट दे रही है। कंपनी इसमें 18 हजार रुपये की नकद छूट, 15 हजार रुपये ऐक्सचेंज बोनस और दो हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट दे रही है। ये ऑफर ऑल्टो के पेट्रोल और सीएनजी, दोनों ही वर्जन पर मिल रहा है। मारुति सुजुकी ऑल्टो की कीमत 2.94 लाख से 4.36 लाख रुपये तक है।


मारुति सुजुकी माइक्रो-एसयूवी एस-प्रेसो पर 48 हजार रुपये तक के फायदे दे रही है। इस ऑफर में 25 हजार रुपये का कैश डिस्काउंट, 20 हजार रुपये ऐक्सचेंज बोनस और तीन हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट दिया जा रहा है। अगर प्राइस की बात करें तो मारुति एस-प्रेसो की प्राइस 3.70 लाख से 5.13 लाख रुपये तक है।


इस लिस्ट में मारुति ईको भी शामिल है। कंपनी इस कार पर जुलाई के महीने में 32 हजार रुपये तक का डिस्काउंट दे रही है। इसमें दस हजार रुपये कैश डिस्काउंट, 20 हजार रुपये ऐक्सचेंज बोनस के अलावा दो हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट ऑफर दिया जा रहा है। ईको के दाम 3.80 लाख रुपये से 4.95 लाख रुपये तक हैं।


मारुति सुजुकी की सेलेरियो पर ग्राहक 53 हजार रुपये तक के फायदे हासिल कर सकते हैं। इसमें 30 हजार रुपये कैश डिस्काउंट, 20 हजार रुपये ऐक्सचेंज बोनस और तीन हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट दिया जा रहा है। ये ऑफर सिलेरिया और सिलेरियो एक्स, दोनों पर मिल रहा है। इस कार की कीमत 4.41 लाख से 5.68 लाख रुपये तक है।


मारुति सुजुकी वैगनआर पर 32 हजार रुपये तक का फायदा मिल रहा है। इस ऑफर में 10 हजार रुपये की नकद छूट, 20 हजार ऐक्सचेंज बोनस के अलावा दो हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट दिया जा रहा है। इस कार की कीमत 4.45 लाख से 5.94 लाख रुपये तक है।


मारुति के इस डिस्काउंट ऑफर में स्विफ्ट पर 37 हजार रुपये तक के बेनिफिट्स मिल रहे हैं। इस ऑफर में 15 हजार रुपये का कैश डिस्काउंट, 20 हजार रुपये ऐक्सचेंज बोनस के साथ-साथ दो हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट मिल रहा है। मारुति सुजुकी स्विफ्ट के दाम 5.19 लाख से 8.02 लाख रुपये तक हैं।


जुलाई में खरीदने पर मारुति की एसयूवी पर 20 हजार रुपये तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है, ये छूट ऐक्सचेंज बोनस के रूप में दी जा रही है. इस कार की प्राइस 7.34 लाख से 11.15 लाख रुपये तक है।


नई मारुति सुजुकी डिजायर पर 37 हजार रुपये तक का फायदा मिल रहा है. ऑफर के तहत 10 हजार रुपये की नकद छूट, 25 हजार ऐक्सचेंज बोनस और दो हजार रुपये कॉर्पोरेट डिस्काउंट मिल रहा है. इस कार की कीमत 5.89 लाख से 8.80 लाख रुपये तक है. इसके अलावा ग्राहक डिजायर के पुराने मॉडल पर 52 हजार रुपये तक की छूट हासिल कर सकते हैं. इस मॉडल पर 25 हजार रुपये कैश डिस्काउंट मिल रहा है।


मारुति सुजुकी की कारों पर ये ऑफर शहर, डीलरशिप, कार के वेरियंट और कलर के आधार पर अलग-अलग दिए जा सकते हैं. कंपनी की इस स्कीम के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए मारुति की डीलरशिप से कॉन्टैक्ट करना होगा।


अमेरिका में संक्रमण 30 लाख 40 हजार

वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या मंगलवार सुबह तक बढ़कर 30 लाख 39 हजार पार हो गई। कुल 1 लाख 32 हजार 961 लोगों की मौत हो चुकी है।


हालांकि 13 लाख 10 हजार लोग ठीक भी हुए हैं, जो कुल संक्रमितों का 43 फीसदी है। 15 लाख 96 हजार लोगों का अस्पतालों में अभी इलाज चल रहा है, जो कुल संक्रमितों का 52 फीसदी है। अमेरिका में कुल 4.44 फीसदी कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 422,851 केस सामने आए हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 32,267 लोग मारे गए हैं। इसके बाद कैलिफॉर्निया में 277,433 कोरोना मरीजों में से 6,445 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा न्यू जर्सी, टेक्सस, मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस, फ्लोरिडा भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना महामारी को लेकर एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है। ट्रंप ने कहा है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र अमेरिका समेत पूरी दुनिया को भयानक नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया को ‘कोरोना महामारी’ देने की पूरी जवाबदेही चीन को उठानी ही होगी। इससे पहले भी ट्रंप कोरोना वायरस को लेकर चीन की कई बार आलोचना कर चुके हैं। रविवार को ही ट्रंप ने कहा था कि चीन से वायरस के हमले से पहले अमेरिका बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। लेकिन हम अब कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. ट्रंप ने कहा कि दुनिया को ‘कोरोना महामारी’ देने की पूरी जवाबदेही चीन को उठानी ही होगी।


चीन के खिलाफ उतरेगी अमेरिकी सेना

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस के एक बेहद सीनियर अधिकारी ने कहा कि, दुनिया में कहीं भी विवाद होने पर हम मजबूती से सही पक्ष के साथ खड़े रहेंगे। हम किसी भी देश को वो चीन ही क्यों ना हो, हम मनमानी नहीं करने देंगे। हम दुनिया की सबसे ताकतवर सेना हैं और हम चीन की गलत हरकतों का विरोध करने के साथ युद्ध की हालत में उसके खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ेंगे और उसे सबक सिखाएंगे।


गौरतलब है कि दक्षिणी चीन सागर में अपनी उपस्थिति और मजबूत करने के लिए ही अमेरिका ने वहां दो विमान वाहक पोत तैनात किए हैं। व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मेडोस ने कहा कि हमारा संदेश बिल्कुल साफ है। ऐसा बिल्कुल नहीं होगा कि सबसे ताकतवर सेना होने के बावजूद हम दूर खड़े होकर हालात को चीन या किसी के हाथ में जाने दें। चाहे वो जिस क्षेत्र में हो। इसलिए यह साफ होना चाहिए कि हमारी सेना सबसे ताकतवर है और रहेगी। हम अपने सहयोगियों की हिफाजत के लिए उनके पक्ष में युद्ध के मैदान में उतरेंगे।


सोने से बनाया पूरा होटल, सारा फर्नीचर

हनोई। आपने सोने को लेकर लोगों की दीवानगी तो खूब देखी होगी लेकिन आपसे अगर कोई कहे कि एक होटल ही सोने से बना है तो यकीन करना मुश्किल होगा।

इन दिनों एक ऐसा ही होटल वियतनाम की राजधानी हनोई में खुला है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इस होटल की खास बात ये है कि इसकी दीवारें गोल्ड प्लेटेड हैं और होटल की हर चीज पर सोने की परत चढ़ी है। इस होटल के दरवाजे, खिड़कियां, फर्नीचर, नल, वॉशरूम समेत सभी चीजें गोल्ड प्लेटेड हैं। खास बात ये है कि इस होटल में खाने के बर्तन भी सोने के बने हुए हैं। ये होटल खुलते ही लोगों की चर्चा का केंद्र बन गया।

वियतनाम की राजधानी हनोई में बने इस होटल का नाम डोल्से हनोई गोल्डन लेक है। पच्चीस मंजिला  इस फाइव स्टार होटल में पांच सौ के करीब कमरे हैं। इस होटल की दीवारों पर गोल्ड प्लेटेड टाइल्स लगी हुई हैं। होटल की एक एक चीज गोल्ड प्लेटेड है ताकि लोगों को हर तरफ सोना ही सोना नजर आए। खास बात ये है कि होटल के कर्मचारियों का ड्रेस कोड भी रेड और गोल्डन रखा गया है। होटल के वॉशरूम तक में टायलेट शीट, बाथटब, सिंक, शॉवर सभी गोल्ड प्लेटेड हैं। इस होटल में एक रात का किराया बीस हजार रूपये से शुरू होता है।

शहीद की पत्नी को दिया नियुक्ति-पत्र

समस्तीपुर। भारत-चीन सीमा के गलवन घाटी में चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद हुए मोहिउद्दीननगर के सुल्तानपुर निवासी अमन कुमार की पत्नी वीरांगना मीनू कुमारी को जिलाधिकारी ने नियुक्ति पत्र दिया। उसकी नियुक्ति समाहरणालय संवर्ग में की गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प के द्वारा निदेशक,सैनिक कल्याण निदेशालय के पत्र के आलोक में यह नियुक्ति सरकार के निर्देश पर की गई है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि शहीद जवानों के परिवार के एक सदस्य को बिहार सरकार नौकरी देगी। इसी के आलोक में नियुक्ति करते हुए सोमवार को नियुक्ति पत्र दिया गया। समाहरणालय स्थित अपने कार्यालय कक्ष में निम्न वर्गीय लिपिक के पद पर उसे नियुक्त करते हुए पत्र दिया गया। मीनू को अंचल कार्यालय मोहिउद्दीननगर में पदस्थापित किया गया है।


पत्र बांट कर सरकारी असफलता बताई

वाराणसी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पत्र को आज नैपुरा , नरोत्तमपुर , तारापुर टिकरी में पूर्व पार्षद वरुण सिंह , युवजनसभा पूर्व प्रदेश सचिव सत्यप्रकाश सोनकर सोनू , कैंट विधानसभा सचिव संजय यादव और नगर सचिव आलोक गुप्ता के नेतृत्व में बाँट कर सरकार की असफलताओं को बताने का कार्य किया । टिकरी गाँव मे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक संवाद का कार्यक्रम किया गया । उपस्थित लोगों को सरकार के असफलताओं को बताते हुए पूर्व पार्षद वरुण सिंह ने कहा आज भाजपा सरकार में अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है आये दिन हत्या , लूट , बलात्कार , छेड़खानी , मारपीट की घटनाएं घटित हो रही और पुलिस को केवल विपक्ष के दमन में लगाया गया है जिससे अपराध पर अंकुश नही लग पा रहा । युवजनसभा पूर्व प्रदेश सचिव सत्यप्रकाश सोनकर सोनू ने कहा युवाओं के हाथों में सरकार को रोजगार देने चाहिए तो सरकार उन्हें धार्मिक भावनाओं में उलझा दे रही है । कैंट विधानसभा सचिव संजय यादव ने कहा प्रदेश सरकार को पिछली सरकार के कल्याणकारी योजनाओं को फिर से चालू करना चाहिए । भेदभाव करने में यह सरकार किसी का भला नही कर पा रही है । नगर सचिव आलोक गुप्ता ने कहा व्यापारियों को जी यस टी को सरलीकरण करना चाहिए , किसानों को पैदावार बढ़ाने के लिए सिंचाई के संसाधन सहजता से उपलब्ध कराना चाहिए । माली समाज के अध्यक्ष जीवन माली ने कहा सावन का पवित्र महीना शुरू है और ज्यादातर मंदिर बन्द होने से हम माली समाज के सामने जीवन यापन का संकट उतपन्न हो गया है सरकार मदिरा को बढ़ावा दे रही और मंदिर पर अंकुश लगा रही जो समझ से परे है । युवा नेता वीरेन्द्र यादव ने कहा अखिलेश सरकार ने 300 किलोमीटर की सड़क 23 महीने में बनाकर प्रदेश को समर्पित कर दिया जबकि वर्तमान सरकार इस आंकड़े के आस पास भी नही दिखती । काशी वेलफेयर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष राकेश कुमार पॉल ने भी अखिलेश यादव सरकार के किए कार्य की सराहना करते हुई 2022 में बदलाव के लिए तैयार होने की अपील किया । आह्वान पत्र वितरण में प्रमुख रूप से वरुण सिंह , सत्यप्रकाश सोनकर सोनू , वीरेन्द्र यादव , संजय यादव , आलोक गुप्ता , जीवन माली ,राकेश कुमार पॉल , सतीश पाल , बाबू सोनकर , राजेश वर्मा गुड्डू , ब्यूटी सोनकर , विनय भट्ट मौजूद रहे।


एमपी के राज्यपाल की हालत बनी नाजुक

भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत नाजुक बनी हुई है। वे फिर से वेंटिलेटर आ गए हैं। लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डा. राकेश कपूर ने हेल्थ बुलेटिन जारी कर कहा है कि लालजी टंडन की हालत नाजुक है, लेकिन नियंत्रण में है। इधर, अन्य बड़े डाक्टरों की भी सलाह ली जा रही है। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन पिछले 11 जून से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती है। 13 जून को टंडन को वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था। बीच में दो दिन बाई-पैप मशीन पर भी रहे। इसके बाद फिर हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया।गौरतलब है कि टंडन की हालत पिछले 30 जून से नाजुक बनी हुई है। हालांकि डाक्टरों ने उनकी हालत को स्थिर बताया है।


आनंदीबेन ने दिलाई शपथ


इससे पहले मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत खराब होने के कारण मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए आनंदी बेन पटेल को मध्यप्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं। पिछले दो-तीन दिन मध्यप्रदेश में रहने के बाद वे शनिवार को ही लखनऊ रवाना हुई हैं।


11 जून को हुए थे भर्ती


राज्यपाल लालजी टंडन को 11 जून को तबीयत बिगड़ने पर लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 13 जून को पेट में रक्तस्राव होने के कारण उनका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद से वे लगातार क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। बीच-बीच में दो तीन बार डाक्टरों ने वेंटिलेटर हटाया था, लेकिन फिर से श्वास लेने में दिक्कतों के कारण दोबारा वेंटिलेटर पर रखा गया। 27 जून को उन्हें प्रेशर में ऑक्सीजन देने के लिए बाई-पैप मशीन पर रखा गया था। लेकिन, उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ।


मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने उनका हेल्थ बुलेटिन जारी कर बताया था कि राज्यपाल को कोमोर्बिटीज और न्यूरो मस्कुलर की समस्या है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में फिर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है।


बाई-पैप और वेंटिलेटर में अंतर


विशेषज्ञों के मुताबिक बाई-पैप और वेंटिलेटर दोनों मैके निकल वेंटिलेशन मशीनें हैं। मरीज यदि गंभीर हालत में है और बेहोशी में नहीं है। मगर, सांस लेने में असमर्थ है। कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पा रहा है तो बाई-पैप मशीन का सपोर्ट लगाया जाता है। इसमें मुंह-नाक पर मास्क लगाकर प्रेशर में ऑक्सीजन दी जाती है। वहीं, मरीज में बेहोशी आने लगे, शरीर में अम्लता बढ़े, कॉर्बन डाई ऑक्साइड और बढ़ने लगे तो मरीज अति गंभीर होने लगता है। ऐसी स्थिति में उसे वेंटिलेटर सपोर्ट ही देना पड़ता है। इसमें मरीज के गले के पास ट्रैकियोस्टमी की जाती है। उसमें इंडोट्रैकियल ट्यूब डाल दी जाती है। इसके जरिए सीधे ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है।


संक्रमित पत्रकार ने कर ली खुदकुशी


दैनिक भास्कर के पत्रकार ने एम्स से कूदकर दे दी जान




आकाश नागर


नई दिल्ली। गत 18 मई को जो पत्रकार कोरोना महामारी के साथ जीने का ढंग बता रहा था और अपने अखबार दैनिक भास्कर में काफी बड़ा आर्टिकल लिख रहा था। वह आज कोरोना महामारी के सामने हिम्मत हार गया। आखिर में वह दिल्ली स्थित एम्स की चौथी बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर लेता है। अभी कुछ दिन पहले की ही बात है जब वह पत्रकार दिल्ली सरकार का सच उजागर कर रहा था कि दिल्ली में कोरोना से जितनी मौत हो रही है, उन सभी मौतों का आंकड़ा सरकार पेश नहीं कर रही है।


बकायदा तथ्य और सबूत के साथ खबर पेश कर अपनी तटस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जाने जाने वाले दिल्ली के पत्रकार तरुण सिसोदिया में आखिर आत्महत्या जैसा आत्मघाती कदम क्यों उठाया, इसको लेकर हर कोई हतप्रभ है। हालांकि, कहा जा रहा है कि दैनिक भास्कर संस्थान ने उसे पूर्व में नौकरी से बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही वह तनाव में रहने लगा था। हालांकि उसके बाद फिर संस्थान ने उसे अपने आप नौकरी पर रखा। लेकिन अपनी नौकरी जाने का भय उसको अंत समय तक सताए रहा। एक तो नौकरी जाने का अंदेशा और दूसरा कोरोना से पीड़ित होना पत्रकार की मौत का कारण बताया जा रहा है।


दैनिक भास्कर के प्रमुख संवाददाता तरुण सिसोदिया ( 37 ) दिल्ली के भजनपुरा में रहते थे। अभी 4 साल पूर्व भी उनकी शादी हुई थी। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर की सामाजिक सरोकारों की पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे। गत 27 मई को तरुण सिसोदिया को एम्स में एडमिट कराया गया था।


बताया जा रहा है कि तरुण को कोरोना महामारी की कवरेज करने के काम पर लगाया गया था। जहां पर उसको बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया। इसके बाद वह एम्स में अपना इलाज करा रहा था आज दोपहर 2 बजे एम्स की चौथी मंजिल से उसने अचानक खिड़की से कूदकर अपनी जान दे दी। बताया जा रहा है कि तरुण सिसोदिया को कोरोना बीमारी के पहले एक बीमारी ने भी अपनी चपेट में लिया हुआ था।


तरुण सिसोदिया के बारे में बता दें कि उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को लेकर ही रिपोर्टिंग की थी। उनकी अंतिम खबर 10 जून की है। जिसमे उन्होंने ख़बर में बताया था कि दिल्ली सरकार कह रही है कि अब तक 982 मौत कोरोना से हुई है, जबकि 1500 से ज्यादा डेडबॉडी का अंतिम संस्कार श्मशान और कब्रिस्तानों में हो चुका है। उन्होंने प्राइवेट अस्पतालों के खिलाफ भी सोशल मीडिया में कुछ ट्वीट्स का समर्थन किया था। कहा जा रहा है कि तरुण दोहरे डिप्रेशन में आ गए थे। उन्हें कोरोना तो हुआ ही, साथ ही दैनिक भास्कर से छंटनी की आशंका सता रही थी। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर प्रबंधन तेजी से अपने कर्मियों की नौकरियों से निकाल रहा है।


बताया जा रहा है कि तरुण सिसोदिया का भी नंबर आने वाला था। इसी आशंका ने उसे बेहद कमजोर कर दिया। वह इन पूरे हालात से बेहद घबरा गए और तनाव व डिप्रेशन की हद पार कर गए। तरुण को हालांकि नौकरी से अभी निकाला नहीं गया था। लेकिन उसे लग रहा था कि शायद निकाल देंगे। इसी टेंशन में शायद उसने सुसाइड के लिए छत से कूदने जैसा कदम उठाया है।साथी पत्रकारों का कहना है कि ‘दैनिक भास्कर’ ने 2 महीने पहले उनका इस्तीफा ले लिया था । लेकिन बाद में उनकी नौकरी बच गई थी। दैनिक भास्कर’ के पत्रकार तरुण सिसोदिया के साथियों की मानें तो वह काफी मिलनसार व्यक्ति थे और सबसे हँस-बोल कर मिला करते थे। इससे पहले वह ‘संडे टाइम्स’ में कार्यकर्त थे। ‘दैनिक भास्कर’ में उन्हें सामान्यतः एमसीडी और एजुकेशन से जुड़ी बीट कवर करनी होती थी। फिलहाल वह दैनिक भास्कर में कोरोना महामारी के की खबरे भी लिख रहे थे। साथ ही वह अपने सोशल मीडिया हैंडल पर भी खबरें पोस्ट करते रहते थे।



नंदी के पेट से निकाली 150 किलो पॉलिथीन

रोहतक। बहादुरगढ़ के विवेकानन्द नगर में एक नंदी की हालत खराब होने की सूचना पर गोधन सेवा समिति की एम्बुलेंस से नंदी को सांखोल गोउपचार केंद्र लाया गया। पशु चिकित्सकों की टीम ने देखा कि नंदी के मुंह से लगातार पानी व लार बह रहा है। उन्होंने देखा कि नंदी के पेट का सारा दबाव उसकी छाती पर आ रहा है और उसको सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है. इसके बाद नंदी का ऑपरेशन किया गया।


ऑपेरशन में नंदी के पेट से 150 किलो पॉलीथिन


इसके पश्चात पशु चिकित्सक डॉ. राहुल भारद्वाज (वीएस) ने टीम के वीएलडीए रविन्द्र कुमार, रमेश, कृष्ण और ओम प्रकाश के सहयोग से नंदी का ऑपरेशन शुरू किया। करीब पांच घंटे चले इस सफल ऑपेरशन में नंदी के पेट से 150 किलो पॉलीथिन, लोहे की स्क्रैप व सिक्के निकले. इस तरह नंदी की जान बचा ली गई। पशु चिकित्सक डॉ. राहुल भारद्वाज ने बताया कि अगर नंदी को समय पर गोधन सेवा समिति के उपचार केंद्र में नहीं लाया जाता तो कुछ समय पश्चात यह नंदी सड़क पर ही दम तोड़ देता।


गोवंश की आंतों में फस जाती है पॉलीथिन


पशु चिकित्सक डॉ. राहुल भारद्वाज ने बताया कि पॉलीथिन तो गोवंश की आंतों के लिए इस कदर जानलेवा है कि इन्हें तिल-तिलकर मारने जैसा काम करती है। पॉलीथिन गोवंश की आंतों में फंस जाती है। इससे इनका समूचा पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है। इनके द्वारा खाया जाने वाला चारा पच नहीं पाता। शरीर में पॉलीथिन की संख्या बढ़ने के साथ-साथ इनका पेट फूलता रहता है, जो अंत में इन गोवंश की असमय मौत का कारण बनता है।


डॉक्टरों ने लोगों से की यह अपील


डॉक्टर ने बताया कि लोगों द्वारा खाने की चीजों को पॉलीथिन में बांधकर सड़कों पर फेंक दिया जाता है। बेसहारा भूखा गोवंश पॉलीथिन समेत इन खाने की चीजों को खा जाते हैं। इस प्रकार धीरे-धीरे इन गोवंशों के पेट में यह पॉलीथिन बढ़ती जाती है और अंत में इनकी मौत का कारण बन जाती है। हम भी लोगों से अपील करते है कि वे खाने की चीजों को पॉलीथिन में बांधकर ना फेंके। पॉलीथिन के प्रयोग को अपने जीवन में पूरी तरह बंद कर दें। इसके अलावा बेसहारा गोवंश के लिए हम सभी को हरे चारे की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि भूखे बेसहारा गोवंश कूड़ा-कर्कट ब पॉलीथिन खाने को विवश ना हो।


सोने-चांदी की मांग के साथ भाव गिरा

कविता गर्ग


नई दिल्ली। एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने-चांदी की कीमतों के बारे में जानकारी दे दी है। आज दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के दाम में 42 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, आज चांदी के भाव में 1,217 रुपये प्रति किलोग्राम की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज दोनों ही कीमती धातुओं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है।


सोने की नई कीमतें सोमवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोने के भाव में 42 रुपये प्रति 10 ग्राम की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद यहां सोने का नया भाव 48,964 रुपये हो गया है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, इसके पहले 10 ग्राम सोने का भाव 49,006 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।चांदी की नई कीमतें चांदी की बात करें तो आज ​इसकी कीमतों में 1,217 रुपये प्रति किलोग्राम की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इसके बाद चांदी का नया भाव लुढ़ककर 49,060 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गया है। इसके पहले कारोबारी दिन चांदी का भाव 50,277 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर बंद हुआ था।


अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो यहां दोनों कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज सोने का भाव 1,776 डॉलर प्रति आउंस रहा जबकि चांदी का भाव 18.10 डॉलर प्रति आउंस रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियन एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल ने बताया कि अमेरिका समेत दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से सोने के भाव को सपोर्ट मिलेगा।


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करने का मौका


बता दें कि आज सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड  के 2020-21 सीरीज के चौथे चरण के स​ब्सक्रिप्शन भी खुल चुका है। ऐसे में अगर आप भी इसमें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आपके पास 10 जुलाई तक का मौका है। इस बार इश्यू प्राइस 4,852 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। साथ ही, ऑनलाइन आवेदन करने और पेमेंट करने वाले इन्वेस्टर्स के लिए हर ग्राम के सोने पर 50 रुपये की छूट भी मिलेगी। ऑनलाइन इन्वेस्टर्स के लिए इश्यू प्राइस 4,802 रुपये प्रति ग्राम होगा।


सुशांत की आत्महत्या में आया नया मोड़

मुंबई। सोशल मीडिया में ये मैसेज बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान (Disha Salian) बॉलीवुड एक्टर सूरज पंचोली के बच्चे की मां बनने वाली थी, इसलिए उन्होंने 14 मंजिला इमारत से कूदकर अपनी जान दे दी। इस पर दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान (Disha Salian) के परिवार ने सोशल मीडिया पर दिवंगत मैनेजर (दिशा) के बारे में लगाए जा रहे कयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान जारी किया है।


बयान में कहा गया है, “जो कोई भी यह पढ़ रहा है, आप शायद हमें और दिशा को व्यक्तिगत रूप से जानते होंगे या नहीं जानते होंगे, लेकिन हम सभी में एक चीज समान है। हम सभी इंसान हैं और महसूस करने की क्षमता रखते हैं। इस प्रकार हम आशा करते हैं कि आप सभी हमारे दर्द को समझते हैं।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-211, (वर्ष-11) पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254 2. रविवार, मई 19, 2024 3. शक-1945, बैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी,...