बुधवार, 24 जून 2020

1 जुलाई से बदल जाएंगे बैंकिंग रूल्स

नई दिल्ली। 1 जुलाई से कई बैंकिंग रूल्स बदलने वाले हैं। जिनके बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है। 1 जुलाई से एटीएम से कैश निकालने का नियम बदलने जा रहे हैं।  तो वहीं Loan Moretorium, बचत खाते में Minimum Balance की सीमा हटाने जैसे चीजें शामिल हैं। अब 30 जून के बाद से बैंक ये सभी रूल्स बदलने वाले हैं। ऐसे में यह जान लेना आपके लिए जरूरी है की क्या-क्या चीजें बदल रही है क्योंकि एक छोटी सी गलती अपको भारी पड़ सकती है।


PNB घटा रहा है सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने बचत खाते (सेविंग अकाउंट) पर मिलने वाली ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती की है। 1 जुलाई से बैंक के बचत खाते पर अधिकतम 3.25 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा। पीएनबी के बचत खाते में 50 लाख रुपए तक के बैलेंस पर 3 फीसदी सालाना और 50 लाख से ज्यादा के बैलेंस पर 3.25 फीसदी सालाना की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज मिलेगा। इससे पहले देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी बचत कहते पर मिलने वाले ब्याज में कटौती की थी।


1 जुलाई से बदल जाएगा ATM से कैश निकालने का नियम
लॉकडाउन और कोरोना के कारण 1 जुलाई से एटीएम से कैश निकालने के नियम में बदला होने जा रहे हैं, जो आपकी जेब पर बोझ बढ़ाएंगे। एटीएम कैश विड्रॉल 1 जुलाई से आपके लिए महंगा होने जा रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने एटीएम से कैश विड्रॉल करने के लिए सभी ट्रांजैक्शन चार्जेस हटा लिए थे। सरकार ने तीन महीनों के लिए एटीएम ट्रांजैक्शन फीस हाटकर लोगों को कोरोना संकट के बीच बड़ी राहत दी थी। ये छूट सिर्फ तीन महीनों के लिए दी गई थी, जो कि 30 जून 2020 को खत्म होने वाली है।


औसत न्यूनतम बैलेंस रखने की मियाद खत्म
कोरोना काल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि किसी भी बैंक में बचत खाते Saving Account में औसत न्यूनतम बैलेंस (Average Minimum Balance) की अनिवार्यता नहीं होगी। यह आदेश अप्रेल से जून महीने तक के लिए था। ऐसे में खाते में मिनिमम बैलेंस ना होने पर भी लोगों को किसी तरह का जुर्माना नहीं चुकाना था। लेकिन अब 30 जून को इस फैसले की मियाद खत्म होने वाली है और इसका सीधा असर आप पर होने वाला है।


संक्रमित विधायक की मौत, खेद व्यक्त

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस पार्टी के विधायक तमोनाश घोष की बुधवार को मौत हो गई है। वो मई महीने के आखिर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनकी उम्र 60 साल थी। उनका कोविड-19 का इलाज चल रहा था। उनकी बुधवार को अस्पताल में ही मौत हो गई। वो पार्टी में पिछले 35 सालों से थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके निधन पर शोक जताया है।


ममता ने एक ट्वीट कर लिखा, ‘बहुत दुखद, फल्टा से तीन बार विधायक रहे और 1998 पार्टी के ट्रेजरी रहे तमोनाश घोष नहीं रहे। वो हमारे साथ 35 सालों से थे। वो पार्टी और लोगों के प्रति समर्पित रहे। अपने सामाजिक कार्य से उन्होंने बहुत योगदान दिया। ममता ने एक दूसरे ट्वीट में उनके परिवार को संवेदना व्यक्त करके हुए लिखा, ‘उनके जाने से कभी न भर सकने वाली क्षति हुई है। मैं हम सबकी तरफ से उनकी पत्नी झरना, उनकी दो बेटियों और उनके शुभचिंतकों के सामने संवेदना प्रकट करती हूं।’


अब पाएं अंडरआर्म्स से छुटकारा

अक्सर हम अपने चेहरे की सुंदरता पर तो बहुत ध्यान देते हैं और इनकी देखभाल के लिए तमाम उपाय अपनाते हैं। मगर इस बीच हमारे अंडरआर्म्स ऐसे ही रह जाते हैं। डार्क अंडरआर्म्स की याद तब ही आती है जब हमें स्लीवलेस कपड़े पहनने होते हैं। दरअसल, हम जो कॉस्मेटिक्स इस्तेमाल करते हैं उनमें मौजूद केमिकल्स आदि की वजह से भी अंडरआर्म्स की स्किन काली पडऩे लगती हैं और बेजान सी हो जाती है। ऐसे में अन्य अंगों की तरह इनकी भी देखभाल किए जाने की जरूरत है। कुछ घरेलू उपाय अपना कर डार्क अंडरआर्म्स की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। हम आपको बताते हैं डार्क अंडरआर्म्स से छुटकारा पाने के कुछ घरेलू उपाय।


नींबू एक एंटीऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ नेचुरल ब्लीच का काम भी करता है, वहीं शहद स्किन को हाइड्रेट करके उसे मुलायम बनाता है। अंडरआर्म्स को साफ करने के लिए नींबू के छिलके लें. इन छिलकों पर कुछ बूंदें शहद की डालें। इसके बाद इसे डार्कअंडरआर्म्स की स्किन पर रगड़ें। कुछ देर बाद इसे साफ कर दें। लगातार कई सप्ताह तक यह तरीका अपनाने से अंडरआर्म्स की डार्क स्किन साफ होने लगेगी।


इसके अलावा बेसन और गुलाब जल के पैक में थोड़ा सा दही मिला कर भी पेस्ट तैयार किया जा सकता है। इसको भी अंडरआर्म्स की स्किन को साफ करने के काम में लिया जा सकता है। इसे कुछ देर स्किन पर लगा रहने दें और इसके सूख जाने पर हल्के हाथ से धीरे-धीरे इसे रगड़ कर साफ कर लें और सादी पानी से धो लें। सप्ताह में कम से कम चार दिन इस तरीके को अपनाएं और इससे अपनी स्किन को साफ करें. कुछ ही समय में फर्क नजर आने लगेगा।


ब्रिगेडियर सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया

चंडीगढ़। बेहतर प्रशिक्षण और कौशल से लैस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को और मजबूत करने के लिए पंजाब सरकार ने तीन साल के लिए उप महानिरीक्षक की रैंक पर ब्रिगेडियर गौतम गांगुली (सेवानिवृत्त) को सुरक्षा सलाहकार (प्रशिक्षण और संचालन) नियुक्त किया है।


गांगुली ने सशस्त्र बलों में 33 से अधिक वर्षो तक सेवा दी, जिसमें 2015-19 से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के साथ प्रतिनियुक्ति पर चार साल और आतंकवाद रोधी अभियानों का बतौर कमांडर संचालन किया। वह पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर और गुजरात में कई ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट में भी शामिल रहे, जिसमें ऑपरेशन धांगू (पठानकोट आईएएफ बेस पर हमला) भी शामिल था। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि उनकी ऑपरेशंस में विशेषज्ञता से स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप, आतंकवाद रोधी बल के संचालन और प्रशिक्षण को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि गांगुली के बंधक स्थितियों को संभालने के अलावा ऑपरेशंस और रेड्स की अगुवाई करने की उम्मीद है।


दंपत्ति ने खाया ज़हर, पत्नी की मौत

लखीमपुर। लखीमपुर जिले में एक नव-विवाहित दंपती ने अपनी शादी के 15 दिन बाद ही मीट पकाने को लेकर हुए झगड़े के बाद जहर खा लिया। मंगलवार को इलाज के दौरान पत्नी की मौत हो गई, वहीं पति की हालत गंभीर बनी हुई है।घटना सोमवार को इसानगर इलाके में हुई। यहां रहने वाले 22 साल के गुरु दयाल की 12 जून को 19 साल की रेशमा से शादी हुई थी। शाकाहारी रेशमा ने अपने पति के किचन में मीट बनाने पर आपत्ति जताई लेकिन पति के न मानने पर झगड़ा बढ़ गया। बाद में रात में दोनों ने कुछ जहरीला पदार्थ खा लिया।


इसानगर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस अधिकारी सुनील सिंह ने बताया, “दंपति ने रसोई में नॉनवेज पकाने को लेकर हुए झगड़े के बाद आत्महत्या का प्रयास किया। पत्नी की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई और पति की हालत गंभीर है। अभी तक हम बयान दर्ज नहीं कर पाए हैं। मामले में कोई प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गई है।” उसी जिले में ऐसी ही एक घटना में 26 साल के व्यक्ति ने पत्नी से विवाद के बाद आत्महत्या कर ली। बरेली जिले के रहने वाले अवधेश अवस्थी रविवार को अपनी पत्नी अंशु के साथ लखीमपुर के देवरिया गांव में अपने ससुराल आए थे। सोमवार की रात पत्नी से झगड़े के बाद अवधेश ने जहर खा लिया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। अवधेश के परिवार ने अभी तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।


यूपी में मिलेंगा 1 करोड़ लोगों को रोजगार

लखनऊ। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर एक दिन में एक करोड़ से ज्यादा रोजगार देने का रिकार्ड बनाने जा रहे हैं। 26 जून को इसे लेकर एक बड़ा आयोजन रखा गया है। जिसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑनलाइन मौजूद रह कर योगी की हौसला अफजाई करेंगे। एक साथ एक करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार देने वाला उप्र पहला और इकलौता राज्य होगा।


मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार योगी खुद इस योजना की हर रोज समीक्षा कर रहे हैं। टीम -11 की की बैठक में भी उन्होंने इस मेगा शो को लेकर गहन समीक्षा की। प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से इस कार्यक्रम को लेकर स्वीकृति मिल चुकी है। लॉकडाउन के बाद से पीएम मोदी पहली बार किसी राज्य से जुड़े ऐसे किसी आयोजन में शिरकत करेंगे।


दरअसल मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में प्रवासी कामगारों की आमद के साथ ही हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार की तैयारी कर ली थी। राज्य सरकार इसी सूत्र वाक्य के साथ आगे बढ़ी। यही वजह है कि राज्य में प्रवासी कामगारों के आने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने सभी की स्किल मैपिंग कराने के निर्देश जारी किए थे। श्रमिकों को सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रखने के दौरान उनके भोजन और स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की। साथ ही क्वारटींन सेंटर में ही उनके स्किल मैपिंग का भी इंतजाम किया गया। आज उप्र सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगार का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है। योगी सरकार इन कामगारों को एमएसएमई, एक्सप्रेस वे, हाइवे, यूपीडा, मनरेगा आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ भी चुकी है। अब ये आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंचने वाला है। यही वजह कि योगी सरकार अब एक करोड़ रोजगार के इस आंकड़े को एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करना चाहती है।


मुख्यमंत्री लगातार यह कहते रहे हैं कि दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले श्रमिक कामगार हमारी पूंजी है। हम इनको इनके हुनर के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार देंगे। इसीलिए जो भी श्रमिक घर आए हैं स्किल मैपिंग के जरिए उनकी दक्षता का पूरा ब्यौरा एकत्र किया गया। विभिन्न विभागों से यह पूछा गया कि वह अपने यहां किस दक्षता के कितने लोगों को रोजगार दे सकते हैं? हर एमएसएमई इकाई से कहा गया कि वह अपने यहां कम से कम एक अतिरिक्त रोजगार का अवसर सृजित करें। क्षमता बढ़ाने और खुद को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के पांच मई को 57 हजार से अधिक इकाईयों को ऑनलाइन लोन दिया गया। 26 जून के कार्यक्रम में भी एमएसएमई को लोन दिया जाए।


मंत्रिमंडल का जल्दी विस्तार होगाः चौहान

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य के मंत्रिमंडल का जल्दी ही विस्तार हो जाएगा। इसके लिए राज्य में संगठन से उनकी चर्चा हो गई है और जल्दी ही दिल्ली भी जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार जल्दी होगा। इसके लिए उनकी प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा व महामंत्री सुहास भगत के साथ बैठक हुई, इसका मुख्य विषय था मंत्रिमंडल का विस्तार, शीघ्र ही मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। मंत्रिमंडल विस्तार के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हुई, दिल्ली में चर्चा होना है और उसके बाद मंत्रिमंडल का जल्दी विस्तार कर लिया जाएगा।


ज्ञात हो कि राज्य में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने और उनके साथ तत्कालीन 22 विधायकों द्वारा सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के चलते कांग्रेस की कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी और 15 माह बाद फिर भाजपा की सरकार बनी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी, उसके लगभग एक माह बाद पांच मंत्रियों को शपथ दिलाई गई, उसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा चल रही है।


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