सोमवार, 22 जून 2020

बॉर्डर पर चीनी एयरफोर्स की हरकत


लद्दाख बॉर्डर के पास चीनी एयरफोर्स की हरकत, फारवर्ड एयरबेसेज पर एयरक्राफ्ट तैनात


नई दिल्ली। लद्दाख में भारत-चीन बॉर्डर के पास चीनी एयरफोर्स की मूवमेंट में तेजी दिखी है। इसी के बाद, भारतीय वायुसेना (IAF) ने अपने फारवर्ड बेसेज पर एयरक्राफ्ट्स को मूव कराया है।



IAF चीफ एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने इस बात की जानकारी दी। वह एयरफोर्स एकैडमी, दुन्दिगल की कम्‍बाइंड ग्रैजुएशन डे परेड में हिस्‍सा लेने आए थे। उन्‍होंने कहा कि IAF को चीन के एयरबेसेज और LAC के पास उनके एयरक्राफ्ट्स (PLA Air Force Activity) की तैनाती की जानकारी है। सिंह ने कहा, “गर्मी के दिनों में नॉर्मल अभ्‍यास चलता रहता है। लेकिन इस वक्‍त, हमने सामान्‍य से ज्‍यादा विमानों की तैनाती देखी है। हमने जरूरी कदम उठाए हैं।”


चीन से जंग नहीं मगर इमर्जेंसी के लिए तैयार

IAF चीफ से जब पूछा गया कि भारत और चीन में जंग होगी या नहीं तो उन्‍होंने कहा, “नहीं, हम चीन के साथ युद्ध नहीं लड़ रहे। लेकिन हम किसी भी चुनौती का सामना करने को तैयार हैं। LAC पर हालात को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने की सारी कोशिशें हो रही हैं।” गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प जिसमें कर्नल समेत भारत के 20 जवान मारे गए, पर IAF चीफ ने कहा कि ‘गलवान में हमारे बहादुरों के बलिदान को हम व्‍यर्थ नहीं जाने देंगे।’


सेना को सब खबर है, पैट्रोलिंग बढ़ी

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ‘भरोसा रखिए, हमारी आर्म्‍ड फोर्सेज हालात संभालने में सक्षम हैं।’ हालांकि उन्‍होंने यह साफ नहीं किया कि क्‍या चीनी सेना ने LAC पार की है। भदौरिया ने कहा, “भारतीय सेना पर विश्‍वास रखिए। हमें पता चला है कि क्‍या हुआ है। हम प्रतिद्वंदी को कोई संदेश नहीं देना चाहते क्‍योंकि उसे हमारी क्षमता का अंदाजा है।” उन्‍होंने कहा कि लद्दाख में पैट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।


सीधे यूनिट्स के साथ जुड़ेंगे नए ऑफिसर्स

परेड के दौरान, 123 ऑफिसर्स को राष्‍ट्रपति ने कमिशन दिया। इंडियन नेवी और कोस्‍ट गार्ड के 11 ऑफिसर्स के अलावा वियतनाम एयर फोर्स के दो अधिकारी भी पास आउट हुए। नए ऑफिसर्स से मुखातिब होकर IAF चीफ ने कहा‍ क‍ि वे सीधे अपनी यूनिट्स जाएंगे, कोई ब्रेक नहीं मिलेगा। उन्‍होंने कहा, “हमारे इलाके के सुरक्षा हालात के चलते हमारी आर्म्‍ड फोर्सेज को हर वक्‍त तैयार और सतर्क रहना होगा।”


तनाव सुझाने को भारत की यही डिमांड

भारत साफ कर चुका है कि चीन LAC पर उन जगहों से अपने कदम वापस खींचे जिसे लेकर दोनों देशों के मत अलग-अलग हैं। भारत अप्रैल से पहले वाली स्थिति चाहता है। बता दें कि पैंगोंग लेक में भी चीन ने तगड़ी घुसपैठ की है। झील के उत्‍तरी किनारे पर फिंगर 4 से 8 के बीच चीनियों ने डिफेंस स्‍ट्रक्‍चर्स और बंकर तक तैयार कर लिए हैं।



चीन का माइंडगेम, सीमा पर बाहुबली


 चीन का माइंडगेम, लद्दाख सीमा पर तैनात किया बाहुबली तोप


नई दिल्ली। लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच चीन के सरकारी मीडिया ग्‍लोबल टाइम्‍स ने भारत के खिलाफ मनोवैज्ञानिक जंग छेड़ दी है। पहाड़ों के ऊपर युद्दाभ्‍यास और टैंक के वीडियो जारी करने के बाद अ‍ब ग्‍लोबल टाइम्‍स ने अत्‍याधुनिक तोपों की ‘धमकी’ दी है। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया कि चीन की सेना PLA ने भारत के साथ तनाव (India China Face Off) को देखते हुए अपनी सबसे आधुनिक तोप PCL-181 को लद्दाख सीमा पर तैनात किया गया है।



भारत से तनाव के बीच शामिल की तोप

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया कि इस तोप को हाल ही में सेना में शामिल किया गया है। चीनी अखबार ने कहा कि पीएलए की 75वीं ग्रुप आर्मी के तहत आने वाली ब्रिगेड ने हाल ही में दक्षिणी सीमा पर आयोजित समारोह में कई नए हथियारों को शामिल किया है। अखबार ने कहा कि वीकल पर चलने वाली यह तोप 155 एमएम की है और इसे पहली बार 1 अक्‍टूबर 2019 को नैशनल डे पर सेना की परेड में शामिल किया गया था।


‘वजन में हल्‍की, पहाड़ों पर कारगर’

चीनी अखबार ने कहा कि इस तोप का वजन केवल 25 टन है। इससे यह स्‍वचालित होवित्‍जर तोप बेहद आसानी से लंबे समय के लिए ले जाई जा सकती है। इससे पहले इस तरह की तोपों का वजन 40 टन होता था। कम वजन के कारण के यह तो ऊंचाई वाले इलाकों में बढ़त दिला सकती है जहां पर ऑक्‍सीजन की मात्रा कम होती है। कम ऑक्‍सीजन होने की वजह से इंजन की क्षमता प्रभावित होती है।


डोकलाम में भी तैनात की थी यह तोप

ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया कि चीन की सेना ने वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान भी PCL-181 को तैनात किया था। इससे सीमा पर शांति की स्‍थापना में आसानी हुई। अखबार ने कहा कि भारत और चीन के बीच ताजा विवाद शुरू हो गया है।


चीनी व‍िदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को कहा कि दोनों पक्षों ने आपसी सहमति के बाद तनाव कम करने के लिए कदम उठाए हैं। ग्‍लोबल टाइम्‍स ने कहा कि PCL-181 तोपों की तैनाती शनिवार को भारत-चीन के बीच सकारात्‍मक बातचीत से पहले की गई थी।


हुबेई प्रांत में चीनी सेना ने उतारे टैंक-तोप

चाइना सेंट्रल टेलीविजन ने कहा कि हुबेई प्रांत इस साल के शुरुआत में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित था लेकिन अब यहां संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में आ गया है। इसलिए सैनिकों को यहां युद्धाभ्यास के लिए उतारा गया है।चीनी थलसेना के रविवार को किए गए युद्धाभ्यास में सैकड़ों बख्तरबंद वाहन, टैंक, तोप और मिसाइल ब्रिगेड को एक स्थान से दूसरे स्थान पर तैनात किया गया। चीनी सेना ने 1 जून को भी तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाके में आधी रात के घने अंधेरे में युद्धाभ्यास किया था। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की तिब्बत मिलिट्री कमांड ने सोमवार देर रात 4,700 मीटर की ऊंचाई पर सेना भेजी और कठिन हालात में अपनी क्षमता का परीक्षण किया था।



भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव


अमेरिका की रिपोर्ट में दावा, भारत में धर्म-जाति के नाम पर अल्पसंख्यकों के साथ होता है भेदभाव


 नई दिल्ली। अमेरिका की एक रिपोर्ट में (US Report on India) कहा गया है कि भारत में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव होता है और उन पर हमले किए जाते हैं। इन कथित हमलों को लेकर इस रिपोर्ट में चिंता व्यक्त की गई है। रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों (US Report on India) ने संविधान के अनुसार अल्पसंख्यकों को सुरक्षा दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया है। भारत इससे पहले अमेरिका की धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट को यह कहकर खारिज कर चुका है कि एक विदेशी सरकार को देश के लोगों के संवैधानिक अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।



अधिकारियों ने सालभर किया अनुभव

अमेरिका की कांग्रेस में समर्थन प्राप्त ‘2019 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट’ को विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने रिलीज किया। इसमें दुनियाभर में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की घटनाओं का उल्लेख किया गया है। इस रिपोर्ट के भारत सेक्शन में कहा गया है कि अमेरिकी सरकार के अधिकारियों ने धार्मिक स्वतंत्रता के सम्मान की अहमियत और सहिष्णुता के प्रसार और सम्मान को सालभर देखा। सरकारी अधिकारियों, मीडिया, धार्मिक सौहार्द संगठनों और NGOs से बातचीत की।


अल्पसंख्यकों को संवैधानिक सुरक्षा देने की जरूरत

अमेरिकी अधिकारियों ने देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों की वास्तविक चिंताओं को समझने, सांप्रदायिक विचारों की निंदा और अल्पसंख्यकों को संवैधानिक सुरक्षा दिए जाने की जरूरत समझी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल अक्टूबर में अमेरिकी अधिकारी ने सीनियर सरकारी अधाकिरयों से मीटिंग में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव को लेकर चिंता जताई थी। रिपोर्ट में पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने की घटना और दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) बनाए जाने का जिक्र भी किया गया है।


‘हिंदू बहुसंख्यक पार्टियों ने की बयानबाजी’

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय जनता पार्टी समेत हिंदू बहुसंख्यक पार्टियों के कुछ अधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर या सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अल्पसंख्यकों के खिलाफ बयान दिए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, ‘प्रशासन ‘गोरक्षा के नाम पर की गई हत्याओं, भीड़ की हिंसा और डराने-धमकाने वाले लोगों सजा देने में अकसर विफल हो जाते हैं। कुछ NGO के मुताबिक प्रशासन ने कई बार इन लोगों को सजा से बचाया है और पीड़ित के खिलाफ केस लगाए हैं।’



नेपाल ने कई गांवों को बताया अपना


उत्तराखंड के जिन गांवों को नेपाल बता रहा है अपना, उसने देश को दिए कई IAS, IPS


 नई दिल्ली। नेपाल के नए नक्शे (Nepal new map) को लेकर घमासान जारी है। नेपाल ने अपने नए नक्शे में उत्तराखंड के लिपुलेख (Lipulekh), कालापानी (Kalapani) और लिंपियाधुरा (Limpiyadhura) इलाके को अपना हिस्सा बताया है। नक्शे के अनुसार, उत्तराखंड के तीन गांव, गंजी, कुती और नबी वहां के आंतरिक हिस्से हैं।




उत्तराखंड के लिए ये गांव बेहद खास हैं, यहां ब्यूरोक्रेट्स की खेप है। इन तीन गांव में कुल आबादी 3,000 के करीब है, जिसमें आधा दर्जन आईपीएस और आईएसएस अधिकारी और इसके अलावा पीपीएस और पीसीएस अधिकारी हैं।


यूपी में तैनात है आईपीएस अधिकारी हेमंत कतियाल

इनमें 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी संजय गुंजयाल भी हैं जो वर्तमान में आईजी कुंभ मेला हैं। इसके अलावा आईएएस अधिकारी विनोद गुंजयाल बिहार में तैनात हैं और 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी हेमंत कतियाल उत्तर प्रदेश में तैनात हैं, वह भी इसी क्षेत्र से आते हैं।


आईपीएस विमला गुंजयाल भी हैं इसी गांव से

इनके अलावा इस इलाके से दूसरे अधिकारी भी हैं। विमला गुंजयाल 2004 बैच की राज्य पुलिस सर्विस अधिकारी हैं जिन्हें हाल ही में आईपीएस रैंक में प्रमोशन मिला है और उत्तराखंड पुलिस में डीआईजी हैं। विमला की तरह दूसरे एसपीएस अधिकारी धीरेंद्र सिंह गुंजयाल भी इसी इलाके से आते हैं। उन्हें भी 2016 में आईपीएस में प्रमोशन मिला है।


चमोली के डीएम रह चुके हैं अजय सिंह नाबियाल

इसी इलाके से पीसीएस अधिकारी अजय सिंह नाबियाल भी आते हैं जिन्हें आईएएस अधिकारी के रूप में प्रमोशन मिला और चमोली जिले के डीएम के साथ-साथ वह मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के वीसी और कुमाऊं रेंज के कमिश्नर भी रह चुके हैं। वे भी नबी गांव से हैं।


कैलाश मानसरोवर यात्रा में पड़ने वाला आखिरी गांव गुंजी

इस इलाके के महत्व के बारे में बात करते हुए संजय गुंजयाल ने बताया, ‘गुंजी एक मशहूर गांव है और तिब्बत के लोग कई साल से यहां की मंडी में सामान खरीदने आते हैं। गुंजी कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान पड़ने वाला आखिरी गांव है और यहां के लोग पूरी तरह से देश को समर्पित हैं। गुंजी में ही एसएसबी और आईटीबीपी के कंपनी हेडक्वॉर्टर हैं और यहां एक सैन्य ठिकाना भी है।’


‘नेपाल कर रहा है गुमराह’

पिथौरागढ़ के गरभ्यांग गांव से आने वाले रिटायर्ड आईएएस अधिकारी डीएस गबरियाल बताते हैं, ‘पूरी बेल्ट में कई गांव हैं जैसे नपलचू, गरभ्यांग, नबी, कुती और गुंजी जिन्होंने देश को कई आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी दिए। यह बेल्ट हाई एजुकेशनल स्टैंडर्ड के लिए जानी जाती है।’ वह कहते हैं, ‘पिछले 30-40 सालों में कभी किसी तरह का सीमा विवाद नहीं हुआ। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गुमराह करने जैसा है कि नेपाल इन तीनों गावों को अपना इलाका बता रहा है।’



लंगर चलाने वाले सिक्ख-संत को नोटिस


लंगर चलाने वाले सिक्ख डी एस बिंद्रा और संत युवराज को दिल्ली में दंगा भड़काने का नोटिस




-वर्तमान सरकार, व्यवस्था, देश की दिशा और दशा रसातल की ओर जा रही है : बिंद्रा


-हिंद आर्मी न्याय और सच के लिए करेगी संघर्ष : युवराज 


नई दिल्ली। “देश में लंगर लगाना, लोगों की सहायता करना और सच का साथ देना, जब अपराध की श्रेणी में रखकर नोटिस भेजा जाने लगे तो समझ लेना चाहिए कि लोकतंत्र लगभग समाप्ति की श्रेणी में है इसके बावजूद न मैं  डरने वाला हूं और न मैं झुकने वाला हूं। और अब मैदान में उतर कर संघर्ष करूंगा। जिस चाय से देश में शुरुआत हुई थी उसी को अब चाय की पत्ती बांटकर और लोगों को चाय पिला कर  हिंद आर्मी के हाथों समाप्त करूंगा।” उक्त विचार प्रस्तुत करते हुए डी एस बिंद्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि वर्तमान सरकार और व्यवस्था, देश की दिशा और दशा डगमगाते हुए  रसातल की ओर जा रही है। संत युवराज जिन्होंने शाहीन बाग में यज्ञ हवन किया उन्होंने प्रेस वार्ता में बताया कि उनको भी दंगे के आरोप का नोटिस भेजा गया है।

डी एस बिंद्रा ने पत्रकारों को अपने खिलाफ दंगा भड़काने के नोटिस को दिखाते हुए बताया कि लगभग आधा दर्जन से ज्यादा धाराओं को लगा कर उन्हें नोटिस भेजा गया है। और आरोप लगाया गया है कि लंगर लगाकर भीड़ जुटाई और दंगे के लिए उकसाया गया। जबकि चांद बाग से उनका कोई लेना देना नहीं था। लंगर छका ने का भला कोई वास्ता हो सकता है। इन सारी हरकतों से मैं डरने- झुकने वाला नहीं हूं। चाहे मुझ पर कितनी ही धाराएं और एफआईआर दर्ज हो जाएं। जनसेवा और लंगर लगाने का काम करता रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।

 

संत युवराज ने पत्रकारों को बताया कि उनको भी दंगा भड़काने के आरोप का नोटिस भेजा गया है जबकि उन्होंने शाहीन बाग में हवन किया था। देश की सत्ता और वर्तमान व्यवस्था पर अनेक आरोप जड़ते हुए युवराज ने कहा कि वह लोगों और देश के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। वर्तमान सत्ता कुछ नहीं है, धोखा दे रही है, हर एक व्यक्ति को परेशान कर रही है, सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है। लेकिन अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उन्होंने कहा हम हिंद आर्मी के तहत संघर्ष करके देश की न्यायपालिका कार्यपालिका और भ्रष्ट व्यवस्था को स्वच्छ और ठीक करेंगे। वर्तमान सरकार के अत्याचारों की सजा जनता ही नहीं पूरा देश भुगत रहा है जिसके चलते आज कई देश भारत पर हमलावर होकर उसे घेर रहे हैं। युवराज ने आरएसएस के लोगों को जेल में डालने की मांग की। आज की प्रेस वार्ता में डी एस बिंद्रा और संत युवराज ने संयुक्त रूप से वर्तमान सरकार, मोदी की व्यवस्था की तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि अब देश में दलित, मुसलमान, पिछड़े और सच्चे देशभक्तों को एक हो जाना चाहिए एवं सच और न्याय के लिए मैदान में उतर आना चाहिए। इसी के लिए हिंद आर्मी अब मैदान में आ चुकी है।


एंटीबॉडी से बना ली कोरोना की दवा


अमेरिकी कंपनी ने ठीक हो चुके मरीज के एंटीबॉडी से बना ली कोरोना की दवा, इंसानों पर ट्रायल शुरू


नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्‍छी खबर है। अमेरिका की एली लिली कंपनी (Eli Lilly and Company) ने घोषणा की कि उसने कोविड-19 से ठीक हो चुके एक मरीज के खून के नमूने से दवा (Covid 19 Medicine) बनाई है।




इस दवा अब इंसानों पर परीक्षण शुरू हो गया है। अमेरिकी दवा कंपनी ने कहा कि कोरोना मरीज को दुनिया की पहली एंटीबॉडी से तैयार दवा का डोज दिया गया है। इस दवा (Covid 19 Medicine) को ‘LY-CoV555’नाम दिया गया है। इसे लिली और अब सेल्‍लेरा बायोलॉजी कंपनी ने मिलकर तैयार किया है। इससे पहले मार्च महीने में लिली कंपनी सेल्‍लेरा के साथ एंटीबॉडी से कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए दवा तैयार करने का करार किया था। कंपनी ने अपने बयान में कहा कि पहले चरण के अध्‍ययन में दवा की सेफ्टी और उसे हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के सहन करने की क्षमता का पता लगाया जाएगा। कंपनी ने कहा कि अगर ट्रायल सफल रहा तो जल्‍द ही बाजार में उतार दिया जाएगा। कंपनी ने कोरोना से ठीक हो चुके मरीज से ब्‍लड सेंपल लेने के मात्र तीन महीने के अंदर इस दवा को तैयार किया है। LY-CoV555 पहली ऐसी दवा है जिसे कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए डिजाइन किया गया है। इस दवा के जरिए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन की संरचना को निष्क्रिय किया जा सकता है।


LY-CoV555 दवा से कोरोना वायरस शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाएगा और ना ही नुकसान पहुंचा पाएगा। कंपनी ने बताया कि अमेरिका में कोरोना वायरस से ठीक हुए पहले मरीज के खून के नमूने से एंटीबॉडी ली गई थी। मरीज को फेफड़ों से जुड़ी तकलीफ थी। उसी के आधार पर एंटीबॉडी से दवा को तैयार किया गया है। कंपनी को उम्मीद है कि इस दवा के जरिए कोरोना से बीमार लोगों का प्रभावी इलाज हो सकेगा। इस दौरान अध्ययन में पता चला है कि दवा से कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन और उसकी सतह पर बुरा असर पड़ता है। बता दें कि कोरोना वायरस से अब तक दुनिया में 3,88,256 लोग मारे गए हैं और 65,86,149 लोग संक्रमित हैं।



जाँच किट भ्रष्टाचार मे मंत्री हुआ अरेस्ट

जिम्बाब्वे।  जिम्बाब्वे में कोरोना वायरस टेस्ट किट की खरीदारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया। स्वास्थ्य मंत्री ओबादिआह मोयो पर आरोप है कि उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट किट और अन्य उपकरणों के लिए 456 करोड़ रुपये की डील में घोटाला किया। हालांकि, शुक्रवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद शनिवार को एक अदालत ने स्वास्थ्य मंत्री ओबादिआह को जमानत दे दी। जांचकर्ताओं ने स्वास्थ्य मंत्री को जमानत दिए जाने का विरोध नहीं किया। हालांकि, दोषी साबित होने पर उन्हें 15 साल की जेल की सजा हो सकती है।


जिम्बाब्वे के स्वास्थ्य मंत्री ओबादिआह पर अपने पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप है। रॉयटर्स के मुताबिक, ओबादिआह पर कंपनियों के साथ की गई डील में भ्रष्टाचार का आरोप है। प्रॉसिक्यूटर्स का कहना है कि अवैध रूप से इन कंपनियों के साथ करार किया गया। बाद में जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति ने संबंधित कंपनियों के साथ करार रद्द कर दिया था। पिछले हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात की कंपनी Drax International के एक स्थानीय प्रतिनिधि को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, कंपनी ने भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है। जिम्बाब्वे में अब तक कोरोना के 480 से अधिक मामले सामने आए हैं। वहीं, पड़ोसी देश साउथ अफ्रीका में कोरोना के 97 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।


योग बनेगा पाठ्यक्रम का हिस्साः निशंक

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने योग को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्‍सा बनाने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए आनलाइन योग क्विज प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इसका आयोजन राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद-एनसीईआरटी द्वारा किया जा रहा है और यह देशभर के छठी से 12वीं तक की कक्षाओं के सभी विद्यार्थियों के लिए खुली है।


इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने कहा कि प्रतियोगिता का उद्देश्य बच्चों में योग के बारे में जागरूकता पैदा करना और उन्‍हें योगाभ्यास के बारे में प्रामाणिक स्रोतों से विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता से बच्चों में अच्छी आदतों और स्वस्थ जीवनशैली के विकास में मदद मिलेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि प्रतियोगिता में दिव्यांग विद्यार्थियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनकी विशेष आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है। प्रतियोगिता में प्रश्न बहु-विकल्प वाले प्रश्‍न पूछे जाएंगे जो हिंदी तथा अंग्रेजी में होंगे। प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने वाले एक सौ बच्चों को प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। आनलाइन प्रतियोगिता आज से एक महीने के लिए खुली रहेगी और बीस जुलाई को सम्पन्न होगी।


चीन के खिलाफ राष्ट्र हो एकजुटः सिंह

नई दिल्‍ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार से चीन को जवाब देने की अपील की है। लद्दाख सीमा विवाद में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि कि जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना चाहिए।


पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा, ’15-16 जून को गलवान वैली में भारत के 20 साहसी जवानों ने सर्वोच्च कुर्बानी दी। देश के इन सपूतों ने अंतिम सांस तक देश की रक्षा की। इस सर्वोच्च त्याग के लिए हम इन साहसी सैनिकों व उनके परिवारों के कृतज्ञ हैं, लेकिन उनका यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।’


सेना को छूट-इमरजेंसी फंड और सख्त विदेश नीति, गलवान के बाद भारत ने उठाए ये कदम


पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि आज हम इतिहास के नाजुक मोड़ पर खड़े हैं। हमारी सरकार के निर्णय और सरकार के कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें। जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दातित्व है। हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व प्रधानमंत्री का है।’ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि, ‘प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं समारिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए। चीन ने अप्रैल से लेकर आजतक गलवान घाटी और पैंगॉन्ग त्सो लेक में अनेकों बार जबरन घुसपैठ की है।’


गलवान विवाद: चीन से निपटने को सेना को खुली छूट, लेकिन शांति के लिए जारी रहेगी बातचीत


घुसपैठ पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि हम न तो उनकी धमकियों व दबाव के सामने झुकेंगे और न ही अपनी भूभागीय अखंडता से कोई समझौता स्वीकार करेंगे। प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षड्यंत्रकारी रूख को बल नहीं देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थित को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है और संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है। हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति और मजबूत नेतृ्त्व का विकल्प नहीं हो सकता। पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता।


सीमा पर नेपाली सैनिक तैनात, लगाए कैंप


भारत से सटी सीमा पर नेपाल ने तैनात की सेना, चीनी टेंटों की मदद से बनाए होल्डिंग कैंप


नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच नेपाल ने भारत से सटी सीमा पर सेना तैनात करते हुए होल्डिंग कैंप बना दिए हैं। हालांकि नेपाल का कहना है कि यह होल्डिंग कैंप नेपालियों की स्वास्थ्य जांच के लिए बनाए गए हैं। इन कैंपों में प्रवासी मजदूरों को रखा जाएगा। नेपाली ने कपिलवस्तु जिले के कृष्णानगर (बढ़नी) व मर्यादपुर (खुनुवा) सीमा पर प्रवासी मजदूरों के लिए होल्डिंग कैंप बनाए है। यह कैंप कृष्णानगर नगर पालिका के सेमरा स्थित उद्योग वाणिज्य संघ, यशोधरा गांव पालिका, मर्यादपुर (खुनुवा) के सुठौली स्थित पशुपति शिक्षा मन्दिर में बनाया गया है।



कैंपों में सैनिक तैनात


कृष्णानगर (बढ़नी) सीमा पर नेपाली सेना के मेजर के नेतृत्व में 50 तथा मर्यादपुर (खुनुवा) सीमा पर 20 सैनिकों की तैनाती की गई है। नो मेंस लैंड व नेपाल प्रवेश के मुख्य गेट पर सेना हेल्थ डेस्क बनाकर भारत से नेपाल जाने वाले नेपालियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर होल्डिंग कैंप में ठहरा रही है। इसके साथ ही भारत से जाने वाले लोगों का यात्रा विवरण सहित उनका नाम-पता लिखवाया जाएगा।


चीनी टेंट से बनाया होल्डिंग कैंप


नेपाली सेना ने कृष्णानगर व मर्यादपुर सीमा पर प्रवासी मजदूरों को रोकने के नाम पर जो होल्डिंग कैम्प बनाया है, वह चीनी टेंट से बना है। उस पर चीनी भाषा लिखी हुई है। इसे लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों में संशय का माहौल बना हुआ है। सीमा पर सेना परिचालन व होल्डिंग कैम्प बनाने की पहल को लोग भारत-नेपाल के बीच उठे सीमा विवाद के रूप में देख रहे हैं। कृष्णानगर नगरपालिका के मेयर रजत प्रताप शाह कहते हैं कि सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए यह निर्णय देर में लिया है। एक माह से रोजाना हजारों की संख्या में नेपाली वापस आ रहे थे। इसकी जरूरत तब थी। फिलहाल दर्जनों नेपालियों को होल्डिंग कैंप में रखा गया है। इनके खाने-पीने की व्यवस्था नगरपालिका की ओर से की जा रही हैं। दीर्घ नारायण पौडेल, सीडीओ, कपिलवस्तु का कहना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बॉर्डर पर आर्मी परिचालित की गई है, जो स्थिति को संभालने, कम्युनिटी संक्रमण से बचने, होल्डिंग सेंटर में कार्य करेगी।



राजकीय संरक्षण गृह में 7 बालिका गर्भवती

कानपुर। उत्तरप्रदेश में कानपुर जिले के स्वरूप नगर क्षेत्र में स्थित राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) की 56 संवासिनी और एक सुरक्षाकर्मी में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। यहां मिली संवासिनियों में 7 गर्भवती हैं जिनमें 5 कोरोना पॉजिटिव हैं।


 इस घटना को लेकर देर रात बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में मंडलायुक्त डॉ. सुधीर एम. बोबड़े की मौजूदगी में जिलाधिकारी ब्रह्मदेवराम तिवारी ने बताया कि राजकीय बाल संरक्षण गृह (बालिका) में कुल 57 कोविड संक्रमित पाए गए। इनमें गर्भवती 7 संवासिनियों में 2 की रिपोर्ट निगेटिव आई है जबकि 5 कोरोना से ग्रसित हैं। पांचों संक्रमित आगरा, एटा, कन्नौज फिरोजाबाद एवं कानपुर के बाल कल्याण समिति से संदर्भित करने के पश्चात यहां रह रही थीं। ये पांचों प्रवेश के समय से ही गर्भवती थीं।


नाबालिग बेटी से दुष्कर्म, आरोपी अरेस्ट

नाबालिग बेटी से दुष्कर्म की खबर से सदमे में गई पिता की जान, आरोपी गिरफ्तार

 

कोरबा। कटघोरा पुलिस ने नाबालिग के साथ सिलसिलेवार तरीके से दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने के आरोप में एक विवाहित युवक को गिरफ्तार किया है। पीड़ित नाबालिग के मुताबिक आरोपी उसे बहला फुसलाकर अक्सर सुनसान खेतों की ओर ले जाया करता था और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम देता था। आरोपी ने कई बार घर पर भी सूनेपन का फायदा उठाकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. नाबालिग के साथ हुए इस अनाचार का खुलासा उस समय हुआ जब वह गर्भवती हो गई। फिलहाल पीड़िता कोरबा के बाल कल्याण समिति की अभिरक्षा में है। चिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज जारी है। बयान व शिनाख्त के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

सदमे में पिता की भी मौतपीड़िता एक मजदूर परिवार से है।तीन भाई बहन व अपने पिता के साथ वह कटघोरा थाना क्षेत्र में निवास करती है। दो साल पहले उसकी मां का निधन हो चुका है। पिता व भाई रोजी मजदूरी करते है जबकि नाबालिग खुद घरों में झाड़ू-पोछा कर जीवन यापन कर रही थी. इस पूरे मामले का खुलासा करीब एक माह पहले उस समय हुआ, जब उसकी तबियत एकाएक बिगड़ने लगी. उसके पिता ने जब बेटी से कड़ाई से पूछताछ की तब मालूम हुआ कि वह पांच माह की गर्भवती है। महज 16 वर्षीय बेटी के गर्भवती होने की बात सुनकर पिता सदमें में आ गए और उनकी मौत हो गई।

बाल कल्याण समिति ने दिखाई  गंभीरता

इस पूरे मामले में कोरबा बाल कल्याण समिति की प्रमुख मधु पांडेय ने संवेदनशीलता दिखाते हुए थाना प्रभारी से चर्चा की और पीड़ित नाबालिग की तुरंत काउंसलिंग कराई गई. जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ और आरोपी का नाम भी उजागर हुआ। जिसके बाद आरोपी को उसके घर से दबोच लिया गया. कड़ाई से हुई पूछताछ के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेज दिया गया।

डॉक्टर्स की सलाह पर बच्ची पर फैसला

बाल कल्याण समिति की प्रमुख मधु पांडेय ने बताया है कि बच्ची का इलाज जारी है। चिकित्सकों की सलाह के बाद आगे फैसला लिया जाएगा। उनका मानना है कि उनकी पहली प्राथमिकता बच्ची को सुरक्षित रखना ही है। इसके लिए वह डॉक्टर्स से सतत सम्पर्क में है। चूंकि बच्ची के पेरेंट्स का निधन हो चुका है, लिहाजा वह आगे उनके देखरेख की समुचित व्यवस्था करेंगी।

सीबीएसई कर रहा भारी दबाव का सामाना

नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई मौजूदा समय में दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं रद्द करने को लेकर भारी दबाव का सामना कर रहा है। दरअसल, कुछ पेरेंट्स ने कोरोना वायरस के बढ़ते मालों को देखते हुए परीक्षाएं रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। जिसके बाद कोर्ट ने भी सीबीएसई से इस बारे में जवाब मांगा है। माना जा रहा है कि बोर्ड इन परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला ले सकता है।लेकिन बात सिर्फ इतनी ही नहीं है, बल्कि परीक्षाएं रद्द करने का असर इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाओं पर भी पड़ना तय है।


सीबीएसई बोर्ड एग्जाम रद्द हुए तो प्रवेश परीक्षाओं का टलना भी तय


दरअसल, सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) की स्थगित परीक्षाओं को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के बाद अब केंद्रीय शिक्षक पात्रता यानी सीटीईटी एग्जाम (CTET Exam), जेईई मेंस (JEE Mains) और नीट (NEET) पर भी गतिरोध बनता नजर आ रहा है। ये सभी परीक्षाएं जुलाई में ही कराई जानी है। ऐसे में अगर 1 से 15 जुलाई तक प्रस्तावित सीबीएसई बोर्ड की दसवीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द की जाती हैं तो इन प्रवेश परीक्षाओं का टलना भी लगभग तय हो जाएगा।


कोरोना वायरस का संक्रमण रोकना आसान नहीं होगाः देश के लाखों स्टूडेंट्स सीटीईटी, जेईई मेंस और नीट जैसी प्रवेश परीक्षाओं में हिस्सा लेते हैं.।देश के अलग-अलग हिस्सों में इन परीक्षाओं के केंद्र बनाए जाते हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों को कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने से रोकना कम बड़ी चुनौती नहीं है।ऐसे में जबकि जुलाई में जेईई मेंस के बाद 23 अगस्त को जेईई एडवांस एग्जाम भी प्रस्तावित हैं तो इसके आयोजन को लेकर भी संकट के बादल मंडराते दिख रहे हैं।


पेट्रोल-डीजल के मूल्य में 16वीं वृद्धि

ई दिल्ली।  पेट्रोल  और डीजल की कीमतों में सोमवार को एक बार बढ़ोतरी की गई है। ईंधन के दाम में यह लगातार 16वीं वृद्धि है। दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में आज 33 पैसे और डीजल के भाव में 58 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। जिसके बाद एक लीटर पेट्रोल के लिए आपको 79.56 रुपये और डीज़ल के लिए 78.85 रुपये चुकाने होंगे।


दिल्ली में पेट्रोल की कीमत रविवार को 79.23 रुपये प्रति लीटर थी। 33 पैसे की बढ़ोतरी के बाद आज की कीमत 79.56 रुपये प्रति लीटर हो गई है। वहीं, डीजल की कीमत रविवार को 78.27 रुपये थी। 58 पैसे की बढ़ोतरी के बाद आज की कीमत 78.85 रुपये प्रति लीटर हो गई है।


तेल की बढ़ती कीमतों पर विरोध जताते हुए कुछ दिनों पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को चिट्ठी लिखी थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने तेल की बढ़ी हुई कीमतों को वापस लेने की मांग की थी। उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट से जूझ रहे देश के लिए यह फैसला असंवेदनशील है। सोनिया गांधी ने लिखा कि सरकार लोगों को फायदा पहुंचाने का कोई काम नहीं कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, ‘मैं मार्च से शुरू हुए इस कठिन के समय के बीच सरकार ने पूरी तरह से एक असंवेदनशील निर्णय लेते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार को 2.6 लाख करोड़ रुपये कमाने के लिए पेट्रोल-डीजल की एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की किसी ने गलत सलाह दी है।’


रक्षा मंत्री रूस के लिए रवाना हुए


  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिन के दौरे पर रूस गए, वे मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में शामिल होंगे

  • रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत-चीन के बीच हुई हिंसा के 6 दिन बाद शुरू हो रही है


नई दिल्ली। भारत-चीन तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को तीन दिन के दौरे पर रूस रवाना हुए। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा को लेकर और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा होने की उम्मीद है। साथ ही भारत एस-400 ट्रायम्फ एंटी मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी में तेजी लाने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है। राजनाथ का यह दौरा चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प के 6 दिन बाद हो रहा है। 15 जून को हुई झड़प में गलवान घाटी में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। रवाना होने से पहले रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया- रूस की यात्रा के दौरान भारत-रूस के बीच रक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने को लेकर बातचीत होगी। मैं मॉस्को में 75वें विक्ट्री परेड डे में भी शामिल होऊंगा। राजनाथ सिंह के साथ रक्षा सचिव अजय कुमार भी गए हैं।


भारत-चीन सीमा पर तनाव, हिंसक-झड़प

लद्दाख। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद से तनाव बना हुआ है। भारत-चीन सीमा पर तनाव और हिंसक झड़प को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा था कि न वहां कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है, न ही हमारी कोई पोस्ट किसी दूसरे के कब्जे में है।


पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सवाल उठा रहे हैं। रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कहा- ना कोई देश में घुसा, ना ही हमारी जमीन पर किसी ने कब्जा किया।लेकिन सैटेलाइट फोटो साफ दिखाती हैं कि चीन ने पैंगोंग झील के पास भारत माता की पावन धरती पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने इस ट्वीट के साथ आजतक का वीडियो भी शेयर किया है।


भारत का 1962 से ज्यादा बुरा हाल होगा

लद्दाख। गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद भारत ने एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल (LAC) पर सख्ती बढ़ा दी, जिसके बाद चीन गीदड़भभकी पर उतर आया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने धमकी भरे लहजे में लिखा है कि भारत जानता है कि चीन के साथ जंग नहीं की जा सकती है, क्योंकि नई दिल्ली को पता है कि अब अगर युद्ध हुआ तो उसका हाल 1962 की लड़ाई से भी बुरा हाल होगा।


ग्लोबल टाइम्स ने एक चीनी विश्लेषक के हवाले से लिखा कि गलवान घाटी में सीमा संघर्ष के बाद भारत के भीतर चीन के खिलाफ राष्ट्रवाद और शत्रुता तेजी से बढ़ रही है। जबकि चीनी विश्लेषकों और भारत के अंदर भी कुछ लोगों ने चेतावनी दी थी कि नई दिल्ली को घर में राष्ट्रवाद को शांत करना चाहिए।


ग्लोबल टाइम्स में रविवार को प्रकाशित रिपोर्ट में एक चीनी विश्लेषक ने कहा कि अगर नए सिरे से फिर युद्ध होता है तो चीन के साथ 1962 के सीमा विवाद के बाद भारत और अधिक अपमानित होगा, यदि वह घर में चीन विरोधी भावना को नियंत्रित नहीं कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि उनकी सरकार ने सशस्त्र बलों को कोई भी आवश्यक एक्शन लेने की पूरी आज़ादी दी है। हालांकि पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हुए भी दिखाई दिए। बता दें कि एक हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जबकि गलवान घाटी में वास्तविक सीमा रेखा पर चीनी पक्ष के 70 से अधिक सैनिक घायल हो गए थे। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि लद्दाख में गलवान घाटी में झड़प पर पीएम मोदी ने कहा है, “किसी ने भी हमारी सीमा में घुसपैठ नहीं की है, न ही अब वहां कोई है, और न ही हमारे पोस्ट पर कब्जा किया गया है।”


चीनी पर्यवेक्षकों ने कहा कि मोदी राष्ट्रवादियों और कट्टरपंथियों से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह समझते हैं कि उनका देश चीन के साथ और संघर्ष नहीं कर सकता है। इसलिए वह तनाव को शांत करने का प्रयास कर रहे हैं। शंघाई स्थित फुडन विश्वविद्यालय के दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के प्रोफेसर लिन मिनवांग ने रविवार को ग्लोबल टाइम्स से कहा कि पीएम मोदी के बयान से सीमा पर तनाव को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी। क्योंकि पीएम के तौर पर उन्होंने चीन पर निशाना साधने वाले कट्टरपंथियों को दरकिनार कर दिया है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-315 (साल-01)
2. मंगलवार, जूूून 23, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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रविवार, 21 जून 2020

अभियानः 150 दिन, 102 आतंकी मारेंं


घाटी में सुरक्षाबलों का ‘स्वच्छता अभियान’, इस साल के 150 दिनों में मारे 102 आतंकी


नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की हर साजिश को नेस्तनाबूद करने की कोशिश में सेना (Indian Army) ने इस साल ऐंटी टे’रर ऑपरेशंस को अंजाम देते हुए 100 से अधिक आतंकियों को ढेर किया है।



बीते कई दिनों से कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ पुलिस के साथ जॉइंट ऑपरेशंस में जुटी सेना (Indian Army) ने इस साल के पहले 150 दिनों में कुल 102 आतं’कियों को मा’र गिराया है। अकेले इस महीने सेना ने 20 से अधिक आतं’कियों को अलग-अलग मुठभे’ड़ों में ढेर किया है। जम्मू-कश्मीर के शोपियां और पुलवामा जिलों में शुक्रवार को दो बड़े आ’तंक विरोधी ऑपरेशंस के खत्म होने के बाद अपनी मीडिया ब्रीफिंग में भारतीय सेना की 15 कोर को जीओसी बीएस राजू और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इन अभियानों की जानकारी दी है। कोर कमांडर बीएस राजू ने बताया कि इस साल सेना ने 150 दिनों में कुल 102 आतं’कियों का अंत किया है। इसके अलावा इस साल आतं’क का रास्ता चुनने वाले कुल 49 युवाओं में से 28 को मा’र गिराया गया है।


युवाओं को मुख्यधारा में लाने पर खास ध्यान

सेना ने कहा कि हम युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर उन्हें जरूरी मदद भी दी जाती है। लेकिन अगर कोई युवा आतं’क का रास्ता चुनकर बंदूक उठाता है और शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास करता है तो हमें उसे उसी तरीके से जवाब देना चाहिए, जैसे कि हम काम करते हैं। सेना ने कहा कि हम लोगों से अपील करते हैं कि वो युवाओं को आतं’क की धारा में जाने से रोकें और हम इसमें आवाम के साथ हैं।


कश्मीर में हालात सामान्य करने पर जोर

जीओसी ने कहा कि घाटी में आतं’कियों के खिलाफ चल रहे ऑपरेशंस के क्रम में तमाम आतं’कियों का अंत किया गया है। बीते कुछ महीनों में घाटी में शांति बहाली हुई है और हमारा प्रयास है कि आने वाले वक्त में हालात और सामान्य हो सकें।


दो ऑपरेशंस में 8 आतंकी ढेर

वहीं शुक्रवार को हुए ऑपरेशंस की जानकारी देते हुए सैन्य अधिकारी ने कहा कि पंपोर के जिस इलाके में आतं’कियों ने मस्जिद में शरण ली थी, वहां सेना ने बड़े प्रोफेशनल तरीके से ऑपरेशन को अंजाम दिया। आ’तंक विरोधी कार्रवाई में इस बात का भी ध्यान रखा गया कि किसी भी तरह मस्जिद को कोई नुकसान ना पहुंचने दिया जाए। जीओसी ने कहा कि दो अलग-अलग ऑपरेशंस में सेना ने कुल 8 आतं’कियों को मा’र गिराया है और सभी के पास से हथि’यार और अन्य सामान बरामद किए हैं।



वायरस के चलते कावड़ यात्रा स्थगित की

हरिओम उपाध्याय


लखनऊ/नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के खतरे को देखते हुए इस साल कांवड़ यात्रा का आयोजन नहीं होगा। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को इस बारे में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से चर्चा की। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस चर्चा में तीनों मुख्यमंत्री व्यापक जनहित को देखते हुए इस वर्ष कांवड़ यात्रा स्थगित रखने पर सहमत हुए हैं। तीनों प्रदेशों के धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों ने भी अपनी सरकारों को यात्रा स्थगित करने का प्रस्ताव दिया था दरअसल, हर साल श्रावण में होने वाली कांवड़ यात्रा में लाखों शिवभक्त शामिल होते हैं। सभी हरिद्वार से जल लेकर पैदल यात्रा करते हुए अपने यहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यात्रा के दौरान बड़े पैमाने पर सरकारी अमले को कानून-व्यवस्था, यातायात व अन्य इंतजामों में लगाना पड़ता है। कांवड़ियों की सबसे ज्यादा संख्या उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आती है। इसके चलते तीनों राज्यों ने इस बारे में चर्चा करने का फैसला किया था। बैठक के दौरान तीनों राज्यों के अधिकारियों ने कांवड़ियों की भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग को असंभव बताते हुए संक्रमण फैलने की आशंका जताई थी।


तीन और राज्यों से भी होगी वार्ता
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यात्रा में पंजाब, राजस्थान और दिल्ली आने वाले श्रद्धालुओं के चलते वहां के मुख्यमंत्रियों से भी जल्द ही वार्ता करने का निर्णय लिया है। इन राज्यों को भी कोविड-19 के चलते यात्रा संचालन में आने वाली दिक्कतें बताई जाएंगी। साथ ही इस बार यात्रा संचालित नहीं करने की स्थितियों की जानकारी भी दी जाएगी।


धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों, शांति समितियों से संवाद करेेंगे अधिकारी


मुख्यमंत्रियों से वार्ता के बाद सीएम योगी ने अपर पुलिस महानिदेशक जोन और मंडलायुक्तों से संवाद किया। उन्होंनें अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों और शांति समितियों से संवाद करने का निर्देश दिया। उनसे वार्ता के बाद उनकी अपील जनता तक पहुंचाया जाए और प्रचारित-प्रसारित कराया जाए। उन्होंने कहा, स्थानीय शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पांच या उससे कम संख्या में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सावधानी के लिए व्यवस्था हो। कहीं भी पांच से अधिक लोग एकत्रित न होने पाएं। ‘2 गज की दूरी, मास्क जरूरी’ का पालन हर हो।


बकरीद पर पांच से अधिक लोग न हों जमा : योगी


सीएम योगी ने निर्देश दिया कि एक अगस्त को मनाए जाने वाले ईद-उल-अजहा (बकरीद) के दौरान भी भीड़भाड़ न हो। सभी जिलों में धर्मगुरुओं से संवाद कर यह सुनिश्चित किया जाए कि बकरीद पर्व पर किसी भी धार्मिक स्थल पर पांच से अधिक लोग एकत्र न हों। संक्रमण को देखते हुए समस्त पर्वों के दौरान सभी समुदायों के लोगों को जागरूक किया जाए। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक एचसी अवस्थी उपस्थित थे।


सभी तनावो से मुक्ति दिलाता है योग


डिप्रेशन से मुक्ति दिलाता है योग




बृज बिहारी दुबे


समस्त सृष्टि और संस्कार में योग समाहित है। योग विकारों से मुक्ति का मार्ग है। योग हमारा आध्यात्मिक और वैज्ञानिक ज्ञान है। योग की सार्थकता को दुनिया के कई धर्मों ने स्वीकार किया है। योग सिर्फ व्यायाम का नाम नहीं है बल्कि मन, मस्तिष्क, शारीरिक और विकारों को नियंत्रित करने का माध्यम भी है। जब समाज अच्छा होगा तो देश की प्रगति में हमारा अहम योगदान होगा। 21 जून यानी की आज विश्व योग दिवस है। पहली बार यह 2015 को मनाया गया। यह भारत के प्रयास से ही सफल हो सका है। पूरी दुनिया आज योग और प्राणायाम की तरफ बढ़ रही है। योग भारत के लिए आने वाले दिनों में बड़ा बाजार साबित हो सकता है। विश्व के लगभग 200 से अधिक देश भारत की इस गौरवशाली वैदिक परंपरा का अनुसरण कर रहे हैं। योग को अब वैश्विक मान्यता मिल गई है। कोरोना संक्रमण काल में भी योग हमारे लिए संजीवनी साबित हो रहा है। हम योग को अपना कर इस महामारी में भी अपने स्वस्थ रख सकते हैं।
भगवान कृष्ण ने गीता में स्वयं कहा है कि ‘योगः कर्मसु कौशलम‘ यानी हमारे कर्मों में सर्वश्रेष्ठ योग है। योग यज्ञ है और यज्ञ कर्म है। योग जीवात्मा और परमेश्वर के मिलन का साधन मात्र ही नहीं बल्कि ईश साधना का भी साध्य भी है। योगेश्वर भगवान कृष्ण ने योग को सर्वोपरि बताया है। उन्होंने कहा है कि ‘योगस्थः कुरु कर्माणि‘ इसका तात्पर्य है कि योग में स्थिर होकर ही सद्चित कर्म संभव है। गीता का छठवां अध्याय योग को समर्पित है।
भारत में योग की परंपरा 5000 हजार साल पुरानी है। 11 दिसम्बर 2014 को इसका प्रस्ताव दिया था। अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के 177 देशों ने भारत के पक्ष में वोट किया था, जिसके बाद भारत दुनिया का विश्वगुरु बन गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 90 दिनों के भीतर पीएम मोदी के प्रस्ताव को मंजूर किया। हम योग के 21 आसनों को अपनाकर अपनी जिंदगी को सुखी, शांत और निरोगी बनाकर खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब हम तन और मन से स्वस्थ रहेंगे तो राष्ट्र निर्माण और उसके विकास में अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
योगगुरु बाबा रामदेव योग को वैश्विक मान्यता मिलने पर इसे भारत की जीत बताया था। दुनिया योग को अपने जीवन की दिनचर्या बना लिया है। योग संपूर्ण जीवन और चिकित्सा पद्धिति बन गया है। दुनिया में शांति युद्ध से नहीं योग से आएगी। भारत के साथ दुनिया में 20 करोड़ से अधिक लोग योग साधना का लाभ उठा रहे हैं। आधुनिक युग की व्यस्त दिनचर्या में योग हमारे लिए अमृत है। अपनी जिंदगी को खुशहाल और डिप्रेशन मुक्त बनाने के लिए योग हमें खुला आकाश देता है। हम धर्म, जाति, भाषा, संप्रदाय के साथ बंधकर स्वयं के साथ देश का अहित करेंगे।
योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। योगशास्त्र का इतिहास गौरवशाली उपलब्धि से अटा पड़ा है। हमारे यहां लययोग, राजयोग का भी वर्णन है। चित्त की निरुद्ध अवस्था लययोग में आती है। राजयोग सभी योगों से श्रेष्ठ बताया गया है। महर्षि पतंजलि की योग परंपरा भारत में अधिक संमृद्धशाली है। योगगुरु बाबा रामदेव आज पतंजलि योग व्यवस्था के संवाहक बने है। दुनिया भर में योग की महत्व स्थापित करने में पतंजलि योग संस्थान ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
योग और आयुर्वेद को उन्होंने वैश्विक स्वीकारोक्ति बना दिया है। पतंजलि योग साधना के आठ आयाम हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्रणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है। योग का संबंध सिंधु घाटी सभ्यता से भी है। प्राचीन काल की कई मूर्तियां योग मुद्रा में स्थापित हैं।
भगवान शिव को योग मुद्रा में देखा जा सकता है। बुद्ध की मूर्तियां भी योग साधना में स्थापित हैं। बौद्ध और जैनधर्म में भी योग की महत्ता पर काफी कुछ है। बौद्ध और धर्म के अलावा ईसाई और इस्लाम में सूफी संगीत परंपरा में भी योग की बात आई हैं। भारत की योग व्यस्था को पटल पर लाने में योग गुरु बाबा रामदेव और बीकेएस अंयगर के योगदान को नहीं भूलाया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से संयुक्तराष्ट्र संघ ने भी योग के महत्व को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री मोदी योग को लेकर स्वयं बेहद जागरूक है। वह योग करते हुए अपने कई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करते रहते हैं। फिट इंडिया, हिट इंडिया उनका मूलमंत्र है। इसके साथ वह लोगों से अपील करते हैं कि आप योग के जरिए अपने मन, मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखें, जिससे आपका सहयोग देश के विकास में अच्छे तरीके से हो।
विज्ञान और विकास के बढ़ते कदम तनाव की जिंदगी दे रहा है। जिंदगी की गति अधिक तेज हो चली है। लोगों के जीने का नजरिया बदल रहा है। काम का अधिक दबाव बढ़ रहा है इससे हाईपर टेंशन, और दूसरी बीमारियां फैल रही हैं। तनाव का सबसे बेहतर इलाज योग विज्ञान में हैं, वहीं लोगों में सुंदर दिखने की बढ़ती ललक भी योग और आयुर्वेद विज्ञान को नया आयाम देगी। यह पूरे भारत के लिए गर्व का विषय है। आम आदमी के जिंदगी में तनाव तेजी से बढ़ रहा है।
पूरी जिंदगी असंमित हो गई है, जिसकी वजह से परिवार में तनाव और झगड़े होते हैं। लोगों के पास आज पैसा है लेकिन शांति नहीं है, जिसकी वजह से परिवार में संतुलन गायब है। लोग खुद से संतुष्ट नहीं है। इस स्थिति से निकालने के लिए योग सबसे बेहतर उपाय हो सकता है। इसलिए भाग दौड़ की जिदंगी को अगर संयमित और संतुलित करना है तो मन को स्थिर रखना होगा। जब तक हमें मानसिक शांति नहीं मिलेगी तब तक हम जीवन के विकारों से मुक्त नहीं हो सकते हैं। उस स्थिति में योग ही सबसे सरल और सुविधा युक्त माध्यम हमारे पास उपलब्ध है।
हमारी हजारों साल की वैदिक परंपरा को वैश्विक मंच मिला है। योग का प्रयोग अब दुनिया भर में चिकित्सा विज्ञान के रूप में भी होने लगा है, उसे स्थिति हमें अपने जीवन के साथ जीने का नजरिया भी बदलना होगा। योग से संबंधित यूनिवर्सिटी, शोध संस्थान, आयुर्वेद मेडिसिन उद्योग नई उम्मीदें और आशाएं लेकर आएगा। भारत और दुनिया भर में योग के लिए संस्थान स्थापित हुए हैं। योग को पर्यटन उद्योग के रूप में विकसित किया जा सकता है। योग स्वस्थ दुनिया की तरफ बढ़ता कदम है। इसका सहभागी बन अपनी जिंदगी को आइए हम शांत और खुशहाल बनाएं। परिवार जब स्वस्थ होगा तो सेहतमंद समाज का निर्माण होगा



हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...