शनिवार, 20 जून 2020

दिल्ली शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन

नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत करीब 8,000 शिक्षक, जिन्हें पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है, उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस बारे में पत्र लिखा है। इससे पहले वह कोर्ट में भी अपील कर चुके हैं।नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव रामनिवास सोलंकी ने शुक्रवार को कहा, “आज हमने गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर मदद मांगी है, जिसमें हमने उन्हें इस बात से भी अवगत कराया है कि इस कोरोना महामारी के दौरान सभी शिक्षक 12 घंटे काम कर रहे हैं। हम न सिर्फ गरीबों को राशन वितरित कर रहे हैं, बल्कि हम प्रवासी मजदूरों और उपचार केंद्रों में भी मदद कर रहे हैं।”


उन्होंने आगे कहा, “महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हम सबसे आगे रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट भी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने का निर्देश दे रही है, लेकिन वे शिक्षकों की अनदेखी कर रहे हैं, जबकि शिक्षक भी फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स हैं।”पत्र में कहा गया है कि, “शिक्षकों को मार्च, अप्रैल और मई का वेतन नहीं मिला है, जबकि जून का महीना भी समाप्त होने वाला है। पिछले चार सालों से सातवें वेतन आयोग का एरियर नहीं मिला है। बकाया राशि के बिलों का भुगतान पिछले 10 वर्षों से नहीं किया गया है। पिछले पांच वर्षों से बच्चों का शिक्षक भर्ती बिल का भुगतान नहीं किया गया है। सालों से मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में, यदि किसी शिक्षक या उसके परिवार के सदस्य को इलाज करवाना है तो उसे उसके लिए पैसे उधार लेने होंगे।”


वेतन न मिलने के कारण शिक्षकों में बेहद निराशा है। वहीं 15 जून को कैट ने आदेश दिया कि उत्तर निगम के सभी शिक्षकों और पेंशनरों को 15 दिनों के भीतर तीन महीने का वेतन और पेंशन का भुगतान किया जाएगा और 18 जून को भी हाईकोर्ट ने उत्तरी एमसीडी को एक सप्ताह के भीतर सभी शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने का निर्देश भी दिया था।


कॉमन सिलेबस लागू करने की मांग

नई दिल्ली। देशभर में वन नेशन वन बोर्ड की मांग फिर जोर पकड़ने लगी है। देशभर में छह से 14 साल के बच्चों के लिए कॉमन सिलेबस लागू करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि इंडियन सर्टिफिकेट आफ सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड यानी आईसीएसई (ICSE) व केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई (CBSE) को भी मिलाकर एक ही एजुकेशन बोर्ड की स्थापना की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों ने देशभर में समान एजुकेशन सिस्टम को लागू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। आर्टिकल 21 ए के तहत मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा की बात की गई है, लेकिन इसके तहत बच्चों को उनके अधिकार नहीं मिले हैं। याचिका के अनुसार, सामाजिक और आर्थिक समानता व न्याय के लिए ये जरूरी है कि सभी प्राइमरी स्कूलों में सिलेबस और करिकुलम एक जैसा रहना चाहिए। फिर चाहे वो स्कूल लोकल बॉडी चलाती हों या फिर केंद्र और राज्य सरकारें।
याचिका में ये भी कहा गया है कि संबंधित राज्य की आधिकारिक भाषा के चलते इंस्ट्रक्शंस का जरिया अलग हो सकता है, लेकिन 6 से 14 साल के बच्चों के लिए सिलेबस में कोई भेद नहीं होना चाहिए। याचिका में देश में जीएसटी काउंसिल की तर्ज पर नेशनल एजुकेशन काउंसिल या नेशनल एजुकेशन कमीशन बनाने की संभावना तलाशने के लिए आदेश देने की मांग सुप्रीम कोर्ट से की गई है।


सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

नई दिल्ली। भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों को याद करते हुए वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा है कि शहीद जवानों की शहादत बेकार नहीं जाने देंगे। उन्होंने कहा कि वायु सेना लक्ष्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार और सही जगह तैनात है। वायुसेना प्रमुख ने हैदरबाद के नजदीक स्थित वायुसेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड में यह बात कही। भारत और चीन के सैनिकों की बीच हिंसक झड़प और तनाव के मध्य भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने शनिवार को कहा कि भारत शांति स्थापित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है लेकिन गालवान घाटी में दिए गए "बलिदान" को व्यर्थ नहीं जाने देंगे।


हैदराबाद के डुंडीगल में वायु सेना अकादमी (एएफए) में कम्बाइंड ग्रैजुएशन परेड (सीजीपी) को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर अपनी संप्रभुता की रक्षा करेंगे। हमारे क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्य ये बताता है कि हमारे सशस्त्र बल हर समय तैयार और सतर्क रहते हैं। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर छोटी सी सूचना पर हम हालात को संभालने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, 'यह स्पष्ट होना चाहिए कि हम पूरी तरह तैयार हैं और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सही जगह तैनात हैं। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम लक्ष्य को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं और गलवां के अपने शूरवीरों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाने देंगे।'


सेहत के लिए फायदेमंद है स्ट्रॉबेरी

स्ट्रॉबेरी एक ऐसा फल है जो आपको लगभग हर मौसम में मिल जाएगा। इसका सेवन आमतौर पर गर्मियों में सबसे ज्यादा किया जाता है और मौसम के लिहाज से देखा जाए तो यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी है। डिहाइड्रेशन की समस्या से बचाने के लिए गर्मियों में स्ट्रॉबेरी का सेवन प्रभावी रूप से आपके शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है। इतना ही नहीं, यह कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के खतरे से भी आपके शरीर को बचाए रख सकता है।
स्ट्रॉबेरी के फायदे के बारे में आपको यहां पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी ताकि आप अपने सेहत का ख्याल रख सके और रोगों की चपेट में आने से बचे रहें। आइए से होने वाले फायदों पर एक नजर डालते हैं।
कैंसर से बचाए
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से शरीर को बचाए रखने के लिए अगर आप अपनी लाइफस्टाइल में थोड़ा-सा बदलाव करेंगे तो यह काफी मददगार साबित होगा। इसके अलावा अगर आप स्ट्रॉबेरी का सेवन करते हैं तो इसमें मौजूद कैंसर सेल्स को नष्ट करने वाला गुण आपको कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी की चपेट में आने से भी बचा सकता है।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करे
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढऩे के कारण हम कई प्रकार की मानसिक और शारीरिक समस्याओं से जूझ सकते हैं। इतना ही नहीं, अगर समय रहते इसका हल न ढूंढा जाए तो यह लंबे समय तक हमारी क्वालिटी ऑफ लाइफ को खराब कर देता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने का विशेष गुण स्ट्रॉबेरी में पाया जाता है जिसके कारण आप इसका सेवन करके सकारात्मक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करे
स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से कोलेस्ट्रोल की मात्रा को संतुलित बनाए रखने में भी काफी मदद मिलती है। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार भी इस बात की पुष्टि की गई है। स्ट्रॉबेरी का सेवन करने के कारण शरीर में लो डेंसिटी लिपॉप्रोटीन यानी कि बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने का प्रभावी गुण पाया जाता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को संतुलित बनाए रखने के लिए आप स्ट्रॉबेरी का सेवन आप कर सकते हैं।
दिल की बीमारियों से बचाए
दिल की बीमारियों से बचे रहने के लिए आप स्ट्रॉबेरी का सेवन नियमित रूप से कर सकते हैं। यह कार्डियोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी रखने के साथ-साथ दिल की धड़कन और उसकी कार्यप्रणाली को सक्रिय रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है। यही वजह है कि इसका सेवन करने के कारण दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कई गुना तक कम हो सकता है।
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना बहुत जरूरी होता है। अगर इसे कंट्रोल ना किया जाए तो यह डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देता है और बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल के कारण आप डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं। वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, क्लिनिकल ट्रायल में देखा गया है कि स्ट्रॉबेरी का सेवन करने वाले लोगों में ब्लड शुगर लेवल को संतुलित बनाए रखने में काफी मदद मिलती है।


ब्राजील में 10 लाख संक्रमितो की पुष्टि

ब्रासीलिया। पूरी दुनिया में जानलेवा कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। चीन के वुहान शहर से फैले कोविड—19 ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है। मिली जानकारी के अनुसार पूरी दुनिया में कोरोना से चार लाख 62 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 87 लाख 57 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि 46 लाख 25 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। वहीं दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में कोरोना से एक लाख 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 22 लाख 97 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।


ब्राजील में दस लाख से अधिक हुए संक्रमण के मामले :


ब्राजील की सरकार ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के दस लाख से अधिक मामले होने की पुष्टि की है। संक्रमण के सर्वाधिक मामले अमेरिका में हैं और उसके बाद ब्राजील में। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कुल मामले 1,032,913 हैं, जो बृहस्पतिवार को जितने मामले थे उनके मुकाबले 50,000 से अधिक है। अमेरिका के जॉन्स हॉप्किंस विश्वविद्यालय का कहना है कि ब्राजील हर दिन प्रति 1,00,000 लोगों पर औसतन महज 14 जांच ही करवा पा रहा है जो विशेषज्ञों के मुताबिक जरूरत से 20 गुना कम है।


मुंह के छालों का उपचार और उपाय

आजकल मुंह में छाले होना एक आम समस्या हो गई है। पुरूषों के मुकाबले यह समस्या ज्यादातर महिलाओं में अधिक होती है। इसका मुख्य कारण उनके हारमोन्स में अधिक उतार-चढाव आना है। यह छाले अपने आप ही कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। इनके निकलने के कई कारण हो सकते हैं। पेट के साफ न होने और खाना खाते समय अचानक दांतों से मुंह के अंदर की झिल्ली के कट जाने से छाले हो जाते हैं।
मासिक धर्म या मेनापॉज के सामय हारमोन्स में बदलाव तथा वायरस, बैक्टीरिया या फंगस संक्रमण से निकल सकते हैं। इसके अन्य कारणें में शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम होना, एलर्जी होना भोजन में विटामिन सी और बी12 की कमी होना आदि शामिल हैं। कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में भी मुंह में छाले निकल सकते हैं।
बचाव के उपाय
खाना धीरे-धरी चबा-चबा कर खाएं। खाते समय बात न करें, ताकि दांतों से मुंह के अंदर की परत को नुकसान न पहुंचे।
(1) नींबू को आधा काटें, इसे छाले पर लगाएं, इससे थोडी जलन तो होगी, परंतु यह सुन्न हो जाएगा, जो अच्छा है। आखिर में थोडा शहद छाले पर लगाएं।
(2) शरीर की सफाई, संतुलित भोजन और पीने के साफ पानी पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी है।
(3) कुछ दिनों तक लगातर विटामिन सी और विटामिन बी12 की गोलियां खाएं।
(4) माउथवाश का प्रयोग करें-कई बार कुल्ला करने से यह आपके मुख में बढने वाले जीवाणुओं को साफ करता है और इसके साथ-साथ कई मामलों में छाले में दर्द से राहत देता है। किसी बिना नुस्खा घोल का उपयोग करें, कोई भी माउथवाश इस प्रयोजन के लिए कार्यकारी है। सुबह और शाम कुल्ला करें और हो सके तो दिन के खाने के बाद भी कुल्ला करें।


दावाः गलवान घाटी चीन का हिस्सा

गलवान। लद्दाख की जिस गलवान घाटी की रक्षा में चीनी सेना से हिंसक संघर्ष के दौरान भारत के 20 जवान शहीद हो गए, उसको लेकर चीन अब दावा कर रहा है कि वह चीन का ही हिस्सा है। इतना ही नहीं चीन का कहना है कि कई वर्षों से गलवान घाटी पर चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते रहे हैं।


चीनी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने वेबसाइट पर एक प्रेस नोट जारी करते हुए दावा किया कि गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीन की तरफ है। प्रेस नोट में दोनों देशों के बीच कमांडर स्तर की दूसरी बैठक जल्द से जल्द करवाने की बात भी कही गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने 15 जून को पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के लिए भारत पर दोष मढ़ते हुए कहा, ‘गलवान घाटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से में आता है। कई वर्षों से वहां चीनी सुरक्षा गार्ड गश्त कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी निभाते हैं।’


चीन ने कहा कि 15 जून की शाम को भारतीय जवान, कमांडर लेवल की बातचीत में तय किए गए एग्रीमेंट को तोड़ते हुए चीनी सीमा में घुस गए। दोनों देशों के बीच के हालात को जान-बूझकर खराब किया गया। चीनी सेना और अधिकारी जब उनसे बात करने पहुंचे तो भारतीय जवानों ने हिंसक हमला किया। जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच शारीरिक संघर्ष हुए और जानी नुकसान हुआ। चीन ने आगे कहा कि भारतीय जवानों ने सीमा पर हमें कम आंकते हुए एडवेंचर्स एक्ट किया, चीनी सैनिकों की जान को खतरे में डाला, साथ ही दो देशों के बीच सीमा समझौते का उल्लंघन किया जो दो देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का उल्लंघन है।


चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी इस प्रेस नोट में कहा गया है कि अप्रैल-2020 से भारत एलएसी के पास गलवान घाटी में लगातार सड़क निर्माण, पुल निर्माण और अन्य गतिविधियां कर रहा है। चीन ने इन मामलों को लेकर कई बार भारत सरकार के सामने अपना विरोध प्रकट किया। इसके बावजूद भारतीय सेना बार बार सीमा पार कर हमें भड़काने का काम करती रही। 6 मई की सुबह तक, भारतीय सीमा सैनिकों ने रातों रात चीन की सीमा में घुसकर बंकर और बैरिकेड्स बना लिए थे। जिससे कि चीनी सैनिकों को पेट्रोलिंग करने से रोका जा सके। उन्होंने आगे कहा कि दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य जरिए से तनाव को कम करने के लिए संवाद कर रहे हैं। क्षेत्र में हालात से निपटने के लिए कमांडर स्तर की दूसरी बैठक जल्द से जल्द होनी चाहिए।


मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्‍ली। देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। अंतिम चरण के लिए मतदान 1 ज...