गुरुवार, 28 मई 2020

मजदूरों की अनदेखी, जवाब की जरूरत

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर प्रवासी मजदूरों को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि इस संबंध में अदालतों का जवाब तलब करना संतोष देता है।


मायावती ने ट्वीट में कहा कि मीडिया ने प्रवासी मजदूरों के दुख दर्द को जिस तरह से दिखाया है, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। यह संतोष की बात है कि अदालतें इस संबंध में जवाब तलब कर रही हैं। बसपा नेता ने कहा, ” जिस प्रकार से लाॅकडाउन से पीड़ित और घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली तथा रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वे सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने हैं, वह पुनःस्थापित करते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति-दुःखद है.”


मायावती ने कहा कि देश में लाॅकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायालयों ने कोरोना वायरस की जाँच और इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा तथा प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा और मौतों के सम्बंध में केन्द्र एवं राज्य सरकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया है।” इससे पहले उन्होंने कहा कि केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण हैं।


उत्तराखंड में चार नए संक्रमित मिलें

कोरोना अपडेट-उत्तराखण्ड में 4 नए केस, आंकड़ा हुआ 483
देहरादून। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को देहरादून में चार और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसके बाद प्रदेश में मरीजों की संख्या 483 हो चुकी है।
गुरूवार को निरंजनपुर मंडी के तीन और आढ़ती की कोरोना रिपोर्ट पाजीटिव आई है। इनकी निजी लैब में जांच कराई गई थी। वहीं, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती रूद्रप्रयाग निवासी युवक की भी रिपोर्ट पाजीटिव आई है। इन्हें मिलाकर संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 483 पहुंच गई है। इनमें से 81 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। 395 मरीज अभी भर्ती हैं। तीन मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत भी हो चुकी है। बीते रोज टिहरी जनपद में कोरोना के सर्वाधिक 22 नए मामले सामने आए थे। इनमें एक दिल्ली व अन्य लोग महाराष्ट्र से 19 मई को लौटे हैं। पौड़ी में भी 13 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें एक व्यक्ति नोएडा से और 12 महाराष्ट्र से वापस लौटे हुए हैं। ऊधमसिंहनगर में 20 मई को महाराष्ट्र से लौटे सात और पॉजिटिव मरीज मिले थे। देहरादून जनपद में भी दो और पॉजिटिव केस आएं।


'बॉन्ड योजना' को वापस लेने का फैसला

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (करयोग्य) बॉन्ड योजना को बैंकिंग कारोबार समाप्त होने के समय से वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। इस कारण अब निवेशकों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि खुदरा निवेशकों के बीच ये बॉन्ड काफी पसंद किया जाता है। सरकार के इन बॉन्ड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉन्ड अथवा भारत सरकार के बॉन्ड (Taxable Savings Bonds) के नाम से जाना जाता है। इन बॉन्ड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं। हालांकि प्रवासी भारतीय इन बॉन्ड में निवेश के पात्र नहीं हैं। रिजर्व बैंक की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार एतत् द्वारा यह अधिसूचित करती है कि 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड, 2018… बृहस्पतिवार, 28 मई 2020 को बैंकिंग कार्यसमय समाप्त होने के समय से निवेश के लिये उपलब्ध नहीं होंगे। रिजर्व बैंक ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए 7.75 प्रतिशत बचत वाले करयोग्य बॉन्ड 2018 को अभिदान पाने के लिए बंद कर दिया। इन बॉन्ड में मिलने वाले ब्याज पर कर देय होता है। इन बॉन्ड में 100 रुपए के अंकित मूल्य पर निवेश होता है और न्यूनतम निवेश सीमा एक हजार रुपए है। योजना के मुताबिक ये बॉन्ड सात साल की अवधि के होते हैं। बहरहाल, ऐसे समय जब कर्ज पर ब्याज दरों में लगातार कटौती की जा रही है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में अल्पावधि बयाज दर रेपो में कटौती करते हुए इसे 4 प्रतिशत की एतिहासिक निचले स्तर पर ला दिया है। इसे देखते हुए 7.75 प्रतिशत की ब्याज दर वाले इन बॉंड पर लागत ऊंची बैठ सकती है।


मजबूत सरकार है कोई चिंता नहीं



मुम्बई/महाराष्ट्र। कोरोना के संक्रमण काल में महाराष्ट्र सकरार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राष्ट्रपति शासन की आशंकाओं के बीच महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ खेमा अपनी सरकार बचाने को लेकर आपसी जद्दोजहद में जुटा है। शासक दल जहाँ सरकार बचाने को लेकर खींचतान में जुआ है तो दूसरी ओर बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की जा रही है।
महाराष्ट्र सरकार पर संकट के अटकलोंं के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले हैं। राजनीतिक गलियारों में मातोश्री में हुए इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि शरद पवार मातोश्री तब भी नहीं गए थे, जब महाराष्ट्र मेें महाविकास अघाड़ी सरकार बनने वाली थी।  पिछले छह महीनों में जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी है, तब से शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात या तो किसी पाँंच सितारा होटल या वर्षा बंगले, सहयाद्री गेस्ट हाउस, शिवाजी पार्क स्थित पूर्व मेयर बंगले में ही हुई। खास मौकों पर तो खुद सीएम उद्धव ठाकरे शरद पवार के घर गए, लेकिन शरद पवार हमेशा से मातोश्री जाने से बचते रहे हैं।
ऐसे में अचानक मातोश्री में हुई बैठक के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा रहा है। राजनीतिक इस बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र की राजनीति पर करीब से नजर रखने वालों का मानना है कि, यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि हो सकता है सरकार पर कुछ संकट के बादल मंडरा रहे हों, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ये मुलाकात राज्य में कोरोना की गंभीर स्थिति को लेकर हुई है। अब देखना होगा कि मातोश्री में दोनों नेताओं के बीच हुए इस बैठक का परिणाम क्या होता है?
गौरतलब हो कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से भी शिष्टाचार मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसी कारण से शरद पवार राज्यपाल से मिले हैं।
सरकार मजबूत है - संजय राउत
सीएम उद्धव और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच मातोश्री में हुई मुलाकात के बारे में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बताया कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच कल मुलाकात हुई है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है। अपने ट्वीट में संजय राउत ने लिखा कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की, दोनों नेताओं ने करीब डेढ़ घंटे तक एक दूसरे से बातचीत की। इसी के साथ संजय राउत ने व्यंग्य कसते हुए लिखा कि, अगर कोई महाराष्ट्र सरकार की स्थिरता को लेकर झूठी खबरें फैला रहा है, तो इसे लोगों का पेट का दर्द माना जाना चाहिए। सरकार मजबूत है, कोई चिंता नहीं।



 








Quick Reply

'गांधी' परिवार का नाम अमिट रहेगा

भिलाईनगर। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि के अवसर पर पूर्व राज्यमंत्री बी.डी.कुरैशी ने नेहरू नगर चौक व सेक्टर 9 अस्पताल पहुंँच कर आदमकाद प्रतिमा में माल्यार्पण कर मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि, आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के बदौलत ही बीएसपी प्लांट यहाँं स्थापित है। बीएसपी में लगभग 75 हजार परिवार का जो योगदान है। नेहरू परिवार की देन हैं देश की आजादी से लेकर आर्थिक आजादी के लिए पंडित जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांँधी, स्व. राजीव गाँंधी का जो योगदान है। जब तक ये दुनिया कायम है तब तक नेहरू परिवार अमिट रहेगा। इस अवसर पर श्रद्धांजलि देने वालो में प्रमुख रूप से सेक्टर 10 की पार्षद सुभद्रा सिंग, अफरोज खान, मोहम्मद मंसूर, शमीम अख्तर, प्रमोद सिंह, रोहन सिंग, सहित अन्य कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाया गया।


कोरोना वारियर्स को 21000 का सहयोग

गोलू कैवर्त
बलौदाबाजार।
डॉ भरत नामदेव एवं श्रीमती कंचन नामदेव ने अपने परिवार की तरफ से कोरोना वायरस के खिलाफ लडाई में अपना सहयोग प्रदान करते हुए जिला रेड क्रॉस सोसायटी बलौदाबाजार भाटापारा को 21 हज़ार रुपये राशि का सहयोग प्रदान किया। उन्होंने आज जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष एवं कलेक्टर कार्तिकेय गोयल को यह चेक प्रदान किया। श्री गोयल ने नामदेव दम्पति के इस सहयोग के प्रति गहरी आभार व्यक्त किया। कहा आप सभी का इस तरह सहयोग करने से निश्चित ही कोरोना के प्रति लडाई आसान बनेगा। डॉ भरत नामदेव जो कि पेशे से डॉक्टर रहे है।


उनके द्वारा चिकित्सा विभाग के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सहायता राशि दान की गई है। इस अवसर पर प्रशिक्षु आईएएस नम्रता जैन,मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी डॉ खेमराज सोनवानी, जिला कोविड नोडल अधिकारी डॉ राकेश प्रेमी, उपसंचालक समाज कल्याण श्रीमती आशा शुक्ला उपस्थित थे।


नियंत्रण पाने के लिए तत्परता जरूरी

अम्बिकापुर। टिड्डी दल किसानों के सबसे प्राचीन शुत्र हैं। वे मध्यम से बड़ी आकार के टिड्डे होते हैं। जब वे अकेले होते हैं और साधारण टिड्डों की तरह व्यवहार करते हैं तब उन्हें एकाकी अवस्था में जाना जाता है। भीड़-भाड़ की सामुहिक स्थितियों में वे साथ-साथ समूह बनाकर रहते हैं और चिरस्थायी तथा सम्बद्ध वयस्क टिड्डियों का झुंड बनाते हैं। यह तब होता है जब वह यूथचारी रूप में रहते हुए समूहशीलता या सामूहिक जीवन की अवस्था में पाए जाते हैं। इसके बाद वाली अवस्था में वे फसलों और अन्य पेड़-पौधों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के टिड्डी चेतावनी संगठन ने टिड्डी के संबंध में सतर्कता बरतने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं। दिशा निर्देश में कहा गया है कि अगर आस-पास टिड्डी दल दिखें या उनके बारे में कुछ खबर मिले तो निकटतम टिड्डी कार्यालय, पुलिस थाना, राजस्व कार्यालय, ग्राम पंचायत, विद्यालय, डाक घर या कोई भी शासकीय कार्यालय को सूचित करें।


टिड्डी के जीवन-चक्र अण्ड़ा, शिशु टिड्डी तथा वयस्क के रूप में तीन अवस्थाएं होती हैं। टिड्डियों का झुण्ड दिन के दौरान उड़ता रहता है और शाम होन पर पेड़ों पर, झाडियों में, फसलों इत्यादि में बसेरा करता है और वहां रात गुजारता है। फिर वे सुबह होने पर सूरज उगने के बाद अपने बसेरे के स्थान से उठकर उड़ना शुरू कर देते हैं। अ्परिपक्व वयस्क टिड्डी दल गुलाबी रंग के होते हैं धीरे-धीरे वे धुंधले सलेटी अथवा भूरापन लिए हुए लाल रंग के हो जाते हैं। परिपक्वता की स्थिति में पहुंचने पर वे पीले हो जाते हैं। शिशु-टिड्डी झुण्ड़ों के रूप में चल में चलती है। पीली अथवा नारंगी शरीर-पृष्टिका लिए हुए उनकी आकृति गहरी काली होती है।


आने वाले टिड्डी दल दो रंग के होते है गुलाबी और पीला। पीले रंग की टिड्डी ही अंडे देने में सक्षम होती है, इसके लिए पीले रंग के टिड्डी दल के पड़ाव डालने पर पूरा ध्यान रखने की आवश्यकता है, क्योंकि पड़ाव डालने के बाद टिड्डियां किसी भी समय अण्डे देने शुरू कर देती हैं। अण्डे देते समय दल का पड़ाव उसी स्थान पर 3-4 दिन तक रहता है और दल उड़ता नहीं है। इसी स्थिति का पूरा लाभ टिड्डी नियन्त्रण करने में उठाना चाहिये। गुलाबी रंग की टिड्डियों के दल का पड़ाव अधिक समय नहीं होता इसलिए इनके नियंत्रण हेतु तत्परता बहुत जरूरी है।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...