शुक्रवार, 15 मई 2020

वायरस से निपटने के लिए किया 'गठन'

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच बेहतर समन्वय के लिए राज्य और जिला स्तर पर दो समितियों का गठन किया है। सरकार के अनुसार भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के प्रतिनिधियों और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजय मेहता के बीच एक बैठक के बाद गुरुवार को समन्वय पैनल गठित करने का निर्णय लिया गया। 14 मई को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) में कहा गया कि समितियां महामारी को नियंत्रित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों और चिकित्सा दिशा-निर्देश संबंधी सभी जानकारियों को उपलब्ध कराए जाने संबंधी सरकार के सभी फैसलों को क्रियान्वित करने का काम करेंगी। पैनल यह भी जांच करेंगे कि निजी अस्पतालों में चिकित्साकर्मियों को पीपीई किट, दस्ताने और मास्क उपलब्ध कराए जाते हैं या नहीं। जीआर में कहा गया कि समितियां यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाएंगी कि चिकित्सा कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए और उनके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। 14 मई तक, महाराष्ट्र में कोविड-19 के 27,524 मामले हो चुके हैं।


विधायक सहित 10 लोगों की हत्या, अरेस्ट

ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में एक पूर्व विधायक और 10 अन्य लोगों की हत्या के सिलसिले में वांछित एनएससीएन (आईएम) के एक उग्रवादी को लोंगडिंग जिले में सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार किया। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित कुमार शर्मा ने बताया जिला पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में भारतीय सेना के जवानों ने स्वघोषित 'सार्जेंट मेजर' पुमान वांगसु नामक उग्रवादी को जिले के लोंगफोंग गांव के पास एक जंगल से पकड़ा। एक विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर संयुक्त टीम ने गांव के करीब स्थित जंगल में एक अभियान शुरू किया। प्रवक्ता ने बताया कि पिछले मंगलवार को तलाशी अभियान के दौरान सैनिकों ने उग्रवादी को पकड़ा, जब वह वहां से भागने की कोशिश कर रहा था। प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार किए गए उग्रवादी को आगे की जांच के लिए लोंगडिंग पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया। एक अन्य मामले में सुरक्षा बलों ने पिछले 12 मई को अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले से नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (खापलांग-कितोवी) के स्व-घोषित कॉर्पोरल को गिरफ्तार किया था। प्रवक्ता ने बताया कि तोनलांग पंगथा नामक उग्रवादी को असम राइफल्स और चांगलांग जिला पुलिस की एक संयुक्त अभियान के दौरान सांखा हावी के पास गिरफ्तार किया गया था।


इंफालः एक मरीज संक्रमित, क्षेत्र सील

इंफाल। मणिपुर के पूर्वी इम्फाल जिले में एक सामुदायिक पृथक केंद्र को वहां रह रहे मरीज के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद सील कर दिया गया है। पूर्वी इम्फाल की उपायुक्त रंगीताबाली वाइकहोम ने कहा कि निर्देशित पृथक केंद्र जामिया गलीना अजीज बालिका विद्यालय को मणिपुर महामारी बीमारी कोविड-19 नियमन 2020 के तहत ‘‘निरुद्ध क्षेत्र’’ और इमारत को “पूरी तरह सील” घोषित किया गया है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश में कहा गया, “उक्त इमारत को पूरी तरह सील कर दिया गया है और किसी भी नियंत्रण कार्य का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/ संस्थान/ संगठन को लेकर माना जाएगा कि उसने भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध किया है।” इसमें कहा गया कि लोगों का इमारत में प्रवेश प्रतिबंधित है। केंद्र में पृथक-वास में रखा गया 31 साल का युवक 13 मई से यहां रह रहा था और बृहस्पतिवार को कोविड-19 की जांच में संक्रमित पाया गया।


बंगाल नागरिकों की वापसी का इच्छुक

कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने केन्द्र सरकार को बहुत पहले ही यह जानकारी दे दी थी कि उसने खाड़ी समेत दूसरे देशों में फंसे अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए इंतजाम कर लिए हैं। विदेशों से किसी भी विशेष विमान के पश्चिम बंगाल नहीं आने को लेकर केन्द्र द्वारा लगाए गए आरोपों के एक दिन बाद यह बयान आया है। राज्य के गृह विभाग ने ट्वीट किया ‘‘ पश्चिम बंगाल राज्य सरकार विभिन्न देशों में फंसे हमारे लोगों को वापस लाने को इच्छुक है और काफी समय पहले भारत सरकार को इसकी जानकारी दी गई थी। इसके साथ वापस आने वाले लोगों को पृथक रखने के इंतजाम की भी जानकारी दी थी। पत्र संलग्न है। बंगाल विमानों का इंतजार कर रहा है।’’ पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने बृहस्पतिवार रात कहा था कि केन्द्र ने विदेशों से आ रहे विमानों के बंटवारे को लेकर भेदभाव किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव पार्थ चटर्जी के इस आरोप के जवाब में कहा था कि वह राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है और केन्द्र का वंदे भारत मिशन सभी फंसे हुए भारतीयों के लिए है। सरकार ने कोरोना वायरस पाबंदियों के चलते विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सात मई को वंदे भारत मिशन शुरू किया था।


जमातियों को रिहा करने का फैसला

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया गया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने तबलीगी जमात के उन सदस्यों को रिहा करने का फैसला किया है जिन्होंने आवश्यक पृथक-वास अवधि पूरी कर ली है और जिनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं। एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह हलफनामा दिया गया। याचिका में मांग की गई थी कि तबलीगी जमात के करीब 3300 सदस्यों को रिहा किया जाए जिन्हें करीब 40 दिनों से अलग-अलग पृथक-वास केंद्रों में रखा गया है और कोविड-19 की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बावजूद उन्हें छुट्टी नहीं दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि वे याचिका को वापस लेना चाहते हैं क्योंकि दिल्ली सरकार ने तबलीगी जमात के ऐसे सदस्यों को रिहा करने का निर्णय कर लिया है जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं हैं।


राशन की दुकानों पर लगी 'लंबी-कतारें'

गौतमबुद्ध नगर। गौतम बुद्ध नगर जिले में उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर शुक्रवार से सभी राशन कार्ड धारकों को पांच किलोग्राम चावल और एक किलोग्राम चना नि:शुल्क दिया जा रहा है। नि:शुल्क खाद्यान्न वितरण के मद्देनजर सुबह से ही जिले में सरकारी राशन की दुकानों पर लंबी कतारें लगी हैं। जिला सूचना अधिकारी राकेश चौहान ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के कारण लोगों को खाद्यान्न की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक राशन कार्ड धारक को पांच किलोग्राम चावल तथा एक किलोग्राम चना नि:शुल्क देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इसके तहत शुक्रवार को जिला आपूर्ति विभाग ने राशन बांटने का काम शुरू कराया है। चौहान ने बताया कि यहां राशन की सभी दुकानों पर सामाजिक दूरी का पालन करते हुए राशन वितरित किया जा रहा है। राशन विक्रेताओं को संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई किट उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि सरकार के आदेशानुसार सभी राशनकार्ड धारकों को राशन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। नि:शुल्क राशन मिलने की सूचना पाकर भारी संख्या में श्रमिक सुबह से ही राशन की दुकानों पर कतार में खड़े हो गए। कई जगह अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, लेकिन पुलिस ने स्थिति को संभाल लिया।


संक्रमण मामलों में लगातार वृद्धि जारी

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच 25 मार्च से देश भर में लागू लॉकडाउन के तीसरे चरण का आज 12वां दिन है। वहीं, संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि भी जारी है। भारत में इस बीमारी से अब तक 2649 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 81970 हो गई  है। इसमें एक्टिव कोरोना केस 51401 हैं। वहीं, 27919 मरीज ठीक/डिस्चार्ज भी हुए हैं। इन सबके बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन-4 के साफ संकेत भी दे दिए हैं। दूसरी ओर सरकार आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए आर्थिक पैकज और राहत का ऐलान भी कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की दूसरी किस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों के लिए अहम घोषणाएं की।


नहीं निकला रोजे का ऐतिहासिक जुलूस

लखनऊ। 21वें रमजान को नहीं निकला ऐतिहासिक जुलूस। कॅरोना महामारी और लॉक डाउन को देखते हुए धर्मगुरुओं ने लिया बड़ा फैसला। आज 21 रमज़ान को पहले इमाम हजरत अली हुए थे शहीद। हजरत अली की याद में हर साल निकलता था ऐतिहासिक जुलूस। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर सभी से की थी जुलूस ना निकालने की अपील। शिया मुसलमानो ने नहीं निकला 21 रमजान में भीड़भाड़ वाला जुलूस। सुबह की नमाज़ के बाद निकाला जाता था जुलूस यह जुलूस नजफ़ से निकलकर जाता था तालकटोरा कर्बला। लाखों की संख्या में लोग जुलूस में करते थे शिरकत। पुलिस प्रशासन की अपील के बाद सभी जायरीनो ने घर में ही मातम कर किया हजरत अली की शहादत को याद। पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने सभी जायरीनों का किया धन्यवाद।


चप्पे-चप्पे पर अधिकारियों का जाल

कानपुर। (सूरज कश्यप/गुड्डू सिंह) बीते दिनों पूरी दुनिया में आए कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए भारत में जो लॉक डाउन किया गया था । उसके बाद कई मजदूर अपने-अपने घरों के लिए सैकड़ों मील पैदल चलने को तैयार हो गए थे और बिना किसी सुविधा के ये मजदूर अपने-अपने घरों के लिए निकल पड़े थे । जिसके बाद कई जगह इन मजदूरों के साथ कई घटनाये हुई थी इन सब घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने समस्त मजदूरों को यथास्थिति पर रहने को कहा था और अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस लाने के लिए बस व ट्रेन चलाने की बात कही थी जिसके बाद भी काफी संख्या में यह मजदूर पैदल ही अपने-अपने घरों के लिए पलायन करने लगे इस स्थिति को देखकर कानपुर प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद रहकर लॉक डाउन के बाद से आम जनमानस की जान माल के सुरक्षा को लेकर आला अधिकारियों ने चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई थी ऐसे ही एक तेजतर्रार पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर राजकुमार की ड्यूटी नौबस्ता चौराहे पर लगाई गई जिनके द्वारा प्रतिदिन कई जरूरतमंदों को भोजन व पानी जैसी जरूरतमंद चीजें उपलब्ध कराई जा रही थी इन सबको देखते हुए गुरुवार को पुलिस अधीक्षक दक्षिण ने स्वयं सड़कों पर आकर कानपुर आ रहे प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा व खानपान और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था का निरीक्षण किया आपको बता दें जहाँ एक ओर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घरों के लिए पैदल चलने को मजबूर हैं तो वही कानपुर प्रशासन भी इन सभी की सुरक्षा व भूख प्यास को ध्यान में रखकर सड़कों पर रहकर कार्य कर रहा है ऐसा ही एक कार्य कानपुर की पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता के द्वारा देखने को मिला जिन्होंने नौबस्ता चौराहा पर मौजूद रहकर वहाँ से गुजर रहे प्रवासी मजदूरों से खाने व पानी व अन्य समस्याओं के बारे में पूछा और उन समस्याओं को दूर किया इस कार्य में पुलिस अधीक्षक अपर्णा गुप्ता का साथ देने के लिए इंस्पेक्टर राजकुमार थाना प्रभारी नौबस्ता आशीष कुमार शुक्ला के साथ भारी पुलिस बल मौजूद रहा ।


 


कांग्रेस का जरूरतमंदों को राशन वितरण

कानपुर। लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूर जिले में जहां तहां फंस गए हैं, होटल आदि बंद होने के कारण लोगों को भोजन नहीं मिल रहा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी के नेताओं की ओर से आज गरीब व जरूरतमंदों के बीच कच्चा राशन वितरण कर नेकी का काम किया गया। 
कांग्रेस नेता अंबुज शुक्ला लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार गरीबों और मजदूरों पर पड़ी है। वहीं कांग्रेस नेता अंबुज शुक्ला और उनकी सहयोगी अनकृति प्रतीक त्रिपाठी गरीबों और मजदूरों को कच्चा राशन मुहैया करा रहे हैं।
 
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने आज संयुक्‍त रूप से काकादेव क्षेत्र में गरीब एवं जरूरतमंदों को खाना एवं पानी का वितरण किया। वितरण करने की ये मुहिम बड़े नेताओं  के निर्देश पर चलाई जा रही है। इनका कहना है कि कोई गरीब परेशान होने न पाए, कोई गरीब भूखा सोने न पाए। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने गरीब एवं जरूरतमंदों को खाना एवं पानी का वितरण करने की आज जो मुहिम चलाई गई उसमें कांग्रेस नेता अंबुज शुक्ला अनुकृति प्रतीक त्रिपाठी शम्भू शंकर दिनेश दीक्षित दिनेश तिवारी ऋषभ त्रिपाठी ओम प्रकाश मौर्या आदि लोग मौजूद रहे ।
 
 
 


4 राज्यों में वायरस ने पकड़ी रफ्तार

बृज बिहारी दुबे


नई दिल्ली । देश में कोरोना के नए मामले आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में रोजाना बढ़ने वाले कुल नए मामलों में से 70 फीसदी यही से रिपोर्ट हो रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अकेले महाराष्ट्र में ही कोरोना के 40 फीसदी नए मामले सामने आए हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है जहां 11 फीसदी मामले सामने आए हैं। तीसरे नंबर पर दिल्ली है, जहां 10 फीसदी नए मामले दर्ज हुए। जबकि चौथे स्थान पर गुजरात है, जहां से आठ फीसदी नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। यानि इन चार राज्यों में ही 70 फीसदी मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोरोना के कुल 81,970 मामले सामने आ चुके हैं।
गोवा और छत्तीसगढ़ से भी आए कोरोना के नए मामले
कोरोना मुक्त हो चुके गोवा में शुक्रवार को कोरोना के सात नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले गोवा में सात मामले आए थे और सभी स्वस्थ हो चुके थे। लिहाजा यह राज्य कोरोना मुक्त हो चुका था। छत्तीसगढ़ में भी कई दिनों से कोरोना का एक भी नया मामला सामने नहीं आया था। वहां भी कोरोना का एक मामला सामने आया है। यहां कुल 60 कोरोना मरीजों में से 56 मरीज ठीक हो चुके हैं।
देश में मरीजों के स्वस्थ्य होने की रफ्तार 34 फीसदी
देश में कुछ राज्यों में मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार तेज है, जिसमें छत्तीसगढ़, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड शामिल हैं। इन राज्यों में स्वस्थ होने की रफ्तार 93 प्रतिशत से लेकर 53 प्रतिशत तक है।


विधि-विधान से से खोले बद्रीनाथ के कपाट

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित पर्यटन – धर्मस्व मंत्री सतपाल जी महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर शुभकामनाएं दी हैं।


श्री बदरीनाथ धाम। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट निर्धारित तिथि पर आज प्रात: 4 बजकर 30 मिनट ब्रह्म मुहूर्त में खुल गये है। शुक्रवार, जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। इस अवसर पर सीमित उपस्थिति रही। तथा शोसियल डिसटेंसिंग का पालन हुआ, मास्क पहने गये। कल 14 मई दिन में आदि गुरू शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी सहित रावल जी, श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी एवं गाडूघड़ा( तेलकलश ) योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये थे। इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी। इस यात्रा वर्ष कोरोना महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बदरीपुरी में आश्रम,दुकाने, छोटे-बड़े होटल, रेस्टोरेंट,ढाबे बंद है। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान जरूर हो गयी। तथा मंदिर फूलो की सजावट के साथ बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था । इस यात्रा वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए चार धाम यात्रा शुरू नहीं हो सकी है‌। केवल कपाट खोले गये हैं। कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी। इसी के तहत प्रात: तीन बजे से श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी/ सेवादार -हक हकूकधारी मंदिर परिसर के निकट पहुंच गये।


श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा हेतु पहुंचे। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ तत्पश्चात प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गये। कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गये घृत कंबल को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। माणा गांव द्वारा तैयार हाथ से बुने गये घृतकंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया जाता है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मानवमात्र के रोग शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गयी‌। भगवान बदरीविशाल की प्रथम पूजा-अर्चना देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से मानवता के कल्याण आरोग्यता हेतु संपन्न की जा रही है। आन लाईन बुक हो चुकी पूजाओं को यात्रियों की ओर से उनके नाम संपादित किया जायेगा। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर,श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गये। माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही खुल गये है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी आज खुल गये है।


प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल जी महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलते ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल गये है। उचित समय पर चार धाम यात्रा भी शुरू हो जायेगी। इसके लिए वह केंद्र से भी लगातार संपर्क में हैं। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ‌ममगाई‌ ने भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने अनुसार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही उत्तराखंड चारधाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है आगे पर्यटन-,तीर्थाटन को गति दिये जाने हेतु शासन स्तर पर निरंतर कार्य गतिमान है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ/ गढ़वाल आयुक्त रमन रविनाथ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान देवस्थानम बोर्ड द्वारा उच्च स्तरीय दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया। कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बी.डी.सिंह, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, अभिसूचना निरीक्षक सूर्य प्रकाश शाह आदि मौजूद रहे। इस बार श्री बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश के दानी दाताओं के सहयोग से बदरीनाथ धाम को फूलों से सजाया गया । मंदिर से सटे पुराने पुल से लेकर मुख्य मंदिर परिसर तक विभिन्न पुष्पों एवं तोरण द्वार से सजाया गया । श्री बदरीनाथ धाम में लाक डाउन का पूरी तरह लागू है दुकाने, होटल, ढाबे, आश्रम आदि बंद है। निकटवर्ती गांवों बामणी एवं माणा में भी आवाजाही नहीं है। तप्त कुंड, ब्रह्म कपाल तथा स्नान घाट भी शांत है अलकनंदा नदी का धीमा स्वर सुनाई दे रहा है।


उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना लाक डाउन के मद्देनजर शोसियल डिस्टेंसिंग सहित सरकारी एडवाइजरी का पालन किया गया। मास्क पहने गये एवं साफ सफाई का ध्यान रखा गया। यहां यह भी उल्लेखनीय है उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुल चुके हैं जबकि कोरोना महामारी संकट टलने के बाद शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। बताया कि श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल तथा श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट कपाट 11 मई को खुल चुके हैं जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को प्रात: खुल रहे है। भगवान श्री बदरीनाथ के कपाट आज शुक्रवार को सुबह ठीक 4-30 बजे पूरे विधान के साथ खोल दिए गए। इस बार बेहद सादगी के साथ कपाट खोले गए। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हकहकूकधारियो सहित केवल 11 लोग ही शामिल हो सके। इस दौरान मास्क के साथ सोशल डिस्टेसिग का पालन किया गया। इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड किया गया।


 


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हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...