रविवार, 10 मई 2020

गोवा के बाद मिजोरम की वायरस को मात

इंफाल। इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस की गंभीर चुनौती का सामना कर रहा है। वहीं गोवा के बाद एक और राज्य इस वायरस के संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त हो चुका है। यह राज्य है मिजोरम, जहां पर एकमात्र कोरोना संक्रमित व्यक्ति अब स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हो चुका है।


 संक्रमित पादरी के सभी नमूने पॉजिटिव, अब डिस्चार्ज
देश के पूर्वोत्तरीय राज्य मिजोरम के 50 वर्षीय एक पादरी ने नीदरलैंड की यात्रा की थी। 24 मार्च को उन्हें कोरोना से संक्रमित पाया गया था। मिजोरम राज्य के स्वास्थ्य मंत्री आर ललथंगलिआना ने बताया कि पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना से संक्रमित पादरी के सभी चार नमूने निगेटिव पाए गए। शनिवार को पादरी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।


अब मिजोरम में एक भी कोरोना मरीज नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,’मिजोरम को कोविड-19 मुक्त राज्य घोषित किया जा सकता है क्योंकि हमारे पास कोरोना का अब एक भी मरीज नहीं है।’ बता दें कि तनाव के बीच आई इस सकारात्मक खबर ने कोरोना वायरस के बचाव में कार्य कर रहे कोरोना वॉरियर्स के मनोबल को भी बढ़ाया है।


गोवा ने पिछले महीने दी थी कोरोना को मात
इससे पहले गोवा ने भी पिछले महीने कोरोना वायरस पर ‘जीत’ दर्ज कर लिया था। यहां कुल 7 मामले थे, जिसमें से आखिरी का सैम्‍पल भी नेगेटिव पाया गया। अब गोवा में आधिकारिक तौर पर एक भी कोरोना केस नहीं है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना (Coronavirus in India) का कहर लगातार जारी है। यहां कोरोने वायरस के अबतक 59,662 केस सामने आए हैं जिनमें से 1,981 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 17,847 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं।


ये खून से सनी रोटियां 'आलोचना'

ये खून से सनी रोटियां
संजीव परसाई
 आओ कुछ ऐसा करते हैं, जो 16 मर गए है, उनकी मौत का इल्जाम उन्हीं पर रक्खे देते हैं। अगर मरना ही था तो कुछ और तरीका भी अपना सकते थे। सड़क पर पुलिस चार डंडे मारती, पर यूं तो न होता। कोई नहीं, बस तुम खुद ही जिम्मेदार हो।


सत्यानाश जाए इनका, पटरी पर आकर सो गए। भला ये भी कोई सोने की जगह है। कोई होटल ले लेते, या किसी सर्किट हाउस में ही रुक जाते। कुछ नहीं मिल रहा तो ट्वीट कर देते, टैग कर देते। तुम्हारे लिए ट्विटर पर ही बिस्तर लगवा देते। तुमने तो अच्छे भले चल रहे लॉक डाउन और कोरोना के खिलाफ जंग में जीत का ऐलान कर चुकी सरकार पर कलंक लगा दिया। कहा तो था, लिखा भी कि घर से न निकलो,घर में रहो...अब तुम्हारे पास घर ही नहीं था तो हम क्या करें। रोटी नहीं थी तो दिया- मोमबत्ती जलाते, आसमान पर माला टांगते। एक कमरे का घर, न पानी, न पानीदार, न हवादार।
मीडिया चिल्लायेगा, तुम्हारी मौत का जिम्मेदार ढूंढेगा। हम तो कतई नहीं है, न न हममें से कोई भी नहीं है, उनकी तरफ क्यों देख रहे हो वो तो बिल्कुल भी नहीं है। 
हम देश के बारे में सोचते हैं, देश को जीते हैं, देश को ही मारते हैं, देश की सांस लेते हैं, देश को पकाते हैं और खाते भी। देश , देश और बस देश। भारत माता की जय...हमारा महान देश, महान सरकार, महान रेल और पटरियां, सिग्नल, इंजन, मालगाड़ी भी। तुम्हारे जैसे नामाकुलों के लिए सोचने का समय हमारे पास है कहाँ। हमें आपदा को उत्सव में बदलना है, चीत्कारों को खुशियों की चीख बना देना है, झर झर बह रहे आंसुओं को समुद्र की नमकीन लहरें बनाकर अठखेलियाँ करना है। 
तुमको उमरिया आना था, या शहडोल जाना था आखिर क्यों ??? धरा क्या था वहां, किसके लिए, कुपोषण, बजबजाते नरदे, पानी का संकट, पैदल, पटरी पटरी, भूखे, छाले, पिचके गाल, हाहाकार, चीख, खून, शरीरों के उड़ते हुए चिथड़े, मालगाड़ी, सरकार, वायदे, व्यवस्था, लॉक डाउन, टनटन करती थालियां और उनमें खून से सनी सूखी रोटियां, चंद रुपये, ढेर से ट्वीट और बहुत गहरी खामोशी। बस इतना ही तो है अपना उमरिया और बाकी का शहडोल...
तुम बोलोगे सरकार का दोष दो महीने में तुम्हें घर पहुंचाने का हल न निकाल पाना है या देश के गरीबों को इस हाल मैं लाकर पटक देना। असल में देश में अमीरों की लाई त्रासदी की कीमत तुमको ही चुकानी है। मरोगे, सड़क पर पीटे जाओगे, कुत्ते की तरह घसीटे जाओगे, गर सिस्टम से टकराओगे।
सैंकड़ो किलो मीटर पैदल चलके अपनी दम दिखाना चाहते हो। हमसे टक्कर लोगे, हम गारंटी से तुम्हें दो दिन में भूल जाएंगे। तुम्हारा स्मारक बनाकर लोगों को बताएंगे कि हमने सोलह की कीमत पर सबको बचा लिया, ये अपनी किस्मत से मरे हैं, किसी ने मारा नहीं है इनको। सारे जिंदा-मुर्दा ताली बजायेंगे, थाली बजायेंगे, कुछ घंटी बजायेंगे, फिर लोग फेसबुक पर शोक सभा आयोजित करेंगे, फिर मुर्दा अपनी ही गलती पर छाती पीटेंगे। पानी मांगता विपक्ष, चादर ओढ़ सो रहे समाजवादी, कटी दुम पर मलहम पट्टी कर रहे मजदूर संघ और सिगरेट के ठुट्ठे जमा कर रहे वामपंथी ये दिखेंगे तेरे साथ पर होंगे नहीं।
ये खून से सनी रोटियां, कुछ दिन जिंदा आदम जात के निवालों का हिस्सा बनेंगी, स्वाद बदल देंगी, कोई ग्लानि से आत्महत्या भी न करेगा, न शर्माएगा, बस अपनी चीख दबाएगा । वादा करते हैं हम तुम्हें जरूर भूल जाएंगे, एक हादसे, एक परिवार की मौत, सोलह परिवारों की मौत, कुपोषित लोकतंत्र, कुर्सी पर उकड़ू होकर बैठी सरकार, निर्लज्ज सिस्टम, संवेदनहीन नॉकरशाह, हाहाकार और बस हाहाकार।


सलमान का नया प्रोजेक्ट 'प्यार करो ना'

मुंबई। बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान लॉकडाउन के बाद भी नये प्रोजेक्टर पर काम कर रहे हैं। सलमान मुंबई से दूर अपने पनवेल स्थित फॉर्म हाउस में हैं। हाल ही में सलमान ने वहीं से प्यार करो ना गाना भी रिलीज किया था। इसे ख़ूब व्यूज़ भी मिले और फैंस ने अच्छा रिस्पॉन्स भी दिया। सलमान के साथ इस वक्त यूलिया वंतूर और जैकलीन फर्नांडीज भी हैं।


यूलिया ने बताया कि सलमान लॉकडाउन में भी लगातार काम कर रहे हैं। वह हमेशा काम करना पसंद करते हैं और वह इस समय भी एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि सलमान खान की आगामी फिल्म राधे : योर मोस्ट वांटेड भाई में जैकलीन का एक आइटम नंबर भी है। जैकलीन फर्नांडिज की फि़ल्म मिसेज सीरियल किलर हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई है।


मस्तराम की प्रेमिका बनेगी 'तारा'

मुंबई। एमएक्स प्लेयर की नई वेब सीरीज मस्तराम की इस समय काफी चर्चा है। यह वेब सीरीज एक ऐसे स्ट्रगलिंग राइटर की कहानी है जो अडल्ट मैगजीन के लिए लिखने लगता है। सीरीज में मुख्य रोल में अंशुमान झा नजर आ रहे हैं। उनके ऑपोजिट रेणु के किरदार में ऐक्ट्रेस तारा अलीशा बेरी नजर आ रही हैं। तारा का जन्म मुंबई में साल 1988 में एक बिजनसमैन गौतम बेरी के यहां हुआ था। तारा की मां भी मॉडल रह चुकी हैं। तारा के पिता गौतम बेरी की पहली शादी किरण खेर से हुई थी। इस हिसाब से तारा ऐक्टर सिकंदर खेर की सौतेली बहन हुईं। शुरुआती पढ़ाई के बाद तारा की हायर एजुकेशन अमेरिकन के कैलिफॉर्निया में हुई है।


तारा ने साल 2014 में मस्तराम नाम से ही आई हिंदी फिल्म से बॉलिवुड में डेब्यू किया था। उस फिल्म में भी तारा ने रेणु का किरदार निभाया था। तारा ने साल 2011 में आई तेलुगू फिल्म 100त्न लव से सिल्वर स्क्रीन पर डेब्यू किया था। तारा ने साल 2015 में मशहूर डायरेक्टर अनुराग बसु के साथ टीवी सीरीज स्टोरीज बाय रबिंद्रनाथ टैगोर के एक एपिसोड चोखेर बाली में भी काम किया था। तारा ने मशहूर डायरेक्टर विक्रम भट्ट की फिल्म लव गेम्स में अलीशा का किरदार निभाया था। यह फिल्म 2016 में रिलीज हुई थी। तारा ने मस्तराम से पहले लव लस्ट ऐंड कन्फ्यूजन और स्टेट ऑफ सीज में भी काम किया है। तारा अभी फिल्मों में नई ही मानी जाएंगी लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी फैन फॉलोइंग अच्छी-खासी है। इंस्टाग्राम पर उनकी तस्वीरें काफी पसंद की जाती हैं और अभी उनके 1.9 लाख फॉलोअर्स हैं।


अंडे का पीला भाग होता है खतरनाक

अंडा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे डॉक्टर्स भी खाने की सलाह देते हैं। आमतौर पर बॉडीबिल्डर्स और फिटनेस के शौकीन लोग अंडे का सेवन रोजाना करते हैं लेकिन उन्हें अंडे के पीले भाग को ना खाने की सलाह भी दी जाती है। क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है कि पीले भाग को खाने से मना क्यों किया जाता है?


अगर नहीं, तो कोई बात नहीं यहां हम आज आपको वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर अंडे के पीले भाग को खाने से होने वाले कुछ ऐसे नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं। इसका अधिक सेवन ना केवल आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक बन सकता है बल्कि अन्य कई प्रकार से भी आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
पहले जानिए क्या होता है अंडे का पीला भाग
सबसे पहले हम आपको बताना चाहेंगे कि अंडे के पीले भाग को जर्दी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, अंग्रेजी भाषा में इसे अंडे के पीले भांग भी कहते हैं। आगे चलकर यही भ्रूण की शक्ल लेता है जिसके कारण एक चूजा तैयार होता है। ऐसा माना जाता है कि भ्रूण में बहुत ज्यादा गर्मी होती है जो कई लोगों के लिए खाने के कुछ ही दिनों बाद नकारात्मक असर दिखाना शुरू कर देती है। आइए अब जानते हैं कि अंडे के पीले भाग को खाने से सेहत को क्या नुकसान हो सकता है…
इंफेक्शन का खतरा
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अंडे के पीले भाग को खाने से इंफेक्शन का खतरा भी कई गुना तक बढ़ जाता है। यह खतरा आपको तक ज्यादा रहता है जब कच्चे रूप में आप अंडे का सेवन करते हैं। इंफेक्शन का खतरा तब भी ज्यादा रहता है जब अंडे को 40 डिग्री के तापमान से ऊपर रखा गया हो। अंडे को खरीदने से पहले या जांच लें कि वह ठीक तरीके से सुरक्षित किया गया है।
कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए खतरा
सीडीसी के अनुसार ही यह भी बताया गया है कि कमजोर इम्यून सिस्टम वालों के लिए भी अंडे के पीले भाग का सेवन करना खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आप ऐसे अंडे के पीले भाग को खा रहे हैं जो किसी भी प्रकार से दूसरी तरह तो इस स्थिति में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है। दरअसल, दूषित हो जाने पर अंडे का पीला भाग बड़ी तेजी से क्रिया करता है जो शरीर के लिए हानिकारक माना जाता है। सीडीसी के अनुसार एचआईवी पीडि़त और ऑर्गन ट्रांसप्लांट वाले लोग अंडे के पीले भाग को खाने से जरूर बचें। ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर मानी जाती है।
डायबिटीज से पीडि़त रहें सावधान
जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें भी अंडे के पीले भाग को खाने से बचना चाहिए। दरअसल, ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि अंडे के पीले भाग में कोलेस्ट्रॉल की ज्यादा मात्रा पाई जाती है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी कई गुना तक बढ़ा सकता है। डायबिटीज के मरीज अगर अंडे के पीले भाग का सेवन नियमित रूप से कर रहे हैं तो कुछ ही दिनों बाद उन्हें डायरिया, बुखार, पेट में दर्द जैसी समस्याएं भी दिख सकती हैं। इसलिए स्वास्थ्य जोखिम को नजरअंदाज करते हुए अंडे के पीले भाग को खाने से बचे रहें।
हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है
अंडे के पीले भांग का सेवन करने के कारण हृदय रोगों का खतरा भी कई गुना तक बढ़ जाता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार इस बात की पुष्टि की गई है कि अंडे के पीले भाग में पाई जाती है। इस कारण यदि आप अंडे के पीले भाग का नियमित रूप से अधिक मात्रा में सेवन कर रहे हैं तो यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ा देगा जो आपको हृदय रोग की चपेट में बड़ी आसानी से ला सकता है।


मनोज सिंह ठाकुर


भारत-चीनी सैनिकों के बीच झड़प

नई दिल्ली। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की खबरें सामने आई हैं। बताया जा रहा है कि उत्तरी सिक्किम में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। ना कुला सेक्टर में यह झड़प हुई. खबरों के मुताबिक दोनों ही तरफ के लगभग आधा दर्जन सैनिक घायल हुए हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक बातचीत के बाद मसला सुलझा लिया गया है।


बता दें कि बीते साल भी भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर सामने आई थी। लद्दाख में पेंगोंग झील के पास भारतीय और चीनी सैनिकों में पेट्रोलिंग को लेकर टकराव हुआ था। दोनों के बीच धक्कामुक्की भी हुई थी जिसके चलते ‘फेसऑफ’ की स्थिति बन गई। बाद में दोनों देशों के ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत के बाद मामला सुलझा।


मालूम हो कि साल 2017 में इसी जगह के आसपास भारतीय और चीनी सैनिकों में जमकर मारपीट हुई थी। पेट्रोलिंग के दौरान भारतीय जवानों का सामना चीन के पीपल्स लिब्रेशन आर्मी के सैनिकों से हुआ। इसी दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच बहस के बाद धक्का मुक्की शुरू हो गई।


आधुनिकता में खो गया 'कुम्हार'

गोविन्द तिवारी 
 आधुनिकता की अंधी दौड़ व उसकी चकाचौंध ने पारंपरिक व्यवसायों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। वहीं कुछेक पारंपरिक व्यवसाय खत्म होने के कगार पर हैं, जैसे कुम्हारों का मिट्टी के बर्तन बनाना ,कसेरों (कंसारी ) का कांसे का बर्तन बनाना, लोहारों का लोहारी कार्य, बुनकरों का बुनकर कार्य, सुनारों का सुनारी कार्य सहित कई समाजों के पारंपरिक व्यवसाय को वक्त की आंधी ने तबाह कर दिया है। मई का महीना चल रहा है काफी गर्मी पड़ रही है इस गर्मी के मौसम में कुम्हारो की जिंदगी से खुशियों के रंग गायब हो गए हैं। दूसरों के जीवन में खुशियां बिखेरने वाले ये कुम्हार अब अपने पुश्तैनी काम से काफी तंग आ चुके हैं क्योंकि आधुनिकता व मशीनी युग ने उनके पुश्तैनी व्यवसाय को लील लिया है। मई का महीना जो कि शादी-ब्याह का महीना होता है और इस महीने में अन्य व्यवसायों की तरह इनके व्यवसाय की भी काफी पूछ परख रहती है, लेकिन इस बार इनके व्यवसाय में सन्नाटा पसरा हुआ है। लॉकडाउन की वजह से शादियां रद्द होने के चलते इनके व्यवसाय को काफी नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार ग्रीष्म के इस चिलचिलाती धूप में पहले जगह-जगह सार्वजनिक संस्थाओं के द्वारा प्याऊ घर खोले जाते थे, जिनके लिए लोग कुम्हारों से ही घड़े खरीदते थे। वहीं अब जगह-जगह लोगों के द्वारा वाटर कूलर लगा दिए गए हैं जिससे इन कुम्हारोंं का व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है . हिंदू धर्म के अनेक संस्कारों में मिट्टी से बने बर्तनों का उपयोग होता है। दीपावली जिसे दीपों का त्यौहार भी कहा जाता हैं ।इन मिट्टी के दीपों की रोशनी से सारा घर आंगन जगमग हो जाता है। छत्तीसगढ़ जिसे तीज त्यौहारो वाले प्रदेश के रूप में जाना जाता हैं । मिट्टी का घड़ा जिसे देसी फ्रिज भी कहा जाता है और जिसका शीतल जल पीकर प्यासे कंठ की प्यास बुझ जाती है, गला तर हो जाता है . दूसरों के प्यासे कंठ की प्यास बुझाने वाले कुम्हार जाति के ये लोग आज खुद प्यासे हैं क्योंकि आधुनिकता के चलते लोगों ने मिट्टी के घड़ों की जगह फ्रिज को अहमियत देना शुरू कर दिया है . कुल मिलाकर कहा जाय तो पुश्तैनी धंधे की दयनीय हालत के चलते कुम्हारों का जीवन संकट में है . बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार कुम्हारों की पीड़ा समझते हुए उनकी मदद के लिए आगे आएगी ?


 


अतुलनीय भाव है 'मां'

मां अपने बच्चों को अपने जान से ज्यादा करती हैं प्यार
मां अपने बच्चों में कभी भी भेद भाव नहीं करती चाहे बच्चे कैसे भी रहें
केपी पटेल
भारतीय संस्कृति में मां को विशेष रूप से भारत में कई नामों से पुकारा जाता है, जैसे की मां, अम्मा, ताई, आई, माई, मॉम, मम्मी, अव्वा आदि शामिल हैं। हम जब भी मां से बात करते हैं तो हमारी आंखों में अलग से खुशी की चमक दिखाई देती है और इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ मां का असीम प्रेम छुपा होता है। इस संसार में मां एक ऐसा शब्द है जिसकी तुलना किसी दूसरे शब्द से नहीं की जा सकती। कहते हैं कि भगवान ब्रह्मा ने जब इस सृष्टि की रचना की थी उसकी सर्वश्रेष्ठ सृष्टि मां ही थी। भगवान हर किसी के पास नहीं जा सकते, इसीलिये उन्होंने मां को बनाया और उन्हें हम सभी के पास भेज दिया।



दुनिया में मां ही भगवान की एक ऐसी रचना है जो अपने बच्चों का कभी बुरा नहीं चाहती। खुद कष्ट सहेगी लेकिन अपने बच्चों को परेशान नहीं देखेगी। यही नहीं, दुनिया में ऐसे हजारों किस्से सुनने को मिलते हैं जहां मां खुद भूखी रहकर अपने बच्चों को खाना खिलाती हैं। मां कभी भी अपने पुत्र का बुरा नही चाहती है माँ खुद भूखी सो सकती है लेकिन कभी भी अपने संतान को भूखा नही सोने देती है और जिसपर माँ की असीम कृपा हो जाए उसे दुनिया में सर्वश्रेष्ट स्थान मिल जाता है आईये आपको माँ की ममता और माँ के दिखाए रास्ते की एक छोटी सी कहानी बताते है जो हमे माँ की ममता और आत्म सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग दिखाता है। मदर्स डे अलग-अलग देशों में अलग-अलग परंपरा से मनाया जाता है और इस दिन बच्चे अपनी मां को तरह-तरह के उपहार भेंट कर उनका सम्मान किया जाता है। यही नहीं, मां के सम्मान में लिखे गए गीत, कहानियां सुनाने के अलावा नाटक आदि का आयोजन किया जाता है।



भारत जैसे देश में मातृ दिवस के लिये कोई तारीख निर्धारित नहीं होती, क्योंकि हमें पूरे जीवनभर मां का सम्मान करने की बात सिखायी जाती है। इसलिए केवल एक ही दिन मां के लिये कुछ करना या उनका सम्मान करना कोई मायने नहीं रखता। मां ही है जो जिन्दगी भर अपने बच्चों की भलाई और विकास के बारे में सोचती है। वह सोचती है कि ऐसा क्या करें जो उसके संतान पूरी जिन्दगी आराम से बिताए और उन्हें कोई परेशानी न हो। मां अपने बच्चों को अपने जान से भी ज्यादा प्यार करती है। बच्चे चाहे कैसे भी हों रंग, रूप, बनावट, सुंदरता इत्यादि पर कभी भी बच्चों पर भेद भाव नहीं करते और एक समान सभी बच्चों को प्यार देते हैं और उनके सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर प्रयास करते हैं। बच्चे अपना कोई भी इच्छा हो सबसे पहले अपने मां को बताते है जिसके माध्यम से बाद में पिता (पापा) को पता चलता है।


इसलिए मदर्स डे के दिन आपको अपनी मां से पहले उठ जाना चाहिए और मां के उठने पर उसके चरणों पर फूल रखकर उसे नमन करना चाहिए। ऐसा करने से मां के चेहरे पर जो मुस्कान दिखेगा और उसके आशीर्वाद से आपके जीवन का कल्याण होगा! मां के गर्भ में आने के लिए भगवान भी तरसते है और मां के प्यार पाने के लिए और संसार की सेवा करने के लिए देवी देवताओं और महापुरूषों ने कई बार जन्म लिए है जिनका उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत है जैसे श्रीराम, श्री कृष्ण, श्री गौतम बुद्ध, महात्मा गांधी, भगत सिंह इत्यादि।


एयर इंडिया के 5 पायलट संक्रमित

नई दिल्ली। एयर इंडिया के पायलट भी कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। एयर इंडिया के 5 पायलट कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उड़ान भरने से 72 घंटे पहले हुई जांच में इन्हें कोरोना पॉजिटिव पाया गया. ये सभी पायलट मुंबई में हैं और पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें उचित मेडिकल निगरानी में रखा गया है। एयर इंडिया के सूत्रों ने बताया कि ये पायलट कार्गो विमान लेकर कुछ दिन पहले ही चीन गए थे।


एयर इंडिया के पांचों पायलट ऐसे समय कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं जब विदेश महत्वपूर्ण वंदे भारत मिशन चलाया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना लॉकडाउन के बीच देश के दूर दराज के इलाकों मे जरूरी समान और दवाएं पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वंदे भारत मिशन के तहत विदेश से लगातार भारतीयों की एयर इंडिया के विमान वापसी कराई जा रही है। पिछले 24 घंटे में 800 से ज्यादा भारतीयों की वतन वापसी हुई है।


बता दें कि विदेशों में फंसे प्रवासियों को लेकर 12 देशों से फ्लाइट्स आ रही हैं और देश के 14 शहरों में 64 फ्लाइट्स लैंड करेंगी। ये फ्लाइट्स छोटे एयरपोर्ट्स पर भी लैंड करेंगे और इस बात का ख्याल रखा जाएगा कि लोग अपने घर के करीब जगह पर उतरें। वंदे भारत मुहिम को पूरा करने में एयर इंडिया अहम भूमिका निभा रही है। बताया जा रहा है कि खाड़ी देशों से 27 उड़ानें, संयुक्त अरब अमीरात से 11, पड़ोसी देश बांग्लादेश से 7, दक्षिण-पूर्व एशिया से 14, अमेरिका के 4 हवाई अड्डों से 7 उड़ानें और लंदन से 7 उड़ानें भारत के लिए रवाना होने वाली हैं।


हादसे में 5 की मौत, 13 की हालत गंभीर

रोनक दुबे


नरसिंहपुर। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में आज देर रात आम से भरा ट्रक पलटने से 5 मज़दूरों की मौत हो गई, जबकि 13 मज़दूर गम्भीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा रहा है। सभी मज़दूर हैदराबाद से आम के ट्रक में छिपकर उत्तर प्रदेश के झांसी जा रहे थे।


जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के चलने परिवहन की व्यवस्था न होने की वजह से ये मजदूर आम के ट्रक में छिपकर हैदराबाद से झांसी जा रहे थे। तभी नरसिंहपुर जिले के पाठा गांव के पास ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया और इस हादसे में पांच मज़दूरों की जान चली गई। हादसे में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए जबलपुर रेफ़र किया गया है। अन्य 11 घायलों का इलाज जिला अस्पताल में जारी है। घायल मज़दूरों में से एक को कुछ दिन से सर्दी खांसी की परेशानी थी जिसके चलते मृतकों सहित सभी के कोरोना सैम्पल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं। घटना की जानकारी लगते ही जिले के कलेक्टर एसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल पहुंचाया। कलेक्टर ने इस घटना में पांच मज़दूरों की मौत की पुष्टि की है।


औरंगाबाद में 16 मजदूरों की हुई थी मौत


लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की घर वापसी और रास्ते में हादसे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार सुबह महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। भुसावल की ओर पैदल जा रहे ये मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे। ये सभी महाराष्ट्र के जालना की एक स्टील फैक्टरी में काम करते थे।


90 लाख लोगों को रोजगार देगी सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) का बेहद संपन्न इतिहास रहा है। हर जिले के खास उत्पाद (एक जिला एक उत्पाद) इसका सबूत है। अब इन्हीं एमएसएमई उद्योगों और एक जिला एक उत्पाद के जरिए सरकार करीब 90 लाख अतिरिक्त रोजगार के अवसर मुहैया कराएगी।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि हर एमएसएमई में रोजगार का एक अतिरिक्त अवसर पैदा किया जाए। मालूम हो कि प्रदेश में फिलहाल एमएसएमई की 90 लाख इकाइयां भी हैं। नई लगने वाली इकाईयों के लिए पर्यावरण के साथ सभी तरह के अनापत्ति प्रमाणपत्रों के नियमों को सरल किया जाएगा। पारदर्शिता के लिए ये सारे प्रमाणपत्र सिंगल विंडो सिस्टम से तय समय में मिलेंगे।


एमएसएमई सेक्टर का हब बनेगा उप्र: योगी


रविवार को अपने निर्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि उप्र में यह सेक्टर पहले की ही तरह अपने गौरव को प्राप्त करे यह मेरी प्रतिबद्धता है। कोरोना के मौजूदा संकट ने हमको यह अवसर दिया है। हम इसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर प्रदेश को एमएसएमई सेक्टर का हब बनाएंगे। इससे न्यूनतम पूंजी, न्यूनतम जोखिम में स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही नये उप्र का निर्माण भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सेक्टर के तहत इकाई लगाने वाले उद्यमी 1000 दिनों के आखिरी सौ दिनों में आवेदन कर अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। इकाई लगाने वाले हर उद्यमी को आसान शर्तों पर बैंकर्स लोन देंगे। इसके लिए हर जिले में 12 से 20 मई तक विशाल लोन मेले आयोजित होंगे। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकर्स को इस बाबत निर्देश दिये जा चुके हैं।उद्योग लगाने वालों को मोटीवेट करने के लिए बनाएं कार्ययोजनाः मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की इकाईयां लगाएं इसके लिए अधिकारी संबंधित लोगों को मोटीवेट करें। यह कैसे करना है इसके लिए जितनी जल्दी संभव हो विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। मंदी के बावजूद पिछले तीन वर्षों में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि में इस सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है। आगे हम इसीके जरिए प्रति व्यक्ति आय में और इजाफा करेंगे।


दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने बदली करवट

नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट ली है। राजधानी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में कई इलाकों में तेज आंधी-तूफान है। धूल-भरी तेज हवाओं से चारों और धुंध छा गई है। सड़कों से लेकर आसमान तक धूल ही धूल दिखाई दे रही है।


एक तरफ जहां धूल भरी आंधी और तूफान से सड़कों पर अंधेरा छा गया तो वहीं दूसरी ओर कुछ जगहों पर बारिश होने से लोगों को पिछले कई दिनों से जारी उमस भरी गर्मी से राहत भी मिली है। बता दें कि मौसम विभाग ने 10 मई के बाद मौसम बदलने की संभावना जताई थी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से दिल्ली-एनसीआर में अचानक मौसम का रूख बदला है. तेज हवाओं के साथ हल्की-बूंदाबादी के तापमान में भी गिरावट आई है। बता दे कि दिल्ली-एनसीआर में रविवार सुबह से ही बादल छाए हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ कुलदीप श्रीवास्तव का कहना है कि मौसम का यह बदलाव अभी जारी रहेगा। गौरतलब है कि शनिवार को लोग उमस भरी गर्मी से लोग काफी परेशान थे। ऐसे में मौसम में बदलाव से लोगों को काफी राहत मिली है। वहीं, तेज हवाओं के साथ हल्की बूंदाबांदी से तापमान में गिरावट आई है। हालांकि, किसानों के लिए मुश्किल का वक्त है क्योंकि फसल बर्बाद होने का डर है।


बांग्लादेश से 129 लोगों को वापस लाएं

नई दिल्ली। राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया की एक उड़ान के जरिए 129 लोगों को ढाका से राष्ट्रीय राजधानी के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर वापस लाया गया। इस उड़ान का संचालन वंदे भारत मिशन के तहत किया गया था, जो विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए चलाया जा रहा है। ढाका-दिल्ली फ्लाइट अपराह्न् 3.06 बजे 129 यात्रियों को वापस लेकर आई। जबकि एक और कुवैत-हैदराबाद फ्लाइट के रात नौ बजे आने की उम्मीद है। इस बीच, एयर इंडिया एक्सप्रेस ने दिन में दो निकासी उड़ानें संचालित कीं। इनके जरिए शनिवार को दुबई से 356 यात्रियों और तीन शिशुओं को लाया गया और ये उड़ानें चेन्नई में उतरीं।


एयर इंडिया एक्सप्रेस के एक अधिकारी के अनुसार, पहली उड़ान आईएक्स 612 तीन शिशुओं और 179 यात्रियों के साथ अपराह्न् 1.10 बजे सुरक्षित उतरी। वहीं 177 यात्रियों के साथ दूसरी उड़ान (आईएक्स 540) अपराह्न् लगभग दो बजे लैंड हुई। इसके अतिरिक्त, इन दोनों एयरलाइनों ने भारत के ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत बड़े पैमाने पर उड़ानों का संचालन किया है, जो विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाया जा रहा है।


शराब दुकानें बंद, हाईकोर्ट का आदेश

शराब दुकानों को बंद रखने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी


चैन्नई। तमिलनाडु सरकार ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण लागू लॉकडाउन के खत्म होने तक शराब की दुकानों को बंद रखने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। शराब की दुकानों को बंद रखने का निर्देश हाईकोर्ट द्वारा शुक्रवार को राज्य के स्वामित्व वाली तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन (टीएएसएमएसी) को दिया गया।


सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे लॉकडाउन के बीच सामाजिक दूरी के अनुपालन को बरकरार रखते हुए शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी के विकल्प पर विचार करे। राज्य सरकार ने याचिका में कहा कि शीर्ष अदालत ने शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, क्योंकि राज्य के क्षेत्र में यह एक नीतिगत मामला है।


निजी चाय की दुकानें खोलने का आदेश

चेन्नई। तमिलनाडु सरकार ने शनिवार को दुकानों और अन्य निजी कारोबार के लिए कुछ ढील की घोषणा की, और सोमवार से चाय के स्टाल्स कुछ शर्तों के साथ फिर से खोलने की अनुमति दे दी। सरकार ने यहां जारी एक बयान में कहा कि चाय के स्टाल खोले जा सकते हैं, लेकिन सिर्फ पार्सल बिक्री के लिए। स्टॉल के अंदर और बाहर किसी को चाय पीने की अननुमति नहीं होगी।


सरकार ने कहा कि चाय के स्टाल्स दिन में पांच बार सैनिटाइज किए जाएंगे और उन्हें सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक खोला जा सकता है। सरकार ने ग्रेटर चेन्नई पुलिस अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले सभी निजी प्रतिष्ठानों को भी 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ सुबह 10.30 बजे से शाम छह बजे तक चलाने की अनुमति दे दी है। इसके बाहर के कारोबारों के लिए समय सीमा सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक है।


सरकार ने यह भी कहा है कि आवश्यक वस्तुओं की दुकानें चेन्नई में सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक खुली रह सकती हैं, औैर आसपास के इलाकों में अकेली दुकानें सुबह 10.30 बजे से शाम छह बजे तक खुली रह सकती हैं। चेन्नई में ईंधन आउटलेट्स सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक खुले रह सकते हैं, और चेन्नई के बाहर ईंधन आउटलेट्स सुबह छह बजे से शाम आठ बजे तक और जो आउटलेट्स राजमार्गो पर हैं, वे 24 घंटे खुले रह सकते हैं।


कैदियों को जमानत से 45 दिन तक राहत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने 2,177 विचाराधीन कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है। इन कैदियों को उनकी अंतरिम जमानत खत्म होने की तारीख से आगे 45 दिनों तक की राहत दी गई है।


विस्तार की घोषणा करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एक पीठ ने कहा, महानिदेशक (जेल) यह सुनिश्चित करेंगे कि इस आदेश को सभी 2,177 विचाराधीन कैदियों को टेलीफोन द्वारा और साथ ही अन्य उपलब्ध माध्यमों से सूचित किया जाए। डीएसएलएसए सदस्य सचिव इस संबंध में महानिदेशक (जेल) के साथ समन्वय करेंगे।


सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस विस्तार से कोई आपत्ति नहीं है। दरअसल एक समिति ने हाल ही में सिफारिश की थी कि 2,177 विचाराधीन (अंडरट्रायल) कैदियों की अंतरिम जमानत को और बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में चल रहे कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए उन्हें वापस जेल में डालना खतरनाक होगा। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा था कि कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि नौ मई को या उसके बाद समाप्त होनी शुरू हो जाएगी। समिति की ओर से कहा गया कि अभी भी कोरोना के हालात पहले जैसे ही हैं। ऐसे में जेल में जगह की कमी होने के कारण एकांतवास केंद्र बनाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, इसलिए समिति ने मांग की कि अंतरिम जमानत की इस अवधि को और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। समिति ने साथ ही यह भी महसूस किया कि अगर अंतरिम जमानत के विस्तार की मांग प्रत्येक कैदी के लिए अलग-अलग की गई तो इससे न्यायपालिका के समय की भी बर्बादी होगी। इसलिए समिति ने मांग की कि एक साथ सभी कैदियों की 45 दिनों की अतिरिक्त अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।


गत्ता फैक्टरी में आग, फायर टेंडर पहुंचे

नई दिल्ली। दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में रविवार सुबह एक गत्ता फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग को बुझाने के लिए कुल 14 फायर टेंडर मौके पर पहुंचे। यह कारखाना बवाना औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 2 में स्थित है। यहां कारखाने की पहली मंजिल पर आग लग गई।


दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, “आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस घटना में किसी के हताहत या घायल होने की सूचना नहीं है और कोई भी व्यक्ति कारखाने के अंदर नहीं फंसा। आग के बारे में जानकारी एक फोन कॉल के जरिए सुबह 7.55 बजे मिली थी जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। गर्ग ने कहा, “अग्निशमन अभियान अभी चल रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-274 (साल-01)
2. सोमवार, मई 11, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


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शनिवार, 9 मई 2020

मृतक संख्या 1983 संक्रमित-59665

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अभी वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 59662 है, जबकि 1983 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर  59665 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 1983 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 59665  केसों में 39834 एक्टिव केस हैं, वहीं  17847 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।


दिल्ली के बड़े अस्पतालों में 1451, कोविड स्वास्थ्य केंद्र में 203 और कोविड निगरानी केंद्र में 1136 मरीज भर्ती हैं। इनके अलावा होम आइसोलेशन में पहली स्टेज के कोरोना संक्रमित 937 मरीज हो चुके हैं। दिल्ली में अब तक 81367 सैंपल की जांच हो चुकी है, जिनमें से 4135 सैंपल शुक्रवार को जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं। दिल्ली में फिलहाल 84 कंटेनमेंट जोन हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 18 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।


संक्रमण का दायरा, चपेट में उद्बबिलाव

नई दिल्ली। कुत्ते, बिल्ली, बाघ और शेर के कोरोना वायरस से शिकार होने के बाद अब ऊदबिलाव (Mink) भी इस बीमारी से संक्रमित होने वाले जानवरों की लिस्ट में शामिल हो गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड्स के एक फर फार्म में दो ऊदबिलाव नए कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए।


इससे पहले पिछले महीने ही न्यूयार्क से ख़बर आई थी, कि वहां एक चिड़ियाघर में शेर और बाघों को उनका ध्यान रखने वाले कर्मियों से कोरोना वायरस का संक्रमण लग गया।मेलबर्न विश्वविद्यालय के डॉ. पेटा हिचेंस ने कहा कि कोरोना वायरस लुप्तप्राय वन्यजीवों के लिए "विनाशकारी" साबित हो सकता है और अब हमें उन्हें बचाने के लिए काम शुरू कर देना चाहिए। इसमें वन्यजीव व्यापार और तस्करी पर पूरी तरह से नियंत्रण भी शामिल है, साथ ही पारितंत्र के संरक्षण की जहां मानव अतिक्रमण और विनाश के कारण हमारे और जंगली जानवरों के बीच दूरियां कम हो गई हैं। डॉक्टर हिचेंस ने कहा कि ऊदबिलाव का कोरोना वायरस से संक्रमित होना हैरान करने वाली बात नहीं है। साल 2003 में जब SARS फैला था, तो कम से कम 16 प्रजातियां इसकी चपेट में आई थीं, जिसमें ऊदबिलाव, बिज्जू (palm civet), चमगादड़, होर्सशू चमगादड़ की कई प्रजातियां, लाल लोमड़ी, जंगली सूअर, रैकून और पाल्तू बिल्ली व कुत्ते जैसे जानवर शामिल थे। नीदरलैंड्स के अधिकारियों का मानना है कि खेतों में काम करने वाले किसानों से ऊदबिलाव संक्रमित हो गए। तभी से किसानों को क्वारेंटीन में रखा गया था। साल 2013 में ही ऊदबिलाव को पालना बैन कर दिया था, जबकि ऊदबिलाव के मौजूदा फार्म को 2024 तक बंद करना होगा। अंतरराष्ट्रीय और यूके की हुयूमन सोसाइटी की एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर क्लेयर बास ने कहा कि जानवर कई सालों से कई तरह के कष्ट झेल रहे हैं, और अब उनसे कई तरह की बीमारियां फैलना का डर भी है, इसलिए अब फैशन इंडस्ट्री के पास फर-फ्री होने का काफी अच्छा मौका है, साथ ही सरकार को भी इस घिनौने धंधे पर विराम लगाने की ज़रूरत है। कोविड-19 के प्रकोप से हमें एक बात सीखने को ज़रूर मिली है कि अगर हम जानवरों का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ेंगे, तो इसके परिणाम मानव और जानवरों दोनों के लिए गंभीर हो सकते हैं।"


'मोदी सरकार' एक बदनुमा दाग

 प्रवासी मजदूरों की लगातार खाने रहने और इलाज की दिक्कतें बढ़ते जाने और केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर अभी तक कोई समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार की ही तरह  भाजपा के सांसदों  को गरीब मजदूर किसान और उनके हितों और छत्तीसगढ़ से कोई सरोकार नहीं है। औरंगाबाद में बेहद दर्दनाक घटना हुई है।मजदूरों का सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना और अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद करना केंद्र सरकार के ऊपर एक बदनुमा दाग है। गर्भवती महिला को सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है अपने गांव घर पहुंचने के लिए और मजदूरों की जाने जा रही हैं और केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है इस स्थिति को कांग्रेस पार्टी स्वीकार नहीं करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भूख प्यास और थकान के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता  कम हो जाती है । भूखे प्यासे और पैदल चलने के कारण थके मजदूर वायरल संक्रमण के आसानी से शिकार बनते हैं। केंद्र सरकार ने लॉक डाउन करने के 4 दिन पहले से जो ट्रेनें बंद की उसका परिणाम आज देश का गरीब मजदूर किसान भुगत को मजबूर है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अपने घर गांव लौटने के लिए बेबस मजदूर भूख प्यास थकान और करोना का शिकार बनने के लिये मजबूर किये गये। भारत का इतिहास इस त्रासदी के लिए कभी मोदी सरकार को माफ नहीं करेगा नोटबंदी की तरह ही लॉक डाउन भी बिना किसी योजना के मोदी सरकार ने किया। नोटबंदी की तरह लॉक डाउन में भी समाज के सबसे कमजोर और गरीब वर्गों के लोग शिकार बने।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से बाहर कमाने खाने गए हुए मजदूरों को रोजी-रोटी तो नहीं मिली और जो देखकर लेकर बाहर गए थे उस कर्ज का बोझ भी उनके सर पर खड़ा है। हर साल बाहर गए हुए प्रवासी मजदूर मई माह में वापस छत्तीसगढ़ आकर अपनी खेती किसानी की तैयारी में जुट जाते थे। प्रवासी मजदूरों की अब तक वापसी ना हो पाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ के लिए जल्दी से जल्दी ट्रेनें चलाई जाने की कांग्रेस की मांग दोहराई है।


'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन

'पत्रकार' की गोलियों से भूनकर हत्या की, प्रदर्शन  संदीप मिश्र  जौनपुर। बाइक पर सवार होकर जा रहे पत्रकार की दिनदहाड़े गोलियों से भूनक...