रविवार, 10 मई 2020

अतुलनीय भाव है 'मां'

मां अपने बच्चों को अपने जान से ज्यादा करती हैं प्यार
मां अपने बच्चों में कभी भी भेद भाव नहीं करती चाहे बच्चे कैसे भी रहें
केपी पटेल
भारतीय संस्कृति में मां को विशेष रूप से भारत में कई नामों से पुकारा जाता है, जैसे की मां, अम्मा, ताई, आई, माई, मॉम, मम्मी, अव्वा आदि शामिल हैं। हम जब भी मां से बात करते हैं तो हमारी आंखों में अलग से खुशी की चमक दिखाई देती है और इसकी वजह सिर्फ और सिर्फ मां का असीम प्रेम छुपा होता है। इस संसार में मां एक ऐसा शब्द है जिसकी तुलना किसी दूसरे शब्द से नहीं की जा सकती। कहते हैं कि भगवान ब्रह्मा ने जब इस सृष्टि की रचना की थी उसकी सर्वश्रेष्ठ सृष्टि मां ही थी। भगवान हर किसी के पास नहीं जा सकते, इसीलिये उन्होंने मां को बनाया और उन्हें हम सभी के पास भेज दिया।



दुनिया में मां ही भगवान की एक ऐसी रचना है जो अपने बच्चों का कभी बुरा नहीं चाहती। खुद कष्ट सहेगी लेकिन अपने बच्चों को परेशान नहीं देखेगी। यही नहीं, दुनिया में ऐसे हजारों किस्से सुनने को मिलते हैं जहां मां खुद भूखी रहकर अपने बच्चों को खाना खिलाती हैं। मां कभी भी अपने पुत्र का बुरा नही चाहती है माँ खुद भूखी सो सकती है लेकिन कभी भी अपने संतान को भूखा नही सोने देती है और जिसपर माँ की असीम कृपा हो जाए उसे दुनिया में सर्वश्रेष्ट स्थान मिल जाता है आईये आपको माँ की ममता और माँ के दिखाए रास्ते की एक छोटी सी कहानी बताते है जो हमे माँ की ममता और आत्म सम्मानपूर्वक जीवन जीने का मार्ग दिखाता है। मदर्स डे अलग-अलग देशों में अलग-अलग परंपरा से मनाया जाता है और इस दिन बच्चे अपनी मां को तरह-तरह के उपहार भेंट कर उनका सम्मान किया जाता है। यही नहीं, मां के सम्मान में लिखे गए गीत, कहानियां सुनाने के अलावा नाटक आदि का आयोजन किया जाता है।



भारत जैसे देश में मातृ दिवस के लिये कोई तारीख निर्धारित नहीं होती, क्योंकि हमें पूरे जीवनभर मां का सम्मान करने की बात सिखायी जाती है। इसलिए केवल एक ही दिन मां के लिये कुछ करना या उनका सम्मान करना कोई मायने नहीं रखता। मां ही है जो जिन्दगी भर अपने बच्चों की भलाई और विकास के बारे में सोचती है। वह सोचती है कि ऐसा क्या करें जो उसके संतान पूरी जिन्दगी आराम से बिताए और उन्हें कोई परेशानी न हो। मां अपने बच्चों को अपने जान से भी ज्यादा प्यार करती है। बच्चे चाहे कैसे भी हों रंग, रूप, बनावट, सुंदरता इत्यादि पर कभी भी बच्चों पर भेद भाव नहीं करते और एक समान सभी बच्चों को प्यार देते हैं और उनके सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए हर प्रयास करते हैं। बच्चे अपना कोई भी इच्छा हो सबसे पहले अपने मां को बताते है जिसके माध्यम से बाद में पिता (पापा) को पता चलता है।


इसलिए मदर्स डे के दिन आपको अपनी मां से पहले उठ जाना चाहिए और मां के उठने पर उसके चरणों पर फूल रखकर उसे नमन करना चाहिए। ऐसा करने से मां के चेहरे पर जो मुस्कान दिखेगा और उसके आशीर्वाद से आपके जीवन का कल्याण होगा! मां के गर्भ में आने के लिए भगवान भी तरसते है और मां के प्यार पाने के लिए और संसार की सेवा करने के लिए देवी देवताओं और महापुरूषों ने कई बार जन्म लिए है जिनका उदाहरण आपके सामने प्रस्तुत है जैसे श्रीराम, श्री कृष्ण, श्री गौतम बुद्ध, महात्मा गांधी, भगत सिंह इत्यादि।


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