सोमवार, 4 मई 2020

अमेरिका-चीन के बीच बड़ी रंजिश

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका और चीन के बीच की पुरानी रंज़िशें कोविड 19 की महामारी और आने वाले अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों की वजह से एक बार फिर परवान चढ़ती हुई दिख रही हैं।


इस हफ़्ते दोनों देशों की जुबानी जंग फिर इंतेहा पर पहुंच गई। आख़िर चीन पर अमरीका जिस तरह से तल्खी दिखा रहा है, इसके पीछे उसकी रणनीति क्या है, उसे क्या हासिल होगा। दोबारा राष्ट्रपति बनने की अपनी मुहिम में इस हफ़्ते तो राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक तरह से खेल ही बदल दिया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स से उन्होंने कहा राष्ट्रपति चुनावों में मुझे हराने के लिए चीन कुछ भी कर गुजरेगा।


ऐसा लग रहा है कि चीन के ख़िलाफ़ ट्रंप के हल्ला बोल के साथ ही अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के एक नए चरण में दाखिल हो गया है और राष्ट्रपति ट्रंप कोविड 19 की महामारी के इर्द गिर्द घूम रहे इलेक्शन कैम्पेन का एजेंडा अब बदलने की कोशिश कर रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी की रणनीति
इससे संकेत मिलते हैं कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच उतार चढ़ाव भरे रिश्तों को और मुश्किल हालात का सामना कर पड़ सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप की योजना अमरीका की फलती फूलती अर्थव्यवस्था को अपने इलेक्शन कैम्पेन में प्रमुखता से जनता के सामने रखने की थी लेकिन वो धराशायी हो गई। चुनाव सर्वेक्षण ये बता रहे हैं कि प्रमुख राज्यों में राष्ट्रपति ट्रंप के लिए समर्थन घटा है। कोरोना संकट से निपटने में उनके प्रदर्शन की आलोचना हो रही है। इन सब के बीच चीन, जहां से महामारी की शुरुआत हुई थी, पर ये आरोप लग रहे हैं कि उसने इसे दुनिया भर में फैलने से रोकने के लिए बेहद सुस्ती से क़दम उठाये। दरअसल, ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की रणनीति पूर्व उपराष्ट्रपति जोए बाइडन को निशाना बनाने की है। इस साल होने वाले अमरीकी चुनाव में जोए बाइडन का डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ़ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है।


चुनावी एजेंडे में चीन का मुद्दाः ट्रंप के सहयोगी संगठन अमरीका फर्स्ट एक्शन ने बीजिंग बाइडन टाइटल से विज्ञापन जारी कर उन पर चीन को शह देने का इल्ज़ाम लगाया गया है. दूसरे खेमे ने भी पलटवार किया है। जोए बाइडन की तरफ़ से ये आरोप लगाया गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने महामारी से निपटने में पहले सुस्ती दिखाई फिर अपनी नाकामी का दोष दूसरे पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। बाइडन की कैम्पेन टीम का ये भी कहना है कि ट्रंप प्रशासन ने कोरोना वायरस के बारे में चीन की शुरुआती जानकार पर ज़रूरत से ज़्यादा ही भरोसा किया। वो चाहे डेमोक्रेट्स हों या फिर रिपब्लिकन, चीन को लेकर दोनों का ही सख़्त रवैया है। दोनों खेमों में एक चीज़ और कॉमन है, वो ये है कि अपने नेता को ऐसे कद्दावर और मज़बूत शख़्सियत के तौर पर पेश करना, जो चीन से सख़्ती से निपट सकने में सक्षम है। अमेरिका फर्स्ट एक्शन के केली सैडलर कहते हैं, अगर आप पिउ पोल और गैलप के सर्वेक्षण देखें तो चीन को लेकर अमरीकियों का अविश्वास ऐतिहासिक रूप से चरम पर है। भले ही वो चाहें रिपब्लिकन समर्थक हों या फिर डेमोक्रेटिक पार्टी के समर्थक. ये वो मुद्दा है जिस पर दोनों ही पार्टियों के लोग सहमत हो सकते हैं। चीन पर जानकारी छुपाने का आरोप
इसमें कोई शक नहीं कि सत्ता संभालने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप जब से बीजिंग के साथ ट्रेड वॉर में उलझे हैं, तभी से अमरीका में चीन को लेकर नकारात्मक रुझान नाटकीय तरीक़े से बढ़ा है। कोरोना वायरस कोविड-19 संकट को लेकर चीन को कसूरवार ठहराए जाने की जब भी बात होती है, राष्ट्रपति ट्रंप दुविधा और सुविधा की राजनीति के बीच उलझे नज़र आते हैं। वे कभी मुक्त कंठ से राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ़ करते सुनाई देते हैं तो कभी चाइनीज़ वायरस  के लिए कड़ी फटकार लगाते हुए। लेकिन अब उनके कैम्पेन ने चीन के प्रति कड़ा रुख़ अपनाना शुरू कर दिया है, चीन से नुक़सान की भरपाई कराने की सौंगध खाई जा रही है। चीन के ख़िलाफ़ आक्रामक बयानबाज़ी में अब ट्रंप प्रशासन के लोग और कांग्रेस के कई सदस्य शामिल हो गए हैं। ज़ाहिर है कि चीन की सरकार पर दुनिया में महामारी फैलाने वाले कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छुपाने का आरोप लगाया जा रहा है।


माइक पॉम्पियो की भूमिकाः अमरीकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो इस हल्ला बोल में मोर्चे पर सबसे आगे हैं। वो नियमित रूप से ये घोषणा करते रहे हैं कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। कोरोना वायरस की समस्या सामने आने के बाद उसे रोकने में चीन की नाकामी पर माइक पॉम्पियो का ख़ासा ज़ोर है। वे चीन की प्रयोगशालाओं की सुरक्षा का सवाल भी उठाते रहे हैं।हालांकि चीन ने इन सभी आरोपों का पूरी तरह से ख़ारिज किया है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के प्रशासन में एशिया मामलों के सलाहकार रहे माइकल ग्रीन कहते हैं कि चीन के बर्ताव को लेकर सियासी हलकों में चिंता का माहौल है।लेकिन चीन को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टीम के लोगों की राय ये है कि उसका फ़ायदा अमरीका का नुक़सान है। उनका पूरा ध्यान हालात का फ़ायदा चीन का प्रोपैगैंडा। माइकल ग्रीन कहते हैं, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रणनीति भी उनके पूर्ववर्तियों की तुलना में कहीं ज़्यादा आक्रामक है। चीन भी अपना प्रोपेगैंडा चला रहा है जिसमें ये संकेत दिए जा रहे हैं कि कोरोना वायरस फैलाने के पीछे अमरीकी सेना का हाथ हो सकता है। लेकिन दोनों देशों के राष्ट्रवाद से विवाद बढ़ा है, सहयोग की संभावनाएं कम हुई है। दोनों देश मिलकर इस महामारी से लड़ सकते थे। किसी नई महामारी को आने से रोक सकते थे। माइकल ग्रीन ये ध्यान दिलाते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप के सत्ता में आने से अमरीकी संस्था  सेंटर फ़ॉर डिजीज कंट्रोल  के दो दर्जन से भी ज़्यादा अमरीकी और चीनी वैज्ञानिक बीजिंग में इन मुद्दों पर काम कर रहे थे। कोरोना संकट शुरू होने के समय इन वैज्ञानिकों की संख्या घटकर तीन या चार रह गई थी। हालांकि माइकल ग्रीन इसके लिए दोनों देशों की सरकारों को दोष देते हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टीम के लोगों को राष्ट्रपति ट्रंप के ही उन क़रीबियों से चुनौती मिल रही है जो ये दलील देते हैं कि कारोबार के लिए अमरीका को चीन की ज़रूरत है।


गरमपंथी और नरमपंथीः चीनी मूल के अमरीकी गैरी लॉक राष्ट्रपति बराक ओबामा के दौर में बीजिंग में अमरीका के राजदूत रहे थे। वे कहते हैं, चीन और अमरीका के रिश्ते उबड़ खाबड़ रास्तों पर आगे बढ़ रहे हैं। एक स्तर पर भले ही वे एक दूसरे के विरोधी हों लेकिन आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों के बीच सहयोग की ज़रूरत है क्योंकि बहुत से अमरीकी किसान चीन पर इस बात के लिए निर्भर हैं कि वो उनके उत्पाद खरीदता है। जैसे जैसे चुनाव क़रीब आ रहे हैं, राष्ट्रपति ट्रंप ने ये संकेत दिए हैं कि वो चीन के प्रति आक्रामक रुख़ रखने वाले लोगों की बातों को ज़्यादा तवज्जो देंगे। 


केजीएमयू के गेट पर नवजातो के शव

किरण कमल 
लखनऊ। जी हां आपको बता दें कि आज यानी सोमवार की सुबह समय लगभग 4 बज के 17 मिनट पर राजधानी लखनऊ में नवजात बच्चे के शव को कुत्ते ने कहीं से लाकर केजीएमयू के गेट नंबर 2 के पास बने डेंटल फैकल्टी ऑफ साइन्स इंस्टीट्यूट के पास ला कर छोड़ दिया। कयास लगाया जा रहा है कि नवजात शिशु का शव कुत्ता अपने जबड़ों में दबाए क्वीन मैरी अस्पताल के निकट से ला रहा था। जिससे वहाँ अफरा तफरी का माहौल हो गया। मौके पर केजीएमयू के कर्मचारी ने शव संबंधित थाना चौक के चौकी केजीएमयू के पुलिस कर्मी को सौंप दिया गया है। आगे की कार्यवाही थाना चौक के द्वारा की जा रही है।


आसमानी बिजली से फैक्ट्री हुई खाक

पंचकूला। कस्बा रायपुर रानी के फतेहगढ़ जटवाड़ में मिंट लाइफ केयर मैं आसमानी बिजली गिरने से आग लग गई आग इतनी भयानक थी कि पूरी फैक्ट्री जलकर खाक हो गई बारिश का भी केमिकल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा मौके पर दमकल विभाग की 3 गाड़ियां पहुंची लेकिन निकल पर पानी का कोई असर नहीं हो रहा था । वही मौके पर पुलिस भी पहुंची और मौके का जायजा लिया दमकल विभाग कई घंटों तक आग बुझाने के लिए मशक्कत करते रहे । वहीं स्थानीय लोगों ने आग लगने का कारण आसमानी बिजली का गिरना बताया है।


महावीर जैन



दबंगों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर कब्जा

संवाददाता - प्रदीप मौर्या


आंगनवाड़ी केंद्र पर दबंगों द्वारा कई वर्ष से कब्जा ।



आजमगढ़। अतरौलिया क्षेत्र  के ग्राम सभा प्रतापपुर छतौरा स्थित आंगनवाड़ी केंद्र/ पंचायत भवन केंद्र है। ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया गया कि विगत कई वर्षों से पर स्थानीय ग्राम निवासी पेशे से लेखपाल सुरेश तिवारी द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र पर कई वर्षों से कब्जा जमाया गया है ।जिसमें भूसा ,पंपिंग सेट ,लकड़ी ,ट्रैक्टर का कल्टीवेटर आदि रखा जा रहा है ।जिसकी शिकायत स्थानीय ग्राम वासियों द्वारा कई बार उच्च अधिकारियों से की जा चुकी है, लेकिन अभी तक इस पर कुछ भी कार्रवाई नहीं हुई।वही ग्राम सभा सचिव द्वारा पूछे जाने पर बताया गया कि ऐसी कोई बात नहीं है ।कमरा खाली करा दिया गया है ,और वहां कुछ नहीं है ।सफाई कर्मियों द्वारा साफ सफाई करा दी गई है ।मौके पर जाकर देखने पर अभी सब कुछ उसी तरह लेखपाल के कब्जे में ही है।


20 जिलों में जांंच करेगी स्वास्थ्य टीम

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बीस केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों को उन 20 जिलों में भेजा जा रहा है जहां से देश में कोविड ​​-19 के सर्वाधिक मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये बीस टीमें उन राज्यों में भेजी जा रही है जहां कोविड के सर्वाधिक मामले देखे गए हैं।


इन राज्यों और जिलों का विवरण इस प्रकार हैं। मुंबई, महाराष्ट्र,अहमदाबाद, गुजरात,दिल्ली (दक्षिण पूर्व),इंदौर, मध्य प्रदेश ,पुणे, महाराष्ट्र, जयपुर, राजस्थान,ठाणे, महाराष्ट्र, सूरत, गुजरात,चेन्नई, तमिलनाडु, हैदराबाद, तेलंगाना, भोपाल, मध्य प्रदेश, जोधपुर, राजस्थान, दिल्ली (मध्य), आगरा, उत्तर प्रदेश, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, कुर्नूल, आंध्र प्रदेश, वड़ोदरा, गुजरात, गुंटूर, आंध्र प्रदेश,.कृष्णा, आंध्र प्रदेश,और लखनऊ, उत्तर प्रदेश। ये टीमें इन जिलों / शहरों के भीतर कोविड – 19 से प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम उपायों के कार्यान्वयन में राज्यों की सहायता करेंगी तथा राज्य सरकारों का हाथ बंटायेंगी।


चार राज्यों में आधे से अधिक संक्रमित

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप देशभर में तेजी से बढ़ रहा है जिसके कारण महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और तमिलनाडु में कुल 25974 लोग संक्रमित हुए हैं जो देश के सभी मामलों का 60 प्रतिशत है। इसके अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या तीन हजार के करीब पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार देश भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 42533 तक पहुंच गयी है जबकि इस महामारी के कारण मरने वालों का आंकड़ा 1373 हो गया है। अब तक 11707 लोगों को स्वस्थ होने के बाद विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।


50 ट्रेनों का किराया देने की घोषणा

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को ट्रेन पर सियासत शुरू करते हुए दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने के लिए अब 50 ट्रेनों का किराया देने की घोषणा की है। इससे पहले वह फंसे मजदूरों को लाने के लिए दो हजार बसों को सरकार को देने की बात कह चुके हैं। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि वह बिहारी मजदूरों को लाने के लिए 50 ट्रेनों का किराया देने को तैयार हैं। तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर लिखा, “15 साल वाली डबल इंजन सरकार अप्रवासी बिहारी मजदूरों को वापस नहीं लाने के बहाने रोज टाल-मटोल कर रही है। 5 दिनों में 3 ट्रेनों से लगभग 3500 लोग ही वापस आ पा रहे हैं। कभी किराया, कभी संसाधनों तो कभी नियमों का रोना रोते हैं। नीतीश सरकार की मंशा कतई मजदूरों को वापस लाने की नहीं है।”


एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने लिखा, “राजद शुरुआती तौर पर बिहार सरकार को अपनी तरफ से 50 ट्रेन देने को तैयार है। हम मजदूरों की तरफ से इन 50 रेलगाड़ियों का किराया असमर्थ बिहार सरकार को देंगे। सरकार आगामी 5 दिनों में ट्रेनों का बंदोबस्त करे, पार्टी इसका किराया तुरंत सरकार के खाते में ट्रांसफर करेगी।”


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...