शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

निजी स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकतेः मनीष

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से पैदा हुए संकट के इस दौर में दिल्ली के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए राहत भरी खबर है। दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को फैसला लिया है कि कोई भी निजी स्कूल बिना सरकार की इजाजत के फीस नहीं बढ़ा सकेगा। वहीं, मासिक आधार पर सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेनी होगी। इसके साथ स्कूल प्रबंधन को अपने पूरे स्टाफ को वेतन देना होगा। अगर कोई स्कूल इस फैसले का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ दिल्ली स्कूल एक्ट व राष्ट्रीय आपदा कानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी। दिल्ली सरकार ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिया है।


मनीष सिसोदिया ने बताया कि उनको शिकायतें मिल रही थीं कि कई निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस ले रहे हैं। इतना ही नहीं, स्कूल बंद होने के बावजूद परिवहन शुल्क भी वसूला जा रहा था। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि यह ठीक नहीं है। स्कूलों को इतना नीचे गिरने की जरूरत नहीं है। स्कूलों का बुनियादी काम ट्रस्टी के तौर पर समाज सेवा का है, स्कूल धंधा नहीं कर सकते।


मनीष सिसोदिया ने बताया कि ऐसी स्थिति में दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि कोई भी निजी स्कूल बिना सरकार की इजाजत के फीस नहीं बढ़ा सकते। वहीं, वह मासिक आधार पर सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे। इस समय फीस ना देने की वजह से बच्चों का ऑनलाइन कक्षाओं से नाम काटना उचित नहीं है। मनीष सिसोदिया के मुताबिक, सभी प्राइवेट स्कूल अपने स्टाफ को समय पर वेतन देंगे। अगर कोई समस्या है तो पेरेंट्स संस्था की मदद से अपने स्टाफ को सैलरी देनी होगी। इसमें किसी तरह का कोई बहाना नहीं चलेगा। जो स्कूल इसका पालन नहीं करेगा उन पर राष्ट्रीय आपदा कानून और दिल्ली स्कूल एक्ट के तहत कार्यवाही होगी।


कोटा में फंसे बच्चों, 300 बस भेजी

लखनऊ/कोटा। राजस्थान के कोटा में फंसे बच्चों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोटा से उत्तर प्रदेश के बच्चों को ले जाने के लिए बसें भेजी हैं। उत्तर प्रदेश के बच्चे को लेकर आज 300 बसें रवाना होंगी। 25 मार्च से शुरू हुए लॉकडाउन की वजह से कोटा में यूपी, बिहार समेत कई प्रदेशों के हजारों बच्चे फंसे हैं। छात्रों की समस्या को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पिछले 2 दिनों से केंद्र की एजेंसियों से बात करने की कोशिश कर रहे थे, मगर उन्हें भी निराशा हाथ लग रही थी। अब केंद्रीय एजेंसियों के कहने पर कोटा से बच्चों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हुई है इससे पहले खबर आई थी कि जम्मू कश्मीर प्रशासन कोटा में फंसे अपने राज्य के बच्चों को वापस बुलाना चाहती है मगर उन्हें परमिशन नहीं मिल पा रही है, जबकि बिहार सरकार ने कोटा से आने वाले बच्चों को लेने से मना कर दिया है. उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से भी बच्चों को लाने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।


क्या है मामलाः राजस्थान के कोटा में उत्तर प्रदेश-बिहार-झारखंड समेत देश के दूसरे राज्यों के हजारों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग विषयों की कोचिंग के लिए आते हैं. यह सभी छात्र 25 मार्च से फंसे हैं। चिंता की बात ये है कि इस शहर में तेजी से कोरोना का संक्रमण भी बढ़ रहा है। यहां पर अभी 64 कोरोना के मरीज हैं।


सेना प्रमुख ने पाकिस्तान को लताड़ा

श्रीनगर। एक ओर जहां भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना के खिलाफ जंग में व्यस्त है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान है जो इस संकट के घड़ी में भी अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की लगातार कोशिशें कर रहा है। बीते कुछ समय से सीमा पार से हो रहे आतंकी गतिविधियों पर सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और कहा कि इस संकट के दौर में हम दुनियाभर में मेडिकल टीमें और दवाएं भेज कर मदद कर रहे हैं, मगर पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात कर रहा है। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में समाचार एजेंसी एएनआई से सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि जिस वक्त हम न सिर्फ हमारे देश के लोगों बल्कि अन्य देशों के लोगों को भी मेडिकल टीम, दवाएं भेजकर मदद कर रहे हैं, उस वक्त पाकिस्तान सिर्फ आतंक को एक्सपोर्ट कर रहा है। यह अच्छी बात नहीं है।’


उन्होंने आगे कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में जब पूरी दुनिया और भारत इस कोविड-19 महामारी के खतरे से जूझ रहा हा, हमारा पड़ोसी हमारे लिए भारी मुसीबत बना हुआ है। बता दें कि सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं और गुरुवार को उन्होंने कश्मीर घाटी का दौरा कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि सेना प्रमुख के दौरे में उनके साथ उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी और चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बी एस राजू मौजूद थे।


कर्नल कालिया ने कहा, ‘बादामी बाग छावनी में चिनार कोर के कमांडर ने सेना प्रमुख को नियंत्रण रेखा और अंदरूनी क्षेत्रों के हालात के बारे में जानकारी दी।’ उन्होंने कहा कि जनरल नरवणे ने जवानों के मनोबल और उत्साह की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने हर समय चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता दोहराई। उन्होंने कहा कि जनरल नरवणे ने घाटी में शांति और सतर्कता कायम रखने के लिए और कोविड-19 को फैलने से रोकने के वास्ते लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी सरकारी विभागों की प्रशंसा की। जनरल नरवणे ने सेना के 92 बेस अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों से भी मुलाकात कर उनके द्वारा किए जा रहे कार्य की प्रशंसा की।


बिना राशन कार्ड मिलेगा खदान्नः योगी

लखनऊ। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर जहाँ एक तरफ पूरे देश मे लॉक डाउन लगा हुआ है | देश के प्रधानमंत्री ने लोगों से अनावश्यक रूप से घरों से नही निकलने की अपील की है | जिससे कोरोना की चैन को तोड़ा जा सके |


वही इस संकट की घड़ी में गरीबों व जरूरतमंदों के पास खाने की समस्या उत्पन्न हो रही है जिसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार गरीबों व जरूरतमंदों को खाद्यान्न वितरित करवा रही है | तो वही कुछ ऐसे भी गरीब व जरूरतमंद लोग है जिनके पास किसी भी प्रकार का राशन कार्ड या आधार कार्ड नही है जिससे वह खाधान्न लेने से वंचित है और इस संकट की घड़ी में उनके पास खाने की समस्या उत्पन्न हो गयी है | उसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे जरूरतमंदों को तत्काल ही राशन देने के अधिकारियों को निर्देश दिए है | उन्होंने ट्वीट करते हुए साफ शब्दों में कहा है कि जिनके पास राशन कार्ड व आधार कार्ड नही है चाहे वे शहर के निवासी हो या गांव के उनको जरूरत के हिसाब से खाद्यान्न उपलब्ध करवाया जाए जिससे संकट की इस घड़ी में कोई भी गरीब व जरूरतमंद भूखा न सो पाए |


प्रियंका ने सीएम योगी को लिखा पत्र

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि कोरोना संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य के किसानों, मजदूरों और छोटे उद्योगों को तत्काल राहत एवं वित्तीय सहायता दी जाए। सीएम योगी को लिखे पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को फसल की कटाई में मदद के साथ उनकी उपज की खरीद भी सुनिश्चित करने की जरूरत है।प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी ने ज्यादातर क्षेत्रों की कमर तोड़ दी है। हर तबका इस आपदा और इसके दुष्प्रभावों से परेशान है। कोरोना की वजह से कई ऐसे आर्थिक व सामाजिक स्तर के मुद्दे हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने से आमजन को बहुत राहत मिलेगी।उन्होंने किसानों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि विगत दिनों में उत्तर प्रदेश के किसानों पर ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश की मार पड़ी थी। उत्तर प्रदेश सरकार मुआवजा देने की भी घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। यह मुआवजा तत्काल जारी किया जाए।


प्रियंका के मुताबकि उत्तर प्रदेश का कांच उद्योग, पीतल उद्योग, कालीन उद्योग, बुनकरी, फ़र्नीचर उद्योग, चमड़े का उद्योग, होजरी उद्योग,डेयरी,मिट्टी बर्तन उद्योग,फिशरी-हेचरी उद्योग,अन्य घरेलू उद्योग सभी को तेज झटका लगा है। उन्होंने आग्रह किया कि छोटे उद्योगों की मदद और प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए 'आर्थिक पुनर्निर्माण कार्य बल' का गठन किया जाए।प्रियंका ने यह भी कहा कि मजदूरों को आर्थिक मदद की गारंटी करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई जगह राशन न मिलने की शिकायतें आ रहीं हैं। बिना राशनकार्ड धारकों को भी राशन देने की गारंटी की जाए और राशन में चावल के साथ गेंहू, दाल, तेल, नमक और मसाला पाउडर भी दिया जाए।


अमेरिका में टूटा कहर, 4491 की मौत

वाशिंगटन। कोरोना वायरस के चलते अमेरिका की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। अमेरिकी सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी रोजाना में हजारों की संख्या में मौत हो रही है. जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण 4,491 लोगों की मौत हो चुकी है, जो कोरोना महामारी के कारण एक दिन में मौत का सर्वाधिक आंकड़ा है। अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 32,917 पर पहुंच गई है। वहीं अब तक कोरोना संक्रमण के 6,67,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओपनिंग अप अमेरिका अगेन नाम का एक प्लान भी प्रस्तावित कर दिया है, जिसमें तीन चरणों में स्कूल, दफ्तर और फैक्ट्रियां फिर से खोली जाएंगी। हालांकि कई राज्यों के गवर्नर इससे इत्तेफाक नहीं रखते और न्यूयॉर्क ने गुरुवार को ही लॉकडाउन को 15 मई तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने ये प्लान एक सुझाव के तौर पर सभी राज्यों के गवर्नरों को भी भेजा है और इस पर उनकी राय मांगी है। ट्रंप ने इन प्लान के अनुसार इन तीन चरणों को 14 दिन तक लागू करने और फिर आगे की रणनीति तय करने का सुझाव दिया है।


पुलिस की जिप्सी में बच्ची का जन्म

नई दिल्ली। देश भर में लागू लॉक डाउन के दूसरे चरण में भी पुलिस लगातार लोगों के लिए मसीहा बनकर उनकी मदद कर रही है। इस दौरान पुलिस कभी लोगों को मां बनकर खाना खिला रही है, तो कभी उनकी गलतियों पर उन्हें सजा भी दे रही है। ऐसा ही एक ताजा मामला वेस्ट दिल्ली के रघुवीर नगर इलाके का आया है, जिसमें एक महिला अपने परिवार के साथ रघुबीर नगर पुलिस पोस्ट पर महिला कॉन्स्टेबल सुमन से बताती है कि उसे हॉस्पिटल जाने के लिए एक गाड़ी की आवश्यकता है। क्योंकि इस वक्त वह प्रेग्नेंट है और उसे लेबर पेन हो रहा है।
पुलिस जिप्सी का प्रबंधःजिसके बाद कॉन्स्टेबल सुमन ने तुरंत मामले की गंभीरता समझते हुए पुलिस पोस्ट पर मौजूद एसएचओ कुमार कुंदन और एसआई पंकज ठाकुर को जानकारी दी. जिसके बाद एसएचओ कुमार कुंदन के निर्देश पर तुरंत पुलिस जिप्सी का प्रबंध किया गया. जिसमें गर्भवती महिला सहित उसके परिवार वालों को बैठाकर हेड कांस्टेबल धरमवीर और कॉन्स्टेबल कुलदीप पश्चिम विहार के गुप्ता नर्सिंग होम ले जाने लगे.


लेकिन नर्सिंग होम पहुंचने से पहले पुलिस जिप्सी के अंदर गर्भवती महिला ने खुद से ही बच्चे को जन्म दे दिया. पुलिस द्वारा तुरंत हॉस्पिटल स्टाफ को फोन करके इस बारे में जानकारी दी गई।जिसके बाद हॉस्पिटल स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर महिला और बच्चे को मेडिकल केयर में लिया।
एसएचओ ने महिला और उसके परिवार को बधाई दीः ख्याला एसएचओ ने महिला और उसके परिवार को बधाई दी। वहीं महिला के परिवार वालों ने भी पुलिस के इस कार्य को लेकर उनकी बहुत प्रशंसा की और रघुवीर पुलिस पोस्ट की पुलिस टीम का दिल से धन्यवाद किया।
ऐसा ही एक मामला दिल्ली के ओखला से भी आया जहाँ रहने वाले आमिल को लगा अब लॉकडाउन में वो कैसे अपनी प्रेग्नेंट पत्नी को लेकर अस्पताल जाएगा। पता नहीं कब उसकी पत्नी को लेबर पेन हो और उसे तुरंत ही अस्पताल जाना पड़े। आमिल 28 मार्च को किसी तरह अपनी यह परेशानी लेकर दिल्ली पुलिस के साउथ ईस्ट जोन के एडीशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश के पास पहुंचा।


उन्होंने आमिल को तुरंत ही पास जारी करवा दिया, जिससे जरूरत होने पर घर से बाहर निकल सके। लेकिन, जब दो दिन पहले उसकी पत्नी को लेबर पेन हुआ तो अस्पताल तक जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल रहा था। उस वक्‍त कुमार ज्ञानेश ने पुलिस की जिप्सी से उनकी पत्नी को कस्तूरबा गांधी अस्पताल पहुंचवाया, जहां उन्‍होंने एक बच्चे को जन्म दिया है।


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