शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

पंजाबः एक ने किया 22 को संक्रमित

पंजाब में कोरोना का धमाका, 1 पाजिटिव मरीज ने किया 22 लोगों को संक्रमित


नीरज जिंदल
 
चंडीगढ़। मोहाली के गांव डेरा बस्सी के जवाहरपुर में गांव में कोरोना वायरस संक्रमण के 22 मामले सामने आने के बाद ये गांव कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया है। आशंका जताई गई है कि यहां एक संक्रमित व्यक्ति के जरिए 20 लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ है। इन 20 लोगों में व्यक्ति के परिवार के भी 14 लोग शामिल हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या के लिहाज से मोहाली जिला पंजाब में सबूसे ऊपर है और यहां अब तक 37 मामले सामने आ चुके हैं।
लगातार सरकार के प्रयासों के बावजूद भी पंजाब में कोरोना संक्रमण के केसों में हो रही बढ़ौतरी चिंता का विषय है। सरकार द्वारा लोगों को बार-बार घरों में रहने के आदेश के बावजूद लोग घरों से निकल रहे हैं। जिस कारण आने वाले दिनों में केसों में ओर भी बढ़ौतरी हो चुकी है।


नेपाली मस्जिद-मदरसों में भी छापेमारी

बिहार। नेपाल में  बैठ कर भारत में कोरोना संक्रमण को तेजी फैलान की साजिश का पर्दाफाश हो गया है। एसएसबी के लेटर से यह खुलासा हुआ है कि  नेपाल में बैठा दहशतगर्द बिहार में कोरोना संक्रमण को फैलाने की घिनौनी साजिश रच रहा है। एसएसबी ने बेतिया के डीएम और एसपी को चिट्ठी लिखकर जानकारी दी है। एसएसबी के पत्र के बाद बिहार सरकार ने भी अपने स्तर से गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी दी है। बिहार सरकार ने गृह मंत्रालय को जानकारी दी है कि नेपाल के रास्ते से कोरोना संक्रमित जमात वालों को भारत में भेजने की साजिश चल रही है। एसएसबी के पत्र के बाद बिहार सरकार ने सीमा पर अलर्ट जारी किया है।इसके बाद नेपाल में भी हरकत शुरू हो गई है और वहां की पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है।


नेपाल पुलिस ने शुरू की छापेमारीः जानकारी के अनुसार नेपाल पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।नेपाल पुलिस ने कई संदिग्ध मस्जिद और मदरसों में छापेमारी की है।जानकारी के अनुसार नेपाल पुलिस ने रोहतक के एक मस्जिद में ठिकाना लिए 8 पाकिस्तानियों को डिटेन किया है।वहीं विराटनगर में भी कई पाकिस्तानी संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में रखा है।इसके अलावे नेपाल की पुलिस कई अन्य मस्जिदों और मदरसों की तलाशी में जुटी है।बताया जाता है कि  कई पाकिस्तानी नेपाल में शरण लिए हैं।


एसएसबी के पत्र से हुआ है खुलासाः एसएसबी की चिट्ठी में जालिम मुखिया के नाम का उल्लेख किया गया है। जिस शख्स के नाम का उल्लेख किया गया है उस पर भारत विरोधी काम करने का आरोप है। सीमा सुरक्षा बल ने 3 अप्रैल 2020 को पत्र लिखकर बेतिया डीएम को पूरी साजिश की जानकारी दी थी। एसएसबी के पत्र के बाद 7 अप्रैल को बेतिया डीएम ने एसपी समेत अन्य अधिकारियों को कोरोना संदिग्ध के नेपाल से भारत आने की गतिविधि के बारे में जानकारी दी थी।


नेपाल में बैठा है जालिम मुखियाः उस पत्र में जालिम मुखिया के नाम का उल्लेख किया गया है। बताया जाता है कि वह नेपाल के परसा जिला के सेरवा थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर गांव का रहने वाला है। वह भारत में कोरोणा महामारी फैलाने की योजना बना रहा है। जालिम मुखिया नेपाल-भारत से हथियार के अवैध सप्लाई और FICN तस्करी में भी शामिल है।


नेपाल कंम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़ा है जालिम मुखियाः नेपाल का जालिम मुखिया के नाम का उल्लेख एसएसबी ने अपने पत्र में किया है।यही जालिम मुखिया भारत विरोधी गतिविधि में शामिल रहा है।भारत में हथियार सप्लाई से लेकर जाली नोट के कारोबार में इसकी भूमिका बताई जाती है।जानकारी के अनुसार जालिम मुखिया नेपाल कंम्यूनिस्ट पार्टी का सक्रिय सदस्य बताया जाता है।यह पहले माओवादी का भी मेंबर था।नेुपाल में पिछली बार हुए चुनाव में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। जालिम मुखिया का घर परसा जिले के जगन्नाथपुर है जो कि बेतिया के सिकटा सीमा से लगी हुई है।


यूपीः 14 के बाद भी रहेगा लॉक डाउन

14 अप्रैल के बाद भी रहेगा लॉकडाउन? राज्यों की ये है तैयारी…??


राजेश कुमार यादव


लखनऊ। कोविड19 महामारी का खतरा भारत के सिर पर मंडरा रहा है। सोमवार तक देश में इसके 4,200 से ज्‍यादा मामले सामने आए हैं। 100 से ज्‍यादा लोगों की जान ये घातक वायरस ले चुका है। इसका संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया। करीब दो सप्‍ताह होने को हैं और देश में मामलों की संख्‍या रोज बढ़ रही है। इस बीच, कुछ संकेत मिले हैं कि 14 अप्रैल को लॉकडाउन खत्‍म हो सकता है। हालांकि कुछ राज्‍य लॉकडाउन को जारी रखने का इशारा भी कर रहे हैं। तेलंगाना के मुख्‍यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने लॉकडाउन को दो सप्‍ताह के लिए बढ़ाने का सुझाव दिया है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ देश का एकमात्र हथियार लॉकडाउन है और वह प्रधानमंत्री से इसकी अवधि को बढ़ाने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की जान बचाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। सीएम ने कहा, ‘मैं देश में लॉकडाउन को 15 अप्रैल के बाद भी बढ़ाने के पक्ष में हूं क्योंकि हम आर्थिक समस्या से उबर सकते हैं लेकिन हम जानें फिर से रिकवर नहीं कर पाएंगे।’ सीएम ने कहा कि वह प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि बिना किसी झिझक के वह लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लें।
कौन बढ़ाएगा, कौन हटाएगा?
तेलंगाना सीएम ने सुझाव दिया कि 14 अप्रैल के बाद, दो सप्‍ताह के लिए लॉकडाउन एक्‍सटेंड किया जाए। उन्‍होंने एक BCG रिपोर्ट का संदर्भ दिया जिसमें 3 जून तक लॉकडाउन का सुझाव दिया गया था। राज्‍य ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। ऐसी अटकलें हैं कि पंजाब भी लॉकडाउन बढ़ाने के विषय में फैसला ले सकता है। तमिलनाडु सीएम ई पलनीस्‍वामी ने लॉकडाउन खत्‍म करने को लेकर साफ जवाब नहीं दिया। असम और महाराष्‍ट्र ने इसपर कुछ दिन में फैसला लेने की बात कही है।
यूपी में रहेगा लॉकडाउन’
देश के सबसे बड़े सूबे उत्‍तर प्रदेश में भी लॉकडाउन जारी रह सकता है। प्रदेश सरकार के अडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा है कि अगर कोरोना वायरस का एक भी मामला प्रदेश में रहेगा तो लॉकडाउन नहीं खोला जाएगा। इससे पहले, सीएम योगी का एक बयान आया था जिसमें उन्‍होंने चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खत्‍म करने के सुझाव मांगे थे।


क्वॉरेंटाइन सेंटर से भागे 16 पर केस

क्वारंटीन सेंटर से भागे 16 लोग, केस दर्ज


टांडा। हंसवर थाना क्षेत्र के तीन प्राथमिक विद्यालयों में क्वारंटीन किए गए 16 नागरिक मंगलवार को अचानक भाग गए। ये सभी अन्य प्रांतों से यहां आए थे। इनके फरार होने की सूचना मिलने से हड़कंप मच गया। सभी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया। बाद में वे सभी वापस अपने-अपने क्वारंटीन सेंटर पहुंच गए।
हंसवर के ग्राम हरदासपुर प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय तिलकारपुर व प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर साबुकपुर को क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। एहतियात के तौर पर गैर प्रांतों से आए यहां तमाम ग्रामीणों को क्वारंटीन किया गया है। इस बीच मंगलवार को तीनों विद्यालयों में क्वारंटीन किए गए अलग अलग 16 ग्रामीण फरार हो गए।
इसमें हरदासपुर प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटीन किए गए जिलाजीत, दिनेश, बलराम, राजू, संतोष कुमार, शैलेंद्र, मिथुन, अनूप, जबकि प्राथमिक विद्यालय तिलकारपुर में क्वारंटीन किए गए मूलचंद, रोशन प्रजापति, पुरुषोत्तम, गिरिजेश, अजीत तथा प्राथमिक विद्यालय जल्लापुर साबुकपुर से सचिन गौड़ व अंकित गौड़ शामिल हैं। थाने के एसआई शिव सिंह पाल ने बुधवार को तीनों केंद्रों पर पहुंचकर मौके का जायजा लिया। सभी फरार 16 नागरिकों के परिवारीजनों से मुलाकात कर उन्हें तत्काल क्वारंटीन सेंटर बुलाए जाने का निर्देश दिया।
उधर, क्वारंटीन सेंटर से फरार ग्रामीणों के विरुद्ध पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष श्रवण सिंह ने बताया कि क्वारंटीन सेंटर से नदारद ग्रामीणों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है। बाद में सभी संबंधित नागरिक सेंटर पहुंच भी गए।


डेली मार्केट में नहीं हो रहा लॉकडाउन का पालन


 अंबेडकरनगर। कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में जारी 21 दिवसीय लॉकडाउन का शहर के कई स्थानों में भलीभांति पालन नहीं हो पा रहा है। इसी क्रम में अगर हम शहर के डेली मार्केट की बात करें तो यह अक्सर लॉक डाउन की धज्जियां उड़ती दिखाई पड़ जाती हैं। हालांकि प्रशासन द्वारा सब्जी विक्रय के लिए शहर के स्थानों को निर्धारित कर दिए जाने के बाद से यहां सब्जी की बिक्री हो रही है मगर आलू प्याज आदि का थोक कारोबार  नवीन सब्जी मंडी सिझोली शहजादपुर अकबरपुर से होता है। इसके अलावा डेली मार्केट से फलों की भी बिक्री होती है। खरीददारी के लिए पूर्वाह्न यहां लोगों की भीड़ उमड़ जाती है। सुबह नौ बजे का समय है जब यह संवाददाता डेली मार्केट पहुंचा को वहां खरीददारों की भी भीड़ दिखाई। इस क्रम में शारीरिक दूरी के सिद्धांत का भी पालन नहीं हो रहा थे।  यही नहीं यहां पर फालतू लोगों  को  टहलते हुए देखा गया जो बिना किसी काम के सड़क पर टहलते हुए पाए गए प्रशासन द्वारा इन पर किसी भी प्रकार का कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा। जो चिंतनीय विषय है। यही स्थिति चौक शहजादपुर से पुलिस चौकी तक देखी जा सकती है।


पान मसाला और गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध फिर भी पास युक्त वाहन से हो रही सप्लाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लॉक डाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में पान मसाला और गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार ने प्रदेश में गुटके का निर्माण और भंडारण के साथ वितरण पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सीएम योगी ने ये फैसला किया है.
सरकार का मानना है कि लोग पान मसाला और गुटखा खाकर सड़कों पर गंदगी करते हैं. खाद्य सुरक्षा अधिनियम की धारा 30/2 के तहत ये फैसला लिया गया है. इस संबंध में आयुक्त खाद्य एवं सुरक्षा की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है। सूत्रों की माने तो शहर में देसी गुटखा के कारोबारियों द्वारा निर्माण कार्य भी चल रहा है और  पास युक्त वाहन से बाजारों में सप्लाई भी की जा रही है प्रशासन को नियंत्रण रखने के लिए  पास युक्त माल बाहको को चेक करना चाहिए।
 जिससे प्रतिबंधित सामानों की बिक्री पर रोक लगाई जा सके और ऐसी गतिविधियों में लिप्त लोगों के ऊपर कार्यवाही की जा सके।


शोएब ने लगाई मदद की गुहार

लोकेश वाघमारे


इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज ने भारत और पाकिस्तान को मिलकर कोरोनावायरस महामारी का सामना करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत हमें 10,000 वेंटिलेटर्स देता है तो इसे पाकिस्तान जिंदगी भर याद रखेगा।


भारत में कोरोनावायरस का कहर जारी है। अब तक इस वायरस से 166 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं मरीजों की संख्या 5734 पहुंच गई है। पाकिस्तान में भी कोरोनावायरस बुरी तरह से फैल चुका है। ऐसे में पाकिस्तान दूसरे देशों से मदद की गुहार लगा रहा है। उनकी हालत इतनी खस्ता है कि डॉक्टर्स के पास इलाज करने के लिए किट तक नहीं है। कोरोनावायरस के मरीजों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर की भी मौत हो चुकी है। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भारत और पाकिस्तान से मिलकर कोरोनावायरस महामारी का सामना करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अगर भारत हमें दस हजार वेंटिलेटर्स देता है तो इसे पाकिस्तान जिंदगी भर याद रखेगा। जिस पर भारतीय ट्विटर यूजर ने उनकी क्लास ली है और चीन से मदद मांगने को कहा है।


शोएब अख्तर ने कहा, ”भारत अगर हमें 10000 वेंटिलेटर देता है तो पाकिस्तान इसे हमेशा याद रखेगा। हम तो सिर्फ मैचों की पेशकश कर सकते हैं। बाकी अधिकारियों को तय करना हे। वैसे संकट के इस समय में ये सीरीज होती है तो मैच के रिजल्ट पर कोई भी देश निराश नहीं होगा। विराट कोहली शतक जड़ेंगे तो हम खुश होंगे और बाबर आजम शतक जड़ेंगे तो आप खुश होंगे। जीत दोनों देश की होगी।”


ट्विटर पर भारतीयों को उनका प्रस्ताव बिलकुल ठीक नहीं लगा और चीन से मदद मांगने की हिदायत दे डाली। एक यूजर ने लिखा, ”मेरे दोस्त शोएब अख्तर, भारत ने 93 हजार पाकिस्तानी जवानों को दिया था, वो तो आपको याद नहीं। ऐसा मजाक फिर न करना।” वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, ”शोएब आप ये प्रस्ताव अपने सबसे करीबी दोस्त चीन के पास लेकर जाएं। कोरोनावायरस के खिलाफ जंग के लिए चीन और पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज अच्छा ख्याल हो सकता है।” तीसरे यूजर ने लिखा, ”भारत आपको 10 हजार वेंटिलेटर बनाकर दे देगा। क्या आप उसके बदले में भारत को 10 हजार आतंकवादी देंगे।” ट्विटर पर लोगों ने ऐसे रिएक्शन्स दिए हैं।


लड़की जिससे चाहे संबंध बनाएंः नेहा

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री नेहा धूपिया का कुछ दिनों पहले रियलिटी शो ‘रोडीज’ के ऑडिशन से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके कारण एक्ट्रेस काफी विवादों में आ गई थीं। अब नेहा धूपिया ने इसी मामले में एक बार फिर से अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि वो अपने शब्दों और सोच पर अभी भी बनी हुईं हैं।
बॉलीवुड हंगामा से बातचीत के दौरान नेहा ने कहा, “वो एक रियलिटी शो है। कुछ बातें कही गई हैं क्योंकि इसे चीजों को मैं काफी सीरियली लेती हूं”एक ऐसी घटना थी जो दुर्भाग्य से, जो मैंने कहा था उसका एक छोटा हिस्सा चर्चा में था, जबकि मैं जो कुछ भी करने की कोशिश कर रही थी वह यह था कि किसी भी परिस्थिति में घरेलू हिंसा ठीक नहीं है और इसलिए, इसका केवल आधा हिस्सा उठाया गया था और मुझे बड़े पैमाने पर ट्रोल किया गया।”नेहा ने बताया, “ईमानदारी से, मुझे जो कुछ भी कहना था, मैंने समय लिया और इसे एक बयान में रखा और मैं अभी भी अपने शब्दों पर बनी हुई हूं और यही सोच रखती हूं।”नेहा ने आगे कहा, “बहुत सारे लोग जिनमें बहुत सद्भावना है, बहुत सारे लोगों ने इस मामले में मेरा सपोर्ट भी किया और कहा कि यदि आप एक रिश्ते में हैं और अगर धोखा है, ऐसे मामलों में तलाक भी हो सकता है।”
नेहा कहती हैं कि, “अगर आप घरेलू हिंसा का शिकार होने जा रहे हैं, तो परिणाम बहुत हैरान करना वाले होंगे। ऐसे में ये मायने नहीं रखता की आपकी क्या हालत है या आप अंदर से कितना हर्ट हो चुके और बेहद परेशान है.. दुख की बात है कि ऐसे में सिर्फ सिर्फ वहीं हिस्सा हाईलाइट होता है कि आपने हाथ उठाया।”


आपको बता दें कि वायरल वीडियो में जज बनी नेहा धूपिया से ऑडिशन देने आए कंटेस्टेंस की बेहद सख्त शब्दों में झाड़ लगाई थी। क्योंकि इस कंटेस्टेंट ने बताया था कि उसकी गर्लफ्रेंड उसके साथ साथ पांच लड़कों से बातें करती थी और धोखा दे रही थी ऐसे में उसने अपनी गर्लफ्रेंड को चांटा मारा।
कंटेस्टेंट की बात पर भड़कते हुए नेहा धूपिया ने उसके साथ गाली गलौच की और कहा है ये उस लड़की की मर्जी है वो चाहे जितने लड़कों के साथ रहे। नेहा ने यहां तक कहा था कि हो सकता है कि लड़के में ही कोई कमी हो जिसके कारण उसकी गर्लफ्रेंड उसके साथ ऐसा कर रही हैं। नेहा को इसी अंदाज के कारण सोशल मीडिया पर खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।


पब्लिक-पुलिस में सामजस्यता का अभाव

जनता से दुर्व्यवहार करने पर व्यक्तिगत रूप से होंगे जिम्मेदार


शहर में 11 बजे से पहले बाजार आने बाले लोगों को बिना पूछताछ के सूबेदार मार रहे हैं लाठी,कइ मामले आए सामने


जनता को पुलिस प्रशासन की मदद करते हुए करना होगा लॉक डाउन का पालन


शिवपुरी। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक को सख्त निर्देश दिए हैं कि पुलिस किसी भी कीमत पर आमजन से लेकर किसी के भी साथ लॉक डाउन के दौरान दुर्व्यवहार नहीं करेगी। अगर कोई भी इस तरह की घटना होती है तो संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक व्यक्तिगत रूप से इसके लिए जिम्मेदार होंगे। बात अगर शिवपुरी की करें तो यहां ट्रैफिक सूबेदार द्बारा ड्यूटी के दौरान जो कुछ किया जा रहा है वह अपने आप मे समझ से परे है। ट्रैफिक प्रभारी द्बारा मनमाने अंदाज में जनता के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। प्रशासन ने आवश्यक बस्तुओं की खरीद के लिए 11 बजे तक का समय तय किया है। लेकिन सूबेदार यादव द्बारा मनमाने अंदाज में 11 बजे से पहले आवश्यक सामग्री लेने के लिए बाजार आने बाले लोगों के साथ भी बेवजह मारपीट की जा रही है। पुलिस सख्ती के साथ लॉक डाउन का पालन कराए यह अति आवश्यक है, लेकिन जो लोग 11 बजे से पहले बाजार आ रहे हैं उन्हें रोककर पुलिस कम से कम यह तो जान ले कि वह किस आवश्यक कार्य से बाजार आया है, लेकिन जिला मुख्यालय पर देखने मे यह आ रहा है कि ट्रैफिक प्रभारी द्बारा बिना कोई पूछताछ के बाइक सबारों को सीधे लाठी से पीटा जा रहा है। बताया जाता है सूबेदार द्बारा बिना किसी पूछताछ के 11 बजे से पहले जिन लोगों को पीटा जा रहा है उसका शिकार एक भाजपा नेता सहित अन्य कई लोग भी हुए हैं। बीते रोज लगभग 10 बजे इस भाजपा नेता को रोककर सीधे इसमें लाठी मारी गईं हैं। जानकारों का मानना है कि 11 बजे से पहले बाजार आने बाले लोगों को रोककर पहले पूछताछ की जाना चाहिए इसके बाद ही आगे की कार्रवाई होना चाहिए और 11 बजे के बाद जो लोग घरों से बाहर निकले उसे पुलिस अपने जिस भी अंदाज में समझाए वह उचित ही होगा। 


लॉक डाउन कोरोना जैसी महामारी से बचने के लिए अति आवश्यक है।जनता का भी फर्ज बनता है कि वह पूरी तरह से लॉक डाउन का पालन करते हुए पुलिस प्रशासन की मदद करे।


अपात्रः प्रति व्यक्ति मिलेगा गेहूं-चावल

चार किलो गेहूँ एवं एक किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रदान किया जाएगा
भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार कोरोना संकट के चलते प्रदेश के 32 लाख ऐसे व्यक्तियों को भी नि:शुल्क राशन प्रदाय किया जाएगा, जिनके पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत पात्रता पर्चियां नहीं हैं। इन्हें एक माह का नि:शुल्क उचित मूल्य राशन राज्य सरकार के कोटे से प्रदाय किया जाएगा। राशन के अंतर्गत इन्हें चार किलो गेहूँ एवं एक किलो चावल प्रति व्यक्ति प्रदान किया जाएगा।
प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में 31 लाख 81 हजार 525 ऐसे व्यक्ति हैं, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत निर्धारित 25 पात्रता श्रेणियों में तो आते हैं, परंतु उन्हें वर्तमान में उचित मूल्य राशन प्राप्त करने की पात्रता नहीं है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2014-15 में प्रदेश में योजना के अंतर्गत पात्रता पर्चीधारियों की संख्या 5 करोड़ 46 लाख निर्धारित किए जाने से इन्हें पात्रता नहीं है। अब राज्य शासन ने इन्हें अपने कोटे से एक माह का नि:शुल्क राशन दिए जाने का निर्णय लिया है। राज्य के समग्र सामाजिक सुरक्षा पोर्टल पर इनका नाम दर्ज है। खाद्यान्न वितरण के लिए प्रदेश के इन 8 लाख 8 हजार 946 परिवारों के 31 लाख 81 हजार 525 सदस्यों के लिए राज्य स्तर से 12 हजार 726 मीट्रिक टन गेहूँ तथा 3 हजार 181 मीट्रिक टन चावल का कोटा जारी किया जा चुका है।
किसी भी नजदीकी दुकान से प्राप्त कर सकेंगे राशन
बिना पात्रता पर्ची वाले सभी व्यक्ति सुविधानुसार अपने आस-पास की किसी भी उचित मूल्य दुकान से यह राशन प्राप्त कर सकेंगे। वर्तमान में कोरोना संकट के मद्देनजर कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे राशन वितरण में सोशल डिस्टेंसिंग एवं अन्य सुरक्षात्मक उपायों का कड़ाई से पालन कराएं। हितग्राहियों से कहा गया है कि वे बारी-बारी से राशन प्राप्त करें तथा राशन दुकानों पर एक-दूसरे की बीच दूरी कायम रखते हुए भीड़ न लगाएं। इन सभी हितग्राहियों की सूची पोर्टल पर लॉगिन में उपलब्ध है।


1400 किमी से लाई अपना बच्चा

निजामाबाद। कोरोना लॉकडाउन में देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग फंसे हुए हैं और वह अपने घर नहीं जा पा रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप से बचने के लिए ही मोदी सरकार ने यह फैसला लिया है। मगर इस बीच एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे पढ़कर आपको फिर से यकीन हो जाएगा कि एक मां अगर चाहे तो अपने बच्चों के लिए क्या नहीं कर सकती है। दरअसल, एक महिला का बेटा घर से करीब 700 किलोमीटर दूर लॉकडाउन की वजह से फंस गया था, जिसके बाद मां स्कूटी से 1400 किलोमीटर की यात्रा कर अपने बेटे को वापस ले आई।


स्कूटी से तय की 1400 किमी ससफरः फरलंगाना के निजामाबाद जिले की रहने वालीं 50 वर्षीय रजिया बेगम अपने स्कूटी से 700 किलोमीटर दूर नेल्लोर चली गईं, जहां उनका बेटा लॉकडाउन में फंसा था और फिर अपने बेटे को स्कूटी पर बैठाकर घर वापस ले आईं। रजिया बेगम निजामाबाद के बोधन शहर में एक सरकारी शिक्षिका हैं। रजिया अपने बेटे को लाने के लिए सोमवार की सुबह स्कूटी से निकलती हैं और मंगलवार को दोपहर में आंध्र प्रदेश के नेल्लोर पहुंचती हैं। वहां से वह अपने 17 साल के बेटे मोहम्मद निजामुद्दीन को स्कूटी पर बैठाकर वापस घर चली आती हैं और वह बुधवार को शाम में अपने घर पहुंचती हैं। इस दौरान रजिया तीन दिनों में कुल 1400 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। उनका बेटा नेल्लोर में अपने दोस्त के घर पर फंस गया था।


एसीपी ने दी थी विशेष परमिशनः हालांकि, लॉकडाउन होने की वजह से इस असंभव काम में उनकी मदद बोधन जिले के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर वी जयपाल रेड्डी करते हैं। रजिया अपने बेटे को वापस लाने का वाजिब कारण बताती हैं और उनसे जाने की मंजूरी मांगती हैं। रजिया की गुहार सुनकर जयपाल रेड्डी उन्हें एक विशेष लेटर जारी करते हैं, ताकि प्रशासन कहीं भी रोके-टोके नहीं। हालांकि, इस दौरान रजिया को कई जगहों पर पुलिसवाले रोकते भी हैं, मगर एसीपी द्वारा दी गई विशेष पास की बदौलत उन्हें कहीं ज्यादा दिक्कत नहीं आती है और वह अपने बेटे को सुरक्षित घर लाने में कामयाब रहती हैं।


रजिया को एक बेटा और एक बेटीः रजिया के पति 12 साल पहले एक बीमारी की वजह से गुजर चुके हैं। उनके दो बच्चे हैं, एक बेटा और एक बेटी। बेटा निजामुद्दीन 2019 में 12वीं पास कर गया है और अब वह हैदराबाद में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहा है। बीते दिनों निजामुद्दीन अपने दोस्त के साथ नेल्लोर गया था, जहां उसके दोस्त के पापा अस्पताल में भर्ती थे। तभी अचानक 23 तारीख को लॉकडाउन का ऐलान हो जाता है और वह अपने दोस्त के घर पर फंस जाता है।


बेटे के लिए हरसंभव कोशिशः रजिया को जैसे ही पता चलता है कि उनका बेटा नेल्लोर में दोस्त के घर पर फंस गया है, वह तुरंत असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर से संपर्क करती हैं और अपने बेटे को वापस बुलाने के लिए मदद की गुहार लगाती हैं। वह कहती हैं कि एसीपी साहब ने मुझे एक परमिशन लेटर दिया, ताकि मैं लॉकडाउन में अपने बेटे को लाने जा सकूं। उन्होंने आंध्र प्रदेश पुलिस से भी अपील की कि मुझे लॉकडाउन में अपने राज्य में जाने दिया जाए।


मुझे कहीं डर नहीं लगाः रजिया आगे कहती हैं कि मैं लगातार चलती गई। मुझे अपने बेटे को वापस लाना था, इसलिए कहीं भी डर नहीं लगा। कई जगह पुलिसवालों ने रोका, मगर मैं एसीपी साहब का दिया हुआ परमिशन लेटर दिखा देती थी और वे मुझे जाने देते थे। मैं नेल्लोर में एक दिन भी नहीं रुकी और वापसी के लिए मैं निकल गई।


कहरः परिवार के 25 लोग संक्रमित

कविता गर्ग


सिवान। बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना का कहर जारी है। प्रदेश के सीवान जिले के पंजवार गांव में 11 और लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने का मामला सामने आया है। ये सभी एक ही परिवार के सदस्य हैं। इस तरह सीवान में कुल पॉजीटिव केस 31 हो गए हैं, जिसमे पंजवार में एक ही परिवार के 25 लोग शामिल हैं। बिहार में अब कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 60 हो चुकी है। गत 30 मार्च को कोरोना के छह मरीज मिले थे, वहीं 7 अप्रैल को भी बिहार में एक ही दिन में कोरोना छह मरीज सामने आए थे। बिहार में गुरुवार को 19 नए मरीजों के सामने आने के बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या 39 से बढ़कर 58 हो गई। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि इनमें अधिकांश की यात्रा इतिहास या संक्रमण के विस्तार की पहचान कर ली गई है।


बेगूसराय में 15 व 18 वर्ष के दो लड़कों के सैंपल पॉजिटिव


उधर, बेगूसराय के बछवाड़ा इलाके में 15 और 18 वर्ष के दो लड़कों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं। इनकी ट्रेवल हिस्ट्री या किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आने की पहचान की जा रही है। बेगूसराय से मिली जानकारी के मुताबिक इस तरह जिले के एक गांव में जमात चलाने के दौरान पकड़े गए कुल 10 युवकों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या अब चार हो गई है। एक दिन पूर्व ही जमात में शामिल युवकों में से दो की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली थी। दोनों जमात से जुड़े थे।


चार जिलों को संवेदनशील माना जा रहा है


विभागीय सूत्रों ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर चार जिलों को बेहद संवेदनशील माना जा रहा है। इनमें सीवान, मुंगेर, पटना व गया शामिल हैं। हालांकि नवादा समेत बिहार के कुल 11 जिले कोरोना के प्रभाव क्षेत्र में शामिल हो चुके हैं।


पटना-बेगूसराय की सीमा को सील किया गया


बेगूसराय में कोरोना के दो मरीज मिलने के बाद पटना-बेगूसराय सीमा को सील कर दिया गया है। अन्य मार्ग पर भी वाहनों की र्चेंकग शुरू कर दी गई है। पटना जिले से सटे एक गांव में कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। मरीज विदेश से पटना लौटा था। पटना होकर ही वह अपने घर बेगूसराय गया था। इस दौरान पटना में कहां-कहां रुका, किसके संपर्क में आया, किस रास्ते से गांव लौटा, इसकी जानकारी ली जा रही है। डीएम कुमार रवि ने पटना-बेगूसराय सीमा पर वैसे ही वाहनों को आने-जाने की इजाजत दी है, जो अति आवश्यक सेवा में लगे हैं।


वायरसः 90 प्रतिशत की मजदूरी गई

आदित्य मैनन


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते किया गया लॉकडाउन भारत के गरीबों और मजदूरों पर बहुत भारी पड़ेगा। NGO जन साहस के एक सर्वे के मुताबिक, करीब 90% मजदूरों ने पिछले तीन हफ्तों में अपना कमाई का जरिया खो दिया है। भारत सरकार ने कंस्ट्रक्शन मजदूर लोगों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर मजदूरों तक इस राहत का पहुंचना मुश्किल है।


सर्वे देशभर के 3196 कंस्ट्रक्शन मजदूरों के बीच कराया गया था। सर्वे कहता है कि 94% कामगारों के पास बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स आइडेंटिटी कार्ड नहीं है, जो सरकार की तरफ से दी गई 32000 करोड़ की राहत पाने के लिए जरूरी है। सर्वे में शामिल हुए 17 प्रतिशत मजदूरों के पास बैंक अकाउंट नहीं है। इससे सरकार की तरफ से दी गई राहत का उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। जन साहस का सुझाव है कि इन लोगों तक ‘आधार से पहचान करके ग्राम पंचायत और पोस्टल ऑफिस के जरिए इनके दरवाजे तक कैश पेमेंट’ किया जाए। इन मजदूरों को राहत मिलने में एक और दिक्कत जानकारी की कमी की है। सर्वे के मुताबिक, 62 फीसदी मजदूरों को पता ही नहीं था कि आपातकालीन सरकारी राहत कैसे ली जाए, वहीं 37 प्रतिशत को नहीं पता था कि मौजूदा सरकारी स्कीमों की मदद कैसे ली जा सकती है।


बढ़ता कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा

नई दिल्ली। चीन के बुहान शहर से दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस (Coronavirus) का असर अब भारत में तेजी से फैल रहा है। इंडिया में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 6412 हो गई है, जबकि 199 लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके बीच इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने देश को भयानक खतरे के संकेत दिए हैं। हाल के कुछ हफ्तों में ICMR की ओर से देशभर के अलग-अलग जिलों से लिए गए कोरोना वायरस मरीजों के नमूनों और उनकी केस हिस्ट्री की जानकारी में जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन (Community Transmission) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। ICMR ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा न के बराबर है।


इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च (ICMR) की टीम ने 15 फरवरी और 2 अप्रैल के बीच कोविड-19 से संक्रमित 5,911 मरीजों की जांच की। इसमें से 104 मरीजों कोरोना पॉजिटिव पाए गए। ये सभी मरीज 20 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशा के 52 जिलों से थे। जांच में इन पॉजिटिव मरीजों में से 40 मरीजों ने कभी विदेश यात्रा नहीं की और न ही इनका संबंध कभी किसी विदेशी यात्री से रहा। 15 राज्यों के 36 जिलों में ऐसे मरीजों में कोरोना का संक्रमण देखने को मिला जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं थी।


गुजरात में 792 गंभीर रूप से बीमार लोगों की जांच की गई। इनमें से 13 मामले कोरोना पॉजिटिव पाए गए। तमिलनाडु में 577 मरीजों की जांच की गई जिसमें से 5 मरीजों में कोविड-19 सक्रिय था। महाराष्ट्र में 553 मरीजों में से 21 में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसी तरह केरल 502 मरीजों में 1 मरीज करोना पॉजिटिव मिला.ICMR की रिपोर्ट में बताया गया है। जिन जिलों में इस तरह के मरीज ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। वहां और अधिक सावधान रहने की जरूरत है. कोरोना के खतरे को लेकर ICMR ने जब 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट दी थी तब उसने कम्युनिटी ट्रांसमिशन के खतरे को पूरी तरह से नकार दिया था। लेकिन अब जो रिपोर्ट सौंपी गई है वह अच्छे संकेत नहीं दे रही है।


जानिए क्या होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन :- ये तब होता है जब वायरस सोसायटी में घुसकर बहुत बड़ी संख्या में लोगों को बीमार करने लगे। कमजोर इम्युनिटी वाले मरीजों की मौत होने लगे। लेकिन साथ ही साथ एक बार बीमार हो चुके लोगों में इसके लिए इम्युनिटी पैदा हो जाए और आखिर में वायरस कुछ न कर सके। इसे प्रतिरक्षा का सिद्धांत कहते हैं। कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होते ही ये हालात आते ही हैं। रोग प्रतिरक्षा पैदा होने में कितना वक्त लगता है ये कई बातों पर निर्भर है। जैसे बीमारी कितनी तेजी से फैल रही है। इम्युनिटी पैदा होने में आमतौर पर 6 महीने से लेकर 1 साल का समय लगता है। अभी तक SARS-CoV2 के मामले में वैज्ञानिक ये बता नहीं सके हैं।


लगातार 6 दिन रहेंगे बैंक बंद

नई दिल्ली। बैंकों के लिए अप्रैल को छुट्टियों वाला महीना कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। इस महीने बैंक सिर्फ 16 दिन ही खुलेंगे, जबकि 14 छुट्टी रहेगी। दरअसल 9 छुट्टियां त्योहारों एवं अन्य चीजों की हैं, जिन पर देश के विभिन्न हिस्सों में अवकाश रहेंगे। इसके अलावा हमेशा की तरह दूसरे और चौथे शनिवार की छुट्टी रहेगी। इस तरह कुल 14 दिन बैंकों में अवकाश रहेगा बता दें कि फिलहाल बैंकों में कार्य दिवसों पर सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही काम हो रहा है।
 10 अप्रैल यानी शुक्रवार को बैंक गुड फ्राइडे के चलते बैंकों में छुट्टी होगी। इसके बाद शनिवार और रविवार को भी अवकाश होगा यानी दूसरे सप्ताह में कुल 4 दिन बैंक बंद रहेंगे।।


13 अप्रैल यानी सोमवार को बिहू/बैसाखी पर्व के चलते अवकाश रहेगा। इस तरह 10 तारीख से 13 तारीख तक लगातार 4 दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी।14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर छुट्टी रहेगी। इसके अलावा तमिल और बंगाली नववर्ष भी इसी दिन मनाया जाएगा। 15 अप्रैल को बोहाग बिहू/हिमाचल दिवस का अवकाश रहेगा।हलाकि को हिमाचल के लोकल अवकाश रहेगा


नमाज पढ़ते मिले 40 पर 188 की कार्रवाई

छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी को देशभर में फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया है क्योंकि कोरोना संक्रमण का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। ऐसे में इससे केवल सोशल डिस्टेंस के माध्यम से ही बचा जा सकता है। यही वजह है कि सरकार जनता से सोशल डिस्टेंस बनाने की लगातार अपील कर रही है। वहीं लोग लगातार लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला छिंदवाड़ा में सामने आया, जहां लोग एक जगह इकट्ठे होकर नमाज पढ़ रहे हैं। छिंदवाड़ा के चौरई के पास खैरी मस्जिद 40 से अधिक व्यक्ति नमाज़ पढ़ते हुए पाये गये। थाना प्रभारी ने दबिश दी इस दौरान खैरीगढ़ सरपंच एजाज़ ख़ान भी मौजूद था। इन सभी व्यक्तियों के विरूद्ध पुलिस ने धारा 188, 269 भादवि आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं मध्यप्रदेश एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट कोविड 19 विनियम 2020, मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट1949, एपिडेमिक एक्ट 1897 के तहत सभी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाही की गई।


महाराष्ट्र सरकार पर भाजपा का हमला

मुंबई। कोरोना संक्रमण को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन जारी है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले हैं और मुंबई तो हॉटस्पॉट बना हुआ है। मुंबई में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 786 पहुंच गया है। एक तरफ महाराष्ट्र सरकार लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही है लेकिन दूसरी तरह महाराष्ट्र सरकार का गृह विभाग खुद नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। महाराष्ट्र का गृह विभाग मुंबई के रसूखदार परिवारों पर इतना मेहरबान है कि एक या दो नहीं बल्कि पांच कारों के साथ वाधवा परिवार के काफिले को मुंबई से महाबलेश्वर जाने की इजाजत दे दी।


मुंबई का जाना माना बिजनेस समूह वाधवा ग्रुप (HDIL , DHFL कंपनी) का परिवार मुंबई के बांद्रा पाली हिल इलाके में रहता हैं। अपने बंगले में परिवार के सदस्य बोर हो रहे थे तो परिवार के सदस्यों ने महाबलेश्वर में छुट्टी मनाने का फैसला किया। वाधवा परिवार के सदस्य , नौकर और बॉडीगॉर्ड सहित 23 लोग चार गाड़ियों के काफिले में महाबलेश्वर रवाना हुए और दोपहर तक महाबलेश्वर पहुंच गए. अब सवाल यह उठता है कि जब बिना कारण घर से निकलने वालों को मुंबई पुलिस सख्ती से निपट रही है और गृह मंत्रालय ने बिना कारण घर से निकलने वालों के खिलाफ सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं तो यह रसूखदार वाधवा परिवार महाबलेश्वर कैसे पहुंच गया?


दरअसल, वाधवा परिवार जब महाबलेश्वर पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने 23 लोगों की भीड़ देखकर इसका विरोध किया और सवाल उठाए कैसे लॉकडाउन के बीच वह महाबलेश्वर पहुंच गए? स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत लोकल पुलिस स्टेशन में की, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच। महाबलेश्वर गए सभी लोगों को हिरासत में लिया गया। फिलहाल वाधवा परिवार के सभी सदस्यों को अलग रखा गया है, परिवार के सदस्यों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग के विशेष सचिव और एडिशनल डीजीपी अमिताभ गुप्ता ने अपने आधिकारिक पत्र पर वाधवा परिवार के सदस्यों को खंडाला से महाबलेश्वर जाने की इजाजत दी। अपने पत्र में अमिताभ गुप्ता ने वाधवा परिवार के पांच गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नंबर का जिक्र किया और उन गाड़ियों में बैठने वाले सदस्यों के नाम का भी जिक्र किया।



इस पत्र में गृह विभाग के विशेष सचिव अमिताभ गुप्ता ने लिखा है कि यह वाधवा परिवार मेरे करीबी पारिवारिक मित्र हैं और इमरजेंसी हालात में यह खंडाला से महाबलेश्वर जाना चाहते हैं इसलिए इन्हें जाने दिया जाए। इस पत्र में खंडाला से महाबलेश्वर जाने का जिक्र है। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक वाधवा परिवार लॉकडाउन का एलान होने के बाद मुम्बई में था। कपिल वाधवा, धीरज वाधवा रियल एस्टेट कंपनी HDIL,  फाइनेंस कंपनी DHFL सहित कई कंपनियों के मालिक हैं। गौरतलब है की मुंबई के व्यापारी वाधवा बंधु डीएचएफएल और यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत पर बाहर हैं। वाधवा बंधु पीएमसी बैंक घोटाले में भी आरोपी बनाए गए हैं। बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र के राज्यपाल को पत्र लिखकर इस मामले में संज्ञान लेने की बात कही है।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-243 (साल-01)
2. शनिवार, अप्रैल 11, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्थी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:10,सूर्यास्त 06:45।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


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गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

घर में ही रहे, बाहर न निकलेःओली

काठमांडू। कोरोना संक्रमण पर देश की जनता को संबोधित करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा कि अगले दो हफ्ते महत्वपूर्ण हैं। टीवी पर अपने संबोधन में ओली ने कहा, लोग घर में ही रहें और बाहर न निकलें। लोगों से अपील में उन्होंने शारीरिक दूरी बनाए रखने पर बल दिया। नेपाल में अब तक नौ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 


नेपाल में 30,566 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्थाः कोरोना को हराने के लिए सरकार द्वारा की जा रही तैयारियों का ब्योरा देते हुए ओली ने कहा, नेपाल में फिलहाल 30,566 लोगों को क्वारंटाइन करने की व्यवस्था है। तीन हजार से ज्यादा आइसोलेशन बेड तैयार किए जा रहे हैं। देश में नौ हजार से ज्यादा संदिग्ध क्वारंटाइन में हैं। नेपाल सरकार ने सोमवार को देशव्यापी लॉकडाउन 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया था। पीएम ने कहा कि विदेश से नेपाल आने वाले लोगों को पहले 14 दिनों के क्वारंटाइन का पालन करना होगा।


फ्रांसः 21,254 हजार ठीक, घर लौटे

पेरिस। यूरोपीय देशों में कोरोना का कहर जारी है। फ्रांस में कोरोना महामारी से पिछले 24 घंटों के दौरान 541 मौत दर्ज की गई है। फ्रांस में कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से देश में लगातार संक्रमित लोगों की संख्‍या में इजाफा हो रहा है। हालांकि, यह सुखद है कि संक्रमित लोगों में कुल 21,254 मरीज ठीक होकर घर पर लौटे हैं। उधर, कोरोना महामारी के बीच बुधवार शाम को फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने घोषणा की कि देश मेंं लॉकडाउन को फिर से बढ़ाया जाएगा। राष्ट्रपति मैक्रोन अगले सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करेंगे ताकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए अन्‍य उपायों की घोषणा की जा सके। 


स्वास्थ्य महानिदेशक जेरिस सॉलोमन चेतावनी दी है कि कुछ जगहों पर कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में इसका असर सर्वाधिक है। उन्‍होंने सोशल डिस्‍टेंसिंग का हवाला देते हुए कहा कि घर पर रहना ही इस वायरस के खिलाफ बेहतर कार्रवाई है। वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सबसे कुशल हथियार है। उन्‍होंने कहा कि 67 करोड़ लोगों को 17 मार्च को लॉकडाउन में रह रहे हैं। इसका मकसद कोरोना के प्रसार को रोकना है। इसे प्रभावी उपाय बताते हुए उन्‍होंने कहा कि इसे 15 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है।  


भारत को आदेश देने का दुस्साहस

कृष्ण कांत
3 दिसंबर, 1971. पाकिस्तान ने पश्चिमी भारत के आठ सैनिक अड्डों पर हमला किया। पाकिस्तान की योजना थी कि पहले हमला बोलकर भारत को क्षति पहुंचाई जा सकेगी। लेकिन भारतीय सेना सुरक्षित पीछे हट गई।


प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और जनरल मानेक शॉ इस मौके का इंतजार कर रहे थे। जनरल जेएस अरोड़ा के अभूतपूर्व नेतृत्व में भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान को घेर लिया था। राष्ट्रपति निक्सन ने पाकिस्तान की ओर से हस्तक्षेप किया। भारत को आक्रमणकारी घोषित किया, कई तरह के प्रतिबंध थोपे और संयुक्त राष्ट्र में युद्ध विराम का प्रस्ताव ले गए। रूस भारत के साथ खड़ा था, उसने वीटो कर दिया। निक्सन ने 9 दिसंबर को अमेरिका का सातवां युद्धक बेड़ा भारत की ओर रवाना किया। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा, हिन्दुस्तान किसी से नहीं डरता, चाहे सातवां बेड़ा हो या सत्तरवां। अमेरिका ने सेना वापस लेने का दबाव बनाया तो इंदिरा गांधी ने दो टूक शब्दों में कहा, 'कोई देश भारत को आदेश देने का दुस्साहस न करे।'अमेरिका के जवाब में जनरल मानेक शॉ ने आदेश दिया, भारत की सैनिक योजना को और तेज कर दिया जाए।


3 दिसंबर को शुरू हुआ युद्ध 13 दिसंबर को समाप्त हो गया. पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अमेरिका अवाक रह गया। उसका सातवां बेड़ा भारत तक कभी नहीं पहुंचा।


बीबीसी से इंदिरा गांधी ने कहा था, 'हम लोग इस बात पर निर्भर नहीं हैं कि दूसरे देश क्या सोचते हैं या हम क्या करें या वे हमसे क्या करवाना चाहते हैं, हम यह जानते हैं कि हम क्या करना चाहते हैं और यह कि हम क्या करने जा रहे हैं. चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो। आज नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। पिछले ही साल अमेरिका और ट्रंप ने भारत को धमकाया था कि ईरान से तेल लेना बंद करो, वरना प्रतिबंध लगा देंगे। अब नया मसला है मलेरिया समेत कुछ दवाओं का। वे खुले शब्दों में धमकी देते हैं और भारत निर्यात से बैन हटा लेता है और इसका बचाव भी किया जा रहा है।


ट्रंप ने कहा, 'मैंने उनसे (पीएम मोदी) सोमवार सुबह बात की, मैंने कहा कि यदि आप हमारी सप्लाई को आने की इजाजत दें तो हम स्वागत करेंगे। अगर वे आने की इजाजत नहीं देते तो भी कोई बात नहीं, लेकिन निश्चित रूप से हम भी पलटवार कर सकते हैं। ऐसा क्यों नहीं करना चाहिए?'इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, 'अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की 'पलटवार' की चेतावनी के कुछ ही घंटों में भारत ने हाइड्रोक्लोरोक्वीन के निर्यात से आंशिक प्रतिबंद हटा लिया है। द वायर ने लिखा है, 'डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मलेरिया रोधी ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ दवा ना देने पर भारत को कड़े परिणाम भुगतने की चेतावनी देने के कुछ घंटों बाद ही मंगलवार को भारत ने कुछ देशों को उचित मात्रा में पैरासीटामॉल और ‘हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन’ के निर्यात को अस्थायी तौर पर मंजूरी दे दी है'।


कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, 'वैश्विक मामलों के मेरे दशकों के अनुभव में मैंने ऐसा कभी नहीं सुना कि कोई राष्ट्राध्यक्ष या सरकार इस तरह से खुली धमकी दे रही हो। आप भारत के हाईड्रोक्लोरोक्वीन को 'अवर सप्लाई' किस तरह से कह सकते हैं मिस्टर प्रेसिडेंट? यह आपकी सप्लाई तब ही होती है, जब भारत इसे आपको बेचने का निर्णय लेता है। सुनते हैं कि प्रधानमंत्री भी बहुत मजबूत हैं, सरकार भी बहुत मजबूत है। तो हजूर! आप बार बार समर्पण क्यों कर देते हैं? क्या भारत की संप्रभुता को ट्रंप के हाथ गिरवी रख दिया गया है? क्या हमारा देश 1971 की तुलना में कमजोर स्थिति में है जो अमेरिका की धमकी पर अपने निर्णय लेता है?


तब्लीगी जमात को बैन करने की गुहार

नई दिल्ली। तब्लीगी जमात का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अजय गौतम ने देश के प्रधान न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर तब्लीगी जमात पर बैन लगाने व उसकी तमाम गतिविधियों पर रोक लगाने की गुहार की है।


अजय गौतम ने गुहार लगाई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार और गृह मंत्रालय को तब्लीगी जमात की सभी गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश पारित किया जाना चाहिए। साथ ही इस पत्र में यह भी कहा गया है कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के तहत तब्लीगी जमात की निजामुद्दीन स्थित बिल्डिंग को गिराया जाए। इसके अलावा तब्लीगी जमात पर कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने के कथित आरोप की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। उन्होंने पिटीशन दाखिल करके मांग की है कि इसे जनहित याचिका के तौर पर देखा जाए और सुनवाई की जाए।


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...