शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

वायरसः 90 प्रतिशत की मजदूरी गई

आदित्य मैनन


नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते किया गया लॉकडाउन भारत के गरीबों और मजदूरों पर बहुत भारी पड़ेगा। NGO जन साहस के एक सर्वे के मुताबिक, करीब 90% मजदूरों ने पिछले तीन हफ्तों में अपना कमाई का जरिया खो दिया है। भारत सरकार ने कंस्ट्रक्शन मजदूर लोगों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन इनमें से ज्यादातर मजदूरों तक इस राहत का पहुंचना मुश्किल है।


सर्वे देशभर के 3196 कंस्ट्रक्शन मजदूरों के बीच कराया गया था। सर्वे कहता है कि 94% कामगारों के पास बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स आइडेंटिटी कार्ड नहीं है, जो सरकार की तरफ से दी गई 32000 करोड़ की राहत पाने के लिए जरूरी है। सर्वे में शामिल हुए 17 प्रतिशत मजदूरों के पास बैंक अकाउंट नहीं है। इससे सरकार की तरफ से दी गई राहत का उन तक पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। जन साहस का सुझाव है कि इन लोगों तक ‘आधार से पहचान करके ग्राम पंचायत और पोस्टल ऑफिस के जरिए इनके दरवाजे तक कैश पेमेंट’ किया जाए। इन मजदूरों को राहत मिलने में एक और दिक्कत जानकारी की कमी की है। सर्वे के मुताबिक, 62 फीसदी मजदूरों को पता ही नहीं था कि आपातकालीन सरकारी राहत कैसे ली जाए, वहीं 37 प्रतिशत को नहीं पता था कि मौजूदा सरकारी स्कीमों की मदद कैसे ली जा सकती है।


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