मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

धर्मगुरुओं ने कहा, घर से ना निकले

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से देश और दुनिया में जंग जारी है। पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन है। लॉकडाउन के बीच ही 9 अप्रैल गुरुवार को शब-ए-बारात भी है। मुस्लिम समुदाय के लिए ये इबादत की रात होती है। लोग इस दिन अपने बुजुर्गों की कब्र पर जाते हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते उलेमाओं ने इस बार घर से ही इबादत करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाहर न निकलने की अपील की है। शब-ए-बारात की रात में कब्रिस्तान न जाने की भी सलाह दी गई है।


दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही मौलाना मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि शब-ए-बारात इबादत की रात है। इस दिन कब्रिस्तान जाना जरूरी नहीं होता है। इसीलिए सभी अपने घरों में ही रहकर इबादत करें और अपने रिश्तेदारों के अलावा पूरे मुल्क व दुनिया की सलामती के लिए दुआ करें। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने का एक यही तरीका है कि हम अपने-अपने घरों में रहें। लॉकडाउन का पालन करें और कानून को अपने हाथ में न लें।


मौलाना अब्दुल हमीद नोमानी ने कहा कि शब-ए-बारात को अपने घर से ही मनाएं. मौजूदा समय में बीमारी से अपनी और दूसरों की जान बचाना फर्ज है और ज्यादा जरूरी है। कोरोना के चलते जब दुनिया भर की मस्जिदें बंद हैं और लोग अपने-अपने घरों से नमाज पढ़ रहे हैं तो घर से ही शब-ए-बारात की रात इबादत करें। उन्होंने कहा कि कब्रों पर जाना जरूरी नहीं है, इसीलिए घरों से ही अपने बुजुर्गों की मगफरत (माफी) की दुआ करें। इस वक्त सबसे ज्यादा उनके लिए दुआ करना जरूरी है, जो लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर इस बीमारी से दूसरे लोगों की जान बचाने में जुटे हैं।


कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने शब-ए-बारात के मद्देनजर सभी धर्मस्थलों (मस्जिद-मकबरा) और कब्रिस्तानों के ट्रस्टियों और प्रबंध समितियों को निर्देश दिया है कि लोगों को परिसर में प्रवेश न दें। सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैयद मोहम्मद शोएब ने कहा कि शब-ए-बारात के मौके पर सभी लोग धार्मिक स्थलों और कब्रिस्तानों पर जाने के बजाय घर के ही इबादत करें। साथ ही मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की है कि लोगों को घर से इबादत के लिए प्रोत्साहित करें।


लखनऊ ऐशबाग ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि किसी भी सूरत में घरों से बाहर न निकलें और घर में रहकर ही इबादत करें। कब्रिस्तान में अपने पुरखों व परिवारजनों की कब्रों पर न जाएं बल्कि फातेहा घर पर ही पढ़ें। उन्होंने कहा कि शब-ए-बारात गुनाहों से निजात की रात है। ऐसे में हमें गुनाह से बचना भी है और जहां तक गरीबों के भोजन कराने की बात है तो इससे अच्छा और क्या मौका होगा।


शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने भी शब-ए-बारात पर कहा कि कोई भी कब्रिस्तान न जाए। आतिशबाजी कर जश्न भी न मनाए। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने भीड़ इकट्ठा कर किसी भी आयोजन करने से मना किया। वहीं, बरेली के मौलाना फहीम अहमद अजहरी ने भी कहा कि समाज के लोग शब-ए-बारात के मौके पर घरों में ही इबादत करें और इस बार कब्रिस्तान न जाएं।


शब-ए-बारात की अहमियत


इस्लाम में शब-ए-बारात का बड़ा महत्व है। बरेली के इमाम अध्यक्ष मौलाना रिफाकत सकलैनी ने बताया कि वैसे तो साल के सभी दिन रात समान हैं, लेकिन इस्लाम में पांच रातें सभी रातों से ज्यादा अहम मानी जाती हैं। इनमें ईद की रात, बकरीद की रात, मेअराज की रात, रमजान में शबे कद्र और पांचवीं रात शब-ए-बारात है। इस रात को की जाने वाली हर जायज दुआ को अल्लाह जरूर कुबूल करते हैं, इस पूरी रात लोगों पर अल्लाह की रहमतें बरसती हैं। इस रात में पूरे साल के गुनाहों का हिसाब-किताब भी किया जाता है और लोगों की किस्मत का फैसला भी होता है।


इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से आठवां यानी शाबान के महीने की 15वीं तारीख की रात में शब-ए-बारात मनाई जाती है। इस रात को लोग न सिर्फ अपने गुनाहों से तौबा करते हैं बल्कि अपने उन बुजुर्गों की मगफिरत के लिए भी दुआ मांगते हैं जिनका इंतकाल हो चुका होता है। यही वजह है कि लोग इस मौके पर कब्रिस्तान भी जाते हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मुस्लिम उलेमाओं ने इस बार कब्रिस्तान पर नहीं जाने की अपील की है।


प्रतिदिन 8 अरब डॉलर का नुकसान

नई दिल्ली। लॉकडाउन खत्म होने की मियाद जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, अब लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि 14 अप्रैल के बाद क्या होगा? क्या लॉकडाउन खत्म हो जाएगा या फिर इसे एक बार फिर से बढ़ाया जाएगा। या फिर कुछ ही इलाकों में लॉकडाउन से छुटकारा मिलेगा। भारत में अभी कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए एक अरब से ज्यादा की आबादी लॉकडाउन के दायरे में है। इसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हो रहा है।


लॉकडाउन से क्रमवार तरीके से मिलेगी राहत


सरकार से मिल रहे संकेत बताते है कि 14 अप्रैल के बाद एक ही बार में देश से लॉकडाउन नहीं हटाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास, कैबिनेट मीटिंग, राज्य सरकारों की मीटिंग से मिल रहे संकेत बताते हैं कि देश में क्रमवार तरीके से लॉकडाउन हटाया जा सकता है। इसके लिए एक टाइमलाइन तैयार की जाएगी, जिसकी घोषणा होनी बाकी है। नरेंद्र मोदी सरकार के एक सीनियर मंत्री ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि सरकार Rational lockdown के आइडिया पर गौर कर रही है। इसके तहत क्रमवार तरीके से देश को लॉकडाउन से बाहर निकालने पर जोर दिया जाएगा।


लॉकडाउन की वजह से चरमरा रही अर्थव्यवस्था


सरकार का आकलन है कि लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिली है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोगों और अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंच रही है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि एक फौरी आकलन बताता है कि भारत की रोजाना जीडीपी लगभग 8 बिलियन डॉलर है। अगर लॉकडाउन को 30 दिनों तक खींचा जाता है तो लगभग 250 बिलियन डॉलर का नुकसान देश को होगा। अगर लॉकडाउन को जल्दी हटा लिया जाता है तो वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस नुकसान को पाटा जा सकता है। लेकिन अगर लॉकडाउन लंबा खिंचा तो रिकवरी असंभव हो जाएगी।


हालांकि सरकार के सामने चुनौती गंभीर है। कोरोना के विश्वव्यापी खतरे और दुनिया में इसके कहर को देखते हुए सरकार एकतरफा फैसला नहीं लेना चाहती है। इसलिए मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने सहमति का रास्ता चुना और राज्यों से कहा कि वे लॉकडाउन से एग्जिट का प्लान तैयार करके भेजें।


बता दें कि कोरोना के लगातार बदलते आंकड़ों से राज्यों के सामने लॉकडॉउन का एग्जिट प्लान तैयार करना मुश्किल है, क्योंकि कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या रोजाना आ रही है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों की रिपोर्ट इस सप्ताह के अंत तक का सकती है, इसके बाद पीएम एक बार मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर से बैठक करेंगे।


कल्याणकारी योजनाओं से राज्यों पर असर


लॉकडाउन की वजह से राज्यों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। इसके अलावा लॉकडाउन के प्रभाव में आए लोगों के लिए शुरू किए गए कल्याणकारी योजनाओं की वजह से भी उनके खजाने पर असर हो रहा है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं हो सकता है, क्योंकि कुछ दिनों बाद फंड के लिए राज्य सरकारें केंद्र के पास ही आएंगी।


क्षेत्रवार एग्जिट प्लान पर विचार


केंद्र और राज्य सरकारें फेजवाइज और क्षेत्रवार तरीके से लॉकडाउन से निकलने की संभावना पर विचार कर रही है। वैसे इलाके जहां ज्यादा केस आ रहे हैं वो 14 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन में रह सकते हैं। जबकि बाकी इलाकों को राहत दी जा सकती है।


कई राज्य ऐसे इलाकों की पहचान कर रहे हैं। इन इलाकों में सोशल डिस्टेंसिंग को बरकरार रखने के लिए लॉकडाउन हटाने के बाद धारा-144 लागू रखा जा सकता है।


अंतरराज्यीय परिवहन के पक्ष में नहीं है राज्य


कोरोना के संक्रमण को देखते हुए कई राज्य अभी भी एक से दूसरे राज्यों में परिवहन व्यवस्था शुरू करने के पक्ष में नहीं है। इसलिए बसों के चलने की संभावना खत्म हो जाती है। जहां तक ट्रेनों का सवाल है, तो जब तब राज्य इजाजत नहीं देते ट्रेनें नहीं चलाई जा सकती हैं।


केंद्रीय कर्मचारियों का रोस्टर तैयार कर रही है सरकार


केंद्र सरकार लॉकडाउन खत्म होने के बाद की अवधि के लिए अपने कर्मचारियों की ड्यूटी का रोस्टर तैयार कर रही है। इससे संकेत मिलता है कि लॉकडाउन को पूरी तरह से खत्म किए जाने की संभावना नहीं है।


अमेरिका को भारत से दवा की आशा

वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना वायरस का संकट तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ट्रायल के तौर पर भारत से दवा की सप्लाई की उम्मीद कर रहे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया को संबोधित कर कहा कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने को मंजूरी देता है तो हम इसकी सराहना करेंगे, अगर ऐसा नहीं होता है तब भी कोई बात नहीं। बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा मलेरिया के लिए होता है, जिसका भारत प्रमुख निर्यातक रहा है।


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इस संबंध में मैंने रविवार की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और मैंने कहा कि अगर आप हमारी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के सप्लाई को अनुमति दे रहे हैं, तो हम इसकी सराहना करेंगे। अगर वह इसकी अनुमति नहीं देते हैं तो भी कोई बात नहीं। लेकिन वे हमसे भी इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद रखें।


भारत ने क्या दिया था जवाब


दरअसल, कोरोना संकट से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा के ऑर्डर की आपूर्ति करने के आग्रह पर भारत ने कहा है कि एक जिम्मेदार देश होने के नाते हमसे जितना हो सकेगा, हम मदद करेंगे। भारत ने अमेरिका को स्पष्ट तौर पर बताया कि हम अपने 1.30 अरब आबादी को कोरोना वायरस महामारी से सुरक्षित करने के बाद ही कोरोना वायरस के मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के रोगनिरोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की आपूर्ति करेंगे।


सरकारी सूत्रों की मानें तो, भारत महामारी के संभावित सबसे खराब स्थिति से निपटने के मद्देनजर अपनी आबादी के लिए दवा का स्टॉक कर रहा है और सभी भारतीयों के लिए पर्याप्त होने के बाद ही इस दवा के निर्यात पर लगी रोक के आदेश को हटाएगा। भारत के अलावा, अन्य देश भी ऐसा ही कर रहे हैं। बता दें कि भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है, जिसका उपयोग मलेरिया के के लिए किया जाता है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन मलेरिया की दशकों पुरानी दवा है।


25 मार्च से लगी है दवा के निर्यात पर रोक
दरअसल, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 25 मार्च को इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी थी। हालांकि, डीजीएफटी ने कहा था कि मानवता के आधार पर मामले-दर-मामले में इसके कुछ निर्यात की अनुमति दी जा सकती है। अमेरिका में कोरोना वायरस संक्रमण के तीन लाख से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अभी तक इस वायरस से अमेरिका में 8,000 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है।


ट्रंप ने की दवा की सप्लाई की अपील
आज सुबह प्रेस ब्रीफिंग में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'मैंने सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। उन्होंने काफी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन टैबलेट्स बनवाई हैं। भारत इस पर गंभीरता से काम कर रहा है।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह भी इन टैबलेट्स का सेवन करेंगे। उन्होंने कहा, 'संभव है कि मैं भी इसे लूं। हालांकि, इसके लिए मुझे पहले डॉक्टर्स से बात करनी होगी।' उन्होंने आगे कहा कि मैं सराहना करूंगा कि अगर भारत हमारे द्वारा ऑर्डर की गईं टैबलेट्स की खेप को जारी करेगा। उन्होंने कहा, 'भारत ने काफी संख्या में यह टैबलेट्स बनाई हैं। उन्हें अपने अरब से अधिक लोगों के लिए इसकी जरूरत है।'


अमेरिका में कोरोना की स्थिति
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में कोहराम मचा हुआ है। कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटों में अमेरिका में 1150 लोगों की मौत हुई है। इससे एक दिन पहले भी अमेरिका में 1200 लोगों की जान चली गई थी। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 10 हजार के ऊपर पहुंच गई है।


कोविड-19 के खिलाफ हो धन उपयोग

नई दिल्‍ली। कांग्रेस की अंतरिक अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख है। इस पत्र में सोनिया गांधी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का समर्थन किया है, जिसमें सांसदों के वेतन में 30 फीसद की कमी करने का फैसला लिया गया है। सोनिया गांधी ने इस पत्र में लिखा है- ‘ यह एक सराहनीय कदम है। इस पैसे का उपयोग कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई के लिए बहुत आवश्यक है। यह समय की आवश्यकता है।


 


मैसेज फॉरवर्ड में व्हाट्सएप का बदलाव

कुंती ध्रुव


नई दिल्ली। व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस को लेकर फैलाए जा रहे अफवाह को लेकर व्हाट्सएप ने बड़ा फैसला लिया है। व्हाट्सएप ने मैसेज फॉरवर्डिंग को सीमित कर दिया है। व्हाट्सएप यूजर्स अब किसी मैसेज को एक बार में ही सिर्फ एक ही यूजर को फॉरवर्ड कर सकेंगे। फेसबुक के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप ने कहा है कि अब किसी फॉरवर्ड मेसेज को सिर्फ एक चैट के साथ ही शेयर किया जा सकेगा। यानी अब वॉट्सऐप यूजर्स एक से ज्यादा चैट में फॉरवर्ड मेसेज नहीं शेयर कर पाएंगे। इंस्टेंट मेसेजिंग ऐप ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है। वॉट्सऐप इस फीचर को रोलआउट कर रहा है। कंपनी ने यह कदम coronavirus को लेकर अपने प्लैटफॉर्म के जरिए फैल रही गलत जानकारी और फर्जी खबरों को रोकने के लिए उठाया है।



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 WhatsApp's new limit on frequently forwarded messages aimed at combating spread of fake news, misinformation amid COVID-19 pandemic
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12:41 PM - Apr 7, 2020
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मेसेजिंग ऐप के जरिए अफवाहों के फैलने के चलते अब यह लिमिट 1 चैट के लिए ही तय की गई है। खास बात है कि वॉट्सऐप का यह फीचर ऐसे समय में आया है जबकि वॉट्सऐप लॉकडाउन के समय में लोगों को आपस में कनेक्ट रखने के लिए खासा ऐक्टिव है। बता दें कि अगर किसी यूजर को लगातार फॉरवर्ड किया जा रहा मेसेज मिलता है। वह उसे आगे 5 बार फॉरवर्ड कर सकता है। लेकिन नए नियमों के मुताबिक अब सिर्फ एक सिंगल चैट को ही यह मेसेज भेजा जा सकेगा। 2019 में इस लिमिट को 5 चैट के लिए तय किया गया था।


वॉट्सऐप ने इस फीचर को ऐसे समय में जारी किया गया है जबकि दुनियाभर में लोग सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर फैल रही अफवाहें और फर्जी खबरों को रोकने में लगे हैं। इसी सिलसिले में हाल ही में वॉट्सऐप पर एक फीचर देखा गया था जिसके जरिए यूजर्स वॉट्सऐप फॉरवर्ड मेसेज को गूगल पर सर्च कर यह जान सकेंगे कि वह फेक तो नहीं। यह फीचर अभी वॉट्सऐप के ऐंड्रॉयड व आईओएस वर्जन के बीटा ऐप पर उपलब्ध है।


दुर्भाग्यपूर्णः श्रेय लेने की राजनीति

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश (Dr.Indira Hridayesh) ने हल्द्वानी में प्रशासन द्वारा गरीबों को खाद्यान्न वितरण किए जाने पर भाजपा संगठन पर निशाना साधा है नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश का कहना है कि खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है। लेकिन भाजपा संगठन प्रशासन को जबरन दबाव में लेकर वितरण व्यवस्था को खराब करने में तुला हुआ है जिस वजह से जरूरतमंद गरीबों को खाद्यान्न रसद मुहैया कराने में दिक्कत हो रही है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हरदेश का कहना है कि भाजपा संगठन शहर में प्रशासन द्वारा बांटे जा रहे खाद्यान्न रसद को अपने हिसाब से बटवा ने की लिए दबाव बना रहा है जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।


इंदिरा हृदयेश ने न सिर्फ वितरण व्यवस्था पर सवाल उठाए बल्कि भाजपा संगठन पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस विपत्ति के समय में भी भाजपा संगठन इस खाद्यान्न वितरण व्यवस्था के बहाने संगठन में लाभ लेना चाह रहा है जो कि बिल्कुल भी गलत है खाद्यान्न वितरण व्यवस्था की कमी की वजह से लोग निराश हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के संगठन का पूरा दोष है।


यूपी में 31 से अधिक इलाके किए सील

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 31 से अधिक इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है, जिससे क्षेत्रों में कोई भी आवाजाही नहीं हो पा रही है। जिन इलाकों को सील किया गया है, ये वो इलाके हैं जहां पिछले 48 घंटों में कोरोनावायरस पॉजिटिव केस पाए गए हैं। रायबरेली जिले में दिल्ली से लौटे दो तब्लीगी जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सोमवार को यहां के दस इलाकों को सील कर दिया गया था। रायबरेली के पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगाई ने कहा कि नगर कोतवाली क्षेत्र में 200 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है और निजामुद्दीन मरकज से लौटे दो जमातियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया है। ये दोनों एक ‘धर्मशाला’ में रह रहे थे।


उन्होंने कहा कि अग्निशमन दल और स्वास्थ्य कर्मचारी लगातार इन क्षेत्रों की सफाई कर रहे हैं। इसी तरह, सीतापुर जिले के खैराबाद को भी सोमवार को सील कर दिया। यहां सादिक नाम के व्यक्ति के स्वामित्व वाले घर में 8 बांग्लाादेशी रह रहे थे। यहां एक का कोविड -19 परीक्षण पॉजिटिव आया था।


लखनऊ के पूरे सदर बाजार क्षेत्र को शुक्रवार शाम सील कर दिया गया था। यहां एक मस्जिद में तब्लीगी जमात के 12 सदस्य पाए गए जिनमें से 11 का इस घातक वायरस के लिए परीक्षण पॉजिटिव आया था। सील किए गए सदर बाजार के निवासी रमेश भसीन ने आईएएनएस को फोन पर बताया कि उन्हें अपने दरवाजे पर खड़े होने या खिड़कियों के माध्यम से पड़ोसियों से बात करने की भी अनुमति नहीं दी जा रही है।


वाराणसी में चार इलाकों को भी सील कर दिया गया है। इनमें मदनपुरा, बजरडीहा, गंगापुर और लोहता शामिल हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़, हाथरस, गाजीपुर, आजमगढ़ और कानपुर के विभिन्न इलाकों को भी सील कर दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “सभी सील हुए क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और संक्रमण को रोकने के लिए यह किसी भी तरह के मूवमेंट को रोक दिया गया है।”यह पूछे जाने पर कि लॉकडाउन अवधि में इलाकों को सील करने की जरूरत क्योिं पडी तो पुलिस अधिकारी ने बताया, “लॉकडाउन में, आवाजाही पर प्रतिबंध होता है, आपात स्थिति होने पर ही लोग बाहर जा सकते हैं। लेकिन जब हम किसी क्षेत्र को सील करते हैं, तो वहां किसी को भी घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती है और आपात स्थिति होने पर हम उनके पास पहुंचते हैं।”


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था, पी.वी. रामसस्त्रि ने कहा कि जिला पुलिस प्रमुखों और दो पुलिस आयुक्तों को एक निर्देश जारी किया गया है, जिसमें किसी भी स्थिति के प्रभावी संचालन के लिए एक रैपिड एक्शन टीम (आरएटी) और राज्य में कोरोना फैलने के कारण उत्पन्न हुई किसी भी स्थिति में अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए एक नोडल कोरोना सेल की स्थापना करने को कहा गया है।उन्होंने कहा, “एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जिसमें अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रों के अनुसार जोखिम वाले क्षेत्रों से निपटने का एक उचित तरीका बताया गया है, उसे भी सभी जिलों के साथ साझा किया गया है।” उन्होंने कहा कि किसी भी ऑपरेशन को शुरू करने के लिए जरूरी उपकरण राज्य के सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को उपलब्ध कराए गए हैं।


भूख से पीड़ित की डीएम से गुहार

हरिहरपुर। कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन में मजदूरों की रोजी-रोटी छिन गई है। सरकार और प्रशासन भले ही लोगों तक मदद पहुंचाने की बात कर रहा है, लेकिन ऐसा ही परिवार हैं जिन तक अब भी मदद नहीं पहुंच सकी है। ऐसे ही एक मामला नगर पंचायत हरिहरपुर में सामने आया है।
यहां एक ही परिवार के कई सदस्यों को भोजन के लिए परेशान होना पड़ रहा है। परिवार को न ही कोई सरकारी सहायता मुहैया हुई और न ही कोटे का राशन मिला। मजबूरी में बच्चों को रिश्तेदारी में भेजना पड़ा। पीड़ित परिजनों ने डीएम से सहायता की गुहार लगाई है। नगर पंचायत हरिहरपुर के वार्ड नंबर चार पटेल नगर निवासी भइयाराम व उनका परिवार लॉकडाउन की वजह से राशन नहीं मिलने से परेशान है। घर के मुखिया भइयाराम का कहना है कि उन्हें अब तक सरकारी सहायता के नाम पर कुछ भी नहीं मिला है।


यहां तक कि पीड़ित परिवार के किसी भी सदस्य के नाम से राशन कार्ड भी नहीं बना है। जिसके कारण कोटे का राशन भी नहीं मिला। परिवार के भरण पोषण का जरिया मजदूरी है जो लॉकडाउन की वजह से बंद है। ऐसे में परिवार के सदस्यों के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजार करना मुश्किल हो गया है।


परिवार में कुल तीन पुरूष, दो विधवा, एक विकलांग महिला और नौ छोटे-छोटे बच्चे हैं। जब खाने बगैर परिवार के लोग परेशान हुए तो छोटे बच्चों को एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया। परिवार के अन्य सदस्य कहां जाएं। भूख से परेशान पीड़ित परिजनों ने डीएम से सहायता की गुहार लगाई है। डीएम रवीश गुप्त ने बताया कि तहसील प्रशासन के माध्यम से पीड़ितों तक राशन आदि उपलब्ध कराया जाएगा।


सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 08, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-240 (साल-01)
2. बुधवार, अप्रैल 08, 2020
3. शक-1942,चैैत्र-शुक्ल पक्ष, तिथि- पूर्णमासी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:15,सूर्यास्त 06:40।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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सोमवार, 6 अप्रैल 2020

डासना जेल में शुरू सैनिटाइजिंग टनल

गाजियाबाद। जिला जेल डासना में रविवार को सैनिटाइजिंग टनल का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर जेल के अधिकारी वह स्टाफ मौजूद रहा। जेल प्रशासन ने बताया कि पुलिस महानिदेशक/ महानिरीक्षक कारागार आनंद कुमार के निर्देशन में 5 अप्रैल 2020 को डासना जेल में सैनिटाइजिंग टनल का शुभारंभ किया गया।


वैश्विक महामारी कोविड-19 से बंदियों व स्टाफ को वीसंक्रमित करने के उद्देश्य से सैनिटाइजिंग टनल की शुरुआत की गई है। इस टनल के बनने से कारागार में निरुद्ध बंदियों व स्टाफ को कोविड-19 से प्रभावी ढंग से निपटने में सहायता मिलेगी। जेल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील त्यागी ने बताया कि अब जो भी बंदी या स्टाफ डासना जेल में प्रवेश करेगा वह इसी सैनिटाइजिंग टनल से होकर गुजरेगा जिससे कोरोनावायरस का खतरा खत्म हो जाएगा।


डीएम-एसएसपी ने किया निरीक्षण

मुकेश सिंघल
गाजियाबाद। COVID-19 (कोरोना वायरस) लॉकडाउन के सफल क्रियान्वयन व कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने व संक्रमित व्यक्तियों के इलाज हेतु बनाए गए विभिन्न क्वॉरेंटाइन/ आइसोलेशन सैंटरों (सुंदरदीप इंस्टीट्यूट, आरकेजीआईटी कॉलेज, संयुक्त चिकित्सालय व अन्य ) का जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी द्वारा संयुक्त भ्रमण / निरीक्षण किया गया तथा मौजूदा मैडिकल स्टाफ / पुलिसकर्मियों व अन्य कर्मचारियों से वार्ता कर जायजा लिया गया तथा उनके द्वारा सेवाभाव से किये जा रहे कार्यों के लिए हौसलाअफजाई की गई। इस दौरान एडीएम सिटी व एसपी सिटी भी मौजूद रहे।
 
इस दौरान आवश्यक सतर्कता व सजगता बरतने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु आवश्यक निर्देश दिए गए। साथ ही क्वॉरेंटाइन या आइसोलेट किए गए व्यक्तियों के परिजनों को प्रशासन/ पुलिस/चिकित्सकों को सहयोग करने हेतु ब्रीफ किया गया।
 एसएसपी द्वारा इस दौरान संक्रमण से खुद के बचाव हेतु सैनिटाइजर, मास्क, ग्लव्स आदि का उपयोग करते हुए लगातार साबुन से हाथ धोयें व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा अपने आसपास अन्य लोगों को भी उक्त के बारे में जागरूक करने हेतु निर्देशित किया गया ।


जनसंघ से भाजपा तक का सफर

भारतीय जनता पार्टी आज 40 साल हो गई है। 6 अप्रेल 1980 को इसकी स्थापना हुई थी, इन 40 सालो के सफर में बीजेपी में अभूतपूर्व परिवर्तन हुआ है। दो सीट से लेकर 303 सीटों का सफर बीजेपी इन 40 सालो में तय किया किया। वर्ष 1951 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की शुरुआत की जो आगे चलकर बीजेपी में परिवर्तित हो गई। श्यामाप्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय बीजेपी के पितृ पुरुष माने जाते है। 1980 में बीजेपी की स्थपना के बाद स्व अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष बने, अटल बिहारी को वाजेपयी को लालकृष्ण आडवाणी साथ मिला। दोनों ने ही पार्टी को मजबूत करने अहम् भूमिका निभाई। पार्टी निर्माण के बाद पहली बार वर्ष 1984 में बीजेपी ने चुनाव लड़ा और दो सीटे मिली। बीजेपी को हिंदुत्व वाली छवि और अयोध्या के राममंदिर ने देश भर पहचान दिलाई। वर्ष 1991 में में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा सोमनाथ से अयोध्या तक निकाला । रथयात्रा ने देशभर में बीजेपी को पहचान दिलाई और खुलकर हिंदुत्व की बात करने वाली पार्टी बनकर सामने आई। 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद को बीजेपी नेताओ ने गिरा दिया जिसमे लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी और उमा भारती समेत नेताओ का नाम आया। अयोध्या रथ यात्रा और बाबरी मस्जिद गिराने का फायदा बीजेपी को वर्ष 1996 के लोकसभा चुनाव में मिला। लोकसभा में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई। रास्ट्रपति ने सरकार बनाने बीजेपी को आमंत्रित किया। ये सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और कुछ दिनों बाद ही गिर गई।


वर्ष 1998 में बीजेपी ने फिर अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर केंद्र में सरकार बनाई और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने। बीजेपी ने फिर 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बनाकर लोकसभा चुनाव लड़ा। इस गठबंधन में 20 से दल शामिल हुए, इस गठबंधन को 294 सीटों पर जीत मिली। इसमें बीजेपी को 182 सीटें हासिल हुई जिसके बाद एक बार फिर से अटल बिहारी वाजपेयी प्रधामंत्री बने और इस बार उन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया।


वर्ष 2002 के बाद से बीजेपी केंद्र की सत्ता से वंचित रही। अटलबिहारी के बाद नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में  दमदार नेता बनकर उभरे और बीजेपी ने 282 सीटे और नरेंद्र मोदी प्रधानमत्री बने। उसके बाद से बीजेपी निरंतर उचाईयो को छू रही है है। बीजेपी के आज 15 से अधिक राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगियो की सरकार है। 1991 के दौर में अटलबिहारी वाजपेयी और लालकृष्णा अडवाणी की जोड़ी थी जो वर्तमान में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की है। जिसके नीतियों के दम पर बीजेपी बढ़ते क्रम पर है।


2014 में सरकार में आने के बाद नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी और लालकृष्ण अडवाणी के सपने को पूरा किया। कश्मीर से धारा 370 हटाकर वहां तिरंगा फहराया गया। वही 28 सालो से लंबित राम मंदिर का मुद्दा इनके कार्यकाल में समाप्त हुआ। जिसके बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। दुनिया भर में 10 करोड़ कार्यकर्ताओ वाली बीजेपी विश्व में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वर्ष 2014 में आई बीजेपी और वर्ष 2019 में बानी बीजेपी की सरकार में बहुत परिवर्तन हुआ है। पुराने समय के तमाम बड़े नेता दरकिनार कर नए लोगो को पार्टी में शामिल किया गया है।


मतभेद भुलाकर एकजुट होने का समय

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि कोरोना संकट देश में धर्म, जाति और वर्ग आधारित मतभेदों को भुलाकर एकजुट होने का मौका है। उन्होंने यह भी कहा कि देश एकजुट होकर इस महामारी को पराजित करेगा। उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से एक बार फिर सरकार से आग्रह किया कि कोरोना की व्यापक स्तर पर जांच की जाए।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'कोरोना संकट भारत के लिए एक ऐसा मौका है जिसमें लोग अपने धर्म, जाति एवं वर्ग के मतभेदों को पीछे छोड़कर एकजुट हों और इस खतरनाक वायरस को पराजित करें।' उन्होंने कहा,' करुणा, संवेदना और त्याग इस सोच की बुनियाद हैं। हम साथ मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे।' अपने इस ट्वीट के साथ राहुल ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करती एक तस्वीर भी साझा की।
वहीं, प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का एकमात्र रास्ता ज्यादा से ज्यादा जांच है। तभी हम संक्रमित व्यक्ति का उपचार कर सकते हैं। प्रियंका ने कहा, 'ज्यादा से ज्यादा जांच करो, फिर उपचार करो- यही हमारा मंत्र होना चाहिए। आप सबसे मेरी गुजारिश है कि ज्यादा जांच के लिए आवाज उठाइए।'


भुखमरी और तंगहाली का जश्न

आज हमारा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है। लगातार हमारे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा भी लगभग 100 के पार पहुंच चुका है। हमारा देश आज एक ऐसी महामारी से जूझ रहा है जिस से निकल पाने के बावजूद भी देश बहुत पीछे चला जाएगा। भारत में 22 मार्च 2020 को देश के प्रधानमंत्री की अपील पर एक दिन का जनता कर्फ्यू लगाया गया था। उसी दिन कुछ प्रदेशों व जिलों को लॉक डाउन कर दिया गया था। 24 मार्च 2020 को रात्रि आठ बजे देश के प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन दिया और रात्रि 12:00 बजे से अगले 21 दिनों तक यानी 14 अप्रैल 2020 तक संपूर्ण देश को लॉक डाउन कर दिया।


इसमें कुछ रोजमर्रा की चीजों को खोला गया। हमारे देश के प्रधानमंत्री ने इकोनॉमी को छोड़कर जनता को चुना क्योंकि अगर जनता ही नहीं रहेगी तो कैसी और किस काम की इकोनॉमी। लॉकडाउन के बाद भी धीरे-धीरे कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसी बीच खबरें आई की दिहाड़ी मजदूरों के आगे रोजी-रोटी का संकट आ गया।


लोग पलायन करने को मजबूर हो गए। लोगों ने 200, 400, 600 व 1000 किलोमीटर तक की पैदल यात्रा की। इसी के बाद शुरू हुआ संप्रदायिकता की भावनाओं को भड़काने का खेल। पहले संप्रदायिकता की भावनाओं को सोशल मीडिया पर ताकत दी गई और उसके बाद तबलीगी जमात से कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को हमारे देश में संप्रदायिकता कर रंग दे दिया। जो कल तक एक साथ उठते बैठते थे, वह आज दुश्मन नजर आने लगे।


इस संप्रदायिकता को रंग देने में कुछ मीडिया हाउसों ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई। जनता कर्फ्यू के दिन प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के इलाज में जुटे कर्म योगियों का अभिवादन करने को कहा, उत्साह बढ़ाने को कहा। थाली ताली घंटी और शंख के माध्यम से देश की जनता ने उन्हें भरपूर समर्थन भी दिया और उत्साहवर्धन भी किया।


इसके बाद पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट तक घरों की लाइट को बंद कर अपनी बालकनी और छतों में आकर दिये, मोमबत्ती, टॉर्चर और मोबाइल की फ्लैश जलाने की अपील देशवासियों से की गई थी। देशवासियों को कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए एकजुटता दिखाने को कहा गया था।


लेकिन बेहद अफसोस हमारे देश का कुछ हिस्सा जो इस समय मानसिक रोगी हो चुका है, वह अपना होश खो बैठा और उसने जमकर आतिशबाजी की। ऐसा तो हमारे पीएम ने नहीं कहा था। लेकिन इसमें यह सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर आतिशबाजी कर वो हिस्सा किस बात की खुशी जाहिर करना चाह रहा था। कोरोना वायरस की चपेट में आकर मरने वालों की संख्या 100 के पार पहुंच चुकी है। बहुत लोगों को रोजी रोटी छिन गई है।


वहीं हमारे देश के कुछ बुद्धिजीवी जश्न मनाने में मशगूल थे। गरीब तबके के लिए रोजी-रोटी का संकट खड़ा है। जगह-जगह लोग सेवा कर रहे हैं। क्या यह जश्न उन लोगों की रोजी रोटी या मौत पर मनाया गया था? आज जो लोग सोशल मीडिया पर संप्रदायिकता की भावना को भड़काने का काम कर रहे हैं। वह शायद कल के बारे में नहीं जानते कई विद्वान अर्थशास्त्रियों का मानना है की लॉक डाउन के बाद भारत में बहुत सारे व्यापार खत्म हो जाएंगे।


कुछ चीजों को सामान्य होने में बहुत सारा समय लगेगा। आज केवल दुख इस बात का है ज्ञान होने के बावजूद भी लोग अज्ञानी बन गए। लेकिन उन अज्ञानीयो का मकसद सिर्फ एक समुदाय को नीचा दिखाने का था। शायद कुछ लोग इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद हमें देशद्रोही साबित करने की कोशिश करेंगे। हम पत्रकार हैं पक्षकार नहीं, सही को सही और गलत को गलत कहना ही हमें सिखाया जाता है। न मैं किसी का विरोधी हूं न मैं किसी का पक्षकार हूं।


मयंक गुप्ता


रेलवेः यात्रा शुरू करने के जतन

नई दिल्ली। देश में जारी 21 दिनों का लॉकडाउन खुलने के बाद यात्राओं के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव और सामाजिक दूरी कायम रखने के मापदंडों के लिए रेलवे ने अभी से सारे जतन शुरू कर दिए हैं। यात्रा संबंधी प्रतिबंध हटने के बाद वह रेल यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी करने संबंधी सुझावों पर विचार कर रहा है। इसमें यात्रा से पहले अनिवार्य रूप से सामाजिक दूरी का पालन करने की शर्त के साथ ही अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिए सभी को 'आरोग्य सेतु' ऐप का भी इस्तेमाल करने की हिदायत दे सकता है। सिर्फ स्वस्थ यात्रियों को ही रेल से सफर करने का भी निर्देश दिया जा सकता है।


सरकार की मंजूरी के बाद चरणबद्ध तरीके से होंगी रेल सेवाएं बहाल


अधिकारियों का कहना है कि कोरोना वैश्विक महामारी के चलते विगत 25 मार्च से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के तहत सभी यात्री रेलों का सफर भी स्थगित है। रेल यात्रा फिर शुरू करने की सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद रेलवे यात्राएं चरणबद्ध तरीके से शुरू करेगा। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले हफ्ते में यह फैसला लिया जाएगा कि रेल सेवाएं फिर से किस तरह बहाल की जाएं। रेलवे अपने 19 मार्च के उस फैसले पर भी विचार करेगा, जिसके चलते रेल यात्रियों को टिकटों पर मिलने वाली सभी छूटों को बंद कर दिया गया था। यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग और अन्य जांच की प्रक्रियाओं को भी निर्धारित किए जाने की जरूरत है। रेल यात्राएं शुरू होने के बाद सभी यात्रियों से मुंह पर मास्क पहनने की भी अपील की जाएगी। साथ ही आरोग्य सेतु ऐप भी इस्तेमाल करने को कहा जाएगा। साथ ही केवल सेहतमंद यात्रियों को ही सफर करने को कहा जाएगा।


राजस्‍व की ओर नहीं, यात्रियों की सुरक्षा रेलवे का ध्‍यान 


रेलवे ने अपनी सेवाएं बहाल करने के विकल्पों पर चर्चा की है। रेलवे बोर्ड की ओर से हरेक ट्रेन पर मंजूरी के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। रेलवे बोर्ड के प्रत्येक जोन को चरणबद्ध तरीके से बहाल किए जाने का सुझाव दिया गया है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बेहद संवेदनशील समय है और हमारा ध्यान राजस्व जुटाने की ओर फिलहाल नहीं है। हमारा पूरा ध्यान यात्रियों की सुरक्षा पर है और यह सुनिश्चित करना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण और न फैले।



जैसे ही सरकार हरी झंडी देगी ट्रेने उसी के अनुरूप संचालित होंगी। फिलहाल इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। बोर्ड की ओर से जोन की कौन सी ट्रेनों को पहले शुरू किया जाए, इस पर भी कोई फैसला नहीं हुआ है। अभी इस बात पर विचार चल रहा है कि प्रवासियों के रूट वाली ट्रेनों को पहले चलाया जाए, या फिर उन रूटों की ट्रेनों को चलाया जाए जहां ज्यादा हलचल के आसार नहीं हैं। अधिकारियों ने कहा कि रेलवे को अभी यह भी देखना है कि लॉकडाउन किस तरीके से खुलता है। अगर यह कुछ चयनित क्षेत्रों के लिए होगा तो उन्हीं क्षेत्रों के लिए ट्रेनें चलेंगी।


सब बंद, दूध और दवाई मिलेगी

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 40 हो गई है। रविवार को आठ लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनमें तीन डॉक्टर भी हैं। सभी को एम्स में भर्ती कराया गया है। यह पहली बार है जब एकसाथ 8 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, प्रशासन ने संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। कलेक्टर तरुण पिथौडे ने कहा है कि अब केवल दूध और दवाई की दुकानों को छोड़कर बाकी दुकाने अगले आदेश तक बंद रहेंगी।


इंदौर में कोरोना पॉजिटिव एक और महिला ने रविवार दोपहर दम तोड़ दिया। महिला का एमआरटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा था। स्नेहलता गंज निवासी 53 साल की महिला को 10 दिन पहले सर्दी-खांसी और सांस लेने में तकलीफ हुई थी। उसे तीन दिन से तेज बुखार था। महिला की किसी प्रकार की ट्रैवल और कॉन्टेक्ट हिस्ट्री नहीं है।


इंदौर में अब तक 131 कोरोना पॉजिटिव है, इनमें से 9 मरीजों की मौत हो चुकी है। प्रदेश में अब मरने वालों का आंकड़ा 13 हो गया है। मध्य प्रदेश में 194 कोरोना संक्रमित हो गए हैं। इनमें इंदौर 128, मुरैना 12, भोपाल 26, जबलपुर 8, उज्जैन 7, खरगोन 4, बड़वानी 3, ग्वालियर, शिवपुरी और छिंदवाड़ा में 2-2 संक्रमित मिले। इंदौर 9, उज्जैन 2, खरगोन और छिंदवाड़ा में एक-एक पीड़ित की मौत हो चुकी है। इसमें भोपाल के 2 और शिवपुरी के एक मरीज स्वस्थ्य होने पर घर भेज दिया गया।    


9 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई
इंदौर संभागायुक्त ने बताया है कि रविवार को 9 पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन 9 मरीजों में से 8 अरविंदो हॉस्पिटल में और एक एमआरटीबी हॉस्पिटल में भर्ती है। संभागायुक्त ने बताया है कि पहली रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अब प्रोटोकाल के तहत


इनको रहेगी छूट
मेडिकल, दूध की दुकानें और आॅनलाइन सप्लाई चालू रहेगी। शासकीय कार्य के लिए अतिआवश्यक सेवा में लगे अधिकारी और कर्मचारी के वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट रहेगी। मीडिया उनके प्रतिनिधियों को पहले की तरह छूट रहेगी। आपातकालीन सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी तरह के पास सस्पेंड कर दिए गए हैं। वहीं निजी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। किसी भी क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। कैंटोनटमेंट क्षेत्र से बाहर जाना और जोन के बाहर पाए जाने पर उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित की गिरफ्तारी की जाएगी।


भूकंपः 11 दिनों में 8 बार कांंपी धरती

हिमाचल में भुकंप, 11 दिनों में 8वीं बार कांपी धरती

चंबा। सोमवार सुबह हिमाचल के चंबा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जानमाल के नुक़सान की कोई जानकारी नहीं है।


चंबा जिले में सुबह 7-30 बजे अचानक धरती कांप उठी,  स्थानिय लोग घरों से बाहर निकल आए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3•1 मापी गई है। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र चंबा जिले से पांच किमी दूर पूर्वोत्तर में ज़मीन के भीतर पांच किमी अंदर रहा। बीते 27 से 30 मार्च के बीच इसी जिले में सात बार 3 से 4•5 तीव्रता के झटके आ चुके हैं सोमवार को 8वीं बार भूकंप आया। भूकंप के कारण किसी भी तरह के जान-माल के नुक़सान की कोई जानकारी नहीं है।



पुलिस पर हमला, 17 लोगों पर रासुका

बरेली में पुलिस पर हमला, रासुका के तहत होगी कार्रवाई
प्रेमशंकर 
बरेली। झुंड लगाकर ताश खेल रहे लोगों को रोकने पर भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस ने 17 लोगों को हिरासत में लिया है जिनके खिलाफ रासुका लगाने की तैयारी है।


लाॅकडाउन का उलंघन करने से रोकने पर इज्जतनगर थानें के कर्मपुरा गांव में भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया।‌‌‌‌‌ बताया जा रहा है गांव में बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकलकर घूम रहे थे, झुंड के रूप में ताश खेल रहे लोगों को जब गश्त कर रही पुलिस ने रोका तो भीड़ जमा हो गई और पुलिस से बदसलूकी करने लगी। देखते ही देखते भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया और पुलिस चौकी को घेरने की कोशिश की। इसके बाद और पुलिस बुलाई गई और भीड़ पर हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को रोका गया। पुलिस ने 17 लोगों की पहचान कर हिरासत में लिया है, अभी घटना में शामिल रहे और लोगों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है।


कब खुलेंगे स्कूल-कॉलेज ?

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की स्थिति फिलहाल पूरे देश में 14 अप्रैल 2020 तक रहेगी। ये सवाल सभी के मन के उठ रहा है कि क्या लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ेगी.. स्कूल-कॉलेज कब शुरू होंगे। इस सवाल को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट की है। HRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संकट परिस्थिति की 14 अप्रैल 2020 को समीक्षा की जाएगी और इसके बाद ही स्कूल-कॉलेज दोबारा खोलने को लेकर कोई निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन घोषित है, जो 14 अप्रैल 2020 तक चलेगा। आगे की स्थिति के लिए 14 अप्रैल को समीक्षा होगी। HRD मंत्री ने कहा कि छात्र-छात्राओं और अध्यापकों की सुरक्षा सरकार के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हमारा मंत्रालय ये सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि यदि स्कूल-कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़ी तो छात्रों को पढ़ाई लिखाई का कोई नुकसान नहीं हो। पर कोई भी फैसला लेने से पहले सभी बातों का ध्यान रखा जाएगा।
गौरतलब है कि देश में 21 दिन के लिए लागू लॉकडाउन 14 अप्रैल को समाप्त होने पर HRD मंत्रालय बैठक करेगा। 14 अप्रैल के बाद की स्थिति के लिए मंत्रालय की योजना को लेकर मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि इस समय कोई भी फैसला करना मुश्किल है। पहले स्थिति की विस्तृत समीक्षा की जाएगी और फिर कोई फैसला किया जाएगा कि स्कूल-कॉलेज खोले जा सकते हैं या उन्हें कुछ और समय के लिए बंद रखना जरूरी है।
बता दें कि देश में डेढ़ लाख स्कूलों के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों में 40 हजार से ज्यादा कॉलेज और 12 हजार उच्च शिक्षण संस्थान हैं। मंत्री ने बताया कि फिलहाल दीक्षा और स्वयं जैसे विभिन्न सरकारी प्लेटफार्म के जरिए बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई के नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की जा रही है।


भाजपा स्थापना दिवस पर की जनसेवा

मेरठ । भारतीय जनता पार्टी के स्थापना दिवस के अवसर पर महानगर मंत्री ममता मित्तल द्वारा माधवपुरम पुलिस चौकी के पास आम जनता को भोजन वितरण किया गया। इसके साथ ही पूरे जिले की सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों को ब्रह्मपुरी थाने में 100 पेकेट भोजन उपलब्ध कराया गया। अपने निवास पर भी आम जनता को भोजन वितरित कर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। लगभग 800 लोगो को  भोजन का वितरण किया गया जिसमें जिला महामंत्री अरविंद मारवाड़ी, पार्षद राजकुमार मांगलिक, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजीव गोयल, अमित अत्रि, विनोद, दीपक ,मोना, प्रमोद सिंघल, विकास जाटव, सुल्तान, आदि उपस्थित रहे।



 


25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...