रविवार, 5 अप्रैल 2020

निर्धारित समय पर 'लॉक डाउन' खत्म

लखनऊ। कोरोना वायरस के संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने की खातिर लगा 21 दिन का लॉकडाउन 15 अप्रैल को खोलने की तैयारी हो गई है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकार आवास से प्रदेश के सभी सांसद तथा विधायकों के साथ इसको लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 अप्रैल को लॉकडाउन खत्म होने पर चुनौती बड़ी होगी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी सोशल डिस्टेंस का पालन करवाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अप्रैल से लॉकडाउन समाप्त होगा। सभी से सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं तो चाहूंगा कि अगर हम 15 तारीख से लॉकडाउन खोलेंगे तो एकाएक भीड़ निकलेगी। इसे रोकने के लिए आप लोगों का सहयोग चाहिए। अगर अचानक भीड़ सड़कों पर निकलेगी तो स्थिति अनियंत्रित हो सकती है। इसकी वजह से सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। इसके लिए हमें एक व्यवस्था बनानी होगी। ऐसे में आप सभी लोग अपना-अपना सुझाव मुझे दें। सरकार 15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन को खोल सकती है। अब पहले उन जिलों में लॉकडाउन खुलेगा जहां एक भी संक्रमित मरीज नहीं है। इसके साथ ही जिन 30 जिलों में संक्रमण फैला है, वहां कुछ पाबंदियों के साथ लॉकडाउन में छूट मिल सकती है। मसलन स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। यहां पर दुकानों को एक समयावधि के लिए ही खोला जाएगा। इसके साथ ही सरकारी दफ्तर में भी जरुरत के हिसाब से ही कर्मचारियों को बुलाया जाएगा। लॉकडाउन में छूट के दौरान भी लोगों को सोशल दूरी के नियम का अनुपालन करना होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सांसद तथा विधायकों से कहा कि 15 अप्रैल से लॉकडाउन समाप्त होगा। इसको खोलने तो भीड़ जमावड़ा न होने पाए, इसको लेकर हमें काफी तैयारी करनी है। एकाएक खोलने से भीड़ का जमावड़ा न होने पाए, इसमें हमें आपका सहयोग चाहिए। इसमें हमें आपकी सहभागिता चाहिए। अगर एकाएक भीड़ कहीं भी टूट पड़ी तो हम सभी की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। लॉकडाउन के कारण हम कोरोना वायरस पर नियंत्रण करने में सफल रहे हैं। लॉकडाउन खोलने के बाद भी हमको अपनी स्थिति को बेहतर ही करना है।मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों से कहा कि अगर तबलीगी जमात का मामला सामने न आता तो हम यूपी में कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने में सफल हो गए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 132 संक्रमित मामले सिर्फ जमात से सामने आये हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में तीन दिन में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले मामले बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन की कार्रवाई को सफल बनाने के लिए हमने सभी कदम उठाए. बाहर से आए लोगों की वजह से स्थिति संवेदनशील हुई। अब तक तब्लीगी जमात से जुड़े 1499 लोगों को चिन्हित किया। इन लोगों ने अव्यवस्था और अराजकता फैलाने का प्रयास किया। इनमें भी 385 से ज्यादा विदेशी भी इसमें शामिल हैं। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर रही है। लॉकडाउन के साथ ही सभी लोगों की सुविधा के लिए 11 कमेटियां भी गठित की गईं। यूपी में बाहर से आए लोगों के लिए भी हमने कमेटी गठित की है। यूपी के बाहर भी 15 से 20 लाख लोग रहते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लगभग सभी सांसद, मंत्रियों तथा विधायकों से संवाद किया। उन्होंने सांसद तथा विधायकों से कहा कि लॉकडाउन खोलने के दौरान हम क्या करें, इसको कैसे खोला जाए। हमें अपनी राय जरूर दें। यह देश तथा प्रदेश के बड़े इम्तहान का समय है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि कहीं पर भी भीड़ एकत्र न हो। हम इसको लेकर अच्छी व्यवस्था तैयार करें। जिससे कि हम लॉकडाउन के बाद जब इसको खोलें तो स्थिति हमारे ही नियंत्रण में रहे। लोग अपनी जरूरत भी पूरी कर सकें और स्थिति भी खतरनाक न बनें।


आरोपःदिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा किसी तरह की सहायता राशि नहीं मिलने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस विपत्ति की घड़ी में दिल्ली की अनदेखी कर रही है।


उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए अन्य राज्यों को आपातकालीन सहायता के रूप में 17,287 करोड़ रुपये दिए गए हैं। लेकिन दिल्ली को एक भी रुपया नहीं दिया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए केंद्र से दिल्ली को लेकर भी आपदा फंड जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामले में दिल्ली तीसरा सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है। सिसोदिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संबंध में एक पत्र भी लिखा है। मनीष सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि संकट की इस घड़ी में दिल्ली के लोगों को उचित और समान व्यवहार की उम्मीद है। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, ‘मैंने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर दिल्ली के लिए भी आपदा फंड की मांग की है। केंद्र ने राज्यों को कोरोना से लड़ने के लिए, आपदा फंड से 17 हजार करोड़ जारी किए लेकिन दिल्ली को इसमें एक रुपया भी नहीं दिया। इस समय पूरे देश को एक होकर लड़ना चाहिए. इस तरह का भेदभाव दुर्भाग्यपूर्ण है। आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी मनीष सिसोदिया के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि केन्द्र की बीजेपी सरकार हमेशा से दिल्ली सरकार के प्रति दुर्भावना से काम करती है लेकिन ऐसे भीषण संकट के समय भी बीजेपी सरकार अपनी ओछी राजनीति नही छोड़ पाई यही है बीजेपी का ‘सबका साथ, सबका विकास।
दिल्ली में 59 और लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि होने के साथ ही राजधानी में इस बीमारी के मामले बढ़कर 445 हो गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी। इन कुल मामलों में 301 ऐसे लोग हैं जो निजामुद्दीन स्थित जमात के मरकज में शामिल हुए थे। शुक्रवार रात को इस घातक वायरस के मामले 386 थे, जिनमें से छह मरीजों की मौत भी हो गई है।


2 नर्सिंग ऑफिसर कोरोना पॉजिटिव

नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के दो और नर्सिंग ऑफिसर कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हडकम्प मच गया । इससे पहले भी इसी अस्पताल के एक डॉक्टर समेत चार मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव संक्रमण से ग्रस्त मिले थे।


इससे पहले रविवार को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के 108 स्टाफ को भी चरंटाइन किया जा चुका है। इन 108 लोगों में से सीनियर डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ शामिल हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से अस्पताल प्रशासन ने ये निर्णय लिया था। माना जा रहा है कि इन दो मरीजों के संपर्क में कुछ डॉक्टर और नर्स आए थे, फिर इनके संपर्क में अस्पताल के दूसरे कर्मी भी आए। आपको बताते जाए कि दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भी कुछ डॉक्टर कोरोना मरीजों के संपर्क में आए थे, इसके बाद उन्हें भी चारंंटाइन किया गया था। वहीं उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद प्रशासन की तरफ से एक नोटिस चस्पा किया गया था। इसमें कहा गया था कि जिन लोगों ने 12 से 20 मार्च तक इस मोहल्ला क्लीनिक में इलाज कराया है या फिर किसी को चेकअप के लिए लाए थे, ऐसे सभी लोग घर में ही सेल्फ चरेंटाइन हो जाएं।


पाकः 41 लोगो की मौत, 2,818 संक्रमित

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तानियों को कोरोनावायरस के खतरे को लेकर चेताया और यह विश्वास दिलाया कि पाकिस्तान इस चुनौती का सामना करने के बाद मजबूती से उबरेगा।पाकिस्तान में कोरोनावायरस संक्रमण के 2,818 मामले दर्ज हो चुके हैं, जबकि इस वायरस से अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है।


खान, लाहौर में पाकिस्तान सरकार द्वारा महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करने पहुंचे थे। वहीं उन्होंने यह टिप्पणियां की। इस प्रांत में संक्रमितों की संख्या 1000 से ऊपर हो चुकी है। उन्होंने कहा, “कोई इस खुशफहमी में ना रहे कि वह इस संक्रमण से सुरक्षित है। न्यूयॉर्क को देखिए जहां सबसे ज्यादा अमीर लोग रहते हैं। अगर वायरस दोबारा उभर जाएगा तो हमें भी नहीं मालूम की क्या हो सकता है।


उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘जब हम इस चुनौती से उबरेंगे, तो हम पूरी तरह से एक अलग राष्ट्र बन चुके होंगे। इस तरह की चुनौतियों का सामना करने से ही देश मजबूत होते हैं।


पत्ता- गोभी खाने से होगा कोरोना वायरस

कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग घरों में बंद हैं। ऐसे में खबरों की जानकारी के लिए लोग सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। कोरोना वायरस को लेकर जैसे ही कोई खबर सामने आती है लोग वॉट्सएप के जरिए अपने दोस्तों को फॉरवर्ड करने लगते हैं। बिना ये सोचे कि क्या वायरल हो रही खबर तथ्यों के हिसाब से सही है। कभी-कभी तो इन खबरों को वायरल करने के लिए WHO के नाम का भी सहारा ले लिया जाता है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) समेत कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों के नाम से इन दिनों मैसेज वायरल (Viral Message) हो रहे हैं।ऐसे ही एक वायरल मैसेज में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पत्तागोभी में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा समय तक ठहरने की बात कही है। ऐसे में पत्तागोभी न खाने की सलाह दी जा रही है।


83 लोगों की मौत, 3577 लोग संक्रमित

नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में अबतक कोरोनावायरस से 83 लोगों की मौत हो चुकी है और 3577 इसके संक्रमण के शिकार हुए हैं। देश में  बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 505 मरीज सामने आए हैं। वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 275 है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन जारी है जो 14 अप्रैल तक चलेगा. बता दें कि देश में कोरोना फैलने से रोकने के लिए तमाम तरह के प्रयास किए जा रहे हैं।


इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली में हाल ही में तबलीगी जमात की घटना के कारण संक्रमण फैलने की दर में इजाफा हुआ। इस कारण संक्रमित मरीजों की संख्या कम समय में ही दोगुना हो गई।उन्होंने कहा कि अगर यह घटना नहीं हुई होती तो संक्रमण के मामले दोगुना होने में 7.4 दिन का औसत समय लगता, जबकि इस घटना के कारण मरीजों की संख्या दोगुना होने में 4.1 दिन का ही औसत समय लगा। अग्रवाल ने कहा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन को प्रभावी बनाने के प्रयासों की, सरकार निरंतर समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में रविवार को कैबिनेट सचिव ने जिला स्तर पर लॉकडाउन को प्रभावी बनाने की समीक्षा करने के लिये सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों सहित राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। अग्रवाल ने कहा कि अब तक देश के 272 जिलों में कोरोना के मरीज सामने आने के मद्देनजर जिलाधिकारियों को तत्काल जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन कार्ययोजना बनाकर अमल में लाने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (ICMR) ने परामर्श जारी कर लोगों से सार्वजनिक स्थलों पर नहीं थूकने, धूम्रपान करने से बचने और गुटखा आदि तंबाकू पदार्थों का सेवन करने से बचने को कहा है। आईसीएमआर ने कहा है कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन को कोरोना से बचाव की सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध वैक्सीन बताते हुये इनका पालन करने की अपील की है।


देशवासियों का प्रधानमंत्री को समर्पण

नई दिल्ली। कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है। देश में रोज नए मामले सामने आ रहे हैं। मोदी सरकार ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन कर दिया गया। साथ ही संकट की इस घड़ी में पीएम मोदी एकजुटता का संदेश दे रहे हैं।


उन्होंने देशवासियों से रविवार को रात 9 बजे 9 मिनट तक लाइट बंद करने और दीया, मोमबत्ती, टॉर्च व मोबाइल की लाइट जलाकर एकजुटता का संदेश देने और कोरोना के अंधकार को प्रकाश की ताकत से हराने की अपील की है।पीएम मोदी की इस अपील पर बिजली का लोड कम होने से पावर ग्रिड फेल होने समेत कई तरह की आशंका जताई जा रही है। इस बीच राज्यों के बिजली विभाग ने लोगों से अपील की है वो सिर्फ लाइटें बंद करें। फ्रिज, एसी और पंखा को चलने दें। वहीं, अब ऊर्जा मंत्रालय ने इन आशंका को खारिज किया है। ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि इस परिस्थिति में ग्रिड के संतुलन को बनाए रखने के लिए पर्याप्त उपाय किए गए हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उस समय स्ट्रीट लाइट से लेकर रेफ्रिजरेटर, पंखे जैसे घरेलू उपकरण नहीं बंद होंगे। सिर्फ घरों की लाइटें बंद होंगी, जिससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। ऊर्जा मंत्रालय ने इन आशंकाओं से जुड़े कई सवालों के जवाब भी दिए हैं…..सवाल- आज रात 9 बजे से 9:09 बजे तक क्या सिर्फ घर की लाइटों को बंद किया जाएगा या फिर सड़कों, सार्वजनिक स्थानों और आवश्यक सेवाओं की लाइटों को भी बंद कर दिया जाएगा? जवाब- पीएम मोदी की अपील के मुताबिक आज रात 9 बजे से 9:09 बजे तक सिर्फ घर की लाइटों को बंद किया जाएगा।सड़कों, सार्वजनिक स्थानों, अस्पतालों और आवश्यक सेवाओं की लाइटों को नहीं बंद किया जाएगा। सवाल- क्या घर की लाइटों को बंद रखने के दौरान बिजली के घरेलू उपकरण सुरक्षित रहेंगे? जवाब- बिजली के सभी घरेलू उपकरण सुरक्षित रहेंगे. पंखे, एसी, फ्रिज आदि को बंद करने की जरूरत नहीं हैं। बिजली के लोड कम होने की चुनौती से निपटने के लिए इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को अच्छे से डिजाइन किया गया है। बिजली के लोड के कम और ज्यादा होने को नियंत्रित करने के लिए व्यवस्था की गई है। सवाल- क्या लाइटों के बंद होने के दौरान ग्रिड स्टेबिलिटी को बनाए रखने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और प्रोटोकॉल बनाए गए हैं? जवाब- हां, ग्रिड स्टेबिलिटी के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल बनाए गए हैं। सवाल- क्या लाइटों को बंद करना जरूरी है या स्वैच्छिक है?जवाब- सभी के लिए लाइटों को बंद करना स्वैच्छिक है और सिर्फ घर की लाइटों को ही बंद करना होगा। सवाल- कुछ आशंकाएं जताई जा रही हैं कि लाइटों को बंद करने के दौरान ग्रिड में इनस्टेबिलिटी आ सकती है और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव आने से बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है, इसमें कितनी सच्चाई है? जवाब- ये आशंकांए पूरी तरह गलत हैं। यह सामान्य घटना है और बिजली के लोड कम होने या बढ़ने की समस्या को हैंडल करने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार इंडियन इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को अच्छे से डिजाइन किया गया है।


वेंटिलेटर की कमी ने हालात बिगाड़े

न्यूयॉर्क। कोरोना वायरस के कहर से परेशान अमेरिका के न्यूयार्क शहर में डरावने हालात बनते नजर आ रहे हैं। लगातार सामने आ रहे कोरोना के पॉजीटिव मामलों के बाद हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। न्यूयॉर्क में तो स्थिति यह हो गई है कि दो मरीजों को एक ही वेंटिलेटर उपयोग करना पड़ रहा है।


मिली जानकारी के अनुसार न्यूयॉर्क इस समय वेंटिलेटर की भारी कमी से जूझ रहा है, यहां पर वेंटिलेटर को दो मरीजों को शेयर करने को कहा गया है। अमेरिका में इस समय आधे से ज्यादा करीब 37000 से ज्यादा कोरोना के मरीज न्यूयॉर्क में ही हैं और वहां मेडिकल साजो-सामान की भारी दिक्कतें महसूस की जा रही है। पीपीएफ का स्टॉक भी सिर्फ अगले 2 सप्ताह का है। मेडिकल सामान की इसी भारी कमी को देखते हुए न्यूयॉर्क में एक वेंटिलेटर को दो मरीजों को शेयर करने को कहा गया है। न्यूयॉर्क राज्य के अस्पतालों में इस वक्त करीब 30,000 वेंटिलेटर की जरूरत है। ट्रंप सरकार सिर्फ 4000 वेंटीलेटर भेज रही है, जिससे नाराज होकर न्यूयॉर्क के गवर्नर ने कहा है कि भेजने वाले तय करें कि किस 26000 को वेंटीलेटर के अभाव में मरना हैं। 30000 वेंटीलेटर की जरूरत तब है, जब सामान्य स्थिति में भी न्यूयॉर्क के पास 4000 वेंटीलेटर की सुविधा है और कोरोना वायरस के बाद उसने 7000 नए वेंटीलेटर खरीदे हैं।


चट्टान गिरी 2 की मौत, 7 घायल

देहरादून। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में चट्टान की चपेट में आने से 2 कांवड़ियों की मौत हो गई। चट्टान के मलबे में अभी और कांवड़ियों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। जबकि इस हादसे में अन्य 7 कांवड़िए गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। सभी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। हादसे में मरने वाले कांवड़ियों की पहचान नहीं हो पाई है।


मिली जानकारी के मुताबिक, टिहरी के नरेंद्र नगर इलाके में बगदादार के पास एनएच 94 (ऋषिकेश-गंगोत्री) पर गंगोत्री से आ रही कांवड़ियों की गाड़ी पर एक चट्टान गिर गई। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें पहुंचीं। जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। मलबे में से अब तक 2 कांवड़ियों के शवों को निकाल लिया गया है। इसके अलावा घायलों को भी निकाला गया है। अभी भी कुछ कांवड़ियों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। चट्टान के मलबे को हटाने के लिए जेसीबी बुलाई है। फिलहाल मलबे को हटाने का काम जारी है।


खेल के दौरान तीन युवकों की मौत

चेन्नई। तमिलनाडु में परंपरागत जल्लीकट्टू (सांड को काबू में करने का खेल) के दौरान तीन युवकों की मौत हो गई।डिंडिगुल जिले के नल्लामन्नापट्टी गांव में पुनीता वनथु एंथोनियार चर्च उत्सव के हिस्से के रूप में वार्षिक जल्लीकट्टू का आयोजन किया गया था। रविवार को हुए इस आयोजन के दौरान एक युवक की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए. इस आयोजन के लिए 1000 सांडों को लाया गया है।


जबकि सलेम और कोयंबटूर में भी जल्लीकट्टू के दौरान दो युवकों की मौत हो गई। पुडुकोट्टई के रहने वाले प्रभाकरन को जल्लीकट्टू के दौरान घायल होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान इस युवक ने दम तोड़ दिया। जबकि डिंडिगुल में नागराज नामक युवक की मौत हो गई। नागराज एक बिगड़ैल सांड को काबू में करने की कोशिश कर रहा था और इसी कोशिश में वह बुरी तरह जख्मी हो गया था। इलाज के लिए नागराज को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा कोयंबटूर में सुभाष चंद्र बोस नामक युवक ने दम तोड़ दिया। सांड को काबू में करने की कोशिश के दौरान ये युवक बुरी तरह जख्मी हो गया था. कोयंबटूर में आयोजित किए गए जल्लीकट्टू कार्यक्रम में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई थीं। इस दौरान ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु भी मौजूद थे। पिछले साल भी तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। जल्लीकट्टू तमिलनाडु का पारंपरिक खेल है जिसमें खिलाड़ी सांड को काबू करने की कोशिश करते हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभाष्कर ने करवाया था. पिछले साल, 424 खिलाडिय़ों के अलावा 1354 सांडों को इसमें शामिल किया गया था, जो कि पिछली बार के कीर्तिमान से दोगुना था।


सेना के जवान किए गए अलर्ट

आपात स्थिति से निपटने के लिए आर्मी ने 14 हजार सैनिकों को अलर्ट किया


तोक्यो। दक्षिणी जापान में भारी बारिश हो रही है और कई इलाकों में लोगों के घर डूब गए हैं। आपात स्थिति से निपटने के लिए 14 हजार सैनिकों को अलर्ट कर दिया गया है। दक्षिण-पश्चिमी शहर कागोशिमा में बारिश से पैदा हुए खतरे को देखते हुए प्रशासन ने 10 लाख से ज्यादा लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया है। दरअसल, बीते दिनों इस क्षेत्र में भारी बारिश हुई है और आगे भी जारी रहने की संभावना है। जापानी अधिकारियों को डर है कि लगातार बारिश से बाढ़ या भूस्खलन हो सकता है। ऐसे में लोगों को पहले ही सतर्कता बरतते हुए इलाका खाली करने को कहा गया है। यह निर्देश सलाह से बढ़कर है लेकिन फिर भी लोग अगर घर छोड़कर नहीं जाते हैं तो उनके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया जाएगा। आपको बता दें कि कागोशिमा, क्यूशू के दक्षिणी द्वीप की खाड़ी में स्थित है। द्वीप के कुछ हिस्सों में पिछले सप्ताह से प्रति वर्ग मीटर 900 मिलीमीटर बारिश हुई है। कागोशिमा में मंगलवार सुबह 7 बजे से 8 बजे के बीच 40 मिलीमीटर/वर्ग मीटर बारिश हुई। जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने गुरुवार सुबह तक दक्षिणी क्यूशू में लगभग 350 मिमी/ वर्ग मीटर बारिश होने की संभावना जताई है, जबकि क्षेत्र के कुछ हिस्सों में प्रति घंटे 80 मिमी तक बारिश हो सकती है। कागोशिमा नगरपालिका के अनुसार, लोगों को घर खाली करने का आदेश जारी करने का मुख्य कारण मूसलाधार बारिश की वजह से मिट्टी का धंसना हो सकता है, जिसका अधिकारियों को डर है।मौसम पूवार्नुमान इकाई के प्रमुख ने मीडिया को बताया कि पिछले साल की तुलना में, इस बार बारिश की अवधि कम होगी। उन्होंने यह भी कहा मूसलाधार बारिश से निकासी में बाधा आ सकती है।


उत्तर में बारिश से आवागमन अवरुद्ध

323 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप


शिमला। उत्तर भारत के कई इलाकों मे बारिश के कारण आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। वर्षाजनित हादसों के कारण हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में 8 लोगों की मौत हुई है। कई जिलों में बाढ़ के कारण गांवों का संपर्क कट गया है। राज्य के तमाम हिस्सों में हुई लैंड स्लाइड्स और फ्लैश फ्लड के कारण 323 रास्तों और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 5 पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड और राजस्थान के कई हिस्सों में भी बाढ़ जैसे हालात के कारण सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, वर्षाजनित घटनाओं के कारण हिमाचल प्रदेश में आठ लोगों की मौत हुई है। शिमला के आरटीओ कार्यालय के पास भूस्खलन की घटना में तीन लोगों के मारे जाने की सूचना है। इसके अलावा इस घटना में एक अन्य शख्स के मलबे में दबे होने की खबर है। वहीं, बारिश के कारण एक मकान की दीवार गिरने के कारण एक मजदूर की भी मौत हुई है। मृत मजदूर की पहचान शाह आलम नाम के शख्स के रूप में हुई है, जो बिहार के किशनगंज का रहने वाला था। साथ ही कुल्लू जिले के रोहरू में भूस्खलन के कारण 1 शख्स की मौत हुई है। बारिश के कारण गिरे एक पेड़ की चपेट में आने से 2 नेपाली नागरिक मारे गए हैं, वहीं चंबा में भी बाढ़ के पानी में बहने से एक शख्स की मौत हो गई।


बादल फटने के कारण भारी तबाही देहरादूनः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने के कारण भारी तबाही की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि शिमला से लगी सीमा के पास भारी बारिश के बीच कई लोग लापता हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में बादल फटने के कारण पानी में कई लोग बह गए हैं, हालांकि प्रशासन इसे सिर्फ भारी बारिश से हुई घटना बता रहा है। उत्तरकाशी के एसपी पंकज भट्ट ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि बारिश के पानी के कारण कई मकानों को नुकसान हुआ है और प्रशासन के पास अब तक डेढ़ साल की एक बच्ची समेत कुल 3 लोगों के लापता होने की सूचना है। बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी की मोरी तहसील, आराकोट, टिकोची समेत कुछ अन्य इलाकों में बादल फटने के कारण कई मकान टोंस नदी के पानी में बह गए हैं। इसके अलावा इन मकानों से अब तक तीन लोगों के लापता होने की सूचना है। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से एसओ मोरी को मौके पर भेजकर हालातों की समीक्षा कराई जा रही है। इसके अलावा कई इलाको में एसडीआरएफ, आईटीबीपी और रेड क्रॉस की टीमों को भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर रेस्क्यू करने के लिए भेजा गया है।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...