गुरुवार, 2 अप्रैल 2020

हॉजकिस की वायरस से खतरनाक मौत

लंदन। लंकाशर काउंटी क्रिकेट क्लब के चेयरमैन डेविड हॉजकिस की खतरनाक कारोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मौत हो गई। वह 71 वर्ष के थे। हालांकि लंकाशर ने अपने अधिकारिक बयान में उनके निधन का कारण नहीं दिया है, लेकिन क्लब के प्रवक्ता ने ‘प्रेस एसोसिएशन’ को बताया कि उनकी मौत कोरोना वायरस से संबंधित थी।


क्लब ने बयान में कहा कि परिवार की घोषणा के बाद बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि इसके चेयरमैन डेविड हॉजकिस का निधन हो गया है। रिपोर्टों के अनुसार उन्हें पहले कुछ स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां थीं। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स ने भी शोक व्यक्त किया।


महिला खिलाड़ियों को एकमुश्त भत्ता

ढाका। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने कोविड-19 महामारी के चलते सभी टूर्नामेंट के बंद होने से होने वाली परेशानियों से उबरने के लिए अपनी महिला खिलाड़ियों को एकमुश्त 20,000 टका का भत्ता देने का फैसला किया। बोर्ड अध्यक्ष नजमुल हसन ने कहा कि खिलाड़ियों को मौजूदा परिस्थितियों में मदद दी जानी चाहिए।


2018-19 महिला राष्ट्रीय क्रिकेट लीग में भाग लेने वाली और बोर्ड के 2019-20 में लगे चयन शिविर में शामिल होने वाली खिलाड़ियों को इससे फायदा मिलेगा। यह राशि 17,000 रूपये से कुछ ज्यादा है। हसन ने विज्ञप्ति में कहा, ‘पुरूष खिलाड़ियों की तरह ज्यादातर महिला क्रिकेटर भी घरेलू प्रतियोगिताओं की कमाई पर निर्भर रहती हैं। इसके अलावा हमने महिला खिलाड़ियों के लिये कुछ ट्रेनिंग शिविर लगाए थे, लेकिन कोविड-19 के कारण उन्हें भी रोकना पड़ा।


सोनिया ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से ली जानकारी

रायपुर/नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने आज सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर कोरोना से बचाव के उपायों और लागू लॉक डाउन के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भी कान्फ्रेंस में शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोरोना के बचाव और नियंत्रण, लॉक डाउन में आम जनता और जरूरतमंद लोगों को राहत देने के उपायों की विस्तृत जानकारी दी। 


मुख्यमंत्री श्री बघेल ने श्रीमती सोनिया गांधी को जानकारी दी कि प्रदेश में 62 लाख राशन कार्ड धारी है जिन्हें 2 माह का राशन एकमुश्त वितरित करना प्रारंभ कर दिया गया है । प्रदेश में 10 हजार मजदूर बाहर से आए हैं जिनके रहने खाने की व्यवस्था की गई है। पूरे प्रदेश में 355 कैंप स्थापित किए गए हैं, जिसमें 2200 कमरे हैं । आंगनबाड़ी के बच्चों को घर पहुंचा कर पोषण आहार दिया जा रहा है, इसी तरह मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम सूखा राशन बच्चों को घर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पूरी तरह लॉक डाउन का पालन किया जा रहा है । सीमावर्ती राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में लॉक डाउन का कड़ाई से पालन किया जा रहा है। राज्य में विदेश से आने वाले सभी लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने का निर्णय लिया गया है। मनरेगा में 2000 काम शुरू किए गए हैं । जिसमें 5 लाख लोग काम कर रहे हैं । मनरेगा के श्रमिकों को भुगतान के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि रिलीज की गई है। प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण नियंत्रण में है छत्तीसगढ़ में 9 मरीज मिले थे, जिनमें से 2 ठीक हो गए हैं । राज्य में अनाज और सब्जी की सप्लाई सामान्य है । बाजारों में मूल्य नियंत्रण में हैं । बाजारों में सामाजिक दूरी का पालन किया जा रहा है। 
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने श्रीमती सोनिया गांधी को यह भी बताया कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार से जीएसटी की दो हजार करोड़ रुपए की राशि नहीं मिली है इसी तरह मनरेगा में मात्र 75 करोड़ रूपय की राशि मिली है। सरकार ने अपनी ओर से 25 करोड़ मिलाकर 100 करोड़ रुपए की राशि रिलीज की है। इस मद में केंद्र से 400 करोड़ रुपये मिलने हैं जो अभी नहीं मिल पाए हैं।


भारत में 50 की मौत, 1965 संक्रमित

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ के संक्रमण से अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1965 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 29 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में फैल चुका है और अब तक इसके 1965 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 49 विदेशी मरीज भी शामिल हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से देशभर में अब तक 50 लोगों की मौत हुई है जबकि 151 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।


महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। दिल्ली में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 152 हो गई है। कोरोना महामारी से महाराष्ट्र में 13, गुजरात और मध्य प्रदेश में छह-छह, पंजाब में चार, कर्नाटक, तेलंगाना, और पश्चिम बंगाल में तीन-तीन, दिल्ली, केरल, जम्मू-कश्मीर एवं उत्तर प्रदेश में दो-दो, बिहार, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।


दिल्लीः 328 नए मामले, 12 लोगों की मौत

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को कोरोना वायरस को लेकर बुलेटिन जारी की। इसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रायलय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि बीते 24 घंटे में कोरोना के 328 नए मामले सामने आए हैं। इसमें संक्रमित 12 लोगों की जान गई है।


साथ ही उन्होंने बताया कि देश में कोरोना के अब तक 1965 केस हैं और अब तक 151 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस से अब तक 50 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली स्थित निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी जमात में हाल में शामिल हुए देशभर के करीब 9000 लोगों की पहचान कर क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि देश भर में मिले 1965 पॉजिटिव केस में से 400 निजामुद्दीन मरकज से जुड़े हुए हैं। देश भर में तबलीगी जमात के जो 9000 लोगों की पहचान की गई है, उनमें से 1300 लोग विदेशी हैं। लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई अभी चल रही है। सभी को इसमें सहयोग की जरूरत है। सभी धर्म के लोग सोशल डिस्टेंस का पालन करें। लॉक डाउन का राज्य सरकारें सख्ती से पालन कराएं। मुंबई के धारावी से मिले मामले पर सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि उस घर को सील कर दिया गया है। बिल्डिंग में रहने वाले सभी लोगों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। हम इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसके संपर्क में आने से यहां संक्रमण फैला है।


वायरसः अस्पतालों में 9000 से ज्यादा बेड

नई दिल्ली। कोरोनावायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए रक्षा प्रमुख अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने राजनाथ सिंह को बताया कि कोविड-19 से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अस्पतालों में 9,000 से ज्यादा बेड और जरूरत होने पर 8500 डॉक्टर मुहैया कराए जा सकते हैं आपको बता दे कि जैसलमेर, जोधपुर, चेन्नई , मानेसर, हिंडन और मुंबई में 1,000 से ज्यादा निष्क्रांतो को क्वारंटाइन किया गया है। उनकी क्वारंटाइन की अवधि 07 अप्रैल 2020 तक है।


आपको बता दे कि नौ सेना अध्यक्ष एडमिरल कर्मबीर सिंह ने रक्षा मंत्री को बताया कि किसी भी प्रकार की आवश्यक सहायता करने के लिए नौसेना के जहाज तैयार स्थिति में रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि नौसेना स्थानीय सिविल प्रशासन को आवश्यक सहायता प्रदान कर रही है। वायु सेना के अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बताया कि पिछले पांच दिनों में देश के अंदर लगभग 25 टन चिकित्सा आपूर्ति करने के लिए वायु सेना के जहाजों ने कई उड़ान भरे हैं।उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक सावधानियां सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक संक्रियात्मक कार्य भी जारी हैं। थलसेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे ने रक्षा मंत्री को बताया कि आवश्यकता पड़ने पर सिविल प्रशासन को 8,500 से ज्यादा डॉक्टर और सहायक स्टाफ प्रदान कराये जा सकते हैं। राजनाथ सिंह के पड़ोसी देशों को सहायता प्रदान करने के निर्देश की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर नेपाल को चिकित्सा उपकरणों की सहायता शीध्र प्रदान की जा सकती है। रक्षा आर एंड डी विभाग के सचिव और डीओरडीओ के अध्यक्ष डॉ सतीश रेड्डी ने रक्षा मंत्री को बताया कि दिल्ली पुलिस सहित सुरक्षा संस्थानों को डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं में निर्मित 50,000 लीटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति की गई और इसके अलावा एक लाख लीटर से ज्यादा सेनेटाइजर की आपूर्ति पूरे देश में गई. उन्होंने कहा कि वार फुटिंग में पांच लेयर वाला नैनो तकनीक से बना फेश मास्क एन99 बनाया जा रहा है। एक हजार बना लिए गए हैं और शीघ्र ही प्रतिदिन के हिसाब से 20,000 फेश मास्क बनाए जाएंगे। डीआरडीओ की प्रयोगशालाओं ने दिल्ली पुलिस को इनके अतिरिक्त 40,000 फेश मास्क की आपूर्ति की है। महानिदेशक एएफएमएस लैफ्टिनेंट जनरल अनुप बैनर्जी ने जानकारी दी कि आवश्यक उपकरण मंगवाए गए हैं और विभिन्न अस्पतालों में भेज दिए गए हैं। सेवानिवृत्त स्वास्थ्य कर्मियों को भी स्वैच्छिक सेवा करने के लिए तैयार किया गया है। राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के लगभग 25,000 कैडेटों को आवश्यक स्थानीय सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया जा रहा है।


केंद्र सरकार को एससी का नोटिस

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के दौरान देश में मास्क और सेनिटाइजर को फ्री देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है। केंद्र ने सोमवार तक उस पर जवाब मांगा है। दरअसल, वकील ने कोर्ट में कहा कि मास्क और सेनेटाइजर इस समय मेडिकल की लाइन में जरूरी वस्तु की कैटेगरी में है, जो कि फ्री अब मिलनी चाहिए। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है।


गौरतलब है कि कोरोना काल में सेनिटाइजर और मास्क की कालाबाजारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें इनके दाम नियंत्रित करने और मास्क फ्री बाटने की मांग की कोर्ट में पेश गई है। बताते चलें कि संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत देश में वित्तीय आपातकाल लागू करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को सुनवाई होनी थी लेकिन कोरोना वायरस के दौरान देश में उत्पन्न हालातों को देखते हुए इस सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया है। दरअसल, CASC नाम की संस्था का कहना था कि इस समय पूरे देश में एक जैसी व्यवस्था जरूरी है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी इस पर विचार नहीं कर सकते और सुनवाई को लॉकडाउन के बाद करें।


वित्तीय आपातकाल याचिका, सुनवाई टली

नई दिल्ली। संविधान के अनुच्छेद 360 के तहत देश में वित्तीय आपातकाल लागू करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी बुधवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन कोरोना वायरस के दौरान देश में उत्पन्न हालातों को देखते हुए इस सुनवाई को दो हफ्ते के लिए टाल दिया है।


दरअसल, CASC नाम की संस्था का कहना था कि इस समय पूरे देश में एक जैसी व्यवस्था जरूरी है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी इस पर विचार नहीं कर सकते और सुनवाई को लॉकडाउन के बाद करने का फैसला लेते हुए 2 हफ्ते के लिए टाल दिया।


बताते चलें कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में हाहकार मचा हुआ है। देश में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को रोकने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर रखा है। वहीं लोग इससे बचने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में वायरस से बचाव के लिए सरकार ने मास्क और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करने की अपील की है।


देश में कोरोना के खिलाफ जारी इस महायुद्ध में पूरा देश एकजुट हो गया है और मदद के लिए आगे आ रहा है। मदद की इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बुधवार को देश की शीर्ष अदालत के 33 न्यायाधीशों ने 17 लाख रुपये की धनराशि को पीएम केयर्स फंड में दान दी है।


कोरोना से सब मिलकर साथ लड़े

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में आ रही बढ़ोतरी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से वीडियो कांफ्रेसिंगे के जरिए चर्चा करते हुए मौजूदा हालात की समीक्षा की है। इस दौरान मोदी ने कोरोना महामारी के फैलाव को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किए जा रहे उपायों पर विस्तार से चर्चा की और कुछ अहम सुझाव भी दिए। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों को आश्वस्त किया है कि केंद्र इस आपदा में राज्यों के साथ मजबूती से खड़ा है और हर संभव मदद की जाएगी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में कोरोना से बचाव के लिए किए जा रहे उपायों के साथ-साथ लाॅकडाउन के दौरान आम जनता और जरूरतमंद लोगों को राहत देने के उपायों पर विस्तृत जानकारी प्रधानमंत्री मोदी से साझा किया है। उन्होंने राज्य में अब तक सामने आए पाॅजिटिव केसेज के साथ पूरी तरह स्वस्थ हो चुके मरीजों की जानकारी दी है। प्रधानमंत्री ने राज्य की कवायद की सराहना की है। मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता लॉकडाउन को लेकर दिखी। उन्होंने हर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने की अपील की। साथ ही कहा कि लोगों को जरूरी सामान भी मुहैया कराए जाएं, ताकि किसी को दिक्कत न आए। मजदूरों के पलायन पर प्रधानमंत्री ने अपील की कि पलायन को रोकना होगा। इसके लिए हर राज्य अपने ओर से सारे इंतजाम करे। मजदूरों के लिए शेल्टर होम के साथ उनके खाने-पीने की व्यवस्था की जाए। साथ ही मजदूरों से अपील की जाए कि वह सड़कों पर न निकलें।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस संकट की घड़ी में केंद्र और राज्य सरकारों के बेहतरीन समन्वय की जरूरत है। केंद्र सरकार हर राज्य के साथ खड़ी है और उन्हें जरूरी मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इस दौरान मोदी ने राज्यों से मेडिकल सुविधाओं के बारे में भी की। मोदी ने पिछले दिनों में बढ़े कोरोना मरीजों की तादाद पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिन लोगों में भी लक्षण दिखे उन्हें आइसोलेट किया जाए। साथ ही संपर्क में आए सभी लोगों को क्वारनटीन किया जाए. अगर क्वारनटीन वार्ड बढ़ाने की जरूरत है तो उसे बढ़ाया जाए। वीडियो कांफ्रेसिंग के दौरान राज्य के मुख्य सचिव आर.पी. मंडल, पुलिस महानिदेशक डी. एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह, सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया भी इस दौरान मौजूद रही।


प्रधानों की लापरवाही बढ़ाएगी संकट

प्रधानों की लापरवाही बढ़ा सकती है,कोरोना सन्दिग्ध लोगों की संख्या


बरेली। रामनगर,आलमपुर,मझगवां में अभी भी कुछ प्रधान अपनी लापरवाही के कारण गाँव के दुश्मन बन रहे हैं।
या प्रधान अपने गांव पर पकड़ नही कर पा रहे हैं।
या प्रधान की बाहर से आने बाले लोग मान नही रहे हैं।
क्योंकि इन्हें न तो खुद की जान प्यारी है ना देश, गाँव या परिवार की
तभी तो सरकार की लाखों कोशिश को यह लोग ठेंगा दिखाते बखूबी नजर आ रहे हैं।
जहां सरकार बार बार कह रही है कि घर से बाहर बहुत ही इमरजेंसी में जाएं, फालतू घर से बाहर न जाएं,पर लोग हैं कि मानने को तैयार ही नही।
कोई मोर्निंगवॉक के लिये जा रह तो कोई घूमने,कोई क्रिकेट खेलने जा रहा है तो कोई पंचायत करने,कोई लुकाछिपी खेल रहा है तो कोई आउटडोर गेम कोई साइकल से मजे लेते घूम रहा है तो कोई तो मोटरसाइकिल से कोई गेट पर मजे ले रहा है तो कोई बाग बगीचे में पुलिस लगातार अपनी तरफ से कोई कसर नही छोड़ रही है कि लोग सरकार ने स्थानीय पुलिस को आदेश दिया है कि किसी मंदिर में पूजा अर्चना को इकठ्ठा न हों।
मस्जिद में नमाज करने न जाएं बल्कि अपनी सभी नमाज़े घर पर ही अदा करें,लोग रुके हैं पर अभी भी कुछ असमाजिक लोग समाज के बारे में सोचे बिना करते ही जा 
 रहे हैं।सरकार का सपना है कि सब सेफ रहे,सुरक्षित रहें, पर आमजनमानस कह रहा है कि मरेंगे हम,आपको क्या है गम?
लेकिन बात यह नही की आप मरेंगे बल्कि बात यह है कि आप अपने साथ और को भी वायरसित कर कोरोना पीड़ित कर जाएंगे। सरकार इस लिये प्रयासरत है कि कोई भी बीमारी से ग्रसित न हो।इसलिये पर सरकार एक दिन में अरबो की गर्त में गिरती जा रही है पर हमारे देशवासियों को अभी भी यह मोदी जी का कोई कारनामा लग रहा है।
तभी तो पुलिस के डंडा मारने पर प्रधानमंत्री जी के समझाने से भी नही समझ रहे हैं।


यह सप्ताह भारत के लिए महत्वपूर्ण

भारत में कोरोना के पहले पीड़ित के दो महीने बाद संक्रमित लोगों की संख्या एक हजार पार कर चुकी है। पिछले सप्ताह में एक हजार कोरोना पीड़ितों की संख्या पार करने वाला भारत दुनिया के 20 देशों में शामिल हो चुका है। संक्रमित लोगों की संख्या और संक्रमण दर को लेकर भारत की स्थिति अभी काबू में कही जा सकती है। सरकार भी इसे नियंत्रित सामुदायिक संक्रमण करार दे रही है।


चुनौती आगे है। इसके बाद बढ़ने वाले नए मामलों की संख्या यह तय करेगी कि भारत में कोरोना वायरस के प्रकोप की स्थिति कैसी रहने वाली है। इसी से यह भी पता चलेगा कि पूरे देश में एक सप्ताह के लाकडाउन का क्या असर रहा। आइए जानते हैं और समझते हैं कि दुनिया के विभिन्न देशों में 1000वें मामले के बाद संक्रमित मामलों का ग्राफ कैसा रहा? इसी ट्रेंड के आधार पर भारत में इस वायरस के आगामी प्रकोप को समझा जा सकता है।


पिछले सप्ताह जिन देशों ने एक हजार मामलों का आंकड़ा पार किया उनमें रोजाना वृद्धि दर बहुत कम रही : वृद्धि दर कम रहने के पीछे माना जा सकता है कि कोरोना वायरस के शुरुआती प्रकोप से जूझने वाले देशों से इन देशों ने बहुत कुछ सीखा है। तभी भारत सहित इन देशों में लाकडाउन और शारीरिक दूरी पर तेजी के साथ भरोसा किया। इटली और स्पेन ने तब कड़े कदम उठाए जब वहां पर यह वायरस व्यापक रूप से विस्तार कर चुका था।



हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...