बुधवार, 1 अप्रैल 2020

स्पेनः 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौत

मेड्रिड। दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस के कारण स्पेन देश को तबाही की कगार पर पहुंचा दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अभी तक 6500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।


स्पेन में कोरोना से 24 घंटे में रिकॉर्ड 838 मौतें दर्ज की गई है। स्पेन ने रविवार को गत 24 घंटों में रिकॉर्ड 838 लोगों की कोरोना के संक्रमण से मौत की पुष्टि की। इसके साथ ही देश में इस संक्रमण से मरने वालों की तादाद 6,528 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि स्पेन में अबतक 78,797 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस प्रकार देश में 24 घंटे के भीतर संक्रमितों की संख्या में 9.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस से इटली के बाद स्पेन दूसरा देश है जहां पर सबसे अधिक मौतें हुई हैं।


महाराष्ट्र में संक्रमितो का आंकड़ा 300

मुंबई। देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कोरोना वायरस से देश में हाहकार मचा हुआ है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है।


आज लॉक डाउन का आठवां दिन है। देश में कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है। राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 300 के पार पहुंच गया है।महाराष्ट्र में बुधवार को कोरोना वायरस के 18 नए मामले दर्ज किए गए हैं,जिससे कुल आंकड़ा 320 पहुंच गया है। मिली जानकारी के अनुसार खतरनाक कोविड-19 महामारी से अब तक राज्य में 12 लोगों की मौत भी हो चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बुधवार को कहा महाराष्ट्र में मंगलवार रात तक कोविड-19 के 302 मामले थे। आज यानि बुधवार को 18 और लोग इससे संक्रमित पाए गए। राज्य में अब इसके कुल 320 मामले हैं। उन्होंने बताया कि 18 नए मामलों में से 16 मुम्बई और दो पुणे से है। महाराष्ट्र के बाद सबसे अधिक मामले केरल में सामने आए हैं।


यूपी में वायरस ने ले ली दूसरी जान

मेरठ। कोरोना वायरस से संक्रमित 72 साल के वृद्ध की मेरठ में बुधवार को मौत हो गई। एक ही दिन में यूपी में दूसरी मौत हुई है। मेरठ के लाला जी लाजपत राय स्मारक चिकित्सा महाविद्यालय के प्रचार्य आर.सी. गुप्ता ने बताया, “मृतक मेरठ के पहले संक्रमित मरीज इकरामुल हसन के ससुर थे। मृतक की उम्र 72 साल थी। वह 29 मार्च को एडमिट हुए थे।”


मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया, “अभी तक संक्रमित मरीज ऑक्सीजन पर था। लेकिन मंगलवार रात वह 75 फीसदी ऑक्सीजन पर भी सर्वाइव नहीं कर पा रहे थे। देर रात एक बजे मरीज को वेंटिलेटर पर रखा गया। आईसीयू के डॉक्टरों ने लगातार हालात बिगड़ना बताया। बुधवार सुबह आठ बजे से हालात और ज्यादा बिगड़नी शुरू हो गई।”


प्रो. गुप्ता ने बताया कि “इस मरीज के साथ कुछ रिस्क फैक्टर भी था। जैसे मरीज को शुगर भी था और उम्र भी ज्यादा थी। बुधवार सुबह आठ बजे के करीब इनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। 11 बजे के करीब अब्दुल अहमद की मौत हो गई।” उन्होंने बताया कि “कोरोनावायरस संक्रमित मरीज की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार ही होगा। इस बारे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अन्य प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है।”


ज्ञात हो कि 27 मार्च को अमरावती महाराष्ट्र से मेरठ आए एक 50 साल के व्यक्ति में कोरोनावायरस की पुष्टि हुई थी। 28 मार्च को इसी शख्स की पत्नी और तीन अन्य रिश्तेदारों में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी और बाद में 29 मार्च को इसी परिवार के 11 अन्य रिश्तेदारों में भी कोरोना की पुष्टि हुई थी। इन्हीं में से एक कोरोना संक्रमित यह बुजुर्ग भी थे। कोरोना से मेरठ में यह पहली और प्रदेश में दूसरी मौत है। इससे पहले एक मौत गोरखपुर में हो चुकी है।


स्वास्थ्य कर्मी की मौत, मिलेगा एक 1 करोड़

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ के संक्रमितों के उपचार में लगे स्वास्थ्य कर्मियों की मौत हो जाने पर उनके परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को यह एलान किया।


केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के इलाज में जो भी कर्मचारी जुटा है चाहे वह डाॅक्टर, नर्स या सफाई कर्मचारी हो यदि उसकी मौत हो जाती है तो दिल्ली सरकार उसके परिवार को सम्मान के तौर पर एक करोड़ रुपये की राशि देगी।


खौफः डॉक्टर ने काटी गले की नस

पिथौरागढ़- कोरोना वायरस के वहम में सरकारी कर्मचारी ने उठाया यह खौफनाक कदम…

पिथौरागढ़। कहते हैं वहम का कोई इलाज नहीं होता और वहम अंदर से इंसान को कमजोर कर देता है ऐसा ही कुछ पिथौरागढ़ में भी देखने को मिला जब वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को लेकर एक सरकारी कर्मचारी ने मन ही मन में भ्रम पाल लिया कि पिछले 3 दिनों से उसके गले में दर्द है तो उसे कोरोना तो नहीं हो गया और इसी वहम ने उसे खुद की जान लेने पर मजबूर कर दिया उसकी हालत अभी गंभीर बताई जा रही है।


गंगोलीहाट पशु अस्पताल में कार्यरत 45 वर्षीय जीवन सिंह ने कोरोना के वहम के चलते धारदार हथियार से अपने गले की नस काट ली। जीवन को पिछले कुछ दिनों से गले में दर्द की शिकायत थी। जीवन मन मे वहम पाले हुए था कि वो कोरोना वायरस के चपेट में है। जिस कारण वो तनाव में चल रहा था। कही उसका परिवार कोरोना के संक्रमण की चपेट में ना आ जाये इस वजह से अवसाद में था। अपने परिवार को संक्रमण के बचाने के लिए जीवन ने खुद को कमरे को बंद कर अपना गला रेत डाला। जीवन को गम्भीर हालत में हायर सेंटर पहुंचाया जा रहा है।


गोरखपुर में वायरस से पहली मौत

लखनऊ। यूपी में कोरोना से पहली मौत हुई है। यह मौत गोरखपुर में हुई है। यहां एक युवक का लंबे समय से सर्दी-जुखाम और फेफड़े के संक्रमण का इलाज चल रहा था। उसका मेडिसिन विभाग के जनरल वार्ड में इलाज चल रहा था।


युवक की मौत के बाद यहां सतर्कता बढ़ा दी गई है। अब सभी डॉक्टर और वार्ड के बाकी मरीजों का भी टेस्ट कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि युवक का काफी दिनों से इलाज चल रहा था। उसकी सेहत में शुरुआत में सुधार हुआ, लेकिन धीरे-धीरे उसकी तबियत खराब होती चली गई। बुधवार को उसकी मौत हो गई।


रेलवे के 25 कर्मचारी क्वॉरेंटाइन भेजे

मुरादाबाद। जंक्शन के 12 और बरेली जंक्शन के 13 रेल कर्मियों को क्वारंटाइन में भेजा गया है। दरअसल एक युवक को कोरोना हुआ था, जिसके बाद युवक की मां और पत्नी भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। युवक के पिता लोको पायलट हैं।


बरेली के कोरोना पॉजिटिव युवक के परिवार के पांच सदस्यों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आने से रेलवे में हड़कंप मच गया। संक्रमित युवक के पिता रेलवे में हैं। बताया गया है कि वे विभाग के 27 लोगों के संपर्क में आये जिसकी वजह से सभी लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। रेल प्रशासन ने रेल कर्मी की डयूटी के दौरान संपर्क में आए कर्मियों को मेडिकल टेस्ट कराने को कहा है। इसके बाद मुरादाबाबाद में 12 लोगों का मेडिकल टेस्ट कराया गया। सभी को रेलवे के रेस्ट रूम में क्वारंटाइन करके रखा गया है।


युवक नोएडा की सीज फायर कंपनी में काम करता था। 21 की शाम को बरेली अपने घर लौटा था। अगले दिन उसकी हालत बिगड़ने पर टेस्ट कराया गया जिसमें कोरोना के संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद युवक को क्वारंटाइन कर दिया गया। मगर तब तक पिता समेत घर के अन्य पांच सदस्यों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आ गई। हालांकि युवक का दो साल साल का बेटा इससे मुक्त है। युवक के पिता रेल कर्मचारी है और इस दौरान वे ड्यूटी पर भी गए, जिससे बरेली से मुरादाबाद तक हड़कंप मच गया।


विभाग का कहना है कि 25 मार्च को वह आला हजरत एक्सप्रेस से बरेली गए। वहां दफ्तर और बरेली स्टेशन पर कई लोगों के संपर्क में आए। मंगलवार को युवक के पिता समेत पांच सदस्यों में संक्रमण की पुष्टि से बरेली व मुरादाबाद में रेल कर्मियों की तलाश होने लगी। बरेली में सीसीटीवी खंगाले गए जबकि यहां लॉबी में उस दिन मौजूद सभी रेल कर्मियों का ब्योरा लिया गया। रेल प्रशासन ने बिना देर किए सभी की मेडिकल जांच कराने के आदेश दे दिया है। जानकारों की माने तो मुरादाबाद के 12 और बरेली में 13 लोगों को टेस्ट के बाद रेल विभाग ने क्वारंटाइन कर दिया है और दो कर्मियों से संपर्क किया जा रहा है।


मरकज में शामिल 157 को क्वॉरेंटाइन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा दिल्ली मरकज में शामिल उत्तर प्रदेश के सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन करने का आदेश दिया। दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी मरकज में पहुंचे श्रद्धालुओं के द्वारा लापरवाही बरतने से कोरोनावायरस का उत्तर-प्रदेश के कई जिलों में  फैलने का खतरा बढ़ गया है।  जिसको नियंत्रित करने के लिए  सभी जिला अधिकारियों को एवं प्रशासनिक स्तर पर सभी प्रकार की सतर्कता बरतने के आदेश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के 157 लोग ऐसे हैं जो उस मरकज में शामिल हुए थे। उनके नाम फोन नंबर और कहां के रहने वाले हैं। लिस्ट के द्वारा जो सरकार द्वारा जारी की गयी है। अगर आपके आसपास इनमे से कोई छिपा हो तो तुरन्त नजदीकी थाने मे सूचना दे।


मरकज से लौटे सभी 93 लोग संक्रमित

नई दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से लौटे लोगों के कोरोना पॉजिटिव होने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। यहां से लौटे अब तक 93 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सभी का सैंपल पॉजिटिव निकला है। इसमें से 45 तमिलनाडु, 9 अंडमान और 24 केस दिल्ली के हैं। वहीं, 303 ऐसे लोग हैं जिनमें कोरोना के लक्षण हैं।


इसके अलावा आंध्र प्रदेश से 4 और केस सामने आए हैं जिनकी ट्रैवल हिस्ट्री मरकज की रही है। विशाखापट्टनम से भी 21 केस सामने आए हैं। वहीं, सरकार ने अब तक 740 लोगों की पहचान की है जो तबलीगी जमात के मरकज में हिस्सा लेने आए थे। उधर, मरकज से लौटे 10 लोगों को गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये सभी गाजियाबाद के थाना मसूरी इलाके के मसूरी कस्बे में मिले थे। मरकज से लौटे लोग देश के अलग-अलग हिस्से में मिल रहे हैं जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। तेलंगाना में भी 15 लोगों का कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव निकला है, जिसके बाद राज्य में मरीजों की संख्या 77 हो गई है।


जमात कार्यकर्ताओं की मेडिकल जांच


मरकज में रहने वाले जमात कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए अनुरोध किया। 29 मार्च तक, लगभग 162 जमात कार्यकर्ताओं को चिकित्सकीय रूप से जांचा गया और क्वारनटीन केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया।


निजामुद्दीन मरकज मामले में 6 पर केस

नई दिल्ली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मरकज दिल्ली के चीफ मौलाना साद 28 तारीख से लापता हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।


निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले के FIR में इन 6 लोगों का नाम शामिल- मौलाना साद, डॉ. ज़ीशान, मुफ्ती शहज़ाद, एम. सैफी, यूनुस और मोहम्मद सलमान है। मोहम्मद अशरफ का भी नाम निज़ामुद्दीन मरकज़ मामले के FIR में शामिल है। मरकज़ को आज सुबह लगभग 3:30 बजे खाली किया गया। यहां लगभग 2100 लोग थे। इस जगह को खाली करने में 5 दिन लगे।


 


जमातीयो के पर्यटक वीजा पर प्रतिबंध

नई दिल्ली। सरकार ने विदेशी तबलीगी जमातियों को पर्यटन वीजा देने पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक अधिकारी ने बताया, “जिन लोगों के पास पर्यटन वीजा है और वे मिशनिरी गतिविधियों का प्रचार कर रहे है, उनके बारे में माना जाएगा कि उन्होंने वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है।” पयर्टक वीजा पर आने वाले किसी भी विदेशी को तबलीगी गतिविधियां करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।


गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विदेश मंत्रालय को सलाह दी गई है कि दूसरे देशों में भारतीय मिशनों से अनुरोध किया जा सकता है कि वे ऐसे विदेशी को पर्यटक वीजा देने से परहेज करें, जो तबलीगी गतिविधियों के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय से कहा कि उसे ऐसे आवेदकों को पर्यटक वीजा देने से पहले उनके भारत में ठहरने, वापसी के टिकट और खर्चों के संबंध में जानकारी सुनिश्चित करनी चाहिये।


बता दें कि सरकार ने मंगलवार को कहा कि इस साल 1 जनवरी से देश में तबलीगी गतिविधियों के लिये 2100 विदेशी भारत आए और उनमें से सभी ने पहले दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उसके मुख्यालय में आमद दर्ज कराई. निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मुख्यालय से कोरोना वायरस के कई मामले सामने आए हैं। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुल 303 तबलीगी कार्यकर्ताओं में कोविड-19 के लक्षण थे और उन्हें दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया है।


एक बयान में गृह मंत्रालय ने यह भी कहा कि अब तक तबलीगी जमात के 1,339 कार्यकर्ताओं को नरेला, सुल्तानपुरी और बक्करवाला पृथक केंद्रों के अलावा दिल्ली के एलएनजेपी, आरजीएसएस, जीटीबी, डीडीयू अस्पतालों के साथ ही एम्स, झज्जर (हरियाणा) भेजा गया है। बाकी लोगों की अभी कोविड-19 संक्रमण को लेकर चिकित्सा जांच की जा रही है। बयान में कहा गया कि एक आकलन के मुताबिक जनवरी के बाद से तबलीगी गतिविधियों के लिये करीब 2100 विदेशी भारत आए। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 21 मार्च तक उनमें से लगभग 824 देश के विभिन्न हिस्सों में चले गए, 216 निजामुद्दीन मरकज में रह रहे हैं, जिनमें से कई कोरोना वायरस से संक्रमित मिले हैं।


अन्य लोग हो सकता है कि 24 मार्च को 21 दिन के देशव्यापी बंद की घोषणा से पहले ही देश से चले गए हों। यह बंद घोषणा के अगले दिन से प्रभावी हुआ था। तबलीगी जमात के देसी और विदेशी कार्यकर्ता वर्ष भर देश के अलग-अलग इलाकों में उपदेश देने या ‘चिल्ला’ के लिये दौरे पर रहते हैं। इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और किर्गिस्तान समेत विभिन्न राष्ट्रों से लोग तबलीगी गतिविधियों के लिये आते हैं।


बयान में कहा गया कि ऐसे सभी विदेशी नागरिक सामान्य तौर पर अपने आने की सूचना सबसे पहले हजरत निजामुद्दीन स्थित बंगलेवाली मस्जिद में तबलीगी मरकज में देते हैं। यहां से उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चिल्ला गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जाती है. चिल्ला गतिविधियों का समन्वय सभी राज्यों में विभिन्न जिलों में जिला समन्वयकों द्वारा किया जाता है। जिनकी निगरानी का काम कुछ राज्यों में ‘प्रदेश अमीर’ के द्वारा किया जाता है।


इसमें कहा गया, “इसके साथ ही, 21 मार्च को देश के विभिन्न हिस्सों में करीब 824 विदेशी चिल्ला गतिविधियों में शामिल थे।” गृह मंत्रालय ने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय तबलीगी जमात कार्यकर्ता देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि 21 मार्च को 824 विदेशियों का विवरण सभी राज्य पुलिस बलों से साझा किया गया। जिससे उनकी पहचान हो सके और चिकित्सा जांच के बाद उन्हें पृथक रखा जा सके। इसके अलावा, 28 मार्च को सभी राज्यों की पुलिस से कहा गया है कि वे स्थानीय समन्वयक से सभी तबलीगी कार्यकर्ताओं के नामों की सूची तैयार करें, उनका पता लगाएं और चिकित्सा जांच के बाद उन्हें पृथक करें। बयान में कहा गया, “अब तक विभिन्न राज्यों में ऐसे 2,137 लोगों की पहचान हुई है।”


उन्हें पृथक किया गया है और उनकी जांच की जा रही है। यह प्रक्रिया अब भी चल रही है तथा ऐसे और लोगों की पहचान कर उनका पता लगाया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, ‘’21 मार्च को हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1,746 लोग रह रहे थे। इनमें से 216 विदेशी थे और 1530 भारतीय।’’ मंत्रालय के मुताबिक 28 मार्च को गृह मंत्रालय की तरफ से सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों को विस्तृत परामर्श जारी किया गया था। यह परामर्श दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भी भेजा गया था। खुफिया ब्यूरो के निदेशक द्वारा 29 मार्च को एक बार फिर राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को यह परामर्श दिया गया कि वे अपने इलाकों में ऐसे सभी तबलीगी कार्यकर्ताओं की आवाजाही पर नजर रखें, उनके संपर्क में आने वालों पर भी नजर रखी जाए और उनकी चिकित्सा जांच के लिये कदम उठाए जाएं।


बयान में कहा गया कि कई राज्यों ने पहले ही यह करना शुरू कर दिया है। हजरत निजामुद्दीन मरकज में रह रहे तबलीगी जमातके सभी कार्यकर्ताओं की 26 मार्च से ही चिकित्सा जांच की जा रही है। अब तक 1203 तबलीगी जमात कार्यकर्ताओं की जांच हो चुकी है। मंत्रालय ने कहा कि आव्रजन ब्यूरो राज्यों से प्रभावित देशों से आए लोगों के बारे में जानकारी (एक फरवरी से) साझा कर रहा है। इसके अलावा आव्रजन ब्यूरो राज्यों के साथ छह मार्च से सभी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर आने वाले भारतीयों और विदेशियों की जानकारी साझा कर रहा है।


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