रविवार, 29 मार्च 2020

1 मार्च के बाद नागरिको की जांच

कोरोना : एक मार्च के बाद यूपी में बाहर से आए हर नागरिक की होगी जांच, जरा भी शक हो तो करें क्वारंटाइन : सीएम योगी


लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह कोरोना से निपटने को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान योगी ने 1 मार्च के बाद यूपी में बाहर से आए हर नागरिक की निगरानी और हेल्थ जांच करने के निर्देश दिए। योगी ने कहा कि जरा भी शक हो तो क्वारंटाइन करें, लोगों को 14 दिनों का हेल्थ प्रोटोकॉल पालन कराएं।


योगी ने कहा कि कोरोना के चलते जो उद्यम, संस्थान बंद रहे, उन संस्थानों को उनके हर कर्मचारी को वेतन देना ही होगा, अधिकारी वेतन दिलाएं। हर गरीब, दिहाड़ी मज़दूर को सरकार एक हजार रुपए देगी, वो भले ही प्रदेश के किसी भी कोने में हो, इनको ढूँढिए और पैसा पहुचांइए। योगी ने कहा कि ये मानवीय अपील है  पूरे प्रदेश में अल्प वेतन भोगी, श्रमिकों या गरीब लोगों से मकान मालिक किराया न लें। 
योगी ने कहा कि यूपी में जो भी आ गए हैं, या पहले से रह रहे हैं, उनकी पूरी जिम्मेदारी हमारी, उन्हें भोजन, शुद्ध पानी, दवा देंगे, उनके चलते बाक़ी लोगों के स्वास्थ्य का कोई खतरा भी नहीं पैदा होने देंगे, वो अपने राज्य में नहीं जाना चाहते तो भी कोई बात नहीं, सबकी हिफ़ाज़त मेरी जिम्मेदारी है। जो बाहरी राज्यों के कामगार हैं, उनकी दैनिक ज़रूरतों और आर्थिक ज़रूरतों की चिंता करें अधिकारी, ताकी वे अपने अपने राज्यों के लिए पलायन ना करें, जो चुनौती हमारे राज्य पर आई है, पलायन के चलते हम नहीं चाहते कि बाकी राज्यों के सामने ये चुनौती आए। सीएम योगी ने योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी बकाए चलते बिजली, पानी के कनेक्शन न काटे जाएं। हर जिले में डीएम सामानों की लिस्ट की कीमत लगाएं, उसका पालन कराएं, जो जमाख़ोरी की गड़बड़ करें, उनके ख़िलाफ़ एफआईआर समेत कड़ी कार्रवाई करें।


अब भविष्य निधि से निकालो पैसा

कोरोना वायरस प्रभाव: कर्मचारी भविष्य निधि से पैसा निकालने की अनुमति


नई दिल्ली। कोरोना वायरस से जुड़ी पाबंदियों के बीच श्रम मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना के छह करोड़ से अधिक अपने अंशधारकों को अपने खाते से पैसा निकालने की अनुमति दे दी है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने पिछले सप्ताह विभिन्न क्षेत्रों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज के तहत की थी।


इसके क्रियान्वयन के संबंध में जारी अधिसूचना के अनुसार ईपीएफ खाते से स्वीकृत निकासी की राशि अंशधारक के तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के योग या उसके खाते में जमा हुई कुल राशि के तीन चौाथाई में से जो भी कम हो, उससे अधिक नहीं हो सकती है। कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिये ‘लॉकडउान’ की वजह से लोगों को राहत देने को लेकर यह कदम उठाया गया है। श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 में संशोधन को लेकर 28 मार्च 2020 को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है। मंत्रालय के अनुसार अधिसूचना में तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ता या ईपीएफ खाते में पड़ी 75 प्रतिशत राशि जो भी कम हो, उसे निकालने की अनुमति दी गयी है। इस राशि को लौटाने की जरूरत नहीं होगी। कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया गया है और इसीलिए ईपीएफ योजना के दायरे में आने वाले देश भर में कारखानों और विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारी इस राशि को निकालने के लिये पात्र हैं। इसके लिये ईपीएफ योजना, 1952 के पैरा 68 एल के उप-पैरा (3) को जोड़ा गया है। संशोधित कर्मचारी भविष्य निधि कोष (संशोधन) योजना, 2020, 28 मार्च से अमल में आया है। अधिसूचना के बाद कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश जारी कर इस संदर्भ में सदस्यों से प्राप्त आवेदनों पर तत्काल कदम उठाने को कहा है ताकि संकट की घड़ी में उनकी मदद हो सके।


वायरस की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश

नई दिल्ली। केंद्र और राज्य सरकारों ने रविवार को 21 दिनों के देशव्यापी बंद के मद्देनजर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। दिशानिर्देशों के अनुसार, अस्पताल, पशु चिकित्सा अस्पताल, फार्मेसियों, प्रयोगशालाओं और अनुसंधान प्रयोगशालाएं चालू रहेंगी। इसमें कहा गया है, “सभी चिकित्सा कर्मियों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य, अस्पताल से जुड़ी सहायता सेवाओं के लिए परिवहन की अनुमति है।”


दुकानों, बैंकों, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, दूरसंचार, इंटरनेट सेवाओं आदि को छोड़कर सभी निजी प्रतिष्ठानों को भी बंद रखने के लिए निर्देशित किया गया है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कुछ अपवादों को छोड़कर भारत सरकार, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के कार्यालय बंद रहेंगे। रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, आपातकालीन सेवाओं, बिजली, पानी, समाज कल्याण विभाग, कृषि उत्पादों की खरीद में लगी एजेंसियों आदि से संबंधित कार्यालय 14 अप्रैल तक लॉकडाउन के दौरान खुले रहेंगे।दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और कोयला, खनिजों और उर्वकों के उत्पादन के लिए औद्योगिक इकाइयां भी लॉकडाउन के दौरान काम करेंगी। परिवहन और हॉस्पिटेलिटी सेवाएं भी बंद रहेंगी। इसके अलावा 15 फरवरी के बाद भारत पहुंचे लोगों को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (आदेश की अवज्ञा) के तहत इस संक्रमण को रोकने के लिए कोरेनटाइन में रहने के लिए कहा गया है। दिशानिर्देशों में कहा गया है, “किसी भी व्यक्ति द्वारा इन निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर आईपीसी की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई होगी।


उत्तराखण्ड में मिले 7 वायरस संक्रमित

उत्तराखंड। रविवार को एक और मरीज के कोरोनावायरस के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। राज्य में कोरोना पॉजिटिव होने का यह सातवां मामला है। बताया जा रहा है देहरादून मिलिट्री अस्पताल में भर्ती कराए गए 47 साल के युवक का कोरोना वायरस का संक्रमण पॉजिटिव पाया है । जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग मरीज की ट्रेवल हिस्ट्री निकाल रही है कि वह इस दौरान किन किन लोगों से मिला था। तमाम एतिहाद के बाद भी राज्य में कोरोनावायरस के मरीजों का मिलने का सिलसिला जारी है फिलहाल उपचार करा रहे कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में दो डिस्चार्ज हो चुके हैं जबकि एक की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।


झारखंड में लगाया गया जनता कर्फ्यू

रांची। कोरोना को रोकने के लिए जनता कर्फ्यू आज सुबह सात बजे से लेकर रात के 9 बजे तक रहेगा। लेकिन इस बीच झारखंड के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश दिया है कि रात 9 बजे के बाद भी लोग घर से बाहर नहीं निकले। 


आदेश के अनुसार यह बताया गया गया है कि 9 बजे कर्फ्यू खत्म होने के बाद कुछ लोग के द्वारा कोई भी कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। लोग घरों से बाहर निकलकर घूम सकते हैं। जो पूरी तरह से अवैध है। रात में भी लगा रहे कर्फ्यूः आदेश के अनुसार रात 9 बजे के बाद भी कर्फ्यू लागू रहेगा।अधिकारियों को भी आदेश दिया गया है कि प्रचार माध्यमों से नागरिकों को इस संबंध में सूचित करते हुए कार्रवाई करें। बता दें कि जनता कर्फ्यू के दौरान झारखंड में गाड़ियों नहीं चली. सभी शहरों की दुकाने बंद रही है। लोग अपने-अपने घरों में रहे।


श्रीनगर में वायरस की संख्या 38 पहुंची

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में रविवार को पांच और पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है। सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, “कश्मीर में पांच और पॉजिटिव मामलों की पुष्टि की गई, जिसमें 2 श्रीनगर, 2 बडगाम, 1 बारामूला से हैं।”


इससे पहले एक कोविड-19 रोगी ने श्रीनगर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था। पीड़ित मरीज लगभग 60 साल का था, जो बारामुला जिले के तंगमर्ग इलाके का रहने वाला था। पांच पॉजिटिव मामों के साथ राज्य में कोरोनावायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 38 हो गई है, जिनमें से 29 कश्मीर में और नौ जम्मू के अस्पतालों में हैं।


सीएम भूपेश ने लिखी पीएम को चिट्ठी

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोराना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा की गई सकारात्मक पहल की सराहना की है, वहीं उन्होंने प्रधानमंत्री को छत्तीसगढ़ में कोराना पीड़ितों की स्थिति और लाॅकडाउन के दौरान की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज देने का अनुरोध किया ताकि उन्हें इस विपदा की घड़ी में आर्थिक सहायता मिल सके.
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ‘‘लाॅकडाउन की घोषणा की गई है, जिससे राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है. राज्य में आज दिनांक तक कोरोना वायरस से 7 व्यक्ति प्रभावित हुए है, उनकी स्थिति भी सामान्य है. सौभाग्य से राज्य में कोरोना पीड़ित किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नही हुई है. एम्स रायपुर का अमला तथा राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा सम्हाले हुए है. किन्तु लाॅक डाउन से धीरे-धीरे राज्य की जनसंख्या के बड़े भाग को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है।


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हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...