शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

यूपी पुलिस अत्याधुनिक हथियारों से लैस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस अब अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगी! पुलिस को कानून व्यवस्था के दृष्टिगत अत्याधुनिक 63 हजार इंसास और 23 हजार एसएलआर रायफल मुहैया कराई गई हैं! अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने ये जानकारी दी! न्होंने बताया कि वर्तमान में पुलिस कर्मियों के पास थ्री नॉट थ्री (.303 रायफल) है, लेकिन अब उन्हें इंसास और एसएलआर जैसे अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए गए हैं!


अवस्थी ने थ्री नाट थ्री (.303) के स्थान पर पुलिस विभाग के कर्मियों को मिली 63 हजार इंसास और 23 हजार एसएलआर रायफल को ड्यूटी के दौरान लेकर चलने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये! उन्होंने आदेश जारी किया है! कि अब किसी भी थाने में 303 रायफल का इस्तेमाल ना हो. अगर उनका उपयोग होता है! तो संबंधित थानाध्यक्षों, प्रतिसार निरीक्षकों के खिलाफ समुचित कार्यवाही की जाएगी! उन्होंने पुलिस विभाग में आगामी भर्ती प्रक्रिया को देखते हुए समुचित अत्याधुनिक हथियारों की व्यवस्था करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिया!


उन्होंने बताया कि आगामी भर्ती को देखते हुए 8 हजार इंसास रायफल रिजर्व में रखी गयी है! साथ ही 8 हजार इंसास रायफल, 10 हजार 9एमएम पिस्तौल खरीदने के लिए एक और प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है! बता दें कि हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस ने राज्य में वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई पहल की है! जिसके तहत उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा! प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने कहा था, “हमने वरिष्ठ नागरिकों का रजिस्ट्रेशन शुरू करने का फैसला लिया है! पुलिसकर्मी उनके घरों पर जाकर उनके नाम, पता और फोन नंबर आदि की जानकारी लेंगे, जिसे हमारे डेटाबेस में रखा जाएगा! अगर कोई वरिष्ठ नागरिक आपातकालीन नंबर 112 पर कॉल करेगा! तो उसका पूरा डेटा पुलिस को तुरंत पता चल जाएगा और जिसके बाद उचित कार्रवाई तत्काल की जा सकती है! कॉल करने वाले की शिकायत दर्ज की जाएगी! और उस शिकायत पर हुई कार्रवाई के बारे में बताया जाएगा! पुलिस थानों में अधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों के घरों पर नियमित तौर पर जाने और उनके हालचाल पूछने के निर्देश दिए जाएंगे! इससे बुजुर्गो में सुरक्षा की भावना पनपेगी!अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने इस बीच कहा कि पिछले एक साल में 2.4 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने पुलिस से मदद मांगी थी!


आईपीएल में ज्यादा से ज्यादा कोच होने चाहिए

नई दिल्ली! पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में भारतीय कोचों को अवसर नहीं मिलने पर निराशा व्यक्त की है! द्रविड़ का मानना है कि आईपीएल में ज्यादा से ज्यादा भारतीय कोच होने चाहिए! राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के मुखिया ने कहा कि भारतीय कोच भी विदेशी ट्रेनर की तरह काबिल हैं!


ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक द्रविड़ ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे पास कुछ अच्छे कोच हैं! मुझे उनकी काबिलियत में पूरा विश्वास है! जिस तरह हमारे पास क्रिकेट में शानदार प्रतिभा है उसी तरह हमारे पास कोचिंग विभाग में भी अच्छी प्रतिभा है! हमें उन्हें अच्छा करने के लिए समय देने की जरूरत है! मुझे पूरा विश्वास है कि वह इसमें सफल रहेंगे!” उन्होंने कहा, “यह कभी-कभी मुझे निराश करता है जब हमारे बहुत से लड़कों को आईपीएल में सहायक कोच के रूप में अवसर नहीं मिलते हैं!” इंडिया अंडर-19 और इंडिया-ए के कोच के अलावा राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के कोच रह चुके द्रविड़ ने कहा है कि जब वह आईपीएल में कोचिंग स्टाफ में भारतीय लोगों को नहीं देखते हैं तो उन्हें निराशा होती है! राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख का मानना ​​है कि लीग में भारतीय कोचों का उपयोग करने से टीमों को लाभ मिल सकता है! द्रविड़ ने कहा कि घरेलू कोच भारतीय खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से जानते हैं और उन्हें बेहतर तरीके से समझते भी हैं!


इंद्रधनुष योजना: लगेगा पैसठ सौ बच्चे को टीका

नोएडा इंद्रधनुष योजना की शुरूआत, 6500 बच्चों को लगेगा टीका


गौतम बुध नगर! मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि जिले में तकरीबन 6500 बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा! जो बच्चे पहले चले अभियान में ड्रॉपआउट और लेफ्टआउट हैं! उन बच्चों के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है!


नोएडा गौतमबुद्ध नगर में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव ने इंद्रधनुष योजना अभियान की शुरुआत की! मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है! मुख्य चिकित्साधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ज़िले में तकरीबन 6500 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगाा! जो बच्चे पहले चले अभियान में ड्रॉपआउट और लेफ्टआउट हैं! उन बच्चों के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है!टीकाकरण के लिए CMO ने चलाई इंद्रधनुष योजना2020 तक किया जाएगा! टीकाकरण
इंद्रधनुष योजना को दो दिसंबर से चार चरणों में सघन अभियान के तहत चलाया जाएगा! योजना के तहत सभी बच्चों का साल 2020 तक टीकाकरण किया जाएगा! योजना के तहत 0-2 साल तक के बच्चे जो किसी कारणवश टीकाकरण से वंचित रह गए हैं, वो इस अभियान के तहत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जाकर टीके लगाकर जानलेवा बीमारियों से बचाव कर सकते हैं ,मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव6500 बच्चों को मिलेगा लाभ
सीएमओ डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि दादरी दनकौर और बिसरख ब्लॉक में योजना चलाई जाएगी! योजना के तहत तकरीबन 6500 बच्चों को लाभ मिलेगा! 0-2 साल के बच्चों को टीकाकरण किया जाएगा. साथ ही तकरीबन 1500 गर्भवती महिलाओं को टीका लगाया जाएगा! उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 2 दिसंबर से 13 दिसंबर तक जिले में यह अभियान चलाया जाएगा! बता दे कि सर्वे के दौरान टीकाकरण से छूटे, आंशिक टीकाकरण और टीकाकरण ना करवाने वाले परिवारों का भी पता लगाया गया है! उनकी काउंसलिंग के जरिए उनको प्रोत्साहित किया गया है, ताकि वह बच्चों को टीका लगवाए!


एनआईटी की टीम ने तसव्वर से की पूछताछ

लखनऊ! राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने मुजफ्फरनगर  के दो युवकों से पूछताछ की है। दरअसल ये दोनों युवक इसी साल अप्रैल में भारत-पाकिस्तान वाघा बॉर्डर पर गिरफ्तार किए गए थे। इसके बाद इन्हें जेल भेज दिया गया था। बाद में दोनों को जमानत मिल गई थी।एनआईए की पूछताछ को देश में करेंसी रैकेट से जोड़कर देखा जा रहा है।


बता दें एक अप्रैल 2019 को मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना थाना क्षेत्र के रसूलपुर दभेड़ी गांव के निवासी लियाकत और तसव्वर को भारत-पाकिस्तान वाघा बॉर्डर पर पकड़े गए थे। ये चेकिंग के दौरान पाकिस्तानी करेंसी बदलने के संबंध में गिरफ्तार किए गए, इन्हें जेल भेजा गया था। इसके बाद इन्हें जमानत मिल गई थी। और ये वापस मुजफ्फरनगर आ गए थे। 28 नवंबर को एनआईटी की टीम ने जमानत पर छूटे लियाकत और तसव्वर से पूछताछ की।


अंबाला में सड़क हादसे में 4 की मौत

अंबाला। शहर में गुरुवार रात करीब 1 बजे एक सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। हादसा सेंट्रल जेल के पास स्थित पुल पर हुआ, जब लुधियाना की एक पेंट फैक्ट्री के मालिक का बेटा अपने तीन साथियों के साथ लुधियाना से देहरादून जा रहा था। अचानक इनकी कार पुल के डिवाइडर टकरा से गई और इससे पहले कि कार को संभाल पाते, पीछे से एक ट्रक ने टक्कर मार दी। मौके पर पहुंची बलदेव नगर पुलिस ने चारों मृतकों के शवों को सिविल अस्पताल अंबाला शहर डेड हाउस में रखवा दिया है, वहीं पुलिस ने ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।उन्होंने क्रेन मंगवा कर ट्रक के नीचे फंसी कार को बाहर निकलवाया। कार में सवार चारों लोगों के शव बुरी तरह फंसे होने से क्षतिग्रस्त हो चुके थे, जिन्हें कटर की मदद से कार को काटकर बाहर निकलवाया गया मृतकों में एक लुधियाना की बंसल पेंट फैक्ट्री के मालिक का बेटा दीपक था, वहीं तीन अन्य की पहचान अंशुल, अरविंद और संजय के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार दीपक बंसलदेर रात अपने साथियों के साथ लुधियाना से देहरादून जा रहा था। करीब 1 बजे नेशनल हाईवे नंबर 1 पर इनकी स्विफ्ट कार डीएल-9 सीडब्ल्यू-3696 अंबाला शहर स्थित जेल पुल के डिवाइडर से टकरा गई और पीछे से आ रहे ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार ट्रक में फंस गई।इस बारे में जांच अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि देर रात करीब 1 बजे यहां सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर लाशों को निकलवाने के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए अंबाला शहर के सिविल अस्पताल में पहुंचाया, वहीं मृतकों के मोबाइल से उनके परिजनों का पता लगाया गया।


गडकरी को सीएम बनाने को राजी थी शिवसेना

मुबंई।शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन चुके हैं, लेकिन अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मान जाता तो आज महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन की दोबारा सरकार बन चुकी होती क्योंकि शिवसेना देवेंद्र फडणवीस की जगह गडकरी को मुख्यमंत्री बनाने और ढाई साल के लिए अपना मुख्यमंत्री बनाने की शर्त छोड़ने के लिए मान गई थी। शिवसेना ने यह प्रस्ताव भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा को दिया था, लेकिन भाजपा शीर्ष नेतृत्व इसके लिए राजी नहीं हुआ जबकि फडणवीस की जगह गडकरी के नाम पर संघ की भी सहमति थी।


यह जानकारी देने वाले भाजपा और शिवसेना के करीबी सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद जब शिवसेना सत्ता के बराबर बंटवारे और ढाई साल के लिए शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की अपनी जिद पर अड़ी तो भाजपा के रणनीतिकारों ने उद्धव ठाकरे को मनाने की जिम्मेदारी नितिन गडकरी को सौंपी। 


गडकरी ने मुंबई आकर ठाकरे से बात की और यह सहमति बनी कि अगर भाजपा गडकरी को मुख्यमंत्री बनाती है तो शिवसेना आदित्य ठाकरे को उप मुख्यमंत्री बनाकर अपनी शर्त छोड़ देगी। इसके बाद गडकरी नागपुर गए और उन्होंने वहां सर संघचालक मोहन भागवत से इसकी चर्चा की तो वह भी इस बदलाव के लिए राजी हो गए। 


बताया जाता है कि उन्होंने कहा कि देवेंद्र और नितिन दोनों ही उनके प्रिय और संघ के स्वयंसेवक हैं। इसलिए अगर पहले पांच साल देवेंद्र फडणवीस को मौका मिला तो अब अगर नितिन गडकरी बनते हैं तो संघ को कोई एतराज नहीं होगा।


यह जानकारी देने वाले भाजपा के एक नेता ने बताया कि संघ की सहमति के बाद गडकरी ने यह जानकारी उद्धव ठाकरे को दे दी। तब शिवसेना की ओर से यह प्रस्ताव जेपी नड्डा को दिया गया। नड्डा ने इस पर अपनी सहमति देते हुए इसे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सामने रखा। फिर शाह और प्रधानमंत्री मोदी की बात हुई और तय किया गया कि शिवसेना के किसी भी दबाव के आगे झुकना ठीक नहीं है। 


मुख्यमंत्री बदलने का मतलब शिवसेना के दबाव को मानना होगा, जिसका राजनीतिक संदेश ठीक नहीं जाएगा, क्योंकि विधानसभा चुनाव देवेंद्र फडणवीस को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर लड़ा गया और प्रधानमंत्री ने खुद अपने भाषण में दिल्ली में नरेंद्र और मुंबई में देवेंद्र जैसा लोकप्रिय नारा दिया था। इसलिए मुख्यमंत्री के नाम पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 


सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व में यह राय भी बनी कि पार्टी को अपने इस रुख पर डटे रहना चाहिए कि चुनाव से पहले शिवसेना के साथ सत्ता के आधे-आधे बंटवारे और ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के बंटवारे पर कोई सहमति नहीं बनी थी और जब चुनाव के दौरान हर सभा में शिवसेना नेताओं की मौजूदगी में प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने के नाम पर जनादेश मांगा तब शिवसेना ने कोई आपत्ति नहीं की। इसलिए अब शिवसेना की कोई शर्त नहीं मानी जाएगी। 


भाजपा नेतृत्व को पूरा भरोसा था कि शिवसेना कांग्रेस के साथ नहीं जा सकती और अगर जाना भी चाहेगी तो कांग्रेस कभी भी इसके लिए तैयार नहीं होगी क्योंकि उसकी धर्मनिरपेक्षता की राजनीति उसे ऐसा नहीं करने देगी। इसलिए कोई अन्य विकल्प न होने से देर-सबेर शिवसेना झुक जाएगी। 


साथ ही भाजपा महासचिव और रणनीतिकार भूपेंद्र यादव और देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी नेता अजीत पवार के साथ भी संपर्क साध रखा था। जबकि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव से पहले ही शरद पवार के साथ अपना संवाद शुरू कर रखा था और नतीजों के बाद भाजपा शीर्ष नेतृत्व के इस कड़े रुख के बाद शिवसेना ने एनसीपी के साथ अपनी विधिवत बातचीत शुरू कर दी और शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राजी करके असंभव को संभव कर दिया।


गर्भवती महिलाओं को कांग्रेस देगी 6000

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व राजस्थान सहित कुछ कुछ राज्यें में गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अब जल्द ही 6 हज़ार रुपए महीना राज्य सरकार की ओर से सहायता मिलने की उम्मीद है। दरअसल, कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रतिमाह 6000 रुपये की सहायता राशि का भुगतान किया जाए।


जानकारी के मुताबिक सोनिया गांधी ने अपने पत्र में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 का उल्लेख करते हुए लिखा है कि, इस नियम के तहत 6 हज़ार रुपए गर्भवती महिलाोओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सहायता देने का प्रावधान है। इसलिए इस नियम को लागू कराना सुनिश्चित किया जाए।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...