शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

इमरान ने यूएन में अलापा कश्मीर राग

संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आज संयुक्त राष्ट्र में संबोधन देते हए। अपने संबोधन से पहले उन्होंने एक बार फिर कश्मीर का राग अलापा है और कहा कि वह सिर्फ जम्मू-कश्मीर का मसला उठाने के लिए ही यहां पर आए हैं। लेकिन संबोधन से पहले ही इमरान ने हथियार डाल दिए हैं और कहा कि वह जानते हैं इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है।


न्यूयॉर्क टाइम्स के एडिटर्स से बात करते हुए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे पता है कि संयुक्त राष्ट्र में मेरे जम्मू-कश्मीर पर भाषण से कुछ बड़ा असर नहीं होगा, खासकर आने वाले दिनों में…लेकिन वह चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का मसला दुनिया सुने।
इमरान खान के बयान से साफ है कि वह संयुक्त राष्ट्र के मंच पर कश्मीर का मसला तो जरूर उठाएंगे, लेकिन उन्हें इससे कोई उम्मीद नज़र नहीं आती है। गौरतलब है कि इससे पहले भी इमरान खान ने जहां भी जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया है उन्हें वहां पर मात ही मिली है।


जनाब आपसे ऐसी उम्मीद ना थी

कारगिल विजय दिवस पर पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है। 26 जुलाई 1999 को भारत ने पाकिस्तान पर विजय पाई थी। कारगिल युद्ध को ऑपरेशन विजय के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
यह किस्सा साल 1999 का है जब कारगिल युद्ध हुआ था। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी किताब 'नाइदर अ हॉक नॉर अ डव' में इसका जिक्र किया है। दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी और एक्टर दिलीप कुमार के बीच गहरा संबंध था। उस दिन दिलीप कुमार और अटल बिहारी एक साथ ही बैठे हुए थे।
किताब के मुताबिक, एक दिन नवाज शरीफ के लिए भारत से फोन आया। दूसरी ओर अटल बिहारी वाजपेयी थे। वाजपेयी ने नवाज शरीफ से कहा कि 'मुझे आपने लाहौर बुलाया। गले मिलकर स्वागत किया और अब देश के साथ ऐसा कर रहे हैं।' नवाज शरीफ को जवाब नहीं सूझा तो उन्होंने कहा कि 'आप किस बारे में बात कर रहे हैं मैं आपकी बात आर्मी चीफ से करवाता हूं।'
नवाज शरीफ फोन काटने ही वाले थे कि तभी अटल बिहारी वाजपेयी ने उनसे कहा कि 'मुझे आपसे किसी की बात करवानी है।' अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन दिलीप कुमार को पकड़ाया। उस वक्त दिलीप कुमार वहीं थे। दिलीप कुमार की बातें सुनकर नवाज शरीफ भी हैरान रह गए। बता दें कि दिलीप कुमार बंटवारे से पहले पाकिस्तान के पेशावर में रहते थे।
फोन पर दिलीप कुमार ने नवाज शरीब को खूब खरी खोटी सुनाते हुए कहा कि 'साहब आप हमेशा भारत-पाकिस्तान के बीच शांति के मुद्दे पर अडिग रहे हैं आप ऐसा करेंगे ऐसी उम्मीद नहीं थी। दोनों देशों के बीच के तनाव के चलते भारत में मुसलमान अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। ऐसे हालातों से निपटने के लिए कुछ कीजिए।'


शेरों की धरती पे हाथी नहीं काबू में

लगता है , शेरों कि धरती में हरियाणा में बड़े – बड़े नेताओं कि बस की बात नही ,हाथी को संभालना ।


आखिर सही भी है , हाथी को संभालना हर किसी के बस कि बात नही
चंडीगढ़। इनेलो नेता अभय चौटाला ने तो बहन जी से राखी तक बंधवाई , लेकिन गंठबंधन कि सियासत लंबी न चल पाई , हरियाणा में बसपा का वोट प्रतिशत 2014 के विधानसभा चुनाव में 4.4 प्रतिशत रहा था। 2009 में 6.74 फीसदी और 1996 से 2000  तक 5.44 और  5.74 प्रतिशत वोट पार्टी को मिले थे। बसपा का हर विधानसभा क्षेत्र में वोट बैंक है , और पार्टी के उम्मीदवार किसी भी बड़े दल के प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगाड़ देते हैं। इस बार भी बसपा सभी विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशीयों को उतारने कि कवायत शुरु कर दी है।


हरियाणा में मायावती की नजर 90 में से , एससी के लिए आरक्षित 17 सीटों पर है , पार्टी इन सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारकर पुराना मिथक तोड़ते हुए एक से अधिक विधायक बनाना चाहेगी ,  इसके अलावा पार्टी 19 प्रतिशत एससी वोट बैंक पर भी निगाहें गड़ाये हुए है। बसपा यहां भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाकर कोई करिश्मा तो जरुर करना चाहेगे।  


बसपा ने 1998 में इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन किया , बाद में तोड़ा।
2009 में कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के साथ गठबंधन किया , बाद में राहें जुदा हो गयी।
मई 2018 में फिर इंडियन नेशनल लोकदल के साथ किया गठबंधन, एक साल से पहले ही राहे जुदा हो गयी।
जींद उपचुनाव में करारी हार के बाद बसपा को इनेलो का अस्तित्व खतरे में नजर आने लगा, इनेलो के साथ गठबंधन तोड़कर फरवरी 2019 में राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी का साथ पकड़ा, चंद महीने बाद गठबंधन टूट गया।
11 अगस्त 2019 को जजपा के साथ गठबंधन किया , छह सितंबर 2019 को जजपा से भी नाता तोड़ा दिया।


प्रेम और दायित्व की भावना देशभक्ति

देश के लिए प्यार और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना ही असली देशभक्ति: केजरीवाल


नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि ,' देश के लिए प्यार और देश के प्रति जिम्मेदारी की भावना ही असली देशभक्ति है। रिश्वत देनेवाले, टैक्स की चोरी करनेवाले कभी देशभक्त नहीं हो सकते। देशभक्ति सिर्फ इंडिया-पाकिस्तान के मैच के दौरान ही नहीं, हमारे रोजमर्रा के जीवन में भी झलकनी चाहिए।अरविन्द के केजरीवाल के आवास पर देशभक्ति करिक्यूलम निर्धारित करने वाली वाली बैठक के दौरान केजरीवाल ने यह बात कही। इस दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद रहे।


मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पेश हुए शरद

मुबंई। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के ऑफिस में पेश हुए। इसी को देखते हुए मुंबई पुलिस ने बलाड एस्टेट इलाके में धारा 144 लगा दी है जहां प्रवर्तन निदेशालय की ऑफिस है। बता दें कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता शरद पवार और अजित पवार समेत 70 अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है।


NCP प्रमुख शरद पवार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज
FIR में सहकारी बैंक के 70 पूर्व अधिकारियों के नाम


बिना ED के समन, खुद पेश शरद पवार होंगे


शरद पवार ने कार्यकर्ताओं से शांत रहने की अपील की


ED के सामने पेश होंगे शरद पवार, बलार्ड एस्टेट में मुंबई पुलिस ने लगाई धारा 144


पुलिस ने शरद पवार के ईडी के सामने पेश होने को देखते हुए बलार्ड पियर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर और दक्षिण मुंबई के दूसरे क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी है। मुंबई पुलिस ने ट्वीट कर उन थाना क्षेत्रों की जानकारी दी गई जहां आज धारा 144 लागू रहेगी। पुलिस ने कहा, “डियर मुंबईकर्स! कृपया ध्यान रखें कि सीआरपीसी की इन इलाकों में धारा 144 लागू है।


चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली

नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वो कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों को टालने वाली है। सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी कर्नाटक के उन 17 विधायकों की याचिका की सुनवाई के दौरान दी गई जिनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इन विधायकों को चुनाव लड़ने से भी रोका गया था इसी फैसले के खिलाफ इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।


बता दें कि चुनाव आयोग ने उपचुनावों के लिए नई तारीखों का ऐलान अभी नहीं किया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले में सुनवाई 22 अक्टूबर को होगी।
21 सितंबर को चुनाव आयोग ने 17 विधानसभा में से 15 सीटों पर उपचुनावों के तारीखों की घोषणा की थी। नई तारीखों के मुताबिक 21 अक्टूबर को मतदान और 24 अक्टूबर को नतीजे आने थे।


बता दें कि इसी साल जुलाई में इन 17 विधायकों की अनुपस्थिति के कारण कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई। इसके बाद कर्नाटक के तत्कालीन स्पीकर रमेश कुमार ने विधानसभा से इनकी सदस्यता रद्द कर दी थी और मौजूदा सरकार का कार्यकाल खत्म होने तक चुनाव लड़ने से रोक दिया था।विधानसभा से सदस्यता रद्द होने के बाद इन विधायकों ने स्पीकर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था। इन विधायकों ने उपचुनावों के लिए तय तारीख 30 सितंबर से पहले इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की थी।


कोर्ट के फैसले के बाद रद्द हुए विधायक एन मुनिरत्ना ने कहा,”हम सोमवार से ये केस लड़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसे इस केस की तह तक जाना पड़ेगा। ये हो जाने के बाद ही इस केस में कोई फैसला दे सकते हैं, चुनाव आयोग ने कहा चुनाव टाल दिए हैं। हमें विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा।”


कर्नाटक में बीफ बैन की तैयारी, देश में सबसे कड़ी सजा मुमकिन


'चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली है': कुमारस्वामी


चुनाव आयोग के इस फैसले पर कर्नाटक के पूर्व सीएम कुमारस्वामी ने कहा, ”ये देश में लोकतंत्र की बरबादी है। ऐसा पहली बार हुआ है देश में जब चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान किया है और कोई संवैधानिक संस्था बीच में नहीं आई है. ये संवैधानिक संस्थाओं के लिए शर्म की बात है। सभी संस्थाएं केंद्र सरकार के कंट्रोल में है।”हालांकि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडू राव ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है।


कल्याण सिंह होंगे सीबीआई कोर्ट में पेश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह शुक्रवार को लखनऊ में स्पेशल सीबीआई कोर्ट के सामने पेश होंगे। राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी हैं। कल्याण सिंह के अलावा इस मामले में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती भी आरोपी हैं।राजस्थान का राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को इस मामले में अब तक अनुच्छेद 361 के तहत कार्रवाई से छूट मिली थी। स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने कल्याण सिंह को बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़े आपराधिक साजिश के मामले में पेश होने का आदेश दिया था।


सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को आदेश दिया था, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, महंत नृत्यगोपाल दास, विनय कटियार, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, नृत्य गोपाल दास, सतीश प्रधान, आरवी वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा (प्रेम) और धर्म दास को आरोपी मानते हुए मुकदमा चलाने की बात कही थी। कल्याण सिंह को छोड़कर बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली हुई है।


'कल्याण सिंह ने नहीं उठाया था कोई कदम'


इन सारे नेताओं के खिलाफ अयोध्या में बाबरी विध्वंस के लिए आपराधिक षडयंत्र करने का आरोप है, जो धारा 120 (बी) के तहत चल रहा है। बता दें कि अयोध्या मामले के लिए लिब्राहन आयोग का गठन 16 दिसंबर 1992 में किया गया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बाबरी विध्वंस को सुनियोजित साजिश करार देते हुए 68 लोगों को दोषी माना था। लिब्राहन आयोग ने कहा था कि कल्याण सिंह ने घटना को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।


6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के समय कल्याण सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि यूपी के सीएम रहते कल्याण सिंह ने राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में कहा था कि वह अयोध्या में विवादित ढांचे को कोई नुकसान नहीं होने देंगे, लेकिन कार सेवा आयोजित होने के दौरान अयोध्या में मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद सीएम कल्याण सिंह ने मामले की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।


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