मंगलवार, 10 सितंबर 2019

क्रिकेट टीम ने पाक जाने से किया मना

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीमों की मेजबानी करने के पाकिस्तानी प्रयास को श्रीलंका के खिलाड़ियों ने बड़ा झटका दिया है। श्रीलंका के दस प्लेयरों ने पाकिस्तान के आगामी दौरे पर जाने से मना कर दिया है। यह दौरा इसी महीने प्रस्तावित है। प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक दोनों टीमों के बीच तीन टी-20 और 3 वनडे मैच खेले जाने हैं। पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच यह सीरीज 27 सितंबर से शुरू होना है। लेकिन श्रीलंका के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने, लसिथ मलिंगा और एंजेलो मैथ्यूज जैसे 10 प्रमुख खिलाड़ियों के पाकिस्तान दौरे पर जाने से इनकार कर दिया है।


यात्रा का आनंद प्राप्त होगा: धनु

राशिफल


मेष-अप्रत्याशित लाभ की संभावना है। किसी लंबी मनोरंजक यात्रा की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय सुखद व्यतीत होगा। घर-बाहर से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय अच्छा चलेगा। विवेक का प्रयोग करें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। जोखिम न लें।


वृष-अकारण विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। बनते काम बिगड़ सकते हैं। परिवार में तनाव रह सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। कार्य के प्रति जवाबदारी में वृद्धि होगी। आय में निश्चितता रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा।


मिथुन-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ में वृद्धि होगी। यश बढ़ेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। प्रतिद्वंद्वी सक्रिय रहेंगे। शारीरिक कष्ट की आशंका है। मित्रों के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे। लाभ होगा।


कर्क-सुख के साधनों पर व्यय होगा। मनोरंजन के लिए समय निकाल पाएंगे। परिवार के साथ सुखद अहसास होगा। आर्थिक उन्नति के लिए नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। लंबी यात्रा का मन बनेगा। प्रमाद न करें।


सिंह-किसी धार्मिक स्थल तथा पूजा-अनुष्ठान का कार्यक्रम बन सकता है। सत्संग का लाभ प्राप्त होगा। परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। नए काम मिल सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्‍थ्य की चिंता रहेगी।


कन्या-दुश्मनों से सावधान रहें। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। शारीरिक हानि की आशंका है। दूसरों के झगड़ों में न पड़ें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। महत्वपूर्ण निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें। आय में निश्चितता रहेगी।


तुला-वाणी में हल्के हंसी-मजाक से बचें। बात बिगड़ सकती है। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। भेंट व उपहार पर व्यय हो सकता है। किसी विशिष्ट व्यक्ति का सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त होने की संभावना है।


वृश्चिक-शारीरिक पीड़ा से बाधा संभव है। स्वास्थ्य को नजरअंदाज न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। शत्रुओं का पराभव होगा। सुख के साधनों पर व्यय होगा। संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं, भरपूर प्रयास करें। रोजगार में वृद्धि के योग हैं।


धनु-धन प्राप्ति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति सहज ही होगी। मित्रों तथा पारिवारिक सदस्यों के साथ समय सुखद व्यतीत होगा। रचनात्मक कार्यों में मन लगेगा। सफलता मिलेगी। प्रमाद न करें।


मकर-धन प्राप्ति के लिए किए गए प्रयास सफल रहेंगे। पार्टी व पिकनिक का आनंद प्राप्त होगा। स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति सहज ही होगी। मित्रों तथा पारिवारिक सदस्यों के साथ समय सुखद व्यतीत होगा। रचनात्मक कार्यों में मन लगेगा। सफलता मिलेगी। प्रमाद न करें।


कुंभ-यात्रा मनोरंजक रहेगी। नेत्र पीड़ा की आशंका है। लापरवाही न करें। सुख के साधन जुटेंगे। मनोरंजन के अवसर प्राप्त होंगे। धन प्राप्ति सुगम होगी। मेहनत का फल प्राप्त होगा। किसी विशिष्ट व्यक्ति से सहयोग प्राप्त होगा। व्यापार अच्छा चलेगा।


मीन-किसी भी तरह के विवाद-बहस इत्यादि में न पड़ें। स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। शारीरिक कष्ट भी आशंका है। अत: लापरवाही न करें। दूर से सुखद समाचार की प्राप्ति होगी। घर में अतिथियों का आगमन होगा। आत्मसम्मान में वृद्धि होगी। लाभ होगा।


छध्‍म वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति

होम्योपैथी एक छद्म-वैज्ञानिक चिकित्सा पद्धति है। होम्योपैथिक तैयारी किसी भी स्थिति या बीमारी के इलाज के लिए प्रभावी नहीं हैं; बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययनों में होमियोपैथी को प्लेसीबो से अधिक प्रभावी नहीं पाया गया है। होम्‍योपैथी चिकित्‍सा छद्म-विज्ञान के जन्‍मदाता सैमुएल हैनीमेन है। यह चिकित्सा के 'समरूपता के सिंद्धात' पर आधारित है जिसके अनुसार औषधियाँ उन रोगों से मिलते जुलते रोग दूर कर सकती हैं, जिन्हें वे उत्पन्न कर सकती हैं। औषधि की रोगहर शक्ति जिससे उत्पन्न हो सकने वाले लक्षणों पर निर्भर है। जिन्हें रोग के लक्षणों के समान किंतु उनसे प्रबल होना चाहिए। अत: रोग अत्यंत निश्चयपूर्वक, जड़ से, अविलंब और सदा के लिए नष्ट और समाप्त उसी औषधि से हो सकता है जो मानव शरीर में, रोग के लक्षणों से प्रबल और लक्षणों से अत्यंत मिलते जुलते सभी लक्षण उत्पन्न कर सके।


होमियोपैथी पद्धति में चिकित्सक का मुख्य कार्य रोगी द्वारा बताए गए जीवन-इतिहास एवं रोगलक्षणों को सुनकर उसी प्रकार के लक्षणों को उत्पन्न करनेवाली औषधि का चुनाव करना है। रोग लक्षण एवं औषधि लक्षण में जितनी ही अधिक समानता होगी रोगी के स्वस्थ होने की संभावना भी उतनी ही अधिक रहती है। चिकित्सक का अनुभव उसका सबसे बड़ा सहायक होता है। पुराने और कठिन रोग की चिकित्सा के लिए रोगी और चिकित्सक दोनों के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है। कुछ होमियोपैथी चिकित्सा पद्धति के समर्थकों का मत है कि रोग का कारण शरीर में शोराविष की वृद्धि है।


होमियोपैथी चिकित्सकों की धारणा है कि प्रत्येक जीवित प्राणी हमें इंद्रियों के क्रियाशील आदर्श को बनाए रखने की प्रवृत्ति होती है औरे जब यह क्रियाशील आदर्श विकृत होता है, तब प्राणी में इस आदर्श को प्राप्त करने के लिए अनेक प्रतिक्रियाएँ होती हैं। प्राणी को औषधि द्वारा केवल उसके प्रयास में सहायता मिलती है। औषधि अल्प मात्रा में देनी चाहिए, क्योंकि बीमारी में रोगी अतिसंवेगी होता है। औषधि की अल्प मात्रा प्रभावकारी होती है जिससे केवल एक ही प्रभाव प्रकट होता है और कोई दुशपरिणाम नहीं होते। रुग्णावस्था में ऊतकों की रूपांतरित संग्राहकता के कारण यह एकावस्था प्रभाव स्वास्थ्य के पुन: स्थापन में विनियमित हो जाता है। विद्वान होम्योपैथी को छद्म विज्ञान मानते हैं।


यमाचार्य नचिकेता वार्ता (धर्मवाद)

गतांक से...


राजा जानवी ने बहुत पुरातन काल में कहा था मेरे यहां मेरे राष्ट्र में भोगवाद नहीं है। मेरे राज्‍य में तो केवल शिष्टाचार है। मेरे राष्ट्र में यज्ञ होते हैं और यह भी भिन्न-भिन्न प्रकार के, माता-पिता यह चाहते हैं कि हमें संतान को जन्म देना। हमें संतान को उत्पन्न करना है तो माता-पिता चिंतन करते हैं और चिंतन करने के पश्चात वह अपनी अपनी हवी को अपने अपने आसन पर परिणीत कर देते हैं। उससे सुसन्‍तान का जन्म होता है और वह जो संतान है वह ग्रह को ऊंचा बनाती है। और जो माता-पिता अपने बालक को ऊंचा नहीं बना सकते महान नहीं बना सकते ब्रह्मचारीष्‍यमी नहीं बना सकते। उन माताओं का जीवन न होने के तुल्य कहलाता है। वह माता सौभाग्य नहीं होती है। जो माता अपने गर्भ स्थल में माता मदालसा की भांति अपने प्यारे पुत्र को गर्भाशय में ब्रह्मा का उपदेश देने वाली है। वह ग्रह धन्य होते हैं वह राष्ट्रीय धन्य होता है। जिस राजा के राष्ट्रीय चिंतन होता है। प्रत्येक ग्रह अपने आश्रम में ब्रह्म का चिंतन करने वाले हो और उसके पश्चात वह देव पूजा करने वाले हो देव पूजा कौन करता है। देव पूजा में माता-पिता करते हैं जिनके ग्रह में सुगंधी होती है। बालक ऊंचे बनते हैं माता-पिता प्रातः कालीन देव पूजा करते हैं। देव पूजा किसे कहते हैं संमिधा को अग्‍न्‍यधान किया अग्नि प्रदीप्त हो गई और उसमें स्‍वाहा कहते हैं अपनी वाणी को अग्नि की तरंगों पर विश्राम करा करके वह दोनों को प्राप्त हो जाता है। वह दो लोक में प्रवेश कर जाती है वह देव पूजा कैसी स्वच्छ हृदय से होती है। परमात्मा की वाणी से कहता आचार्य अद्भुत स्‍वाहा, अग्नि मानव अद्भुत कहता है और स्‍वाहा कह रहा है। दग्‍ध होने वाली अग्नि अंतरिक्ष में रमण करने वाली है। लोको का प्राप्त होने वाली है। वह माता पिता धन्य है जो अपनी वाणी को ब्रह्मलोक में पहुंचा देते हैं। अंतरिक्ष में पहुंचा देते हैं अग्नि की धाराओं पर विद्यमान हो करके यह वाणी अपने स्वरूप को लेकर के 2 लोक प्राप्त कर लेती है। परिणाम क्या देवताओं का दूत कौन है वह देवताओं का दूत ही अग्नि कहलाती है अग्नि महान। तृतीय जो संमिधा है जो जीवन में प्रदीप्त होती है। वह अतिथि की सेवा है अतिथि की सेवा किसे कहते हैं। बुद्धिमान गृह में आता है और बुद्धिमान का स्वागत करते हैं और बुद्धिमान का जब स्वागत होता है तो बुद्धिमान प्रसन्न होता है। योगेश्वर प्रसन्न होता है और जब वह प्रसन्न में होता है तो देखो अपने ज्ञान को दे कर के वहां से प्रस्थान करता है। जो उसने अध्ययन किया है, शिक्षाओं का व्रत किया है। उस शिक्षा को ग्रह को देख कर के मैं अपने आसन को प्रस्थान करता है। तो मुनिवरो, उस समय महाराजा जानवी ने जब यह ब्रह्मवेताओं को कहा तो उन्होंने कहा धन्य है प्रभु। उन्होंने कहा प्रभु, हम तो आत्मा की समाधि को जानना चाहते हैं। जिससे आत्मकथा बनता है यह तो हमने साधारण उपदेश आपसे पाया है। परंतु हम यह जानना चाहते हैं कि आत्मा का उत्थान कौन सी अग्नि से कौन सी समिधा से होता है? जिससे हम आत्मत्‍व बने और आत्मा में प्रवेश करते हुए आत्मा को प्राप्त होते रहे। मेरे प्यारे महाराजा जानवी ने कहा कि आत्मा का उत्थान करना है। हे ब्रह्म, जिज्ञासा है आत्मा कि यदि आज तुम चाहते हो कि हर आत्मा का कल्याण चाहते हैं। आत्मा को उधरवागति में ले जाना चाहते हैं। तो बेरसिया में उत्तर बिरलोका आज मैं तुम्हें एक ही वाक्य प्रकट करा देता हूं। जहां यह जो ब्रह्मा की ॠचा है ॠचा जो हमारे शरीर में प्रवास है गति कर रहा है। इसको प्राण के द्वारा प्राण रूपी तरकश से तीर की भांति इसका संधान करा दो। उससे आत्माओं का एक ही लक्ष्य रहता है कि आत्मा को जानना है। जब उस धनुष पर तीर रख लिया जाता है तो उसका लक्ष्य ब्रह्म को प्राप्त करना, वह ब्रह्म का यह प्राणायाम करना और प्राण के द्वारा इस आत्मा को जानना। क्योंकि मन को आत्मा के आत्मा मन को पुराण रूपी तरकस के ऊपर तीर कि आप हमें अभ्यस्त करा देना चाहिए। जिससे आत्मा में प्रवेश कर जाए और आत्मात्‍व हो। यह आत्मा का ज्ञान ही संसार में एक मानवता को प्रवास प्रवेश करा देता है। आत्मज्ञान है तो राष्ट्र को ऊंचा बनाता है आत्मज्ञान है। जो मोक्ष ले जाता है। आत्मा का जो बलिष्ठ प्राणी होता है वह संतान से हीन नहीं होता है। वह अपने जीवन में ऊंचे कर्मों से हिनता को प्राप्त नहीं होता है। इसलिए मैंने बहुत पुरातन काल में अपने प्यारे महानंद जी के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा था कि मानव को अपनी आत्मा को उधरवा बनाना चाहिए। आत्मक जो पुरुष होता है उसके शरीर में वीर्य होता है और जो होता है वह देखो रचना करता है। जहां योग में सफलता को प्राप्त होता है। मैंने बहुत पुरातन काल में अपने वाक्यों को प्रकट करते हुए कहा था। इस संसार में मानव को अपने जीवन को ऊंचा बनाना है। अपने जीवन में आत्म तत्व को प्राप्त कराना है। आत्म लोको को प्राप्त करना है। आज का हमारा यह वाक्य कह रहा है। आज मैं महाराजा जानवी के वाक्यों को प्रकट कर रहा हूं। महाराजा जानवी जहां-जहां राष्ट्र में कुशल थे वह आत्म को जानते थे। वह भी कह जाते ब्रह्मा वाक प्रकट किया। तो उसने कहा महाराज आत्मा, संतान का क्या संग्रह हैं?


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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september 11, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1.अंक-39 (साल-01)
2.बुधवार,11सितबंर 2019
3.शक-1941,भादप्रद शुक्‍लपक्ष द्वादशी,विक्रमी संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 5:58,सूर्यास्त 6:42
5.न्‍यूनतम तापमान -27 डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., हवा की गति धीमी रहेगी, उमस बनी रहेगी बरसात की संभावना रहेगी।
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102


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सोमवार, 9 सितंबर 2019

गाजियाबाद का नटवरलाल हुआ गिरफ्तार

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। पुलिस गिरफ्त में खड़ा अभियुक्त जिसका नाम पवन पांडे है ,अपने आप को एडीएम सिटी आगरा बताकर अधिकारियों को फोन कर अवैध काम कराने का दबाव बनाया करता था गाजियाबाद के डीएम को भी इसने अपना रिश्तेदार बताकर गाजियाबाद के कई अधिकारियों को फोन किया और काम कराने का प्रेशर बनाया। लेकिन गाजियाबाद के लेखपालों द्वारा इस बात की जानकारी अधिकारियों को दी गई और जब इस पूरे मामले में पुलिस ने छानबीन शुरू की तो फर्जी नटवरलाल का पता पुलिस को चला। जिसके बाद साहिबाबाद पुलिस ने कार्यवाही करते हुए फर्जी नटवरलाल उर्फ पवन पांडे को गिरफ्तार कर लिया। गाजियाबाद के एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि गाजियाबाद की कई अधिकारियों के पास पवन पांडे ने फोन कर काम कराने के लिए कहा और अपने आप को गाजियाबाद के डीएम का रिश्तेदार भी बताया पवन पांडे की मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया तो पता चला कि पवन पांडे ने गाजियाबाद के कई अधिकारियों को फोन किया है, और उनसे संपर्क कर काम कराने का दबाव भी बनाया पांडे को गिरफ्तार कर लिया गया है ,इसके पास से पुलिस ने तीन मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं ।इन मोबाइल फोंस में जिले के कई अधिकारियों के सीयूजी नंबर सेव है अशोक कुमार का कहना है कि पवन पांडे से अभी पूछताछ की जा रही है इसके साथ ही श्लोक कुमार ने जनता के लिए भी मैसेज दिया कि शासकीय कार्य में हस्तक्षेप करने पर ऐसे अभियुक्तों पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी और इस तरह की फोन कॉल से अलर्ट रहें अगर इस तरह की कॉलसाइन तो पुलिस को जानकारी अवश्य दें। पवन पांडे से जब बात की गई तो उसका कहना था,कि वह m.a. B.Ed है,और इलाहाबाद का रहने वाला है उसने अपने आप पर लगाए गए सभी आरोपों को गलत बताया। गौरतलब है कि पहले भी इस तरह के फर्जी नटवरलाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इससे पहले भी कई लोगों ने अपने आप को आईएएस और आईपीएस अधिकारी बता लोगो को ठग चुके हैं ऐसे में हम ये ही कहेंगे कि ऐसे लोगो से अलर्ट रहे,सुरक्षित रहे।


प्रधानमंत्री ने पॉलिथीन का किया विरोध

 गौतमबुध नगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ही बार प्रयोग में लाये जाने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने की जरूरत पर बल देते हुये कहा कि दुनिया के लिये इस प्लास्टिक को अलविदा कहने का यह उपयुक्त समय है। मोदी ने सोमवार को मरुस्थलीकरण की समस्या से निपटने के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित 14वें कोप सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि भारत आने वाले सालों में एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि अगर इसे नहीं रोका गया तो भूक्षरण का एक अन्य स्वरूप सामने आयेगा, जिसके फलस्वरूप जमीन की उत्पादकता को वापस प्राप्त करना मुमकिन नहीं होगा।


मोदी ने कहा, ''हमारी सरकार एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक के इस्तेमाल का आने वाले सालों में पूरी तरह से अंत कर देगी। सम्मेलन में हिस्सा ले रहे लगभग 200 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि दुनिया के सभी देश एकल प्रयोग वाले प्लास्टिक को अलविदा कह दें।


मोदी ने कहा कि भारत 2030 तक अपनी 2.6 करोड़ हेक्टेयर अनुपयुक्त हो चुकी बंजर भूमि में से 2.1 करोड़ हेक्टेयर जमीन को दुरुस्त कर देगा उन्होंने कहा कि इस काम में रिमोट सेङ्क्षसग और अंतरिक्ष विज्ञान सहित अन्य तकनीकों की भी मदद ली जायेगी। मोदी ने भारत द्वारा इस काम में अन्य मित्र देशों के लिये भी मददगार बनने की पहल करते हुये कहा कि मरुस्थलीकरण के संकट से जूझ रहे तमाम अन्य देशों को भारत अपनी किफायती उपग्रह एवं अंतरिक्ष तकनीक के माध्यम से मदद करने के लिये सहर्ष तैयार है।


परिवहन मंत्री नितिन ने जुर्माना सही ठहराया

नई दिल्ली। मोदी सरकार  के नए मोटर व्हीकल के लागू होने के बाद देशभर में हंगामा मचा है। लोग भारी भरकम जुर्माने  पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारी जुर्माने को सही ठहराया है। गडकरी ने सोमवार को कहा, 'मुझे भी मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक पर ओवरस्पीडिंग के लिए जुर्माना देना पड़ा। मुझे मेरे घर पर चालान मिला और मैंने जुर्माना भरा.'


बता दें कि नया मोटर व्हीकल एक्ट 1 सितंबर से पूरे देश में लागू हो गया है। पुलिस नए ट्रैफिक नियमों को पालन कराने के लिए रोजाना चेकिंग कर रही है। ड्राइविंग के जरूरी कागजात नहीं होने पर भारी भरकम चालान काटा जा रहा है। साथ ही एक्सिडेंट केस में अगर किसी की मौत हो जाती है, तो आरोपी से 5 लाख रुपये तक जुर्माना वसूला जाएगा, जबकि गंभीर रूप से घायल के लिए 2.5 लाख देने होंगे।


मोदी सरकार-2.0 के 100 दिन पूरे होने पर नितिन गडकरी  ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कही। गडकरी ने नए मोटर व्हीकल एक्ट को सही ठहराया. गडकरी ने कहा, 'देश में सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही ये एक्ट लाया गया है। क्योंकि, हाल ही में हमने नेशनल हाइवे पर 786 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं। वहीं, 30 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस भी फर्जी पाए गए।


लोनी पुलिस ने किया सराहनीय काम

गाजियाबाद-लोनी। सुबह से शाम तक की कड़ी मेहनत रंग लाई एक बिछड़े हुई मां को उसके पुत्र से लोनी पुलिस ने मिलवा कर एक सराहनीय कार्य किया है।वृद्ध महिला शरवती देवी जिला हरदोई से किसी कारणवश अपने परिवार से बिछड़ गई थी|आज सुबह लोनी थाना कोतवाली पर पुलिस ने शर्वती वृद्ध महिला को अपने पास बैठा कर शाम तक काफी मशक्कत करने के बाद घर का पता किया बताया गया है|कि माता शरवती का दिमागी संतुलन कुछ ठीक नहीं रहता लोनी पुलिस ने आज कहां पर थाना मनचला हरदोई पर सूचना देकर पुलिस से जानकारी कर वहां के प्रधान से संपर्क कर वृद्ध महिला के परिजनों को ढूंढ निकाला वृद्ध महिला के पुत्र रामप्रकाश लोनी थाना कोतवाली में शाम7:00 बजे पहुंचे लोनी पुलिस का पीड़ित महिला ने उनके पुत्र ने शुक्रिया अदा किया|जिसमें लोनी पुलिस के दरोगा प्रवेन्द्र सिंह व नीरज कुमार कांस्टेबल ने सुबह से कड़ी मेहनत कर एक मां को अपने बिछड़े पुत्र से मिलवाने का जो सराहनीय कार्य किया है|मैं लोनी पुलिस को दिल की गहराइयों से सलाम करता हूं|और वही वृद्ध महिला व उनके पुत्र ने नमस्कार करते हुए शुक्रिया अदा किया लोनी पुलिस का एक और सराहनीय कार्य देखने को मिला है।


अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला सही: कलराज

मेरी सक्रियता के बारे में राजस्थानियों को कुछ ही दिनों में पता चल जाएगा। कलराज मिश्र ने राज्यपाल पद की शपथ लेते ही कहा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला सही। 

जयपुर। कलराज मिश्र ने जयपुर में राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण कर ली है। मिश्र हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के पद से स्थानांतरित होकर राजस्थान आए हैं। दो माह पहले तक मिश्र भाजपा की राजनीति में सक्रिय थे। राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में मिश्र ने कहा कि अब उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है, वे एक राष्ट्र, एक जन और एक संस्कृति की विचारधारा के तहत संवैधानिक तरीके से अपना काम करेंगे। मेरी राजनीतिक विचारधारा पूर्व में कुछ भी रही हो, लेकिन मैं संविधान के अनुरूप ही राजस्थान के लोगों की सेवा करुंगा। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर केन्द्र सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। यह संविधान की भावना के अनुरूप है, जहां तक राजस्थान में मेरी भूमिका का सवाल है तो अगले कुछ ही दिनों में राजस्थान के लोगों को मेरी सक्रियता के बारे में पता चल जाएगा। कल्याण सिंह ने राज्यपाल के पद पर रहते हुए जो परंपराएं शुरू की थी, उन्हें मैं भी जारी रखूंगा मैंने सुरक्षा व्यवस्था में लगे अधिकारियों को निर्देश दिए है कि गार्ड ऑफ ऑनर जैसे परंपरा को बंद कर दिया जाए। इसी प्रकार मुझे भी महामहिम के बजाए माननीय राज्यपाल कहकर संबोधित किया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे राजस्थान के विश्वविद्यालयों के बारे में बताया गया है। मैं चाहता हंू कि हमारे विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति के वाहक बने। मेरा प्रयास होगा कि विश्वविद्यालयों में कुलपति शिक्षक आदि नियुक्त हो और समय पर परीक्षाएं हों, ताकि विद्यार्थियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि राजभवन में जनता दरबार कैसे लगेगा, इसकी जानकारी भी जल्द मिल जाएगी। मेरा प्रयास होगा कि राज्य की सरकार के सहयोग से आम लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाए। मुझे पता है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, लेकिन राज्यपाल और सरकार के बीच विवाद की कोई बात ही नहीं है। मैं जब राज्यपाल के तौर पर जयपुर आया तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और तमाम बड़े अधिकारियों ने मेरा स्वागत किया। मैं इस स्वागत से अभिभूत हंू। राजस्थानियों की मेहनत का उल्लेख करते हुए मिश्र ने कहा कि एक कहावत है, जहां न पहुंचे बैलगाड़ी वहां पहुंचे मारवाड़ी। 
एस.पी.मित्तल


कुछ राजनेताओं की नजरबंदी आवश्यक

कश्मीर में कुछ राजनेताओं की नजरबंदी जरूरी है। 
समाज में जब तक छुआछूत और भेदभाव है तब तक आरक्षण जारी रहेगा। 
असम में हुई एनआरसी में अनेक खामियां। 
पूर्वोत्तर राज्यों से घुसपैठियों को बाहर निकाला जाए-संघ। 

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह दत्तत्रेय होसबोले ने 9 सितम्बर को पुष्कर में पत्रकारों से संवाद करते हुए कहा कि कश्मीर में कुछ राजनेताओं की नजरबंदी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास जो सूचनाएं हैं, उसी के आधार पर नजरबंदी की गई है। सरकार की पहली प्राथमिकता कश्मीर घाटी में शांति बनाए रखने की है। यदि किसी राजनेता के बयान से हालात बिगड़ेंगे तो उसे नजरबंद ही किया जाएगा। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा कर केन्द्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। संघ तो पहले से ही एक देश एक संविधान के पक्ष में रहा है। अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटा कर जम्मू कश्मीर को देश की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। जहां तक संघ की भूमिका बढ़ाने का सवाल है तो संघ पहले से ही जम्मू कश्मीर में सक्रिय रहा है। घाटी में भी कई स्थानों पर संघ की शाखाएं लगती रही हैं। एक सवाल के जवाब में होसबोले ने कहा कि मदरसों को भी राष्ट्रवादी होना चाहिए, इस पर ऐतराज की क्या बात है? उत्तर प्रदेश में गत 15 अगस्त को सभी मदरसों में राष्ट्रगान और झंडा रोहण के आयोजन किए गए। उन्होंने कहा कि अब मुसलमानों की सोच में भी बदलाव हो रहा है, जिसका हम स्वागत करते हैं। आरक्षण समाप्त करने के सवाल पर होसबोले ने कहा कि कई बार मीडिया संघ प्रमुख के बयान को उचित नजरिए से प्रस्तुत नहीं करता है। संघ प्रमुख ने कहा कि जब तक समाज में भेदभाव और छुआछूत है, तब तक आरक्षण भी जरूरी है। यदि छुआछूत और भेदभाव कल ही समाप्त हो जाए तो आरक्षण को भी खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ आरक्षण को समाप्त करने की राय नहीं रखता है। लेकिन सामाजिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय होने चाहिए। असम में हुई एनआरसी के संबंध में होसबोले ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राय रखते हुए कहा कि अनेक लोगों ने आधार कार्ड, पेन कार्ड, राशन कार्ड आदि दस्तावेज तैयार कर लिस्ट में अपना नाम शामिल करवा लिया है। सरकार को अब ऐसे घुसपैठियों की पहचान करनी चाहिए। सब जानते हैं कि पूर्वोत्तर राज्यों में बड़े पैमाने पर बंगालदेशियों की घुसपैठ हुई है। ऐसे में अब सरकार का दायित्व है कि वह घुसपैठियों को बाहर निकाले। 
एस.पी.मित्तल


पाकिस्तान की चिंता बढ़ी ( विश्लेषण)

भारत-इजरायल के मजबूत जोड़ को तोडऩे के लिए पाकिस्तान दे सकता है इजरायल को मान्यता। पीओके को बचाने की चिंता। 
पाकिस्तान उन मुस्लिम राष्ट्रों में शामिल है जिसने अभी तक भी इजरायल को मान्यता नहीं दी है। हालांकि इजरायल जैसे मजबूत देश को पाकिस्तान की मान्यता की खास दरकार भी नहीं है, लेकिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद अब पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले कश्मीर की चिंता हो गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को डर है कि इजरायल की रणनीति से भारत पीओके को पाकिस्तान से छीन सकता है। पाकिस्तान नहीं चाहता है कि मौजूदा हालातों में पीओके भी हाथ से निकल जाए। पाकिस्तान के लिए चिंता की बात यह भी है कि पीओके में आजादी के लिए आंदोलन भड़क गया है। ऐसे में यदि भारत ने थोड़ी सी भी हवा दे दी तो पाकिस्तान के हाथ से मुज्जफराबाद जैसे क्षेत्र निकल जाएंगे। जानकारों की माने तो अब पाकिस्तान अपनी विदेश नीति में बदलाव करने जा रहा है। इसके अंतर्गत इजरायल को मान्यता देना शामिल हैं। पाकिस्तान को लगता है कि मान्यता देने से इजरायल का झुकाव भारत की ओर कम हो जाएगा और पाकिस्तान, भारत के पीओके पर संभावित हमले से भी बच जाएगा। असल में पूरी दुनिया में इजरायल को ही छापामार और आतंकी कार्यवाहियों से मुकाबला करने तथा फिलीस्तीन के चरमपंथियों को काबू में रखने का लम्बा अनुभव है। यह तो समय ही बताएगा कि पाकिस्तान से मान्यता मिल जाने के बाद इजरायल का भारत के प्रति क्या रुख रहता है, लेकिन फिलहाल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच फेवीकोल वाला मजबूत गठजोड़ है। भारत प्रति वर्ष 7 हजार करोड़ रुपए के सैन्य उपकरण तथा गोला बारुद इजरायल से खरीदता है। पिछले दिनों पाकिस्तान के बालाकोट में भारत ने जो एयर स्ट्राइक की थी उसमें इजरायल निर्मित बम ही गिराए थे। हालांकि यूपीए सरकार में भी भारत और इजरायल के संबंध अच्छे  थे, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बिना झिझक के संबंधों को और मजबूत किया गया। भारत का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा मान्यता दे दिए जाने के बाद भी भारत-इजरायल  के संबंध पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। असल में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को एक भी मुस्लिम देश का समर्थन नहीं मिलने से पाकिस्तान का अब मुस्लिम देशों से भी मोह भंग हो गया है, इसलिए वह अब इजरायल जैसे देश की ओर देख रहा है। 
एस.पी.मित्तल


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