सोमवार, 26 अगस्त 2019

रोजगार में पिछडता भारत (आलोचना)

अब कम ही बच्चे खतरनाक वातावरण में कार्यरत हैं, लेकिन गैर खतरनाक नौकरियों में उनका रोजगार, घरेलू नौकर के रूप में प्रचलन, कई आलोचकों और मानव अधिकार अधिवक्ताओं की नजरों में संविधान की भावना का उल्लंघन करता है। एक करोड़ पैंसठ लाख से अधिक बच्चे रोजगार में हैं। सरकारी अधिकारियों और राजनीतिज्ञों में मौजूद भ्रष्टाचार के स्तर के अनुसार 2005 में भारत 159 देशों की सूची में 88वें स्थान पर था।वर्ष 1990-1991 को बीआर अम्बेडकर की स्मृति में "सामाजिक न्याय वर्ष" घोषित किया गया था। सरकार चिकित्सा एवं अभियांत्रिकी पाठ्यक्रमों के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकें प्रदान करती है। 2002-2003 के दौरान रुपये 4.77 करोड़ (477 लाख) इस उद्देश्य के लिए जारी किए गए थे। अनुसूचित जातियों और जनजातियों को भेदभाव से बचाने के लिए, सरकार ने ऐसे कृत्यों के लिए कड़े दंडों का प्रावधान करते हुए 1995 में अत्याचार निवारण अधिनियम अधिनियमित किया था।


1948 का न्यूनतम मजदूरी अधिनियम सरकार को संपूर्ण आर्थिक क्षेत्र में काम कर रहे लोगों की न्यूनतम मजदूरी तय करने का अधिकार देता है।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 उपभोक्ताओं को बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है। अधिनियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं की शिकायतों का सरल, त्वरित और सस्ता समाधान प्रदान करना और जहां उपयुक्त पाया जाए राहत और मुआवजा दिलाना हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें] समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976 महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान कार्य के लिए समान वेतन प्रदान करता है।सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना (यूनिवर्सल ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम) 2001 में ग्रामीण गरीबों को लाभदायक रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। कार्यक्रम पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से कार्यान्वित किया गया था।


निर्वाचित ग्राम परिषदों का एक तंत्र पंचायती राज के नाम से जाना जाता है, यह लगभग भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है। पंचायती राज में प्रत्येक स्तर पर कुल सीटों की संख्या की एक तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं, बिहार के मामले में आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। जम्मू एवं काश्मीर तथा नागालैंड को छोड़ कर सभी राज्यों और प्रदेशों में न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग कर दिया गया है। भारत की विदेश नीति निदेशक सिद्धांतों से प्रभावित है। भारतीय सेना द्वारा संयुक्त राष्ट्र के शांति कायम करने के 37 अभियानों में भाग लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति प्रयासों में सहयोग दिया है।


सभी नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता का कार्यान्वयन राजनैतिक दलों और विभिन्न धार्मिक समूहों के बड़े पैमाने पर विरोध के कारण हासिल नहीं किया जा सका है। शाह बानो मामले (1985-1986) ने भारत में एक राजनीतिक तूफान भड़का दिया था जब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक मुस्लिम महिला शाह बानो जिसे 1978 में उसके पति द्वारा तलाक दे दिया गया था, सभी महिलाओं के लिए लागू भारतीय विधि के अनुसार अपने पूर्व पति से गुजारा भत्ता प्राप्त करने की हकदार थी। इस फैसले ने मुस्लिम समुदाय में नाराजगी पैदा कर दी जिसने मुस्लिम पर्सनल लॉ लागू करने की मांग की और प्रतिक्रिया में संसद ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को उलटते हुए मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकार संरक्षण) अधिनियम 1986 पारित कर दिया। इस अधिनियम ने आगे आक्रोश भड़काया, न्यायविदों, आलोचकों और नेताओं ने आरोप लगाया कि धर्म या लिंग के बावजूद सभी नागरिकों के लिए समानता के मूल अधिकार की विशिष्ट धार्मिक समुदाय के हितों की रक्षा करने के लिए अवहेलना की गई थी। फैसला और कानून आज भी गरम बहस के स्रोत बने हुए हैं, अनेक लोग इसे मूल अधिकारों के कमजोर कार्यान्वयन का एक प्रमुख उदाहरण बताते हैं।


भारत में गुलाब (विविध)

गुलाब प्रायः सर्वत्र 19 से लेकर 70 अक्षांश तक भूगोल के उत्तरार्ध में होता है। भारतवर्ष में यह पौधा बहुत दिनों से लगाया जाता है और कई स्थानों में जंगली भी पाया जाता है। कश्मीर और भूटान में पीले फूल के जंगली गुलाब बहुत मिलते हैं। वन्य अवस्था में गुलाब में चार-पाँच छितराई हुई पंखड़ियों की एक हरी पंक्ति होती है पर बगीचों में सेवा और यत्नपूर्वक लगाए जाने से पंखड़ियों की संख्या में बृद्धि होती है पर केसरों की संख्या घट जाती हैं। कलम पैबंद आदि के द्बारा सैकड़ों प्रकार के फूलवाले गुलाब भिन्न-भिन्न जातियों के मेल से उत्पन्न किए जाते हैं। गुलाब की कलम ही लगाई जाती है। इसके फूल कई रंगों के होते हैं, लाल (कई मेल के हलके गहरे) पीले, सफेद इत्यादि। सफेद फूल के गुलाब को सेवती कहते हैं। कहीं कहीं हरे और काले रंग के भी फूल होते हैं। लता की तरह चढ़नेवाले गुलाब के झड़ भी होते हैं जो बगीचों में टट्टियों पर चढ़ाए जाते हैं। ऋतु के अनुसार गुलाब के दो भेद भारतबर्ष में माने जाने हैं सदागुलाब और चैती। सदागुलाब प्रत्येक ऋतु में फूलता और चैती गुलाब केवल बसंत ऋतु में। चैती गुलाब में विशेष सुगंध होती है और वही इत्र और दवा के काम का समझ जाता है।


भारतवर्ष में जो चैती गुलाब होते है वे प्रायः बसरा या दमिश्क जाति के हैं। ऐसे गुलाब की खेती गाजीपुर में इत्र और गुलाबजल के लिये बहुत होती है। एक बीघे में प्रायः हजार पौधे आते हैं जो चैत में फूलते है। बड़े तड़के उनके फूल तोड़ लिए जाते हैं और अत्तारों के पास भेज दिए जाते हैं। वे देग और भभके से उनका जल खींचते हैं। देग से एक पतली बाँस की नली एक दूसरे बर्तन में गई होती है जिसे भभका कहते हैं और जो पानी से भरी नाँद में रक्खा रहता है। अत्तार पानी के साथ फूलों को देग में रख देते है जिसमें में सुगंधित भाप उठकर भभके के बर्तन में सरदी से द्रव होकर टपकती है। यही टपकी हुई भाप गुलाबजल है।


गुलाब का इत्र बनाने की सीधी युक्ति यह है कि गुलाबजल को एक छिछले बरतन में रखकर बरतन को गोली जमीन में कुछ गाड़कर रात भर खुले मैदान में पडा़ रहने दे। सुबह सर्दी से गुलाबजल के ऊपर इत्र की बहुत पतली मलाई सी पड़ी मिलेगी जिसे हाथ से काँछ ले। ऐसा कहा जाता है कि गुलाब का इत्र नूरजहाँ ने 1612 ईसवी में अपने विवाह के अवसर पर निकाला था।


भारतवर्ष में गुलाब जंगली रूप में उगता है पर बगीचों में दह कितने दिनों से लगाया जाता है। इसका ठीक पता नहीं लगता। कुछ लोग 'शतपत्री', 'पाटलि' आदि शब्दों को गुलाब का पर्याय मानते है। रशीउद्दीन नामक एक मुसलमान लेखक ने लिखा है कि चौदहवीं शताब्दी में गुजरात में सत्तर प्रकार के गुलाब लगाए जाते थे। बाबर ने भी गुलाब लगाने की बात लिखी है। जहाँगीर ने तो लिखा है कि हिंदुस्तान में सब प्रकार के गुलाब होते है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्रधिकृत प्रकाशन विवरण
August 27, 2019 • RNI.No.UPHIN/2014/57254
1.अंक-24 (साल-01)
2. मगंलवार,27अगस्‍त 2019
3.शक-1941,भादप्रद कृष्‍णपक्ष द्वादशी,विक्रमी संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 5:53,सूर्यास्त 6:56
5.न्‍यूनतम तापमान -26 डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., हवा में आद्रता रहेगी, बरसात की संभावना!
6. समाचार पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है! सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा!
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.201102
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रविवार, 25 अगस्त 2019

सिंधु विश्व विजेता,जीती वर्ल्ड चैंपियनशिप

सिंधु बनी विश्व विजेता ,जीता पखली बार "वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप"


बासेल। भारत में पहली बार स्टार शटलर पीवी सिंधु ने रविवार को वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया। सिंधु नेस्विट्जरलैंड के बासेल में हुआ खिताबी मुकाबला 21-7, 21-7 से 38 मिनट मेंअपने नाम कर लिया। वे इस टूर्नामेंट के 42 साल के इतिहास मेंचैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय बन गईं। सिंधु 2018,2017 में रजतऔर 2013, 2014 में कांस्य पदक जीती थीं। इससे पहले भारतीय खिलाड़ियों में साइना नेहवाल 2015 के फाइनल में हार गई थीं। पुरुषों में 1983 में प्रकाश पादुकोण और इस साल बी साई प्रणीत कांस्य पदक जीते थे।ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी 2011 में महिला डबल्स में कांस्य जीती थी।


प्रधानमंत्री मोदी ने सिंधु को बधाई दी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु को इस जीत पर बधाई दी। उन्होंनेकहा- आश्चर्यजनक रूप से प्रतिभाशाली पीवी सिंधु ने फिर भारत को गर्व महसूसस कराया। बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड चैम्पियशिप में गोल्ड जीतने के लिए उन्हें बधाई। जिस जुनून और लगन से वे बैडमिंटन खेलती हैं वो प्रेरणा देने वाला है। सिंधु की सफलता अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को प्रेरणा देगी।


संस्था ने चलाया गड्ढा मुक्त सड़क अभियान

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। बरसात से चारों तरफ जलजमाव की समस्या बनी हुई है ।जिससे जन जीवन प्रभावित हो रहा है। इसी के चलते दिल्ली सहारनपुर रोड स्थित बलराम नगर में जलजमाव की समस्या के कारण आवागमन मे जनता को बड़ी कठिनाइयों का  सामना करना पड रहा हैं । जनता की पीड़ा को देखते हुए मानव कल्याण सेवा संस्था और उनके सहयोगियों ने लोनी तिराहे से लेकर बलराम नगर तक के गड्ढे मुक्त करने के लिए जो अभियान चलाया है, सडक को गडे मुक्त करने का कार्य किया है। इस मौके पर रवि शर्मा, सुमित धामा, सुशील कुमार सोनू बंसल, मोनू कमांडो ,मनोज कौशिक, शंकर दयाल बृजेश चौधरी आदि लोग के द्वारा मुहिम में जुड़कर गड्ढा मुक्त अभियान में अपने तन-मन का योगदान दिया। इस मुहिम को आगे चलाने के लिए उन्होंने अपनी सहमति जताई। अभियान रोज गड्ढा मुक्त करने में और जोरदार तरीके से चलेगा। अभी तो शुरुआत है पूरा रोड अभी बाकी है। मैं आवाहन करता हूं लोनी की 15 लाख की आबादी में आओ इस मुहिम से जुड़ कर, इसमें अपना योगदान दें। गड्ढा मुक्त कर उन बहन भाइयों को जो इस रास्ते से गुजरते हैं। चोटिल होने से बचाएं और उन हादसों में जो गड्ढे दावत दे रहे हैं। उनका इंतजार ना करते हुए जल्दी से जल्दी इन्‍हे भरने का काम करें।


महात्मा गांधी का अनुसरण

मैन वर्सेज वाइल्ड में किरदार निभा कर मैं भारत ही नहीं, दुनिया भर के युवाओं के साथ जुड़ा। मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा। महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने का संकल्प।

रेडियों पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि डिस्कवरी चैनल के मैने वर्सेज वाइल्ड सीरियल में किरदार निभा कर मैं भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के युवाओं के साथ जुड़ा हंू। युवा अब मेरे फिटनेस के बारे में जानने को उत्सुक हैं। यह सब नियमित योग से संभव हुआ है। मुझ से पूछा जा रहा है कि मैं हिन्दी में बोल रहा तो सीरियल के हीरों बेयर ग्रिल्स को कैसे समझ रहा था, क्योंकि ग्रिल्स तो हिन्दी जानते नहीं हंैं। असल में इस कार्यक्रम में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल हुआ। ग्रिल्स के कान में मशीन लगी थी, जो मेरी हिन्दी भाषा का अंग्रेजी में ट्रांसलेट कर रही थी। यही वजह थी कि हमें भाषा को लेकर कोई समस्या नहीं हुई। डिस्कवरी चैनेल वाले अब 165 देशों में उन्हीं की भाषा में मेरे इस सीरियल को प्रसारित कर रहे हैं, इससे भारतीय संस्कृति को समझने का अवसर मिलेगा। इस सीरियल के माध्यम से भारत की समृद्ध भाषा, पर्यावरण, वन आदि चीजों को भी समझा जा सकेगा। मोदी ने देशवासियों से भी अपील की है कि नार्थ ईस्ट में पर्यटन के लिए जाएं। मन की बात में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का कई बार उल्लेख किया। उन्होंने देशवासियों से महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया। गांधी जी ने स्वच्छता की जो सीख दी, आज उसकी सख्त जरूरत है। इसलिए हमने प्लास्टिक मुक्त भारत का संकल्प लिया है। 11 सितम्बर से स्वच्छता ही सेवा है का अभियान चलाया जाएगा। महात्मा गांधी के 175वीं जयंती वर्ष में हमें उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। मोदी ने कहा कि 29 अगस्त को खेल दिवस के मौके पर फिट इंडिया अभियान की भी शुरुआत की जाएगी। मेरा प्रयास होगा कि इससे आम व्यक्ति को जोडू। फिट इंडिया जैसे अभियान सोशल मीडिया पर धूम मचा देंगे। मैं स्वयं भी लोगों से संवाद करूंगा। 
एस.पी.मित्तल


निगम का जल शक्ति एवं स्वच्छता अभियान

पार्षद ज्ञान सारस्वत और महेन्द्र मित्तल के प्रयासों से अजमेर में बांडी नदी के किनारे पौधा रोपण। नगर निगम का जल शक्ति एवं स्वच्छता अभियान। नदी की दीवार ऊंची करने की मांग।

अजमेर। नगर निगम के जल शक्ति एवं स्वच्छता अभियान के अंतर्गत हरिभाऊ उपाध्याय नगर मुख्य बी ब्लॉक (राधा विहार) आवासी कॉलोनी से गुजर रही बांडी नदी के किनारे क्षेत्रीय पार्षद ज्ञान सारस्वत और महेन्द्र मित्तल के प्रयासों से पौधा रोपण हुआ। पार्षद सारस्वत ने बताया कि नदी कि किनारे कोई 800 मीटर में सीमेंट के पोल लगाकर तारबंदी करवाई गई, ताकि पौधे, पेड़ बनने तक सुरक्षित रहें। नदी के किनारे पेड़ लगाने से प्राकृतिक सौंदर्य भी निरखेगा। तारबंदी का खर्चा भामाशाहों के द्वारा वहन किया गया है। इस पर कोई पचास हजार रुपए की राशि खर्च हुई है। पार्षद मित्तल ने उम्मीद जताई कि अब कॉलोनीवसी पौधों को संरक्षित करेंगे। इस मौके पर नगर निगम के सहायक अभियंता लक्ष्मीनारायण शर्मा, कनिष्ठ अभियंता अनिल मेहरा और योगेन्द्र सिंह शेखावत ने जल शक्ति और स्वच्छता की शपथ दिलवाई। वार्ड संख्या एक और तीन में भामाशाहों के सहयोग से करीब एक हजार पेड़ लगाए जा रहे हैं। पार्षद सारस्वत ने बताया कि ये पेड़ हमारी धार्मिक मान्यताओं से भी जुड़े हुए हैं। कदम, गूलर, काली सरस, अर्जुन, जरखंडी, पारस पीपल किस्म के पेड़ लगाए हैं। जहां तारबंदी नहीं है, वहां ट्री गार्ड लगाए हैं। पौधारोपण के लिए मोबाइल नम्बर 8058796562 पर पार्षद ज्ञान सारस्वत तथा 9414008210 पर महेन्द्र मित्तल को बधाई दी जा सकती है। 
नदी की दीवार ऊंची की जाए:
राधा विहार विकास समिति के अध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल और महासचिव अरविंद गर्ग ने इस अवसर पर क्षेत्रीय पार्षदों से आग्रह किया है कि बांडी नदी की दीवार को ऊंचा किया जाए, ताकि पानी उफन कर कॉलोनी में न आए। दीवार को ऊंचा करने की मांग वर्षों से की जा रही है। अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे शिवशंकर हेड़ा ने भरोसा दिलाया था कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में दीवार को ऊंचा करवा दिया जाएगा। लेकिन हेड़ा की यह घोषणा धरी रह गई। पार्षद सारस्वत और मित्तल ने कहा कि वे प्राधिकरण के अधिकारियों से संवाद कर दीवार को ऊंचा करवाएंगे। पौधा रोपण के मौके पर कॉलोनी के प्रबुद्ध नागरिक उमेश चौरसिया, देवेन्द्र मित्तल, कमलेश गोयल, गजानंद गर्ग, भगवती प्रसाद, मुकेश गोयल, अमित जैन के साथ साथ बड़ी संख्या में मातृ शक्ति भी मौजूद रहीं। कांग्रेस के पूर्व पार्षद शैलेन्द्र अग्रवाल समारोह में खास तौर से उपस्थित रहे। 
एस.पी.मित्तल


तिरंगे का साम्राज्य (संपादकीय)

जम्मू-कश्मीर की सरकारी इमारतों पर तिरंगा लहरना शुरू।
दूसरे झंडे का इतिहास खत्म। मस्जिदों से अब इबादत की आवाजें। 
अरुण जेटली ने पहले की कहा था ऐतिहासिक होगा कार्यकाल-गर्वनर मलिक।
देश के इतिहास में 25 अगस्त का दिन भी स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 25 अगस्त से ही जम्मू-कश्मीर की किसी सरकारी इमारत पर प्रांतीय झंडा नहीं लहरेगा। आगामी 15 दिनों में सभी सरकारी इमारतों से प्रांतीय झंडा उतार कर भारत का तिरंगा झंडा लहरा दिया जाएगा। 25 अगस्त को श्रीनगर स्थित सचिवालय की इमारत से प्रांतीय झंडा उतारकर तिरंगा झंडा लहर दिया गया है। असल में सरकारी इमारतों पर दोनों झंडों का प्रावधान किया गया था, लेकिन अलगाववादियों, आतंकियों और महबूबा, उमर जैसे नेताओं के डर की वजह से सिर्फ प्रांतीय झंडा ही लहराया जाता रहा। बल्कि आतंकी तो सरेआम तिरंगे को जलाकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते थे। लेकिन 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने और केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के बाद जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह भारतीय कानून लागू हो गया है। अब जम्मू-कश्मीर के झंडे का इतिहास भी खत्म हो गया है। असल में 1952 में शेख अब्दुल्ला से समझौता करते हुए केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अलग झंडे की मांग स्वीकार की थी। तब लाल रंग पर तीन सफेद लकीर और हल जैसा नजर आने वाला प्रतीक चिन्ह बनाया गया। इस झंडे के अधीन जम्मू, कश्मीर और लद्दाख आते हैं, इसलिए तीन लकीर बनाई गई। समझौते के मुताबिक ही सरकारी इमारतों पर तिरंगे झंडे के साथ-साथ प्रांतीय झंडा भी अनिवार्य किया गया। यहां तक मंत्रियों, अफसरों आदि के चैम्बर में प्रांतीय झंडा रखना अनिवार्य किया गया। 2015 में जब भाजपा ने पीडीपी के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई, तब भाजपा ने मंत्रियों ने अपने कक्ष में प्रांतीय झंडा रखने से साफ इंकार कर दिया, लेकिन तब के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने सरकारी आदेश निकाल कर सभी मंत्रियों को प्रांतीय झंडा अपने कक्ष में लगाने के लिए पाबंद किया। हालांकि बाद में विरोध के चलते सईद को यह आदेश वापस लेना पड़ा। लेकिन सईद के निधन के बाद जब उनकी पुत्री महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी तो कहा कि यदि अनुच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ की गई तो कश्मीर में तिरंगे को कांधा देने वाला नहीं मिलेगा। 25 अगस्त को लाल रंग वाला प्रांतीय झंडा दफन हो गया और सचिवालय की इमारत पर अकेला तिरंगा ही लहर रहा है। अब दो निशान दो संविधान की बात भी जम्मू-कश्मीर से समाप्त हो गई है। 
मस्जिदों से अब इबादत की आवाजें:
अनुच्छेद 370 के प्रभावी रहने तक कश्मीर घाटी की जिन मस्जिदों से जेहाद के ऐलान भडकाऊ बयान की आवाजें आती थीं, उन्हीं मस्जिदों से अब इबादत और दुआ की आवाजें आ रही हैं। कोई शरारती तत्व यदि मस्जिद का दुरुपयोग करने की कोशिश करता है तो मस्जिद से जुड़े लोग ही विरोध करने लगते हैं। अब मस्जिदों में सुकून के साथ नमाज पढ़ी जा रही है और शांति बनाए रखने की अपीलें भी हो रही हैं। हालांकि घाटी में अभी भी अनेक पाबंदियां लगी हुई है, लेकिन हालात लगातार सामान्य हो रहे हैं। 
तो अरुण जेटली को सब पता था :
नरेन्द्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने पर जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव होगा, इसके बारे में पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली को सब पता था। जेटली का 67 वर्ष की उम्र में 24 अगस्त को निधन हुआ। जेटली को श्रद्धांजलि देते हुए जम्मू-कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर का गर्वनर बनने के इच्छुक नहीं थे, इसलिए जब उन्हें जम्मू-कश्मीर का गर्वनर नियुक्त किए जाने पर विचार हो रहा था तब वे जेटली के पास गए, ताकि जम्मू-कश्मीर की नियुक्ति को टाल सके। लेकिन तब जेटली ने कहा कि आपका जम्मू-कश्मीर का कार्यकाल ऐतिहासिक रहेगा। मालूम हो कि मलिक की नियुक्ति के बाद ही 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय लिया गया। 
एस.पी.मित्तल


गन्ना भुगतान को लेकर 'भाकियू' का धरना

पुलिस की मुस्तैदी एवं तत्परता के चलते भारतीय किसान यूनियन का धौलरा में धरना प्रदर्शन शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न, सौंपा ज्ञापन


भारतीय किसान यूनियन ने अपना ज्ञापन पुलिस क्षेत्राधिकारी फुगाना सिद्धार्थ सिंह तोमर व थाना प्रभारी तितावी डी के त्यागी को सौंपा


तस्लीम बेनकाब


मुजफ्फरनगर। थाना तितावी क्षेत्र के ग्राम धौलरा में आज भारतीय किसान यूनियन का धरना आयोजित। धरने में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी पहुंचे। साथ ही यूनियन से जुड़े कई अन्य महत्वपूर्ण नेता भी रहे।इसमें भारतीय किसान यूनियन की तरफ से अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन पुलिस प्रशासन को सौंपा गया। इनमें मुख्य रूप से निम्न मांगे थी जनपद के समस्त शुगर मिलों पर बकाया भुगतान शीघ्र करें, आगामी सत्र 2019/20 गन्ना मील  समय से चले व पर्चियों का वितरण सही हो, विद्युत विभाग द्वारा कम बकायेदारों पर मुकदमा लगाए जा रहे हैं गन्ना भुगतान तक उन पर अंकुश लगे तो वही मांग करते हुए बिजली के रेट प्रदेश सरकार कम करें और तितावी शुगर मिल व अन्य फैक्ट्रियों जल व वायु प्रदूषण फैला रही हैं उनका समाधान हो। जनपद मुजफ्फरनगर के लगभग 20 गांव समिति गन्ना शामली जनपद से हटाकर मुझे जनपद मुजफ्फरनगर की तितावी समिति में शामिल करें आदि मांगे भारतीय किसान यूनियन ने अपना ज्ञापन पुलिस क्षेत्राधिकारी फुगाना सिद्धार्थ सिंह तोमर व थाना प्रभारी तितावी डी के त्यागी को सौंपा।


इस अवसर पर सी ओ फुगाना व तितावी थानाप्रभारी डी के त्यागी ने कानून व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त बनाए रखी तथा यूनियन के नेताओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित रखा।लिहाजा धरना बहुत ही शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।सीओ फुगाना सिद्धार्थ सिंह तोमर व डी के त्यागी ने यूनियन की सभी बातों को सुना गया तथा ज्ञापन ग्रहण किया गया।


उत्तर-प्रदेश पुलिस ने किया सराहनीय कार्य

बदायूँ । पुलिस का एक बहुत ही सराहनीय कार्य सामने आया।बदायूँ डायल 100 का यह कार्य पुलिस को और सम्मान के लायक बनाता है । यह सूचना मिली कि बदायूँ पुलिस लाइन के निकट नाले में किसी ने एक नवजात बच्ची को फेक दिया था,जिसकी सूचना यूपी100 ऑफिस  में बैठे पुलिसकर्मियों को मिली,सूचना मिलते ही आरक्षी ऋषिपाल,आरक्षी श्रीनिवास,आरक्षी आदित्य कुमार,उपनिरीक्षक संतोष कुमार ,उपनिरीक्षक नरेंद्र सिंह मौके पर पहुँचे,और देखा बच्ची जीवित है,अपने हाथ पैर चला रही है,आरक्षी ऋषिपाल तुरंत नाले में उतर गए और बच्ची को सकुशल बाहर निकाल कर ले आये।बच्ची नाल से जुड़ी हुई थी,बच्ची को नाले से निकाल कर यूपी100 की पीआरवी1275 को बुलाकर तत्काल  जिला अस्पताल बदायूँ लेकर गए।जहाँ बच्ची का नाल अलग कर जरूरी उपचार दिया गया।बच्ची को आरक्षी श्रीनिवास और उनकी पत्नी के द्वारा गोद ले लिया गया है।


अज्ञात व्यक्ति का सड़ा गला शव बरामद

महराजगंज। स्थानीय नगर के गोल्डेन पिक्चर पैलेस के पीछे नहर बाईपास पर एक अज्ञात व्यक्ति की सड़ी हालत में लाश मिली है, मौके पर पहुँची पुलिस कार्यवाही में जुट गयी है।
बताया जाता है कि सिसवा नगर के पूरब गोल्डेन पिक्चर पैलेस की पीछे बाईपास नहर की पश्चिम पटरी पर आज शनिवार की दोपहर एक अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली, लाश पूरी तरह सड़ चुकी थी, हाफ लोवर व पाकेट वाली सिलाई वाली बण्डी पहने हुए हैं, पैर में चमड़े जैसा जूता पहने हुए हैं और सिर के नीचे चेकदार लुंगी पड़ा था।
नहर की पूरब पटरी से लोगो का आवागमन होता है लेकिन पश्चिम पटरी पूरी तरह झाड़ियो से ढकी हुई है और यह लाश झाड़ियो के बीच पड़ी थी, यह लाश हफ्ते भर पहले की लग रही है क्यों कि पूरी तरह सड़ चुकी है।
मामले की जानकारी मिलते ही कोठीभार थानाध्यक्ष रामदवन मौर्या, सिसवा पुलिस चौकी प्रभारी महेंद्र यादव मय पुलिस मौके पर पहुँच कर कार्यवाही में जुट गये।


अब सीएम योगी से मिलना हुआ आसान

अब सीएम योगी से मिलना हुआ आसान,


लखनऊ। मुख्यमंत्री के सचिव मृत्युंजय कुमार नारायण केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं, जबकि कई अन्य अधिकारी डीएम या अन्य विभागों में स्थानांतरित हो चुके हैं। इससे जनप्रतिनिधियों को सीएम से मिलने में दिक्कतें हो रही थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो सचिव और एक विशेष सचिव की विदाई के बाद नए सिरे से अपने कार्यालय के लिए दिवस प्रभारी नामित किए हैं।प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल पहले की तरह मंगलवार को जनप्रतिनिधियों और मुलाकातियों से मिलने के लिए उपलब्ध रहेंगे। 


कार्यरत अधिकारियों को ही दिवस अधिकारी के रूप में नामित कर दिया गया है।


नई ड्यूटी के मुताबिक नितीश कुमार विशेष सचिव, सोमवार, एसपी गोयल प्रमुख सचिव सीएम, मंगलवार, सुभ्रांत शुक्ला, विशेष सचिव सीएम, बुधवार, विशाख जी. विशेष सचिव सीएम बृहस्पतिवार और अमित सिंह विशेष सचिव सीएम शुक्रवार को सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि या सामान्य लोगों से मिलेंगे और उनकी समस्याएं सुनकर उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलवाएंगे।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...