शनिवार, 17 अगस्त 2019

75वे सालाना उर्स का आयोजन किया

नासिर हुसैन अब्बासी


गौतमबुध नगर-दनकौर । हजरत़ कुतबत मशाइख़ आशिके ख़्वाजगान अलहाज मौलाना मुहम्मद लुत्फुल्लाह शाह़ चिश्ती निजामी बाबा फि़रोज़ शाह़ चिश्ती रहमतुल्लाह अलैह का 75 वाँ सालाना उर्स मुकद्दस बडी शानो शौकत से शुरू हो गया। प्रोग्राम 16 से 17,18 तीन दिन बरोज जुम्मा, शनिवार, इतवार तक कस्बा दनकौर,गौतमबुद्ध नगर मे चलेगा। 16 अगस्त बरोज जुम्मा मे शाम पाच बजे जूलुस चादर शरीफ दुआख़ाना दुर्वेश मंजिल से दरगाहें शरीफ तक गई। फिर रात नो बजे मिलाद शरीफ व दस बजे महफिल ए कव्वाली होगी।17 अगस्त बरोज शनिचर रात नो बजे तकरीर उलमा-ए-किराम व दस बजे महफिल ए कव्वाली होगी।18 अगस्त बरोज इतवार सुबहा 11 बजे कुल शरींफ हजरत मौलाना लुत्फुल्लाह शाह़ चिश्ती निजामी अलैहिर्रहमा व रात नो बजे मिलाद शरीफ व दस बजे महफिल ए कव्वाली होगी।
जिसमे हिन्दस्तान की मशहूर ओ मारूफ कव्वाल पार्टियां शिरकत करेगी वही बाहर से मेहमानों का खाने व रूकने का माकुल इन्तजाम रहेगा। दरगाहें पर गंगा जमनी तहजीब का अजीब नजारा देखने को मिलता हैं यहा हर कौम के लोग अपनी अपनी मन्नतों को पुरा करनें के बाबा के दरबार मे हाजरी लगाते हैं।


बागी विधायक ने खरीदी 11करोड़ की कार

कांग्रेस के बागी विधायक ने खरीदी 11 करोड़ की कार
बंगलुरु । कर्नाटक में कांग्रेस से बगावत के बाद अयोग्य ठहराए गए 14 विधायकों में से एक एमटीबी नागराज फिर सुर्खियों में हैं इस बार वह महंगी कार खरीदने से चर्चा में हैं। एमटीबी नागराज ने रोल्स रॉयस फैंटम VIII नामक 11 करोड़ कीमत की कार खरीदी है। हालांकि टैक्स आदि चुकाने के बाद इस लग्जरी कार की कीमत और बढ़ सकती है। कर्नाटक-जेडीएस सरकार के कुल 17 विधायकों ने नाराजगी के चलते जुलाई में इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद राज्य में चल रही गठबंधन सरकार गिर गई थी। हालांकि तब विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 14 विधायकों को अयोग्य ठहराया था। इन्हीं विधायकों में एमटीवी नागराज  भी शामिल थे। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अभी उन्होंने अपनी कार पर टैक्स अदा नहीं किया है। वह कर्नाटक के पहले नेता नहीं है, जिनके पास इतनी महंगी कार है। कर्नाटक में खनन के लिए चर्चित जनार्दन रेड्डी के पास भी ऐसी ही कार है। एमटीवी नागराज के इतनी महंगी कार खरीदने पर किसी को हैरानी इसलिए नहीं हुई क्योंकि वह देश के सबसे अमीर विधायकों में शामिल हैं।


देशभक्ति का जज्बा है मिशन मंगल:अक्षय

नई दिल्ली । लंबे अरसे से 15 अगस्त पर देशभक्ति वाली फिल्में रिलीज करने की परम्परा का पालन करते हुए अक्षय कुमार इस साल भी देश प्रेम से सजी 'मिशन मंगल' लेकर आए हैं। इस मुलाकात में वह फिल्म, अपनी जिंदगी पर महिलाओं के प्रभाव, सबसे अमीर आदमी बनने की फीलिंग और फीस हाइक जैसे मुद्दों पर बात करते हैं।आपकी फिल्म 'मिशन मंगल' में महिला सशक्तीकरण का नया रूप दिख रहा है यानी वह साइंटिस्ट के रूप में नजर आ रही हैं !


सच कहूं, तो मेरी जिंदगी हो या मेरा बचपन या इतिहास, हर जगह महिला सशक्तीकरण के उदाहरण देखने को मिलते हैं। हर जगह महिलाओं का योगदान प्रबल रहा है, मगर शर्म की बात है कि हमारे इतिहास के पन्नों में, हमारी पढ़ाई में, सिर्फ मर्दों के बारे में लिखा गया है। हमको बचपन से ही सिखाया जाता है कि मेरा बेटा इंजिनियर बनेगा। मेरी बेटी डॉक्टर बनेगी। कभी ये नहीं कहा जाता कि मेरी बेटी इंजिनियर बनेगी। ऐसा क्यों नहीं कहते हैं ये लोग! इसीलिए न कि इन्होंने स्टीरियोटाइप बना दिया है। उनका मानना है कि बेटी तो इंजिनियर बन ही नहीं सकती, क्योंकि इंजिनियरिंग मर्दों का काम है। वे डॉक्टर या नर्स बन सकती हैं, ये तो उनका काम ही नहीं है। कोई लड़की कहे कि मुझे पायलट बनना है, तो उसे कहा जाएगा, पायलट तो लड़के बनते हैं। हाल ही में अब जाकर तो लड़कियों का पायलट बनना शुरू हुआ है। अपने आसपास जब मैं इस कदर पितृ सत्तात्मक सोच को देखता हूं कि उन्होंने औरतों को एक सांचे में ढाल रखा है। मैं सोचता हूं कि इस स्टीरियोटाइप को तोड़नेवाली ज्यादा से ज्यादा फिल्में बनाऊं।


आपकी फिल्मों में महिला किरदार मजबूती लिए होते हैं। चाहे वह 'रुस्तम' हो या 'टॉयलेट एक प्रेम कथा' अथवा 'पैडमैन' या फिर 'मिशन मंगल', महिलाओं के प्रति ये सोच आपके मन में कब आई? 
मैं हमेशा से महिलाओं की ताकत को लेकर जागरूक रहा हूं। हमेशा से उनके मजबूत पहलुओं पर फिल्म बनाना चाहता था, तब मेरे पास पैसे नहीं थे। जब पैसे आए और मैं इस लायक हुआ कि अपनी सोच और रुचि की फिल्में बना सकूं, तो बनाने लगा।


लंदन में 370 समर्थक और विरोधी भिड़े

लंदन । भारतीय उच्चायोग के सामने गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर अनुच्छेद 370 हटाने के समर्थक और विरोधी कथित तौर पर आमने-सामने आ गए। लंदन में 61 वर्षीय नौकरीपेशा भारत सचानिया उच्चायोग की इमारत के बाहर भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि समर्थकों से अधिक वहां पर विरोध प्रदर्शन करने वाले मौजूद थे।



उन्होंने बताया, “यह सारा नज़ारा भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम उच्चायोग के अंदर से देख रही थीं। जैसे ही प्रदर्शनकारियों ने समर्थकों को घेर लिया और उन्होंने टमाटर, पानी की बोतलें, अंडे फेंकने शुरू किए तो भारतीय उच्चायुक्त चिंतित हो गईं और इसके कारण उन्होंने लंदन पुलिस बल को फ़ोन करके और सुरक्षा बल भेजने के लिए कहा.”भारत सचानिया ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम के साथ है। उन्होंने पुलिस की मदद से समर्थकों को बचाया और उन्हें भारतीय उच्चायोग के अंदर ले गईं। भारत सचानिया का कहना है कि सभी समर्थक डेढ़ घंटे तक वहां रहे, एक समर्थक ने बताया कि उसकी आंखों पर अंडे और टमाटर फेंके गए। धीरे-धीरे लोग भारतीय उच्चायोग के बाहर से जाने लगे और कई मेट्रो ट्रेन प्रदर्शनकारियों से भर गईं।


'थार लिंक एक्सप्रेस' अगले आदेश तक रद्द

नई दिल्ली । भारत और पाकिस्तान के तल्ख रिश्तों का असर अब थार लिंक एक्सप्रेस पर भी दिखने लगा है। यात्रियों को भारत से पाकिस्तान ले जाने वाली थार लिंक एक्सप्रेस को रेल मंत्रालय के आदेश के बाद आगामी आदेश तक रद्द कर दिया गया है। थार लिंक एक्सप्रेस को रेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक किया रद्द घोषित कर दिया है। रेल मंत्रालय ने एक आदेश निकाल कर आगामी आदेश तक भगत की कोठी-मुनाबाव, भगत एक्सप्रेस रेल सेवा और मुनाबाव जीरो पॉइंट, मुनाबाव एक्सप्रेस रेलसेवा को रद्द कर दिया है।


जोधपुर जिले में स्थित भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से शुक्रवार को यह रेल रवाना होने वाली थी। इस ट्रेन में 45 यात्रियों ने अपना टिकट बुक करवाया था। रेलवे विभाग के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि रेल मंत्रालय ने आदेश निकाल कर आगामी आदेश तक भगत की कोठी से मुनाबाव रेलवे स्टेशन तक जाने वाली और मुनाबाव से पॉइंट जीरो तक जाने वाली दोनों गाड़ियों को रद्द कर दिया है। थार लिंक एक्सप्रेस 18 फरवरी 2006 से जोधपुर के भगत की कोठी स्टेशन से कराची के बीच हर शुक्रवार रात को चलाई जाती थी। उससे पहले दोनों देशों में तनाव के कारण यह एक्सप्रेस ट्रेन सेवा लगभग 41 वर्षों तक स्थगित थी। पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जें को समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद द्विपक्षीय संबंधों का दर्जा कम करने का निर्णय लिया था। इसी कारण से पाकिस्तान ने थार एक्सप्रेस और समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा को रद्द कर दिया था।


थार लिंक एक्सप्रेस ट्रेन राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित भगत की कोठी रेलवे स्टेशन से पाकिस्तान के जीरो माइल रेलवे स्टेशन तक तक चलती है। यह स्टेशन भारतीय सीमा के करीब है। जीरो माइल रेलवे स्टेशन पर ही पाकिस्तान की थार लिंक एक्सप्रेस ट्रेन कराची से आती है और इसी स्टेशन पर सवारियों की अदला-बदली होती है। यानी जिन्हें भारत आना होता है वे भारतीय ट्रेन में सवार होते हैं। जबकि जिन्हें पाकिस्तान जाना होता है वे पाकिस्तानी ट्रेन में सवार हो जाते हैं। थार लिंक एक्सप्रेस साप्ताहिक ट्रेन है जो शुक्रवार देर रात 1 बजे जोधपुर के भगत की कोठी से रवाना होती है। पिछले हफ़्ते इस ट्रेन से 81 भारतीय और 84 पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तान पहुंचे थे, जबकि 62 भारतीय और 102 पाकिस्तानी नागरिक भारत आए थे।


बिना बैटरी, बिजली के जलता है बल्ब

नई दिल्ली । आपने कई तरह के बल्ब देखे होंगे जो बहुत ही बल्ब अपनी अपनी खासियत लिए रखते है। लेकिन आपको बता दे कि एक बल्ब ऐसा भी है जो बिना बिजली या बैटरी के भी जलता है। माना आप यही सोच रहे होंगे की ऐसा कैसे हो सकता है। जैसा की हम जानते है कि एक बल्ब को जलाने के लिये इन दोनों में से कोई एक तो ऊर्जा का स्त्रोत चाहिए। लेकिन बिना


बिजली का ये अऩोखा बल्ब देहरादून के 12वीं कक्षा के एक छात्र तेजित पबारी ने विकसित किया है। बता दे कि तेजित ने इसे जुगाड़ बल्ब नाम दिया है। जानकारी दे दे कि अपने इस अविष्कार की वजह से तेजित पूरी दुनिया में नाम कमा चुका है। इतना ही नही तेजित को गूगल साइंस फेयर 2016 में रीजनल फाइनलिस्ट भी मिल चुका है। इसकी खासियत बता दे कि इस जुगाड़ बल्ब को जलाने के लिए बिजली या बैटरी की आवश्यकता नहीं होती है। भारत जैसे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली और मूलभूत संसाधनों की कमी हैं, ऐसी जगहों पर ये बहुत ही कारगर साबित हो रहा है। आपको जानकारी देदे कि जुगाड़ बल्ब बनाने के लिए एक खाली बोतल में पानी और ब्लीच पाउडर की आवश्यकता होती है। आपको बता दे कि बोतल में भरा हुआ पानी सूरज के प्रकाश को परावर्तित करके कमरे को किसी बड़ी ट्यूबलाइट की तरह रोशन कर देता है। वैज्ञानिक बता रहे है कि ये पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देता है तो ये बल्ब ही बहुत अच्छा साबित हो सकता है।


अवॉर्ड: कई खिलाड़ी बैठे हैं उम्मीद लगाकर

नई दिल्ली । अर्जेंटीना के स्टार फूटबॉलर लियोनल मेसी, पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो और नीदरलैंड के वर्जिक वान डिक को यूईएफए मेन्स प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड के नामांकित किया गया है। मंगलवार को यूरोपियन फुटबॉल संघ ने इसकी घोषणा की। यूईएफए अवॉर्ड की घोषणा 29 अगस्त को मोनाको में चैम्पियंस लीग के ग्रुप स्टेज मैच के दौरान की जाएगी। वुमन्स प्लेयर ऑफ द ईयर के लिए इंग्लैंड की लुसी ब्रॉन्ज, नॉर्वे की एडा हेगरबर्ग और फ्रांस की एमेंडिन हेनरी को शॉर्टलिस्ट किया गया। तीनों ही लयोन के क्लब के लिए खेलती हैं।


साल 2011 में मेसी इस अवॉर्ड को जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। रोनाल्डो ने 2014, 2016 और 2017 में इस अवॉर्ड अपने नाम किया है। पिछले साल क्रोएशिया के कप्तान लुका मौड्रिच ने यूईएफए मेन्स प्लेयर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीता था। हालांकि क्रोएशिया वर्ल्ड कप के फाइनल में फ्रांस के खिलाफ हार गई थी। नीदरलैंड के वान डिक पिछले सीजन में चैम्पियंस लीग जीतने वाली लिवरपूल टीम का हिस्सा थे। इनके अलावा लीवरपूल के एलिसन बेकर, सादियो माने और मोहम्मद सलाह, रियाल मैड्रिड के ईडेन हेजार्ड, युवेंटस के मैथिस डी लिट, बार्सिलोना के फ्रैंकी डी जोंग और मैनचेस्टर के रहीम स्टर्लिंग भी इस अवार्ड की रेस में शामिल हैं।


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...