रविवार, 14 जुलाई 2019

दलित प्रोफ़ेसर के साथ गाली-गलौच अभद्रता

दलित प्रोफेसर के साथ अभद्रता ब गाली गलौज की घटना


झांसी ! बुंदेलखंड कॉलेज झांसी के कार्यवाहक प्राचार्य डॉक्टर बाबू लाल तिवारी अचानक अपने साथियों के साथ b.Ed विभाग पहुंचे! जहां पर b.Ed विभाग के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉक्टर अश्वनी कुमार बैठे हुए थे !प्राचार्य महोदय ने डॉ अश्वनी कुमार की कॉलर पकड़कर, गाली गलौज करने लगे! b.ed प्रथम वर्ष के छात्रों को बुलाकर इनके सामने अपमानित किया!


धुबिया होकर पढ़ाने का कार्य करता है !इस धोबी से तुम छात्रों को पढ़ने की जरूरत नहीं है ! इसके बाद प्राचार्य महोदय दलित शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार घसीटते हुए टीचर स्टाफ रूम के पास स्टेज पर लाकर खड़ा कर दिया ! गाली गलौज करने लगे बार-बार जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर रहे थे और कह रहे थे ! कि कॉलेज परिसर है इस कारण छोड़ रहा हूं! कॉलेज के बाहर होते तो जान से मार डालते दलित शिक्षक डॉ अश्वनी कुमार डरे सहमे अपने घर की और चले गए! शिक्षक व कर्मचारियों में भय बा असंतोष का माहौल बन गया है!


सरकार और किसान (संपादकीय)


खेती की बढ़ती लागत बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं और बेबस बेहाल छोटे किसानों पर विशेष



भारत जैसे देश में किसान को भगवान कहा जाता है और यहां पर समय समय ऐसी फिल्में भी बनी है जिसमें भगवान को भक्त किसान के घर आकर उसकी चाकरी भी करनी पड़ती है और लक्ष्मी जी को भी विवश होकर अपने पति परमेश्वर के साथ किसान के घर रूप बदलकर रहना पड़ा है। किसान को भगवान इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह जीव जंतु पशु पक्षियों से लेकर हर मनुष्यों तक का पेट भरता है और खुद नंगा भूखा सो जाता है। वह जिस कड़ी मेहनत से अपनी जान हथेली पर लेकर भगवान के सहारे खेती करता है यह जगजाहिर है। आज भले ही सरकार किसानों के खाद बीज दवा पानी और उसके विकास के नाम पर तमाम योजनाएं चलाती हो लेकिन दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आज भी देश के विभिन्न कोनों में हमारे किसानों को कर्ज के तले दबकर आत्महत्या करनी पड़ रही है।किसान और उसकी किसानी निम्न, मध्यम एवं उच्च तीन श्रेणी में विभाजित है। निम्न श्रेणी के किसान वह होते हैं जिनके पास एक हेक्टेयर या उससे कम खेती होती है जिन्हें खेतिहर किसान मजदूर कहा जाता है। ऐसे किसानों के यहां अगर बाहर से कोई कमाई करने वाला नहीं है तो वह खेती नहीं कर सकता है क्योंकि आजकल के जमाने में खेती करने में भी पर्याप्त धन की आवश्यकता होती है। एक हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों के पास साल भर खाने तक का अनाज कभी कभी नहीं पैदा हो पाता है।बीमारी आजारी शादी ब्याह जैसे घर गृहस्थी के कार्य चलाने के लिए अन्ततः एक कर्ज़ ही सहारा होता है और उसे न चाहते हुए भी मजबूरी में लेना पड़ता है। आज भले ही हमारी सरकार किसानों के लिए तमाम बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करवा रही हो उसके बावजूद आज भी लोगों को प्राइवेट यानी साहूकारों का सहारा लेना पड़ता है कभी- कभी तो घर गृहस्थी चलाने में घर के सारे जेवर और खेती तक गिरवी रख देना या बेच देना पड़ता है। मध्यम वर्ग का किसान वह होता है जिसके पास 2 से ढाई हेक्टेयर भूमि होती है। इनमें वह लोग आते हैं जिनके घर में बाहर से आमदनी का थोड़ा बहुत जरिया होता है। वह बाहरी कमाई को खेती में लगाकर खेती से पैदा होने वाले अनाज से अपना पेट भर लेता हैं और किसी तरह घर गृहस्थी चला लेते हैं। तीसरा उच्च किसान वह होता है जिसके पास दो से 4-5 हेक्टेयर या उससे अधिक भूमि होती है।खेती में सबसे छोटे किसान को जहां अपनी लागत पूंजी बचाना मुश्किल हो जाता है वही मध्यमवर्ग के किसानों का हानि लाभ बराबर रहता है बशर्ते उसकी फसल देवी प्रकोप एवं अन्य किसी प्रकार से बच जाए। कहने का मतलब है कि खेती से लाभ 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को ही मिल सकता है और वहीं व्यवसायिक खेती मी कर सकते हैं।यही कारण है कि छोटे एवं मध्यम वर्ग के किसानों की हालत आज भी दयनीय बनी हुई है क्योंकि खेती की लागत दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और दैवी प्रकोप ही नहीं जंगली एवं आवारा पशुओं से बरबादी का खतरा बढ़ता जा रहा है।जलवायु परिवर्तन के चलते करीब-करीब हर साल किसान को बाढ़ तूफान सूखा बीमारी का सामना करना पड़ता है ऐसी हालत में महंगी पूंजी लगाकर उसे वापस करने में उसे लाले लग जाते हैं। आज छोटे एवं मध्यम वर्ग के जो किसान मजदूर के सहारे खेती करते हैं उन्हें तेजी से बढ़ती मजदूरी के साथ ही साथ महंगी दवाइयों बीजों जुताई खाद पानी का भी सामना करना पड़ रहा है। धान की एक दो बीघा खेती करने के लिए आज की तारीख में कम से डेढ़ से दो हजार रुपए लग जाते हैं इसके बाद खाद दवा पानी के नाम पर भी डेढ़ से दो हजार रुपए लग जाते हैं। इस तरह कुल मिलाकर पांच हजार रुपए के आसपास लग जाते हैं जबकि 3 से 5 कुंटल ज्यादा पैदावार नहीं हो पाती है जबकि साधन संपन्न बड़े किसानों को कम लागत में अच्छी पैदावार मिल जाती है जिससे उनकी हालत सुधर जाती है। छोटे किसानों को लागत अधिक लगानी पड़ती है लेकिन फायदा उन्हें नहीं होता है क्योंकि वह साधन के अभाव में न तो समय पर जुताई बुवाई करा पाते हैं और न ही निकाई दवाई बीज सिंचाई ही कर पाते हैं। समय पर जुताई बुआई सिंचाई निकाई दवाई खाद पानी उपलब्ध न हो पाने के कारण उसकी हालत पतली रहती है। हमारी सरकार द्वारा किसानों की आमदनी दूनी करने का बीड़ा उठाया गया है साथ ही किसान सम्मान योजना की शुरुआत भी की गई है जिसका लाभ चुनाव के पहले ही तमाम भाग्यशाली किसानों को बिना किसी दौड़भाग के एक नहीं दो दो किस्त के रूप में मिल चुका है लेकिन जो किसान प्रधानमंत्री की सम्मान योजना से वंचित रह गए हैं अब उन्हें अपना पंजीकरण कराने के लिए इधर उधर नामित अधिकारियों कर्मचारियों के पास दौड़ना पड़ा रहा है। किसान को देश की रीढ़ माना जाता है इसलिए छोटे किसानों के वजूद को बचाए रखना राष्ट्रहित में जरूरी है क्योंकि उसी बेवश बेचारे किसान के त्याग बलिदान के बल पर देश हरा भरा सोन चिर्रैया जैसा बना हुआ है और जय जवान जय किसान कहा जाता है।



भोलानाथ मिश्र


पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी

करतारपुर कॉरिडोर पर पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी


नई दिल्ली ! करतारपुर कोरॉडोर और इससे जुड़े तमाम तकनीकी मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों की मुलाकात जारी। इस मुलाकात से पहले पाकिस्तान ने गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पुनर्गठन किया है।इस कमेटी से खालिस्तान के नेता गोपाल सिंह चावला को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बता दें कि भारत ने गोपास सिंह चावला के नाम पर आपत्ति जताई थी।जानकारी के अनुसार पाकिस्तान का 20 सदस्यों का डेलीगेशन मुलाकात के लिए पहुंच रहा है। जिसमे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल भी शामिल हैं।


बता दें कि इससे पहले दो अप्रैल को भारत और पाकिस्तान के के बीच इस मसले को लेकर दूसरे दौर की बैठक होनी थी, लेकिन इसे स्थगति कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर से भारत इस मुलाकात के दौरान कई मुद्दों पर पाकिस्तान से बात करने के लिए तैयार है, जिसमे मुख्य रूप से इंफ्रास्ट्रक्चर, श्रद्धालुओं के आवागमन, उनकी सुरक्षा अहम हैं। बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर तकरीबन तीन किलोमीटर लंबा है।


भारत पूरे प्रोजेक्ट को इस साल के 31 अक्टूबर तक पूरा करना चाहता है। करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए भारत 500 करोड़ खर्च करेगा। इसके साथ भारत उच्च तकनीक निगरानी प्रणाली का उपयोग करेगा और एक मजबूत सुरक्षा प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। यह कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ेगा और भारतीय सिख श्रद्धालुओं की वीजा मुक्त आवाजाही को सुगम बनाएगा।


पुलिस ने फौजी के साथ की अभद्रता: रोस

औरैया ! कस्बा दिबियापुर में चंद्र नगर सेहुद बंबा के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस कर्मियों की अभद्रता का विरोध करने पर पुलिस कर्मियों ने एक फौजी के साथ दिबियापुर की पुलिस ने की हाथापाई


मोहल्ला चंद्रनगर के पास दिबियापुर पुलिस के द्वारा चेकिंग अभियान चलाया जा रहा था तभी कुछ देर के बाद वहाँ औरैया CO सिटी मौके पर आ गए तभी वहां कैनाल रोड की तरफ से पैशन प्रो गाड़ी से एक फौजी आ रहा था COसिटी के साथ तैनात सिफाही ने फौजी को रोका क्यों कि वो बिना हेलमेट था सिफाही के रोकने पर फौजी ने अपनी बाइक रोक दी सिपाही ने फौजी के साथ अभ्रदता की तो फौजी ने उसका विरोध किया तो दिबियापुर पुलिस ने फौजी के साथ हाथापाई शुरू कर दी इस मौके पर औरैया के CO साहब मौके पर थे पर उन्होंने रोकने की कोशिश नही की और फौजी को CO सिटी की गाड़ी में डाल कर दिबियापुर थाने ले गए जब दिबियापुर थाने में पत्रकार इस घटना की जानकारी लेने के लिए पहुचे तो CO सिटी ने पल्ला झाड़ते हुए ऐसा मामला न होने की बात कही!दिबियापुर पुलिस के सिपाही खुद बिना हेलमेट के रोड पर फर्राटा भर रहे है जो सिपाही व दरोगा जी चेकिंग अभियान चला रहे थे वो खुद बिना हेलमेट बाद में जाते दिखे जब खुद नियम का उल्लंघन करेंगे तो जनता क्यों नही करेगी!


क्या उत्तर प्रदेश की पुलिस को ऐसे महान फौजियों पर हाथ उठाने का हक है? जो फौजी दिन रात एक करके हमारे देश की रक्षा कर रहे है उनके साथ पुलिस इस तरह का व्यवहार कर रही है!


जांच करने गए पुलिसकर्मी की पीट-पीटकर हत्या

जमीन विवाद की जांच करने गए पुलिसकर्मी की पीट-पीटकरहत्या


 राजसमंद ! जिले में मॉब लिंचिंग की एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। इस बार मॉब लिंचिंग का शिकार राजस्थान पुलिस का हेड कॉन्स्टेबल हुआ है। शनिवार को राजसमंद में एक हेड कॉन्स्टेबल की कुछ लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी।जानकारी के मुताबिक कॉन्स्टेबल गनी मोहम्मद मामले की जांच करने गांव में गए थे। इस दौरान मामले में लिप्त आरोपियों ने कॉन्स्टेबल की पिटाई शुरू कर दी। इस पूरी घटना के दौरान किसी ने भी पुलिस के सिपाही को नहीं बचाया।


पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण ने बताया कि भीम थाने में तैनात कॉन्स्टेबल अब्दुल गनी जमीन विवाद से जुड़े एक मामले की जांच के लिए हमेला की बेर गांव गये थे। इस दौरान उनकी अतिक्रमण कारियो से किसी बात पर बहस हो गई। जिसके बाद वहां मौजूद 4-5 लोगों ने गनी मोहम्मद को पीटना शुरू कर दिया। पिटाई के बाद कॉन्स्टेबल गनी मोहम्मद को घायल अवस्था में भीम अस्‍पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।


घटना ने राज्य के पुलिस विभाग में हडकंप मचा दिया दिया है। पुलिस अधीक्षक के अनुसार इस प्रकरण में शामिल लोगों की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। बताया जा रहा है कि कॉन्स्टेबल की पिटाई की सूचना पर डीएसपी राजेंद्र सिंह, सीआई लाभूराम विश्नोई और पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू की।


आजम के खिलाफ 23 मामले,हो सकती है गिरफ्तारी

आजम खान के खिलाफ 23 मामले दर्ज, कभी भी हो सकते हैं गिरफ्तार


रामपुर ! समाजवादी पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद आजम खान की मुश्किल काफी बढ़ गई है और कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं। पुलिस ने बताया कि आजम खान ने दो दर्जन से अधिक किसानों को कई दिनों तक जबरन गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाया गया, उनका शोषण किया गया और उनकी जमीन को हथिया लिया गया। आजम खान के खिलाफ जो आपराधिक मामला दर्ज हुआ है उसके अनुसार फर्जीवाड़ा करके जमीन पर कब्जा किया गया।रामपुर के अजीम नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले के अनुसार आजम खान और उनके करीबी, पूर्व डीएसपी आलेहसन खान ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा किया और सैकड़ों करोड़ रुपए की जमीन को आजम खान के निजी विश्वविद्यालय मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए कब्जा किया।


रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने बताया कि इस बाबत 26 किसानों ने शिकायत में कहा है कि आजम खान और आलेहसन ने जबरन उन्हें बंधक बनाया और उनपर दबावा डाला कि वह फर्जी दस्तावेज पर अपनी जमीन को बेचने के लिए हस्ताक्षर करें।


शर्मा ने बताया कि जब किसानों ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया तो उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया गया। आलेहसन उस वक्त रामपुर के सीओ थे, उन्होंने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और किसानों की जमीन पर कब्जा किया, ये किसान काफी गरीब थे।तथ्यों की पुष्टि के बाद हमने आजम खान और आलेहसन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा जांच के बाद यह मामला दर्ज किया गया है। रामपुर के पुलिस मुखिया ने बताया कि राजस्व विभाग की मुख्य शिकायत के आधार पर 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।


मंत्री ने वायरल वीडियो को बताया फर्जी

स्वास्थ्य मंत्री ने वायरल वीडियो को फर्जी करार दिया


संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! बड़ी तेजी से शोशल मिडिया पर एक लेन-देन का वीडियो वायरल हो रहा है।वायरल वीडियो में विपक्षी पार्टी के अनुसार लेवी,रिश्वत,पिसी,घुस आदि कई शब्दों का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है।जिस वायरल वीडियो की हम बात कर रहे हैं,वह किसी आम-अवाम,प्रशाशन,अधिकारी व पदाधिकारी की नहीं बल्कि झारखण्ड के सूबे के स्वास्थ्य मंत्री सह विश्रामपुर विधायक-रामचंद्र चंद्रवंशी की है।


जी हाँ,जिनका नाम ही हो ऐसा,भला क्यों करेंगे काम वैसा


बीजेपी का दामन तो पाक है।दामन पर कालिख पोतने का कार्य तो मंत्री के कुछ नासमझ विरोधी के द्वारा बात का बतकड़ बनाकर बल्कि यों कहें की वीडियो को तोड़-मरोड़ कर वायरल किया गया।मंत्री-रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वयं साफ-साफ शब्दों में वायरल वीडियो को फर्जी करार देते हुए बताया की वे बरडीहा प्रखण्ड के आदर गांव में ग्यारह जुलाई को एक योजना का शिलान्यास करने पहुंचे थे।वहां प्रशाशन के पदाधिकारियों के अलावे दो हजार की संख्या में लोग उपस्थित थे।ग्रामीणों ने मंत्री से पचास हजार रु की लागत से एक चबूतरा का निर्माण कराने की मांग रखे।इसके आगे आप खुद हीं मंत्री का ब्यान सुनें।


मंत्री ने कहा की दो युवकों के द्वारा फर्जी वीडियो वायरल कर बदनाम करने की कोशिश की गयी है।फर्जी वीडियो वायरल करने में राहुल ठाकुर व सतीश यादव का नाम शामिल है।मंत्री ने दोषी युवकों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश पुलिस को दे दिया है।अब मंत्री को रिश्वतखोर कहना तो बिल्कुल गलत होगा।वैसे वायरल वीडियो को छोड़ कर ऐसे भी समझा जा सकता है की रामचंद्र चंद्रवंशी एक स्वास्थ्य मंत्री हैं,नासमझ थोड़े हैं की भरी सभा में रिश्वत लेंगे।


नैनीताल डीएम का संस्था ने किया स्वागत

नैनीताल ! एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू कोषाध्यक्ष बलराम हालदार के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से नवनियुक्त डीएम सविन बंसल को संस्था पदाधिकारियों ने शॉल ओढ़ाकर व भगवान गणेश जी की प्रतिमा देकर स्वागत किया!
इस दौरान एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था के अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार साहू उपाध्यक्ष लोकेश कुमार साहू ने संयुक्त रूप से कहा की हम नैनीताल जिले में नवनियुक्त डीएम सविन बंसल से आशा करते हैं कि नैनीताल जिले को नशा मुक्त अपराध मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त बनाने में आपका अहम योगदान होगा क्योंकि पिछले कुछ दिनों में हल्द्वानी शहर सहित पूरे नैनीताल जिले में जिस तेजी से अपराध,नशा व भ्रष्टाचार आगे बढ़ रहा है ! यह बहुत चिंता का विषय है ! जिस पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाना बहुत जरूरी है और हम सबकी भारतीय होने के नाते यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने क्षेत्र व शहर व जिले को प्रदेश व देश को नशा मुक्त अपराध मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए हम सबको अपने अंदर जागरुकता उत्पन्न करनी होगी! क्योंकि किसी भी अपराध नशा भ्रष्टाचारी बीमारी से मुक्ति पाने के लिए इंसान का जागरूक होना बहुत जरूरी है! और जिस दिन हम भारतवासी अपराध की जड़ नशा के प्रति जागरूक हो गये उस दिन हमारे भारत में नशे के साथ साथ अपराध भ्रष्टाचार का नामोनिशान नहीं होगा तभी हम अपने आने वाली पीढ़ियों को अच्छे वातावरण व संस्कार दे सकेंगे तभी हमारा भारत विश्व गुरु बनेगा और एक समाज श्रेष्ठ समाज संस्था क्षेत्रवासियों व भारत वासियों को नशा मुक्त भ्रष्टाचार मुक्त अपराध मुक्त अभियान के अंतर्गत जागरूक करने का लगातार प्रयास कर रही है! और आगे भी करती रहेगी क्योंकि नशा मुक्त भारत हर भारतीय नागरिक की आवश्यकता है! साथ ही साथ संस्था प्रशासन के सभी अच्छे कार्यों में सहयोग करने के लिए सदैव तैयार रहेगी!
इस दौरान नवनियुक्त डीएम सविन बंसल का स्वागत करने में संस्था महिला अध्यक्ष नम्रता सिंह उपाध्यक्ष लोकेश कुमार साहू कोषाध्यक्ष बलराम हालदार अनूप सिंह मुकेश सरकार सूरज मिस्त्री मुकेश कुमार आदि लोग उपस्थित रहे!


मेरठ: भीड़ हिंसा का मामला प्रकाश में आया

मेडिकल के कालियागढ़ी में दबंगों के हौंसले बुलंद, युवक को लाठी-डंडों से पीटते हुए वीडियो वायरल, जान भी जा सकती थी युवक की


 


मेरठ ! दो दिन पहले का एक वीडियो वायरल हो रहा है जो देश में चल रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं की भयावहता को एक बार फिर से उजागर कर रहा है। पांच मिनट के इस वायरल वीडियो में दो युवक लाठी से युवक को नीचे गिराकर बेहरहमी से पिटाई नहीं बल्कि कूट रहे हैं। पीड़ित युवक की चीखें पूरे मोहल्ले में सुनाई दे रही है लेकिन लोग अपने छतों, घर के दरवाजो पे खड़े ये खौफनाक मंजर चुपचाप देख रहे हैं। युवक रो रहा है और चिल्ला रहा है! लेकिन उस पर लाठी बरसाने वालों को जरा सी दया नहीं आ रही। एक बुर्जुग जो पायजाम पहने है वो पूरे मोहल्ले को चैलेंज यानि की चुनौती दे रहा है,है कोई जो इसे बचाने आए,देखता हूं कौन है इसका हिमायती,ये शब्द जताते हैं कि इस बुर्जुग का पीटने वालों से सीधा नाता है, वायरल वीडियो में  ये बुर्जुग पिटने वाले युवक को कह रहा है कि ये तेरी मां नहीं,जिससे पता लगता है कि पिटने वालों और पीटने वालों का आपस में कोई नाता भी है!


 बहरहाल, मामला क्या है ये  वायरल वीडियो से तो साफ नहीं हो रहा है लेकिन जो दिख रहा है वो बेहरम चेहरे और पिटाई की खौफनाक तस्वीरें जरूर हैं। इस वीडियो को देखकर सवाल भी उठते हैं, जैसे मान लिया जाए कि पिटने वाले ने कोई बहुत बड़ा जुर्म किया हो,हो भी सकता है लेकिन सवाल ये है कि आम आदमी को कानून हाथ में लेने और इस बेरहमी से पीटने का क्या हक है ! क्या ये अपने आप में बड़ा अपराध नहीं है ! सवाल ये 
भी है कि थाने में अगर पुलिस इस तरह किसी अभियुक्त को पीटती है तो पुलिसकर्मी सस्पैंड होतेहैं!
एसे में इस पिटाई से झारखंड के तरबेज की तरह इस युवक की भी जान चली जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता हैै? 
वीडियो में देखा जा सकता है कि इस युवक पर एक नहीं दो नहीं पूरी ताकत के साथ 21 लाठी मारी गईं जिसमें पूरी ताकत के साथ एक लाठी इस युवक के सिर पर भी लगी है, थप्पड़ अलग से बरसाए गए हैं, वीडियो में दिख रहा है कि कुछ औरतें इस युवक को बचाने के लिए कुछ कदम बढ़ाती हैं लेकिन पायजामे वाला बुर्जुग दबंग उन्हें गाली देकर वापस भेजता है ! ये भी कहता है लाना लाठी इन्हें भी बताता हूं! ये सुनकर महिलाएं वापस हो जाती हैं ! ये रौंगटे खड़ा कर देने वाला वीडियो मेरठ के थाना मेडिकल कालेज की कालियागढ़ी कोलानी में दीप ज्योति स्कूल के बराबर की बताई जाती है।


पुलिस भी भीड़ हिंसा का शिकार: मायावती

अब तो पुलिस भी भीड़ हिंसा की शिकार : मायावती



लखनऊ ! भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं को लेकर बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार उप्र कांबेटिंग ऑफ मॉब लिंचिंग विधेयक-2019 का स्वागत करते हुए मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार को सख्त कानून बनाने के साथ-साथ उसे सख्ती से हर स्तर पर लागू कराने की इच्छाशक्ति भी दिखानी होगी। मायावती ने इसके लिए बसपा सरकार से सबक लेने की सलाह भी दी।
मायावती ने कहा कि भीड़ हिंसा की घटनाएं देश भर में एक भयानक बीमारी की तरह उभर रही है। यह रोग भाजपा सरकारों की कानून का राज स्थापित न करने की नीयत व नीति की देन है!


जिससे अब केवल एससी, आदिवासी, धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग ही नहीं, बल्कि सर्वसमाज के लोग व पुलिस भी भीड़ हिंसा का शिकार बन रही है। इन घटनाओं का संज्ञान लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र व राज्य सरकारों को निर्देश दिये हैं, लेकिन उन्हें लेकर सरकारें गंभीर नहीं हैं। मायावती ने कहा कि उप्र राज्य विधि आयोग की भीड़ हिंसा की घटनाओं की रोकथाम के लिए नया सख्त कानून बनाने की सिफारिश का वह स्वागत करती हैं। कहा कि आयोग ने ऐसे मामलों में दोषियों को उम्र कैद की सजा दिये जाने की सिफारिश की है।


विधिक सेवा प्राधिकरण ने 1864 मामले निपटाए

सुलह समझौते से निपटे 1864 मामले



औरैया ! जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में शनिवार को जनपद न्यायाधीश सुशील कुमार की अध्यक्षता में लगी राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व विभाग व न्यायालयों के कुल 1864 मुकदमे सुलह समझौते से तय किए गए।
प्राधिकरण के नोडल अधिकारी प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय राज बहादुर सिंह मौर्या एवं सचिव अर्चना तिवारी ने बताया कि इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम के कुल 67 वाद तय हुए तथा 32.75 लाख रुपये प्रतिकर एवार्ड हुआ। विद्युत निगम के अधिवक्ता भूपेश मिश्र व अधिकारियों ने 247 मुकदमे निस्तारित कर 4.17 लाख रुपये का सेटिलमेंट किया।


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रामनेत ने कुल 153 वाद तय कर करीब 1.71 लाख रुपये अर्थदंड वसूला। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों ने 76 एमवी एक्ट के चालान से करीब 77 हजार रुपये अर्थदंड वसूला। जिला जजी में सभी बैंकों व विभिन्न सरकारी विभागों ने विशेष 121 बैंक वसूली के मामले तय किए। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राज बहादुर सिंह मौर्या ने सुखी दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने के लिए कई जोड़ों में समझौता कराया। जिला जज सुशील कुमार, अपर जिला जज राजेश चौधरी, प्रथम कांत, मीनू शर्मा, रजत सिंह, सचिव अर्चना तिवारी आदि न्यायिक अधिकारियों ने सभी जोड़ों को विदा किया। अधिवक्ता कुलदीप दुबे, डीजीसी अभिषेक मिश्र रहे।(यूए)


₹1400नहीं 1300मे मिलेगी एक बोरी डीएपी

1400 नहीं अब 1300 में मिलेगी एक बोरी डीएपी

औरैया ! खरीफ की फसल के लिए सरकार की ओर से सरकारी डीएपी की बोरी में 100 रुपये कम किए गए हैं। जिससे किसानों को कुछ राहत मिलेगी। अभी तक 1400 रुपये में मिलने वाली बोरी अब 1300 में मिलेगी।
कृषि विभाग की मानें तो इससे जनपद के किसानों के एक करोड़ की बचत होगी। अभी तक किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1400 रुपये में मिल रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार के अनुरोध पर राष्ट्रीय सहकारी संस्था इफ्को, क्राफ्को, आरसीएफ ने डीएपी में प्रति बोरी 100 रुपये कम किए हैं। जिसके चलते अब किसानों को 50 किलो डीएपी की बोरी 1300 में मिलेगी।


जिला कृषि अधिकारी आवेश कुमार सिंह ने बताया कि खरीफ की दलहन, तिलहन समेत धान की फसल में लगभग पांच हजार मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होती है, जिसके सापेक्ष नौ हजार आठ सौ 51 मीट्रिक टन स्टॉक जनपद में उपलब्ध है। प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने पत्र एवं ऑडियो क्लिप के माध्यम से बताया कि सभी जगह पर डीएपी की बिक्री अब नई दर से की जाएगी। उन्होंने सभी से ई-पॉस मशीन से ही बिक्री करने एवं सभी किसानों से 1300 रुपये का भुगतान कर बिल लेने को कहा है।(यूए)


हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...