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शनिवार, 29 अक्तूबर 2022

मानवता के लिए गंभीर खतरों में से एक 'आतंकवाद'

मानवता के लिए गंभीर खतरों में से एक 'आतंकवाद'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/लंदन। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है। दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए जयशंकर ने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताया।

विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है। उन्होंने कहा कि यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है।जयशंकर ने कहा कि इसके बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में, जैसा कि 1267 प्रतिबंध समिति निगरानी रिपोर्टों में बार-बार उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए किया जा रहा है। विदेश मंत्री ने आतंकवादी समूहों द्वारा नयी प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच ‘‘आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं।

जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में, खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं। उन्होंने कहा कि वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा तथा सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं।

विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। जयशंकर  ने कहा कि रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।

नई प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग की चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक प्रयास जरूरी : गुतारेस

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने आतंकवादी समूहों द्वारा दुष्प्रचार के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल करने की चुनौती से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयासों का शनिवार को आह्वान किया। दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद रोधी समिति की बैठक को दिए एक संदेश में गुतारेस ने विभिन्न आतंकवादी समूहों द्वारा दुष्प्रचार करने, संघर्ष भड़काने और युवाओं को कट्टर बनाने के लिए नई तकनीकों के दुरुपयोग पर चिंता जताई।

दिल्ली में आतंकवाद रोधी बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। गुतारेस के संदेश को वैश्विक निकाय के एक अधिकारी ने पढ़ा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि नई और उभरती प्रौद्योगिकियों में हर जगह मानवीय स्थितियों में सुधार करने की बेजोड़ क्षमता है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि विद्वेषपूर्ण उद्देश्य रखने वाले व्यक्तियों सहित कई लोगों द्वारा इनका दुरुपयोग भी किया गया है। उन्होंने कहा कि घृणास्पद विचारधारा वाले आतंकवादी और अन्य लोग नयी और उभरती प्रौद्योगिकियों का दुरुपयोग करके दुष्प्रचार कर रहे हैं, संघर्ष भड़का रहे हैं, युवओं को भर्ती कर रहे हैं और कट्टरपंथी बना रहे हैं, संसाधन जुटा रहे हैं और हमले कर रहे हैं।

गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने इस तरह के दुरुपयोग के कई जोखिमों को उजागर किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में सभी मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहते हुए हमें इन जोखिमों को कम करने के लिए ठोस उपाय करने चाहिए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि यह केवल प्रभावी बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मूल्यों और दायित्वों और मानवाधिकारों संबंधी सार्वभौमिक घोषणा के अनुरूप है।

गुरुवार, 27 अक्तूबर 2022

44 बिलियन डॉलर वाले डील को क्लोज करने में जुटे

44 बिलियन डॉलर वाले डील को क्लोज करने में जुटे

अखिलेश पांडेय 

कैलिफोर्निया। एलन मस्क का एक वीडियो इन दिनों बहुत वारयरल हो रहा है। जिसमें वह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनी ट्वीटर इंक के हेडक्वार्टर पहुंचे हैं, वो भी बेहद अनोखे अंदाज में। हालांकि ये विडियो मस्क ने खुद ही अपना ये वीडियो ट्वीट किया है। एलन मस्क ने 13 अप्रैल को ट्वीटर खरीदने का ऐलान किया था। इसके बाद उन्होंने इस डील को होल्ड कर दिया था। अब एक बार फिर से वह 44 बिलियन डॉलर वाले इस डील को क्लोज करने में जुटे हैं।

इस सिलसिले में वह बीते दिन ट्वीटर के हेडक्वार्टर पहुंचे। वह अपने हाथों में सिंक लेकर हेडक्वार्टर में इंट्री किए। उनका यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है।अरबपति एलन मस्क ने ट्वीटर के हेडक्वाटर में पहुंचने का ये वीडियो अपने ट्वीट पर शेयर किया है, जिसमें वह हाथों में सिंक उठाकर आफिस में इ्रट्री करते दिखाई दे रहे हैं। 

Elon Musk का ट्वीटर बायो
एलन मस्क ने अपने ट्वीटर प्रोफाइल के बायो में ‘Chief Twit’ लिखा है । इनडायरेक्टली तौर उन्होंने इस बात का संकेत दे दिया है कि ट‌्वीटर के अगले बॉस वही होने वाले हैं।

मंगलवार, 25 अक्तूबर 2022

‘दुनिया के सबसे गंदे आदमी’ हाजी का निधन 

‘दुनिया के सबसे गंदे आदमी’ हाजी का निधन 

अखिलेश पांडेय 

तेहरान। एक तरफ डॉक्टर और लोग हर दिन नहाने की सलाह देते हैं, ताकि कोई बीमारी ना हो। कहा जाता है कि स्वस्थ्य रहने के लिए स्वच्छ रहना बहुत जरुरी है। इससे तमाम बीमारियों को दूर रखा जा सकता है, जिसके लिए हाथ धो कर कुछ खाना और रोज नहाना सबसे अहम है। इस बीच ‘दुनिया के सबसे गंदे आदमी’ का मंगलवार को निधन हो गया है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कई दशकों से नहीं नहाने वाले दुनिया के सबसे गंदे आदमी की मौत हो गई है। दुनिया के सबसे गंदे आदमी के नाम से मशहूर इस ईरानी व्यक्ति की 94 वर्ष की उम्र में मौत हुई। यह ईरानी व्यक्ति पिछले 50 सालों से नहीं नहाया था इसीलिए उसे ‘दुनिया का सबसे गंदा आदमी’ कहा जाता था। इस व्यक्ति का नाम अमौ हाजी बताया जा रहा है।

…तो इसलिए नहाने से किया था तौबा

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार अमौ हाजी को डर था कि अगर वह नहाएगा तो उसे इंफेक्शन हो जाएगा इसलिए उसने नहाना छोड़ दिया था। अमौ हाजी दक्षिणी फार्स प्रांत के देजगाह गाँव में अकेले रहते थे। रिपोर्टस के मुताबिक, उनकी मौत प्राकृतिक कारणों से हुई है साल 2013 में इस व्यक्ति के ऊपर ‘द स्ट्रेंज लाइफ ऑफ अमौ हाजी’ नाम की एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई थी। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया था कि अमौ हाजी अपना जीवन किस प्रकार जीते हैं।

‘बीमार होने’ के डर से नहाने से परहेज
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाजी ने ‘बीमार होने’ के डर से नहाने से परहेज किया था। लेकिन ‘पहली बार कुछ महीने पहले, ग्रामीण उसे नहाने के लिए बाथरूम में ले गए थे’। ग्रामीणों ने कहा कि वे ‘अपनी युवावस्था में लगे कुछ सदमों’ से उबर नहीं पाए जिसके कारण उन्होंने नहाने से इनकार कर दिया। ईरानी मीडिया के अनुसार हाजी सड़क किनारे मरने वाले जानवरों को खाते थे, जानवरों के मल से भरे पाइप से धूम्रपान करते थे। उनका मानना ​​था कि स्वच्छता उन्हें बीमार कर देगी।

ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बने ऋषि, शपथ ग्रहण की

ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बने ऋषि, शपथ ग्रहण की

अखिलेश पांडेय 

लंदन। भारतीय मूल के ऋषि सुनक ब्रिटेन के 57वें प्रधानमंत्री बन गए हैं। उन्हें ब्रिटिश महाराज चार्ल्स तृतीय ने शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद ऋषि सुनक ने ब्रिटिश महाराज के हाथों को चूमकर अपनी वफादारी की कसम खाई। इस कार्यक्रम को बकिंघम पैलेस में आयोजित किया गया है। इस मौके पर कुछ सार्वजनिक तस्वीरों के बाद महाराज चार्ल्स तृतीय और प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के बीच एक गुप्त बैठक भी हुई। इस बैठक का कोई भी रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। ऋषि सुुनक को लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद सोमवार को कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। लिज ट्रस ने अपनी आर्थिक नीतियों और कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे को लेकर आलोचना झेल रही थीं। ऋषि सुनक एक साल के अंदर तीसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं।

सुनक के कैबिनेट पर सबकी नजर

सुनक के प्रधानमंत्री पद पर शपथग्रहण के बाद सबकी नजर उनके कैबिनेट पर टिकी हुई हैं। कुछ ही घंटों में सुनक अपनी नई टीम का ऐलान कर सकते हैं। सबकी नजर ब्रिटेन के वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और गृह मंत्री के पद पर टिकी हुई हैं। ब्रिटेन की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए सुनक को एक सुलझा हुआ और एक्सपर्ट वित्त मंत्री की जरूरत है। वहीं, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन की आक्रामकता से मुकाबला करने के लिए उन्हें एक मजबूत विदेश मंत्री भी चाहिए। प्रवासियों से जुड़े मुद्दे और हिंदू-मुस्लिम झगड़ों को सुलझाने के लिए टीम में एक योग्य गृह मंत्री का भी होना आवश्यक है। बताया जा रहा है कि लिज ट्रस के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे जेरेमी हंट की कुर्सी को कोई खतरा नहीं है। वे पहले से ही ऋषि सुनक के कट्टर समर्थक रहे हैं।कौन कौन से ब्रिटिश नेता बन सकते हैं मंत्री

शीर्ष पदों के लिए उल्लिखित अन्य नामों में पूर्व कैबिनेट मेंबर डॉमिनिक रॉब का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। वह कंजर्वेटिव पार्टी नेतृत्व की दौड़ में लिज ट्रस से हारने के बाद भी ऋषि सुनक के प्रति वफादार बने रहे। इसके अलावा मंत्री के तौर पर पेनी मोर्डंट के नाम की भी चर्चा है। पिछले दो नेतृत्व चुनावों में मोर्डंट ने भी अपना भाग्य आजमाने की कोशिश की, लेकिन वो शुरुआती मुकाबलों में ही हार गई थीं। इसके अलावा पूर्व मंत्री माइकल गोव और साथ की पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ओलिवर डाउडेन के नाम की भी भी चर्चा है। इन नेताओं को सुनक कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है।

रविवार, 23 अक्तूबर 2022

पार्टी के नेतृत्व और पीएम पद के लिए चुनाव, घोषणा 

पार्टी के नेतृत्व और पीएम पद के लिए चुनाव, घोषणा 

अखिलेश पांडेय 

लंदन। ब्रिटेन के राजकोष के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक ने रविवार को कंजरवेटिव पार्टी के नेतृत्व और प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा की। ऋषि सुनक ने एक ट्वीट में कहा,“ब्रिटेन एक महान देश है। लेकिन हम एक गहन आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इसलिए मैं कंजरवेटिव पार्टी का नेता और आपका अगला प्रधान मंत्री बनने के लिए खड़ा हूं। मैं अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करना चाहता हूं, अपनी पार्टी को एकजुट करना और अपने देश के लिए काम करना चाहता हूं।”

ऋषि सुनक और ब्रिटेन के पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन को कंजर्वेटिव पार्टी नेतृत्व के लिए और बाद में प्रधानमंत्री की भूमिका के लिए शीर्ष दो दावेदार माना जाता है क्योंकि वे दोनों नेतृत्व की दौड़ में भाग लेने के लिए आवश्यक 100 कंजर्वेटिव सांसदों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे हैं। ब्रिटेन की निवर्तमान प्रधानमंत्री लिज ट्रस ब्रिटेन के इतिहास में सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बनीं। वह अपने उत्तराधिकारी के चुने जाने तक पद पर बनी रहेंगी। कंजरवेटिव पार्टी के सांसद 24-28 अक्टूबर तक अपना नया नेता और अगला प्रधानमंत्री चुनने के लिए ऑनलाइन वोट करेंगे।

जिनपिंग को तीसरी बार 'सीपीसी' का महासचिव चुना

जिनपिंग को तीसरी बार 'सीपीसी' का महासचिव चुना 

अखिलेश पांडेय 

बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पांच साल के कार्यकाल के लिए रविवार को रिकार्ड तीसरी बार ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना’ (सीपीसी) का महासचिव चुना गया और इसी के साथ उन्होंने इतिहास रच दिया। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि वह जीवनपर्यंत चीन में सत्ता पर काबिज करेंगे। वह पार्टी संस्थापक माओ जेदोंग के बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के ऐसे पहले नेता हैं, जो अभूतपूर्व रूप से तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आए हैं।

शी जिनपिंग को रविवार को आयोजित समिति के पहले पूर्ण सत्र में सीपीसी की 20वीं केंद्रीय समिति का महासचिव चुना गया। शी जिनपिंग की अध्यक्षता वाले सत्र में सीपीसी केंद्रीय समिति के 203 सदस्यों और 168 वैकल्पिक सदस्यों ने भाग लिया। शी जिनपिंग को सत्र में सीपीसी केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) का अध्यक्ष भी नामित किया गया। शी जिनपिंग यहां ‘शी युग’ के नाम से जाने जाने वाले नए दौर की शुरुआत के लिए स्थानीय एवं विदेशी मीडिया के समक्ष आए। माओ को छोड़कर चिनफिंग से पहले देश से सभी राष्ट्रपतियों ने लगभग तीन दशक तक 10 साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त होने के नियम का पालन किया। शी जिनपिंग की तीसरी बार सत्ता में वापसी से यह नियम औपचारिक रूप से समाप्त हो गया।

शी जिनपिंग को पहले 2012 में चुना गया था और उनका 10 साल का कार्यकाल इस साल पूरा हो जाएगा। पार्टी में नंबर दो समझे जाने वाले प्रधानमंत्री ली क्विंग समेत कई उदारवादी नेता 300 सदस्यीय केंद्रीय समिति में शनिवार को जगह बनाने में नाकाम रहे। सीपीसी के पांच साल में एक बार होने वाले महासम्मेलन (कांग्रेस) में वे समिति में चुने नहीं गए। समिति की रविवार को हुई बैठक में 25 सदस्यीय राजनीतिक ब्यूरो का चयन किया गया। राजनीतिक ब्यूरो ने सात सदस्यीय स्थायी समिति का चयन किया, जिसने शी चिनफिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए महासचिव चुना।

शी जिनपिंग को अपेक्षा के अनुसार शनिवार को केंद्रीय समिति में चुना गया। इसके बाद उन्हें राजनीतिक ब्यूरो और फिर स्थायी समिति में चुना गया और वह आसानी से महासचिव चुन लिए गए। महासम्मेलन में पार्टी के संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन पारित कर उसकी ‘‘मूल’’ स्थिति को फिर से लागू कर निर्देश दिया गया कि उनके (चिनफिंग के) निर्देशों और सिद्धांतों का पालन करना पार्टी के सभी सदस्यों का ‘‘दायित्व’’ है। पर्यवेक्षकों ने कहा कि राष्ट्रपति, पार्टी नेता एवं सैन्य प्रमुख के रूप में सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में शी जिनपिंग के उभरने और माओ के नक्शेकदम पर उनके इस पद पर आजीवन बने रहने की संभावना को चिंता एवं घबराहट के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि एक पार्टी वाला देश अब एक नेता वाला देश बन गया है।

सीपीसी का सप्ताह भर चला 20वां महासम्मेलन शनिवार को नाटकीय अंदाज में सपंन्न हुआ था और मीडिया के सामने ही पूर्व राष्ट्रपति हु जिंताओ को ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल (संसद भवन) से बाहर ले जाया गया। यह घटना एक विडम्बना के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि 79 वर्षीय हु ने 2012 में 10 साल पहले चिनफिंग को शांति से सत्ता सौंप दी थी। बहरहाल, आधिकारिक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनका स्वास्थ्य खराब है। इस बीच, नए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक अलग केंद्रीय प्रशासन औपचारिक रूप से मार्च में कार्यभार संभालेगा। पार्टी के महासम्मेलन में शनिवार को इसके संविधान में संशोधन को भी मंजूरी दी गई, जिससे चीन के नेता के रूप में चिनफिंग का कद और बढ़ सकता है।

शी जिनपिंग ने शनिवार को कहा कि संविधान में संशोधन पार्टी के समग्र नेतृत्व को बनाए रखने और मजबूत करने की स्पष्ट आवश्यकताओं को निर्धारित करता है। उन्होंने महासम्मेलन के समापन सत्र में कहा, संघर्ष करने की हिम्मत करो, जीतने की हिम्मत करो और कड़ी मेहनत करो। आगे बढ़ते रहने के लिए दृढ़ संकल्पित रहो। शी जिनपिंग ने अमेरिका और पश्चिम में चीन के खिलाफ बढ़ती नकारात्मकता का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, हमें तेज हवाओं, भीषण लहरों और खतरनाक तूफान का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में नाटकीय बदलाव के बीच, विशेष रूप से ब्लैकमेल करने, रोकने (और) बाधित किए जाने के बाहरी प्रयासों के बीच चीन ने, हमने अपने राष्ट्रीय हितों को पहले रखा है।

महासम्मेलन में पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी शाखा केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) का नया दल भी नियुक्त किया गया, जो सीधे चिनफिंग के अधीन कार्य करता है। संशोधन संबंधी प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘नए युग के लिए चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद पर चिनफिंग का विचार समकालीन चीन और 21वीं सदी का मार्क्सवाद है तथा इस युग की सर्वश्रेष्ठ चीनी संस्कृति एवं लोकाचार का प्रतीक है।

शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 82.91 के स्तर पर 'रुपया'

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 82.91 के स्तर पर 'रुपया'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय/कविता गर्ग 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/मुंबई। विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर की मजबूती के चलते रुपया शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 12 पैसे टूटकर 82.91 के स्तर पर आ गया। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 82.89 पर खुला, और फिर फिसलकर 82.91 पर आ गया। इस तरह रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 12 पैसे टूट गया।

शुरुआती सौदों में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 82.75 के स्तर तक गया। पिछले सत्र में, गुरूवार को अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 21 पैसे की मजबूती के साथ 82.79 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 113 पर आ गया। वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.37 प्रतिशत चढ़कर 92.72 डॉलर प्रति के भाव पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 1,864.79 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 327 अंक चढ़ा, निफ्टी में भी तेजी

एशियाई बाजारों में मिलेजुले संकेतों और एक्सिस बैंक के शेयर के लाभ में जाने से घरेलू शेयर बाजारों के मानक सूचकांकों में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार के दौरान तेजी का रुख देखा गया। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) कई दिन बाद, बृहस्पतिवार को शुद्ध लिवाल बने इससे भी शेयर बाजार को बल मिला। बीएसई का तीस शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 327.9 अंक की मजबूती के साथ शुरुआती कारोबार में 59,530.80 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह एनएसई का निफ्टी भी 89.65 अंक की बढ़त के साथ 17,653.60 अंक पर पहुंच गया।

एक्सिस बैंक का शेयर करीब छह फीसदी चढ़ गया। एक दिन पहले, बृहस्पतिवार को उसके वित्तीय परिणामों की घोषणा हुई थी। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से टाइटन, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारतीय स्टेट बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और महिंद्रा एंड महिंद्रा में शुरुआती कारोबार में तेजी रही। वहीं बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, डॉ. रेड्डीज, इंफोसिस और टाटा स्टील के शेयर शुरुआती नुकसान में रहे। एशिया के अन्य बाजारों में सियोल और शंघाई के सूचकांक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे जबकि तोक्यो और हांगकांग में गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिकी बाजार बृहस्पतिवार को नुकसान के साथ बंद हुए थे। पिछले कारोबारी सत्र में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,202.90 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 51.70 अंक यानी 0.30 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,563.95 अंक पर बंद हुआ।

अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.32 प्रतिशत बढ़कर 92.68 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। इस बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजारों में शुद्ध लिवाली की। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 1,864.79 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।

पीएम इमरान को 5 साल के लिए अयोग्य करार दिया

पीएम इमरान को 5 साल के लिए अयोग्य करार दिया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। विदेशी नेताओं से मिले उपहारों की बिक्री से प्राप्त हुई आई को छिपाने के मामले की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 5 साल के लिए अयोग्य करार दिया गया है। इलेक्शन कमीशन की ओर से सुनाए गए इस फैसले के बाद पीटीआई अध्यक्ष अब 5 साल तक संसद के सदस्य नहीं बन सकेंगे। इस फैसले के बाद चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर फायरिंग की घटना को भी अंजाम दिया गया है।

शुक्रवार को तोशाखाने के मामले में पाकिस्तान के चुनाव आयोग द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को विदेशी नेताओं से मिले उपहारों की बिक्री करके प्राप्त हुई आय को छिपाने के लिए 5 साल के लिए अयोग्य करार दिया गया है। सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के सांसदों की ओर से इसी साल के अगस्त महीने में चुनाव आयोग में 70 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ एक मामला दायर किया गया था।

जिसमें सांसदों ने प्रधानमंत्री को विदेशी लोगों से प्राप्त हुए उपहारों की बिक्री से प्राप्त हुई आय का खुलासा करने में विफल रहने पर पूर्व प्रधानमंत्री को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी। 19 सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग द्वारा अपना फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली चुनाव आयोग की चार सदस्यीय पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया कि पूर्व प्रधानमंत्री भ्रष्ट आचरण में शामिल थे और उन्हें संसद के सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जाता है।

गुरुवार, 20 अक्तूबर 2022

लिज ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया 

लिज ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया 

अखिलेश पांडेय 

लंदन। लिज ट्रस ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल सिर्फ 45 दिन का रहा है। लंबे समय से कयास लग रहे थे कि उनका इस्तीफा होने वाला है। अब वो फैसला ले लिया गया है। इस्तीफे के बाद लिज ट्रस ने भी अपनी तरफ से प्रतिक्रिया दे दी है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि मैं उन वादों को पूरा नहीं कर पाई, जिनके लिए मैं लड़ी थी।

मैंने जानकारी दे दी है कि अब प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे रही हूं। लिज ने इस बात पर भी जोर दिया है कि जब वे पीएम बनी थीं, तब देश में आर्थिक स्थिरता नहीं थी। परिवारों को चिंता थी कि बिल कैसे जमा किए जाएं। वे कहती हैं कि हमने टैक्स कम करने का सपना देखा था, मजबूत अर्थव्यवस्था की नींव डालने की कोशिश की थी, लेकिन मुझे लगता है कि वर्तमान में मैं डिलीवर नहीं कर पाई हूं। इसलिए इस्तीफा दे रही हूं।

सरकार की योजना के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 

सरकार की योजना के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

वेलिंग्टन। न्यूजीलैंड में गायों की डकार और अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन पर कर लगाने की सरकार की योजना के खिलाफ गुरुवार को किसानों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया है। सरकार की इस योजना के खिलाफ किसानों का गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इस दौरान निकाली गईं रैलियां उतनी बड़ी नहीं रहीं, जितनी अपेक्षा की जा रही थी।

‘ग्राउंड्सवेल न्यूजीलैंड’ समूह की मदद से देशभर के कस्बों और शहरों में 50 से अधिक जगह विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। पिछले सप्ताह सरकार ने जलवायु परिवर्तन से निपटने की योजना के तहत नया कृषि कर लगाने का प्रस्ताव रखा था। इसमें गाय की डकार पर कर लगाने की योजना भी शामिल है। गायों के डकार लेने से मीथेन गैस निकलती है, जिससे प्रदूषण फैलता है।

न्यूजीलैंड में कृषि से सबसे अधिक लोग जुड़े हैं। देश की आबादी करीब 50 लाख है, लेकिन इसकी तुलना में यहां एक करोड़ से अधिक गाय और भैंसें हैं और 2.6 करोड़ भेड़ें हैं। देश में सभी ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा खेतों से आता है, जिसमें मवेशियों के डकारने से निकलने वाली मीथेन विशेष रूप से बड़ा योगदान देती है।

वेलिंगटन में विरोध प्रदर्शन के दौरान डेव मैककर्डी नामक किसान ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की संख्या कम होने से निराश हैं। उन्होंने कहा कि ज्यादातर किसानों ने साल भर, विशेष रूप से वसंत ऋतु के दौरान अपने खेतों में कड़ी मेहनत की है। मैककर्डी ने कहा कि सरकार को इस योजना पर विचार करना चाहिए। सरकार इस टैक्स को लेने पर अड़ी है। ऐसे में अब किसानों ने और भी ज्यादा कड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने 2050 तक देश को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने की योजना बनाई है। इस योजना में 2030 तक खेतिहर जानवरों से होने वाले मीथेन उत्सर्जन को 10 प्रतिशत और 2050 तक 47 प्रतिशत तक कम करना शामिल है।

वैज्ञानिकों ने नई 'पीईटी' स्कैन तकनीक विकसित की

वैज्ञानिकों ने नई 'पीईटी' स्कैन तकनीक विकसित की

अखिलेश पांडेय 

वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिकों ने एक नई ‘पोजीट्रॉन इमिशन टोमोग्राफी’ (पीईटी) स्कैन तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से अलजाइमर की बीमारी के शुरुआती संकेतों का पता लगाया जा सकता है। शुरुआती संकेतों का पता लगने से बीमारी का सही समय पर पता लगाना संभव हो सकेगा। इस तकनीक में ‘18एफ-एसएमबीटी-1’ नामक एक रासायनिक यौगिक एजेंट शामिल है, जो लोगों में ‘मोनोएमाइन ऑक्सीडेज-बी’ (एमएओ-बी) एन्जाइम के उच्च स्तर की उपस्थिति का पता लगा सकता है, जोकि अलजाइमर रोग का सबसे शुरुआती संकेत है।

यह रोग में सूजन की भूमिका की बेहतर समझ में मददगार साबित हो सकता है। इस शुरुआती संकेत से रोग का जल्द पता चलने के बाद सही समय पर क्लीनिकल हस्तक्षेप किया जा सकता है। 18एफ-एसएमबीटी-1 एजेंट एमएओ-बी एन्जाइम के मद्देनजर बेहद चयनात्मक है जो प्रतिक्रियाशील एस्ट्रोसाइट्स कोशिकाओं से जुड़ाव को तेज कर देता है।

अमेरिका के पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में अध्ययन के प्रमुख लेखक विक्टर वी. ने कहा, ‘यह बढ़ा हुआ जुड़ाव बताता है कि अल्जाइमर रोग में प्रतिक्रियाशील एस्ट्रोग्लियोसिस का पता लगाने के लिए 18एफ-एसएमबीटी-1 एजेंट को एक संकेतक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।’

सोमवार, 17 अक्तूबर 2022

विरोध-प्रदर्शनों पर टिप्पणी, राष्ट्रपति की आलोचना

विरोध-प्रदर्शनों पर टिप्पणी, राष्ट्रपति की आलोचना

अखिलेश पांडेय 

तेहरान। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने 22 वर्षीय महसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हुए विरोध-प्रदर्शनों पर टिप्पणी के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना की है। जो बाइडेन ने शनिवार को कैलिफोर्निया के इरविन वैली कम्युनिटी कॉलेज में अपने भाषण के दौरान कहा कि वह ईरान में प्रदर्शनों की लहर से स्तब्ध थे। यह देखते हुए कि अमेरिका ईरान की बहादुर महिलाओं के साथ खड़ा है।

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच अराजकता और आतंक भड़काने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को दोषी ठहराया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान में जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन किया। उन्होंने कहा- मैं ईरान में विरोध कर रहे लोगों के साहस से हैरान हूं। अमेरिका, ईरान की बहादुर महिलाओं के साथ खड़ा है। ईरान सरकार को लोगों के मौलिक अधिकारों समझना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। उन्हें हिंसा खत्म कर देनी चाहिए।

ईरान की समाचार एजेंसी ने कनानी के हवाले से कहा कि ईरान में हुई हाल की घटनाओं के बाद शनिवार को जो बाइडेन ने फिर से अपने बयानों के साथ ईरान में अशांति का समर्थन किया।अधिकारी ने कहा कि तेहरान वाशिंगटन की टिप्पणियों से हैरान नहीं था। हिजाब नहीं पहनने पर विवादास्पद नैतिकता पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 16 सितंबर को अमिनी की मौत के बाद ईरान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। हिंसक प्रदर्शनों के दौरान चालीस से अधिक लोग मारे गए और सौ अन्य घायल हो गए। तेहरान ने दावा किया कि अशांति को विदेशों से उकसाया गया था।

शनिवार, 15 अक्तूबर 2022

अस्पताल की छत पर 200 सड़ी हुई लाशें, दुर्दांत 

अस्पताल की छत पर 200 सड़ी हुई लाशें, दुर्दांत 

सुनील श्रीवास्तव 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान पाकिस्तान में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। पाकिस्तान के मुल्तान के एक अस्पताल में कई लावारिस लाशों के छत पर मिलने से सनसनी फैल गई। पाकिस्तानी सरकार इस घटना के बाद हरकत में आई और तुरंत जांच के आदेश दे दिए।

500 से ज्यादा होने की आशंका जताई

जानकारी के अनुसार, निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के शिक्षण संस्थान निश्तार अस्पताल में शवों को खुले में सड़ते हुए देखा गया।ऊपर की मंजिल पर बिखरे हुए अवशेषों को फेंक दिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक शवों की संख्या 500 से ज्यादा होने की आशंका जताई जा रही है। छत पर पड़े शवों की जानकारी पंजाब के मुख्यमंत्री सलाहकार चौधरी जमां गुर्जर ने दी। जिसके बाद अस्पताल में दहशत फैल गई।

निश्तार मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता डॉ सज्जाद मसूद ने दिल दहला देने वाली घटना पर एक बयान जारी किया और दावा किया कि खुले आसमान के नीचे शव सड़ने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सज्जाद ने कहा कि मामले की जांच के लिए विभिन्न जांच समितियों का गठन किया गया है और इस बात से इनकार किया कि छत पर इतनी संख्या में शव थे। उन्होंने दावा किया कि छत पर केवल चार शव थे जिन्हें प्राकृतिक रूप से सूखने के लिए छोड़ दिया गया था। इन्हें मेडिकल छात्रों की शिक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।

उन्होंने कहा कि चार से पांच साल पुराने शवों का इस्तेमाल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए भी किया जाता था। हालांकि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कई शवों को छत पर फेंकते हुए देखा गया।जिसके बाद अफवाहें उड़ीं कि शवों को चील और गिद्धों के चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए छत पर रखा गया था। घटना की जानकारी मिलने के बाद पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव दक्षिण साकिब जफर ने एक जांच कमेटी गठित कर मामले पर सख्त संज्ञान लिया।

तीन दिन में रिपोर्ट पेश करेंगे 

विशेष स्वास्थ्य सेवा सचिव ने घटना की गहन जांच के लिए छह सदस्यीय जांच समिति के गठन की अधिसूचना जारी की है।समिति की अध्यक्षता अतिरिक्त सचिव विशेष स्वास्थ्य देखभाल मुजामिल बशीर करेंगे। वह तीन दिनों में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

'पाकिस्तान' दुनिया के खतरनाक देशों में से एक हैं 

'पाकिस्तान' दुनिया के खतरनाक देशों में से एक हैं 

सुनील श्रीवास्तव   

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। जो बाइडन ने डेमोक्रेटिक कांग्रेस की अभियान समिति के स्वागत समारोह में यह बात कही है। व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर प्रकाशित बयान में  बाइडेन के हवाले से कहा गया, “मुझे लगता है कि पाकिस्तान शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार तो हैं, लेकिन बिखराव है क्योंकि इस देश के पास बिना किसी समझौते के ही परमाणु हथियार हैं ।


उन्होंने कहा कि बहुत कुछ दांव पर लगा है। उन्होंने ने इस बात पर बल दिया कि अमेरिका के पास दुनिया को उस स्थान पर ले जाने की क्षमता है जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, दुनिया तेजी से बदल रही है, यहां तक कि यह नियंत्रण से बाहर है, हालांकि किसी एक व्यक्ति या एक राष्ट्र के कारण नहीं। उन्होंने कहा, “क्या आप में से किसी ने कभी सोचा था कि क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से आपके पास एक रूसी नेता होगा, जो सामरिक परमाणु हथियारों के उपयोग की धमकी दे सकता है और तीन, चार हजार लोगों को मार सकता है एक जगह पाने के लिए।

शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2022

बिना पुरुष महिलाएं कर सकेंगी हज और उमराह

बिना पुरुष महिलाएं कर सकेंगी हज और उमराह

राम मनोहर गुप्ता

रियाद। सऊदी किंगडम का बड़ा ऐलान बिना पुरुष गार्जियन के भी महिलाएं कर सकेंगी हज और उमराह। सऊदी किंग्डम ने फैसला किया है कि हज और उमराह के लिए महिलाओं को अब पुरुष गार्जियन या महरम के साथ की नहीं है जरूरत।

सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्री तौफीक बिन फवजान अल-रबियाह ने एक बयान में कहा कि यह फैसले दुनियाभर के तीर्थयात्रियों पर होंगे लागू। सऊदी किंग्डम ने रियाद में इस ऐतिहासिक फैसले का किया ऐलान।
सऊदी किंग्डम ने कहा कि इस फैसले से सरल होंगे महिलाओं के जीवन।पहले महिलाओं और बच्चों को बिना गार्जियन के हज और उमराह करने की नहीं थी इजाजत। इसके लिए उन्हें एक पुरुष की पड़ती थी जरूरत जो पूरे हज के दौरान होते थे उनके साथ।

सऊदी किंग्डम का मानना है कि इस फैसले से सामाजिक आर्थिक समस्याओं से घिरीं महिलाओं के लिए हज और उमराह करना होगा आसाना। इस्लाम धर्म में कहा जाता है कि जो लोग इसके काबिल हैं या जो इसके खर्च कर सकते हैं वहन उनके लिए हज करना लाजिमी है। हज मंत्री के पूर्व सलाहकार इब्राहीम हुसैन ने कहा कि वे महिलाएं जो हज करना चाहती हैं कुछ के लिए महरम को साथ लाना मुश्किल हो सकता है और इसके लिए खर्च भी बढ़ सकते हैं।लेकिन इस फैसले से अब उनके लिए हज या उमराह करना हो जाएगा आसान।

सऊदी हज मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पूरे क्षेत्र में साथ ही ट्रांसपोर्टेशन के सभी साधनों और बंदरगाहों पर बढ़ा दी गई है सुरक्षा। जिससे महिलाओं को हज और उमराह के दौरान मिल सकेगी सुरक्षा।
हज मंत्रालय ने यह भी बताया कि उत्पीड़न विरोधी ढांचे समेत एक मजबूत बुनियादी ढांचे को कानून में किया गया है लागू। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं ये फैसले।इतना ही नहीं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हवाई अड्डों, सीमा पार बंदरगाहों, ग्रैंड मस्जिद, पैगंबर की मस्जिद, और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में लगाए गए हैं सुरक्षा कैमरे।

गौरतलब है कि दुनिया में सऊदी अरब की, एक कट्टरवाद देश के रूप में थी पहचान, जिसे सऊदी किंग्डम बदलने की कर रहा है कोशिश। बताते चलें कि सऊदी अरब में महिलाओं को लेकर पहले भी उठाए गए हैं कई बड़े कदम।

जर्मनी ने यूक्रेन को वायु रक्षा प्रणाली संयंत्र प्रदान किए 

जर्मनी ने यूक्रेन को वायु रक्षा प्रणाली संयंत्र प्रदान किए 
सुनील श्रीवास्तव
वॉशिंगटन डीसी। रूस के हमले के बाद नाटो देशों ने यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता बढ़ा दी है। यूक्रेन ने कहा है कि उसे जर्मनी से आईरिस टी एसएलएम वायु रक्षा प्रणाली मिली है। इसकी चार प्रणालियाँ हैं।

दावा किया जा रहा है कि यह एक परिष्कृत वायु रक्षा प्रणाली है, जिसका अभी तक उपयोग नहीं किया गया है। यह विमान, हेलीकॉप्टर, क्रूज मिसाइल या रॉकेट पर हमला करने से बचने के लिए मिसाइल को चकमा देता है। एक मध्यम आकार के शहर को ऐसी प्रणाली से संरक्षित किया जा सकता है। एसएलएम 20 किमी की ऊंचाई और 40 किमी की दूरी तक किसी भी लक्ष्य को लक्षित कर सकता है। यह प्रणाली रूसी हमलों को विफल करने में अहम भूमिका निभा सकती है। इससे पहले बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में भी 50 देशों के रक्षा अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें यूक्रेन को एयर डिफेंस सिस्टम देने पर चर्चा हुई थी।

यूक्रेन के ज़ापोरिज्ज्या परमाणु ऊर्जा संयंत्र में रूसी हमले के कारण पांच दिनों में दूसरी बार बिजली गुल हो गई है। ऐसा प्लांट को ठंडा रखने वाले डीजल प्लांट के लिए खतरे को देखते हुए किया गया है।

उपग्रह नष्ट करने वाली मिसाइलें बना रहा है चीन

उपग्रह नष्ट करने वाली मिसाइलें बना रहा है चीन

अखिलेश पांडेय

लंदन। रूस की आक्रामकता से पूरी दुनिया चिंतित है। इस बीच ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि रूस नहीं चीन इन दिनों सबसे बड़ा खतरा है। डिजिटल करेंसी जैसी नई तकनीकों में चीन का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। चीन इसका इस्तेमाल अपनी आबादी, पड़ोसी देशों और लेनदारों को नियंत्रित करने के लिए कर रहा है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यू के प्रमुख सर जेरेमी फ्लेमिंग ने कहा कि अंतरिक्ष में चीन की ताकतकी बढ़ती। यह अंतरिक्ष को जीतने के लिए स्टार वार्स फिल्म जैसे हथियार विकसित कर रहा है। इसके Baidu सैटेलाइट नेटवर्क का इस्तेमाल किसी को भी कहीं भी ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है। फ्लेमिंग ने चेतावनी दी कि रूस और चीन दोनों के पास उपग्रह रोधी हथियार हैं। ये सैटेलाइट मिसाइलों के समान हैं लेकिन चीन अब लेजर सिस्टम पर काम कर रहा है। यह संचार, निगरानी और जीपीएस उपग्रहों को नष्ट कर देता हैहो सकता है। यदि उपग्रह नष्ट हो जाता है, तो मिसाइल लक्ष्य का पता नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन को वैश्विक प्रौद्योगिकी पर हावी होने की चीन की नीति पर अंकुश लगाने की जरूरत है।

बुधवार, 12 अक्तूबर 2022

इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार की पहली बार पब्लिक टेस्टिंग  

इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार की पहली बार पब्लिक टेस्टिंग  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत 

आबुधाबी। इलेक्ट्रॉनिक वाहन बनाने वाली चीनी कंपनी एक्सपेंग द्वारा बनाई गई इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार की पहली बार दुबई में पब्लिक टेस्टिंग की गई। 8 प्रोपेलर वाले इस वाहन में 2 यात्री बैठ सकते हैं और कंपनी के मुताबिक, इसकी अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर/घंटा है। टेस्ट फ्लाइट की कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं। कार को उड़ते हुए देखना एक ज़माने में सिर्फ़ कल्पना का हिस्सा था, लेकिन टेक्नोलॉजी ने उसे सच कर दिखाया। अब UAE में पहली फ्लाइंग कार ने उड़ान भर ली। इसे चीनी इलेक्ट्रॉनिक वाहन निर्माता कंपनी Xpeng Inc द्वारा बनाया गया है। यह कंपनी इंटरनेशनल मार्केट में इलेक्ट्रिक विमान लॉन्च करने की दिशा में काम कर रही है।

कपनी ने X2 नाम की एक दो सीटर इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (eVTOL) विमान को बनाया है, जिसे 8 Propeller हवा में उठाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुबई में इस चाइनीज इलेक्ट्रिक मोटर कार XPENG X2 के लॉन्च के समय इंटरनेशनल मीडिया के प्रतिनिधियों में 150 लोगों की तादाद मौजूद रही। दुबई नागरिक उड्डयन प्राधिकरण से एक विशेष उड़ान के लिए परमिट हासिल करने के बाद इसकी पहली सार्वजनिक उड़ान भरी गई।

इस इलेक्ट्रिक कार X2 को टेस्टिंग के दौरान लगभग 90 मिनट तक हवा में उड़ाया गया। फ्लाइट टेस्ट में मौजूद लोगों को हैरान कर देने वाली इस इलेक्ट्रिक कार को पूरी तरह से कार्बन फाइबर से बनाया गया है। कंपनी ने अपनी दो सीटों वाली फ्लाइंग कार को एक बटन से स्टार्ट करने का सिस्टम बनाया है। जो ड्राइविंग मोड मैनुअल और ऑटोनॉमस से लैस है। कंपनी ने यह भी दावा किया है कि इसे बिना किसी चिंता के आसानी से टेकऑफ और लैंड कराया जा सकता है। वहीं कंपनी द्वारा बनाई गई इस X2 फ्लाइंग कार सिर्फ उड़ने में सक्षम है। इस साल इस इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार का एडवांस वर्जन भी मार्केट में लॉन्च होगा। इसे रोड पर भी ड्राइव किया जा सकता है। हालांकि X2 का इस्तेमाल पब्लिक के लिए टैक्सी के रूप में होगा।

कब किया जाएगा पेश ?

Xpeng द्वारा सोमवार को किया गया परीक्षण एक मानव रहित उड़ान था, हालांकि कंपनी का दावा है कि उसने पहले इंसानों के साथ वाले उड़ानों का परीक्षण किया है। इस उड़ने वाली कार में लोगों की सुरक्षा को लेकर अब भी सवाल उठ रहे हैं। इसके साथ ही, इन कारों की शुरुआत से पहले बैटरी सेफ्टी, एयर ट्रैफिक, इन्फ्रास्ट्रक्चर और कॉस्ट को लेकर भी चिताएं हैं। इसके बावजूद, दुबई में अगले कुछ सालों में इन उड़ने वाली कारों को पेश करने पर विचार किया जा रहा है।

कारोबार: गिरावट के साथ 82.35 पर पहुंचा 'रुपया'

कारोबार: गिरावट के साथ 82.35 पर पहुंचा 'रुपया'

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और विदेशी कोषों की लगातार निकासी के बीच बुधवार को शुरुआती कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट के साथ 82.35 पर था। इसके अलावा निवेशकों के बीच जोखिम से बचने की भावना और एशियाई मुद्रा तथा उभरते बाजारों की मुद्राओं में कमजोरी से भी रुपया प्रभावित हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया, डॉलर के मुकाबले 82.32 पर खुला, और फिर गिरावट के साथ 82.35 पर पहुंच गया। इस तरह रुपया पिछले बंद भाव के मुकाबले 14 पैसे की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा था। शुरुआती सौदों में रुपया 82.28 प्रति डॉलर के स्तर तक गया था।

रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे चढ़कर 82.21 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.23 प्रतिशत बढ़कर 113.48 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल सूचकांक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.67 प्रतिशत गिरकर 93.66 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 4,612.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार में आई तेजी...

वैश्विक बाजारों में कमजोर रूख के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी, धातु तथा ऊर्जा कंपनियों के शेयरों में लिवाली की वजह से घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार को उछाल आया और इस दौरान सेंसेक्स 179 अंक से अधिक चढ़ गया। तीन कारोबारी सत्रों में गिरावट के बाद बुधवार को 30 शेयरों वाले बीएसई सेंसेक्स ने सकारात्मक शुरुआत की और यह 179.53 अंक चढ़कर 57,326.85 पर पहुंच गया।

व्यापक एनएसई निफ्टी 52.75 अंक बढ़कर 17,036.30 पर था। सेंसेक्स में एचसीएल टेक्नोलॉजीज, पॉवर ग्रिड, एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, विप्रो, सन फार्मा, टेक महिंद्रा, टीसीएस, इंफोसिस और कोटक महिंद्रा बैंक बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर एशियन पेंट्स और भारती एयरटेल में गिरावट हुई। अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिकी बाजार मिलेजुले रूख के साथ बंद हुए। पिछले कारोबारी सत्र में मंगलवार को तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 843.79 अंक यानी 1.46 प्रतिशत लुढ़ककर 57,147.32 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 257.45 अंक यानी 1.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 16,983.55 अंक पर बंद हुआ था। इस बीच अंतरराष्ट्रीय तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड वायदा 0.64 फीसदी फिसलकर 93.70 प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को शुद्ध रूप से 4,612.67 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

नेपाल: बाढ़ और भूस्खलन में 33 लोगों की मौंत 

नेपाल: बाढ़ और भूस्खलन में 33 लोगों की मौंत 

अखिलेश पांडेय 

काठमांडू। नेपाल में पिछले एक हफ्ते भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 33 लोगों की मौंत हो गई है। स्थानीय मीडिया ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी करके यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि मॉनसून बारिश से उत्तर-पश्चिम में करनाली प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित है। इस प्रांत से हजारों निवासियों को सुरक्षित निकाला गया। नेपाल में मानसून आमतौर पर जून में शुरू होता है और अक्टूबर में समाप्त हो जाता है।

नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के अनुसार, इस साल हिमस्खलन और भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ से करीब 110 लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बीबीसी ने बताया कि पूरे प्रांत में कम से कम 22 लोग अब भी लापता हैं और इसी दौरान कई अन्य घायल हुए हैं। बचावकर्मियों को पर्वतीयक्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के कारण यहां तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

अन्नपूर्णा पोस्ट में एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, “हमने सुरखेत से हेलीकॉप्टर को बचावकार्य के लिए तैनात किया है।” उन्होंने कहा कि मौसम में सुधार नहीं होने के कारण बचावकार्य में बाधा आ रही है। निचले कालीकोट जिले से पिछले एक सप्ताह में भारी बारिश की चेतावनी के बीच हजारों लोगों को उनके घरों से निकाला गया।

नेपाल के आपातकालीन अधिकारियों ने कहा कि प्रांत के कुछ इलाकों में करनाली नदी का जलस्तर 39 फीट से अधिक तक बढ़ गई है और नदी पर बने कई पुल भी बह गए। रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी अधिकारियों ने हेलीकॉप्टरों से क्षेत्र को सहायता भेजी है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों ने कहा कि वे नेपाल में सबसे बुरी तरह प्रभावित समुदायों को भोजन और दवा वितरित कर रहे हैं।

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की

'पीएम' मोदी ने अभिनेत्री रश्मिका की तारीफ की अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। नेशनल क्रश रश्मिका मंदाना सिर्फ साउथ सिनेमा का ही नहीं, अब ...