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मंगलवार, 31 मई 2022

पहला ट्रांजेक्शन करने पर कैशबैक मिलेगा‌: व्हाट्सएप

पहला ट्रांजेक्शन करने पर कैशबैक मिलेगा‌: व्हाट्सएप

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव         
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। व्हाट्सएप दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप है। इस प्लेटफॉर्म पर आपको पेमेंट का भी ऑप्शन मिलता है। क्या हो अगर आपको व्हाट्सएप पर मैसेज करने के साथ पैसे भी मिलें। इस प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को कैशबैक मिल रहा है। दरअसल, पेमेंट करने पर यूजर्स को कैशबैक मिल रहा है‌। ऐप एक ट्रांजेक्शन पर 35 रुपये का कैशबैक दे रहा है। यह ऑफर सभी यूजर्स के लिए नहीं है, इसके लिए कुछ शर्तें पूरी करने होंगी। व्हाट्सएप पेमेंट यूज करके पहला ट्रांजेक्शन करने पर आपको कैशबैक मिलेगा‌। यूजर्स तीन बार तक इस ऑफर का फायदा उठा सकते हैं, इसके लिए उन्हें तीन बार अलग-अलग यूजर को पैसे ट्रांसफर करने होंगे। पाने के लिए यूजर्स को कुछ जरूरी शर्तों को पूरा करना होगा। 
व्हाट्सएप का कैशबैक ऑफर अलग-अलग समय पर अलग-अलग यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा। जब कैशबैक ऑफर आपको मिलेगा, तब ही आप इसका फायदा उठा सकेंगे।जैसे ही आपको वॉट्सऐप कैशबैक का ऑफर मिलेगा‌। आप किसी भी दूसरे व्हाट्सएप यूजर को पैसे ट्रांसफर करके 35 रुपये तक का कैशबैक हासिल कर सकते हैं। पेश, मिलेगा दमदार प्रोसेसर अच्छी बात ये है कि इसके लिए किसी मिनिमम अमाउंट के ट्रांजेक्शन की लीमिट नहीं है‌। यानी आप कितने भी रुपये ट्रांसफर कर कैशबैक का फायदा उठा सकते हैं। ध्यान रहे कि यूजर्स को सिर्फ तीन बार ही कैशबैक मिलेगा। साथ ही एक यूजर को पेमेंट करने पर आपको सिर्फ एक बार ही कैशबैक मिलेगा।

सोमवार, 30 मई 2022

सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ भी बनें, मस्क

सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ भी बनें, मस्क 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव       
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ भी बन गए हैं। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ को साल 2021 में 23.5 अरब डॉलर यानी 1.82 लाख करोड़ रुपये की सैलरी मिली। इसमें स्टॉक ऑप्शन भी शामिल है। ये स्टॉक ऑप्शन 2018 में जारी किया गया था और इसे भुनाने की डेडलाइन 2021 तक थी। फॉर्चून-500 कंपनियों की सैलरी के मामले में मस्क पहले नंबर पर हैं। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले 10 सीईओ टेक और बायोटेक कंपनियों के हैं। इनमें ऐपल के टिम कुक, नेटफ्लिक्स के रीड हेस्टिंग्स और माइक्रोसॉफ्ट के सत्या नडेला शामिल हैं।
मस्क को 2021 में जितना पैसा मिला, वह भारतीय अरबपति लक्ष्मी मित्तल की कुल नेटवर्थ से अधिक है। मस्क को 23.5 अरब डॉलर की सैलरी मिली। फॉर्चून-500 कंपनियों में टेस्ला 65वें नंबर पर है। साल 2021 में कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल के मुकाबले 71 फीसदी उछलकर 53.8 अरब डॉलर रहा। इलेक्ट्रिक वीकल बनाने वाली यह कंपनी दुनिया की सबसे मूल्यवान ऑटो कंपनी है।
ऐपल के सीईओ टिम कुक को 2021 में सैलरी के रूप में 77.55 करोड़ डॉलर रही। इसमें अधिकांश हिस्सा शेयरों का रहा। 10 ईयर ग्रांट के रूप में उनके पास 1.7 अरब डॉलर के शेयर हैं। फॉर्चून-500 कंपनियों की लिस्ट में ऐपल तीसरे नंबर पर रही। दुनियाभर में चिप की कमी के कारण कंपनी को चुनौतियों का सामना करना पड़ा। NVIDIA के कोफाउंडर जेनसेन हुआंग 2021 में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली सीईओ की लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। इस दौरान उन्हें सैलरी के रूप में 50.7 करोड़ डॉलर मिले। नेटफ्लिक्स के रीड हेस्टिंग्स इस लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं। उन्हें सैलरी के रूप में 4.08 करोड़ डॉलर रही।

दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से 14 शव बरामद

दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से 14 शव बरामद

सुनील श्रीवास्तव
काठमांडू। नेपाल में 'तारा एअर' के पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान के मलबे से बचाव कर्मियों ने 14 शव बरामद कियें हैं। बचावकर्मियों के हवाले से बताया कि विमान के मलबे से 14 शवों को निकाला गया है।
विमानन कंपनी की ओर से जारी यात्रियों की सूची के मुताबिक विमान में मौजूद भारतीयों की पहचान अशोक कुमार त्रिपाठी, उनकी पत्नी वैभवी बांडेकर त्रिपाठी और बच्चों-धनुष त्रिपाठी व ऋतिका त्रिपाठी के तौर पर हुई है। यह परिवार महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला है।
सोमवार को नेपाल की सेना ने बताया कि रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हुए यात्री विमान का मलबा उत्तर-पश्चिमी नेपाल के मुस्तांग जिले के थसांग-2 स्थित सनोसवेयर में मिला है। यह विमान करीब 20 घंटे से लापता था।
'तारा एअर' के ‘ट्विन ओट्टर 9एन-एईटी’ विमान ने पोखरा से रविवार सुबह करीब 10 बजे उड़ान भरी थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही उसका संपर्क टूट गया। विमान में चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली नागरिकों सहित कुल 22 लोग सवार थे।
सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर नारायण सिल्वाल ने ट्वीट किया कि सैनिकों और बचावकर्मियों ने दुर्घटनास्थल का पता लगा लिया है। इससे जुड़ी विस्तृत जानकारी जल्द साझा की जाएगी। उन्होंने एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि दुर्घटनास्थल मुस्तांग जिले के थसांग-2 के सनोसवेयर में है। तस्वीर विमान के मलबे की प्रतीत होती है।
नारायण सिल्वाल ने बताया कि पुलिस निरीक्षक लेफ्टिनेंट मंगल श्रेष्ठ और एक गाइड दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियों के अन्य बचाव दल छोटे हेलीकॉप्टर के जरिये दुर्घटनास्थल पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। वहां पहुंचने के लिए हर संभव साधन के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है।

31 मई को मनाया जाएगा ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’

31 मई को मनाया जाएगा ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत         

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इस बार भी 31 मई को ही मनाया जाएगा। इस खास दिन पर तंबाकू के खतरे के बारे में दुनियाभर में जागरूकता फैलाई जाती है। तंबाकू का उपयोग किस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, इसके बारे में तमाम जानकारियां इस खास दिन पर दी जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल दुनिया भर में लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं। इस वजह से इस दिन डब्लूएचओ इस खास दिन पर जनता को तंबाकू के उपयोग के खतरों, तंबाकू कंपनियों के व्यवसाय प्रथाओं, डब्लूएचओ के प्‍लान आदि के बारे में लोगों को सूचना दी जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन वैश्विक तंबाकू संकट और महामारी से होने वाली बीमारियों और मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए साल 1987 में पहला ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ बनाया। 1987 में विश्व स्वास्थ्य सभा ने संकल्प WHA40.38 पारित किया, जिसमें 7 अप्रैल को “विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” मनाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके बाद 1988 में संकल्प WHA42.19 पारित किया गया, जिसमें 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के रूप में जारी किया गया। तब से आज तक इस दिन दुनिया भर में तंबाकू और इसके सेवन के घातक परिणामों के प्रति लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्‍व
‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है। यही नहीं, इसके साथ-साथ निकोटीन व्‍यावसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है।
क्‍या है इस बार की थीम
इस बार ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ की थीम है– ‘पर्यावरण की रक्षा करें। बता दें कि पिछले साल इस दिवस की थीम “कमिट टू क्विट” थी।

प्रभावित देशों से लौटकर आए लोगों की स्क्रीनिंग होगी

प्रभावित देशों से लौटकर आए लोगों की स्क्रीनिंग होगी 

संदीप मिश्र
लखनऊ/नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। उत्तर प्रदेश में मंकी पॉक्स से प्रभावित देशों से बीते 21 दिनों के भीतर लौटकर आए लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर वह दूसरे देश में मंकी पाक्स से संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आए हैं और उनमें इस रोग के लक्षण हैं तो उन्हें तत्काल आइसोलेट कर दिया जाएगा। ऐसे लोगों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी), पुणे भेजे जाएंगे। संचारी रोग विभाग की ओर से विस्तृत गाइड लाइन जारी कर दी गई है। सभी एयरपोर्ट पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। निगरानी कमेटियों को भी अलर्ट कर दिया गया है।
हलांकि, अभी तक भारत में मंकी पाक्स से संक्रमित एक भी व्यक्ति नहीं पाया गया है। महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा. वेद ब्रत सिंह ने बताया कि अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा व यूनाइटेड किंगडम आदि देशों में मंकी पाक्स का संक्रमण फैला है। मंकी पॉक्स एक वायरल जूनेटिक बीमारी है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ-साथ शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। मंकी पाक्स जानवरों से मानव में अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह वायरस कटी-फटी त्वचा, सांस नली या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है।
जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण जानवरों के काटने या खरोंचने, जंगली जानवरों के मांस,शारीरिक द्रव्यों या घाव के पदार्थ के साथ सीधे संपर्क या फिर उसके दूषित बिस्तर के माध्यम से हो सकता है। वहीं मनुष्य से मनुष्य में यह बड़े आकार के रेस्पायरेटरी ड्रापलेट्स या फिर संक्रमित व्यक्ति के घाव के स्राव के सीधे संपर्क में आने से हो सकता है। इसके लक्षण चेचक से मिलते-जुलते हैं। मनुष्य सात से 14 दिन या फिर 21 दिनों तक भी हो संक्रमित रह सकता है।
संक्रमित व्यक्ति चकत्तों के दिखने से एक-दो दिन पहले से चकत्तों की पपड़ी गिरने तक संक्रमक बना रह सकता है। यानी वह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। सभी जिलों में सर्विलांस टीमें अलर्ट की गई हैं। संदिग्ध मरीज के वेसिकल्स के तरल पदार्थ, रक्त, बलगम इत्यादि के सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस संक्रामक रोग की मृत्यु दर एक प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक है।

रविवार, 29 मई 2022

दक्षिण एशियाई देशों के लिए समस्‍या बना, वायु प्रदूषण

दक्षिण एशियाई देशों के लिए समस्‍या बना, वायु प्रदूषण 

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत         
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वायु प्रदूषण खासकर दक्षिण एशियाई देशों के लिए बहुत विकट समस्‍या बन गया है। इस विपत्ति की सबसे ज्‍यादा तपिश दक्षिण एशियाई देशों भारत, पाकिस्‍तान, बांग्‍लादेश और नेपाल को सहन करनी पड़ रही है। वायु प्रदूषण संपूर्ण दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी समस्या है और इस क्षेत्र में स्थित कोई भी देश इससे अकेला नहीं लड़ सकता। भारत और पाकिस्‍तान के सांसदों ने इन देशों का एक ऐसा मंच तैयार करने की जरूरत बतायी है, जहां पर वायु प्रदूषण से निपटने के लिये विशेषज्ञताओं और अनुभवों का आदान-प्रदान किया जा सके।
पर्यावरण थिंक टैंक ‘क्‍लाइमेट ट्रेंड्स’ ने वायु प्रदूषण, जन स्‍वास्‍थ्‍य और जीवाश्‍म ईंधन के बीच अंतर्सम्‍बंधों को तलाशने और सभी के लिये स्‍वस्‍थ धरती से सम्‍बन्धित एक विजन का खाका खींचने के लिये शनिवार को एक ‘वेबिनार’ का आयोजन किया। 
वेबिनार में असम की कलियाबोर सीट से सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि वायु प्रदूषण के मामले में पूरी दुनिया की नजर दक्षिण एशिया पर होती है, क्‍योंकि ये विशाल भूभाग प्रदूषण की समस्‍या का सबसे बड़ा शिकार है, लिहाजा हमें अपने मानक और अपने समाधान तय करने होंगे। हमें एक ऐसा मंच और ऐसे मानक तैयार करने होंगे जिनसे इस सवाल के जवाब मिलें कि हमने स्टॉकहोम और ग्लास्गो में जो संकल्प लिए थे उन्हें दिल्ली, लाहौर, ढाका और दिल्ली में कैसे लागू किया जाएगा। यह मंच विभिन्न विचारों के आदान-प्रदान का एक बेहतरीन प्लेटफार्म साबित होगा। उन्‍होंने कहा कि जब हम वायु प्रदूषण के एक आपात स्थिति होने के तौर पर बात करते हैं तो इस बात को भी नोट करना चाहिए कि हम इस मुद्दे पर कितना ध्‍यान केन्द्रित करते हैं। इन मामलों में सांसद बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम इस क्षेत्र में अपने सांसदों की क्षमता को और बढ़ाएं। उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि वायु प्रदूषण उनके अपने राज्य को किस तरह प्रभावित कर रहा है ताकि वे अपने क्षेत्र में सर्वे कर सकें और लोगों को जागरूक बना सकें। इससे यह भी पता लगेगा कि वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर हमारे स्‍थानीय निकाय कितने तैयार हैं।
पाकिस्‍तान के सांसद रियाज फतयाना ने वायु प्रदूषण को दक्षिण एशिया के लिये खतरे की घंटी बताते हुए महाद्वीप के स्‍तर पर मिलजुलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि दक्षिण एशियाई सांसदों का एक फोरम बनाया जाना चाहिए जहां इन विषयों पर बातचीत हो सके। पाकिस्तान में वायु प्रदूषण की समस्या बहुत ही खतरनाक रूप लेती जा रही है। जहां एक तरफ दुनिया कह रही है कि नए कोयला बिजलीघर न लगाए जाएं लेकिन दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों में अब भी इन्‍हें लगाए जाने का सिलसिला जारी है। इनकी वजह से होने वाला वायु प्रदूषण जानलेवा साबित हो रहा है।
उन्‍होंने कहा कि हमें वैकल्पिक ऊर्जा और एनवायरमेंटल एलाइनमेंट दोनों पर ही काम करना होगा। एक दूसरे के अनुभवों का आदान-प्रदान करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमें और भी ज्यादा प्रभावी कानून बनाने होंगे। क्‍लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने कहा कि वायु की गुणवत्ता का मसला अब सिर्फ भारत की समस्या नहीं रहा, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया की भी समस्या बन चुका है। दुनिया वर्ष 1972 में स्टॉकहोम में ह्यूमन एनवॉयरमेंट पर हुई संयुक्‍त राष्‍ट्र की पहली कॉन्फ्रेंस की 50वीं वर्षगांठ अगले महीने मनाने जा रही है। यह इस बात के आकलन के लिए एक महत्वपूर्ण वर्ष है कि किस तरह से जैव विविधता तथा पर्यावरण से जुड़े अन्य तमाम पहलू मौजूदा स्थिति से प्रभावित हो रहे हैं। वायु प्रदूषण एक प्राथमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य इमरजेंसी है। दक्षिण एशिया यह मानता है कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ राजनीतिक मसला नहीं है बल्कि सामाजिक और आर्थिक समस्या भी बन चुका है।
बांग्लादेश के सांसद साबेर चौधरी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये राजनीतिक इच्‍छाशक्ति की जरूरत बेहद महत्‍वपूर्ण है। हमें पूरी दुनिया में सांसदों की ताकत का सदुपयोग करना चाहिये। वायु प्रदूषण एक पर्यावरणीय आपात स्थिति नहीं बल्कि प्लेनेटरी इमरजेंसी है। इसकी वजह से वॉटर स्ट्रेस और खाद्य असुरक्षा समेत अनेक आपदाएं जन्म ले रही हैं। वायु प्रदूषण दक्षिण एशिया के लिये एक साझा चुनौती है। यह किसी एक देश की सेहत का सवाल नहीं है। यह पूरे दक्षिण एशिया का प्रश्न है। सांसद के रूप में मैं जन स्‍वास्‍थ्‍य पर ध्‍यान केन्द्रित करना चाहता हूं। हमें नये सिरे से विकास की परिकल्पना करनी होगी।
नेपाल की सांसद पुष्पा कुमारी कर्ण ने काठमांडू की दिन-ब-दिन खराब होती पर्यावरणीय स्थिति का विस्‍तार से जिक्र करते हुए कहा कि वायु प्रदूषण दुनिया की सभी जानदार चीजों की सेहत पर प्रभाव डाल रहा है। काठमांडू नेपाल की राजधानी है और यह दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। हर साल सर्दियों के मौसम में काठमांडू में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब हो जाती है। ऑटोमोबाइल्स और वाहनों की बढ़ती संख्या की वजह से समस्या दिन-ब-दिन विकट होती जा रही है। काठमांडू में पीएम 2.5 का स्तर डब्ल्यूएचओ के सुरक्षित मानकों के मुकाबले 5 गुना ज्यादा है। हालांकि नेपाल सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक योजना तैयार की है। इसी तरह की योजनाएं दक्षिण एशिया के अन्य देशों में भी लागू की जानी चाहिए।
वायु प्रदूषण खासकर दक्षिण एशियाई क्षेत्रों के लिये एक स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍बन्‍धी आपात स्थिति बन गया है। मेदांता हॉस्पिटल के ट्रस्‍टी डॉक्‍टर अरविंद कुमार ने कहा कि भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल को यह सवाल पूछने की जरूरत है कि जलवायु परिवर्तन कितना प्रभावी है। इन चारों देशों में वायु प्रदूषण के स्तर खतरनाक रूप ले चुके हैं। वायु प्रदूषण सिर्फ पर्यावरणीय और रासायनिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह विशुद्ध रूप से स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ा मसला है।
फेफड़े के विशेषज्ञ के तौर पर वह अपने 30 साल के अनुभव से कहते हैं कि फेफड़े के कैंसर के लगभग 50 प्रतिशत मरीज ऐसे आ रहे हैं जो धूम्रपान नहीं करते। इसके अलावा 10 प्रतिशत मरीज 20 से 30 साल के बीच के होते हैं। भारत के 30% बच्चे यानी हर तीसरा बच्‍चा दमा का मरीज है। वायु प्रदूषण सिर्फ हमारे फेफड़ों को ही नुकसान नहीं पहुंचा रहा है बल्कि इसकी वजह से दिल की बीमारियां, तनाव, अवसाद और नपुंसकता समेत अन्य अनेक रोग पैदा हो रहे हैं। गर्भ में पल रहे बच्चे को भी समस्याएं हो रही हैं। यानी पैदाइश से पहले से लेकर मौत तक वायु प्रदूषण हमें प्रभावित कर रहा है। हमारे पास वायु प्रदूषण को समाप्त करने के अलावा और कोई चारा नहीं है। हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और इस दिशा में काम करने का सबसे सही समय आज ही है।
नेपाली रेस्पिरेटरी सोसाइटी के अध्‍यक्ष डॉक्‍टर रमेश चोखानी ने दक्षिण एशिया के पर्वतीय देश नेपाल में वायु प्रदूषण की चिंताजनक स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि नेपाल जीवाश्म ईंधन का प्रमुख उपयोगकर्ता है और वह ज्यादातर जीवाश्म ईंधन को भारत से आयात करता है। नेपाल में अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की कमी की वजह से मजबूरन बायोमास और लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है। नेपाल की ज्यादातर आबादी परंपरागत बायोमास पर निर्भर करती है। नेपाल में बायोमास जलने के कारण उत्‍पन्‍न वायु प्रदूषण की वजह से हर साल तकरीबन 7500 लोगों की मौत होती है।
उन्‍होंने बताया कि वायु प्रदूषण को लेकर आपात स्थिति से गुजरने के बावजूद पिछले पांच सालों में नेपाल में पेट्रोल की खपत लगभग दोगुनी हो गयी है। डीजल का उपयोग भी लगभग 96% बढ़ा है। हाल ही में 69 किलोमीटर की पेट्रोलियम पाइपलाइन बिहार के मोतिहारी से नेपाल के बीच तैयार की गई है। इसका मतलब यह है कि नेपाल सरकार का अक्षय ऊर्जा में रूपांतरण का कोई भी इरादा नहीं है। हालांकि नेपाल के पास अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बड़े पैमाने पर ऊर्जा उत्पादन करने की क्षमता है। उसके पास वायु, हाइड्रो और सोलर पावर उत्पन्न करने की काफी संभावना है लेकिन अभी उन पर ज्यादा काम नहीं किया गया है। अगर हाइड्रो पावर की तमाम संभावनाओं का सर्वश्रेष्ठ दोहन किया जाए तो इससे नेपाल की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। नेपाल के पास काफी प्राकृतिक संपदा है लेकिन उसका सही उपयोग नहीं हो रहा है। बांग्लादेश लंग फाउंडेशन के काजी बेन्नूर ने कहा कि जीवाश्म ईंधन यानी कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस की वजह से अनेक पर्यावरणीय तथा स्‍वास्‍थ्‍य सम्‍बन्‍धी नुकसान होते हैं।
इससे जीवाश्म ईंधन की आपूर्ति श्रृंखला के हर चरण में अतिरिक्‍त भार पैदा होता है। जब जीवाश्म ईंधन को जलाया जाता है तो उससे कार्बन डाइऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैस उत्पन्न होती है जो जलवायु परिवर्तन को बढ़ावा देती है। जीवाश्म ईंधन से पैदा होने वाली गैसों की वजह से समुद्रों का अम्‍लीकरण, अत्यधिक बारिश और समुद्र के जल स्तर में वृद्धि होती है। जीवाश्म ईंधन जलाने के कारण उत्पन्न वायु प्रदूषण की वजह से दमा, कैंसर, दिल की बीमारी और असामयिक मौत हो सकती है। वैश्विक स्तर पर हर पांच में से एक मौत वायु प्रदूषण की वजह से होती है। वहीं, प्रदूषण दुनिया में चौथा सबसे बड़ा मानव स्वास्थ्य संबंधी खतरा है।
उन्‍होंने कुछ आंकड़े देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण एक अदृश्य हत्यारा है। दक्षिण एशिया में 29% लोगों की मौत फेफड़े के कैंसर से होती है, 24% लोगों की मौत मस्तिष्क पक्षाघात से, 25% लोगों की मौत दिल के दौरे से और 43 प्रतिशत लोगों की मौत फेफड़े की बीमारी से होती है। दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में वायु प्रदूषण की वजह से 20 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु होती है।
फॉसिल फ्यूल ट्रीटी के हरजीत सिंह ने वायु प्रदूषण के लिये मौजूदा आर्थिक ढर्रे को काफी हद तक जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा कि हम मौजूदा आर्थिक मॉडल के साथ आगे नहीं बढ़ सकते। हमें एक ऐसे विकास मॉडल की जरूरत है जो हमारे पर्यावरण को संरक्षण देता हो।
कोई भी देश मौजूदा आर्थिक ढर्रे से हटना नहीं चाहता है, लेकिन ऐसा किए बगैर दुनिया को सुरक्षित नहीं बनाया जा सकता। इसके लिए हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की भी जरूरत होती है। क्योंकि इसके बिना कुछ नहीं हो सकता।

'भारत के कब्जे वाली भूमि' वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध

'भारत के कब्जे वाली भूमि' वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध  

अखिलेश पांडेय       
काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार 'भारत के कब्जे वाली विवादित भूमि' वापस लेने के लिए प्रतिबद्ध है। बजट पेश करने से पहले संसद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार देश की जमीन की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
कालापानी क्षेत्र में नेपाल और भारत के बीच लंबे समय से सीमा विवाद है। के.पी. शर्मा ओली सरकार ने मई 2020 में कल्पना, लिपुलेख और लिंपियाधुरा - सभी भारतीय क्षेत्रों को शामिल करते हुए एक नए राजनीतिक मानचित्र का अनावरण किया था। भारत ने नेपाल द्वारा एकतरफा क्षेत्रीय विस्तार को "काटरेग्राफिक अभिकथन' के रूप में खारिज कर दिया था और नेपाल से स्थापित राजनयिक तंत्र के माध्यम से विवाद को निपटाने का आग्रह किया था।
देउबा ने शनिवार को कहा कि चूंकि सीमा से संबंधित मुद्दा संवेदनशील है, इसलिए सरकार इसे बातचीत और कूटनीतिक तरीकों से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाल के हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने शुक्रवार को सदन को संबोधित करते हुए भारत के कब्जे वाली जमीन को वापस लेने में विफल रहने के लिए देउबा सरकार की आलोचना की।
देउबा ने कहा कि भारत के साथ संबंध बहुआयामी हैं और सहयोग के क्षेत्र विविध हैं।उन्होंने ओली को दिए जवाब में कहा, "हम अपने विदेशी संबंधों का संचालन करते हुए गुटनिरपेक्षता की नीति पर चल रहे हैं। राष्ट्रीय हित, पारस्परिक लाभ और सम्मान बनाए रखते हुए सरकार पड़ोसियों और सभी मित्र राष्ट्रों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। नेपाल से संबंधित भूमि की रक्षा के लिए सरकार भी प्रतिबद्ध है।
देउबा ने अपने बयान में नेपाल और भारत के बीच पहली बार 2014 में हस्ताक्षरित ऊर्जा सहयोग पर भी प्रकाश डाला। पिछले जुलाई में देउबा के सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने पहले ही भारत को एक जलविद्युत परियोजना का अनुबंध देने का फैसला किया है और दूसरे को विकसित करने के लिए बातचीत जारी है।
तीन साल से लंबित नेपाल-भारत संबंधों पर प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के मुद्दे पर देउबा ने ओली से पूछा कि उन्हें तीन साल पहले रिपोर्ट क्यों नहीं मिली थी।
2016 में वापस, नेपाल और भारत ने नेपाल-भारत मैत्री संधि 1950 सहित द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने के लिए आठ सदस्यीय ईपीजी का गठन किया था, और इसने कहा कि एक विस्तृत रिपोर्ट के साथ आने के लिए लगभग साढ़े तीन साल तक काम किया है और इसे जल्द ही नेपाल और भारत के प्रधानमंत्रियों को सौंपेंगे। भारतीय पक्ष कुछ आपत्तियों के कारण रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए अनिच्छुक था।
ओली ने रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए माहौल बनाने में विफल रहने के लिए देउबा सरकार की आलोचना की थी। जब ईपीजी रिपोर्ट तैयार हुई तो ओली नेपाल में प्रधानमंत्री थे।
देउबा ने ओली से कहा, आपको तीन साल पहले रिपोर्ट प्राप्त करने से किस बात ने रोका नेपाल सरकार एक ऐसा माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि रिपोर्ट दोनों पक्षों को सौंपी जा सके।
ओली द्वारा एक-चीन नीति का सम्मान करने की नेपाल की लंबे समय से चली आ रही स्थिति के उल्लंघन पर सवाल उठाने के बाद देउबा ने चीन के साथ नेपाल के संबंधों पर भी बात की। ओली ने कहा कि हाल ही में एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने काठमांडू स्थित तिब्बती शिविरों का दौरा किया, जिसने नेपाल की एक-चीन नीति का उल्लंघन किया है। नेपाल लगभग 15,000 तिब्बती शरणार्थियों का घर है और कुछ 6,000 दस्तावेजीकरण से वंचित हैं। अमेरिका और कुछ पश्चिमी देश नेपाल सरकार पर पंजीकरण से वंचित शेष तिब्बतियों को शरणार्थी पहचान पत्र प्रदान करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
देउबा ने कहा कि सरकार एक चीन की नीति के लिए प्रतिबद्ध है और पूरी तरह से जानती है कि उसकी जमीन का इस्तेमाल उसके पड़ोसियों के खिलाफ नहीं किया जाएगा।

लिपुलेख-लिंपियाधुरा व कालापानी का मुद्दा उठाया

लिपुलेख-लिंपियाधुरा व कालापानी का मुद्दा उठाया 

सुनील श्रीवास्तव
काठमांडू। नेपाल ने उत्तराखंड के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी का मुद्दा फिर उठाया है। अब प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने भी इन तीनों क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताया। कहा कि इस मामले में नेपाल का रुख पूरी तरह दृढ़ है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में भी नेपाल इन क्षेत्रों पर अपना दावा कर चुका है।
देउबा ने कहा कि हमारा देश तटस्थ विदेश नीति पर चलता रहा है। नेपाल सरकार ने हमेशा राष्ट्रीय हित को सामने रखा है। पड़ोसियों और अन्य देशों से जुड़े मुद्दों में हम आपसी लाभ की नीति पर चलते हैं। सरकार अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहती है। देउबा ने कहा, सीमा का मुद्दा एक संवेदनशील मामला है। हम समझते हैं कि इन मुद्दों का समाधान संवाद के माध्यम से निकाला जा सकता है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए हम राजनयिक चैनलों के जरिये प्रयास कर रहे हैं।
बता दें कि भारत के साथ सीमा विवाद के बीच नेपाल ने चाल चलते हुए 20 मई 2020 को कैबिनेट में नए नक्शे को पेश किया था। जिसे नेपाली संसद की प्रतिनिधि सभा ने 13 जून को अपनी मंजूरी दे दी थी। इसमें भारत के कालापानी, लिपु लेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। वहीं भारत ने इसका विरोध करने के लिए नेपाल को एक डिप्लोमेटिक नोट भी सौंपा था। इसके अलावा, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नेपाल के नए नक्शे को एतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ भी करार दिया था।
नेपाल के इस कदम से भारत के साथ उसके रिश्‍तों पर गहरा असर पड़ रहा है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया था कि इस सीमा विवाद का हल बातचीत के माध्यम से निकालने के लिए आगे बढ़ना होगा। इसके बाद नेपाल ने पिथौरागढ़ से सटे बॉर्डर पर बरसों पुराने एक रोड प्रोजेक्‍ट को शुरू करवा दिया। यह रोड रणनीतिक रूप से अहम है और उसी इलाके में है जहां पर नेपाल अपना कब्‍जा बताता रहा है।


भारतीय सीमा में घुसा पाकिस्तानी ड्रोन, मार गिराया

भारतीय सीमा में घुसा पाकिस्तानी ड्रोन, मार गिराया

इकबाल अंसारी/सुनील श्रीवास्तव  
श्रीनगर/इस्लामाबाद। जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारतीय सीमा में घुसने के कुछ ही देर बाद एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया गया‌। जिस पर सात मैग्नेटिक बम एवं इतने ही यूबीजीएल ग्रेनेड थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह घटना दक्षिण कश्मीर हिमालय में पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले हुई है। इस यात्रा से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जम्मू), मुकेश सिंह ने बताया कि पुलिस तलाशी दल ने सुबह राजबाग थाना क्षेत्र के तल्ली हरिया चक इलाके में सीमा पर एक ड्रोन की गतिविधि देखी और उस पर गोलियां चलायी, तब वह नीचे गिर गया। सिंह ने बताया कि इस ड्रोन पर लादे गये सामानों की जांच के लिए बुलाये गये बम निरोधक दस्ते को सात मैग्नेटिक बम और सात ‘अंडर बैरल ग्रेनेडल लांचर’ (यूबीजीएल) मिले।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि दरअसल सीमापार से बार-बार ड्रोन की गतिविधियां होने के चलते पुलिस तलाशी दल नियमित रूप से उस क्षेत्र में भेजे जा रहे हैं। इस संघशासित प्रदेश में 30 जून से 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से शुरू होने वाली है।

शनिवार, 28 मई 2022

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, ईरान

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, ईरान 

अखिलेश पांडेय

तेहरान/वाशिंगटन डीसी। ईरान और पश्चिमी देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। अमेरिका ने प्रतिबंधों के कथित उल्लंघन के आरोप में ग्रीस के सहयोग से ईरान के तेल टैंकर जब्त किए, तो पलटवार करते हुए ईरान ने भी ग्रीस के 2 टैंकर जब्त कर लियें। साथ ही चेतावनी जारी की कि अगर उसे छेड़ा गया, तो वह जवाब देने से नहीं चूकेगा। ईरान ने रिवोल्यूशनरी गार्ड ने घोषणा की कि उसने फारस की खाड़ी से गुजर रहे ग्रीस के 2 तेल टैंकर जब्त कर लिए हैं। इन दोनों टैंकरों पर ग्रीस के झंडे लगे हुए थे। इससे पहले अमेरिका ने ग्रीस की सहायता से भूमध्य सागर को जब्त कर लिया। अमेरिका ने आरोप लगाया कि ईरान उस पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है, जिसे जवाब में यह कार्रवाई की गई।

ईरान के एलीट माने जाने रिवोल्यूशनरी गार्ड ने यह घोषणा ऐसे वक्त में की है, जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर वार्ता में गतिरोध को लेकर ईरान और पश्चिमी देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। गार्ड ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी करते हुए अज्ञात टैंकरों पर ईरान के नियमों के उल्लंघनों का आरोप लगाया लेकिन इनके बारे में जानकारी नहीं दी। उधर, ग्रीस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फारस की खाड़ी में उसके 2 जहाज ईरान ने हिंसक रूप से अपने कब्जे में ले लिए हैं। इस पर एथेंस में तैनात ईरान के राजदूत के सामने कड़ी आपत्ति जताई गई है। साथ ही तेल टैंकर न छोड़ने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच का यह टकराव आगे और भी गंभीर रूप ले सकता है। जिसमें पश्चिम के कई दूसरे देशों की एंट्री हो सकती है।

शुक्रवार, 27 मई 2022

सोलर एवं पवन ऊर्जा में सबसे आगे 'चीन'

सोलर एवं पवन ऊर्जा में सबसे आगे 'चीन'


सौर हो या पवन, चीन नंबर वन

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी/बीजिंग। क्या आपको पता है, दुनिया के किस देश में सौर ऊर्जा उत्पादन की सबसे ज़्यादा क्षमता है? अच्छा क्या आपको पता है दुनिया के किस देश में पवन ऊर्जा उत्पादन क्षमता सबसे ज़्यादा है? चलिये एक इशारा देते हैं आपको। इन दोनों मामलों में हमारा एक पड़ोसी देश सबसे ऊपर पर बैठा है।
अब तो इशारा आप समझ ही गए होंगे। जी हाँ, बात यहाँ चीन की हो रही है। दुनिया में न सिर्फ सोलर एनेर्जी की सबसे ज़्यादा स्थापित उत्पादन क्षमता चीन के पास है, बल्कि पवन ऊर्जा में भी सबसे आगे चीन ही है। पवन ऊर्जा के मामले में भारत पांचवे पायदान पर आता है, और सोलर में नंबर 3 पर।
इन सब आंकड़ों की जानकारी मिलती है, ग्लोबल एनेर्जी मॉनिटर के ताज़ा जारी ट्रेकर से।
ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर ने रिन्यूबल एनेर्जी के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर हो रहे एनेर्जी ट्रांज़िशन पर नजर रखने के लिए 2 नए टूल जारी किए। इनमें से एक पवन ऊर्जा ट्रैकर है जो 10 मेगा वाट या उससे अधिक क्षमता वाले वायु ऊर्जा फार्म को कवर करता है। वहीं, दूसरा एक सौर ऊर्जा ट्रैकर है जो 20 मेगा वाट या उससे अधिक क्षमता वाले यूटिलिटी स्केल सौर ऊर्जा फार्म पर नजर रखता है। सरकार, कारपोरेट जगत तथा अन्य सार्वजनिक डाटा के संयोजन से यह दोनों ट्रैकर परियोजना स्तरीय डाटा उपलब्ध कराते हैं ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि दुनिया के विभिन्न देश किस हद तक और किस रफ्तार से सौर तथा वायु ऊर्जा रूपांतरण की दिशा में काम कर रहे हैं।
ग्लोबल विंड पावर ट्रैकर (जीडब्ल्यूपीटी) 144 देशों में 13263 संचालित यूटिलिटी स्केल विंड फार्म फेसेज को अपने दायरे में लेता है, जिनसे 681.7 गीगावॉट बिजली पैदा होती है। साथ ही इसमें 5233 अतिरिक्त प्रस्तावित परियोजनाएं भी शामिल हैं जिनसे 882 गीगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। सबसे ज्यादा क्रियाशील यूटिलिटी स्केल वायु बिजली उत्पादन क्षमता की परियोजनाओं वाले देश इस प्रकार हैं :

चीन (261.2 गीगा वाट)।
अमेरिका (127.3 गीगा वाट)।
जर्मनी (39.6 गीगा वाट)।
स्पेन (26.8 गीगा वाट)।
भारत (23.7 गीगा वाट)।

ग्लोबल सोलर पावर ट्रैकर (जीएसपीटी) 148 देशों में 5190 संचालित यूटिलिटी स्केल सोलर फार्म फेसेज को अपने दायरे में लेता है। जिनसे 289.7 गीगावॉट बिजली पैदा होती है। साथ ही इसमें 3551 अतिरिक्त प्रस्तावित परियोजनाएं भी शामिल हैं जिनसे 651.6 गीगावॉट बिजली का उत्पादन होगा सबसे ज्यादा क्रियाशील यूटिलिटी स्केल सौर बिजली उत्पादन क्षमता की परियोजनाओं वाले देश इस प्रकार हैं :

चीन (130.3 गीगावॉट)।
अमेरिका (43.4 गीगावॉट)।
भारत (29.0 गीगावॉट)।
वियतनाम (11.3 गीगावॉट)।
मेक्सिको (10.5 गीगावॉट)।

ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर के ग्लोबल विंड पावर ट्रैकर के परियोजना प्रबंधक इनग्रिद बेहरसिन अपनी प्रतिकृया देते हुए कहती हैं, “दुनिया भर में यूटिलिटी सोलर और विंड केपेसिटी को उसके पूरे विस्तार तक जानना एनेर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में हो रही प्रगति को मापने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। इस डाटा के साथ अब हम इस बात पर नजर रखने के लिए मजबूत स्थिति में है कि किस तरह से दुनिया के विभिन्न देश अक्षय ऊर्जा से संबंधित अपने ही लक्ष्यों के सापेक्ष काम कर रहे हैं।”

गुरुवार, 26 मई 2022

‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने का फैसला: डबल्यूएचओ

‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने का फैसला: डबल्यूएचओ 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव

नई दिल्ली/बर्लिन/थिंपू। भारत और भूटान में जर्मनी के राजदूत वाल्टर जे लिंडनर ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका देश भारत बायोटेक के कोविड-19 रोधी टीके को यात्रा के उद्देश्य से एक जून से मान्यता देगा। लिंडनर ने एक ट्वीट में कहा, “बहुत खुश हूं कि जर्मन सरकार ने एक जून से जर्मनी की यात्रा के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सूचीबद्ध ‘कोवैक्सीन’ को मान्यता देने का फैसला किया है।

दूतावास इस तरह के निर्णयों पर सक्रिय रूप से जोर दे रहा है। (कोविड के कारण वीजा विभागों में सामान्य से अधिक प्रतीक्षा समय होता है। कृपया धैर्य रखें)।” पिछले साल नवंबर में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोवैक्सीन के आपात इस्तेमाल की सिफारिश की थी। ऑस्ट्रेलिया, जापान और कनाडा सहित कई देश कोवैक्सीन लगवा चुके यात्रियों को अपने यहां आने की अनुमति देते हैं।

मंगलवार, 24 मई 2022

हत्या के मामलें में भेड़ को 3 साल जेल की सजा

हत्या के मामलें में भेड़ को 3 साल जेल की सजा 

सुनील श्रीवास्तव        
खार्तुम। भेड़ ने सिर मार-मारकर एक महिला को बुरी तरह से घायल कर दिया। बाद में, महिला की मौत हो गई। इसके बाद हत्या के मामलें में भेड़ को गिरफ्तार कर लिया गया। मामला कोर्ट पहुंचा। जहां भेड़ को 3 साल जेल की सजा सुना दी गई। ये मामला साउथ सूडान के रुंबेक ईस्ट काउंटी का है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिला उठने की कोशिश कर रही थी, लेकिन भेड़ उन्हें लगातार सिर से मारे जा रही थी। इस हमले की वजह से उनकी कई पसलियां टूट गईं और उन्हें कई फ्रैक्चर्स भी हो गए। भेड़ की हमले की वजह महिला बुरी तरह से घायल हो गई थीं और बाद में उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट में मृत महिला का नाम एड्यू चैपिंग बताया गया है। 
अब वह भेड़, लेक्स स्टेट के एडुएल काउंटी मुख्यालय के मिलिट्री कैंप में 3 साल तक बंद रहेगी। मामले की जानकारी देते हुए लेक्स स्टेट पुलिस के प्रवक्ता माबोर मकुआको ने कहा- पुलिस के तौर पर हमारा रोल सेफ्टी प्रोवाइड कराना है। 
भेड़ को फिलहाल मलन होक्की पयम के पुलिस स्टेशन में कस्टडी में रखा गया है। पुलिस प्रवक्ता ने आगे कहा- मालिक निर्दोष है। इस क्राइम के लिए भेड़ खुद ही जिम्मेदार है। इसलिए उसे अरेस्ट किया ही जाना चाहिए था। हालांकि, महिला की मौत के मामले में भेड़ के मालिक को भी सजा मिली है। डुओनी मन्यांग धाली को फाइन के तौर पर मृतक के परिवार को 5 गाय देने हैं।

यौन संबंधों के कारण फैल रहा मंकीपॉक्स: डब्लयूएचओ

यौन संबंधों के कारण फैल रहा मंकीपॉक्स: डब्लयूएचओ 

अखिलेश पांडेय     

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। डब्लयूएचओ के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, यूके और यूएस के बाद अब भारत में भी मंकीपॉक्स के केस समाने आने लगे हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मंकीपॉक्स के मामलें और बढ़ सकते हैं। मंकीपॉक्स को लेकर एक नया दावा यह है कि ये रोग यौन संबंधों के कारण भी फैल रहा है।

यौन संबंध से फैलता है ये वायरस ?
मंकीपॉक्स को लेकर अब तक यही तथ्य सामने था कि ये जानवरों से फैलता है, लेकिन अब डब्ल्यूएचओ का दावा है कि ये यौन संबंधों के जरिये भी फैल सकता है। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है इस रोग के बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। वायरस त्वचा, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट या आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है। मानव-से-मानव में ये आमतौर पर रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स के जरिए ही फैलता है। 

डब्लयूएचओ का दावा है कि यूरोप में हाल में हुईं दो रेव पार्टी में सेक्सुअल एक्टीविटीज के कारण मंकीपॉक्स तेजी से फैला है।डब्लयूएचओ के इमरजेंसी डिमार्टमेंट के हेड रहे डॉ. डेविड हेमन ने कहा कि यौन संबंधों की वजह से इस बीमारी का फैलाव हुआ है। डब्ल्यूएचओ एक्सपर्ट का कहना है कि स्पेन और बेल्जियम में आयोजित दो रेव पार्टी में समलैंगिकों और अन्य लोगों के बीच सेक्सुअल एक्टीविटीज की वजह से बीमारी का प्रसार हुआ है। मंकीपॉक्स तब फैल सकता है, जब संक्रमित के करीबी संपर्क में कोई आता है और यौन संबंधों की वजह से इस बीमारी का प्रसार और बढ़ जाता है। जर्मनी में भी मंकीपॉक्स के बढ़ने का कारण पार्टी को माना जा रहा है, जहां, सेक्सुअल एक्टीविटीज हुई थी।


'क्वाड लीडर्स समिट' की बैठक आयोजित: वार्ता

'क्वाड लीडर्स समिट' की बैठक आयोजित: वार्ता  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत        

नई दिल्ली/टोक्यो/सिडनी/वाशिंगटन डीसी। रूस-यूक्रेन जंग और कोविड-19 के बीच भारत, अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया के राष्ट्रप्रमुखों की टोक्यो में मुलाकात हुई। मंगलवार को टोक्यो में 'क्वाड लीडर्स समिट' की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने हिस्सा लिया। इस दौरान क्वाड लीडर्स समिट की बैठक में रूस-यूक्रेन जंग समेत कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यहां सभी देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने अपनी-अपनी बात रखी। पीएम ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे बीच ‘इंडिया-USA इन्वेस्टमेंट इनसेंटिव एग्रीमेंट’ से निवेशी की दिशा में मज़बूत प्रगति देखने को मिलेगी। हम टेक्नोलाजी के क्षेत्र में अपना द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे हैं और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय कर रहे हैं।

द्विपक्षीय वार्ता में बोले अमेरिकी राष्ट्रपति...

जापान की राजधानी टोक्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि हमने यूक्रेन पर रूस के क्रूर और गैर-न्यायसंगत आक्रमण के चल रहे प्रभावों और पूरे वैश्विक विश्व व्यवस्था पर इसके प्रभाव पर भी चर्चा की है। इन नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए यूएस-इंडिया बारीकी से परामर्श करना जारी रखेंगे।

राष्ट्रपति जो बाइडन बोले...

पीएम नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा हमारे देश मिलकर बहुत कुछ कर सकते हैं और करेंगे भी। मैं अमेरिका-भारत की साझेदारी को पृथ्वी पर हमारे सबसे करीब बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। उन्होंने आगे कहा कि हम हिंद-प्रशांत पर द्विपक्षीय स्तर और समान विचारधारा वाले देशों के साथ समान विचार साझा करते हैं, ताकि हमारी साझा चिंताओं की रक्षा के लिए काम किया जा सके। आज की हमारी चर्चा इस सकारात्मक गति को गति देगी।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी वार्ता की जानकारी...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ सार्थक बैठक हुई। आज की चर्चा व्यापक थी और इसमें व्यापार, निवेश, रक्षा के साथ-साथ लोगों से लोगों के बीच संबंधों सहित भारत-अमेरिका संबंधों के कई पहलुओं को शामिल किया गया था। इससे पहले क्वाड लीडर्स समिट में पीएम मोदी ने कहा कि इतने कम समय में ‘क्वाड’ समूह ने विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। आज ‘क्वाड’ का दायरा व्यापक हो गया है और स्वरूप प्रभावी हो गया है। हमारा आपसी विश्वास, दृढ़ संकल्प लोकतांत्रिक शक्तियों को नई ऊर्जा और उत्साह दे रहा है।

सोमवार, 23 मई 2022

डिजिलॉकर सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे: व्हाट्सएप

डिजिलॉकर सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे: व्हाट्सएप 

अकांशु उपाध्याय/अखिलेश पांडेय            
नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। सरकारी सेवाओं को सुलभ, समावेशी, पारदर्शी और सरल बनाने के लिए 'माई जीओवी' ने सोमवार को घोषणा की है कि व्हाट्सऐप के 'माई जीओवी' हेल्पडेस्क पर नागरिक अब डिजिलॉकर सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। यहां जारी बयान में कहा कि सभी सुविधाएं जैसे डिजिलॉकर खाते को बनाना और प्रमाणित करना, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज डाउनलोड करना आदि सभी कुछ व्हाट्एसेप पर उपलब्ध हैं। व्हाट्सऐप पर उपलब्ध 'माई जीओवी' हेल्पडेस्क के द्वारा सभी नागरिकों तक सरकारी सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए यह एक बड़ा कदम है।
 'माई जीओवी' हेल्पडेस्क, अब डिजिलॉकर सेवाएं, एकीकृत नागरिक सहायता और कुशल शासन जैसी कई सेवाएं प्रदान करेगा। यह नई सेवाएं नागरिकों को अपने घर से ही पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सीबीएसई दसवीं कक्षा का उत्तीर्ण प्रमाण पत्र, वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र (आरसी), बीमा पॉलिसी - दोपहिया वाहन, दसवीं कक्षा की मार्कशीट, बारहवीं कक्षा की मार्कशीट, बीमा पॉलिसी दस्तावेज (डिजीलॉकर पर उपलब्ध लाइफ तथा नॉन-लाइफ पॉलिसी) का 'माई जीओवी' हेल्पडेस्क पर डिजिलॉकर के माध्यम से उपयोग कर सकते हैं। देश भर में व्हाट्सऐप उपयोगकर्ता 9013151515 पर 'नमस्ते' या 'हाय' या 'डिजिलॉकर' भेजकर चैटबॉट का उपयोग कर सकते हैं।


जापान पहुंचें पीएम, जय श्रीराम के नारे लगाएं

जापान पहुंचें पीएम, जय श्रीराम के नारे लगाएं 

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव          
नई दिल्ली/टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार सुबह जापान की राजधानी टोक्यो पहुंचे। मोदी यहां क्वाड समिट में हिस्सा लेने आए हैं। पीएम मोदी के जापान पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने उनका जोरदार स्वागत किया और जय श्री राम के नारे लगाए। भारतीयों ने कहा- जो काशी को सजाए हैं, वो टोक्यो आए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी टोक्यो में मंगलवार शाम तक रुकेंगे। अपनी 40 घंटे की जापान यात्रा के दौरान PM अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज से मुलाकात करेंगे।
इस दौरान वह 23 बैठकों में हिस्सा लेंगे। यानी 40 घंटे में 1 राष्ट्रपति, 2 PM और 35 सीईओ से मिलेंगे।
जापान के बिजनेस लीडर्स के साथ बैठक...
पीएम मोदी जापानी पीएम फुमियो किशिदा के बुलावे पर जापान पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि इस साल मार्च में किशिदा भारत-जापान ऐनुअल समिट में हिस्सा लेने भारत आए थे। टोक्यो दौरे पर भारत-जापान के बीच स्ट्रैटेजिक और ग्लोबल पार्टनरशिप पर बात होगी।

रूस- यूक्रेन मुद्दे पर बात करेंगे मोदी-बाइडेन...

क्वॉड बैठक से इतर पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन टोक्यो में एक बाइलैटरल मीटिंग करेंगे। इस मीटिंग में द्विपक्षीय संबंधों के अलावा रूस-यूक्रेन मसले पर भी बात होगी।

रविवार, 22 मई 2022

प्रगति की समीक्षा करने का मौका मिलेगा: पीएम

प्रगति की समीक्षा करने का मौका मिलेगा: पीएम  

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव          

नई दिल्ली/टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि जापान में क्वाड नेताओं की आमने-सामने की दूसरी शिखर वार्ता से चारों देशों के नेताओं को समूह द्वारा उठाए गए कदमों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का मौका मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस वार्ता से हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रमों के साथ ही आपसी हितों से जुड़े वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर भी प्राप्त होगा।

जापान के दो दिवसीय (23-24 मई) दौरे पर रवाना होने से पहले मोदी ने एक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा के दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे, जिसमें दोनों नेता बहु-आयामी द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा करेंगे। मोदी ने कहा, हम क्षेत्रीय घटनाक्रमों और समसामयिक वैश्विक मुद्दों पर भी संवाद जारी रखेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह जापान के अपने समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर टोक्यो जाएंगे।


शनिवार, 21 मई 2022

यूक्रेनी सैनिकों के आखिर दल ने सरेंडर किया

यूक्रेनी सैनिकों के आखिर दल ने सरेंडर किया  

डॉक्टर सुभाषचंद्र गहलोत       

मास्को/कीव। यूक्रेन जंग में रूस को एक बड़ी सफलता मिली है। मारियूपोल का अजोवस्तल स्टील प्लांट अब पूरी तरह से रूसी सेना के कब्जे में आ गया है। प्लांट में छिपे 2439 अजोव लड़ाकों और यूक्रेनी सैनिकों ने रूस की सेना के सामने सरेंडर कर दिया है। मारियूपोल में अजोवस्तल स्टील प्लांट ही ऐसी जगह थी, जो रुस समर्थित दोनेत्सक मिलिशेया के कब्जे से बाहर थी। उसके कब्जे से अब पूरी तरह से मारियूपोल और उसके आस-पास का इलाका रूसी सेना के अधिकार-क्षेत्र में आ गया है। रूस के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, अजोवस्तल स्टील प्लांट में छिपे अजोव-नाजी लड़ाकों और यूक्रेनी सैनिकों के आखिर दल ने शनिवार को रूसी सेना के सामने सरेंडर कर दिया। इस आखिरी दल को मिलाकर अबतक अजोवस्तल प्लांट से 2439 लड़ाके सरेंडर कर चुके हैं। रूस रक्षा मंत्रालय ने इस सरेंडर का एक वीडियो भी जारी किया। इस वीडियो में अजोव लड़ाकों के शरीर पर नाजी टैटू और निशान साफ दिखाई पड़ रहे हैं। रूसी सैनिक और दोनेत्सक मिलिशेया के लड़ाके यूक्रेन के लिए लड़ रहे और अजोव सैनिकों के सामान की तलाशी करते हुए भी देखे जा सकते हैं।

अजोवस्तल स्टील प्लांट पर था यूक्रेन का कब्जा...
आपको बता दें कि अजोव-समंदर पर बसे डॉनबास के अहम पोर्ट-सिटी, मारियूपोल पर तो रूस और दोनेत्सक मिलिशेया ने अप्रैल महीने के मध्य में ही पूरी तरह कब्जा कर लिया था, लेकिन शहर के बाहर अजोवस्तल स्टील प्लांट पर यूक्रेन के सैनिकों और उन्हें समर्थन कर रहे अजोव लड़ाकों ने कब्जा कर रखा था और पिछले एक डेढ़ महीने से रूस सेना को जबरदस्त टक्कर दे रहे थे।

यूक्रेन को अजोव सागर से काट दिया...
मारियूपोल शहर और अजोव स्टील प्लांट पर कब्जे के साथ ही रूस ने अब यूक्रेन को अजोव-सागर से पूरी तरह काट दिया है। मारियूपोल शहर यूक्रेन के दोनेत्सक प्रांत का हिस्सा है। जिसे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पहले ही एक स्वतंत्र देश घोषित कर चुके हैं। दोनेत्सक के एक बड़े हिस्से पर अब रूस समर्थित दोनेत्सक मिलिशेया का कब्जा हो चुका है। मारियूपोल शहर पर पूरी तरह कब्जे की खबर खुद रूस के रक्षा मंत्री सर्जेई शोईगु ने पुतिन को दी है। इसके बाद सर्जेई शोईगु ने रुसी सैन्य कमांडर सहित दोनेत्सक और लुहांंस्क के कमांडर्स के साथ एक अहम मीटिंग की।

लुहांस्क आजाद देश घोषित...
शनिवार को ही रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस बात का ऐलान भी किया कि जल्द ही डॉनबास प्रांत के लुहांस्क पर भी रुस समर्थित मिलिशेया का पूरा कब्जा होने वाला है। दोनेत्सक की तरह ही यूक्रेन के लुहांस्क को भी रूस के राष्ट्रपति, पुतिन आजाद देश घोषित कर चुके हैं। दोनेत्सक और लुहांस्क यूक्रेन के डॉनबास प्रांत का हिस्सा थे, लेकिन 21 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन (आक्रमण) शुरु करने के साथ ही पुतिन ने दोनेत्सक और लुहांस्क को यूक्रेन से अलग दो आजाद देश घोषित कर दिए थे। पिछले कई सालों से रुस के समर्थन से यहां मिलिशिया यानि विद्रोही गुटों ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ रखी थी।

दोनेत्सक और लुहांस्क पर रूस का कब्जा...

पिछले महीने एबीपी न्यूज की टीम जब डॉनबास में वॉर-रिपोर्टिंग के लिए मौजूद थी, तो पाया था कि दोनेत्सक और लुहांस्क दोनों ही इलाकों में रुस समर्थित विद्रोही गुट का ही कब्जा है। यहां तक की प्रशासनिक कब्जा भी विद्रोहियों का ही था। पुतिन की मदद से दोनों ही इलाकों में अलग-अलग सरकार और उनके प्रमुखों का ऐलान किया जा चुका है। रूस ने जब जंग का ऐलान किया था तब यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेनस्की ने कहा था कि रूस के कब्जे से डॉनबास को वापस लेना नामुमिकन है। लेकिन जैसे ही अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों से यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई शुरु हो गई। तब जेलेनस्की के सुर बदल गए थे और उन्होनें साफ तौर से दावा किया था कि रुस से डॉनबास वापस लेने के लिए जंग जारी रहेगी।


मंकीपॉक्स को लेकर 'डबल्यूएचओ' की बैठक

मंकीपॉक्स को लेकर 'डबल्यूएचओ' की बैठक  

सुनील श्रीवास्तव

वाशिंगटन डीसी। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। असल खतरे की घंटी तो यूरोप में बजी, जहां पर पहली बार रिकॉर्ड संख्या में मंकीपॉक्स के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। अभी तक यूरोप में 100 के करीब मंकीपॉक्स मरीज मिल चुके हैं। इस ट्रेंड को गंभीरता से लेते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक इमरजेंसी बैठक की है। उस बैठक में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई। बहस इस बात पर भी रही क्या मंकीपॉक्स को महामारी घोषित कर देना चाहिए ? अभी इस समय यूरोप के कुल 9 देशों में मंकीपॉक्स ने जोरदार दस्तक दी है।

बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पॉर्चुगल, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन. इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ाई है। लेकिन इन बढ़ते मामलों के बीच एक्सपर्ट मान रहे हैं कि ये बीमारी महामारी नहीं बन पाएगी क्योंकि ये कोरोना की तरह तेजी से नहीं फैलती है। इससे संक्रमित होना भी आसान नहीं है।

वही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने तेजी से बढ़ते मंकीपॉक्स के मामलों के मद्देनजर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों की एक आपातकालीन बैठक बुलाने का फैसला किया है। रिपोर्ट का हवाला देते हुए शुक्रवार को बताया कि, माना जा रहा है कि बैठक का एजेंडा वायरस के संचरण के तरीके, समलैंगिकों और उभयलिंगी पुरुषों में इसका उच्च प्रसार, साथ ही टीकों की स्थिति है। मई की शुरुआत से, यूनाइटेड किंगडम, स्पेन, बेल्जियम, इटली, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित दुनिया भर के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले देखे गए हैं। ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, हाल ही में नाइजीरिया से यात्रा करने वाले एक मरीज में 7 मई को इंग्लैंड में मंकीपॉक्स के एक मामले की पुष्टि हुई है। 18 मई को यूएस ‘मैसाचुसेट्स डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने हाल ही में कनाडा की यात्रा कर लौटे एक वयस्क पुरुष में मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के मामले की पुष्टि की है।

विज्ञप्ति के अनुसार, मामले से लोगों को कोई खतरा नहीं है, और व्यक्ति अस्पताल में भर्ती है और अच्छी स्थिति में है। बय़ान में कहा गया है कि, मंकीपॉक्स एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर वायरल बीमारी है जो आमतौर पर फ्लू जैसी होती है। इस दौरान इसमें लिम्फ नोड्स की सूजन से शुरू होती है। चेहरे और शरीर पर एक दाने के रूप में विकसित होती है। अधिकांश संक्रमण 2 से 4 सप्ताह तक चलते हैं। वायरस लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है। लेकिन शरीर के तरल पदार्थ, मंकीपॉक्स के घावों, तरल पदार्थ या घावों (कपड़े, बिस्तर, आदि) से दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से या लंबे समय तक आमने-सामने रहने के बाद श्वसन बूंदों के माध्यम से संचरण हो सकता है। इससे पहले, अमेरिका में 2022 में एक भी मंकीपॉक्स के मामलों की पहचान नहीं की गई है, जबकि टेक्सास और मैरीलैंड में, 2021 में नाइजीरिया की हाल की यात्रा करने वाले लोगों में एक मामला सामने आया था।


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